Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 4 Hindi Chapter 11 मेरे गाँव के खेत में Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 4 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 4 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts.
सोचें और बताएँ -
प्रश्न 1.
पायल संग क्या चलती है?
उत्तर :
पायल संग कुदाली चलती है।
प्रश्न 2.
खुशहाली के गीत कहाँ लिखे हैं?
उत्तर :
खुशहाली के गीत गाँव के खेतों में लिखे गये हैं।
प्रश्न 3.
बया किसके महल बनाती है?
उत्तर :
बया घास के महल बनाती है।
लिखें -
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें -
(अ) पानीदार कुओं पर चलते .............।
............ धोरों की सौगात वहाँ।
(स) बैलों के कंधों ने खींची ..............।
(द) ......... मुस्काए जिनसे घर-द्वार।
(य) जहाँ नीम की डाली बैठी ..........।
उत्तर :
(अ) रहटों की आवाज जहाँ।
(ब) धानी धरती के कण-कण को,
(स) हल की फाल जहाँ हर बार।
(द) भर-भर छकड़े धान के लाए,
(य) चिड़िया चहक-चहक कर गाती।
प्रश्न 2.
रहट किसे कहते हैं?
उत्तर :
रहट खेतों की सिंचाई के लिए कुएँ से जल निकालने का ऐसा यंत्र होता है जिसमें एक रस्सी में पिरोयी हुई पानी भरने की डोलचियों की माला एक पहियों द्वारा चलती रहती है। इसका रस्सी को बैलों या किसी मनुष्य द्वारा खींचा जाता है।
प्रश्न 3.
धरती धानी कब होती है?
उत्तर :
जब धोरों से पानी खेतों में जाता है, उसके बाद खेतों में कुछ हरियाली छा जाती है। तब धरती धानी होती है।
प्रश्न 4.
घर-द्वार पर मुस्कान कब होती है?
उत्तर :
जब खेतों में फसल पूरी मात्रा में होती है और वहाँ से छकड़े भर-भरकर धान घर पर आता है, तब घर-द्वार पर मुस्कान होती है।
प्रश्न 5.
जब चिड़िया धूल में नहाती है, तो क्या सन्देश देती है?
उत्तर :
जब चिड़िया धूल में नहाती है तो वह बारिश आने का सन्देश देती है।
प्रश्न 6.
घास के महल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
बया चिड़िया घास से इस प्रकार के घोंसले बनाती है, जो बहुत ही कलात्मक और सुन्दर दिखते हैं। उन्हें घोंसलों का महल कहा जा सकता है।
भाषा की बात -
बादल शब्द का समानार्थी शब्द मेघ होता है। ऐसे ही निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखें।
हवा - .............
घर - .............
धरती - .............
आकाश - .............
उत्तर :
हवा - पवन, वायु।
घर - गृह, सदन।
धरती - पृथ्वी, भूमि।
आकाश - आसमान, अम्बर।
यह भी करें -
कविता को मौखिक याद कर अपनी कक्षा में सुनाएँ।
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।
कविता के भावार्थ को अपने शब्दों में लिखकर अपनी कक्षा में सुनाएँ।
उत्तर :
भावार्थ-कविता में बताया गया है कि गाँव के खेतों की मिट्टी उपजाऊ होती है। उसमें बीज बोने और रहट से सिंचाई करने पर हरी-भरी फसलें लहलहा जाती हैं। खेतों में किसान और उसकी पत्नी काम करते हैं। वहाँ पर खूब अनाज पैदा होता है, जिसे बैलगाड़ी में भरकर घर लाते हैं। इससे घरों में खुशी छा जाती है। खेतों के पास नीम के पेड़ पर चिड़िया चहचहाती है, वह भी खुशी के गीत गाती है। गाँव के खेत खुशहाली से भरे रहते हैं।
अपने साथियों से चर्चा कर सारणी को भरें।
उत्तर :
वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
प्रश्न 1.
खुशहाली के गीत लिखे जाते हैं -
(अ) मैदान में
(ब) विद्यालय में
(स) खेत में
(द) घर में।
उत्तर :
(स) खेत में
प्रश्न 2.
पायल के साथ चलती है -
(अ) फावड़ा
(ब) हल
(स) बरछी
(द) कुदाली।
उत्तर :
(द) कुदाली।
प्रश्न 3.
कुओं पर किसकी आवाज आती है?
(अ) रहट की
(ब) बैल की
(स) किसान की
(द) फसल की।
उत्तर :
(अ) रहट की
प्रश्न 4.
हल कौन खींचता है?
(अ) किसान
(ब) बैल
(स) महिलाएँ
(द) कोई नहीं।
उत्तर :
(ब) बैल
रिक्त स्थान भरो -
1. रुनझुन कर ............... बजे है। (पायल/रमझोल)
2. मेरे ......... के खेत में। (कस्बे/गाँव)
3. ........... का संदेश सुनाती। (बारिश/बादल)
4. सन-सन बहे ........... मतवाली। (वर्षा/हवा)
उत्तर :
1. रमझोल
2. गाँव
3. बादल
4. हवा।
सत्य/असत्य -
1. खुशहाली के गीत खेत में लिखे हैं। (सत्य/असत्य)
2. रहट कुओं पर नहीं चलते हैं। (सत्य/असत्य)
3. बया ईंट से महल बनाती है। (सत्य/असत्य)
4. घास बिना बोए ही उग जाती है। (सत्य/असत्य)।
उत्तर :
1. सत्य
2. असत्य
3. असत्य
4. सत्य।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
रहट की आवाज कहाँ आती है?
उत्तर :
खेतों में पानी वाले कुओं पर रहट की आवाज आती है।
प्रश्न 2.
धानी धरती के कण-कण को सौगात कौन देता है?
उत्तर :
धानी धरती के कण-कण को धोरे सौगात देते हैं।
प्रश्न 3.
घर पर धान किससे लाया जाता है?
उत्तर :
घर पर धान छकड़े भर-भर कर लाया जाता है।
प्रश्न 4.
घास कैसे उग जाती है?
उत्तर :
खेतों की सिंचाई होते ही घास बिना बोए ही उग जाती है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
रमझोल बजने से क्या आशय है? समझाइए।
उत्तर :
जब खेतों में फसल तैयार हो जाती है तो छकड़े भरकर घर आती है, इससे घर में खुशियाँ छा जाती हैं। मारे खुशी के पैर अपने आप थिरक उठते हैं और पैरों में बंधे धुंघरुओं की रुनझुन रमझोल सुनाई देने लगती है।
प्रश्न 2.
पायल के साथ कुदाली चलने से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
पायल शब्द से आशय यहाँ महिलाओं से है, क्योंकि महिलाएँ ही अपने पैरों में पायल पहनती हैं। कुदाली से आशय खेत में हर प्रकार से मेहनत करने से है। अर्थात् यहाँ महिलाएँ भी खेतों में पुरुषों के बराबर मेहनत करती हैं। यही पायल संग कुदाली चलने का आशय है।
प्रश्न 3.
खेत में किए जाने वाले मुख्य-मुख्य कार्य लिखिए।
उत्तर :
फसल उगाने के लिए किसान खेत में पहले जुताई करता है। उसके बाद बीज बोना, सिंचाई करना, निराई-गुड़ाई करना आदि कार्य करता है। फसल तैयार होने पर फसल की कटाई की जाती है, फिर धान को अलग किया जाता है। आखिर में धान को भरकर लाया जाता है।
निबन्धात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
'मेरे गाँव के खेत में' कविता का मूल भाव लिखिए।
उत्तर :
इस कविता में गाँव के खेतों का वर्णन किया। गया है। इसका मूल भाव यह है कि गाँवों में सभी स्त्री-पुरुष खेतों में खूब परिश्रम करते हैं। वे उचित मात्रा में बीज बोते हैं, सिंचाई करते हैं और निराई| गुड़ाई करते हैं। जब फसल पक जाती है, तो उसे बैलगाड़ी में भरकर घर ले आते हैं। फसल अच्छी होने पर गाँवों में घर-घर खुशी छा जाती है। इससे वहाँ का वातावरण बहुत ही सुन्दर बन जाता है।
पाठ परिचय - प्रस्तुत कविता में कवि ने गाँवों के खेतों के महत्त्व और वहाँ के लोगों के जीवन की सरलता, प्रेम, सद्भाव और स्वच्छ वातावरण का वर्णन किया है। गाँवों के खेतों में किसान जब काम करता है, तो बैलों के गले में बजती घंटी और रहट की आवाज से उसकी थकान दूर हो जाती है। कविता में गाँवों के खेतों की सहजता का बहुत ही सजीव चित्रण किया गया है।
मेरे गाँव के खेत में कठिन शब्दार्थ एवं सरलार्थ :
खुशहाली के गीत लिखे हैं,
मेरे गाँव के खेत में।
पायल संग कुदाली चलती,
मेरे गाँव के खेत में।
कठिन शब्दार्थ :
सरलार्थ - कवि गाँव के खेतों का वर्णन करते हुए बताता है कि मेरे गाँव के खेतों में समृद्धि के गीत लिखे गए हैं। मेरे गाँव के खेत में पायल के साथ कुदाली चलती है, अर्थात् महिलाएँ भी खेतों में बराबर से मेहनत करती हैं।
पानीदार कुओं पर चलते,
रहटों की आवाज जहाँ।
धानी धरती के कण-कण को,
धोरों की सौगात वहाँ।
हरियाली ले फसल खड़ी है,
मेरे गाँव के खेत में।
खुशहाली के गीत लिखे हैं,
मेरे गाँव के खेत में।
कठिन शब्दार्थ :
सरलार्थ - कवि कहता है कि पानी वाले कुओं पर रहट की आवाजें आती रहती हैं, अर्थात् खेतों को सींचने के लिए रहट से पानी निकाला जाता है। हरी-भरी इस धानी धरती के कण-कण को मिट्टी की भेंट मिली हुई है। इससे खेतों में हरी-भरी फसल की पैदावार होती है। मेरे गाँव के खेत में खुशहाली के गीत लिखे गए हैं।
बैलों के कंधों ने खींची,
हल की फाल जहाँ हर बार।
भर-भर छकड़े धान के लाए,
मुस्काए जिनसे घर-द्वार।
रुनझुनकर रमझोल बजे हैं,
मेरे गाँव के खेत में।
खुशहाली के गीत लिखे हैं,
मेरे गाँव के खेत में।
कठिन शब्दार्थ :
सरलार्थ - कवि लिखता है कि जहाँ पर बैलों ने हल की फाल को बार-बार खींचा है, अर्थात् खेतों की जुताई की है। वहीं से बैलगाड़ियाँ भरभरकर अनाज घर पर आया है और साथ में खुशियाँ आयी हैं। इन खुशियों को प्रकट करने के लिए पैर थिरक उठते हैं और घुघरुओं की खनकती आवाजें आती हैं। मेरे गाँव के खेतों में खुशहाली के गीत लिखे गए हैं।
जहाँ नीम की डाली बैठी,
चिड़िया चहक-चहक कर गाती।
कभी धूल में नहा-नहाकर,
बादल का संदेश सुनाती।
बया घास के महल बनाती,
मेरे गाँव के खेत में।
खुशहाली के गीत लिखे हैं,
मेरे गाँव के खेत में।
कठिन शब्दार्थ :
सरलार्थ - गाँव की खुशहाली का बखान करते हुए कवि लिखता है कि जहाँ पर नीम आदि पेड़ों की डालियों पर बैठ कर चिडिया चहकती है। चिडिया धूल में नहा कर बारिश आने का संकेत करती है। जहाँ पर बया चिड़िया महलनुमा घोंसले बनाती है। मेरे गाँव के खेतों में खुशहाली के गीत लिखे गए हैं।
काली पीली, दोमट मिट्टी,
फसलें कई उगाती है।
बिन बोए ही घास रूप में,
अपना प्यार लुटाती है।
सन-सन हवा बहे मतवाली,
मेरे गाँव के खेत में।
खुशहाली के गीत लिखे हैं,
मेरे गाँव के खेत में।
सरलार्थ - गाँव के खेतों के बारे में बताते हुए कवि लिखता है कि खेतों की विभिन्न प्रकार की काली, पीली और दोमट मिट्टी में रबी और खरीफ की कई फसलें उगाई जाती हैं। खेतों में बिना बोए ही उगने वाली घास से ऐसा लगता है कि खेतों की मिट्टी अपना प्यार सब लोगों पर लुटा रही है। खेतों में सन-सन करती ठण्डी हवाएँ चलती हैं तो मन प्रसन्न हो जाता है। मेरे गाँव के | खेत में खुशहाली के गीत लिखे हुए हैं।