Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 English Kaleidoscope Non-fiction Chapter 6 On Science Fiction Textbook Exercise Questions and Answers.
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Understanding the Text :
Question 1.
What makes for the distinction between the various genres of fiction, 'a sports story', 'a Western story', 'a jungle story' and 'science fiction'?
कथा की विभिन्न विधाओं-'एक खेल कहानी', 'एक पश्चिमी कहानी', 'एक जंगल कहानी' और 'विज्ञान कथावस्तु' के बीच किस आधार पर अन्तर किया जाता है ?
Answer:
Science fiction is a literary form. It is known through the back ground. It is a influence which in no case inferior to any literary form. In the present essay, the author has made a distinction between various genres of fiction which are 'a sports story', 'a Western story', 'a jungle story' and 'science fiction'. In this regards, the author says, "Science fiction is a literary and verse of no mean size because science fiction is what it is, not through its content but through its back ground.”
According to the author, a 'sports story' must contain an athletic or competitive activity which becomes an integral part of the story. A western story is weaved around the life of a cowboy who wanders the American West. In 'Jungle story', the author depicts the dangers of a forested tropical wilderness. Science fiction necessarily displays different components as interplanetory travel and extraterrestrial creatures as a part of plot.
Thus, the author has presented the characteristics in each type of fiction but what really distinguishes it from other genres of fiction is its background, while other genres are differentiated on the bases of their content. He makes it clear that if any of these genres contains a different background of society which is different from ours, it becomes science fiction. Thus, the author makes a perfect science fiction.
विज्ञान कथावस्तु एक साहित्यिक स्वरूप है। इसे इसकी पृष्ठभूमि से जाना जाता है। यह एक ऐसी दुनिया है जो कि किसी भी तरह से साहित्य के किसी भी स्वरूप से निम्न श्रेणी की नहीं है। वर्तमान निबन्ध में लेखक ने कथावस्तु की विभिन्न विधाओं के बीच अन्तर किया है जो कि-'खेल कहानी', 'पश्चिमी कहानी', 'जंगल कहानी' और 'विज्ञान कथा' हैं।
इस बारे में, लेखक कहता है, "विज्ञान कथावस्तु किसी भी तरह से छोटा स्वरूप नहीं है क्योंकि विज्ञान कथावस्तु इसकी विषयवस्तु से नहीं बल्कि उसकी पृष्ठभूमि से होती है।" लेखक के अनुसार, एक 'खेल कहानी' में एक खिलाड़ी अथवा प्रतिस्पर्धात्मक क्रियाविधि होनी चाहिए जो कि कहानी का अभिन्न अंग बन जाती है।
एक पश्चिमी कहानी एक चरवाहे के चारों ओर बुनी जाती है जो कि अमेरिका के पश्चिम में घूमता है। 'जंगल कहानी' में, लेखक जंगलयुक्त उष्णकटिबन्धीय जंगली वातावरण को प्रदर्शित करता है। विज्ञान कथावस्तु आवश्यक रूप से कथानक में अन्तर्ग्रहीय यात्रा और दूसरे ग्रहों से सम्बन्धित प्राणियों को प्रदर्शित करता है।
इस प्रकार, लेखक ने प्रत्येक प्रकार की कथावस्तु की विशेषताओं को प्रदर्शित किया है, लेकिन वास्तव में इसे साहित्य की अन्य विधाओं से अलग करता है वह इसकी पृष्ठभूमि होती है, जबकि अन्य विधाओं में उनकी विषयवस्तु के आधार पर भिन्नता प्रकट की जाती है। वह यह भी स्पष्ट करता है कि इन विधाओं में से किसी में भी एक अलग प्रकार के समाज को भिन्न प्रकार की पृष्ठभूमि में प्रदर्शित किया जाता है जो हमारे समाज से भिन्न है तो यह विज्ञान कथा बन जाती है। इस प्रकार लेखक एक पूर्ण विज्ञान कथावस्तु प्रदर्शित करता है।
Question 2.
How does Asimov establish that John Campbell was wrong in his opinion that it is not possible for a science fiction mystery to be fair to a reader in the same way as a classical mystery is?
ऐसीमोव किस प्रकार सिद्ध करता है कि जॉन कैम्पबेल अपनी विचारधारा में गलत था कि विज्ञान कथा के रहस्य को एक शास्त्रीय रहस्य कथा के समान पाठक के समक्ष प्रस्तुत करना सम्भव नहीं है?
Answer:
The author refers John W. Campbell who was a great science fiction editor. He was of the opinion that the domain of science fiction is limitless. But he failed in regard to science fiction mystery. Asimov claims that John Campbell was wrong in his opinion.
The author says that in Campbell's opinion, it is not possible for a science fiction mystery to present before the reader in the same way as a classical mystery. He considered it a very tough and almost impossible task.
He quotes the example of Sherlock Holmes' classical mystery. Sherlock Holmes was a detective. He was gifted with extraordinary abilities of right to keep pace with the plot yet it remained fair to the readers. He expresses his opinion that such plots were fair in classical mysteries.
And if they were suitable in classical mysteries, they are suitable for scientific mysteries also because the reader is quite unaware of these mysteries. So the writer is able to pen down a science fiction mystery. It would be quite appropriate to put such science fiction mystery before the readers.
लेखक जॉन डब्ल्यू. कैम्पबेल का सन्दर्भ देता है जो कि एक महान विज्ञान कथा सम्पादक था। उसका मत था कि विज्ञान कथा का क्षेत्र अन्तहीन होता है, लेकिन विज्ञान कथा रहस्य के सम्बन्ध में असफल हो गया। एसीमोव दावा करता है कि जॉन कैम्पबेल अपनी विचारधारा में गलत था। लेखक कहता है कि कैम्पबेल के मत में विज्ञान कथा रहस्य को पाठक के समक्ष ठीक उसी प्रकार से प्रस्तुत किया जाना सम्भव नहीं है जिस प्रकार शास्त्रीय रहस्य को।
वह इसे अत्यन्त दुरूह और लगभग असम्भव कार्य मानता है । वह शरलोक होम्स के शास्त्रीय रहस्य का उदाहरण देता है। शरलोक होम्स एक जासूस था। उसे दृष्टि की असाधारण योग्यताएँ मिली थीं जिससे वह कथानक के साथ मिलकर चलता था लेकिन फिर भी वह पाठक के लिए उचित था।
वह अपने विचार व्यक्त करता है कि ऐसे कथानक शास्त्रीय रहस्यों के उपयुक्त थे। और यदि वे शास्त्रीय रहस्यों के उपयुक्त थे तो वे वैज्ञानिक रहस्यों के लिए भी उपयुक्त रहेंगे क्योंकि पाठक इन रहस्यों से पूरी तरह अनभिज्ञ है। इसलिए लेखक विज्ञान कथा रहस्य लिखने में समर्थ है। पाठकों के समक्ष इस प्रकार की विज्ञान कथा रहस्य को प्रस्तुत करना पूरी तरह से उचित है।
Question 3.
What are the pitfalls that the writer of science fiction mystery must guard against?
वे कौनसे खतरे हैं जिनके विरुद्ध विज्ञान कथा रहस्य के लेखक को सुरक्षा करनी चाहिए?
Answer:
It is the opinion of the writer that writing of science fiction mystery is difficult but not impossible. According to him, writing in any genre contains some or the other pitfalls. To attempt this form, we must have a rational idea and thought of modification.
The writer must be aware of his content in writing science fiction mystery. It is always possible to cling to the rules of this genre. The writer should explain the boundary conditions with what can be done and what cannot be done. It is also advisable that science fiction mystery should be set in future.
लेखक का मत है कि विज्ञान कथा रहस्य लिखना कठिन तो है परन्तु असम्भव नहीं है। उसके अनुसार, किसी भी विधा में लिखने में कुछ खतरे हमेशा रहते हैं। इस विधा में लिखने में, हमारे पास तार्किक विचार और सुधार की सोच होनी चाहिए। लेखक को विज्ञान कथा रहस्य लिखते समय अपनी विषयवस्तु की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। इस विधा के नियमों से जुड़े रहना हमेशा सम्भव है। लेखक को सीमाओं की जानकारी की व्याख्या करनी चाहिए कि क्या किया जा सकता है और क्या नहीं किया जा सकता है। यह भी मानने योग्य है कि विज्ञान कथा रहस्य भविष्य काल में लिखा जाना चाहिए।
Talking about the Text :
Question 1.
Imagination and fantasy help human beings to speculate upon the possible explanations for the complexity and unpredictability of the phenomena in the universe.
कल्पनाशीलता एवं काल्पनिकता मनुष्यों को ब्रह्माण्ड के कार्यों की जटिलता और अस्थिरता की व्याख्या को सम्भव बनाने का अनुमान लगाने में सहायता प्रदान करती है।
Answer:
Isaac Asimov is of the opinion that science is based upon imagination and fantasy. So it "helps human beings to speculate upon the possible explanations for the complexity and unpredictability of the phenomena in the universe.”
The author tries to establish the importance of science fiction. He claims that science is not able to find out the absolute truth. Nor it is able to support its existence. Science is not powerful enough to control everything in the universe. No doubts science is based on imagination and fantasy. Imagination forced human beings to do experiments which in turn led to discoveries of different things. These discoveries were extremely helpful to explain the phenomena of the universe which were once unexplainable. Thus, the above quoted phrase is proved to be true.
इसाक एसीमोव का मत है कि विज्ञान कल्पनाशीलता और काल्पनिकता पर आधारित है। अतः यह "मनुष्यों को ब्रह्माण्ड के कार्यों की जटिलता एवं अस्थिरता की व्याख्या को सम्भव बनाने का अनुमान लगाने में सहायता प्रदान करती है।" लेखक विज्ञान कथा के महत्त्व को स्थापित करने की कोशिश करता है। वह दावा करता है कि विज्ञान पूर्ण सत्य का पता लगाने में असमर्थ है। और न ही यह अपने अस्तित्व का समर्थन कर सकती है।
विज्ञान ब्रह्माण्ड में प्रत्येक चीज को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली नहीं है। निःसन्देह, विज्ञान कल्पनाशीलता एवं काल्पनिकता पर आधारित है। कल्पनाशीलता ने मनुष्यों को प्रयोग करने के लिए बाध्य किया जिसने बदले में विभिन्न वस्तुओं की खोज की। इन खोजों ने ब्रह्माण्ड के कार्यों की व्याख्या करने में अत्यधिक सहायता की जो कभी व्याख्या किये जाने से दूर थे। इस प्रकार उपर्युक्त कथन सत्य सिद्ध होता है।
Question 2.
The difference that science and technology have made to everyday life today was visualised in science fiction fifty years ago.
आज प्रतिदिन के जीवन में विज्ञान और तकनीक ने जो अन्तर प्रस्तुत किया है, उसे विज्ञान कथा ने पचास वर्ष पहले ही देख लिया था।
Answer:
There is no doubt in it that science and technology have deeply affected our everyday life. In fact, science fiction has built a bridge between science of fifty years ago and that of today. It was the time when science was considered to be extraordinary and difficult to imagine. It was considered to be superstitions and peoples used to laugh over the imaginary discoveries. But now, science and technology have taken a new shape.
Computer and Internet are the extraordinary gifts of science. Now the world has turned into a global village. ATMs provide us cash round the clock. Work from home and Online study are recent developments. But it is also true that such discoveries had been written year ago. The flying carpet or winged horses of ancient times have incarnated into new form the form of today's aeroplanes or jet planes.
The modern day inventions like Television and Mobile phone are nothing but the modified version of crystal ball which allows us to gaze into the future or magic shells that facilitate in hearing the human whisperings from a distant place. Thus we can say that science and technology of present day were imagined and fancied and presented to the readers decades ago. And it could be possible only because of science fiction.
इसमें कोई सन्देह नहीं है कि विज्ञान और तकनीक ने हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित किया है। वास्तव में, विज्ञान कथा ने पचास वर्ष पूर्व के विज्ञान और आज के विज्ञान के बीच एक सेतु बनाने का कार्य किया है। यह वह समय था जब विज्ञान को असाधारण और कल्पना करने के लिए कठिन माना जाता था। इसे अन्धविश्वासपूर्ण माना जाता था और लोग काल्पनिक खोजों पर हँसा करते थे। लेकिन अब, विज्ञान और तकनीक ने एक नई आकृति धारण कर ली है। कम्प्यूटर और इण्टरनेट विज्ञान के असाधारण उपहार हैं।
अब पूरा संसार एक विश्व-गांव में बदल चुका है। एटीएम चौबीस घण्टे धन उपलब्ध कराते हैं। घर से कार्य और ऑनलाइन पढ़ाई नये विकास हैं लेकिन यह भी सत्य है कि ऐसे आविष्कारों के बारे में वर्षों पहले लिखा जा चुका था। प्राचीन समय के उड़ने वाले कालीन अथवा पंखों वाले घोड़े एक नये रूप में अवतरित हुए हैं-आज के हवाई जहाज अथवा जेट हवाई जहाज। आधुनिक समय के दूरदर्शन और मोबाइल फोन जैसे आविष्कार क्रिस्टल बाल का ही आधुनिक स्वरूप हैं जो हमें भविष्य देखने की अनुमति प्रदान करती है अथवा जादुई आवरण है जो मानवीय धीमी आवाज को भी दूर से सुनने की शक्ति प्रदान करती है। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि विज्ञान और तकनीक जो आज है, उसकी दशाब्दियों पहले ही कल्पना कर ली गई थी और पाठकों के सम्मुख प्रस्तुत की गई थी। और यह सब केवल विज्ञान कथा के कारण ही सम्भव हो पाया।
Appreciation :
Question 1.
Discuss the author's attitude towards the pre-scientific imagination and the tone he adopts while talking about it.
लेखक के वैज्ञानिक कल्पनाशीलता के पूर्व के दृष्टिकोण और वह भाव जो इसके बारे में बात करते हुए वह ग्रहण करता है, के बारे में विचार व्यक्त कीजिए।
Answer:
The writer has put a composition of pre scientific imagination and present situation. He talks of the time when human society was completely devoid of science. In the pre scientific era, the priests, magicians, wizards etc. did the same work as are done by scientists of today. It was the time when the unexplainable phenomena were a source of wonder and superstitions and belief in mythical creatures was rampant because there was no reason or logic present.
In the begining, the author talks about magic, flying carpet and winged horses but he has a skeptical eye over them. Gradually, he talks and claims that the present scientific discoveries are the outcome of pre scientific imagination. According to him, the flying carpets and winged horses are the modern day aeroplanes and jet planes and crystal ball which showed future is the television of today. Thus, the tone of the author is in favour of the importance of the pre scientific time.
लेखक ने विज्ञानपूर्व कल्पनाशीलता और वर्तमान स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया है। वह उस समय की बात करता है जब मानव समाज पूरी तरह से विज्ञान से वंचित था। विज्ञान पूर्व के युग में, पुजारी, जादूगर आदि ठीक वही काम किया करते थे जो आज के वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा है। यह वह समय था जब वे कार्य जिनकी व्याख्या नहीं हो सकती थी, आश्चर्य और अन्धविश्वास का स्रोत थे तथा मिथक प्राणियों में विश्वास व्याप्त था क्योंकि उस समय कोई तर्कशक्ति उपस्थित नहीं थी।
प्रारम्भ में, लेखक जादू, उड़ने वाले कालीन और पंखों वाले घोड़े के बारे में बात करता है लेकिन उनके ऊपर उसकी संदेहयुक्त दृष्टि लगी हुई है। धीरे-धीरे वह बात करता है और दावा करता है कि वर्तमान वैज्ञानिक खोजें विज्ञानपूर्ण कल्पनाशीलता का ही परिणाम हैं। उसके अनुसार, उड़ने वाले कालीन और पंखों वाले घोड़े वर्तमान समय के हवाई जहाज और जैट जहाज हैं और पारदर्शी गेंद जो भविष्य दिखाती थी, वह आज का दूरदर्शन है। इस प्रकार, लेखक का भाव वैज्ञानिक समय के महत्त्व के पक्ष में है।
Question 2.
Observe how the paragraph, as a form, has been used in the essay. Some paragraphs consist of just one sentence. What purpose do you think the author had in putting them in this manner?
यह विचार कीजिए कि 'एक रूप में' पैराग्राफ निबन्ध में किस प्रकार प्रयोग किये गये हैं ? कुछ पैराग्राफ केवल एक वाक्य के हैं ? आप क्या सोचते हैं कि लेखक का इस प्रकार उन्हें प्रयोग करने में क्या उद्देश्य है?
Answer:
It is true that the author has put some paragraphs in only one sentence. In one of such paragraphs, the author is talking about some ancient and modern science fiction and in another such paragraph, the author has thrown light on the background and its genres of science fiction.
The author is very cleaver to put such paragraph in one line with the purpose to distinguish them from other paragraphs. He also wants to emphasize upon the ideas that have been mentioned in the paragraph regarding science fiction. Thus, the author has opted this form suitably from point of view of readers.
यह सत्य है कि लेखक ने कुछ अनुच्छेदों को केवल एक पंक्ति में लिखा है। इसी प्रकार के एक अनुच्छेद में, लेखक कुछ प्राचीन एवं आधुनिक विज्ञान कथा के बारे में बात कर रहा है और इसी प्रकार के एक दूसरे पैराग्राफ में लेखक ने विज्ञान कथा की पृष्ठभूमि और उसकी विधाओं पर प्रकाश डाला है। लेखक ऐसे वाक्यों को अत्यन्त चतुराई से एक ही अनुच्छेद में रखता है इस उद्देश्य के साथ कि वह ऐसे अनुच्छेदों को दूसरों से अलग कर सके। वह उन विचारों पर भी प्रभाव डालना चाहता है जो कि अनुच्छेद में विज्ञान कथा के सम्बन्ध में दिये गये हैं। इस प्रकार, लेखक ने उचित प्रकार से पाठकों के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के अनुच्छेदों को चुना है।
Question 3.
Mark the linkers used by the author to connect the point he makes in one paragraph with that in the next. For example, Let me explain the difference that makes in the last line of para 1 of Section II. These are called discourse markers or discourse signalers.
उन संयोजकों को बताइये जिन्हें लेखक ने एक अनुच्छेद में दिये गये बिन्दुओं को दूसरे अनुच्छेद में दिये गये बिन्दुओं से संयोजित किया है। उदाहरण के लिए, मुझे उस अन्तर की व्याख्या करने दो जो दूसरे भाग के अनुच्छेद एक की अन्तिम पंक्ति में अन्तर करती है। इन्हें वार्तालाप चिह्न अथवा वार्तालाप संकेतक कहते हैं।
Answer:
The author has used so many linkers to connect the point he makes with that in the next paragraph. Some of them are as follow :
(i) “That form only an inconsiderable fraction of the whole.” This is the last line of section II para 4.
(ii) “There must have been tales of the strange and different, of the life note we know it..... Let's, consider the respect that people have for science ........ manipulate that they key.” (from page 192)
(iii) “a rational notion as to how to modify or extrapolate that science. This is last line of page 198 of section II..
(iv) Science fiction is a literary universe of no mean size because science fiction is what it is, not through its content but through its background. Let me explain to difference that makes.
लेखक ने अनेकों संकेतकों का प्रयोग अगले अनुच्छेद को जोड़ने के लिए किया है। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं
(i) "यह सम्पूर्ण का केवल एक अहम् भाग है।" यह दूसरे भाग के चौथे अनुच्छेद की अन्तिम पंक्ति है।
(ii) निश्चित रूप से विचित्र और भिन्न कहानियाँ होनी चाहिए, जीवन की वे नहीं जिन्हें हम जानते हैं ..... आओ अनुमान लगायें-वह सम्मान जो लोगों में विज्ञान के लिए है..........वैज्ञानिक उस चाबी का उपयोग कर सकते हैं। (पेज 192 से)
(iii) एक तार्किक विचार कि विज्ञान को किस प्रकार सुधारा जा सकता है। (यह पेज नं. 198 की अन्तिम पंक्ति है)
(iv) विज्ञान कथा साहित्यिक दुनिया है जो किसी भी रूप में छोटी नहीं है क्योंकि विज्ञान कथा वही है जो यह है, इसकी विषयवस्तु से नहीं बल्कि उसकी पृष्ठभूमि से। यह जो अन्तर करती है मुझे उसकी व्याख्या करने दो।
Language Work :
A. Literary Allusions
(i) Look up a literary dictionary or encyclopedia 'or the internet to
understand the references to the following mythical creatures
Centaur, Satyr, Sphinx ,Harpy, Gryphon ,Gorgon, Pegasus
Find out parallel creatures in Indian mythology.
Answer:
Centaur : Centaur is a mythological creature who has its head of a man and the lower part of body is that of a horse
Satyr : It is a mythological creature who has its head of a man and the lower part of body is that of a goat.
Sphinx : It is a mythological creature who has its head of a woman and the lower part of the body is that of a lion.
Harpy : It is a mythological creature who has its head of a woman and the rest of the lower part of body is that of a hawk.
Gryphon : It is a mythological creature who has its head of an eagle and the rest lower part of body is that of lion.
Gorgon : It is a mythological creature who has its head of a snake and the rest of the lower part of body is that of a woman.
Pegasus : In greek mythology, Pegasus is a winged divine horse, usually it is depicted as pure white.
(ii) Find out about the story of Achilles and Hector.
Answer:
Achilles was the hero of Trojan war in Greek mythology. He is the central character of Homer's Niad. His mother was Thetis and father was Paleus, king of Phthia. His body became invulnerable when his mother Thetis dipped him in the river Styx as an infant.
She held him by one of his heels. At this heel, the water of the river could not touch him thus, this part remained vulnerable. When Trojan war began, the Trojans, led by Prince Hector pushed the Greek Army back towards the beaches. His companion pushed the Trojan Army back but was killed. Achilles had extremely greased catridges.
Enraged over the death of his beloved companion, Achilles chased Hector and killed him and drags his dead body by its heels behind his chariot. The Hero was killed by Pauls who shot an arrow on the heel of Achilles where his body was vulnerable. Thus, he also died in the Trojan War.
B. Pronunciation
Task
Mark the pauses in the following dialogue.
Answer:
A : Good morning, this is Ten-2-Ten supermarket./ Can I help you?/
B : Good morning, I'd like to speak to the person in charge of your After Sales Service, please./
A: That's Mr Patel./
B: Could you put me through to him,/ please?/
A: Who's speaking, please?/
B: My name's Karandikar./
A: Just a moment, Mr Karandikar...d I am sorry,/ Mr Patel's line seems to be busy./
B: Well,/ is there someone else who could help me?/
A: There's Mrs Paul./ She's the assistant manager,/ but she's out at the moment./
B : Look,/ this is quite important!/
A: I'll try Mr Patel's line again for you.../ trying to connect you./
B: Ah! finally,/ ... is that Mr Patel ?/ Good morning,/ this is... Hello?.../ oh no! I'm cut off./
C. Grammar:
Some More Verb Classes
Task
1. Here are a few sentences with transitive verbs, adapted from the text.
Identify the noun phrases that are the verbs' objects, and underline
them. Then turn these sentences into a passive form.
(i) He expected a sudden change of rules,
(ii) Nothing prevents writers from using actual science.
(iii) He revealed that he didn't know the difference between the element and the compound
(iv) He demonstrated that he couldn't tell the difference between carbon monoxide and carbon dioxide and reduced the plot to a shambles.
(v) The writer must carefully explain to the reader all the boundary conditions of the imaginary society.
Answer:
(i) A sudden change of rules was expected by him.
(ii) Writers are not prevented from using actual science.
(iii) That he didn't know the difference between the element and the compound was revealed by him.
(iv) That he couldn't tell the difference between carbon monoxide and carbondioxide and reduced the plot to a shambles was demonstrated by him.
(v) All boundary conditions of the imaginary society must be carefully explained to the reader by the writer.
Question 2.
Some verbs take a that-clause after them. Find the verb ask in the last paragraph of the first part of this text (which begins 'I don't even ask that...') and note how it is followed by that-clauses. Look for other verbs, in this text as well as in the earlier ones, that are followed by a that-clause (verbs such as believe, know, realise, promise...)
Answer:
(i) They did not know of the rules that were unbreakable.
(ii) He maintained that it was impossible to write a science fiction story.
(iii) He believed that their joint ventures were very fruitful for the country.
Short Answer Type Questions :
Question 1.
When did the science fiction come into existence?
विज्ञान कथा कब अस्तित्व में आई?
Answer:
According to the author, science fiction come into existence during the last two centuries. It could happen only when people began to think about the real thing of science fiction that it is a science and technology that is able to differentiate between present and past or present and future. It was the time when people began to wonder in science fiction.
लेखक के अनुसार, विज्ञान कथा पिछली दो शताब्दियों के दौरान अस्तित्व में आई। ऐसा केवल तब हो सका जब लोगों ने विज्ञान कथाओं की वास्तविकता के बारे में सोचना प्रारम्भ कर दिया कि यह विज्ञान और तकनीक है जो वर्तमान एवं अतीत अथवा वर्तमान एवं भविष्य में अन्तर कर सकती है। यह वह समय था जब लोगों ने विज्ञान कथा में आश्चर्य व्यक्त करना प्रारम्भ कर दिया।
Question 2.
What is pre historic period of science fiction?
विज्ञान कथा का प्रागैतिहासिक काल क्या है ?
Answer:
According to the writer, the scientific and technological changes came into existance after the Industrial Revolution in 1800. After only this time, the science fiction could be written. The era before the real science fiction is called the pre historic period of science fiction. By now, the people began to think that science was the key for exploration and understanding the universe.
लेखक के अनुसार, वैज्ञानिक और तकनीकी परिवर्तन सन् 1800 में औद्योगिक क्रान्ति के बाद अस्तित्व में आये । केवल इस समय के बाद, विज्ञान कथा लिखी जा सकी। वास्तविक विज्ञान कथा से पूर्व का समय विज्ञान कथा का प्रागैतिहासिक काल कहलाता है । अब तक, लोगों ने यह सोचना प्रारम्भ कर दिया था कि ब्रह्माण्ड की खोज करने और समझने के लिए विज्ञान उसकी चाबी है।
Question 3.
What is the opinion of people now about science?
अब लोगों का विज्ञान के बारे में क्या विचार है?
Answer:
Now, people have a positive thinking about science. They have a clear vision and opinion that science is the main factor of development. Human beings have always been curious about the mystery of nature. And this curiosity has always helped human beings to invent new things every time. People also hope that with the help of science, they will be able to understand the laws of nature and enhance human powers.
अब लोगों का विज्ञान के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण है। उनका स्पष्ट दृष्टिकोण एवं मत है कि विज्ञान विकास का मुख्य तत्व है। मनुष्य हमेशा विज्ञान के रहस्यों के प्रति जिज्ञासु रहे हैं। और इसी जिज्ञासा ने हर बार मनुष्य को नये आविष्कार करने के लिए सहायता प्रदान की है। लोगों को यह भी आशा है कि विज्ञान की सहायता से, वे विज्ञान के नियमों को समझ सकेंगे और मनुष्य की शक्तियों में वृद्धि कर सकेंगे।
Question 4.
What is the difference between content and background of the story?
किसी कहानी की विषय वस्तु तथा पृष्ठभूमि में क्या अन्तर है?
Answer:
The author clearly depicts the difference between content and background. In a 'sports story' competitive activity and athletic nature are its content. In a 'western story', we have a life of a nomadic cowboy of the American west in the 19th century as a part of content. But if you add something and not allow to change the nature of the story, it becomes science fiction. In a 'sports story' take the gas gun, the story remains the same but becomes a science fiction also.
लेखक स्पष्ट रूप से विषयवस्तु एवं पृष्ठभूमि में अन्तर प्रस्तुत करता है। एक 'खेल कहानी' में प्रतिस्पर्धात्मक क्रियाविधि और खेल प्रकृति उसकी विषयवस्तु है। एक 'पश्चिमी कहानी' में हमारे पास उन्नीसवीं शताब्दी का पश्चिमी अमेरिका का एक घुमन्तू चरवाहा विषयवस्तु के हिस्से में होता है। लेकिन यदि आप कुछ जोड़ते हैं और कहानी की प्रकृति में कुछ भी जोड़ने की अनुमति नहीं देते हैं तो यह विज्ञान कथा बन जाती है। एक खेल कहानी में, एक गैस की बन्दूक लें, कहानी ठीक वैसी ही बनी रहती है किन्तु वह विज्ञान कथा भी बन जाती है।
Question 5.
Give two examples to show how a story becomes science fiction.
दो उदाहरण दीजिए जिससे एक कहानी विज्ञान कथा बन जाती है।
Answer:
The author gives so many examples to prove his point. He says that in a western story, take a fish boy in place of a cowboy with his dolphin, mackerel or cod, it still remains the western story but turns into a science fiction. In the same way, if we take a forest of a different planet with different environment, dangers in vegetation and atmosphere. This will remain a jungle story along with a science fiction.
लेखक अपनी बात को सिद्ध करने के लिए अनेकों उदाहरण देता है। वह कहता है कि एक पश्चिमी कहानी में, एक चरवाहे के स्थान पर मछली पकड़ने वाले बालक को उसकी डॉल्फिन, मैकेरल अथवा कॉड मछली के साथ लें, यह अभी भी पश्चिमी कहानी होती है किन्तु यह विज्ञान कथा में परिवर्तित हो जाती है। ठीक इसी प्रकार, यदि हम किसी दूसरे ग्रह का जंगल लेते हैं और उसकी वनस्पति तथा वातावरण में विभिन्न प्रकार की स्थितियाँ और खतरे डाल देते हैं। यह अभी भी जंगल की कहानी होगी साथ ही यह विज्ञान कथा भी होगी।
Question 6.
What do you know about Napoleonic war of 1812?
आप 1812 के नेपोलियन के युद्ध के बारे में क्या जानते हैं ?
Answer:
The Napoleonic war of 1812 was fought between United States and the United Kingdom and Ireland and its dependent colonies in North America and Native Americans allies. In the story, the author wants to know whether people will take interest in the story of this battle because our warships are no longer made of wood and are no longer equipped with sails.
1812 का नेपोलियन का युद्ध अमेरिका और ब्रिटेन तथा आयरलैण्ड एवं उत्तरी अमेरिका में उसके आश्रित उपनिवेशों तथा अमेरिकी मित्र राष्ट्रों के बीच लड़ा गया। कहानी में लेखक जानना चाहता है कि लोग इस युद्ध की कहानी में अब रुचि लेंगे अथवा नहीं, क्योंकि हमारे युद्ध के जहाज अब लकड़ी के बने हुए नहीं हैं और वे अब पाल से सुसज्जित भी नहीं हैं।
Question 7.
Why does the poet claim that only science fiction is valid today?
लेखक क्यों सोचता है कि आज केवल विज्ञान कथा ही वैध है?
Answer:
According to the author, only science fiction is valid for today. So far as he can understand the claim, he explains the reason behind it. He says that now the mental attitude of the people has been changed and they think that now universe does follow the dictates of the laws of nature. It is not dependent on the mercy of gods and demons for its smooth functioning.
लेखक के अनुसार, केवल विज्ञान कथा ही आज वैध है। वह जितना समझ सकता है और दावा कर सकता है, वह उसके पीछे के तर्क की व्याख्या करता है। वह कहता है कि आज लोगों का मानसिक दृष्टिकोण परिवर्तित हो चुका है और वे सोचते हैं कि अब ब्रह्माण्ड भी केवल प्रकृति के नियमों के अनुसार चलता है। यह इसके कुशल संचालन के लिए देवताओं और दैत्यों की दया पर निर्भर नहीं है।
Question 8.
What are the similarities between ancient stories and that of science fiction?
प्राचीन कथाओं और विज्ञान कथा के बीच क्या समानताएँ हैं?
Answer:
There is a great similarity between the ancient stories and that of science fiction. Both of them depict the life that is quite unknown to us. We can only imagine about the unknown world. It also fulfills our emotional needs which are also the same. These emotional needs arouse a curiosity in human heart and they need the satisfaction of the loging for wonder.
प्राचीन कथाओं और विज्ञान कथा में अत्यधिक समानता होती है। वे दोनों ही उस जीवन को दिखाते हैं जो हमारे लिए पूरी तरह से अज्ञात होता है। हम अज्ञात संसार के बारे में केवल कल्पना कर सकते हैं। यह हमारी भावनात्मक आवश्यकताओं को पूरा करता है जो कि ठीक उसी प्रकार का होता है। भावनात्मक आवश्यकताएँ मनुष्य के हृदय में जिज्ञासा उत्पन्न करती हैं और उन्हें आश्चर्य की सन्तुष्टि की आवश्यकता होती है।
Long Answer Type Questions :
Question 1.
What is the general thinking of human beings about gods?
देवताओं के बारे में मनुष्य की सामान्य सोच क्या है?
Answer:
It is the general thinking of human beings about gods that they have control over natural phenomena. Even they have control over natural activities. So they are considered to be super human, super animal or super combinations of human and animals. It is a true fact that no one contradict about gods and supernatural elements.
But it is also a fact that human beings have a deep rooted faith in their existence. If some natural activities become disastrous and against human beings, we think that gods are angry and they are taking revenge.
And it the events are in the favour of human beings and helpful, we consider the gods to be kind and well wishers. This is the reason why human beings always try to pursuage the gods to win favour. If the human beings fail to pursuage gods, it is thought that someone has offended gods and they are angry.
मनुष्यों की देवताओं के बारे में यह एक सामान्य सोच है कि उनका प्रकृति के कार्यों पर नियंत्रण है। यहाँ तक कि उनका प्राकृतिक क्रियाओं पर भी नियंत्रण है। इसलिए उन्हें अलौकिक व्यक्ति, अलौकिक जानवर अथवा मनुष्य और जानवरों का अलौकिक मिश्रण माना जाता है। यह एक वास्तविक तथ्य है कि कोई भी देवताओं अथवा अलौकिक तत्वों के बारे में भविष्यवाणी नहीं कर सकता है।
लेकिन यह भी एक तथ्य है कि मनुष्यों का उनके अस्तित्व में अत्यन्त गहराई तक जमा हुआ विश्वास है। यदि कोई प्राकृतिक घटनाएँ विनाशकारी और मनुष्यों के विरुद्ध हो जाती हैं तो हम सोचते हैं कि देवता नाराज हैं और वे बदला ले रहे हैं। और यदि घटनाएँ मनुष्य के पक्ष में हैं और सहायक हैं तो हम देवताओं को दयालु एवं शुभचिन्तक मानते हैं। यही कारण है कि मनुष्य हमेशा देवताओं को मनाने की कोशिश में लगे रहते हैं और उनका विश्वास जीतना चाहते हैं। यदि मनुष्य देवताओं को मनाने में असफल हो जाते हैं तो यह सोचा जाता है कि किसी ने देवताओं का अपमान कर दिया है और वे नाराज हैं।
Question 2.
Who did the work of a scientist in the pre scientific times and how?
विज्ञान से पूर्व के युग में वैज्ञानिकों का कार्य कौन करते थे और किस प्रकार?
Answer:
The author is very clear in this regard that in the pre scientific times, the priest, magician, wizard or shamam were the people who did the work of a scientist. The people believed the priest to be the controller of the whole universe. They could do whatever they lived with their super natural powers.
There are so many myths and legends in which human beings are so powerful enough that they could do control even winged horses or flying carpets. In magical crystal ball, human beings used to see the happenings of miles away. They could even hear the whispering sounds though the ball, The seven league boots were powerful enough to transport you several miles. In pre scientific era, there are so many legends in which we experience the human and animal characteristics in a single unit.
इस बारे में लेखक पूरी तरह से स्पष्ट है कि विज्ञान पूर्व के युग में, पुजारी, जादूगर, ओझा, धर्माधिकारी ऐसे लोग होते थे जो वैज्ञानिकों का कार्य किया करते थे। लोग पुजारी को सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का नियंत्रक होने में विश्वास करते थे। वे अपनी अलौकिक शक्तियों के कारण जो कुछ भी करना चाहते थे, कर सकते थे। ऐसी बहुत कहानियाँ और किंवदन्तियाँ हैं जिनमें मनुष्य इतने ज्यादा शक्तिशाली थे कि वे पंखों वाले घोड़े अथवा उड़ने वाले कालीनों पर भी नियंत्रण कर सकते थे।
जादुई पारदर्शी गेंद में मनुष्य मीलों दूर होती हुई घटनाओं को देख सकते थे। यहाँ तक कि वे गेंद के माध्यम से धीमी ध्वनियों को भी सुन सकते थे। सैवन लीग जूते आपको मीलों दूर तक ले जाने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली थे। विज्ञान पूर्व के युग में हमें ऐसी बहुत सी किंवदन्तियाँ मिलती हैं जिनमें हम मनुष्य और जानवरों की विशेषताओं को केवल एक यूनिट में अनुभव कर सकते हैं।
Question 3.
How is the role of supernatural powers is being played now a days? आजकल अलौकिक शक्तियों की भूमिका किस प्रकार निभाई जा रही है?
Answer:
The author says that earlier, gods and demons were the supernatural agents who performed the supernatural activities. Now a days, the role of all those old stories is played by science fiction. But there is a difference between the activities. In the olden days, the myths and legends were controlled by gods and demons in the form of prayers or enchantments. It was believed that these prayers won favour of these supernatural powers.
On the other hand, science fiction fulfils those needs with the help of unanswerable laws of nature. Science fiction is dependent on deep imagination. In the modern context, science fiction is valid. It is not dependent on the mercy of gods or demons. Modern generations do not have any interest in the dual of Achilles and Hector with spears and shields. Today, people enjoy adventurous story of exciting science fiction.
लेखक कहता है कि पहले के देवता और दैत्य अलौकिक शक्तियों के वाहक थे जो अलौकिक क्रियाएँ किया करते थे। आजकल, प्राचीन कथाओं की भूमिका विज्ञान कथा के माध्यम से निभाई जा रही है। लेकिन क्रियाओं में अन्तर है। प्राचीन समय में, मिथक और किंवदन्तियों को प्रार्थना और मंत्रोच्चार के रूप में देवताओं और दैत्यों के द्वारा नियंत्रित किया जाता था। यह विश्वास किया जाता था कि ये प्रार्थनाएँ इन अलौकिक शक्तियों का विश्वास जीतने में समर्थ थीं।
दूसरी ओर, विज्ञान कथा प्रकृति के अनुत्तरित नियमों की सहायता से उन आवश्यकताओं को पूरा करती है। विज्ञान कथा गहन कल्पनाशीलता पर निर्भर होती है। आधुनिक सन्दर्भ में, विज्ञान कथा भी वैध है। यह देवता अथवा दैत्यों की दया पर निर्भर नहीं है। आधुनिक पीढ़ी को अकिलीज और हैक्टर के भाले और ढालों के साथ द्वन्द्व युद्ध में कोई रुचि नहीं है। आज, लोग उत्तेजनापूर्ण विज्ञान कथा की साहसिक कहानी का आनन्द लेते हैं।
Question 4.
What are the views of John W. Campbell about writing science fiction?
विज्ञान कथा लिखने के बारे में जॉन डब्ल्यू. कैम्पबेल के क्या विचार हैं?
Answer:
John W. Campbell was an eminent science fiction writer. He was of the opinion that science fiction is not free. It has countless boundaries and domains in allsocieties, past, future, probable, improbable, realistic or fantastic. He clearly accepts that writing of a science fiction mystery is full of troubles and difficulties. It needs a great imaginative power.
What we require most is a rational idea, mode of modification and estimate of it. Apart it, it is also true that science fiction mystery is difficult but not impossible. He advises to set science fiction mystery in the future. And the society must be of some different types in comparison to our own society. It should be clearly depicted what can be done and what can't be done in it.
जॉन डब्ल्यू. कैम्पबेल एक महान विज्ञान कथा लेखक था। उसका मत था कि विज्ञान कथा स्वतन्त्र नहीं है। इसमें अनगिनत बाधाएँ और क्षेत्र हैं जो कि समाजों, अतीत, भविष्य, सम्भावित, असम्भावित, वास्तविक और काल्पनिक सभी स्थितियों में हैं । वह स्पष्ट रूप से स्वीकार करता है कि विज्ञान कथा रहस्य लिखना कठिनाइयों और परेशानियों से भरा हुआ है। इसमें अत्यधिक कल्पनाशीलता की शक्ति की आवश्यकता होती है।
जिस चीज की हमें सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है वह एक तार्किक विचार, सुधार के तरीके और इसका मूल्यांकन है। इसके अतिरिक्त, यह भी सत्य है कि विज्ञान कथा रहस्य कठिन तो है परन्तु असम्भव नहीं है। वह सलाह देता है कि विज्ञान कथा रहस्य भविष्य काल में लिखा जाना चाहिए। और वह समाज हमारे समाज से अलग प्रकार का होना चाहिए। यह भी स्पष्ट दिखाया जाना चाहिए कि इसमें क्या किया जा सकता है और क्या नहीं किया जा सकता है।
Seen Passages
Passage 1.
I have often made the point that true science fiction is a creature of the last two centuries. Science fiction cannot exist as a picture of the future unless, and until, people get the idea that it is science and technology that produce the future; that it is advances in science and technology
Questions :
1. When did science fiction came into existence?
विज्ञान कथा कब अस्तित्व में आई?
2. When can science fiction exist as a picture?
एक चित्रमय रूप में विज्ञान कथा कब स्थित रह सकती है?
3. Who is 'I' in the above extract?
उपर्युक्त अंश में 'मैं' कौन है ?
Answers :
1. According to the author, he has clearly mentioned that true science fiction came into existence within last two centuries.
लेखक के अनुसार, वह स्पष्ट रूप से बता चुका है कि वास्तविक विज्ञान कथा पिछली दो शताब्दियों में अस्तित्व में आई।
2. Science fiction can exist as a picture when people get the idea that it is science and technology that produce the future.
विज्ञान कथा एक चित्रमय रूप में तब स्थित रह सकती है जब लोगों का यह विचार हो जाता है कि यह विज्ञान और तकनीक है जो भविष्य निर्माण करती है।
3. 'l' is the above extract is the writer of the story. He is Isaac Asimov who was a great science fiction writer. He wrote a lot of stories and books on science fiction.
उपर्यक्त अंश में 'मैं' कहानी का लेखक है। वह आइजैक एसीमोव है जो कि एक महान विज्ञान कथा लेखक था। उसने विज्ञान कथाओं पर आधारित बहुत सी कहानियाँ और किताबें लिखी हैं।
Passage 2.
The respect that people have for science and for scientists (or the fear that people have or a combination of both) rests on the certain belief that science is the key to the understanding of the Universe and that scientists can use science to manipulate that key.
Through science, people can make use of the laws of nature to control the environment and enhance human powers. By the steadily increasing understanding of the details of those laws, human powers will be greater in the future than in the past. If we can imagine the different ways in which they will be greater, we can write our stories.
Questions :
1. Why do the people have respect for science and scientists?
लोगों में विज्ञान और वैज्ञानिकों के प्रति सम्मान क्यों है?
2. How can people utilize science?
मनुष्य विज्ञान का प्रयोग किस प्रकार कर सकते हैं ?
3. What will happen with the increasing knowledge of laws of nature?
प्रकृति के नियमों के विस्तृत ज्ञान से क्या होगा?
Answers :
1. The people have respect for science and scientists because they have certain beliefs that science is the key to the understading of the universe and that scientists only can use this key.
लोगों में विज्ञान और वैज्ञानिकों के प्रति सम्मान है क्योंकि उनके कुछ निश्चित विश्वास हैं कि विज्ञान इस ब्रह्माण्ड को समझने की चाबी है और केवल वैज्ञानिक ही इस चाबी का प्रयोग कर सकते हैं।
2. People can use science in the way that through science, they can make use of the laws of nature to control the environment and enhance human powers.
लोग विज्ञान का प्रयोग इस रूप में कर सकते हैं कि विज्ञान के माध्यम से वे प्रकृति के नियमों का प्रयोग पर्यावरण के नियंत्रण एवं मानवीय शक्तियों में वृद्धि के लिए कर सकते हैं।
3. With the increasing knowledge of laws of nature, human powers will be greater in the future than in the past. It is quite possible.
प्रकृति के नियमों के विस्तृत ज्ञान के माध्यम से, भविष्य में मनुष्य की शक्तियाँ अतीत की तुलना में बहुत ज्यादा होंगी। यह पूरी तरह से सम्भव है।
Passage 3.
Nevertheless, there are times when we shouldn't be two narrow or haughty in our definitions. It would be wrong to throw out a style of literature that has tickled the human fancy for thousands of years for the trivial reason that it is not in accord with reality. Reality isn't all there is, after all.
Shall we no longer thrill to the climactic duel of Achilles and Hector because people no longer fight with spears and shields? Shall we no longer feel the excitement of the naval battles of the War of 1812 and of the Napoleonic Wars because our warships are no longer made of wood and are no longer equipped with sails?
Questions :
1. What is wrong, according to the author?
लेखक के अनुसार गलत क्या है?
2. What does the writer want to say through Achilles and Hector story?
लेखक अकिलीज और हैक्टर कहानी के माध्यम से क्या कहना चाहता है?
3. Why should we continue reading stories of Napoleonic wars?
हमें नेपोलियन के युद्धों की कहानी क्यों पढ़ते रहना चाहिए?
Answers :
1. According to the writer, it would be wrong to throw out a style of literature that has tickled the human fancy for thousands of years.
लेखक के अनुसार, साहित्य की एक विधा को बाहर निकाल देना गलत होगा जिसने हजारों वर्षों तक मानवीय कल्पना को गुदगुदाया है।
2. Through the story, the author wants to say that we should continue thrilling from the story of Achilles and Hector. We should not avoid them merely that the battle was fought with spears and shields.
कहानी के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि हमें अकिलीज और हैक्टर की कहानी से लगातार रोमांचित होते रहना चाहिए। हमें केवल उस कहानी को इसलिए नजरंदाज नहीं करना चाहिए कि यह युद्ध भाले और ढालों से लड़ा गया था।
3. We should continue reading stories of Napoleonic wars because these stories are still thrilling though we have longer ships made of wood and they are now not equipped with sails.
हमें नेपोलियन के युद्धों की कहानियाँ लगातार पढ़नी चाहिए क्योंकि ये कहानियाँ अभी भी रोमांच पैदा करती हैं यद्यपि अब हमारे पास लकड़ी के जहाज नहीं हैं और उनमें पाल लगे हुए. नहीं हैं।
Passage 4.
Science fiction is a literary universe of no mean size because science fiction is what it is, not through its content but through its background. Let me explain the difference that makes. A sports story' must have, as part of its content, some competitive activity, generally of an athletic nature.
A ‘Western story' must have, as part of its content, the nomadic life of the cowboy of the American West in the latter half of the nineteenth century. The 'jungle story' must have, as part of its content, the dangers implicit in a forested tropical wilderness.
Questions :
1. What is science fiction?
विज्ञान कथा क्या है?
2. What is the content of a 'sports story'?
एक 'खेल कहानी' की विषयवस्तु क्या होती है ?
3. What is generally the content of a western story'?
'पश्चिमी कहानी' की सामान्य रूप से विषयवस्तु क्या होती है?
Answers :
1. Science fiction is a literacy universe of no mean size. It is not through its content but through its background.
विज्ञान कथा साहित्यिक ब्रह्माण्ड है जिसका आकार छोटा नहीं है। यह इसकी विषयवस्तु से नहीं बल्कि इसकी पृष्ठभूमि के कारण होता है।
2. The content of a 'sports story' is some competitive activity, generally of an athletic nature.
'खेल कहानी' की विषयवस्तु कोई प्रतिस्पर्धात्मक क्रियाविधि होती है, सामान्य रूप से एक खिलाड़ी की प्रकृति।
3. A 'western story' must have the nomadic life of the cowboy of the American West in the letter half of the nineteenth century.
'पश्चिमी कहानी' में उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध का पश्चिमी अमेरिका में एक चरवाहे का घुमन्तू जीवन अवश्य होना चाहिए।
Passage 5.
John W. Campbell, the late great science fiction editor, used to say that science fiction took as its domain, all conceivable societies, past and future, probable or improbable, realistic or fantastic, and dealt with all events and complications that were possible in all those societies. As for 'mainstream fiction' which deals with the here and now and introduces only the small novelty of make believe events and characters, that forms only an inconsiderable fraction of the whole.
Questions :
1. Who was John W. Campbell?
जॉन डब्ल्यू. कैम्पबेल कौन था?
2. What was his opinion about science fiction writing? .
विज्ञान कथा लेखन के बारे में उसका क्या मत था?
3. What is ‘mainstream fiction'?
'मुख्यधारा की कथा' क्या है ?
Answers :
1. John W. Campbell was the late great science fiction editor. He was so great that even today we remember him.
जॉन डब्ल्यू. कैम्पबेल एक महान विज्ञान कथा सम्पादक था। वह इतना महान था कि आज भी उसे हम याद करते हैं।
2. About science fiction his opinion was that its domain was so that all societies past and future, probable or improbable, realistic or fantastic and all events and complications were possible in all those societies.
विज्ञान कथा के बारे में उसका मत था कि इसका क्षेत्र ऐसा था कि सभी समाज, अतीत और भविष्य काल, सम्भावित अथवा असम्भावित, वास्तविक और काल्पनिक तथा सभी घटनाएँ एवं जटिलताएँ इन समाजों में सम्भव थीं।
3. The 'mainstream fiction' deals with the here and now and introduces the small novelty and forms only an in considerable faction of the whole.
'मुख्यधारा कथा' यहाँ वहाँ को व्यवहार में लाती है और छोटी सी नवीनता और भिन्नता का परिचय देती है तथा सम्पूर्ण का केवल एक छोटा सा भाग धारण करती है।
Passage 6.
After all, it is as perfectly possible to cling to the rules of the game in science fiction mysteries as in ordinary ones. The science fiction mystery may be set in the future and in the midst of a society far different from ours; one in which human beings have developed telepathy, for instance, or in which light-speed mass transport is possible, or in which all human knowledge is computerized for instant retrieval - but the rules still hold.
Questions :
1. How can we cling to the rules?
हम नियमों से कैसे बँधे रह सकते हैं ?
2. How should science fiction mystery be set?
विज्ञान कथा रहस्य को किस प्रकार व्यवस्थित किया जाना चाहिए?
3. What type of society should be depicted in science fiction mystery?
विज्ञान कथा रहस्य में किस प्रकार का समाज दिखाया जाना चाहिए?
Answers :
1. We can cling to the rules of the game in science fiction mysteries as in ordinary ones because these rules are too simple.
हम विज्ञान कथा रहस्यों में ठीक उसी प्रकार बँधे रह सकते हैं जिस प्रकार सामान्य नियमों से क्योंकि ये अत्यधिक सरल होते हैं।
2. Science fiction mystery should be set in the future and in the midst of a society for different from that of ours.
विज्ञान कथा रहस्य को भविष्य काल में व्यवस्थित किया जाना चाहिए और एक ऐसे समाज के मध्य जो कि हमारे समाज से पूरी तरह भिन्न हो।
3. The society shown in science fiction mystery should be one in which light speed mass transport is possible or human beings have developed telepathy.
विज्ञान कथा रहस्य में दिखाया गया समाज एक ऐसा समाज होना चाहिए जिसमें प्रकाश की गति से यात्रा करना सम्भव हो अथवा मनुष्यों ने दूरसंवेदी उपकरण विकसित कर लिए हों।
About the Author :
Isaac Asimov was a Russian born American author and biochemist. He was a highly successful and exceptionally prolific writer best known for his works on science fiction and for his popular science books.
Most of Asimov's popularised science books explain science concepts in a historical way, going back as far as possible to a time when the science in question Isaac Asimov was at its simplest stage. He also lent his name to the magazine, Asimov's Science Fiction.
लेखक के बारे में :
आइजैक एसीमोव रूस में जन्मे अमेरिकी लेखक और जीव रसायनज्ञ थे। वह अत्यन्त सफल और असाधारण रूप से सृजनशील लेखक थे, जो अपनी विज्ञान कथा और अपनी लोकप्रिय विज्ञान की पुस्तकों के लिए अत्यन्त प्रसिद्ध रूप से जाने जाते हैं। एसीमोव की अधिकतर लोकप्रिय विज्ञान की पुस्तकें ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में विज्ञान के सिद्धान्तों को बताती हैं, जितना सम्भव हो सके उतना पीछे एक ऐसे समय में पहुँचकर जब प्रश्नों में विज्ञान अपने सरलतम रूप में था। उसने अपना नाम एक पत्रिका को भी दिया जिसका नाम था-एसीमोव की विज्ञान कथा।
About the Essay :
‘On Science Fiction' is an essay written by Isaac Asimov in which he talks us how a science fiction should be written. The writer was born in Russia and he migrated to America. His science fiction writing is extra ordinary. He also published on his science magazine ‘Asimov's Science Fiction”. In the essay he tells us that the real science fiction could be written only after the Industrial Revolution in 1800. He clearly depicts that in the pre scientific era, the scientific work was done by priests and magicians.
But with the passage of time, the form changed and now the Universe follows the principles of the laws of nature. It is no longer dependent on the mercy of Gods and demons. It is quite true that writing of science fiction mystery is difficult but it is not impossible. The science fiction mystery should be set in future and the society depicted in the science fiction mystery should be for different from ours.
निबन्ध के बारे में :
'ऑन साइंस फिक्शन' आइजैक एसीमोव द्वारा लिखित निबन्ध है जिसमें वह बताता है कि किस प्रकार विज्ञान कथा लिखी जानी चाहिए। लेखक का जन्म रूस में हुआ था परन्तु वह अमेरिका चला गया था। उसका विज्ञान कथा लिखने का तरीका असाधारण है। वह अपनी विज्ञान पत्रिका 'एसीमोव'ज साइन्स फिक्शन' के नाम से प्रकाशित करता था। निबन्ध में वह हमें बताता है कि वास्तविक विज्ञान कथा सन् 1800 में औद्योगिक क्रान्ति के बाद ही लिखी जा सकी।
वह स्पष्ट रूप से बताता है कि विज्ञान पूर्व के युग में वैज्ञानिक कार्य पुजारियों और जादूगरों द्वारा किया जाता था। लेकिन समय के साथ-साथ स्वरूप बदल गया और अब ब्रह्माण्ड प्रकृति के नियमों के अनुसार चलता है। अब यह देवताओं और दैत्यों की दया पर निर्भर नहीं है। यह पूरी तरह से सत्य है कि विज्ञान कथा रहस्य का लिखना कठिन है किन्तु यह असम्भव नहीं है। विज्ञान कथा रहस्य भविष्यकाल में लिखा जाना चाहिए और जो समाज विज्ञान कथा रहस्य में दिखाया जाये, वह पूरी तरह से हमारे समाज से भिन्न होना चाहिए।
कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद
I
The prescientific ......... our own. (Pages 191-192)
कठिन शब्दार्थ-prescientific (प्रि--साइन्टिफिक्) = before science, विज्ञान से पूर्व । forward (फॉवड्) = about on article, प्रस्तावना। prehistoric (प्रीहिस्टॉरिक्) = before events were written down, प्रागैतिहासिक। fiction (फिक्श्न् ) = novels, stories, कथावस्तु । sophisticated (सफिस्टिकेटेड्) = showing a lot of experience, अति अनुभवी। transcending (ट्रैन्सेन्डिङ्) = go further the usual limits, सीमाओं से परे।
हिन्दी अनुवाद- विज्ञान से पूर्व का ब्रह्माण्ड प्रस्तावना प्रत्येक इतिहास में एक प्रागैतिहासिक काल होता है। विज्ञान कथावस्तु के मामले में, प्रागैतिहास आज भी इस क्षेत्र के कुछ पक्षों में उपस्थित रहता है। लेकिन उसका क्या? ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार हिम युग की कला आधुनिक अतिअनुभवी मनुष्य द्वारा किसी भी रूप में उत्पादित होने पर भी अपना स्वरूप बनाये रख सकती है, उसी प्रकार विज्ञान कथावस्तु के प्रागैतिहासिक पक्ष भी प्रमाणित साहित्यिक स्वरूप को सिद्ध करते हैं।
मैंने हमेशा इस बिन्दु की ओर इशारा किया है कि वास्तविक विज्ञान की कथावस्तु पिछली दो शताब्दियों की देन है। विज्ञान की कथावस्तु भविष्य के एक चित्र के रूप में तब तक स्थित नहीं रह सकती जब तक कि लोगों को यह विचार न आये कि यह विज्ञान और तकनीक ही है जो भविष्य निर्माण करती है; कि यह विज्ञान और तकनीक का ही विकास है (अथवा अत्यन्त सूक्ष्म रूप में, उनमें परिवर्तन) जो कि भविष्य को वर्तमान और अतीत से भिन्न बनाने के लिए बाध्य है, और इस प्रकार कहानी बनती है।
स्वाभाविक रूप से, कोई भी इस विचार को आसानी से प्राप्त नहीं कर सकता था जब तक कि वैज्ञानिक और तकनीकी परिवर्तन की दर लोगों के द्वारा अपने जीवनकाल में महसूस करने के लिए अत्यधिक तीव्र न हो जाए। यह औद्योगिक क्रान्ति के लगभग साथ आई-लगभग सन् 1800 में-और केवल इसी के बाद यह हुआ कि विज्ञान कथावस्तु लिखी जा सकी।
और इस पर भी कुछ न कुछ ऐसा रहा होगा कि विज्ञान कथावस्तु से पूर्व आया, कुछ ऐसी चीज जो विज्ञान कथावस्तु नहीं थी। लेकिन फिर भी उसने उसी भावनात्मक आवश्यकता को पूरा किया। कुछ विचित्र और भिन्न कहानियाँ रही होंगी-ऐसे जीवन की नहीं जो हम जानते हैं-और शक्तियाँ रही होंगी जो हमारे ज्ञान की सीमाओं से भी परे रही होंगी।
Let's consider ............ size and power. (Page 192)
कठिन शब्दार्थ-manipulate (मनिप्युलेट) = to influence, use, move or control something, किसी वस्तु का प्रभाव, प्रयोग, हिलना अथवा नियंत्रण करना। steadily (स्टेडिलि) = firmly, स्थिरतापूर्वक। unbreakable (अन्ब्रेकब्ल्) = unable to be broken, अटूट। thwart (थ्वॉट्) = to stop, योजना में बाधा डालना। notion (नोश्न्) = an idea, विचार, धारणा। analogous (अनैलगस्) = similar, अनुरूप। magnitude (मैग्निट्यूड्) = great or important, बड़ा या महत्त्वपूर्ण।
हिन्दी अनुवाद-आइये हम विचार करें वह सम्मान जो विज्ञान एवं वैज्ञानिकों के लिए लोगों में है (अथवा वह भय जो लोगों में है अथवा दोनों का मिश्रण) कुछ निश्चित विश्वासों पर आधारित है कि विज्ञान ब्रह्माण्ड की जानकारी की चाबी है और यह कि वैज्ञानिक उस चाबी का प्रयोग विज्ञान को समझने में करते हैं।
विज्ञान के माध्यम से लोग प्रकृति के नियमों का प्रयोग वातावरण को नियंत्रित करने तथा मानवीय शक्तियों में वृद्धि करने के लिए कर सकते हैं। उन नियमों की निरन्तर विस्तृत बढ़ती हुई समझ के फलस्वरूप, मनुष्य की शक्तियाँ अतीत की तुलना में भविष्य में अत्यधिक होंगी। यदि हम उन विभिन्न प्रकारों की कल्पना कर सकें जिनमें वे और ज्यादा महान होंगी तो हम कहानियाँ लिख सकते हैं।
लेकिन फिर भी, पिछली शताब्दियों में, अधिकतर व्यक्तियों में समझ तो थी परन्तु अत्यन्त कम, यदि कोई भी थी तो, इस प्रकार की जैसे प्रकृति के नियम। वे उन निमयों के बारे में नहीं जानते थे जो अटूट थे; कि ऐसी वस्तुएँ होनी चाहिए जो कि न तो हमारी सेवा में सहायता कर सकें और न ही हमारी योजना में बाधा डाल सकें, बल्कि जो स्वयं को यश का भागीदार बना सकें, यदि हम यह जानते हों कि कैसे।
इसके स्थान पर, यह धारणा थी कि ब्रह्माण्ड जीवन और इच्छाशक्ति के लिए खेल की एक वस्तु है; कि यदि ऐसी घटनाएं होती हैं जो मानवीय कार्यों के अनुरूप दिखाई देती हैं लेकिन वे आकार तथा महत्त्व में बहुत ज्यादा बड़ी हैं, उन्हें जीवन के उन स्वरूपों के द्वारा ले जाया जाता था जो उनके समान थीं जिन्हें हम जानते हैं लेकिन वे आकार और शक्ति में विशाल थीं।
The beings who ............. erratically at best. (Page 193)
कठिन शब्दार्थ-sharply (शाप्लि) = thin but strong, तीक्ष्ण। sci-fi = science fiction, the name of a Hollywood movie, हॉलीवुड की एक फिल्म का नाम। demonstrates (डमन्स्ट्रेट्स) = to display, प्रदर्शित करना। whimsical (विम्जिक्ल) = unusual, शक्की , बहमी। unpredictable (अप्रिडिक्टब्ल्) = that cannot be predictated, जिसका अनुमान न लगाया जा सके। disastrous (डिजास्ट्रस्) = terrible, विनाशकारी।
roused (राउज्ड्) = to wake up, उत्पन्न होना। placating (प्लकेटिङ्) = to quieten, शान्त करना। disproven (डिस्प्रूव्न्) = to show untrue, असत्य सिद्ध करना। wavered (वेवड्) = uncertain, अनिश्चित । sneer (स्निअ(र्)) = to mock, हँसी उड़ाना, उपहास। meteorologists (मीटिअरॉलजिस्ट) = a person who studies weather, मौसम विज्ञानी । erratically (इरैटिक्लि ) = changing without season, अनिश्चित ढंग से।
हिन्दी अनुवाद-इसलिए वे प्राणी जिन्होंने प्राकृतिक घटनाओं को नियंत्रित किया, उनको मानवीय स्वरूप में चित्रित किया गया परन्तु उनमें शक्ति, आकार, योग्यताएँ और जीवन की लम्बाई अलौकिक थी। कभी-कभी उन्हें अलौकिक जानवर के रूप में चित्रित किया गया अथवा जानवरों के अलौकिक समूह के रूप में चित्रित किया गया। (असाधारण के आविष्कार में लगातार साधारण का सन्दर्भ देने की केवल आशा की जा सकती है क्योंकि कल्पनाएँ तीक्ष्ण रूप से सीमित होती हैं, यहाँ तक कि हमारे अन्दर के सर्वश्रेष्ठ में भी, और किसी भी वास्तविक नई अथवा असाधारण चीज में कुछ सोचना अत्यन्त कठिन होता है जैसा कि हॉलीवुड के विज्ञान कथानक लगातार प्रदर्शित करते हैं।)
क्योंकि ब्रह्माण्ड के क्रियाकलापों का प्रायः कोई अर्थ नहीं होता है, इसलिए देवताओं को अक्सर सनकी और अनुमान न लगाने योग्य प्रदर्शित किया जाता है; अप्रत्याशित रूप से बचकानेपन से बेहतर नहीं होते हैं। क्योंकि प्राकृतिक घटनाएँ प्रायः विनाशकारी होती हैं इसलिए देवताओं को आसानी से दोषी बनाया जा सकता है। क्योंकि प्राकृतिक घटनाएँ प्रायः सहायक होती हैं, देवता मूलरूप से दयालु होते हैं, इसलिए उनके साथ ठीक प्रकार व्यवहार किया जाता है और कि उनका क्रोध उत्पन्न नहीं होता है।
यह इतना ज्यादा तार्किक है कि इसे माना नहीं जा सकता है कि लोग देवताओं को शान्त करने और उन्हें मनाने के लिए उपायों का आविष्कार करेंगे। और न ही इन सूत्रों की वैधता को सामान्य रूप से घटनाओं द्वारा असत्य सिद्ध किया जा सकता है।
यदि ये सूत्र कार्य नहीं करते हैं तब निःसन्देह, किसी व्यक्ति ने इन देवताओं को अपमानित करने के लिए कुछ न कुछ किया है। वे लोग जिन्होंने इन सूत्रों का आविष्कार किया अथवा प्रयोग किया था, उन्हें उन व्यक्तियों को दोषी पाने में कोई परेशानी नहीं हुई जिन्हें विशेष उदाहरणों में सूत्र की असफलता का दोष दिया जाए, ताकि स्वयं सूत्रों में विश्वास कम न हो जाए। हमें उपहास करने की आवश्यकता नहीं है। इसी सिद्धान्त से हम अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों और मौसम विज्ञानियों में आज विश्वास बनाये रखते हैं, यद्यपि उनके वक्तव्य सर्वश्रेष्ठ रूप में केवल अनिश्चित ढंग से वास्तविकता से मिलते-जुलते दिखाई देते हैं।
In prescientific times ................... automobile can. (Pages 193-194)
कठिन शब्दार्थ-wizard (विजड्) = magician, जादूगर । shaman (शैमन्) = a religious priest, धर्माधिकारी । supernormal (सूपनॉमल्) = extraordinary, असाधारण। partake (पाटेक्) = to do some activity, गतिविधि करना। shells (शेल्स) = a hard covering, आवरण। whisperings (विस्परिङ्) = to speak quietly, धीमी आवाज में बोलना। seven league boot = the ability to travel very fast on foot, बहुत तेज पैदल चलने की क्षमता।
हिन्दी अनुवाद-विज्ञान पूर्व के समय में, तब, पुजारी, जादूगर, धर्माधिकारी हुआ करते थे (पुनः नाम का कोई महत्त्व नहीं है) जो आज के वैज्ञानिक का कार्य किया करते थे। यह पुजारी इत्यादि होता था जिसको ब्रह्माण्ड को नियंत्रित करने के रहस्य जानने वाला माना जाता था और यह जादू के सूत्रों में ज्ञान की वृद्धि थी जो शक्ति में वृद्धि कर सकती थी।
प्राचीन मिथक और किंवदन्तियाँ उन मनुष्यों की कहानियों से भरी हुई हैं जिनके पास असाधारण शक्तियाँ थीं। उदाहरण के लिए, ऐसे पौराणिक नायक हैं जो पंखों वाले घोड़ों अथवा उड़ते हुए कालीनों को नियंत्रित करना सीखते हैं। वे प्राचीन छोटे-छोटे जादू आज भी हमें आकर्षित करते हैं, और मैं कल्पना करता हूँ कि एक नवयवुक ऐसे रहस्यमय हवाई करतबों के तरीकों के बारे में रोमांचित हो सकता और इसमें भाग लेने के मौके के बारे में इच्छा व्यक्त कर सकता है, उस समय भी जब वह हवाई जहाज में कहानियाँ पढ़ रहा हो।
स्फटिक की गेंद के बारे में सोचिए, जिसमें व्यक्ति उन वस्तुओं को भी देख सकता है जो मीलों दूर हो रही हों, और जादुई आवरण को देख सकता है जो अनेकों मील दूर मनुष्य की फुसफुसाहट को भी हमें सुनने दे सकती है। आज दूरदर्शन और टेलीफोन से ज्यादा आश्चर्यजनक क्या हो सकता है। उन दरवाजों के बारे में सोचें जो कि दूरस्थ नियंत्रक यंत्र के स्थान पर 'ओपन सिसेम' से खुलते हैं। बहुत तेज पैदल चलने की क्षमता के जादुई जूतों के बारे में सोचिये जो आपको देहात के पार उतनी ही तीव्रता से ले जा सकते हैं जितनी कि कोई गाड़ी।
Or
for that matter.......................gods and demons. (Page 194)
कठिन शब्दार्थ-monster (मॉन्स्ट (र)) = large ugly creature, दैत्य। travesties (ट्रेवस्टिज्) = without quality or value, विडम्बना, अपमानजनक। centaur (सैन्टॉ()) = manhorse, नराश्व। satyr (सैट()) = man-goat, वन-देवता । sphinx (स्फिक्स् ) = a woman-lion, एक मूर्ति जिसका सिर महिला और धड़ सिंह का होता है।
harpy (हापी) = a cruel woman, क्रूर महिला। gryphon (ग्रिफिन) = eagle-lion, गरुड़-शेर की आकृति। Gorgon (गॉगन्) = snakewoman, सर्प-महिला की आकृति। extraterrestrials (एक्सटरेसट्रियल) = a creature of another planet, दूसरे ग्रह का प्राणी। coerce (कोअस्) = by force, जबरदस्ती, बलपूर्वक। cajole (कजोल्) = pursuade, खुशामद से बात मनवाना। impersonal (इम्पसन्ल) = cold in feeling, उदासीन, तटस्थ।
हिन्दी अनुवाद-अथवा उस मामले में, किंवदन्ती के दैत्य के बारे में सोचें, पशु के संयोजन द्वारा आविष्कार की गई जीवन की शक्तिशाली प्रक्रियाएँ : मानव-घोड़ा अर्थात् नराश्व, मनुष्य-बकरी अर्थात् वनदेवता, महिला-सिंह अर्थात् एक मूर्ति जिसका सिर मानव और धड़ सिंह का होता है, बाज-महिला अर्थात् क्रूर महिला, गरुड़ और शेर की आकृति, सर्प-महिला की आकृति और इसी प्रकार और अन्य। विज्ञान कथावस्तु में हमारे पास दूसरे ग्रहों के प्राणी होते हैं जो कि प्रायः इसी सिद्धान्त पर कार्य करते हैं।
इन प्राचीन कहानियों के उद्देश्य ठीक उसी प्रकार होते हैं जैसे आधुनिक विज्ञान कथावस्तु के होते हैं-जीवन का वह प्रदर्शन जिसे हम नहीं जानते हैं। भावनात्मक आवश्यकताएँ जिनको पूरा किया जाता है, वे भी ठीक वैसी ही होती हैं-आश्चर्य की इच्छा की सन्तुष्टि। इसमें अन्तर यह होता है कि प्राचीन मिथक और किंवदन्तियाँ उन आवश्यकताओं को पूरा करती हैं
और ब्रह्माण्ड की पृष्ठभूमि के विपरीत उन लक्ष्यों को पूरा करती हैं जिसे देवता और दैत्यों के द्वारा नियंत्रित किया जाता है जो कि, बदले में, जादुई सूत्रों के द्वारा नियंत्रित किये जा सकते हैं जो या तो बाध्यकारी जादुई शक्तियों के रूप में होते हैं अथवा खुशामद के द्वारा बात मनवाने के रूप में होते हैं । विज्ञान कथावस्तु, दूसरी ओर, ब्रह्माण्ड की पृष्ठभूमि के विपरीत उन आवश्यकताओं को पूरा करती है जो अमूर्त और प्रकृति के अनुत्तरित नियमों के द्वारा नियंत्रित होती हैं, जो कि बदले में, उनकी प्रकृति की समझ के द्वारा नियंत्रित हो सकती हैं। एक संकीर्ण भाव में, आज केवल विज्ञान कथावस्तु ही वैध है क्योंकि, हम जितना अधिक बता सकते हैं, यह ब्रह्माण्ड प्रकृति के नियमों का पालन करता है, और यह देवताओं और दैत्यों की दया पर निर्भर नहीं है।
Nevertheless, there ...........exciting stories. (Page 195)
कठिन शब्दार्थ-haughty (हॉटि) = proud, घमण्डी। tickled (टिकल्ड्) = to touch lightly, गुदगुदी करना। accord (अकॉड्) = an agreement, समझौता। thrill (थ्रिल) = strong feeling, उत्तेजना, रोमांच। spears (स्पिअस्) = a long pole with sharp end, माला। naval (नेव्ल्) = related to navy, नौसेना से सम्बन्धित। mythological (मिथलॉजिकल) = very old stories, पौराणिक। analogous (अनैलगस्) = similar in some way, आंशिक रूप से समरूप। sorcery (सॉसरि) = the art of using magic, जादू-टोना। wrenched (रेन्च्ड् ) = झटका देकर मरोड़ना। gloss (ग्लॉस्) = that makes smooth and shiny surfaces, सतह को चमकदार बनाने वाला पदार्थ। consistent (कन्सिस्टन्ट) = not changing, अपरिवर्तनीय।
हिन्दी अनुवाद-लेकिन फिर भी, यह सत्य है जब हमें अपनी परिभाषाओं में संकीर्ण अथवा घमण्डी नहीं होना चाहिए। साहित्य की उस शैली को बाहर निकालना किसी छोटे से कारण से कि यह वास्तविकता के अनुरूप नहीं है गलत होगा जिसने हजारों वर्षों तक लोगों की कल्पनाशीलता को गुदगुदाया है। वास्तविकता यहाँ पर बिल्कुल भी नहीं है। क्या हम अब एकिलीडा और हैक्टर के द्वन्द्व युद्ध से बिल्कुल भी रोमांचित नहीं होंगे सिर्फ इसलिए कि अब लोग भाले और ढालों से लड़ाई नहीं लड़ते हैं? क्या अब हम 1812 के नौसैनिक युद्ध और नैपोलियन के युद्धों से बिल्कुल भी रोमांचित नहीं होंगे क्योंकि हमारे युद्धक जहाज अब लकड़ी के बने हुए नहीं हैं और अब वे पाल से सुसज्जित नहीं हैं ? कभी नहीं!
तब, लोगों को जो रोमांचक विज्ञान कथावस्तु की साहसिक कहानी का आनन्द उठाते हैं, उन्हें पौराणिक कथावस्तु की साहसिक कहानी का आनन्द क्यों नहीं उठाना चाहिए? दोनों प्रकार की कहानियाँ अलग-अलग प्रकार के ब्रह्माण्डों में व्यवस्थित की जाती हैं लेकिन दोनों में ही आंशिक रूप से समानता होती है। इसलिए यद्यपि मैं पर्याप्त रूप से विज्ञान कथावस्तु की मेरी परिभाषा में संकीर्णता प्रदर्शित न करने वाला हूँ और मैं विज्ञान कथावस्तु में तलवार और जादू-टोना के उदाहरण प्रस्तुत करने का इच्छुक नहीं हूँ, लेकिन मैं इस बात का इच्छुक हूँ कि इसे दूसरे प्रकार के ब्रह्माण्ड में प्रदर्शित किये गये विज्ञान कथावस्तु के समान माना जाए-एक विज्ञान पूर्व का ब्रह्माण्ड ।
मैं यह भी नहीं पूछता हूँ कि उन्हें सन्दर्भ से एक झटके में हटा दिया जाये और किसी भी प्रकार वैज्ञानिक अथवा झूठी वैज्ञानिक चमक के द्वारा वास्तविक ब्रह्माण्ड में समायोजित कर दिया जाये। मैं केवल इतना कहना चाहता हूँ कि वे अपने वैज्ञानिक पूर्व ब्रह्माण्ड में स्वतः अपरिवर्तनीय रहें-और कि वे अच्छी लिखित और रोमांचक कहानियाँ हों।
II
The Universe of Science .................... wilderness. (Page 196)
कठिन शब्दार्थ-anthologies (ऐन्थॉलजिज्) = a book of poems etc. by different authors, विभिन्न लेखकों द्वारा लिखित कविता इत्यादि का संग्रह । senescence (सिनेसँन्स्) = old age, अधिक उम्र। expertise (एक्स्प टीज्) = a high level skill, विषय की विशेषज्ञता। turgid (ट'जिड्) = expanded, फूला हुआ। athletic (एथ्लेटिक्) = related to sports, खेलकूद से सम्बन्धित । nomadic (नोमैडिक्) = moving people, घुमंतू जनजाति। implicit (इम्प्लिसिट्) = not expressed clearly, अन्तर्निहित। tropical (ट्रॉपिक्ल ) = related to tropics, उष्ण कटिबंधीय।
हिन्दी अनुवाद- विज्ञान कथावस्तु का संसार प्रस्तावना पहले ही, मैंने विज्ञान कथावस्तु के संग्रह की तैयारी कर ली है, जो कि शायद साहित्यिक अधिक उम्र का प्रतीक है, यद्यपि मैं इस बारे में सोचना पसन्द करता हूँ, बजाय इसके कि मैं अपने परिपक्व ज्ञान और विशेषज्ञता को विज्ञान कथा पढ़ने वाले लोगों की सेवा में लगाऊँ। आखिरकार, मैं अपने उचित परिणाम को रोक रहा हूँ और कम कर रहा हूँ। इसके अतिरिक्त, मुझे अवश्य ही स्वीकार करना चाहिए कि मैं सामान्य रूप से सह-सम्पादकों का उपयोग करता हूँ और रोजगार के विस्तृत पक्षों की ओर ज्यादा चिन्ता करने पर मधुर बात करता हूँ-पत्र व्यवहार, खाते बनाना और इसी प्रकार अन्य।
अभी हाल के मेरे ग्रन्थों में से एक The 13 Crimes of Science Fiction (डबल डे, 1979) था जिसमें मेरे सह-सम्पादक हैरी ग्रीनबर्ग और चार्ल्स जी. वॉ थे। इस ग्रन्थ के लिए मैंने प्रस्तावना लिखी जो कि लेखन के अन्य विशेष क्षेत्रों में विज्ञान कथावस्तु से सम्बन्धित था, विशेष रूप से रहस्यों से सम्बन्धित और वह यहाँ प्रस्तुत है। विज्ञान कथावस्तु साहित्यिक संसार है और यह किसी भी प्रकार से छोटा नहीं है क्योंकि विज्ञान कथावस्तु वही है जो यह है। अपने विषयगत नहीं बल्कि अपनी पृष्ठभूमि के कारण। मुझे इसमें जो अन्तर है उसकी व्याख्या करने दो।
एक 'खेल कहानी' में अपने विषयगत अंश के रूप में निश्चित रूप से कोई प्रतिस्पर्धात्मक क्रियाविधि होनी चाहिए, सामान्य रूप से एक खेलकूद से सम्बन्धित। एक 'पश्चिमी कहानी' में इसकी विषयवस्तु के रूप में उन्नीसवीं शताब्दी के बाद की अर्धशताब्दी में पश्चिमी अमेरिका में एक गड़रिये बालक का घुमन्तू जीवन होना चाहिए। 'जंगल कहानी' में इसकी विषयवस्तु के अंश के रूप में जंगलयुक्त उष्णकटिबन्धीय जंगलीपन होना ही चाहिए।
Take the content ................. science fiction also. (Pages 196-197)
कठिन शब्दार्थ-content (कन्टेन्ट्) = the main subject, विषयवस्तु । puck (पक्) = a ball used in Ice hockey, आइस हॉकी की गेंद । gas gun (गैस् गन्) = a gun that fires gas shells, एक बन्दूक जो गैस के गोले छोड़ती है। sphere (स्फिअ(र्)) = round object, गोल वस्तु, गोला। gravity (ग्रैवटि) = the natural force of the earth, गुरुत्वाकर्षण बल। mackerel (मैक्रल) = a sea fish with greenish blue bands on its body, हरी-नीली पट्टियों वाली समुद्री मछली। cod (कॉड्) = a large sea fish, एक बड़ी मछली, कॉड।
Matto Grosso = one of states of Brazil, ब्राजील के राज्यों में से एक। exotic (इग्जाटिक्) = interesting, आकर्षक। plumbs (प्लम्स्) = to measure the depth of water, पानी की गहराई नापना। recesses (रीसेस्स्) = rest, विश्राम। illuminates (इलूमिनेट्स्) = to shine, आलोकित होना। interplanetary (इन्टप्लेनेटरि) = from one planet to another, अन्तर्ग्रह।
हिन्दी अनुवाद-इनमें से किसी एक की सामग्री लें और उसे एक पृष्ठभूमि के विरुद्ध रखें जिसमें एक समाज समाहित हो जो हमारे समाज से महत्त्वपूर्ण रूप से भिन्न हो और आपको कहानी की प्रकृति को परिवर्तित नहीं करना है-आपको उसमें केवल जोड़ना है। एक कहानी में शामिल हो सकता है, बेसबाल और बल्ले का टकराव नहीं, अथवा हॉकी की एक छड़ी और गेंद का टकराव नहीं, बल्कि बन्दूक और गोली का एक ऐसे वातावरण में टकराव जो कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में अन्तरिक्ष स्टेशन से जुड़ा हुआ है। यह भी कठोरतम परिभाषा में जो आप बनाने की चिन्ता करते हो, एक खेल कहानी है लेकिन यह विज्ञान की कथावस्तु भी है।
एक चरवाहा और उसके घोड़े के घुमन्तू जीवन के स्थान पर आज तक मछली पकड़ने वाले व्यक्ति और उसकी डॉल्फिन का घुमन्तू जीवन ले सकते हैं, उसके मैकेरल मछली और कॉड मछली के समूह, इसमें अभी भी पश्चिमी कहानी की आत्मा है और यह विज्ञान कथावस्तु भी है। आप Matto Grosso (ब्राजील का एक राज्य) के स्थान पर एक दूर स्थित ग्रह पर एक जंगल ले सकते हैं, जो वातावरण के मुख्य तत्वों में पूरी तरह से भिन्न है, जहाँ पर चारों ओर पर्यावरण और वनस्पति में आकर्षक खतरे हैं, यहाँ की ग्रहीय विशेषताएँ कभी भी पृथ्वी की विशेषताओं से मेल नहीं खाती हैं, यह एक जंगल कहानी होगी और विशेष कथावस्तु भी होगी।
इस मामले में आपको स्वयं को श्रेणी कथावस्तु तक सीमित नहीं करना चाहिए। गहनतम उपन्यास लें जिसकी आप कल्पना कर सकें, एक ऐसा उपन्यास जो कि अत्यन्त गहराई से आत्मा के गोपनीय विश्राम स्थल से सम्बन्धित होता है और एक ऐसा चित्र खींचता है जो कि प्रकृति तथा मानवीय परिस्थितियों को प्रकाशित करता है और उसे एक ऐसे समाज में स्थापित करती है जहाँ पर एक ग्रह से दूसरे ग्रह की यात्रा सामान्य बात है और उसे एक ऐसा कथानक देती है जिसमें इस तरह की यात्रा शामिल है और यह न केवल एक महान साहित्य है-यह विज्ञान की कथावस्तु भी है।
John W. Campbell .............. to the world. (Pages 197-198)
कठिन शब्दार्थ-domain (डमेन्) = an area, एक क्षेत्र। conceivable (कन्सीवबल) = possible to believe, विश्वसनीय। novelty (नॉवल्टि) = new and different, नवीनता और भिन्नता। mainstream (मेन्स्ट्रीम्) = belonging to most people, मुख्यधारा विषयक। retreat (रिट्रीट) = to move backward, पीछे हटना। upheld (अपहेल्ड्) = to support, समर्थन करना। scoundrel (स्काउन्ड्रल) = a man who behaves very badly, दुष्ट, बदनाम। revealed (रिवील्ड्) = to make known, प्रकट करना।
हिन्दी अनुवाद- दिवंगत महान विज्ञान कथावस्तु सम्पादक जॉन डब्ल्यू. कैम्पबेल कहा करता था कि विज्ञान कथाएँ इसे अपने क्षेत्र के रूप में मानती थीं, सभी विश्वसनीय समाज, अतीत और भविष्य, सम्भावित और असम्भावित, वास्तविक अथवा काल्पनिक और सभी घटनाओं और जटिलताओं के साथ व्यवहार करती थीं, जो उन सभी समाजों में सम्भव थीं। 'मुख्यधारा विषयक कथावस्तु' के लिए जो कि जहाँ-तहाँ से व्यवहार करती है और विश्वसनीय घटनाओं और पात्रों की छोटी-छोटी नवीनताओं और भिन्नताओं का परिचय कराती है जो कि सम्पूर्ण का केवल एक महत्त्वहीन स्वरूप धारण करती है। और मैं उससे पूरी तरह से सहमत है।
केवल एक स्वरूप में जॉन विज्ञान कथावस्तु के अन्तहीन सीमाओं युक्त भव्य दृष्टिकोण से पीछे हटा है। कठिनाई का सामना करने की असफलता के समय उसने यह बनाये रखा कि रहस्ययुक्त विज्ञान कथानक लिखना असम्भव है। विज्ञान कथाओं में सुअवसर इतने व्यापक थे, उसने कहा, कि वे कठोर नियम जिन्होंने शास्त्रीय रहस्यमय कहानी को पाठकों के लिए शानदार बनाया, उनका समर्थन नहीं किया जा सका।
'मैं कल्पना करता हूँ कि उसने जो कुछ भी आशा व्यक्त की, वह कहानी के मध्य में बिना चेतावनी के अचानक नियमों का परिवर्तन था। मैं मानता हूँ, कुछ इस प्रकार का "अरे वाट्सन, उस दुष्ट ने जिस चीज की गिनती नहीं की थी वह थी यह पॉकेट फ्रेनिस्टन जो कि मेरे पॉकेट फ्रेनिस्टन कन्टेनर में है, मैं शीशे की पंक्ति के द्वारा देख सकता हूँ और बता सकता हूँ कि सजे हुए छोटे संदूक में क्या है।" "कमाल है, होम्स, लेकिन यह कार्य कैसे करता है?" "क्यू किरणों के उपयोग द्वारा, मेरी अपनी छोटी सी खोज जिसे मैंने दुनिया को कभी नहीं बताया।"
Naturally, there is ... that science. (Page 198)
कठिन शब्दार्थ-detective (डिटेक्टिव्) = a person who solves crimes, गुप्तचर, जासूस। distinguish (डिस्टिङग्विश्) = difference, अन्तर। bloopers (ब्लूपस्) = mistake, गलती। antimony (ऐन्टिमनि) = a silver white metal, एक धातु। compound (कॉमपाउन्ड्) = substances combined together, पदार्थों का सम्मिश्रण। irritating (इरिटेटिङ्) = to annoy, किसी को क्रुद्ध करना। demonstrated (डेमन्स्ट्रेट्ड्) = to show, प्रदर्शित करना। shambles (शैमब्ल्ज् ) = confusion, पूर्ण अव्यवस्था, अस्त-व्यस्त। grisly (ग्रिड्लि ) = terrible, भयानक । notion (नोश्न्) = an idea, विचार, धारणा। extrapolate (इक्स्ट्रै पलेट्) = to form an opinion, विशेष मूल्यांकन।
हिन्दी अनुवाद-स्वाभाविक रूप से, ऐसा करने का प्रलोभन है। शास्त्रीय रहस्य कहानी तक में जो कि विज्ञान कथा नहीं है, उसमें भी कथावस्तु को आगे बढ़ाने के लिए जासूस को असाधारण शक्तियाँ देने का प्रलोभन रहता है। शरलक होम्स की देखते ही सैकड़ों प्रकार की तम्बाकू की राख को अलग-अलग करने की योग्यता, जैसा कि शायद एक क्षण के नोटिस पर भी क्यू किरण का आविष्कार सफल न हो, निश्चित रूप से अनुचितता की दिशा में एक कदम है।
तब, भी, ऐसी कोई चीज नहीं है जो यहाँ तक कि कठोरतम में से भी कठोर रहस्यमय लेखकों को वास्तविक विज्ञान के प्रयोग को रोक सके, यहाँ तक कि विज्ञान के नवीनतम उपलब्ध आविष्कार भी, जिसके बारे में पाठकों ने नहीं सुना होगा। वह अभी भी उचित माना जाता है।
लेकिन फिर भी इसमें खतरे हैं क्योंकि बहुत से रहस्यमय कथाओं के लेखक विज्ञान को नहीं जानते हैं और स्वयं को गल्तियाँ करने से नहीं रोक सकते हैं। एक पुस्तक में, जॉन डिकसन कार ने बताया कि वह तत्व, धातु और मिश्रण, पोटेशियम टारट्रेट धातु के बीच अन्तर नहीं जानता है ।
यह केवल क्रुद्ध करने वाला है लेकिन एक दूसरी पुस्तक में, उसने प्रदर्शित किया कि कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाईऑक्साइड के बीच के अन्तर को स्पष्ट नहीं कर सका और पूरा कथानक अस्त-व्यस्त हो गया। डोरोथी सेयर्स की और ज्यादा भयानक लघु कहानियों में से एक में थायराइड हारमोन्स का प्रभाव था और, यद्यपि उसे उसका ठीक विचार ज्ञात था, परन्तु उसने प्रभावों को असम्भव रूप से तीव्र और अत्यधिक कर दिया।
तब फिर, वैज्ञानिक रहस्य की कथा लिखने में असाधारण खतरे और कठिनाइयाँ हैं; रहस्ययुक्त विज्ञान कथा लिखना और भी कितना ज्यादा खतरनाक और कठिनाई युक्त। विज्ञान कथा में, तुम्हें न केवल अपने विज्ञान का ज्ञान होना चाहिए बल्कि आप में एक तार्किक विचार भी होना चाहिए कि उस विज्ञान को किस प्रकार सुधारा जाए और किस प्रकार उसका विशेष मूल्यांकन किया जाए।
That, however, only ........... science fiction. (Page 199)
कठिन शब्दार्थ-conceptually (कॉन्सेप्चुअलि) = perception, धारणा । cling (क्लिङ्) = to hold on tightly, चिपकना, लिपटना। telepathy (टलेपथि) = communication of thoughts, दूर-संवेदन। mass (मैस्) = quantity of material, द्रव्यमान। retrieval (रिट्रीवल्) = receiving again, पुनः प्राप्ति। herrings (हेरिङ्स्) = a fish of large groups, ठण्डे पानी की मछली। obscure (अब्स्क्यु अ) = not well known, धुंधला, अप्रसिद्ध। outre (अट्रे) = strange, विचित्र । modest (मॉडिस्ट्) = humble, विनम्र।
हिन्दी अनुवाद-हालाँकि, इसका अर्थ केवल यह है कि रहस्यमय विज्ञान कथा लिखना अत्यन्त दुष्कर कार्य है। इसका अर्थ यह नहीं है कि यह धारणा बना ली जाए कि यह असम्भव है जैसा कि जॉन कैम्पबैल सोचता है। आखिरकार, रहस्यमय विज्ञान कथा लेखन में खेल के नियमों से चिपके रहना उतना ही सम्भव है जितना सामान्य कथा लेखन में। विज्ञान कथा रहस्य को भविष्य में भी सैट किया जा सकता है और समाज के बीच में भी जो कि हमसे बिल्कुल भिन्न है।
उदाहरण के लिए, एक जिसमें मनुष्यों ने दूर-संवेदन को विकसित किया है अथवा जिसमें रोशनी की गति के द्रव्यमान को आगे बढ़ाना सम्भव होता है, अथवा जिसमें सम्पूर्ण मानवीय ज्ञान को तुरन्त पुनः प्राप्त करने के लिए कम्प्यूटर पर आधारित किया जाता है लेकिन नियम अभी भी स्थायी रहते लेखक को अत्यन्त सावधानी से अपने पाठकों के समक्ष काल्पनिक समाज की सीमाओं की सीमितता की स्पष्ट व्याख्या करनी चाहिए।
यह पूरी तरह से स्पष्ट होना चाहिए कि क्या किया जा सकता है और क्या नहीं किया जा सकता है और उन स्थायी सीमाओं के साथ, पाठक को तब प्रत्येक चीज को देखना और सुनना चाहिए जिसे अनुसंधानकर्ता देखता है और सुनता है, तथा उसे प्रत्येक संकेत के प्रति जागरूक होना चाहिए जिससे अनुसंधानकर्ता अचानक मिलता है। इस सब में गलत दिशा और लाल निशान हो सकते हैं ताकि अस्पष्ट और भ्रमित किया जा सके लेकिन पाठक के लिए यह सम्भव रहना चाहिए कि वह अन्वेषक का परिचय करा सके, चाहे समाज कितना भी विचित्र क्यों न हो।
क्या यह किया जा सकता है? आप शर्त लगाते हैं। विनम्रता से, मैं आपको अपने दो विज्ञान कथा रहस्यों का सन्दर्भ दे रहा हूँ, 'द केव्स ऑफ स्टील' और 'द नैकेड सन' जो मैंने 1950 के दशक में लिखी थीं, जॉन को यह दिखाने के लिए कि वह विज्ञान कथावस्तु में अत्यधिक विनम्र हो रहा था।