Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 4 Hindi Chapter 7 वीर बालक अभिमन्यु Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 4 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 4 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts.
सोचें और बताएँ -
प्रश्न 1.
चक्रव्यूह में कितने घेरे थे?
उत्तर :
चक्रव्यूह में सात घेरे थे।
प्रश्न 2.
पाण्डव कितने भाई थे?
उत्तर :
'पाण्डव पाँच भाई थे।
प्रश्न 3.
पाण्डवों के साथ धोखाधड़ी किसने की?
उत्तर :
पाण्डवों के साथ कौरवों ने धोखाधड़ी की।
लिखें -
प्रश्न 1.
सही उत्तर का क्रमाक्षर कोष्ठक में लिखें।
(अ) कौरवों के सेनापति थे
(क) 'दुर्योधन
(ख) द्रोणाचार्य
(ग) जयद्रथ
(घ) कर्ण।
उत्तर :
(ख) द्रोणाचार्य।
(ब) चक्रव्यूह में घुसने की विद्या अर्जुन के अलावा किसको आती थी?
(क) भीम को
(ख) नकुल को
(ग) अभिमन्यु को
(घ) सहदेव को।
उत्तर :
(ग) अभिमन्यु को।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें -
(राज्य, निरर्थक, चक्रव्यूह)
(अ) यदि मेरी विद्या इस समय काम न आई तो मेरा जीवन ...... ...... हो जाएगा।
(ब) अभिमन्यु सातों घेरे तोड़ता हुआ के केन्द्र में पहुँच गया।
(स) कौरवों ने पाण्डवों के साथ धोखाधड़ी कर उन्हें ................ के अधिकार से वंचित कर दिया।
उत्तर :
(अ) निरर्थक
(ब) चक्रव्यूह
(स) राज्य।
प्रश्न 3.
कौरवों और पाण्डवों के बीच युद्ध होने का क्या कारण था?
उत्तर :
कौरवों ने धोखाधड़ी कर पाण्डवों को राज्य के अधिकार से वंचित कर दिया था। इस कारण उनके बीच युद्ध हुआ था।
प्रश्न 4.
चक्रव्यूह की रचना के दिन अर्जुन कहाँ गया था?
उत्तर :
चक्रव्यूह की रचना के दिन कौरवों की योजना अनुसार अर्जुन को युद्ध मैदान से दूर दक्षिण दिशा में अकेले युद्ध लड़ने जाना पड़ा।
प्रश्न 5.
चक्रव्यूह के दिन पाण्डव क्या सोचकर परेशान हो रहे थे?
उत्तर :
पाण्डव चक्रव्यूह भेदना नहीं जानते थे। वे यह सोच कर परेशान हो रहे थे कि चक्रव्यूह भेदने के लिए किसे आगे करें।
प्रश्न 6.
"अभिमन्यु को घेरे से बाहर नहीं जाने देंगे।" यह प्रण किन लोगों ने किया और क्यों?
उत्तर :
यह प्रण कौरव सेना के योद्धाओं कर्ण, जयद्रथ, दुश्शासन, अश्वत्थामा और दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण आदि ने किया। क्योंकि उन्हें भय था कि अगर अभिमन्यु चक्रव्यूह तोड़कर निकल गया तो उनकी वीरता पर हमेशा के लिए कलंक लग जाएगा।
भाषा की बात -
दिए गए उदाहरण के अनुसार एक से अनेक में बदलते हुए शब्द का वाक्य में प्रयोग करें।
उत्तर :
बात - बातें - शिक्षाप्रद बातें सुननी चाहिए।
रात - रातें - गर्मी की रातें सुहानी लगती हैं।
साँस - साँसें - मरीज की साँसें थम गईं।
वीर - वीरों - भारत वीरों की भूमि है।
गाय - गायें - गायें सीधी एवं दुधारू होती हैं।
निम्नलिखित संज्ञा शब्दों में से जातिवाचक, भाववाचक और व्यक्तिवाचक वर्गों में बाँटिए -
अभिमन्यु, गाय, मैदान, मित्र, घटना, कलंक, शंख, बालक, सेना, बचपन, मानवता, महारथी, लक्ष्मण, हमलावार, युद्ध क्षेत्र।
उत्तर :
यह भी जानें -
आप अपने शब्दों में कौरव व पाण्डवों के युद्ध से सम्बन्धित एक लेख तैयार कर अपनी कक्षा में सुनाएँ।
उत्तर :
अध्यापक की सहायता से स्वयं तैयार करें।
पाँचों पाण्डवों के नाम लिखें।
उत्तर :
क्र.सं. | नाम |
1. | युधिष्ठिर |
2. | भीम |
3. | अर्जुन |
4. | नकुल |
5. | सहदेव |
अध्यापकजी के सहयोग से मिलान करें।
उत्तर :
वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
प्रश्न 1.
अर्जुन को युद्ध के मैदान से दूर हटाने की योजना किसने बनाई?
(अ) अभिमन्यु ने
(ब) कौरवों ने
(स) पाण्डवों ने
(द) भीम ने।
उत्तर :
(ब) कौरवों ने
प्रश्न 2.
चक्रव्यूह में घुसने और निकलने की कला कौन जानता था?
(अ) भीम
(ब) नकुल
(स) युधिष्ठिर
(द) अर्जुन।
उत्तर :
(द) अर्जुन।
प्रश्न 3.
चक्रव्यूह में कितने घेरे होते हैं?
(अ) पाँच
(ब) छह
(स) सात
(द) आठ।
उत्तर :
(स) सात
प्रश्न 4.
चक्रव्यूह के केन्द्र तक पहुँचने में कौन सफल रहा?
(अ) भीम
(ब) अर्जुन
(स) नकुल
(द) अभिमन्यु।
उत्तर :
(द) अभिमन्यु।
रिक्त स्थान भरो -
1. अन्त में उनके बीच .............. की घोषणा हो गई। (सुलह/युद्ध)
2. चक्रव्यूह को .......... की विद्या मुझे भी आती है। (बनाने/तोड़ने)
3. उस दिन ............. ही पाण्डव सेना का सेनापति बना। (अभिमन्यु/भीम)
4. अकेला अभिमन्यु .............. घेरे तोड़ता हुआ चक्रव्यूह के केन्द्र में पहुंच गया। (चारों/सातों)
उत्तर :
1. युद्ध
2. तोड़ने
3. अभिमन्यु
4. सातों।
सत्य/असत्य -
1. पाण्डव सौ भाई थे। (सत्य/असत्य)
2. पाण्डवों में अर्जुन बेजोड़ तीरंदाज था। (सत्य/असत्य)
3. अभिमन्यु को चक्रव्यूह में प्रवेश करने की विद्या आती थी। (सत्य/असत्य)
4. अभिमन्यु तीसरे घेरे से आगे नहीं बढ़ सका। (सत्य/असत्य)
5. कौरवों ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह से बाहर नहीं जाने देने का प्रण किया। (सत्य/असत्य)|
उत्तर :
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4. असत्य
5. सत्य।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
किसके कारण कौरवों की सेना को नुकसान हो रहा था?
उत्तर :
अर्जुन पाण्डवों में बेजोड़ तीरंदाज था। उसके कारण कौरवों की सेना को नुकसान हो रहा था।
प्रश्न 2.
कौरवों ने अर्जुन को युद्ध मैदान से दूर करने की क्या योजना बनाई?
उत्तर :
कौरवों ने योजना बनाई कि अर्जुन को युद्ध के मैदान से दूर दक्षिण दिशा की ओर अकेले लड़ने जाना पड़े।
प्रश्न 3.
चक्रव्यूह भेदने के लिए कौन तैयार हुआ?
उत्तर :
चक्रव्यूह भेदने के लिए अभिमन्यु तैयार हुआ।
प्रश्न 4.
उस समय युद्ध का क्या नियम होता था?
उत्तर :
उस समय युद्ध का नियम होता था कि जिसके पास हथियार नहीं हो और वह घायल हो तो उस पर वार नहीं किया जाता था।
प्रश्न 5.
द्रोणाचार्य और पितामह भीष्म क्यों विस्मित थे?
उत्तर :
अभिमन्यु को चक्रव्यूह में प्रवेश करते देखकर द्रोणाचार्य और पितामह भीष्म विस्मित थे।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
चक्रव्यूह किसे कहते हैं?
उत्तर :
युद्ध के समय सेना को चक्करदार तरीके से जमाने की ऐसी विधि कि जो भी उसमें घुसे वह जरूर मारा जाए, उसे चक्रव्यूह कहते हैं।
प्रश्न 2.
"बालक अभिमन्यु को हम खतरे में नहीं डाल सकते।" धर्मराज के ऐसा कहने पर अभिमन्यु ने क्या कहा?
उत्तर :
अभिमन्यु ने कहा कि बालक हूँ तो क्या हुआ। समय आने पर बालक भी समाज के लिए अपना बलिदान कर देते हैं। यदि मेरी विद्या इस समय काम नहीं आई तो मेरा जीवन निरर्थक हो जाएगा। आप तो मुझे आशीर्वाद दीजिए।
प्रश्न 3.
युद्ध शुरू होने के बाद क्या हुआ?
उत्तर :
युद्ध में अभिमन्यु को सेनापति बनाया गया। उसने तीव्र शंखनाद के साथ चक्रव्यूह पर आक्रमण किया। उसके पीछे-पीछे अन्य पाण्डव भी व्यूह में घुस गए, मगर कोई भी वीर तीसरे घेरे से आगे नहीं बढ़ सका। अभिमन्यु सातों घेरे तोड़कर अकेला व्यूह के केन्द्र में पहुँच गया और कौरवों द्वारा घेर कर मार दिया गया।
प्रश्न 4.
कौरव क्यों भयभीत थे?
उत्तर :
युद्ध में चक्रव्यूह तोड़ने में अभिमन्यु की वीरता देखकर कौरव भयभीत थे। उन्हें भय था कि अगर यह बालक चक्रव्यूह तोड़कर निकल गया तो उनकी वीरता पर हमेशा के लिए कलंक लग जाएगा।
प्रश्न 5.
चक्रव्यूह तोड़ना कौन जानता था?
उत्तर :
चक्रव्यूह तोड़ना या भेदना अर्जुन जानता था। उसका पुत्र अभिमन्यु भी जानता था, परन्तु वह चक्रव्यूह से बाहर सुरक्षित निकलने की विद्या नहीं जानता था। ऐसी विद्या केवल अर्जुन को आती थी।
निबन्धात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
'वीर बालक अभिमन्यु' पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर :
इस पाठ से हमें साहस रखने तथा वीरता दिखाने की शिक्षा मिलती है। कौरवों ने गुप्त योजना बनाकर चक्रव्यूह रचा। अर्जुन को अकेले दूर जाकर लड़ने को मजबूर किया। चक्रव्यूह को भेदना पाण्डवों को नहीं आता था। अभिमन्यु भले ही चक्रव्यूह में प्रवेश करना जानता था, परन्तु उससे बाहर आना नहीं जानता था। अभिमन्यु ने साहसपूर्वक चक्रव्यूह में प्रवेश किया और वीरता से सात महारथियों से अकेले युद्ध किया। वह अन्तिम दम तक उनसे लड़ता रहा। अन्त में वीरगति पाकर अमर हो गया। इससे शिक्षा मिलती है कि हमें साहस और वीरता का परिचय देना चाहिए।
पाठ का सार - लगभग पाँच हजार वर्ष पुरानी बात है। कौरवों और पाण्डवों के बीच युद्ध हुआ था। पाण्डवों में अर्जुन बेजोड़ तीरंदाज था, उसके कारण कौरवों को बहुत नुकसान हो रहा था। कौरवों ने एक दिन युद्ध में सेना का चक्रव्यूह बनाया, जिसमें फँसने के बाद कोई भी जीवित नहीं बच सकता था। चक्रव्यूह को तोड़ना केवल अर्जुन को ही आता था। कौरव अर्जुन को एक योजना बनाकर युद्ध मैदान से बहुत दूर ले गए। पाण्डवों की चिन्ता बढ़ गई कि चक्रव्यूह संरचना को कैसे तोड़ा जाए।
ऐसे में अर्जुन पुत्र अभिमन्यु ने कहा कि उसे चक्रव्यूह में घुसने की विद्या आती है, लेकिन बाहर निकलने की नहीं। पाण्डवों ने सोचा कि एक बार भीतर घुस गए तो सबको मार कर बाहर निकल जाएंगे। इसलिए उन्होंने अभिमन्यु को सेनापति बनाकर चक्रव्यूह में प्रवेश किया, लेकिन अभिमन्यु के अतिरिक्त कोई भी तीसरे चक्र से आगे नहीं जा पाया। उधर अभिमन्यु सातवें चक्र में जाकर फँस गया। उसे अकेला देखकर कौरव सेना के सारे महारथियों ने अभिमन्यु पर आक्रमण कर दिया। अभिमन्यु वीरतापूर्वक लड़ता हुआ मारा गया। इस घटना से कौरवों के नाम पर कलंक लगा, लेकिन अभिमन्यु का नाम अमर हो गया।
कठिन शब्दार्थ :