Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 1 विकास Textbook Exercise Questions and Answers.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 10. Students can also read RBSE Class 10 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 10 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. The class 10 economics chapter 2 intext questions are curated with the aim of boosting confidence among students.
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प्रश्न 1.
हम यह कल्पना करने का प्रयास करें कि तालिका 1.1 में दी गई सूची के अनुसार लोगों के लिए विकास का क्या अर्थ हो सकता है। उनकी क्या आकांक्षाएँ हैं? आप देखेंगे कि कुछ स्तम्भ अधूरे भरे हुए हैं।
इस तालिका को पूरा करने की कोशिश कीजिए। आप चाहें तो किन्हीं और श्रेणी के व्यक्तियों को जोड़ सकते हैं।
उत्तर:
व्यक्ति की श्रेणी |
विकास के लक्ष्य/आकांक्षाएँ |
भूमिहीन ग्रामीण मजदूर |
काम करने के अधिक दिन और बेहतर मजदूरी; स्थानीय स्कूल उनके बच्चों को उत्तम शिक्षा प्रदान करने में सक्षम; कोई सामाजिक भेदभाव नहीं और गाँव में वे भी नेता बन सकते हैं। |
पंजाब के समृद्ध किसान |
किसानों को उनकी उपज के लिए ज्यादा समर्थन मूल्यों और मेहनती और सस्ते | मजदूरों द्वारा उच्च पारिवारिक आय सुनिश्चित करना ताकि वे अपने बच्चों को विदेशों में बसा सकें। |
किसान जो खेती के लिए केवल वर्षा पर निर्भर हैं |
तालाब, बांध, नहरों आदि द्वारा सिंचाई सुविधा उन्नत बीज की सविधा; उर्वरकों एवं कीटनाशकों की उपलब्धता, फसलों का बीमा आदि। |
भूस्वामी परिवार की एक ग्रामीण महिला |
शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधा, आधुनिकता की सुख-सुविधाओं की उपलब्धता; पर्याप्त श्रम की उपलब्धता; नारी स्वतन्त्रता; पर्याप्त आमदनी आदि। |
शहरी बेरोजगार युवक |
रोजगार की उपलब्धता; अच्छा वेतन; प्रशिक्षण सुविधा; आसान ऋण सुविधा आदि। |
शहर के अमीर परिवार का एक लड़का |
उन्नत शिक्षा सुविधा; आधुनिक सुख सुविधाओं की उपलब्धता; मनोरंजन के साधनों का विकास; व्यवसाय सुविधा; परिवहन एवं पर्यटन का विकास आदि। |
शहर के अमीर परिवार की एक लड़की |
उसे अपने भाई के जैसी आजादी मिलती हैं और वह अपने फैसले खुद कर सकती है। वह अपनी पढाई विदेश में कर सकती है। |
नर्मदा घाटी का एक आदिवासी |
सुरक्षित आवास; वनों का विकास ताकि वनोत्पाद से रोजगार की प्राप्ति हो सके; शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं; शुद्ध पेयजल; पर्याप्त मजदूरी आदि। |
मध्यमवर्गीय परिवारों के लोग |
सस्ती शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आवास सुविधायें; नियमित नौकरी तथा स्वरोजगार; परिवहन के साधनों की उपलब्धता; अच्छी कानून व्यवस्था आदि। |
पृष्ठ 6 (आओ इन पर विचार करें)-
प्रश्न 1.
अलग-अलग लोगों की विकास की धारणाएँ अलग क्यों हैं? नीचे दी गई व्याख्याओं में कौनसी अधिक महत्त्वपूर्ण है और क्यों?
(क) क्योंकि लोग भिन्न होते हैं।
(ख) क्योंकि लोगों के जीवन की परिस्थितियाँ भिन्न हैं।
उत्तर:
अलग-अलग लोगों की विकास की धारणाएँ अलग-अलग होती हैं क्योंकि लोगों की जीवन की परिस्थितियां एक-दूसरे से भिन्न होती हैं तथा उनकी आवश्यकताएँ भी परिस्थितियों के अनुरूप भिन्न-भिन्न होती हैं अतः इन आवश्यकताओं के आधार पर लोगों के विकास के लक्ष्य अथवा धारणाएँ भी भिन्न-भिन्न होती हैं अतः उपर्युक्त दो कथनों अथवा व्याख्याओं में से व्याख्या (ख) अधिक महत्त्वपूर्ण है।
प्रश्न 2.
क्या निम्न दो कथनों का एक अर्थ है? कारण सहित उत्तर दीजिए।
(क) लोगों के विकास के लक्ष्य भिन्न होते हैं।
(ख) लोगों के विकास के लक्ष्यों में परस्पर विरोध होता है।
उत्तर:
उपर्युक्त दोनों कथन (क) तथा (ख) का अर्थ भिन्न-भिन्न है, उपर्युक्त कथनों का अर्थ निम्न प्रकार है-
(क) विभिन्न लोगों के लक्ष्य भिन्न-भिन्न होते हैं क्योंकि लोगों की परिस्थितियाँ भिन्न होती हैं तथा उन परिस्थितियों के अनुरूप उनकी आवश्यकताएँ भिन्न-भिन्न होती हैं तथा भिन्न आवश्यकताओं के कारण लोगों के लक्ष्य भी भिन्न होते हैं।
(ख) लोगों के विकास के लक्ष्य अलग-अलग होते हैं तथा यह आवश्यक नहीं कि ये लक्ष्य हमेशा परस्पर विरोधी हों, किन्तु कभी-कभी लोगों की आवश्यकताओं की भिन्नता के कारण ये लक्ष्य परस्पर विरोधी हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, अधिक बिजली पाने के लिए उद्योगपति अधिक से अधिक बाँध बनाना चाहते हों किन्तु वहाँ रह रहे आदिवासी लोगों के लिए यह एक विरोधी लक्ष्य होगा।
प्रश्न 3.
कुछ ऐसे उदाहरण दीजिए जहाँ आय के अतिरिक्त अन्य कारक हमारे जीवन के महत्त्वपूर्ण पहलू हैं।
उत्तर:
आय के अतिरिक्त भी कई अन्य महत्त्वपूर्ण पहलू हैं जो हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं, जैसे-
प्रश्न 4.
ऊपर दिये गये खण्ड के कुछ महत्वपूर्ण विचारों को अपनी भाषा में समझाइये।
उत्तर:
पृष्ठ 7 (आओ इन पर विचार करें)
प्रश्न 1.
चित्र (पाठ्यपुस्तक के पेज 7) को देखिए। इस प्रकार के क्षेत्र के विकासात्मक लक्ष्य क्या होने चाहिए?
उत्तर:
चित्र में एक बहुत बड़ी इमारत दिखाई दे रही है तथा उसके पास ही बहुत-सी झुग्गी-झोंपडियाँ दिखाई दे रही हैं। ऐसी स्थिति में विकासात्मक लक्ष्य यह होगा कि
प्रश्न 2.
इस अखबार की रिपोर्ट (पाठ्यपुस्तक में) देखिए और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) किन लोगों को लाभ हुआ और किन को नहीं?
(ख) इस देश के विकास के लक्ष्य क्या होने चाहिए?
उत्तर:
(क) इस रिपोर्ट के अनुसार बहुराष्ट्रीय कम्पनी तथा आइवरी कोस्ट की जहाज कम्पनी को फायदा हुआ क्योंकि बहुत कम लागत तथा कम समय में उन्होंने अपने अवशिष्ट पदार्थ को फिंकवा दिया। किन्तु इससे आइवरी कोस्ट के अबिदजान शहर के निवासियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि ये लोग बहुत-सी बीमारियों से ग्रस्त हो गये।
(ख) इस देश में विकास का लक्ष्य यह होना चाहिए कि (i) विभिन्न कम्पनियाँ तथा कारखाने आबादी वाले स्थानों से अधिक दूर होने चाहिए। (ii) उनके द्वारा निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को इस प्रकार नष्ट किया जाना चाहिए ताकि पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुँचे। (iii) जनसामान्य के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।
प्रश्न 3.
आपके गाँव या शहर या स्थानीय इलाके के विकास के लक्ष्य क्या होने चाहिए?
उत्तर:
पृष्ठ 9 (आओ इन पर विचार करें)-
प्रश्न 1.
तीन उदाहरण दीजिए, जहां स्थितियों की तुलना के लिए औसत का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
प्रश्न 2.
आप क्यों सोचते हैं कि औसत आय विकास को समझने का एक महत्त्वपूर्ण मापदण्ड है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विकास के स्तर को मापने हेतु आय एक महत्त्वपूर्ण मापदण्ड है, विभिन्न देशों की तुलना करने के लिए आय एक महत्त्वपूर्ण मापदण्ड है किन्तु कुल आय की अपेक्षा प्रति व्यक्ति आय अथवा औसत आय अधिक बेहतर मापदण्ड है क्योंकि विभिन्न देशों की जनसंख्या भिन्न-भिन्न होती है। अतः कुल आय के आधार पर सही तुलना सम्भव नहीं हो पाएगी, ऐसी स्थिति में औसत आय विकास को समझने का अधिक बेहतर मापदण्ड होगा।
प्रश्न 3.
प्रति व्यक्ति आय के माप के अतिरिक्त, आय के कौनसे अन्य लक्षण हैं जो दो या दो से अधिक देशों की तुलना के लिए महत्त्व रखते हैं?
उत्तर:
प्रति व्यक्ति आय के माप के अतिरिक्त कुल आय, स्वास्थ्य सम्बन्धी माप, साक्षरता, नागरिक सुविधाओं सम्बन्धी मापों आदि के आधार पर भी दो या दो से अधिक देशों की तुलना की जा सकती है।
प्रश्न 4.
मान लीजिए कि रिकार्ड ये दिखाते हैं कि किसी देश की आय समय के साथ बढ़ती जा रही है। क्या इससे हम इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि अर्थव्यवस्था के सभी भाग बेहतर हो गए हैं? अपना उत्तर उदाहरण सहित दीजिए।
उत्तर:
किसी देश की आय में निरन्तर वृद्धि का तात्पर्य यह नहीं होता है कि अर्थव्यवस्था के सभी भाग अथवा क्षेत्र बेहतर हो रहे हैं। कुल आय का तात्पर्य देश के सभी क्षेत्रों की आय के योग से होता है अतः यह हो सकता है कि किसी देश में किसी एक क्षेत्र की बहुत बेहतर वृद्धि से कुल आय में वृद्धि हो जाए जबकि अन्य क्षेत्रों का प्रदर्शन पहले से भी खराब हो।
पृष्ठ 12 ( आओ इन पर विचार करें)
प्रश्न 1.
तालिका 1.3 और 1.4 (पाठ्यपुस्तक में ) के आँकड़ों को देखिए। क्या हरियाणा केरल से साक्षरता दर आदि में उतना ही आगे है जितना कि प्रति व्यक्ति आय के विषय में?
उत्तर:
तालिका 1.3 से स्पष्ट होता है कि हरियाणा प्रति व्यक्ति आय में केरल से आगे है।
लेकिन तालिका 1.4 से स्पष्ट है कि हरियाणा साक्षरता दर आदि में केरल से पीछे है। वर्ष 2011 में केरल में साक्षरता दर जहाँ 94 प्रतिशत थी वहां यह हरियाणा में 82 प्रतिशत ही थी। इसी प्रकार वर्ष 2017 में केरल में शिशु मृत्यु दर 10 प्रति हजार थी जो कि हरियाणा में 30 प्रति हजार थी। इसी प्रकार वर्ष 2013-14 में 14 तथा 15 वर्ष की आयु के बच्चों का स्कूल में निवल उपस्थिति अनुपात भी हरियाणा में केरल की अपेक्षा कम था।
प्रश्न 2.
ऐसे दूसरे उदाहरण सोचिए, जहाँ वस्तुएँ और सेवाएँ व्यक्तिगत स्तर की अपेक्षा सामूहिक स्तर पर उपलब्ध कराना अधिक सस्ता है।
उत्तर:
ऐसे अनेक उदाहरण हैं जहाँ वस्तुएँ तथा सेवाएँ व्यक्तिगत स्तर की अपेक्षा सामूहिक स्तर पर उपलब्ध करवाना अधिक सस्ता पड़ता है, जैसे-
प्रश्न 3.
अच्छे स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की उपलब्धता क्या केवल सरकार द्वारा इन सुविधाओं के लिए किए गए व्यय पर ही निर्भर करती है? अन्य कौनसे कारक प्रासंगिक हो सकते हैं?
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य तथा शिक्षा सुविधाओं की उपलब्धता केवल सरकार द्वारा इन सुविधाओं के लिए किए गए व्यय पर ही निर्भर नहीं करती है। इसके अतिरिक्त अन्य कारक भी महत्त्वपूर्ण हैं। यथा-
प्रश्न 4.
तमिलनाडु में ग्रामीण क्षेत्रों के 90 प्रतिशत लोग राशन की दुकानों का प्रयोग करते हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में केवल 35 प्रतिशत ग्रामीण निवासी इसका प्रयोग करते हैं। कहाँ के लोगों का जीवन बेहतर होगा और क्यों?
उत्तर:
तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का जीवन अधिक बेहतर होगा क्योंकि उन्हें कम मूल्य पर वस्तुएँ प्राप्त होंगी जिस कारण वहाँ के लोग आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त मात्रा में उपभोग कर पाएँगे जिससे उनका जीवनस्तर बेहतर होगा।
पृष्ठ 12 (कार्यकलाप-2)
प्रश्न- तालिका 1.5 को ध्यान से अध्ययन कीजिए और निम्न अनुच्छेदों में रिक्त स्थानों को भरिए। हो सकता है इसके लिए आपको तालिका के आधार पर कुछ गणना करनी पड़े।
तालिका 1.5 : उत्तर प्रदेश की ग्रामीण जनसंख्या की शैक्षिक उपलब्धि श्रेणी
श्रेणी |
पुरुष |
महिला |
ग्रामीण जनसंख्या की साक्षरता दर |
76% |
54% |
10-14 वर्ष के ग्रामीण बच्चों में साक्षरता दर |
90% |
87% |
10-14 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले ग्रामीण बच्चों की प्रतिशत |
85% |
82% |
उत्तर:
(क) सभी आयु वर्गों की साक्षरता दर, जिसमें युवक और वृद्ध दोनों सम्मिलित हैं, ग्रामीण पुरुषों के लिए 76 प्रतिशत थी और ग्रामीण महिलाओं के लिए 54 प्रतिशत थी। यही नहीं कि बहुत से वयस्क स्कूल ही नहीं जा पाए बल्कि बहुत से बच्चे इस समय स्कूल में नहीं हैं।
(ख) इस तालिका से स्पष्ट है कि 18 प्रतिशत ग्रामीण लड़कियाँ और 15 प्रतिशत ग्रामीण लड़के स्कूल नहीं जा रहे हैं। इसलिए, 10 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों में से 13 प्रतिशत ग्रामीण लड़कियाँ और 10 प्रतिशत ग्रामीण लड़के निरक्षर हैं।
(ग) हमारी स्वतन्त्रता के सात दशकों से ज्यादा के बाद भी, उत्तर प्रदेश में 10 से 14 वर्ष आयु के वर्ग में इस उच्च स्तर की निरक्षरता बहुत चिन्ताजनक है। बहुत से अन्य राज्यों में भी 14 वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के संवैधानिक लक्ष्य के निकट भी नहीं पहुंच पाए हैं, जबकि इस लक्ष्य को 1960 तक पूरा करना था।
प्रश्न 1.
सामान्यतः किसी देश का विकास किस आधार पर निर्धारित किया जा सकता है-
(क) प्रति व्यक्ति आय
(ख) औसत साक्षरता स्तर
(ग) लोगों की स्वास्थ्य स्थिति
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित पड़ोसी देशों में से मानव विकास के लिहाज़ से किस देश की स्थिति भारत से बेहतर है?
(क) बांग्लादेश
(ख) श्रीलंका
(ग) नेपाल
(घ) पाकिस्तान।
उत्तर:
(ख) श्रीलंका।
प्रश्न 3.
मान लीजिए कि एक देश में चार परिवार हैं। इन परिवारों की प्रति व्यक्ति आय 5000 रुपये है। अगर तीन परिवारों की आय क्रमशः 4,000, 7,000 और 3,000 रुपये है तो चौथे परिवार की आय क्या है?
(क) 7,500 रुपये
(ख) 3,000 रुपये
(ग) 2,000 रुपये
(घ) 6,000 रुपये।
उत्तर:
(घ) 6,000 रुपये।
प्रश्न 4.
विश्व बैंक विभिन्न वर्गों का वर्गीकरण करने के लिए किस प्रमुख मापदण्ड का प्रयोग करता है? इस मापदण्ड की, अगर कोई हैं, तो सीमाएँ क्या हैं?
उत्तर:
विश्व बैंक विभिन्न वर्गों का वर्गीकरण करने के लिए अर्थात् विभिन्न देशों के वर्गीकरण हेतु प्रति व्यक्ति आय के मापदण्ड का प्रयोग करता है। विश्व बैंक ने प्रति व्यक्ति आय के आधार पर देशों को समृद्ध एवं निम्न आय वर्गों में बाँटा है। इस मापदण्ड की ये सीमाएँ हैं-
प्रश्न 5.
विकास मापने का यू.एन.डी.पी. का मापदण्ड किन पहलुओं में विश्व बैंक के मापदण्ड से अलग है?
उत्तर:
विश्व बैंक देशों के विकास को मापने हेतु प्रति व्यक्ति आय के मापदण्ड का उपयोग करता है जबकि यू.एन.डी.पी. के मापदण्ड में प्रति व्यक्ति आय के अतिरिक्त शैक्षिक एवं स्वास्थ्य स्तर को भी आधार बनाया गया है। इस प्रकार यू.एन.डी.पी. का मापदण्ड विश्व बैंक के मापदण्ड से अधिक बेहतर है।
प्रश्न 6.
हम औसत का प्रयोग क्यों करते हैं? इनके प्रयोग करने की क्या कोई सीमाएँ हैं? विकास से जुड़े अपने उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हम औसत का प्रयोग आय की तुलना करने के लिए करते हैं। एक देश के लोग दूसरे देश के लोगों से कितने बेहतर हैं? इसके लिए हम औसत आय की तुलना करते हैं जो कि कुल आय को कुल जनसंख्या से भाग देकर निकाली जाती है। विभिन्न देशों में जनसंख्या की भिन्नता के कारण कुल आय तुलना करने का उपयुक्त मापदण्ड नहीं होता है, औसत आय अधिक उपयुक्त मापदण्ड है।
औसत के प्रयोग करने की सीमाएँ-(i) औसत आय धनी और निर्धन के बीच अन्तर नहीं बताती। अर्थात् आय के वितरण का ज्ञान नहीं हो पाता। (ii) इसे विकास का अच्छा माप नहीं माना जा सकता।
उदाहरण के लिए, यह हो सकता है कि किसी देश की औसत आय में वृद्धि हुई हो। लेकिन इसमें यह भी हो सकता है कि धन और आय के वितरण में असमानता अधिक बढ़ी हो।
प्रश्न 7.
प्रति व्यक्ति आय कम होने पर भी केरल का मानव विकास क्रमांक हरियाणा से ऊँचा है। इसलिए प्रति व्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं है और राज्यों की तुलना के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। क्या आप सहमत हैं? चर्चा कीजिए।
अथवा
"औसत आय अधिक होने पर भी हरियाणा का मानव विकास क्रमांक केरल से नीचे है। इसलिए मानव विकास के लिए प्रति व्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं है।" इस कथन के पक्ष में कोई तीन तर्क दीजिए।
उत्तर:
प्रायः राज्यों की तुलना प्रति व्यक्ति आय के आधार पर की जाती है किन्तु प्रति व्यक्ति आय के आधार पर मानव विकास का सही माप नहीं किया जा सकता है क्योंकि-
(i) केवल प्रति व्यक्ति आय के आधार पर ही मानव विकास को ज्ञात नहीं किया जा सकता है।
(ii) शिक्षा का स्तर, स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर, निर्धनता, सामाजिक सुविधाएँ आदि भी मानव विकास के अन्य महत्त्वपूर्ण निर्धारक हैं। अतः हम केवल प्रति व्यक्ति आय के आधार पर राज्यों की तुलना करने में सहमत नहीं हैं। उदाहरण के लिए, भारत में हरियाणा राज्य की प्रति व्यक्ति आय, केरल राज्य की प्रति व्यक्ति आय से अधिक है परन्तु हम दोनों राज्यों की मानव विकास की तुलना अन्य आधारों पर करें तो पाएंगे कि केरल में मानव विकास का स्तर, हरियाणा की तुलना में ऊँचा है।
(iii) केरल में लिंगानुपात, हरियाणा की तुलना में बहुत बेहतर है, साथ ही केरल में सामाजिक सुविधाएँ भी हरियाणा से अधिक हैं। अतः केवल प्रति व्यक्ति आय के आधार पर राज्यों के मानव विकास की तुलना करना उचित नहीं है।
प्रश्न 8.
भारत के लोगों द्वारा ऊर्जा के किन स्रोतों का प्रयोग किया जाता है? ज्ञात कीजिए। अब से 50 वर्ष पश्चात् क्या सम्भावनाएँ हो सकती हैं?
उत्तर:
भारत में ऊर्जा के दो प्रकार के स्रोतों का प्रयोग किया जाता है-
(1) परम्परागत स्रोत-(i) कोयला (ii) खनिज तेल (iii) प्राकृतिक गैस (iv) विद्युत।
(2) गैर परम्परागत स्रोत-(i) पवन ऊर्जा (ii) सौर ऊर्जा (iii) बायो गैस (iv) भूतापीय ऊर्जा (v) ज्वारीय ऊर्जा (vi) परमाणु ऊर्जा।
अगले 50 वर्षों में भारत में ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक सम्भावनाएँ हैं। भारत में ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों की निरन्तर खोज की जा रही है तथा विदोहन किया जा रहा है, जिससे भविष्य में इनकी पूर्ति बढ़ने की सम्भावना है। इसके अतिरिक्त ऊर्जा के क्षेत्र में गैर-परम्परागत स्रोतों का प्रयोग निरन्तर बढ़ रहा है। इसमें मुख्य रूप से पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बायो ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा एवं वैकल्पिक ईंधन के स्रोत आदि को सम्मिलित किया जाता है।
प्रश्न 9.
धारणीयता का विषय विकास के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
अथवा
धारणीय विकास पर लघु टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
विकास की धारणीयता का तात्पर्य विकास के स्तर को और ऊँचा उठाने तथा वर्तमान विकास के स्तर को भावी पीढ़ी हेतु बनाए रखने से है, अतः धारणीयता का विषय विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसके बिना विकास अधूरा है। इसमें भावी पीढ़ी की उत्पादकता को हानि पहुँचाये बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने पर बल दिया जाता है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलता है। अतः यह देश की भावी उन्नति के लिए आवश्यक है।
प्रश्न 10.
धरती के पास सब लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन एक भी व्यक्ति के लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। यह कथन विकास की चर्चा में कैसे प्रासंगिक है? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
उपर्युक्त कथन विकास की चर्चा में काफी प्रासंगिक है। धरती पर अनेक प्रकार के प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं तथा वे धरती पर निवास करने वाले लोगों के लिए पर्याप्त हैं। किन्तु व्यक्तिगत लालच अथवा स्वार्थ के कारण लोग अपनी आवश्यकता से अधिक संसाधनों की माँग करते हैं। इससे संसाधनों का विवेकपूर्ण एवं मितव्ययी ढंग से उपयोग नहीं हो पाता, जिससे संसाधनों का दुरुपयोग होता है तथा इस स्वार्थ के कारण लोगों में असमानता उत्पन्न होती है, साथ ही प्राकृतिक संसाधन भी बढ़ती मांग के अनुरूप कम पड़ते चले जाते हैं। अतः यदि प्रत्येक व्यक्ति इसी प्रकार स्वार्थपूर्ण व्यवहार करेगा तो ये प्राकृतिक संसाधन सभी लोगों की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाएंगे।
प्रश्न 11.
पर्यावरण में गिरावट के कुछ ऐसे उदाहरणों की सूची बनाइए जो आपने अपने आस-पास देखे हों।
उत्तर:
पर्यावरण में गिरावट के कुछ उदाहरण जो हमारे आस-पास प्रायः देखे जाते हैं, वे निम्न प्रकार हैं-
प्रश्न 12.
तालिका 1.6 में दी गई प्रत्येक मद के लिए ज्ञात कीजिए कि कौनसा देश सबसे ऊपर है और कौनसा सबसे नीचे।
उत्तर:
पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 13 पर दी गई तालिका 1.6 के अनुसार वर्ष 2017 में-
प्रश्न 13.
नीचे दी गई तालिका में भारत में व्यस्कों ( 15-49 वर्ष आयु वाले) जिनका बी.एम.आई. सामान्य से कम है (बी.एम.आई. <18.5kg/m2) का अनुपात दिखाया गया है। यह वर्ष 2015-16 में देश के विभिन्न राज्यों के एक सर्वेक्षण पर आधारित है। तालिका का अध्ययन करके निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
राज्य |
पुरुष (%) |
महिला (%) |
केरल |
8.5 |
10 |
कर्नाटक |
17 |
21 |
मध्य प्रदेश |
28 |
28 |
सभी राज्य |
20 |
23 |
स्रोत : राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4, 2015-16, http://rchiips.org.
(क) केरल और मध्य प्रदेश के लोगों के पोषण स्तरों की तुलना कीजिए।
(ख) क्या आप अन्दाज लगा सकते हैं कि देश में लगभग हर पाँच में से एक व्यक्ति अल्पपोषित क्यों है, यद्यपि यह तर्क दिया जाता है कि देश में पर्याप्त खाद्य है? अपने शब्दों में विवरण दीजिए।
उत्तर:
(क) केरल तथा मध्य प्रदेश में से पोषण स्तरों की दृष्टि से मध्य प्रदेश पिछड़ा हुआ है। केरल में 8.5 प्रतिशत पुरुष अल्पपोषित हैं जबकि मध्य प्रदेश में यह अनुपात 28 प्रतिशत है। इसी प्रकार महिलाओं में, केरल में 10 प्रतिशत महिलाएँ अल्पपोषित हैं जबकि मध्य प्रदेश में 28 प्रतिशत महिलाएँ अल्पपोषित हैं।
(ख) देश में लगभग हर पांच में से एक व्यक्ति अल्पपोषित है जबकि हमारे देश में खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में है। इसका मुख्य कारण यह है कि देश में वितरण प्रणाली सही नहीं होने के कारण देश में सभी लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध नहीं हो पाते।