RBSE Solutions for Class 4 Hindi Chapter 1 सुख-धाम

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 4 Hindi Chapter 1 सुख-धाम Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 4 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 4 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts.

RBSE Class 4 Hindi Solutions Chapter 1 सुख-धाम

RBSE Class 4 Hindi सुख-धाम Textbook Questions and Answers

उच्चारण के लिए - 

सम्मान, सुंदर, भाँति-भाँति, श्रेष्ठतम, ज्ञान, ध्यान, बैर, यहाँ, मंदिर-मस्जिद, ईसा 

सोचें और बताएँ - 

RBSE Class 4 Hindi Chapter 1 Question Answer प्रश्न 1. 
हम सुख-दुःख में भी किसका गान करते हैं ? 
उत्तर : 
हम सुख-दु:ख में भी भारत के गौरव का गान करते हैं। 

RBSE Class 4 Hindi Chapter 1 प्रश्न 2. 
भारत माँ के आँगन में कैसे फूल खिले
उत्तर :
भारत माँ के आँगन में विभिन्न जाति-धर्मों रूपी भाँति-भाँति के फूल खिले हैं।

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Sukhdham Class 4 प्रश्न 3. 
श्रेष्ठतम ज्ञान किस-किससे मिला? 
उत्तर :
राम, रहीम और ईसा से श्रेष्ठतम ज्ञान मिला। 

लिखें - 

Class 4 Hindi Chapter 1 Question Answer प्रश्न 1. 
कोष्ठक में दिए गए शब्दों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति करें - 
(गूंजा, गान, सम्मान, सदन) 
(क) भारत माँ का ............ सुहाना
(ख) स्नेह-प्रेम ........... यहाँ। 
(ग) दुःख-सुख में हैं ............... करते
(घ) निशि-दिन गौरव .......... यहाँ। 
उत्तर :
(क) सदन 
(ख) सम्मान 
(ग) गूंजा 
(घ) गान। 

Sukh Dham Class 4 प्रश्न 2. 
'सुलभ एक-सा ध्यान यहाँ' का क्या आशय है? 
उत्तर :
इससे आशय है कि यहाँ मन्दिर, मस्जिद और गिरिजाघर में चाहे पूजा की पद्धतियाँ भिन्न-भिन्न हों लेकिन यहाँ सबको पूजा-ध्यान करने की पूरी आजादी है। सभी को एक-सा ध्यान सहज सुलभ है। 

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Class 4 Hindi Chapter 1 RBSE प्रश्न 3. 
सुख का धाम किसे कहा गया है? 
उत्तर :
सुख का धाम भारत को कहा गया है। 

Class 4 Hindi Chapter 1 Sukhdham Question Answer प्रश्न 4. 
भारत माँ के आँगन को सुन्दर उपवन क्यों |कहा गया है? 
उत्तर :
भारत में विभिन्न जाति-धर्मों के लोगों के रूप में भाँति-भाँति के फूल खिले हैं, इसलिए इसे सुन्दर उपवन कहा गया है। 

Class 4 Hindi Chapter 1 प्रश्न 5. 
हमारे देश को धरती का स्वर्ग क्यों कहा गया है? 
उत्तर :
हमारे देश की धरती का कण-कण सुन्दरता से भरा हुआ है। यहाँ प्रेम रूपी निर्मल सरिता बहती है। इसलिए इसे धरती का स्वर्ग कहा गया है। 

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Class 4 Hindi Chapter 1 Sukh Dham प्रश्न 6. 
सहाने सदन की क्या विशेषताएँ होती हैं? बताइए।  
उत्तर :
सुहाने सदन अर्थात् घर में सब लोग एक-दूसरे के साथ स्नेह-प्रेम और सम्मान के साथ रहते हैं। यहाँ सब लोग सुख-दु:ख में एक-दूसरे के साथ रहते हैं। 

भाषा की बात - 

दिए गए उदाहरण के अनुसार योजक (-) चिह्न के स्थान पर 'और' शब्द जोड़ते हुए पुनः लिखें - 

दुःख-सुख - दुःख और सुख 
राम-रहीम ....................
जाति-धर्म .................... 
दिन-रात .................... 
स्नेह-प्रेम .................... 
माता-पिता .................... 
उत्तर :
राम और रहीम, जाति और धर्म, दिन और रात, स्नेह और प्रेम, माता और पिता।

पाठ में 'सुन्दर उपवन' शब्द आया है, यहाँ उपवन की विशेषता बताई गई है। आप भी सन्दर विशेषण लगाकर नए शब्द बनाइए, जैसे - सुन्दर माला। 
उत्तर :
सुन्दर बच्चा, सुन्दर लिखावट, सुन्दर चित्र, सुन्दर बातें, सुन्दर पुस्तक।

यह भी करें - 

देश-प्रेम से सम्बन्धित अन्य कविता याद करें और कक्षा में सुनाएँ।
उत्तर :
शिक्षक की सहायता से कविता चुनकर याद करें।

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दूसरों की भलाई के लिए आप क्या-क्या काम करना पसन्द करोगे? 
उत्तर :
हम दूसरों की भलाई के लिए निम्न काम करना पसन्द करेंगे - 
गरीब छात्रों की सहायता करेंगे।
बूढ़े व्यक्तियों को सड़क पार करायेंगे। 
बीमार लोगों की सहायता करेंगे। 
किसी के काम में हाथ बटायेंगे।

RBSE Class 4 Hindi सुख-धाम Important Questions and Answers

प्रश्न 1. 
भारत माँ का सदन कैसा है? 
(अ) खुशनुमा
(ब) सुहाना 
(स) सुन्दर 
(द) प्यारा।
उत्तर :
(ब) सुहाना

प्रश्न 2. 
भारत माँ के आँगन को बताया गया है -
(अ) मैदान 
(ब) खेत 
(स) उपवन 
(द) धरती।  
उत्तर :
(स) उपवन 

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प्रश्न 3. 
यहाँ सब लोग एक-दूसरे की सहायता करते -
(अ) मित्र बनकर 
(ब) कर्मचारी बनकर 
(स) सैनिक बनकर 
(द) खिलाड़ी बनकर।
उत्तर :
(अ) मित्र बनकर 

प्रश्न 4. 
भारत में किसकी निर्मल सरिता बहती है?
(अ) पानी की 
(ब) दूध की 
(स) द्वेष की 
(द) नेह की।
उत्तर :
(द) नेह की।

रिक्त स्थान भरो (जाति, ज्ञान, मित्र, निर्मल) 
1. बहे नेह की ........... सरिता,  
2. मिला श्रेष्ठतम .......... यहाँ। 
3. नहीं भेद है ........... धर्म का,।
4. सदा ........... बन हाथ बढ़ाते। 
उत्तर :
1. निर्मल 
2. ज्ञान 
3. जाति 
4. मित्र। 

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सत्य/असत्य - 

1. भारत माँ का सदन सुहाना है। (सत्य/असत्य) 
2. यहाँ जाति और धर्म का भेद ही मानवता का मूल (सत्य/असत्य)
3. यहाँ के आँगन रूपी उपवन में एक तरह के फूल खिलते हैं। (सत्य/असत्य) 
4. यहाँ राम, रहीम और ईसा से श्रेष्ठतम ज्ञान मिला (सत्य/असत्य) 
5. भारत सबका सुखधाम है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर :
1. सत्य 
2. असत्य 
3. असत्य 
4. सत्य 
5. सत्य।

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न - 

सुखधाम पाठ के प्रश्न उत्तर प्रश्न 1. 
भारत माँ के सुहाने सदन में क्या-क्या है? 
उत्तर :
भारत माँ के सुहाने सदन में स्नेह, प्रेम और सम्मान है। 

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कक्षा 4 हिंदी के प्रश्न उत्तर पाठ-1 प्रश्न 2. 
भारत में मानवता का मूल क्या है? 
उत्तर :
जाति और धर्म में भेद नहीं होना यहाँ मानवता का मूल है। 

सुलभ एक सा ध्यान यहां का क्या आशय है प्रश्न 3. 
भारतवासी अपने हित से पहले क्या करते हैं? 
उत्तर :
भारतवासी अपने हित से पहले परहित का काम करते हैं। 

कक्षा 4 हिंदी पाठ 1 प्रश्न 4. 
यहाँ कैसी सरिता बहती है? 
उत्तर :
यहाँ प्रेम की निर्मल सरिता बहती है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न - 

प्रश्न 1. 
मानवता के मूल से क्या आशय है? 
उत्तर :
भारत में अलग-अलग जाति और धर्म के लोग रहते हैं, लेकिन अलग-अलग होते हुए भी सब मिल-जुलकर साथ रहते हैं और यही यहाँ मानवता का मूल है।

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प्रश्न 2.
भारत माँ का सदन सुहाना कैसे है?
उत्तर :
भारत माँ का सदन सुहाना है, क्योंकि यहाँ सब लोग स्नेह, प्रेम और सम्मान के साथ रहते हैं। यहाँ सुख-दुःख सब में दिन-रात गौरव गान गूंजा करते हैं। 

प्रश्न 3. 
भारत सबका सुखधाम है। कैसे? 
उत्तर :
भारत में सभी जाति और धर्मों के लोग मिलजुलकर साथं रहते हैं। यहाँ छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं है। सब लोग सुख-दुःख में एक-दूसरे के काम आते हैं और यहाँ प्यार रूपी निर्मल सरिता सबके दिलों में बहती है। इस प्रकार भारत सबका सुखधाम है।

प्रश्न 4. 
'भाँति-भांति के फूल यहाँ' से क्या आशय -
उत्तर :
इसका आशय है कि हमारे देश भारत में अलगअलग धर्मों और अनेक जातियों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। ऐसा लगता है कि इस देश रूपी बगीचे में भली-भाँति के सुन्दर फूल खिले हैं। 

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प्रश्न 5. 
'हम परहित के काम यहाँ से क्या आशय है? 
उत्तर :
इससे आशय है कि भारत के लोग अपनी भलाई का काम बाद में करते हैं। वे सबसे पहले दूसरों की भलाई का काम करते हैं और सदा सहयोगी बने रहते हैं। 

निबन्धात्मक प्रश्न -

प्रश्न 1. 
'सुख धाम' कविता का मूल भाव क्या है? लिखिए। 
उत्तर :
इस कविता में कवि ने देश-प्रेम का भाव व्यक्त किया है। कवि कहता है कि हमारे देश में सब प्रेम, सम्मान और भाईचारा रखते हैं। यहाँ पर सभी धर्मों और सभी जातियों के लोग मेल-जोल से रहते हैं। सब अपनी भलाई से पहले दूसरों की भलाई करते हैं। भारत के लोग मानवता का आचरण करते हैं। इन विशेषताओं से अपना भारत स्वर्ग के समान सुन्दर है।
 
प्रश्न 2. 
'सुख धाम' कविता से क्या सन्देश दिया गया है? 
उत्तर :
इस कविता से सन्देश दिया गया है कि -
हम सब भारत माँ की सन्तान हैं, इसलिए स्नेह और भाईचारे से रहें। 
सुख-दुःख में एक-दूसरे का साथ दें। 
मानवता का आचरण करें। 
मित्रता और परहित का भाव रखें। 
पूर्वजों व महापुरुषों की शिक्षाओं को अपनावें।
भारत देश को खुशहाल व स्वर्ग से सुन्दर बनावें।

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सुख-धाम Summary in Hindi

पाठ परिचय - प्रस्तुत कविता में कवि ने भारत को एक घर के रूप में बताया है। कवि ने कविता के माध्यम से बताया है कि इस घर में विभिन्न जाति और धर्म के लोग एक-दूसरे के सुख-दु:ख में हाथ बँटाते हुए प्यार और सम्मान के साथ रहते हैं। भारत का यह रूप विविधता में एकता की तस्वीर प्रस्तुत करता है। 

RBSE Solutions for Class 4 Hindi Chapter 1 सुख-धाम 1

सुख-धाम कठिन शब्दार्थ एवं सरलार्थ :

भारत माँ का सदन सुहाना 
स्नेह-प्रेम सम्मान यहाँ। 
दुख-सुख में हैं गँजा करते
निशि-दिन गौरव गान यहाँ। 

कठिन शब्दार्थ : 

  • गौरव = यश। 
  • सदन - घर। 
  • सुहाना= प्यारा/अच्छा। 
  • स्नेह = अपनापन/प्यार। 
  • निशि = रात।

RBSE Solutions for Class 4 Hindi Chapter 1 सुख-धाम

सरलार्थ - कवि कहता है कि भारत माँ का यह घर बहुत ही प्यारा है। यहाँ बहुत अपनापन और आपसी स्नेह है और सभी को सम्मान दिया जाता है। यहाँ चाहे सुख हो या दु:ख हमेशा गौरव गाथाओं के गान गूंजा करते हैं।

नहीं भेद है जाति धर्म का, 
मानवता का मूल यहाँ। 
इसका आँगन सुंदर उपवन,
भाँति-भाँति के फूल यहाँ। 

कठिन शब्दार्थ : 

  • भेद = अन्तर। 
  • मानवता = मानव होने का भाव। 
  • मूल = मुख्य/लक्ष्य। 
  • आँगन = खुला स्थान, धरती। 
  • उपवन = बगीचा। 
  • भाँतिभाँति के = तरह-तरह. के।

सरलार्थ - कवि कहता है कि यहाँ, अर्थात् भारत में जाति और धर्म का कोई भेदभाव नहीं है, बल्कि सभी धर्मों का समान आदर है। मानवता ही यहाँ का मूल उद्देश्य है। भारत की धरती एक सुन्दर बगीचे की तरह है, जहाँ विभिन्न जाति और धर्म रूपी तरह-तरह के फूल खिले हुए हैं।

राम, रहीम और ईसा से, 
मिला श्रेष्ठतम झान यहाँ। 
मंदिर-मस्जिद और गिरिजा में, 
सुलभ एक सा ध्यान यहाँ।

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कठिन शब्दार्थ :

  • श्रेष्ठतम = सबसे अच्छा। 
  • सुलभ = सरलता से मिलने वाला। 
  • गिरिजा = ईसाइयों का प्रार्थना स्थल।

सरलार्थ - कवि कहता है कि यहाँ पर उपलब्ध ज्ञान राम, रहीम और ईसा जैसे महापुरुषों से मिला हुआ सबसे श्रेष्ठ ज्ञान है। यहाँ पर मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में सब धर्मों के लोग विभिन्न तरीकों से एक ही ईश्वर का ध्यान करते हैं।

सदा मित्र बन हाथ बढ़ाते, 
नहीं बैर का नाम यहाँ, 
अपने हित से पहले करते, 
हम परहित के काम यहाँ। 

कठिन शब्दार्थ :

  • सदा = हमेशा।
  • मित्र = दोस्त।
  • हाथ बढ़ाना = सहायता करना।
  • बैर = द्वेष।
  • हित = लाभ।
  • परहित = दूसरों की भलाई।

सरलार्थ - भारत की बात करते हुए कवि कहता है कि यहाँ पर लोगों में वैर-भाव नहीं है, बल्कि सब लोग दूसरों की मदद के लिए दोस्त बनकर हाथ बढ़ाते हैं। यहाँ पर सब लोग अपने लाभ से पहले दूसरों की भलाई के लिए काम करते हैं।

भारत अपना स्वर्ग मनोहर, 
कण-कण भरा ललाम यहाँ। 
बहे नेह की निर्मल सरिता,
सबका है सुख-धाम यहाँ। 

RBSE Solutions for Class 4 Hindi Chapter 1 सुख-धाम

कठिन शब्दार्थ :

  • स्वर्ग = समस्त सुविधा सम्पन्न स्थान।
  • मनोहर = मन को हरने वाला।
  • ललाम = सुन्दर।
  • नेह = स्नेह/प्यार।
  • निर्मल = स्वच्छ/साफ।
  • सरिता = नदी।
  • सुखधाम = सुख का स्थान।

सरलार्थ - कवि कहता है कि अपना भारत सभी सुविधाओं से सम्पन्न सबके मन को हरने वाला स्थान है। यहाँ के कण-कण में सुन्दरता भरी हुई है। यहाँ हर व्यक्ति के दिल में स्नेह और प्यार की निर्मल नदी प्रवाहित होती रहती है। यह भारत सबके सुखों का स्थान है।

Prasanna
Last Updated on Nov. 4, 2023, 4:02 p.m.
Published Nov. 3, 2023