RBSE Solutions for Class 12 English Kaleidoscope Non-fiction Chapter 2 The Mark on the Wall

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 English Kaleidoscope Non-fiction Chapter 2 The Mark on the Wall Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 12 English are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 12 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Our team has come up with job letter class 12 to ensure that students have basic grammatical knowledge. 

RBSE Class 12 English Solutions Kaleidoscope Non-fiction Chapter 2 The Mark on the Wall

RBSE Class 12 English The Mark on the Wall Textbook Questions and Answers

Understanding the Text :

Question 1. 
An account of reflections is more important than a description of reality according to the author. Why?
लेखिका के अनुसार स्मृतियों की सूची वास्तविकता के वर्णन से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। क्यों?
Answer:
Virginia Woolf writes the present essay in the Stream of Consciousness Technique. In this essay, she leaves a long string of thoughts. It is well known for its fleeting impressions. It also depicts the delicate shades of mental experience.

No doubt, the reality has its own limitations to describe. It is not possible to go beyond the actual appearance. Everything is described about the subject. It is a chain that bound in real sense. When it is described, it effects for a long time. But it is also true that the reflection is described limitlessly. There are no barriers on the way of description. It has no consequences in real sense and it is changed in a short span of time.

RBSE Solutions for Class 12 English Kaleidoscope Non-fiction Chapter 2 The Mark on the Wall

वर्जीनिया वुल्फ ने इस निबन्ध को Stream of Consciousness Technique में लिखा है। इस निबन्ध में, वह विचारों की एक लम्बी श्रृंखला छोड़ती है। वह अपने प्रवाहित होते हुए प्रभावों के लिए जानी जाती है। यह मानसिक अनुभवों की कोमल छाया को प्रदर्शित करती है। निःसन्देह, वास्तविकता का वर्णन करने के लिए अपनी सीमाएँ होती हैं। वास्तविक अनुभव से दूर जाना सम्भव नहीं होता है। हर बात विषय के अनुरूप वर्णित की जाती है।

यह एक श्रृंखला होती है जो कि वास्तविक रूप से बन्धन में रखती है। जब इसका वर्णन किया जाता है, तो यह एक लम्बे समय तक प्रभाव डालती है। लेकिन यह भी सत्य है कि स्मृति को अन्तहीन रूप में वर्णित किया जाता है। वर्णन करने में कोई भी बाधा नहीं आती है। इसका वास्तविक रूप से कोई परिणाम नहीं होता है और यह थोड़े समय में ही परिवर्तित हो जाती है।

Question 2. 
Looking back at objects and habits of a bygone era can give one a feeling of phantom-like unreality. What examples does the author give to bring out this idea?
गुजरे हुए समय की वस्तुओं और आदतों की ओर वापस मुड़कर देखना एक प्रेत-छाया की अवास्तविकता की सी भावना प्रदान करता है। लेखिका ने इस विचार को प्रस्तुत करने के लिए कौनसे उदाहरण दिए हैं?
Answer:
Phantom is an unreal substance. If a person peeps into his past, he remembers his bygone days as phantom like unreality. The people find nothing clear in it. They have vagueness and the dim reflections of the glass. But it is also true that the writer has positively described the incidents and experiences. 

To prove her point, the writer gives different examples. She gives the examples of underground railways and omnibuses. The people ride in these means of transportation and see their faces into mirrors. But the images reflected in the mirrors is always unreal. The same feelings come in the mind of the people which are proved to be phantom like unreality.

प्रेत छाया एक अवास्तविक तत्व होता है। यदि कोई व्यक्ति अपने भूतकाल में झाँकता है, तो वह अपने गुजरे हुए समय को प्रेत छाया की अवास्तविकता के रूप में याद करता है। लोगों को इसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं मिलता है। वे काँच की तरह अस्पष्टता और धुंधली स्मृतियाँ महसूस करते हैं। लेकिन यह भी सत्य है कि लेखिका ने घटनाओं और अनुभवों को सकारात्मक रूप से वर्णित किया है।

अपनी बात को सिद्ध करने के लिए, लेखिका ने विभिन्न उदाहरण दिए हैं। उसने भूमिगत रेलवे और बस का उदाहरण दिया है। लोग यातायात के इन साधनों का प्रयोग करते हैं और अपने चेहरे दर्पण में देखते हैं लेकिन इन दर्पणों में दिखाई देने वाली छवि हमेशा अवास्तविक होती है। यही भावना लोगों के मस्तिष्क में आती है जो कि प्रेत छाया की अवास्तविकता को सिद्ध करते हैं।

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Question 3. 
How does the imagery of (i) the fish (ii) the tree, used almost poetically by the author, emphasise the idea of stillness of living, breathing thought?
लेखिका द्वारा लगभग काव्यमय रूप में प्रयोग किये गये (i) मछली (ii) वृक्ष के शब्द चित्र किस प्रकार जीवन की शान्ति और खुले विचारों पर प्रभाव डालते हैं ?
Answer:
According to the writer, forests, meadows and river are the natural beautiful places. So many poets have used and described these places in their poems. In The Mark on the Wall also, the writer has used these places. In the present story, the meadows and trees are extremely important. The trees grow in the meadows, in forests and by the river sides.

The trees are symbols of greenery so wherever there are trees, there is greenery. Similarly, when fish swim in the water, they look very beautiful. There is always a stillness in and around these spots. Fish and trees words have been used in the poetically which spread beauty of the story. They make a rhythm of poem in the story.

लेखिका के अनुसार, जंगल, चरागाह और नदियाँ प्राकृतिक सौन्दर्ययुक्त स्थान हैं। बहुत से कवियों ने अपनी कविताओं में इन स्थानों का प्रयोग और वर्णन किया है। 'द मार्क ऑन द वॉल' में भी लेखिका ने इन स्थानों का प्रयोग किया है। वर्तमान कहानी में, चरागाह और वृक्ष अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं ।

वृक्ष चरागाहों में, जंगलों में और नदियों के किनारे पर उगते हैं । वृक्ष हरियाली के प्रतीक हैं इसलिए जहाँ पर भी वृक्ष होते हैं, वहाँ पर हरियाली होती है। ठीक इसी प्रकार से, जब मछली पानी में तैरती हैं, वे अत्यन्त सुन्दर दिखाई देती हैं। इन स्थानों के अन्दर और बाहर हमेशा एक शान्ति बनी रहती है। कहानी में मछली और वृक्षों का प्रयोग काव्यमय रूप से किया गया है जो कि कहानी के सौन्दर्य को बढ़ाती हैं। वे कहानी में काव्यमय लयबद्धता प्रयोग करते हैं।

Question 4.
How does the author pin her reflections on a variety of subjects on 'the mark on the wall'? What does this tell us about the way thehuman mind functions?
लेखिका 'द मार्क ऑन द वॉल' में विभिन्न विषयों को किस प्रकार जोड़ती है? यह हमें उस तरीके के बारे में क्या बताता है कि मानवीय मस्तिष्क किस प्रकार कार्य करता है?
Answer:
When the writer looks at the mark on the wall, she is lost in deep thoughts. A variety of different themes she imagines. As soon as she perceives the mark on the wall, she begins to think about a long series of unmatched imaginary reflections. In real, these reflections are not interwoven yet they are very familiar to us and related to our routine of life and traditions. 

No doubt, these reflections are the state and mood of human mind. Human mind can produce both relevant and irrelevant thoughts so it can be safely said to be very flexible. For this reason, the writer presents a live description of contemporary society. But regarding human mind, it is also true that human mind is such a device that expresses those relevant topics that effect the life of a common man and which are related to day per day functions.

जब लेखिका दीवार पर चिह्न को देखती है तो वह गहन विचारों में खो जाती है। वह विभिन्न विषयों पर सोचने लगती है। वह ज्योंही दीवार पर चिह्न को देखती है तो वह अव्यवस्थित काल्पनिक स्मृतियों की लम्बी श्रृंखला के बारे में सोचने लगती है। वास्तव में, ये स्मृतियाँ एक-दूसरे से जुड़ी हुई नहीं हैं लेकिन वे हमसे पूरी तरह से परिचित हैं और हमारे प्रतिदिन के जीवन और परम्पराओं से सम्बन्धित हैं। निःसन्देह, ये स्मृतियाँ मानवीय मस्तिष्क की स्थिति तथा मानसिकता हैं। 

मानवीय मस्तिष्क उचित तथा अनुचित दोनों ही प्रकार के विचारों को उत्पन्न कर सकता है इसलिए उसे सुरक्षित रूप से अत्यन्त लचीला कहा जा सकता है। इस कारण से लेखिका तत्कालीन समाज का एक जीवन्त विवरण प्रस्तुत करती है। लेकिन मानवीय मस्तिष्क के सम्बन्ध में, यह भी सत्य है कि मानवीय मस्तिष्क एक ऐसा यन्त्र है जो उन उचित विषयों को प्रस्तुत करता है जो साधारण मनुष्य के जीवन को प्रभावित करता है और जो दिन-प्रतिदिन के कार्यों से सम्बन्धित है।

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Question 5. 
Not seeing the obvious could lead a perceptive mind to reflect upon more philosophical issues. Discuss this with reference to the 'snail on the wall’.
स्पष्ट रूप से न देख पाना तुरन्त समझने वाले मस्तिष्क में और ज्यादा दार्शनिक समस्याओं को उत्पन्न करता है। 'दीवार पर घोंघा' के सन्दर्भ में व्याख्या कीजिए।
Answer:
The writer is lost into deep thoughts. She has a variety of themes and she thinks to be the mark on the wall. But finally her husband appears and at once discloses that the mark on the wall is, in fact, a snail on the wall. Had she thought of the mark and found out it to be snail, her philosophical perception and imagination might have broken. 

Then it cou. I not be reflected. The writer knows well that philosophical perception and imagination of an artist can take place only if there is a vagueness related to the topic. In that state of mind, different types of views appear and disappear in the mind of the writer. The writer compares the mark on the wall with a nail, a rose leaf and wood. There can be no reflections if one knows the subject clearly.

लेखिका गहन विचारों में डूबी हुई है। उसके पास विषयों की विविधता है जिसमें वह दीवार पर चिह्न होने के बारे में सोचती है। लेकिन अन्त में उसका पति आता है और तुरन्त बताता है कि वास्तव में दीवार पर चिह्न दीवार पर एक घोंघा है। यदि उसने दीवार पर चिह्न के बारे में सोचा होता और उसे घोंघा के रूप में प्राप्त कर लिया होता तो उसका दार्शनिक दृष्टिकोण और कल्पनाशीलता भंग हो गई होती। उसके बाद वह उसकी स्मृति नहीं होता।

लेखिका अच्छी तरह से जानती है कि किसी कलाकार का दार्शनिक दृष्टिकोण और कल्पनाशीलता केवल तभी हो सकते हैं जब विषय से सम्बन्धित अस्पष्टता हो। उस मानसिकता में, लेखिका के मस्तिष्क में विभिन्न प्रकार के विचार आते-जाते रहते हैं। लेखिका दीवार पर चिह्न की तुलना एक कील, एक गुलाब की पत्ती तथा लकड़ी से करती है। यदि किसी व्यक्ति को विषय की स्पष्ट जानकारी है तो कोई भी स्मृतियाँ उत्पन्न नहीं होंगी। 

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Talking about the Text :

Question 1. 
'In order to fix a date, it is necessary to remember what one saw'. Have you experienced this at any time? Describe one such incident, and the nonchronological details that helped you remember a particular date.
"कोई दिन निश्चित करने के लिए यह याद करने के लिए आवश्यक है कि किसी ने क्या देखा।" क्या आपने ऐसा किसी भी समय महसूस किया? ऐसी एक घटना का और अव्यवस्थित विस्तृत बातों का वर्णन करो जिन्होंने तुम्हें कोई दिन याद करने में सहायता प्रदान की।
Answer:
I am always fascinated towards doctors. They are not only altruist but earn a lot of money. But I did not care abot it. Last year when NEET-2019 UG was conducted even then I was careless but when the result of NEET-2019 UG was declared on 4 June, I came to know that two girls in my neighbourhood had been selected to become doctor. 

I went to them and congratulated for their success. At once, I determined to start my preparation for NEET-2020 UG. I worked hard. I took help from teachers and guides and when the result was declared I jumped with delight. I had been selected to become a doctor in my first attempt. Thus, date and related incidents are closely related to each other. What are need is only a firm determination.

मैं डॉक्टर्स को देखकर हमेशा आकर्षित होती हूँ। वे न केवल परोपकारी होते हैं बल्कि अत्यधिक धन भी कमाते हैं। लेकिन मैंने इस बारे में कभी भी चिन्ता नहीं की। पिछले वर्ष जब NEET-2019 UG का आयोजन किया गया था, तब भी मैं लापरवाह थी लेकिन जब NEET-2019 UG का परिणाम 4 जून को घोषित किया गया तो मुझे पता चला कि मेरे पड़ोस की दो लड़कियों का डॉक्टर बनने के लिए चयन हो गया है। मैं उनके पास गई और उन्हें सफलता के लिए बधाई दी।

तुरन्त ही, मैंने NEET-2020 UG के लिए तैयारी शुरू करने का निश्चय किया। मैंने कठिन परिश्रम किया। मैंने अध्यापकों और मार्गदर्शकों से सहायता ली और जब परिणाम घोषित किया गया, मैं खुशी से उछल पड़ी। मैं प्रथम प्रयास में ही डॉक्टर बनने के लिए चयनित हो गई। इस प्रकार, तिथि तथा उससे जुड़ी हुई घटनाएँ एक-दूसरे से नजदीक से जुड़ी होती हैं। हमें जिस चीज की आवश्यकता है, वह है दृढ़ निश्चय।

Question 2. 
'Tablecloths of a different kind were not real tablecloths'. Does this sentence embody the idea of blind adherence to rules and tradition? Discuss with reference to 'Understanding Freedom and Discipline' by J. Krishnamurti that you've already read.
"दूसरे प्रकार के मेजपोश वास्तविक मेजपोश नहीं थे।" क्या यह वाक्य कानूनी और परम्पराओं के अन्धानुकरण के विचार को सजीव स्वरूप प्रदान करता है। जे. कृष्णामूर्ति के 'स्वतन्त्रता तथा अनुशासन की समझ' के सन्दर्भ में व्याख्या करिये जिसे आप पहले ही पढ़ चुके हैं।
Answer:
The present essay seems to be based upon old customs and traditions and they are to be observed strictly. At the time when this story was written, the rules and traditions regarding even tablecloths were strictly observed. It was the rule that the tablecloths must be made of tapestry and there should be little yellow compartments on them. 

Tablecloths of a different kind were not real tablecloths. No doubt, it was a blind adherence to rules and traditions. But when we refer to J. Krishnamurti, on the basis of his 'Understanding Freedom and Discipline', we come to know that Krishnamurti has put freedom in real sense. He exhorts. to exercise and experience the real charm of freedom and discipline. He asks us not to follow anything or anybody blindly. Our mind should be free from bondages. Human should think everything freely and rationally.

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वर्तमान निबन्ध पुरानी प्रथाओं और परम्पराओं पर आधारित प्रतीत होता है और उनका कठोरता से पालन करना आवश्यक है। जिस समय यह कहानी लिखी गई, तब मेजपोश तक के लिए नियम और परम्पराओं का कठोरता से पालन किया जाता था। यह एक नियम था कि मेजपोश पों के बने होने चाहिए और उनके ऊपर छोटे पीछे चौखाने बने हों। अन्य प्रकार के मेजपोश वास्तविक मेजपोश नहीं थे। निःसन्देह, यह नियमों और परम्पराओं का अन्धानुकरण था। लेकिन जब हम 

‘Understanding Freedom and Discipline' के आधार पर जे. कृष्णामूर्ति का सन्दर्भ देते हैं तो हमें पता चलता है कि कृष्णामूर्ति ने स्वतन्त्रता को वास्तविक अर्थ में प्रस्तुत किया है। वह स्वतन्त्रता और अनुशासन को वास्तविक आकर्षण के रूप में प्रयोग करने और अनुभव करने का आदेश देता है। वह हमें किसी भी वस्तु अथवा व्यक्ति का अन्धानुकरण न करने के लिए कहता है। हमारा मस्तिष्क बन्धनों से मुक्त होना चाहिए। मनुष्यों को प्रत्येक बात स्वतन्त्रतापूर्वक एवं अपने विवेक से सोचनी चाहिए।

Question 3. 
According to the author, nature prompts action as a way of ending thought. Do we tacitly assume that 'men of action are men who don't think'?
लेखिका के अनुसार, प्रकृति विचारों के अन्त के रूप में क्रिया करती है। क्या आप सांकेतिक रूप से यह मानते हैं कि "क्रियाशील मनुष्य वे होते हैं जो सोचते नहीं हैं"?
Answer:
It is extremely difficult to compare the actions of nature with that of man because nature always works without keeping anything in mind. She always remains unbiased for each and everyone. It never discriminates among people. Whatever nature does, effects equally to each and every one. Rain, sunshine, air, water everything is equally distributed. 

Thus is the reason the action of nature brings happiness to one while sadness to other. But on the contrary, the actions of human beings are always discriminatory. He keeps his own self interest in his mind. If he finds that he will be benefitted with some action, he promptly does it while he does not act if it gives him no charm. Thus, no justified comparison can be given to actions of man and nature.

यह अत्यन्त कठिन है कि प्रकृति के कार्यों की तुलना मनुष्य के कार्यों से की जा सके क्योंकि प्रकृति हमेशा बिना कोई बात मस्तिष्क में रखे कार्य करती है। वह प्रत्येक के लिए हमेशा पक्षपात रहित रहती है। यह मनुष्यों में कोई भेदभाव नहीं करती है। प्रकृति जो भी करती है, प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से प्रभावित करती है। वर्षा, सूर्य की धूप, हवा, पानी प्रत्येक वस्तु समान रूप से वितरित होती है। यही कारण है कि प्रकृति के कार्य एक व्यक्ति के लिए खुशियाँ लाते हैं तो दूसरे के लिए दुःख लाते हैं। 

लेकिन इसके विपरीत, मनुष्य के कार्य हमेशा विभेदकारी होते हैं। वह हमेशा अपने मस्तिष्क में अपना स्वार्थ रखता है। यदि वह पाता है कि किसी कार्य को करने से उसे लाभ प्राप्त होगा तो वह उसे तुरन्त करता है जबकि यदि उसमें उसे कोई आकर्षण नहीं है तो वह कार्य नहीं करता है। इस प्रकार, प्रकृति और मनुष्य के बीच के कार्यों के लिए कोई न्यायोचित तुलना नहीं हो सकती है। 

Page 141.

Question 1. 
What is the string of varied thoughts that the mark on the wall stimulates in the author's mind? ।
वह विविध विचारों की श्रृंखला कौनसी है जिसके कारण दीवार पर चिह्न लेखिका के मस्तिष्क को उत्तेजित करता है?
Answer:
The worker was sitting by the fire. All of a sudden her eyes caught mark on the wall. Seeing it, she begins to think about it. She thinks the mark to be a representative of the knight who is passing through a black rock. All of a sudden, she begins to think that the mark is of six or seven inches on mantelpiece. 

Then, an idea comes in her mind that the mark might have been made for a miniature by earlier residents. Even then, she is not satisfied and thinks that mark may the representative of uncertain thoughts.

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She again thinks that the mark may be because of some round substance like a rose leaf in summer. She thinks that the mark may be like a tomb in a square or big nail. Finally she comes to the conclusion that the mark on the wall is a wood. Her thinking breaks only when her husband comes and tells her that it is nothing but a snail.

लेखिका आग के पास बैठी हुई थी। अचानक, वह दीवार पर एक चिह्न देखती है। उसे देखकर वह इस बारे में सोचने लगती है। वह चिह्न को किसी योद्धा का प्रतिनिधि मानती है जो कि काली चट्टान से होकर गुजर रहा है। अचानक वह सोचने लगती है कि यह चिह्न चिमनी पर छः अथवा सात इन्च का है। उसके बाद उसके मस्तिष्क में एक विचार आता है कि यह चिह्न पहले के निवासी द्वारा किसी चित्र को टाँगने के लिए बनाया गया होगा।

उसके बाद भी, वह संतुष्ट नहीं है और सोचती है यह चिह्न अनिश्चित विचारों का प्रतिनिधि हो सकता है। वह फिर सोचती है कि यह चिह्न किसी गोल वस्तु के कारण हो सकता है जैसे कि गर्मियों में गुलाब की पत्ती। वह सोचती है कि यह चिह्न किसी कब्र की तरह चौकोर अथवा बड़ी कील का हो सकता है। अन्त में, वह इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि दीवार पर चिह्न कोई लकड़ी है। उसके विचार केवल तब भंग होते हैं जब उसका पति आता है और उसे बताता है कि यह घोंघे के सिवाय कुछ भी नहीं है।

Question 2. 
What change in the depiction of reality does the author foresee for future novelists?
वास्तविकता के प्रस्तुतिकरण में लेखिका भविष्य के उपन्यासकारों के लिए किन परिवर्तनों का पूर्वानुमान लगा लेती है?
Answer:
The writer tries her best on her part to find out the mystery of the mark on the wall but she is unable to solve the mystery. She is utterly confused about it. She foresees that the future novelists will have to solve such mysteries and reflections.

There will be limitless reflections for them to face. They will have to solve their mystery too. Not only these, but the future novelists will have to persue uncounted such confusing and unreal appearances or in other words phantoms in time yet to come.

लेखिका अपनी सोच से दीवार पर चिह्न के रहस्य को सुलझाने की पूरी कोशिश करती है लेकिन वह स्वयं को इस रहस्य को सुलझाने में असमर्थ पाती है। वह इस बारे में पूरी तरह से भ्रमित है। वह पूर्वानुमान लगाती है कि भविष्य में उपन्यासकारों को इस प्रकार के रहस्यों और स्मृतियों को हल करना ही होगा। उनके पास हल करने के लिए अन्तहीन स्मृतियाँ होंगी। उन्हें उनके रहस्यों को भी हल करना होगा। न केवल ये बल्कि भविष्य के उपन्यासकारों को इस प्रकार के अनगिनत भ्रमपूर्ण और अवास्तविक दृष्टिकोणों को समझना होगा अथवा आने वाले समय में दूसरे शब्दों में काल्पनिक वस्तुओं को समझना होगा। 

Page 144.

Question 1. 
What is the author's perception of the limitations of knowledge and learning?
ज्ञान और शिक्षा की सीमाओं के बारे में लेखिका का क्या दृष्टिकोण है?
Ans.
 While describing the mark on the wall, the writer comes to know that no limits can be imposed on knowledge and learning. The scope of learning and knowledge and study is limitless through different topics, branches of science and literature. Knowledge can be acquired only through sitting in a chair. Such a vast area we have in modern time.

The scope of acquiring knowledge is never limited. One can acquire knowledge as much as he wants. Knowledge and learning are such things that can be acquired at any level of life. Till now, no one is so perfect who can claim that he knows everything so there is always something in left to know and study and learn.
 
दीवार पर चिह्न का वर्णन करते हुए, लेखिका को पता चलता है कि ज्ञान और शिक्षा पर कोई भी सीमाएँ नहीं लगाई जा सकती हैं। शिक्षा और ज्ञान और अध्ययन का क्षेत्र विभिन्न शीर्षकों, विज्ञान की शाखाओं और साहित्य के माध्यम से अन्तहीन है। ज्ञान को केवल की पर बैठकर प्राप्त किया जा सकता है। आधुनिक समय में इतना विशाल क्षेत्र हमारे सम्मुख है ।

ज्ञान प्राप्त करने का क्षेत्र कभी भी सीमित नहीं है। कोई भी व्यक्ति जितना चाहे उतना ज्ञान प्राप्त कर सकता है। ज्ञान और शिक्षा इस प्रकार की वस्तुएँ हैं जिन्हें जीवन के किसी भी स्तर पर प्राप्त किया जा सकता है। अब तक, कोई भी इतना निपुण नहीं हुआ है जो सब कुछ जानता हो अतः जीवन में जानने, अध्ययन करने और सीखने के लिए हमेशा कुछ न कुछ है।

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Question 2. 
Describe the unbroken flow of thoughts and perceptions of the narrator's mind, using the example of the colonel and the clergy.
पादरी और कर्नल के उदाहरणों का प्रयोग करके लेखिका के मस्तिष्क में विचारों तथा दृष्टिकोणों के अटूट प्रवाह का वर्णन कीजिए।
Answer:
The author is completely confused about the mark. She wants to solve the mystery, so sometimes she runs her finger on the mark of the wall. The finger seems to mount and descend either as a tomb or a camp. She is lost in deep thoughts and imagines that it might be a tomb and some antiquary might have dug up the bones from the earth's crust and possibly the antiquary might be a retired colonel.

He was doing his scientific experiments and in these experiments, he was being assisted by clergyman. The writer puts the colonel and the clergyman together which shows that she was afraid of post war consequences. She is thinking how the world will look like after the war.

लेखिका चिह्न के बारे में पूरी तरह से भ्रमित है। वह रहस्य को सुलझाना चाहती है इसलिए कभीकभी अपनी अंगुली को दीवार पर चिह्न के ऊपर घुमाती है। अंगुली चढ़ती हुई और उतरती हुई दिखाई पड़ती है जैसे कि कोई कब्र अथवा शिविर हो। वह गहन विचारों में खोई हुई है और कल्पना करती है कि यह एक कब्र हो सकती है और किसी पुरावेत्ता ने पृथ्वी के अन्दर से कुछ हड्डियों को खोदकर निकाला होगा और संभवतया वह पुरावेत्ता कोई अवकाश प्राप्त कर्नल रहा होगा।

वह वैज्ञानिक प्रयोग कर रहा होगा और इन प्रयोगों के दौरान उसकी सहायता किसी पादरी ने की होगी। लेखिका पादरी और कर्नल को एक साथ रखती है जो यह प्रदर्शित करता है कि वह युद्ध के बाद के परिणामों के प्रति भयभीत थी। वह सोच रही है कि युद्ध के बाद संसार कैसा दिखाई देगा।

Appreciation :

Question 1. 
Broadly speaking, there are two kinds of narration: one, where the reader would remain aware of some outside voice telling him/her what's going on; two, a narration that seeks to reproduce, without the narrator's intervention, the full spectrum and continuous flow of a character's mental process. Which of these is exemplified in this essay? Illustrate.
विस्तृत रूप से कहने पर, वर्णन दो प्रकार का होता है-एक जब पाठक बाहरी आवाज के प्रति सचेत रहता है और उसे पता होता है कि क्या हो रहा है; दूसरा, एक ऐसा वर्णन जो वर्णनकर्ता के द्वारा बिना बाधा डाले गये पुनः उत्पन्न होता है, जिसमें किसी पात्र की मानसिक प्रक्रिया का सम्पूर्ण सम्भव भेद और सतत् प्रवाह प्रस्तुत होता है। इस निबन्ध में इनमें से किसका उदाहरण प्रस्तुत किया गया है ? व्याख्या कीजिए।
Answer:
The essay presents two types of narration. The first one is “where the reader would retrain aware of some outside voice telling him/her what's going on.” It is exemplified. On the other hand, “a narration that seeks to reproduce, without the narrator's intervention, the full spectrum and continuous flow of a character's mental process” is a description in an artistic manner. 

The writer presents the reflections in the mind of character as an unknown series. She is thinking about only one and single theme and it is the mark on the wall and she goes on thinking about it for a long time. No doubt, the whole incidents and different feelings and weaved round the mark. The whole essay presents the contemporary feelings which require no outside involvement at all. Thus, it is a well knit description.

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यह निबन्ध दो प्रकार के वर्णन को प्रस्तुत करता है। प्रथम प्रकार वह है "जब पाठक बाहरी आवाज के प्रति सचेत रहता है और उसे पता होता है कि क्या हो रहा है।" यह उदाहरण युक्त है। दूसरी ओर "एक ऐसा वर्णन जो वर्णनकर्ता के द्वारा बिना बाधा डाले गये पुनः उत्पन्न होता है जिसमें किसी पात्र की मानसिक प्रक्रिया के सम्पूर्ण सम्भव भेद और सतत् प्रवाह को प्रस्तुत किया जाता है" जो कि एक कलात्मक रूप में वर्णन है । 

लेखिका ने अटूट श्रृंखला के रूप में पात्र के मस्तिष्क में स्मृतियों को प्रस्तुत किया है। वह सिर्फ एक विषयवस्तु के बारे में सोच रही है और यह दीवार पर निशान है और वह इस बारे में एक लम्बे समय तक सोचती रहती है। निःसन्देह, सम्पूर्ण घटनाएँ एवं विभिन्न विचार उसी चिह्न के चारों ओर बुने गये हैं। सम्पूर्ण निबन्ध तत्कालीन भावनाओं को प्रस्तुत करता है जिन्हें बाहरी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार, यह एक सुगठित वर्णन है।

Question 2. 
This essay frequently uses the non-periodic or loose sentence structure: the component members are continuous, but so loosely joined, that the sentence could have easily been broken without damage to or break in thought. Locate a few such sentences, and discuss how they contribute to the relaxed and conversational effect of the narration.
इस निबन्ध में नॉन पीरियोडिक अथवा शिथिल वाक्य संरचना का प्रयोग किया गया है-इसके घटक सदस्य सतत् रूप से क्रियाशील हैं, लेकिन इतने हल्केपन से जुड़े हुए हैं कि वाक्यों को अथवा विचारों को बिना नुकसान पहुँचाए आसानी से तोड़ा जा सकता है। इस प्रकार के कुछ वाक्यों को बताइए और बताइए कि वे किस प्रकार आरामदायक तथा वार्तालापयुक्त प्रभाव को अपना योगदान देते हैं।
Answer:
The loose sentence structure is as follow :
(i) It may even be caused by some round black substance, such as a small rose leaf, left over from the summer, and, I, not being a very vigilant housekeeper-look at the dust on the mantelpiece..........

(ii) How shocking, and yet, how wonderful it was to discover that these real things, Sunday luncheons, Sunday walks, country houses, and tablecloths were not entirely real, were indeed half phantoms ...... 

(iii) I suppose, since the war, half a phantom to many men and women, which soon, one may hope, will be laughed into the dustbin where the phantoms go, the mahagony sideboards and the Landseer prints, Gods and Devils, Hell and so forth.......

Such type sentences have their loose structure but they are long enough. Sometimes, their length is enhanced in such a way that they even become an entire paragraph in a single sentence. Such sentences are formed for an effective and expressive conversation.

शिथिल वाक्य संरचना निम्न प्रकार है
(i) यह किसी गोल काले पदार्थ के कारण भी हो सकता है, जैसे कि छोटी गुलाब की पत्ती के कारण जो गर्मियों में छोड़ दी गई हो और एक जागरूक गृहस्वामी न होने के कारण.....चिमनी की धूल को देखो.....

(ii) यह खोजना कितना डरावना लेकिन फिर भी कितना शानदार था कि ये वास्तविक वस्तुएँ, रविवार के दोपहर भोज, रविवार के भ्रमण, देहात के घर और मेजपोश पूरी तरह से वास्तविक नहीं थे ये वास्तव में आधे प्रेतछाया थे......

(iii) मैं मानती हूँ कि युद्ध के बाद अनेकों महिलाओं और पुरुषों के लिए आधी प्रेत छाया जो कि शीघ्र ही, कोई भी आशा कर सकता है, कूड़ेदान में चली जाएगी जहाँ पर प्रेतछाया जाती हैं, महागनी की लकड़ी, साइडबोर्ड और लैण्डसीयर प्रिन्ट्स, देवता और दैत्य, नर्क और ऐसे ही.... इस प्रकार के वाक्यों की संरचना शिथिल होती है लेकिन वे अत्यन्त लम्बे होते हैं। कभी-कभी उनकी लम्बाई इस प्रकार बढ़ाई जाती है कि वे एक वाक्य में ही सम्पूर्ण पैराग्राफ बन जाते हैं। इस प्रकार के वाक्य प्रभावपूर्ण एवं वर्णनात्मक रूप से वार्तालाप के लिए बनाये जाते हैं। 

Language Work :

A. Grammar : Content Words and Function Words 

Task

(i) Can you say which words are content words in the examples below, and which are function words? All the examples are from the text in this unit. 
(ii) Can you name the kind of word (its category as noun, pronoun, etc.?).  dictionary may help you to do this. You can work in pairs or groups,discussing the reasons for your analysis. 
(a) Ants carry a blade of straw so feverishly, and then leave it. 
(b) They wanted to leave this house because they wanted to change their style of furniture. 
(c) I don't believe it was made by a nail after all; it's too big, too round, for that. 
(d) There was a rule for everything 
(e) The tree outside the window taps very gently on the pane. 
Answer:
(a) Content Words : ants, carry, blade, straw, feverishly, leaves, it 
Function Words : a, of, so, and 

(b) Content Words : they, wanted, leave, this, house, they, wanted, change, their, style, furniture.
Function Words : to, this, because, to, of 

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(c) Content Words : I, don't, believe, it, was, made, nail, it's, too, big, round.
Function Words : by, a, after, all, for, that 

(d) Content Words : there, was, rule, everything
Function Words : a, for 

(e) Content Words : tree, window, taps, very, gently, pane.
Function Words : the, outside, the, on, the

B. Pronunciation 

Task 

(i) Look at the following words
a and had is not Notice the difference in pronunciation when they are said in isolation and in normal conversation.
Answer:
In Isolation :
(a) She has a pen
(b) Ram and Shyam both are bosom friends. 
(c) I had to respect the fellow passengers. 
(d) He is ready to go. 
(e) Shyam is my friend not Hari Normal conversation : 
(a) She wears a beautiful saree. 
(b) My father bought fruits and vegetables. 
(c) Shubhra had a severe pain. 
(d) She is an old companion. 
(e) I did not cook my food. 

(ii) Find out five more words which have both strong and weak forms. 
Answer:
The words are given below : 

1. The
They have bought the apples. 
'The' here is a strong form as it is used before the vowel. I dislike the man.
“The' here is a weak form as it is used before the consonant. 

2. But
I am but a fool. 
‘But here is strong as there is a stress on the contrast. 
His sister is very beautiful but is not intelligent enough.
‘But here is weak form as it mentions the difference. 

3. That
That is Shubhram's Car. 
“That' here is strong form as it is a demonstrative pronoun. 
I think that we should improve the quality.
“That' here is weak form as it is a relative pronoun. 

4. Does
She does hope for the interview next week. 
Here 'does' is a strong form as it stresses on the verb of action. 
Does she work as a teacher.
‘Does' here is a weak form as it is a helping verb here. 

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5. Him
This gift was sent to him not for his wife.
‘Him' here is the object of a verb after a preposition.

RBSE Class 12 English The Mark on the Wall Important Questions and Answers

Short Answer Type Questions :

Question 1. 
Why does Virginia Woolf use ‘Dustbin’in the story? 
वर्जीनिया वुल्फ कहानी में 'कूड़ेदान' का प्रयोग क्यों करती है ?
Answer:
Virginia Woolf is an eminent writer. She studies society deeply. She takes inspiration on the subject of patriarchy which, in her opinion, is a musculine perspective governing all the society. Already, World War I has made the conventional wisdom of patriarchy which, she hopes, will be “laughed into dustbin” soon. Thus, she uses Dustbin as a metaphor for the systems of thought which are ridiculously empty.

वर्जीनिया वुल्फ एक महान लेखिका है। वह गहनता से समाज का अध्ययन करती है। वह पितृसत्तात्मक के विषय पर प्रेरणा लेती है जो कि उसके मत में पूरे समाज को नियंत्रित करता हुआ पुरुष प्रधान समाज है। पहले ही प्रथम विश्व युद्ध पितृसत्तात्मक का परम्परागत ज्ञान स्थापित कर चुका है जो कि वह आशा करती है, शीघ्र ही कूड़ेदान में डाल दिया जाएगा। इस प्रकार वह कूड़ेदान का प्रयोग विचारों की उस व्यवस्था के लिए करती है जो कि हास्यास्पद रूप से खोखले हैं।

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Question 2. 
What do you mean by Nature's game? 
प्रकृति के खेल से आपका क्या अभिप्राय है?
Answer:
Virginia Woolf has presented Nature's game twice in the essay. This term is used for self protection. In another sense, Nature's game is used for those things which are not natural but seem to be natural because of its widely accepted conventional thought. It is a kind of game which is full of knowledge that masks the truth of the world from people. It means people retain ignorant towards the game of nature.

वर्जीनिया वुल्फ ने प्रकृति के खेल को निबन्ध में दो बार प्रस्तुत किया है। इस शब्द का प्रयोग आत्म संरक्षण के लिए किया गया है। दूसरे अर्थ में, प्रकृति का खेल उन चीजों के लिए किया गया है जो प्राकृतिक नहीं हैं लेकिन प्राकृतिक जैसी दिखाई देती हैं क्योंकि इसके परम्परागत विचारों को विस्तृत रूप से स्वीकार किया जाता है। यह एक प्रकार का खेल है जो कि ज्ञान से परिपूर्ण है जो लोगों से संसार की सत्यता को छुपाता है। इसका अर्थ है कि लोग प्रकृति के खेल से अनजान बने रहते हैं।

Question 3. 
How can you say that the body of the narrator is inactive while the mind is wandering swiftly?
आप कैसे कह सकते हैं कि वक्ता का शरीर निष्क्रिय है जबकि उसका मस्तिष्क तेजी से दौड़ रहा
Answer:
It is a common tradition that if a person is bothered by some strange object, he would simply get out of his seat and would examine it but the narrator is lost in deep thoughts pondering over possibilities of it. The narrator thinks of historical periods, meaning of life and prior inhabitants of the house but, ironically, her body is still. She does not leave the chair to see the mark. Her body does not move at all while her mind is moving sharply.

यह एक सामान्य परम्परा है कि यदि कोई व्यक्ति किसी विचित्र वस्तु से परेशान हो जाता है तो वह साधारण रूप से अपनी सीट से उठेगा और उस वस्तु का परीक्षण करेगा लेकिन वक्ता गहन विचारों में डूबी रहती है और उसकी सम्भावना के बारे में सोचती रहती है।

वक्ता ऐतिहासिक समय के बारे में सोचती है, जीवन का अर्थ तथा घर में उससे पहले निवास करने वाले लोगों के बारे में सोचती है। विडम्बनापूर्ण यह है कि उसका शरीर शान्त है। वह उस चिह्न को देखने के लिए नहीं उठती है। उसका शरीर बिल्कुल भी नहीं हिलता है जबकि उसका मस्तिष्क. तीव्र गति से कार्य कर रहा है।

Question 4. 
Who identifies the mark on the wall and how? 
दीवार पर चिह्न को कौन पहचानता है और कैसे?
Answer:
It is a dramatic twist in the story when the mark on the wall is recognized. The narrator spends a long time in viewing the mark. She thinks deeply what the mark may be. She philosophizes the mark and thinks it in different ways but she is decided about it. But on the contrary, her husband comes in the room for less than one minute and in this short span of time, he is able to identifies the mark as a snail.

यह कहानी में नाटकीय मोड़ है जब दीवार पर चिह्न को पहचान लिया जाता है। वक्ता चिह्न को देखने में एक लम्बा समय गुजार देती है। वह गहराई से सोचती है कि यह चिह्न क्या हो सकता है। वह चिह्न को दार्शनिक रूप से देखती है और उसे अलग-अलग रूप से सोचती है लेकिन वह उसके बारे में अनिश्चित रहती है। लेकिन इसके विपरीत, उसका पति कमरे में एक मिनट से भी कम समय के लिए आता है और इतने कम समय में ही, वह उस चिह्न को घोंघे के रूप में पहचानने में समर्थ हो जाता है।

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Question 5. 
Who are the protagonist and antagonist in the essay? निबन्ध में कौन नायक है और कौन विरोधी?
Answer:
In the essay, The Mark on the Wall, the protagonist is the narrator. She just beholds a man on the wall and starts thinking about it. She is lost in deep thoughts but shall remains undecided about it. On the contrary, it seems that life, in general, is antagonist to her but specifically the mark of the wall is a kind of antagonist because whatever her thought process starts and continues is only due to mark on the wall.

निबन्ध 'द मार्क ऑन द वॉल' में प्रमुख पात्र वर्णनकर्ता है। वह दीवार पर एक निशान देखती है और उसके बारे में सोचना शुरू कर देती है। वह गहन विचारों में डूब जाती है लेकिन उसके बारे में अनिश्चित रहती है। इसके विपरीत, ऐसा लगता है कि सामान्य रूप से जीवन विरोधी है, लेकिन विशेष रूप से दीवार पर चिह्न एक प्रकार का विरोधी है क्योंकि उसके विचारों की प्रक्रिया जो शुरू होती है और चलती रहती है, वह केवल दीवार के चिह्न के कारण ही होती है।

Question 6. 
What do you know about the climax of the essay? 
आप निबन्ध के चरमोत्कर्ष के बारे में क्या जानते हैं ?
Answer:
It is clearly be stated that the essay does not consist any real climax. On the contrary, there is more of an anti-climax as the woman's husband breaks through her philosophy that she had in her mind. He tells her that he is going out to buy a newspaper. He spoils the mystery by identifying what the mark actually is. He tells that the mark was nothing but a snail passing through their slowly.

यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि निबन्ध में कोई वास्तविक चरमोत्कर्ष नहीं है। इसके विपरीत, निबन्ध में ज्यादातर निराशाजनक भावना है क्योंकि महिला का पति उसके दर्शन की श्रृंखला को भंग कर देता है जो उसके मस्तिष्क में थी। वह बताता है कि मैं बाहर समाचार पत्र खरीदने जा रहा हूँ। वह उस रहस्य को नष्ट कर देता है जिसमें वह यह बताता है कि वास्तव में वह चिह्न क्या है। वह बताता है कि यह चिह्न कुछ नहीं है बल्कि एक घोंघा है जो धीरे-धीरे वहाँ से गुजर रहा है।

Question 7. 
What is the major conflict within the mind of the narrator? 
वक्ता के मस्तिष्क में महत्त्वपूर्ण अन्तर्द्वन्द्व क्या है?
Answer:
When the narrator sees a mark on the wall, she thinks about it differently. She is undecided towards it. She thinks that this mark may be by a nail. She thinks that the novelists of future will have to do a lot of work because of countless reflections. She thinks it to be either a tomb or a camp. But her inner conflict does not allow her to get up and go to inspect it.

जब वक्ता दीवार पर एक चिह्न देखती है तो वह इस बारे में कुछ अलग सोचती है। वह इस बारे में अनिश्चित है। वह सोचती है कि यह चिह्न किसी कील के कारण हो सकता है। वह सोचती है कि भविष्य के उपन्यासकारों को अनगिनत स्मृतियों के कारण अत्यधिक कार्य करना होगा। वह उसे या तो एक कब्र मानती है अथवा शिविर। लेकिन उसका आन्तरिक संघर्ष उसे उठने और जाकर उसका निरीक्षण करने की अनुमति नहीं देता है।

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Question 8. 
Write a short note about the imagery in the essay. 
निबन्ध में शब्द चित्र के बारे में संक्षिप्त लेख लिखिए।
Answer:
Imagery is a device utilized for the purpose of revealing the imagination and intellectual depths of the narrator. This imagery starts in the essay when the narrator sees a mark on the wall and she describes it. From there, the imagery of the mark grows increasingly metaphorical and philosophical, expanding within the consciousness of the narrator. She has presented the images to contemplate history, art, sociology and politics.

शब्द चित्र एक साधन होता है जिसका प्रयोग वक्ता की कल्पनाशीलता और बौद्धक गहनता का प्रदर्शन करने के उद्देश्य से किया जाता है। शब्द चित्र निबन्ध में तब शुरू होता है जब वर्णनकर्ता को दीवार पर एक चिह्न दिखाई देता है और वह उसका वर्णन करती है। यहाँ से शब्द चित्र रूपक के रूप में और दार्शनिक रूप में बढ़ता है और वर्णनकर्ता की अन्तर्चेतना में विशाल रूप धारण कर लेता है। उसने इन छवियों का प्रयोग इतिहास, कला, समाजशास्त्र और राजनीति के चिन्तन के लिए किया है।

Question 9. 
How has the writer presented modern life in the essay? 
लेखिका ने निबन्ध में आधुनिक जीवन किस प्रकार प्रस्तुत किया है ?
Answer:
“The Mark on the Wall' is an excellent piece of work by Virginia Woolf. She presents it through stream of consciousness technique in which her thoughts jump from one to another. It mirrors the quality of life in the modern world. Life is fast paced, fragmented, confusing. There are domineering people and ideologies working to shake us from peace and pleasant domination. The narrator says that in this disruptive time of war, the quest for knowledge seems more important.

'द मार्क ऑन द वॉल' वर्जीनिया वुल्फ द्वारा लिखित शानदार कार्य है। वह इसे stream of consciousness तकनीक के माध्यम से प्रस्तुत करती है जिसमें उसके विचार एक से दूसरे पर जाते रहते हैं। यह आधुनिक संसार में जीवन की गुणवत्ता को प्रतिबिम्बित करता है। जीवन तीव्र गति से चलने वाला, विखण्डित, भ्रमपूर्ण है। ऐसे भी कर लोग और विचारधाराएँ हैं जो हमें शान्ति और सुखद विचारधारा से दूर करने के लिए प्रयासरत हैं । वर्णनकर्ता कहती है कि इस युद्ध के विध्वंसात्मक समय में, ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा ज्यादा महत्त्वपूर्ण प्रतीत होती है।

Question 10. 
What is the importance of the opening line in the essay 'The Mark on the Wall'?
'द मार्क ऑन द वॉल' निबन्ध में प्रारम्भिक पंक्ति की क्या महत्ता है?
Answer:
The opening line in the essay is extremely important. It provides the sense of setting necessary to understand the psychological state of the narrator. The line suggests a bit vagueness. 'Perhaps' it was the middle of January-gives a clue of vagueness in the mind of the narrator. It sets the ambiguity about whom and how many times she saw the mark. Thus, the opening line makes the essay subjective but complicated.

निबन्ध की प्रारम्भिक पंक्ति अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। यह वर्णनकर्ता की मानसिक स्थिति को समझने के लिए आवश्यक दार्शनिक आवश्यकता की पूर्ति करती है। पंक्ति थोड़ी सी अस्पष्टता की ओर इशारा करती  है। शायद यह जनवरी का मध्य था-यह भी वर्णनकर्ता के मस्तिष्क में अस्पष्टता का संकेत देता है। यह दोहरे अर्थ को स्थापित करती है कि कब और किस प्रकार उसने चिह्न को देखा था। इस प्रकार, निबन्ध की प्रारम्भिक पंक्ति निबन्ध को व्यक्तिनिष्ठ परन्तु जटिल बनाती है।

Question 11. 
Explain the line - “Oh! dear me, the mystery of life; .....
"अरे! मेरे प्रिय, जीवन का रहस्य..........." पंक्ति की व्याख्या कीजिए।
Answer:
This line is very important in the essay as it almost sets the theme of the essay. This also conveys that the essay is for more than a mere mark on the wall. It also suggests that it is not the mark that is important but it is the mystery that is important. Which is kept unsolved for as long as possible. She could solve the mystery by just going to the mark but through this mystery, she depicts that the world is clear, ordered and precise and how it can be made more pleasant and peaceful.

यह पंक्ति निबन्ध में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह निबन्ध की विषयवस्तु को लगभग निर्धारित कर देती है। यह पंक्ति यह भी बताती है कि निबन्ध दीवार पर केवल एक चिह्न से भी बहुत ज्यादा है। यह . पंक्ति यह भी स्पष्ट करती है कि यह चिह्न नहीं है जो महत्त्वपूर्ण है बल्कि यह रहस्य है जो महत्त्वपूर्ण है जिसे जितना सम्भव हो सकता था, तब तक रहस्यमय बनाये रखा जाता है। वह इस रहस्य को केवल चिह्न के पास जाकर हल कर सकती थी लेकिन इस रहस्य के माध्यम से वह प्रदर्शित करती है कि यह संसार स्पष्ट, व्यवस्थित तथा संक्षिप्त है और इसे और ज्यादा सुखद तथा शान्तिपूर्ण कैसे बनाया जा सकता है।

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Question 12. 
How can you say that there is lack of closure in the essay? 
आप कैसे कह सकते हैं कि निबन्ध में समापन की कमी है?
Answer:
Even as the truth about the mark appears to resolve itself at the end of the essay, the reader is left with a mixture of disappointment and doubt about the mark truly being a snail. The narrator's ruminations and vignettes never really come to an end. She simply moves from one to another thought and these thoughts remain unfulfilled even after completion of the essay.

निबन्ध के अन्त में ऐसा लगता है कि चिह्न की वास्तविकता हल हो गई है तब भी पाठकों को निराशा और संदेह के मिश्रण के साथ छोड़ दिया जाता है कि चिह्न वास्तव में कोई घोंघा है। वर्णनकर्ता की चिन्तनशीलता और शब्दचित्रता कभी भी समाप्त नहीं होती है। वह एक विचार से दूसरे विचार पर घूमती रहती है और ये विचार निबन्ध के पूर्ण होने के बाद भी अपूर्ण रह जाते हैं। 

Long Answer Type Questions :

Question 1. 
Discuss the role and importance of the snail in the essay 'The Mark on the wall'. 
'द मार्क ऑन द वॉल' निबन्ध में घोंघा की भूमिका और महत्ता को स्पष्ट कीजिए।
Answer:
The snail plays the most important role in this little drama-like essay. It is true that the snail speaks nothing and does nothing so it is not directly involved in the action. In true sense, it is not even identified as a snail until the very end of the story. The snail is a driving force in the essay for the stream of consciousness showing the path through the vividly engaged mind of the ironically reposed narrator. 

It is the snail which stimulates the narrator to move broadly about through both space and time. It happens so because the narrator fails in easy identification of the snail which leads the narrator for different deep thoughts. Thus, it is the snail which lays the foundation stone of the essay.

घोंघा छोटे नाटक जैसे इस निबन्ध में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सत्य है कि घोंघा कुछ भी बोलता नहीं है और कुछ भी करता नहीं है, अत: यह प्रत्यक्ष रूप से कार्यों से सम्बन्धित नहीं है। वास्तविक रूप से, इसे कहानी के अन्त तक घोंघे के रूप में पहचाना ही नहीं जाता है। घोंघा stream of consciousness तकनीक के लिए निबन्ध में सर्वाधिक शक्तिशाली तत्व है जो कि विडम्बनायुक्त आराम करती हुई वक्ता के लिए विभिन्न प्रकार के विचारों के लिए पथ-प्रदर्शन करता है जिसमें स्थान और समय पर्याप्त मात्रा में प्रयुक्त होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वक्ता घोंघे को सहज रूप से पहचानने में असफल हो जाती है जो कि वक्ता को विभिन्न गहन विचारों के लिए पथ प्रदान करता है। इस प्रकार, यह घोंघा ही है जो कि निबन्ध के लिए आधारशिला रखता है।

Question 2. 
What is the symbol in Whitaker's Table of precedence? 
व्हाइटकर की वरीयता सारणी किसका प्रतीक है?
Answer:
The narrator refers the Whitaker's table of precedence in the essay. It is a reference to a British almanac that indicates the exact rule of succession : "The Archbishop of Canturbury is followed by the Lord High Chancellor; The Lord High Chancellor is followed by the Archbishop of York,” and it continues. Virginia Woolf thinks that it is deeply plunged into Biblical spirit. 

It has kept away a system that has been devised by man which has endowed with truth. Whitaker's Table of Precedence is the symbol of “masculine view of things”. In its claim to order, knowledge, hierarchy and absolute fact. In this way, the narrator puts this Table as a symbol of all those things that frustrate her.

वक्ता ने व्हाइटकर की वरीयता सारणी को निबन्ध में प्रस्तुत किया है। यह ब्रिटेन के एक पंचांग का सन्दर्भ है जो कि उत्तराधिकार के निश्चित नियमों की ओर संकेत करता है : "कैन्टरबरी के आर्कबिशप का लॉर्ड हाई चांसलर अनुसरण करते हैं; लॉर्ड हाई चांसलर का यॉर्क के आर्कबिशप अनुसरण करते हैं" और यह इसी प्रकार चलता रहता है।

वर्जीनिया वुल्फ का मत है कि यह सार रूप में बाइबिल की आत्मा से जुड़ा हुआ है। इसने उस व्यवस्था को दूर कर दिया है जिसे व्यक्ति ने गहनतापूर्वक सोच समझकर बनाया है जो सत्य से परिपूर्ण है। व्हाइटकर की वरीयता सारणी 'मनुष्य का वस्तुओं के प्रति दृष्टिकोण' का प्रतीक है जिसमें वह आदेश, ज्ञान, क्रमबद्धता और वास्तविक तथ्यों का दावा करता है। इस प्रकार वक्ता ने इस सारणी को उन वस्तुओं के रूप में प्रस्तुत किया है जो उसे निराश करते हैं। 

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Question 3. 
The essay is a fine example of stream of consciousness. Discuss. 
निबन्ध 'चेतना की धारा' का एक शानदार उदाहरण है। व्याख्या कीजिए।
Answer:
Virginia Woolf has presented the essay through the stream of consciousness technique. In this technique, the writer presents the world through thoughts. The mind of the writer remains active and swift while the body remains completely inactive. The mind works by jumping from one thought to another. The thought at this time, to another remains associated sometimes and sometimes not.

The narrator in the essay recognizes the technique and comment upon it. She presents an image that exploits the connotation of 'swarming' with the visual concept of ants engaged in a process of construction. “How readily our thoughts.sworn upon a new object, lifting it a little way as ants carry a blade of straw so feverishly and then leave it.” In this way, similar is the construction of her thoughts.

वर्जीनिया वुल्फ ने निबन्ध को 'चेतना की धारा' तकनीक के माध्यम से प्रस्तुत किया है। इस तकनीक में, लेखक संसार को अपने विचारों के माध्यम से प्रस्तुत करता है। लेखक का मस्तिष्क सक्रिय और तेज रहता है जबकि शरीर पूरी तरह से निष्क्रिय रहता है। मस्तिष्क एक विचार से दूसरे विचार पर तुरन्त पहुँचता है। इस समय विचार, दूसरे विचार के प्रति कभी जुड़े हुए रहते हैं और कभी जुड़े हुए नहीं होते हैं।

निबन्ध में वक्ता इस तकनीक को पहचानती है और उस पर अपनी टिप्पणी करती है। वह एक ऐसी छवि प्रस्तुत करती है जो कि विचारों के समूह के संकेतार्थों को प्राप्त करती है जो वह सृजन की प्रक्रिया में लगी हुई चीटियों के दृश्य से प्राप्त करती है। "हमारे विचार किसी नये समूह पर किस प्रकार इकट्ठे हो जाते हैं, उसे थोड़ा सा उठाकर जैसे चीटियाँ घास के तिनके को अत्यधिक उत्तेजना से ले जाती हैं और फिर छोड़ देती हैं।" उसके विचारों का सृजन भी ठीक इसी प्रकार है।

Question 4. 
Enlist the allusions in the essay. 
निबन्ध में आये उद्धरणों की सूची बनाइए।
Answer:
Virginia Woolf has used a series of allusions in the story which gives the story a serious look and take it to the heights of success. The main allusions are given below :
(1) The most important allusion is Whitaker's Table of Precedency which was an almanac or the year book. The table used to give information of contemporary time. It consisted information on education, government, the environment and lineage.
(2) She has presented an allusion to the besieged Greek city when she refers, “Troy buried three times over.”
(3) One of the most famous English dramatist Shakespeare has been referred.
(4) Sir Edwin Henry Landseer (1802-1873) has been referred who was a famous British painter of animals.
(5) WWI has been referred through 'This War'.

वर्जीनिया वुल्फ ने निबन्ध में उद्धरणों की एक पूरी श्रृंखला का प्रयोग किया है जो कि निबन्ध को गम्भीरता प्रदान करती है और उसे सफलता की ऊँचाइयों की ओर ले जाती है। प्रमुख उद्धरण निम्न प्रकार
(1) सबसे महत्त्वपूर्ण उद्धरण व्हाइटकर की वरीयता सारणी है जो कि एक पंचांग अथवा वार्षिकी थी। यह सारणी तत्कालीन समय की सूचनाएँ उपलब्ध कराती थी। इसमें शिक्षा, सरकार, पर्यावरण और वंशानुक्रम से सम्बन्धित सूचनाएँ होती थीं।
(2) उसने यूनानी शहर को घेरे जाने का उद्धरण प्रस्तुत किया है, जब वह सन्दर्भ देती है, "ट्रॉय : तीन बार दफनाया गया।"
(3) सर्वाधिक प्रसिद्ध नाटककारों में से एक शेक्सपीयर का सन्दर्भ दिया गया है।
(4) सर एडविन हेनरी लैण्डसीअर (1802-1873) का सन्दर्भ दिया गया है जो कि ब्रिटेन में जानवरों का प्रसिद्ध चित्रकार था।
(5) WWI को 'इस युद्ध' के द्वारा सन्दर्भित किया गया है।

Seen Passages

Passage 1.

Perhaps it was the middle of January in the present year that I first looked up and saw the mark on the wall. In order to fix a date it is necessary to remember what one saw. So now I think of the fire; the steady film of yellow light upon the page of my book; the three chrysanthemums in the round glass bowl on the mantelpiece. Yes, it must have been the winter time, and we had just finished our tea, for I remember that I was smoking a cigarette when I looked up and saw the mark on the wall for the first time.

Questions : 
1. Why does the writer use 'perhaps' at the beginning?
शुरुआत में लेखिका 'शायद' शब्द का प्रयोग क्यों करती है? 

2. What do you know about Chrysanthemum?
आप क्रिजेन्थमम के बारे में क्या जानते हैं ? 

3. When did the writer see the mark on the wall first time?
लेखिका ने दीवार पर पहली बार चिह्न कब देखा? 
Answers : 
1. The writer uses 'perhaps' to establish a sense of mystery which helps her develop to story on such heights. It helps her present different views one by one. 

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लेखिका ने 'शायद' शब्द का प्रयोग रहस्य की भावना स्थापित करने के लिए किया है जो कि उसे निबन्ध को इतनी ऊँचाइयों पर ले जाने में सहायक है। यह उसे एक-एक कर विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करने में सहायक है। 

2. Chrysanthemum is a kind of flower. It is found in different colour. It is a large garden flower which is brightly coloured and shaped like a ball. 

क्रिजेन्थमम एक प्रकार का फूल होता है। यह विभिन्न रंगों में पाया जाता है। यह बगीचे में उगने वाला बड़ा चमकदार फूल होता है जो गेंद के आकार का होता है। 

3. The writer saw the mark on the wall when she was smoking a cigarette. She looked up and saw the mark. Before it she had just finished her tea. 

लेखिका ने दीवार पर चिह्न तब देखा जब वह सिगरेट पी रही थी। उसने ऊपर देखा और चिह्न को देखा। इससे पहले उसने अपनी चाय पीकर खत्म की थी।

Passage 2.

And yet that mark on the wall is not a hole at all. It may even be caused by some round black substance, such as a small rose leaf, left over from the summer, and I, not being a very vigilant housekeeper-look at the dust on the mantelpiece, for example, the dust which, so they say, buried Troy three times over, only fragments of pots utterly refusing annihilation, as one can believe. 

Questions : 

1. Why does the writer think that the mark is not a hole?
लेखिका क्यों सोचती है कि दीवार पर चिह्न छिद्र नहीं है ? 

2. What may be the possible causes of the mark?
चिह्न के क्या सम्भावित कारण हो सकते हैं? 

3. What is the belief of people?
लोगों का क्या विश्वास है? 
Answers : 
1. The writer thinks that the mark is not a hole because a hole is generally larger than a mark which becomes because of a nail. 

लेखिका सोचती है कि चिह्न छिद्र नहीं होता है क्योंकि छिद्र सामान्य रूप से चिह्न से बड़ा होता है जो कि किसी कील के कारण बन जाता है। 

2. The possible causes of the mark may be that this mark may be due to some round black substance like small rose leaf left over from the summer.

चिह्न के सम्भावित कारण हो सकते हैं कि यह चिह्न किसी गोल काले पदार्थ के कारण हो सकता है जैसे कि गर्मियों में छोड़ी गई किसी गुलाब की छोटी पत्ती से बना हुआ निशान। 

3. People believe that dust buried Troy three times but it refused annihilation because pottery fragments completely revived the ancient culture. 

लोगों का विश्वास है कि धूल ने ट्रॉय को तीन बार दफना दिया किन्तु उससे ट्रॉय नष्ट नहीं हुआ क्योंकि मिट्टी के बर्तनों के टुकड़ों ने प्राचीन संस्कृति को पुनर्जीवित कर दिया।

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Passage 3.

There was a rule for everything. The rule for tablecloths at that particular period was that they should be made of tapestry with little yellow compartments marked upon them, such as you may see in photographs of the carpets in the corridors of the royal palaces.

Tablecloths of a different kind were not real tablecloths. How shocking, and yet how wonderful it was to discover that these real things, Sunday luncheons, Sunday walks, country houses, and tablecloths were not entirely real, were indeed half phantoms, and the damnation which visited the disbeliever in them was only a sense of illegitimate freedom.

Questions : 

1. What was the rule of tablecloth at that time?
उस समय मेजपोश का क्या नियम था? 

2. What was shocking and yet wonderful thing?
आघात वाली लेकिन आश्चर्यजनक स्थिति क्या थी? 

3. Where could you find the real tablecloths?
आप वास्तविक मेजपोश कहाँ पर प्राप्त कर सकते थे? 
Answers : 
1. The rule for tablecloths at that period was that they should be made of tapestry with little yellow compartments marked upon them.

मेजपोश के लिए उस समय यह नियम था कि वे भारी कपड़े के बने हुए होने चाहिए जिसमें उन पर पीले छोटे चौखाने बने हुए हों। 

2. Shocking and yet wonderful thing was to discover that the real things, Sunday luncheons, Sunday walks, country houses and tablecloths were not entirely real. 

आघात और आश्चर्य वाली स्थिति यह खोजना था कि वास्तविक वस्तुएँ, रविवार का दोपहर भोज,रविवार का भ्रमण, देहाती घर और मेजपोश पूरी तरह वास्तविक नहीं थे। 

3. The real tablecloths could be found in the photographs of the carpets in corridors of the Royal Palaces. Tablecloths of a different kind were not real tablecloths. 

वास्तविक मेजपोश शाही महलों के गलियारों में लगे हुए गलीचों के चित्रों में पाये जाते थे। अन्य प्रकार के मेजपोश वास्तविक मेजपोश नहीं थे।

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Passage 4.

Some antiquary must have dug up those bones and given them a name... What sort of a man is an antiquary, I wonder? Retired Colonels for the most part, I dare say, leading parties of aged labourers to the top here, examining clods of earth and stone, and getting into correspondence with the neighbouring clergy, which, being opened at breakfast time, gives them a feeling of importance, and the comparison of arrow-heads necessitates cross-country journeys to the county towns, an agreeable necessity both to them and to their elderly wives, who wish to make plum jam or to clean out the study. 

Questions : 
1. What do you know about antiquary?
आप पुरावेत्ता के बारे में क्या जानते हैं ? 

2. Who, according to the writer, examine the earth? 
लेखिका के अनुसार, पृथ्वी का परीक्षण कौन करते हैं ? 

3. What prompts the journeys to the town?
शहर की यात्रा का क्या कारण होता है? 
Answers : 
1. Antiquary is a person who studies about old things and life on the earth. They dig the earth and find out the bones and other things from earth for study. 

पुरावेत्ता वह व्यक्ति होता है जो पृथ्वी पर प्राचीन वस्तुओं और जीवन के बारे में अध्ययन करता है। वे पृथ्वी को खोदते हैं और अध्ययन के लिए हड्डियाँ तथा दूसरी वस्तुएँ पृथ्वी से
प्राप्त करते हैं। 

2. According to the writer, the retired colonels for the most part and leading parties of aged labourers examine to clods of the earth and stone. 

लेखिका के अनुसार, सेवानिवृत्त कर्नल अधिकांश भाग के लिए तथा प्रमुख दलों के वयोवृद्ध मजदूर मिट्टी के ढेले तथा पत्थरों का परीक्षण करते हैं। 

3. The comparison of arrow-heads necessitates cross-county journeys to the county towns.

Arrow-Heads की तुलना काउण्टी के शहरों की एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा को आवश्यक बना देता है।

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Passage 5.

I understand Nature's game-her prompting to take action as a way of ending any thought that threatens to excite or to pain. Hence, I suppose, comes our slight contempt for men of action-men, we assume, who don't think. Still there's no harm in putting a full stop to one's disagreeable thoughts by looking at a mark on the wall. 

Questions : 
1. What is the Nature's game?
प्रकृति का खेल क्या है? 

2. Who come under contempt?
तिरस्कार के अन्तर्गत कौन आते हैं ? 

3. What thoughts can be put to a full stop?
कौन से विचारों को समाप्त किया जा सकता है? 
Answers : 
1. Nature is a powerful object which works according to its own will. It does not care for pleasure or pain of human beings-sometimes full of pleasure and sometimes full of pain. 

प्रकृति शक्तिशाली वस्तु है जो अपनी इच्छानुसार कार्य करती है। यह मनुष्य के सुख अथवा दुःख की चिन्ता नहीं करती है-कभी यह खुशियों से भर देती है और कभी दुःख से।

2. According to the writer, men of action come under contempt who do not think.
लेखिका के अनुसार क्रियाशील व्यक्ति तिरस्कार के अन्तर्गत आते हैं जो सोचते नहीं हैं। 

3. There is no harm in putting a full stop to one's disagreeable thoughts by looking at a mark on the wall. 
किसी के अवज्ञापूर्ण विचारों को दीवार पर चिह्न देखकर समाप्त करने में कोई हानि नहीं है।

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Passage 6.

Even so, life isn't done with; there are a million patient, watchful lives still for a tree, all over the world, in bedrooms, in ships, on the pavement, living rooms, where men and women sit after tea, smoking cigarettes. It is full of peaceful thoughts, happy thoughts, this tree. I should like to take each one separately - but something is getting in the way... Where was I? What has it all been about? A tree? A river? The Downs? Whitaker's Almanack? The fields of asphodel? I can't remember a thing. Everything's moving, falling, slipping, vanishing... There is a vast upheaval of matter. 

Questions : 
1. Why isn't life done with?
जीवन पूर्ण क्यों नहीं होता है? 

2. What are the peaceful thoughts?
शान्तिपूर्ण विचार क्या हैं ? 

3. Why was a vast upheaval of matter?
इतनी उथल-पुथल का कारण क्या है ? 
Answers : 
1. According to the writer life is full of varieties and uncertainities. So a failure does not mean to life having done. It continues even after failures. 

लेखिका के अनुसार जीवन विभिन्नताओं और अनिश्चितताओं से भरा हुआ है। इसलिए एक असफलता का अर्थ जीवन का पूर्ण हो जाना नहीं है। यह असफलताओं के बावजूद चलता रहता है। 

2. There are a million patients and watchful lives all over the world, where men and women sit after tea smoking cigarettes. All these are peaceful thoughts. 

लाखों मरीज और घूरती हुई आँखें पूरे संसार में हैं जहाँ पर महिलाएँ और पुरुष चाय के बाद बैठकर सिगरेट का आनन्द लेते हैं। ये सब शान्तिपूर्ण विचार हैं। 

3. According to the writer, the reason of such a vast upheaval is that everything is moving, falling, slipping and vanishing causing such upheaval.

लेखिका के अनुसार, इतनी भारी उथल-पुथल का कारण यह है कि प्रत्येक वस्तु गतिमान है, गिर रही है, फिसल रही है और अदृश्य हो रही है जो कि उथल-पुथल का कारण बन रही है।

The Mark on the Wall Summary and Translation in Hindi

About the Author :

Virginia Woolf was a novelist and essayist. She grew up in a literary atmosphere and was educated in her father's extensive library. The famous group of intellectuals which came to be known as the Bloomsbury Group originated in gatherings of Cambridge University graduates and their friends in Virginia's home. Along with her husband, Virginia started the Hogarth Press which became a successful publishing house.

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In her novels, Mrs Dalloway and To the Lighthouse, she experimented with new techniques, particularly new ways of Virginia Woolf capturing the flow of time. She believed that much imaginative 1882-1941 literature is false to life because it relates episodes in a straight line, whereas our experiences actually flow together like a stream. This essay records fleeting impressions and delicate shades of mental experience. 

लेखक के बारे में :

वर्जीनिया वुल्फ उपन्यासकार एवं निबन्ध लेखिका थीं। उसका लालन-पालन साहित्यिक वातावरण में हुआ और उसकी शिक्षा-दीक्षा पिता के विशाल पुस्तकालय में हुई। बुद्धिजीवियों का विशाल समूह जिसको ब्लूम्सबरी समूह के नाम से जाना गया, वर्जीनिया के घर में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के स्नातकों और उनके मित्रों के समूह के मध्य उत्पन्न हुआ। अपने पति के साथ, वर्जीनिया ने होगार्थ प्रेस को प्रारम्भ किया जो कि एक सफल प्रकाशन गृह बना।

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अपने उपन्यासों, 'मिसेस डैलोवे' तथा 'टू द लाइटहाउस' में उसने नई तकनीक के साथ नया प्रयोग किया विशेष रूप से समय के प्रवाह को थामने के नये तरीके। उसका विश्वास था कि अत्यधिक कल्पनाशील साहित्य जीवन के लिए व्यर्थ (झूठा) है क्योंकि यह कहानियों को मानवीय जीवन के साथ बिल्कुल सीधी पंक्ति में प्रस्तुत करता है जबकि हमारे अनुभव वास्तव में एक धारा की तरह प्रवाहित होते हैं। यह निबन्ध मानसिक अनुभवों के प्रवाहित होते हए प्रभावों और कोमल छवियों को प्रस्तुत करता है।

About the Essay :

“The Mark on the Wall' by Virginia Woolf is an essay an example of her primary moderate style with stream of consciousness and introspection. In the essay, the writer has presented two of her childhood memories. One was that she did not like the fire burning in the nursery at Hyde Park Gate because it frightened her.

The second memory deluded to in the essay is of her mother's dress with its red and purple flowers on a black background. Of the essay, Virginia Woolf herself says, “I shall never forget the day I wrote ‘The Mark on the Wall? all in a flash, as if flying, after being kept stone breaking for months.”

निबन्ध के बारे में :

वर्जीनिया वुल्फ द्वारा लिखित 'द मार्क ऑन द वॉल' निबन्ध चेतना की धारा तथा स्वनिरीक्षण द्वारा आधुनिक शैली में अग्रगामी होने का प्रमाण है। निबन्ध में लेखिका ने अपने बचपन की दो स्मृतियों को प्रस्तुत किया है। एक यह थी कि उसे हाइड पार्क गेट के बालकक्ष में अग्नि प्रज्वलन बिल्कुल भी पसन्द नहीं था क्योंकि इससे वह डर जाती थी।

दूसरी स्मृति संकेत करती है कि जो उसकी काली पृष्ठभूमि में लाल और बैंगनी रंग के फूलों वाली उसकी माँ की ड्रेस थी। निबन्ध के बारे में, वर्जीनिया वुल्फ स्वयं कहती है, "मैं वह दिन कभी नहीं भूल सकती जब मैंने 'द मार्क ऑन द वॉल' लिखीसब कुछ चकाचौंध में जैसे उड़ता चला जा रहा हो, महीनों के कठोर परिश्रम के बाद।"

कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद 

Perhaps it was ....................past in the train. (Pages 136-137) 

कठिन शब्दार्थ-Steady (स्टेडि) = to stop moving, स्थिर होना। chrysanthemums (क्रिसैन्थमम्) = a large flower of bright colour, गुलदाऊदी। crimson (क्रिम्ज्न् ) = dark red colour, गहरा लाल रंग। flapping (फ्लेपिङ्) = waving, लहराता हुआ। castle (कास्ल) = fort, किला। Cavalcade (केवलकडे) = celebration, शोभायात्रा । sworm (स्वॉम्) = a large group, बड़ा समूह । miniature (मिनच(र्)) = a small copy of large thing, लघु रूप। carnations = (कानेशन्) a flower with sweet smell, सुगन्धयुक्त फूल। asunder (असन्ड्()) = pieces, टुकड़े-टुकड़े। suburban (सबबन्) = part of a town or city, उपनगर। mantelpiece (मैन्ट्ल्पीस्) = a narrow shelf, चिमनी, दीया रखने का स्थान।।

हिन्दी अनुवाद-शायद यह वर्तमान वर्ष की जनवरी का मध्य था जब मैंने पहली बार ऊपर देखा और दीवार पर निशान देखे। समय को निर्धारित करने के लिए यह याद करना आवश्यक है कि किसी ने क्या देखा। अतः मैंने अब अग्नि के बारे में सोचती हूँ; मेरी पुस्तक के पेज के ऊपर स्थिर पीली रोशनी; एक गोल काँच के कटोरे में गुलदाऊदी के तीन फूल मेन्टलपीस पर रखे हुए थे। हाँ, निश्चित रूप से यह सर्दियों की ऋतु थी और हमने अभी-अभी अपनी चाय पीकर समाप्त की थी क्योंकि मुझे याद है कि मैं सिगरेट का धूम्रपान कर रही थी जब मैंने ऊपर की ओर देखा और पहली बार दीवार पर चिह्न देखे। 

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मैंने अपनी सिगरेट के धुएँ के मध्य से ऊपर की ओर देखा और मेरी आँखें एक क्षण के लिए जलते हुए कोयलों पर ठहर गईं और मेरे मस्तिष्क में किले की मीनार से लहराते हुए लाल ध्वज की पुरानी कल्पना बन गई और मैंने लाल दरबारियों के जाते हुए समूह के बारे में सोचा जो कि काली चट्टान से होकर जा रहा था। मुझे सांत्वना देने के बजाय इस धब्बे ने मेरी कल्पनाशीलता को बाधित कर दिया, क्योंकि यह एक पुरानी विचार है, एक स्वचालित विचार, जो कि शायद किसी बच्चे का होता है। यह एक गोल चिह्न था जो सफेद दीवार पर काला था और अग्निकुंड की चिमनी से लगभग छः या सात इंच ऊपर था।

कितनी तीव्रता से हमारे विचार किसी नई वस्तु की ओर आकर्षित हो जाते हैं, थोड़े से रूप में उठाते हुए, जैसे चींटियाँ कितनी व्यग्रता से घास के तिनके को ले जाती हैं, और उसके बाद उसे छोड़ देती हैं... यदि इस चिह्न को किसी खूटी द्वारा बनाया गया तो यह किसी चित्र को टाँगने के लिए नहीं हो सकता; यह किसी लघु चित्र के लिए बनाया गया होगा-एक महिला का लघु चित्र जिसके बालों में सफेद पाउडर, गालों पर लगा हुआ पाउडर, और लाल खुशबूदार फूलों की तरह होंठ। 

वास्तव में यह एक असत्य था क्योंकि हमसे पहले जो भी इस घर के मालिक रहे होंगे, उन्होंने उसी प्रकार चित्रों को चुना होगा-एक पुराना चित्र एक पुराने कमरे के लिए। वे इसी प्रकार के व्यक्ति रहे होंगे-अत्यन्त रोचक लोग, और मैं प्रायः उनके बारे में सोचती हूँ, ऐसे विचित्र स्थानों पर, क्योंकि कोई भी व्यक्ति उन्हें दोबारा नहीं देख सकेगा, कभी नहीं जान सकेगा कि उसके बाद क्या हुआ। वे इस घर को छोड़ना चाहते थे क्योंकि वे अपने फर्नीचर की स्थिति को बदलना चाहते थे, इसलिए उसने कहा, और वह ऐसा कहने की प्रक्रिया में था कि

उसके विचार से जब हम टुकड़े-टुकड़े में बँटे होते हैं, तो भी कला में अत्यधिक विचार होते हैं, जैसे कि कोई व्यक्ति किसी बुजुर्ग महिला से चाय उड़ेलने के कारण परेशान हो और वह नवयुवक जो कि अपने देहाती घर के पीछे की बगीचे में अपनी टेनिस की बॉल को मारने वाला हो जबकि कोई व्यक्ति ट्रेन से सामने से तेजी से दौड़ लगाता हो।

But for that mark ................ All so haphazard..... (Pages 137-138)

कठिन शब्दार्थ-Possessions (पजेशन्ज्) = owning something, स्वामित्व। civilization (सिवलाइजेश्न्) = developed culture and way of life, विकसित संस्कृति एवं जीवन पद्धति। mysterious (मिस्टिअरिअस्) = strange, full of secrets, विचित्र, रहस्यमय। gnaw (नॉ) = to bite, कुतरना। nibble (निब्लू) = to eat in small bites, टुकड़े-टुकड़े करके खाना, कुतरना। hoops (हूप्स्) = a large metal ring, धातु का छल्ला । skates (स्केट्स्) = rollers made of metal, धातु के चक्र। scuttle (स्कटल्) = to run quickly, तेजी से भागना। bagatelle (बेगेट्ल्) = a trivial thing, तुच्छ वस्तु । 

opals (ओप्लस्) = a precious stone, कीमती पत्थर । emeralds (एमरल्ड्स् ) = a bright green precious stone, हरे रंग का कीमती पत्थर, पन्ना। turnips (टनिप्स्) = a round white vegetable, शलजम। liken (लाइकन्) = to compare, तुलना करना। tumbling (टम्बलिङ्) = to roll here and there, यहाँ-वहाँ लुढ़कना। asphodel (एस्फोड्ल) = a plant, एक पौधा। rapidity (रपिडटि) = quick, तेजी से। casual (कैशुअल) = all of a sudden, आकस्मिक, लापरवाही से। haphazard (हैप्हैजड्) = unorganized, अव्यवस्थित।।

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हिन्दी अनुवाद-लेकिन इस चिह्न के लिए, मैं इसके बारे में निश्चित नहीं हूँ; मैं बिल्कुल भी विश्वास नहीं करती कि यह किसी खूटी से बनाया गया; यह इस सबके लिए बहुत बड़ा है, बहुत ज्यादा गोल है। मैं जाग्रत हो सकती थी लेकिन यदि मैं जाग्रत होती और उसकी ओर देखती तो भी मैं इसके बारे में कुछ भी कहने में असमर्थ ही होती; क्योंकि एक बार जब कार्य हो जाता है तो किसी को भी यह पता नहीं होता कि यह किस प्रकार हुआ। अरे! मेरे प्रिय, जीवन का रहस्य; विचारों की अपूर्णता! मानवता की अज्ञानता! यह दिखाने के लिए कि हमारी सम्पत्तियों पर हमारा कितना कम नियंत्रण है-हमारी पूरी सभ्यता के बावजूद हमारा यह जीवन कितना आकस्मिक है-मुझे बस कुछ वस्तुओं को 

गिनने दो जो कि एक जीवन में समाप्त हो गई, शुरू हुई, क्योंकि यह हमेशा सर्वाधिक रहस्यमय हानियों में से एक प्रतीत होता है-बिल्ली क्या वस्तु को कुतरेगी, चूहा किस वस्तु को टुकड़े-टुकड़े करके खाएगा-पुस्तकों पर जिल्द बाँधने के औजारों वाले तीन पीले-नीले कनस्तर? तत्पश्चात् वहाँ पर पक्षियों के पिंजरे थे, लोहे के छल्ले थे, स्टील के चक्र थे, रानी एन की कोयला रखने की टोकरी थी, तुच्छ वस्तुओं के बोर्ड थे, हाथ से बजाने वाले यंत्र थे-किन्तु ये सभी जा चुके थे, और साथ में गहने भी। कीमती पत्थर और पन्ना थे जो कि शलगम की जड़ों में पड़े हुए थे। यह निश्चिन्त होने के लिए कितनी टूटी-फूटी चीजों को जोड़ने वाला कार्य है। 
आश्चर्य यह है कि मेरी पीठ पर कुछ कपड़े हैं और यह कि मैं इस समय ठोस फर्नीचर से चारों ओर से घिरी हुई बैठी हूँ। क्यों, यदि कोई व्यक्ति जीवन की किसी भी चीज से तुलना करना चाहता है, तो उसे एक घण्टे में पचास मील की गति से ट्यूब में उड़ाये जाने से तुलना करनी होगी-दूसरे छोर पर बालों में कोई एक भी पिन न होने के साथ उतरता हुआ! ईश्वर के चरणों में पूर्ण नग्न अवस्था में हत्या ! एस्फोडल चरागाह में ऐड़ियों पर सिर पटकना, जैसे कि डाकघर में भूरे रंग का पार्सल पेपर! किसी के लहराते हुए बाल जैसे कि घुड़दौड़ के घोड़े की लहराती हुई पूँछ। हाँ, सब कुछ जीवन की तीव्रता को व्यक्त करता हुआ प्रतीत होता है, लगातार क्षय और उसकी मरम्मत; सब कुछ इतना आकस्मिक, सब कुछ इतना अव्यवस्थित.

But after life.......... thoughts life this : (Pages 138-139) 

कठिन शब्दार्थ-Stalks (स्टॉक्स्) = a part of a plant, डण्ठल, डंडी। deluges (डल्यूज) = to sink, डूब जाना। groping (ग्रोपिङ्) = lack of confidence, आत्मविश्वास का अभाव। intersected (इन्टसेक्टड्) = to cross each other, एक-दूसरे से मिलना, काटना। indistinct (इन्डिस्ट्रिङ्क्ड् ) not clear, अस्पष्ट। vigilant (विजिलन्ट्) = careful, सतर्क, सावधान।

fragments (फ्रैग्मन्ट्स् ) = small pieces, टुकड़े। annihilation (अनाइअलेशन) = to destroy, संहार, विध्वंस। spaciously (स्पेशस्लि ) = large in size, बड़े आकार का। hostility (हॉस्टिलटि) = strong opposite feelings, उग्र विरोधी भावनाएँ। obstacle (ऑबस्टक्ल्) = barrier, बाधा। perpetually (पपेचुअलि) = continuous, सतत्, लगातार । forehead (फॉरिड्) = a part of face, ललाट, मस्तक। track (ट्रैक्) = a way, रास्ता।

हिन्दी अनुवाद-लेकिन जीवन के बाद । मोटे हरे आधारों को धीरे-धीरे खींचना ताकि फूलों से भरा हुआ कप, जब यह ऊपर की ओर मुड़ता है, यह बैंगनी और लाल रोशनी में विलीन हो जाता है। क्यों, फिर भी, क्या किसी को भी वहाँ इस प्रकार जन्म नहीं लेना चाहिए जैसा वह यहाँ लेता है, असहाय, अवाक्, अपनी दृष्टि पर ध्यान केन्द्रित करने में असमर्थ, घास की जड़ों से जुड़ा हुआ, दिग्गजों के पैरों में?

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यह कहने के लिए कि वृक्ष कौनसे हैं और पुरुष तथा महिलाएँ कौनसे हैं, अथवा क्या ऐसी वस्तुएँ हैं, जिन्हें कोई भी पचास वर्ष अथवा उससे भी ज्यादा तक करने की स्थिति में नहीं होगा। वहाँ पर प्रकाश और अन्धकार के सिवाय कुछ भी नहीं होगा जो कि एक-दूसरे को बड़े-बड़े आधारों पर काटेंगे और शायद उससे भी उच्च, गुलाब के आकार का अस्पष्ट रंग का दाग-हल्के गुलाबी और पीले-जो कि, जैसे-जैसे समय व्यतीत होगा, और ज्यादा स्पष्ट हो जाएंगे, बन जाएंगे-मुझे नहीं पता क्या.....

लेकिन फिर भी दीवार पर वह चिह्न किसी भी तरह से छिद्र नहीं है। यह किसी गोल काले पदार्थ के कारण भी हो सकता है, जैसे कि किसी गुलाब की छोटी पत्ती, जो कि गर्मी में से बच गई हो, और मैं, अत्यधिक सावधान गृहिणी न होने के कारण-मेन्टलपीस पर धूल को देखती हूँ, उदाहरण के लिए, वह धूल, जैसा वे कहते हैं, ने ट्रॉय को तीन बार दफना दिया, और. जैसा कि कोई भी विश्वास कर सकता है, केवल बर्तनों के टुकड़ों ने पूरी तरह से नरसंहार से इन्कार कर दिया।

खिड़की के बाहर का वृक्ष खिड़की के शीशे को अत्यन्त धीरे से स्पर्श करता है..... मैं चुपचाप, शान्तिपूर्वक, विस्तृत रूप से, कभी भी बाधित न होने के लिए, कभी भी अपनी कुर्सी पर से न उठने के लिए, एक वस्तु से दूसरी वस्तु तक आसानी से पहुँचने के लिए सोचना चाहती हूँ जिसमें मेरे लिए कोई भी उग्र विरोधी भावनाएँ अथवा बाधा न हों। मैं सतह से बहुत दूर इसके कठोर स्वतन्त्र तथ्यों के साथ गहरे और गहरे रूप में डूबना चाहती हूँ। अपने आपको स्थिर करने के लिए मुझे प्रथम विचार को पकड़ने दो जो कि...... 

शेक्सपियर से भी आगे निकल जाता है...... ठीक है, वह भी दूसरों की तरह कार्य करेगा। एक ऐसा व्यक्ति जिसने अपने आप को शक्तिशाली रूप से एक कुर्सी पर बैठाया, और अग्निकुण्ड में देखा, और इसलिए विचारों की एक सतत् श्रृंखला उसके मस्तिष्क में किसी अत्यन्त उच्च स्थान से आकर प्रवाहित हुई। उसने अपने मस्तिष्क को अपने हाथ पर टिका लिया और दरवाजे से देखते हुए लोगों ने-क्योंकि यह दृश्य गर्मियों की किसी शाम को होता हुआ प्रतीत होता है लेकिन यह कितना नीरस है, यह ऐतिहासिक कल्पना! मुझे इसमें बिल्कुल भी रुचि नहीं है। 

मेरी इच्छा है कि काश मैं विचारों के सुखद रास्ते पर चल पाती, एक ऐसा रास्ता जो अप्रत्यक्ष रूप से मेरे ऊपर अपना प्रभाव प्रदर्शित कर रहा है, क्योंकि वे सर्वाधिक सुखद विचार हैं, और वे विचार अत्यन्त सामान्य हैं जो कि उदार कलुषित मस्तिष्क वाले लोगों के मन में भी आ सकते हैं जो कि वास्तविक रूप से विश्वास करते हैं कि वे अपनी स्वयं की प्रशंसा सुनना भी पसन्द नहीं करते हैं। वे किसी की सीधी प्रशंसा करने वाले विचार नहीं हैं, यही उनका सौन्दर्य है, वे विचार इस प्रकार हैं

And then I ..................... if freedom exists..... (Pages 139-140)

कठिन शब्दार्थ-Reign (रेन्) = to rule a country, देश पर शासन करना । tassels (टैस्ल्स् ) = group of something, किसी वस्तु का गुच्छा। stealthily (स्टेल्थिल्)ि = quietly, चुपके से। adoring (अडॉरिङ्) = to admire, आदरभाव । stretch (स्ट्रेच) = to pull, खींचना । curious (क्युअरिअस्) = wanting to know, जिज्ञासु। instinctively (इन्स्टिक्टिव्लि ) = in an easyway, सहज रूप से। idolatry (आइडॉल्ट्री) = worship of statue, मूर्तिपूजा। ridiculous (रिडिक्यलस्) = very silly, हास्यास्पद । smashes (स्मैशज्) = to break violently, चूर-चूर कर देना। 

shell (शेल) = a hard covering, कठोर आवरण । shallow (शैलो) = not deep, कम गहरा, छिछला। vagueness (वेग्नस्) = not clear, अस्पष्ट। reflections (रिफ्लेक्श्न्स् ) = the image on a shiny surface, प्रतिबिम्ब । explore (इक्स्प्लॉ (र्)) = to discover, खोज। phantoms (फैन्टम्स्) = super natural elements, अलौकिक तत्त्व। damnation (डैम्नेशन्) = a curse, अभिशाप । tapestry (टैपस्ट्रि) = curtains, पर्दे । illegitimate (इलजिटमट) = illegal, अवैध । masculine (मैस्क्य लिन्) = looking like a man, पुरुषों से सम्बन्धित । mahogany (महॉगनि) = a wood, लकड़ी। intoxicating (इन्टॉक्सिकेटिङ्) = very excited, अत्यधिक रोमांचित।

हिन्दी अनुवाद-"और उसके बाद मैं कमरे में आ गई। वे वनस्पति विज्ञान पर चर्चा कर रहे थे। मैंने बताया कि मैंने किंग्सवे में एक पुराने घर में धूल के ढेर पर किस प्रकार एक पुष्प को उगते हुए देखा है। वह बीज, मैंने कहा, निश्चित रूप से चार्ल्स प्रथम के शासनकाल में बोया गया होगा। चार्ल्स प्रथम के शासनकाल में कौन से फूल उगते थे? मैंने पूछा-(लेकिन मुझे उत्तर याद नहीं है)। शायद वे बैंगनी रंग के गुच्छे के आकार के बड़े फूल होंगे। अत: यह इस प्रकार चलता रहता है। 

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पूरे समय मैं अपने मस्तिष्क में अपने व्यक्तित्व को संवारती रहती हूँ, प्रेमपूर्वक, चुपके से, लेकिन व्यक्तित्व को खुले रूप में कभी नहीं सजाया क्योंकि यदि मैं ऐसा करती तो मैं अपने आप को पकड़कर बाहर करती और तुरन्त अपना हाथ आत्मरक्षा के लिए खींचती। वास्तव में, यह अत्यन्त जानने योग्य बात है कि सहजरूप से कोई व्यक्ति स्वयं को किस प्रकार मूर्तिपूजा से बचाता है अथवा किसी भी अन्य प्रकार से व्यवहार करने से बचाता है जो उसे हास्यास्पद बना सकता था अथवा वह वास्तविक से इतना ज्यादा विपरीत कि उसका कभी विश्वास भी नहीं किया जा सके। अथवा क्या यह बिल्कुल भी जिज्ञासु नहीं है? यह अत्यन्त महत्त्वपूर्ण विषय है। 

मान लो कि दर्पण टूटकर बिखर जाता है, और छवि अदृश्य हो जाती है और उस पर बनी हुई हरे जंगल की प्रेम से परिपूर्ण आकृति वहाँ पर दिखाई नहीं देती है, लेकिन अब वहाँ पर व्यक्ति का केवल एक आवरण है जिसे अन्य लोगों के द्वारा देखा जाता है-यह कितना वायुहीन, छिछला, बिना बालों का महत्त्वपूर्ण संसार बन जाता है। एक ऐसा संसार जो रहने के लिए नहीं है। जब हम एक-दूसरे का शहर की बसों में अथवा भूमिगत रेलवे में सामना करते हैं तो हम दर्पण में देख रहे होते हैं; जो कि हमारी आँखों में अस्पष्टता और चंचलता की झलक को दिखाता है।

और भविष्य में उपन्यासकार इन प्रतिबिम्बों की महत्ता को अधिक से अधिक महसूस करेंगे, क्योंकि वास्तव में यह केवल एक प्रतिबिम्ब नहीं है बल्कि यह संख्या लगभग अनन्त है; ये वे गहराइयाँ हैं जिनकी वे खोज करेंगे, वे प्रतिछायाएं, जिनका वे पीछा करेंगे और वे अपनी कहानियों में अधिक से अधिक वास्तविकता के वर्णन को छोड़ देंगे, उदारतापूर्वक ज्ञान प्राप्त करेंगे जैसा कि यूनानियों ने किया और शायद शेक्सपीयर ने भी किया लेकिन यह सामान्यीकरण अत्यन्त महत्त्वहीन है। शब्द की सैन्य ध्वनि पर्याप्त है। 

यह महत्त्वपूर्ण लेखों को याद करता है, कैबिनेट मंत्री-सभी चीजों का वास्तव में एक वर्ग जो कि बच्चे की तरह स्वयं ही सोचता है, एक शानदार विचार जिसमें से कोई जा नहीं सका सिवाय उनके जिन्होंने बिना नाम के अपने पतन को स्वीकार किया। सामान्यीकरण किसी न किसी प्रकार से लन्दन में रविवार, रविवार को दोपहर बाद भ्रमण, रविवार के दोपहर भोज को वापस लाते हैं और साथ ही मृतकों के बारे में बोलने के तरीके, कपड़े और आदतें-जैसे कि एक निश्चित समय तक किसी कमरे में बैठने की आदत यद्यपि इसे किसी ने पसन्द नहीं किया। प्रत्येक चीज के लिए एक विशेष नियम था। इस विशेष समय के लिए मेजपोश का नियम यह था कि वे पर्दो के बने होने चाहिए जिसमें पीले रंग के क्षेत्र बने हों जैसे कि आप शाही महलों के गलियारों में कालीन के फोटोग्राफ में देख सकते हैं। 

किसी अन्य प्रकार के मेजपोश वास्तविक मेजपोश नहीं होते थे। यह खोजना कितना ज्यादा चौंकाने वाला अथवा आश्चर्यजनक था कि ये वास्तविक चीजें, रविवार के दोपहर भोज, रविवार का भ्रमण, देहात के घर, और मेजपोश पूरी तरह से वास्तविक नहीं थे। वास्तव में वे आधी अलौकिक शक्तियाँ थीं और वह पतन जो कि अविश्वासी व्यक्ति वहाँ पर भ्रमण करता था, वह केवल अवैध स्वतन्त्रता की भावना थी। मैं सोचती हूँ कि अब उन चीजों का स्थान कौन लेता है, उन वास्तविक स्तरीय चीजों का? शायद पुरुषों को महिला होना

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चाहिए; पुरुषत्व का दृष्टिकोण जो हमारे जीवन को नियंत्रित करता है जो मानक स्थापित करते हैं. जिसने व्हाइटकर की टेबिल ऑफ प्रिसिडेन्सी को स्थापित किया, जो कि मैं सोचती हूँ कि युद्ध के बाद बहुत सी महिलाओं और पुरुषों के लिए आधी अलौकिक शक्ति के रूप में परिवर्तित हो गया है, जो कि कोई भी आशा कर सकता है कि शीघ्र ही डस्टबिन में हँसेगा जहाँ पर अलौकिक शक्तियाँ रहती हैं, महोगनी लकड़ी के बने हुए साइड बोर्ड और लैण्डसीर की छपाई, देवता और दैत्य, नरक और ऐसी अन्य बातें, ये सभी हमें एक अवैध स्वतन्त्रता की रोमांचित कर देने वाली भावना के साथ छोड़ रहे हैं।

In certain lights .................... don't know what. (Pages 141-142)

कठिन शब्दार्थ-Perceptible (पसेप्टब्ल) = that can be seen, दिखाई पड़ने वाला। tumulus (ट्यूमल्स्) = heap of earth, मिट्टी का ढेर । barrows (बैरोज) = a small thing on two wheels, दो पहियों का छोटा ठेला। melancholy (मेलन्कॉलि) = a feeling of sadness, उदासी। turf (टफ्) = short thick grass, घनी छोटी घास। antiquary (ऐन्टीक्वेरी) = a collector of antiquities, पुरातत्त्ववेत्ता ।

clods (क्लॉड्स्) = heap of earth, मिट्टी का ढेला । plum (प्लम्) = a soft fruit, बेर । suspansion (सस्पेन्श्न् ) = not permitted for a short period, निलम्बन । accumulating (अक्यूम्यलेटिङ्) = to collect, संचय करना। incline (इन्क्लाइन्) = a particular choice, विशेष पसन्द । indites (इन्डाइट्स्) = to write, लिखना। pamphlet (पैम्फ्ल ट) = information about a particular subject, किसी विशेष विषय की सूचना, पैम्फलेट । conscious (कॉन्शस्) = able to see, देखने योग्य, सचेत।

हिन्दी अनुवाद-कुछ विशेष रोशनी में जो कि दीवार पर अंकित होती है, वास्तव में दीवार से उत्पन्न होती हुई प्रतीत होती है। यह पूरी तरह से गोल नहीं है। मुझे पूर्ण रूप से विश्वास नहीं है परन्तु यह एक दिखाई देने वाली छाया प्रतीत होती है, जो यह सुझाव दे रही है कि यदि मैं अपनी अंगुली को दीवार की उस पट्टी से नीचे चलाऊँ तो यह, एक निश्चित बिन्दु पर, मिट्टी के ढेर की तरह ऊपर चढ़ेगी और नीचे उतरेगी, एक कोमल ढेर जो कि साउथ डाउन्स में दो पहियों की गाड़ी की तरह होता है जो कि,

वे कहते हैं, या तो कब्रों की तरह होता है अथवा शिविरों की तरह। इन दोनों में मैं उन्हें कब्र मानना ज्यादा पसन्द करूँगा, अधिकतर अंग्रेज लोगों की तरह उदासी की इच्छा करते हुए और भ्रमण की समाप्ति पर इसे स्वाभाविक पाते हुए ताकि उन अस्थियों के बारे में सोच सकें जो कि सूखी घास के नीचे बिखरी हुई हैं.... इस बारे में निश्चित रूप से कोई पुस्तक होनी चाहिए। 

किसी पुरातत्ववेत्ता ने निश्चित रूप से उन अस्थियों को खोदा होगा और उन्हें कोई नाम दिया होगा.......मैं सोचती हूँ कि ये पुरातत्त्ववेत्ता किस प्रकार के व्यक्ति होते हैं ? मैं कहने की हिम्मत जुटाती हूँ कि अधिकांश भाग के लिए सेवानिवृत्ति कर्नल, प्रमुख दलों के वयोवृद्ध मजदूर सर्वोच्च रूप में मिट्टी और पत्थरों का परीक्षण करते हुए और पड़ोसी पादरियों से पत्र व्यवहार

करते हुए जो कि सुबह नाश्ते के समय खोला जा रहा है, उन्हें एक महत्त्वपूर्ण व्यक्ति होने की भावना से भर देता है और Arrow Heads की तुलना काउन्टी के शहरों की एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा को आवश्यक बना देता है, एक प्रेमपूर्ण आवश्यकता उनके और उनकी उम्रदराज पत्नियों के लिए जो कि बेर का जैम बनाने की इच्छा करती हैं अथवा अपने अध्ययन कक्ष को साफ रखने की इच्छा रखती हैं,

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और जिनके पास शिविर अथवा कब्र के बड़े प्रश्न को लगातर निलम्बित रखने का प्रत्येक कारण होता है जबकि कर्नल प्रश्न के दोनों पहलुओं पर प्रमाण इकट्ठा करने में स्वयं अत्यधिक दार्शनिकता महसूस करता है। यह सत्य है कि वह अन्त में शिविर में विश्वास व्यक्त करता है; और, विरोध किये जाने पर, एक पैम्फलेट तैयार करता है जो कि स्थानीय समाज की त्रैमासिक बैठक में पढ़ा जाना होता है जब एक प्रहार उसे कमजोर कर देता है और उसके अन्तिम सचेत

विचार पत्नी अथवा बच्चे के बारे में नहीं होते हैं बल्कि शिविर और वहाँ पर उस Arrow-Head के बारे में होते हैं जो कि इस मामले में उस समय स्थानीय संग्रहालय में होता है, जिसमें एक चीनी हत्यारे का पैर भी होता है, एक मुट्ठी ऐलिजाबेथ के नाखून, बहुत से ट्यूडर मिट्टी के पाइप, रोमन मिट्टी के बर्तनों के चित्र और शराब का एक गिलास जिसे नेल्सन पीता था यह सिद्ध करने के लिए कि मैं यह नहीं जानता कि क्या।

No, no, nothing .................. in the wood? (Page 142) 

कठिन शब्दार्थ-Ascertain (ऐस'टेन्) = to find something out, कुछ पता लगाना। gigantic (जाइगैन्टिक्) = extremely big, अत्यधिक विशाल । attrition (अट्रिशन्) = process of making weaker, दुर्बल. बनाने की प्रक्रिया। speculation (स्पेक्युलेश्न्) = to guess about something, अटकल लगाना। descendants (डिसेन्डन्ट्स् ) = coming generation, वंशज । crouched (क्राउच्ड्) = to bend the body, सिकुड़कर बैठना । shrew mice (शू माइस) = a small animal like rat, छछूदर । brewing (ब्रूइङ्) = intoxication, मधकरण। dwindle (ड्विन्ड्ल ) = smaller or weaker, कमजोर होना । 

superstitions (स्पस्टिश्न्स् ) = a belief without reason, अंधविश्वास। grey (ग्रे) = a colour between black and white, स्लेटी रंग। Whitaker's Almanack = Whitaker's Almanack is a reference book, published annually, in the United Kingdom. It consists of articles, lists and tables on a wide range of subjects, व्हाइटकर की एल्मैंनक एक सन्दर्भ ग्रन्थ है जो कि ब्रिटेन में वार्षिक रूप से प्रकाशित होती है। इसमें विषयों की विस्तृत श्रृंखला के रूप में लेख, सूचियाँ और सारणियाँ प्रकाशित होती हैं। precendency (प्रेसिडन्सि) = right to come before, प्राथमिकता, वरीयता।

हिन्दी अनुवाद- नहीं, नहीं, कुछ भी सिद्ध नहीं हुआ है, कुछ भी ज्ञात नहीं है। और यदि मुझे इसी समय और यह पता लगाना होता कि दीवार पर चिह्न वास्तविक हैं तो हम क्या कहेंगे? एक विशाल पुरानो खूटी का मत्था, जो कि दो सौ वर्ष पूर्व, बनाया गया जिसने-कई पीढ़ियों की गृहिणियों द्वारा लगातार आक्रमण से धैर्यपूर्वक क्षीण हो रहा है-अपने मत्थे को पेन्ट की परत से बाहर निकाल लिया है, और श्वेत दीवार के अग्निकुण्ड के किनारे से पहली बार आधुनिक जीवन पर प्रथम दृष्टि डाल रहा है, से मुझे क्या प्राप्त करना चाहिए? ज्ञान? क्या यह और आगे सोचने का विषय है ? मैं यह शान्तिपूर्वक बैठकर और खड़े होकर सोच सकती हूँ। 

और ज्ञान क्या है ? हमारे विद्वानों, आत्माओं और संन्यासियों के उत्तराधिकारियों को छोड़कर, का क्या जो कन्दराओं और जंगलों में बैठते थे और जड़ी-बूटियाँ पीते थे, छछूदर तक से प्रश्न पूछ लेते थे और तारों की भाषा लिखते थे? और जब हमारे अन्धविश्वास कम होते हैं तो हम उनका कम सम्मान करते हैं और हमारा सौन्दर्य के प्रति सम्मान और मस्तिष्क का स्वास्थ्य बढ़ता है.....हाँ, कोई भी एक अत्यन्त सुखद संसार की कल्पना कर सकता है। एक शान्त, विशाल संसार जिसके खुले मैदानों में लाल और नीले रंग के फूल खिले हों। 

एक ऐसा संसार जिसमें प्रोफेसर, अथवा विशेषज्ञ अथवा गृहस्वामी अपनी सिपाही की भूमिका में न हों, एक ऐसा संसार जिसमें व्यक्ति संसार में उसी प्रकार आगे बढ़ता हुआ चला जाए, जिस प्रकार मछली अपने फिन की सहायता से आगे बढ़ती हुई चली जाती है, जलकुमुदिनी के तनों को खाती है, सफेद समुद्री अण्डों के घोंसलों पर लटकी रहती है.....

यह सब नीचे कितना शान्त होता है, संसार के केन्द्र बिन्दु को पकड़े हुए और भूरे जल के माध्यम से देखते हुए, अपनी अचानक तेज चमक की रोशनी और उनके परावर्तन के साथ-क्या यह सब व्हाइटकर के सन्दर्भ ग्रन्थ के लिए नहीं है, क्या यह सब वरीयता की श्रेणी के लिए नहीं है। मुझे उछलकर स्वयं देखना चाहिए कि दीवार पर वास्तव में यह निशान क्या है-एक कील, एक गुलाब की पत्ती अथवा लकड़ी में एक दरार? 

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Here is Nature........... How they grow. (Pages 142-143) 

कठिन शब्दार्थ-preservation (प्रेजवेशन्) = protection, संरक्षण । perceives (प'सीव्ज) = to notice, देखना। collision (कलिशन्) = a crash, टकराना। counsels (काउन्सल्स्) = to give advice, सलाह देना । enraging (इरेजिङ) = to make angry, नाराज करना । prompting (प्रॉम्प्टिङ्) = immediately, तुरन्त । contempt (कन्टेम्पट्) = a feeling of criticism, आलोचना। grasped (ग्रास्पड्) = to take hold firmly, कसकर पकड़ लेना। plank (प्लै ङ्क् ) = a long flat thin piece of wood, लकड़ी का तख्ता। quiescent (क्विसेन्ट) = lazily, निष्क्रियतापूर्वक, मौन। impersonal (इम्पसन्ल) = without feelings, भावनाशून्य ।

हिन्दी अनुवाद-यहाँ पर एक बार फिर प्रकृति अपने आत्म-संरक्षण के पुराने खेल में लगी हुई है। विचारों की यह श्रृंखला, वह देखती है कि, यह केवल ऊर्जा की बरबादी का खतरा है, यहाँ तक कि वास्तविकता के साथ इसका टकराव भी क्योंकि व्हाइटकर की वरीयता की सारणी के विरुद्ध अंगुली उठाने वाला कौन होगा? कैन्टरबरी के आर्कबिशप का लॉर्ड हाई चांसलर के द्वारा अनुसरण किया जाता है। लॉर्ड हाई चांसलर का यॉर्क के आर्कबिशप द्वारा

अनुसरण किया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी का अनुसरण करता है। व्हाइटकर का यही दर्शन है; और एक बड़ी बात यह जानना है कि कौन किसका अनुसरण करता है। व्हाइटकर जानता है जानने देता है कि, और इसीलिए प्रकृति आपको नाराज करने के स्थान पर आपको सलाह देती है और आपको आराम देती है; और यदि आप आराम में नहीं आ सकते हैं, यदि आप इस शान्ति के समय को नष्ट करते हैं तो आप दीवार पर चिह्न के बारे में सोचिये।

मैं प्रकृति के खेल को समझती हूँ-उसकी क्रिया करने की शीघ्रता किसी भी विचार को समाप्त कर देती है जो कि उत्तेजना अथवा दर्द को समाप्त करने की धमकी देता है। इस प्रकार, मैं मानता हूँ, कि क्रियाशील व्यक्ति के लिए हमारी हल्की सी आलोचना शुरू हो जाती है-व्यक्ति, जैसा हम मानते हैं, जो सोचता नहीं है। इस पर भी किसी व्यक्ति के असहमति के विचारों पर पूर्ण विराम लगा देने में कोई हानि नहीं है जिसे केवल दीवार पर चिह्न देखकर किया जा सकता है।

वास्तव में, अब मैंने अपनी दृष्टि उस पर टिका दी है, मुझे महसूस होता है कि मैंने समुद्र में लकडी का एक तख्ता पकड़ लिया है। मुझे वास्तविकता की संतोषजनक अनुभूति होती है जो कि तुरन्त दो आर्कबिशपों तथा लॉर्ड हाई चांसलर को रंगों की छाया में बदल देता है। यहाँ पर कुछ निश्चित है, कुछ वास्तविक है।

इस प्रकार, अर्धरात्रि के एक डरावने स्वप्न से जागकर व्यक्ति शीघ्रता से रोशनी की ओर मुड़ता है और शान्तिपूर्वक लेटा रहता है, दराज की पूजा, वास्तविक रूप से पूजा, वास्तविकता की पूजा, एक अवैयक्तिक संसार की पूजा करना जो कि हमारे अतिरिक्त किसी अन्य अस्तित्व का प्रमाण है। यही वह है जिसके बारे में प्रत्येक व्यक्ति निश्चिन्त होना चाहता है...........लकड़ी के बारे में सोचना एक सुखद बात है। यह एक वृक्ष से आती है; और वृक्ष उगते हैं, लेकिन हम यह नहीं जानते कि वे कैसे उगते हैं। 

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For years and years .........it was a snail.... (Pages 143-144) 

कठिन शब्दार्थ-swish (स्विश्) = to move quickly, तेजी से गति करना। moorhen (मुअहेन) = wild hen, जंगली मुर्गी । beetles (बीटल्स्) = an insect, एक कीट, भौंरा । 00ze (ऊज्) = to flow slowly out, धीरे-धीरे बाहर बहना। furled (फल्ड्) = to collect, समेटना। Creases (क्रीज्) = lines, पंक्तियाँ, सलवट । awning (आनिङ्) = a sheet of cloth, तिरपाल। snap (स्नैप्) = to break suddenly, अचानक टूट जाना। asphodel (एस्फोड्ल) = plant, एक प्रकार का पौधा । upheavel (अपहीवल) = a sudden big change, उथल-पुथल, बड़ा परिवर्तन।

हिन्दी अनुवाद-क्योंकि वर्षों वर्ष तक वे चरागाहों और जंगलों में उगते हैं, और हमारी ओर कोई भी ध्यान नहीं देते हैं, और नदियों के किनारों पर सभी वस्तुओं के प्रति प्रत्येक व्यक्ति सोचता है। गाय गर्म दोपहरों में उनके नीचे अपनी पूँछ को तेजी से पटकती है; वे नदियों को इतना हरा कर देती हैं कि जब जंगली मुर्गी गोता लगाती है तो कोई भी व्यक्ति उसके पंखों को पूरी तरह से हरी होने की उम्मीद करता है जब वह वापस बाहर आती है। मैं उस मछली के बारे में सोचना पसन्द करती हूँ जो कि धारा के विपरीत लहराते हुए झण्डों की तरह सन्तुलित है; और जल कीटों के बारे में जो कि नदियों के किनारों पर धीरेधीरे मिट्टी के गुम्बद बना रहे हैं। 

मुझे स्वयं वृक्ष के बारे में सोचना पसन्द है : प्रथम लकड़ी होने की सनसनी; तत्पश्चात् तूफान का तेज होकर रुक जाना, उसके बाद धीमा, स्वादिष्ट रस का बाहर निकलना। मैं यह भी सोचना पसन्द करती हूँ कि सर्दियों की रात को किसी खाली मैदान में सारी इकट्ठी की हुई पत्तियाँ, चन्द्रमा की लोहे की गोलियों को कोई भी कोमल वस्तु नहीं दिखाई दे सकती, पृथ्वी पर एक नग्न मस्तूल जो कि लड़खड़ाता है, पूरी रात लड़खड़ाता है। जून के महीने में पक्षियों का गीत बहुत तीव्र ध्वनि में और विचित्र सुनाई देता है और उसके ऊपर कीटों के पैर कितने ठण्डे महसूस होते हैं, क्योंकि वे वृक्षों की छाल की सलवटों में कठिनाइयों से आगे बढ़ते हैं, अथवा सूर्य की किरणें स्वयं ही पत्तियों की पतली हरी छाया

प्रदान करती हैं और हीरे से तराशी गई लाल आँखों में बिल्कुल सीधी रेखा में देखती हैं......एक-एक करके रेशे पृथ्वी के अत्यधिक ठण्डे दबाव के कारण टूट जाते हैं, और उसके बाद अन्तिम तूफान आता है और एक बार फिर से सबसे ऊँची शाखाओं को जमीन पर गहराई तक गिरा देता है। इस पर भी जीवन पूर्ण नहीं होता है; लाखों मरीज होते हैं, वृक्ष के लिए गहन दृष्टियुक्त जीवन पूरे संसार में, कमरों में, पानी के जहाजों में, पैदल रास्तों में, रहने के कमरों में, जहाँ पर महिला एवं पुरुष चाय पीने के बाद बैठते हैं और धूम्रपान करते हैं। 

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यह वृक्ष शान्तिपूर्ण विचारों से और खुशियाँ प्रदान करने वाले विचारों से पूर्ण होता है। मुझे प्रत्येक को अलग-अलग लेना चाहिए लेकिन इस रास्ते में कोई न कोई बाधा आ रही है........मैं कहाँ थी? यह सब किस बारे में था? एक वृक्ष? एक नदी? एक चढ़ाव? व्हाइटकर की सारणी? एस्फोडल पौधों के मैदान? मुझे कुछ भी याद नहीं है। प्रत्येक बात इधर-उधर चल रही है, गिर रही है, फिसल रही है. अदृश्य हो रही है.......इस मामले में अत्यन्त उथल-पुथल हो रही है।
कोई मेरे पास खड़ा है और कह रहा है"मैं बाहर समाचार पत्र खरीदने जा रहा हूँ।" "हाँ?"
"यद्यपि समाचार पत्र खरीदने से कोई लाभ नहीं है.....कभी भी कुछ भी नहीं होता है। इस युद्ध को अभिशाप; ईश्वर इस युद्ध को नष्ट करें! .............
और ठीक इसी प्रकार, मैं नहीं देख पाती हूँ कि हमारी दीवार पर कोई घोंघा क्यों होना चाहिए।" अरे, दीवार पर चिह्न! यह तो घोंघा था............

Bhagya
Last Updated on Dec. 13, 2023, 9:29 a.m.
Published Dec. 12, 2023