RBSE Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 10 Social Science Solutions Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

RBSE Class 10 Social Science वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था InText Questions and Answers

पृष्ठ 59 (आओ इन पर विचार करें)

प्रश्न 1. 
क्या आप मानते हैं कि फोर्ड मोटर्स एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है? क्यों?
उत्तर:
हाँ, हम मानते हैं कि फोर्ड मोटर्स एक मोटरगाड़ी निर्माता बहुराष्ट्रीय कम्पनी है क्योंकि वह मूल रूप से अमेरिकी कम्पनी है जो कई देशों में व्यवसाय करती है।

प्रश्न 2. 
विदेशी निवेश क्या है? फोर्ड मोटर्स ने भारत में कितना निवेश किया था?
उत्तर:
किसी बहुराष्ट्रीय कम्पनी द्वारा दूसरे देश में किया गया निवेश विदेशी निवेश कहलाता है। फोर्ड मोटर्स ने भारत में 1995 में 1700 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

प्रश्न 3. 
भारत में उत्पादन संयंत्र स्थापित करके फोर्ड मोटर्स जैसी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ केवल भारत जैसे देशों के विशाल बाजार का ही लाभ नहीं उठाती हैं, बल्कि कम उत्पादन लागत का भी लाभ प्राप्त करती हैं। कथन की व्याख्या करें।
उत्तर:
भारत की श्रम शक्ति की लागत बहुत कम है, साथ ही यहाँ का श्रम कुशल है, अत: बहुत-सी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ यहाँ अपने उत्पाद का सस्ती लागत पर उत्पादन कर भारत के विशाल बाजार में आसानी से विक्रय कर सकती हैं। इस प्रकार वे भारत के विशाल बाजार के साथ-साथ कम उत्पादन लागत का भी लाभ प्राप्त करती हैं।

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प्रश्न 4. 
आपके विचार से कम्पनी अपने वैश्विक कारोबार के लिए कार के पुों के विनिर्माण केन्द्र के रूप में भारत का विकास क्यों करना चाहती है? निम्न कारकों पर विचार करें
(अ) भारत में श्रम और अन्य संसाधनों पर लागत। 
(ब) कई स्थानीय विनिर्माताओं की उपस्थिति, जो फोर्ड मोटर्स के कल-पुर्जी की आपूर्ति करते हैं। 
(स) अधिक संख्या में भारत और चीन के ग्राहकों से निकटता।
उत्तर:
फोर्ड कम्पनी अपने वैश्विक कारोबार के लिए कार के पुर्जी के विनिर्माण केन्द्र के रूप में भारत का विकास करना चाहती है उस सम्बन्ध में तीनों कारक ही उपयुक्त हैं, जिनका विश्लेषण निम्न प्रकार है-
(अ) भारत एक विकासशील देश है जहाँ मानवीय एवं प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं, अतः यहाँ पर कम्पनी के कल-पुणे की लागत कम आएगी।

(ब) भारत में कई छोटे-छोटे विनिर्माता भी हैं जो फोर्ड कम्पनी के लिए कम लागत पर तथा अच्छे कल-पुर्जे बनाकर दे सकते हैं।

(स) भारत एक विकासशील राष्ट्र है तथा यहाँ पर कारों की मांग भी अधिक है, साथ ही चीन भी जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा देश है तथा दोनों देशों में कारों की माँग निरन्तर बढ़ती जा रही है, अत: भारत में ही कारों का निर्माण कर भारत व चीन में विक्रय करने से कम्पनी को लाभ होगा।

प्रश्न 5. 
भारत में फोर्ड मोटर्स द्वारा कारों के निर्माण से उत्पादन किस प्रकार परस्पर संबंधित होगा?
उत्तर:
भारत में अनेक छोटी एवं वड़ी कम्पनियाँ हैं जिनके साथ मिलकर फोर्ड मोटर्स कारों का उत्पादन कर सकती है। इससे देश के उत्पादकों को भी विकास के अवसर प्राप्त होंगे।

प्रश्न 6. 
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ, अन्य कम्पनियों से किस प्रकार अलग हैं?
उत्तर:
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ तथा अन्य कम्पनियों में अन्तर

बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ

अन्य कम्पनियाँ

1. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ एक से अधिक देशों में अपनी औद्योगिक इकाइयाँ व कार्यालय स्थापित करती हैं।

1. अन्य कम्पनियाँ एक ही देश में औद्योगिक इकाइयाँ व कार्यालय स्थापित करती हैं।

2. इन कम्पनियों में पूँजी निवेश अधिक होता है।

2. इन कम्पनियों में पूँजी निवेश कम होता है।

3. इन कम्पनियों के उत्पादन की माँग और पूर्ति बड़े पैमाने पर होती है।

3. अन्य कम्पनियों के उत्पादन की माँग व पूर्ति छोटे पैमाने पर होती है।

4. इन कम्पनियों के उत्पादन की लागत कम होती है। इसलिए ये अधिक लाभ कमाती हैं।

4. इन कम्पनियों की उत्पादन की लागत अधिक होने के कारण ये कम लाभ कमा पाती हैं।

5. इनका आकार विशाल होता है।

5. इनका आकार छोटा होता है।

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प्रश्न 7. 
लगभग सभी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ, अमेरिका, जापान या यूरोप की हैं, जैसे-नोकिया, कोकाकोला, पेप्सी, होण्डा, नाइकी। क्या आप अनुमान कर सकते हैं कि ऐसा क्यों?
उत्तर:
अमेरिका, जापान, यूरोप आदि विकसित राष्ट्र हैं तथा इनके पास कुशल प्रबन्धन तथा उच्चस्तरीय उद्यमीय क्षमता है तथा दूसरे देशों में निवेश हेतु पूँजी एवं नवीन प्रौद्योगिकी है। अत: यहाँ की कई कम्पनियाँ बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ हैं। 

पृष्ठ 61 (आआ इन पर विचार करें)

प्रश्न 1. 
अतीत में देशों को जोड़ने वाला मुख्य माध्यम क्या था? अब यह अलग कैसे है?
उत्तर:
अतीत में देशों को जोड़ने वाला मुख्य माध्यम विदेश व्यापार था, जो प्रायः स्थल मार्गों या समुद्री मार्गों द्वारा किया जाता था; जबकि वर्तमान में विदेश व्यापार विभिन्न मार्गों-वायु, स्थल, समुद्री तथा दूरसंचार माध्यमों आदि से होता है। दूसरा, वर्तमान में विभिन्न देशों के बाजारों के जुड़ने से विदेशों में ही निवेश किया जा रहा है, इसलिए अब यह अतीत से अलग है।

प्रश्न 2. 
विदेश व्यापार और विदेशी निवेश में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
विदेश व्यापार-दो या दो से अधिक देशों में वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान विदेश व्यापार कहलाता है। विदेश व्यापार उत्पादकों को घरेलू बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने का अवसर प्रदान करता है।

विदेशी निवेश-किसी बहुराष्ट्रीय कम्पनी द्वारा दूसरे देश में किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा निवेश अधिक लाभ कमाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 3. 
हाल के वर्षों में चीन भारत से इस्पात आयात कर रहा है। व्याख्या करें कि चीन द्वारा इस्पात का आयात कैसे प्रभावित करेगा?
(क) चीन की इस्पात कम्पनियों को 
(ख) भारत की इस्पात कम्पनियों को 
(ग) चीन में अन्य औद्योगिक वस्तुओं के उत्पादन के लिए इस्पात खरीदने वाले उद्योगों को।
उत्तर:
(क) चीन द्वारा भारत से इस्पात आयात करने पर चीन की इस्पात कम्पनियों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी जिस कारण उन्हें कम कीमत पर अधिक गुणवत्ता वाली वस्तुएँ उत्पादित करनी पडेंगी।
(ख) चीन द्वारा इस्पात आयात करने पर भारतीय कम्पनियों का निर्यात बढ़ेगा तथा अधिक मांग के कारण भारतीय कम्पनियाँ उत्पादन बढ़ायेंगी तथा उनकी आय में वृद्धि होगी।
(ग) चीन में अन्य औद्योगिक वस्तुओं के उत्पादन हेतु इस्पात खरीदने वाले उद्योगों पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि उन्हें अपनी आवश्यकता पूर्ति के लिए इस्पात आसानी से तथा उचित कीमत पर उपलब्ध हो जायेगा।

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प्रश्न 4. 
चीन के बाजारों में भारत से इस्पात का आयात किस प्रकार दोनों देशों के इस्पात-बाजार के एकीकरण में सहायता करेगा? व्याख्या करें।
उत्तर:
चीन द्वारा इस्पात का आयात करने से दोनों देशों के व्यापारिक सम्पर्कों में वृद्धि होगी तथा हो सकता है वे भविष्य में संयुक्त उत्पादन या विदेशी निवेश हेतु भी प्रेरित हों तथा दोनों देश अच्छे मित्रों की तरह वस्तुओं और सेवाओं का विनिर्माण कर सकेंगे तथा दोनों के मध्य नवीनतम उन्नत प्रौद्योगिकी का भी आदान-प्रदान हो सकेगा। 

पृष्ठ 62 (आओ इन पर विचार करें)

प्रश्न 1. 
वैश्वीकरण प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की क्या भूमिका है?
उत्तर:
वैश्वीकरण की प्रक्रिया का तीव्र विकास विदेशी निवेश के कारण हुआ है तथा मुख्यतः बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा ही विदेशों में निवेश किया जाता है। वैश्वीकरण प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि इनके कारण ही विभिन्न देशों के बीच अधिक से अधिक वस्तुओं और सेवाओं, पूँजी और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान हो रहा है।

प्रश्न 2. 
वे कौनसे विभिन्न तरीके हैं, जिनके द्वारा देशों को परस्पर संबंधित किया जा सकता है?
उत्तर:
विभिन्न देशों के बीच लोगों का आवागमन, विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं व सेवाओं का आदान-प्रदान, विभिन्न देशों के बीच विदेश व्यापार तथा विदेशी निवेश तथा नवीनतम एवं उन्नत प्रौद्योगिकी का आवागमन ऐसे महत्त्वपूर्ण तरीके हैं जिनके द्वारा देशों को परस्पर सम्बन्धित किया जा सकता है।

प्रश्न 3. 
सही विकल्प का चयन करेंदेशों को जोड़ने से वैश्वीकरण के परिणाम होंगे-
(क) उत्पादकों के बीच कम प्रतिस्पर्धा होगी। 
(ख) उत्पादकों के बीच अधिक प्रतिस्पर्धा होगी। 
(ग) उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धा में परिवर्तन नहीं होगा।
उत्तर:
(ख) उत्पादकों के बीच अधिक प्रतिस्पर्धा होगी। 

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पृष्ठ 63 (आओ इन पर विचार करें)

प्रश्न 2. 
सूचना प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण से कैसे जुड़ी हुई है? क्या सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार के बिना वैश्वीकरण संभव होता?
उत्तर:
सूचना प्रौद्योगिकी का वैश्वीकरण की प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण योगदान है, बिना सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार के वैश्वीकरण की प्रक्रिया काफी जटिल हो जाती है। वर्तमान समय में दूरसंचार, कंप्यूटर, इन्टरनेट आदि से वैश्वीकरण की प्रक्रिया को तीव्र गति मिली है। 

पृष्ठ 64 (आओ इन पर विचार करें)

प्रश्न 1. 
विदेश व्यापार के उदारीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
विदेश व्यापार के उदारीकरण से हमारा तात्पर्य आयात एवं निर्यात एवं विदेशी निवेश पर से प्रतिबन्धों को समाप्त करने से है।

प्रश्न 2. 
आयात पर कर एक प्रकार का व्यापार अवरोधक है। सरकार आयात होने वाली वस्तुओं की संख्या भी सीमित कर सकती है। इसे कोटा कहते हैं। क्या आप चीन के खिलौनों के उदाहरण से व्याख्या कर सकते हैं कि व्यापार अवरोधक के रूप में कोटा का प्रयोग कैसे किया जा सकता है? आपके विचार से क्या इसका प्रयोग किया जाना चाहिए? चर्चा करें।
उत्तर:
कोटा के अन्तर्गत सरकार आयातित वस्तु की मात्रा को निश्चित कर देती है अर्थात् सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक मात्रा में आयात नहीं किया जा सकता है। यदि सरकार चीनी खिलौनों की आयात मात्रा को निश्चित कर दे तो देश में चीनी खिलौनों की पूर्ति कम हो जाएगी जिससे देश में उत्पादित खिलौनों की माँग एवं बिक्री बढ़ेगी जिससे हमारे देश में खिलौना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, अतः देश के उद्योगों को संरक्षण देने हेतु कोटा का उपयोग किया जाना चाहिए। 

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पृष्ठ 66 (आओ इन पर विचार करें)

प्रश्न 1. 
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
उत्तर:
विश्व व्यापार संगठन विकसित देशों की पहल पर शुरू हुआ था। विश्व व्यापार संगठन का ध्येय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। विश्व व्यापार संगठन सभी देशों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से सम्बन्धित नियम बनाता है और देखता है कि इन नियमों का पालन होता है या नहीं। व्यवहार में, देशों के बीच व्यापार पूर्णतः मुक्त नहीं है। विकासशील देश, जैसे, भारत में व्यापार अवरोधों को हटा लिया गया है, जबकि अधिकांश स्थितियों में विकसित देशों ने अपने उत्पादकों को संरक्षण देना जारी रखा है। 

प्रश्न 2. 
आपके विचार से विभिन्न देशों के बीच अधिकाधिक न्यायसंगत व्यापार के लिए क्या किया जा सकता है? 
उत्तर:
विभिन्न देशों के बीच अधिकाधिक न्यायसंगत व्यापार के लिए सभी देशों द्वारा आयात-निर्यात प्रतिबन्धों को समाप्त किया जाना चाहिए तथा साथ ही विश्व व्यापार संगठन जैसे संगठनों द्वारा सभी देशों के साथ समानता का व्यवहार किया जाना चाहिए। 

पृष्ठ 67 (आओ इन पर विचार करें) 

प्रश्न 1. 
प्रतिस्पर्धा से भारत के लोगों को कैसे लाभ हुआ है? 
उत्तर:
वैश्वीकरण के फलस्वरूप हुई प्रतिस्पर्धा से भारत के लोगों को काफी लाभ हुआ है अब भारतीय उपभोक्ताओं के पास वस्तुओं एवं सेवाओं के अनेक विकल्प हैं तथा उन्हें कम कीमत पर अधिक गुणवत्ता वाली वस्तु प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त नवीन प्रौद्योगिकी के आगमन से देश के उत्पादकों का उत्पादन भी बढ़ा है। देश में बहुराष्ट्रीय निगमों के आगमन से रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। रोजगार वृद्धि एवं गुणवत्ता वाली वस्तुओं के उपभोग से लोगों के जीवन स्तर में भी वृद्धि हुई है। 

प्रश्न 2. 
क्या और भारतीय कंपनियों को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के रूप में उभारना चाहिए? इससे देश की जनता को क्या लाभ होगा? 
उत्तर:
हाँ, देश की और अधिक कम्पनियों को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के रूप में उभारना चाहिए। इससे देश में औद्योगिक विकास होगा, विदेश व्यापार बढ़ेगा। इससे देश के लोगों को और अधिक रोजगार मिलेगा। 

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प्रश्न 3. 
सरकारें अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने का प्रयास क्यों करती हैं?
उत्तर:
क्योंकि सरकारों द्वारा और अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने से अनेक लाभ होते हैं। देश में आधारभत संरचना का विकास होता है तथा देश में नए-नए उद्योग खुलते हैं, नई प्रौद्योगिकी का आगमन होता है, इससे देश के लोगों को रोजगार उपलब्ध होता है तथा उपभोक्ताओं को कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तु उपलब्ध होती है। 

पृष्ठ 68 (आओ इन पर विचार करें) 

प्रश्न 3. 
नवीनतम अध्ययनों ने संकेत किया है कि भारत के लघु उत्पादकों को बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा के लिए तीन चीजों की आवश्यकता है- 
(अ) बेहतर सड़कें, बिजली, पानी, कच्चा माल, विपणन और सूचना तंत्र, 
(ब) प्रौद्योगिकी में सुधार एवं आधुनिकीकरण और 
(स) उचित ब्याज दर पर साख की समय पर उपलब्धता। 

  • क्या आप व्याख्या कर सकते हैं कि ये तीन चीजें भारतीय उत्पादकों को किस प्रकार मदद करेंगी? 
  • क्या आप मानते हैं कि बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए इच्छुक होंगी? क्यों? 
  • क्या आप मानते हैं कि इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने में सरकार की भूमिका है? क्यों? 
  • क्या आप कोई ऐसा उपाय सुझा सकते हैं जिसे कि सरकार अपना सके? चर्चा करें। 

उत्तर:
(क) हाँ, हम मानते हैं कि भारतीय उत्पादकों के लिए ये तीनों चीजें-(अ) बेहतर सड़कें; बिजली, पानी, कच्चा माल; विपणन और सूचना तंत्र, (ब) प्रौद्योगिकी में सुधार एवं आधुनिकीकरण और (स) उचित ब्याज दर पर साख की समय पर उपलब्धता आवश्यक हैं। बेहतर सड़कों से परिवहन में; बिजली, पानी, कच्चा माल आदि वस्तुओं का उत्पादन करने: विपणन और सूचना माल का विक्रय करने में: प्रौद्योगिकी में सुधार एवं आधुनिकीकरण से वस्तुओं की गुणवत्ता को बढ़ाने में तथा उचित ब्याज दर पर साख की उपलब्धता से भारतीय उत्पादकों को सहायता प्राप्त होगी। 

(ख) नहीं, मैं नहीं मानता कि बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए इच्छुक होंगी; क्योंकि इन क्षेत्रों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को प्रतिफल बहुत देरी से मिलते हैं तथा लाभ भी बहुत कम होता है। 

(ग) हाँ, हम मानते हैं कि इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है। इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने में बहुत अधिक धनराशि खर्च होती है जो कि सरकार के अतिरिक्त कोई अन्य व्यक्ति एकत्रित नहीं कर सकता है। इसके अतिरिक्त इन सुविधाओं से सामाजिक कल्याण में वृद्धि होती है, जो सरकार का मुख्य लक्ष्य होता 

(घ) हाँ, हम इस बारे में निम्नलिखित सुझाव दे सकते हैं-

  • सरकार विदेशों में रहने वाले भारतीय लोगों को भारत में पूँजी निवेश के लिए आमंत्रित करे; 
  • इन क्षेत्रों में निवेश हेतु उदार नीति बनाए तथा 
  • इस क्षेत्र के उद्यमियों को अधिक सुविधाएँ उपलब्ध कराये। 

पृष्ठ 70 (आओ इन पर विचार करें) 

प्रश्न 1. 
वस्त्र उद्योग के श्रमिकों, भारतीय निर्यातकों और विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को प्रतिस्पर्धा ने किस प्रकार प्रभावित किया है? 
उत्तर:
(1) वस्त्र उद्योग के श्रमिकों पर प्रभाव-प्रतिस्पर्धा के फलस्वरूप वस्त्र उद्योग के श्रमिकों को हानि हुई है, उनका स्थायी एवं नियमित रोजगार अब अस्थायी रोजगार में बदल गया है। श्रमिकों की मजदूरी कम हो गई है तथा उन्हें अधिक घंटे काम करना पड़ता है। हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योगों के नष्ट होने से कई श्रमिक वरोजगार हो गए हैं। 

(2) भारतीय निर्यातकों पर प्रभाव-प्रतिस्पर्धा से भारतीय निर्यातकों को लाभ तो हुआ है किन्तु सस्ता उत्पादन करने के कारण उन्हें लागत कम रखनी पड़ती है जिससे उन्हें कशल श्रमिक नहीं मिल पाते हैं। 

(3) विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों पर प्रभाव-विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को प्रतिस्पर्धा का लाभ हुआ है, उन्हें सस्ती लागत में उत्पाद प्राप्त हो रहे हैं। 

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प्रश्न 1. 
वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
वैश्वीकरण का तात्पर्य विभिन्न देशों द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को अन्य देशों के लिए खोलने से है तथा विभिन्न अवरोधों को हटाने से हैं ताकि विभिन्न देशों के मध्य आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हो सके; पूँजी व श्रम का स्वतंत्र रूप में आवागमन हो सके तथा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश में भी वृद्धि हो सके। इस प्रकार विभिन्न देशों के बीच परस्पर सम्बन्ध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है। 

प्रश्न 2. 
भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी? 
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत सरकार ने विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगा रखे थे। इसका मुख्य कारण भारतीय उत्पादकों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से संरक्षण प्रदान करना था। उस समय भारतीय उत्पादकों की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी तथा वे उत्पादन की परम्परागत तकनीकों का उपयोग करते थे। ऐसी स्थिति में यदि सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर प्रतिबन्ध नहीं लगाया जाता तो ये उद्योग विदेशी वस्तुओं से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाते तथा देश में औद्योगिक पतन प्रारम्भ हो जाता और उद्योग-धन्धों के नष्ट होने से यहाँ के श्रमिक बेरोजगार हो जाते एवं उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो जाती। 

वर्ष 1991 में भारत को अपनी नीतियों में परिवर्तन करना पड़ा तथा इन अवरोधकों को हटाना पड़ा क्योंकि-

  • सन् 1991 तक भारतीय उत्पादक विश्व के उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो गये थे। 
  • अब यह महसूस किया जाने लगा था कि प्रतिस्पर्धा से उत्पादकों की गुणवत्ता में सुध 
  • हम अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों का सहयोग प्राप्त करना चाहते थे। 
  • अवरोधों को हटाने से हमारे विदेश व्यापार में वृद्धि होगी जिससे यहाँ के उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं दोनों का लाभ होगा। 

प्रश्न 3. 
श्रम कानूनों में लचीलापन कम्पनियों को कैसे मदद करेगा? 
उत्तर:

  • श्रम कानूनों में लचीलेपन से कम्पनियाँ अपनी मनमानी करेंगी तथा श्रमिकों को कम मजदूरी पर कार्य करवायेंगी एवं श्रमिक को दैनिक आधार पर रखेंगी। इससे श्रमिकों का तो शोषण होगा किन्तु कम्पनियों को लाभ होगा। 
  • श्रम कानूनों में लचीलेपन से काम्पनियों को श्रम लागत कम उठानी पड़ेगी जिससे उनके उत्पादों की लागत भी कम हो जाएगी। 
  • उत्पादन लागत कम होने से कम्पनियों को प्राप्त होने वाले लाभ में वृद्धि होगी। 

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प्रश्न 4. 
दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ किस प्रकार उत्पादन या उत्पादन पर नियन्त्रण स्थापित करती हैं? 
उत्तर:
दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ विदेश व्यापार तथा विदेशी निवेश के द्वारा उत्पादन पर निम्न प्रकार नियन्त्रण स्थापित करती हैं-

  • बहराष्टीय कम्पनियों के निवेश का सबसे आम रास्ता स्थानीय कम्पनियों को खरीदना और उसके बाद उत्पादन का प्रसार करना है तथा अपार सम्पदा वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ यह कार्य आसानी से कर लेती हैं। 
  • ये कम्पनियाँ दूसरे देशों के साथ मिलकर संयुक्त उत्पादन भी करती हैं तथा धीरे-धीरे दूसरे देश के उत्पादन पर अपना नियन्त्रण स्थापित कर लेती हैं। 
  • बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ छोटे उत्पादकों को उत्पादन का ऑर्डर देती हैं। ये कम्पनियाँ इन वस्तुओं को अपने ब्राण्ड नाम से उपभोक्ताओं को बेच देती हैं। 

प्रश्न 5. 
विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्या आप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए? 
उत्तर:
विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण चाहते हैं क्योकि- 

  • बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के द्वारा वे विदेश व्यापार व विदेशी निवेश के माध्यम से विकासशील देशों में अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें। 
  • वे वहाँ ऊँची दर का लाभ अर्जित कर सकते हैं। 

हाँ, हम मानते हैं कि विकासशील देशों को भी विकसित देशों द्वारा लगाये हुए व्यापार अवरोधकों को हटाने, उनके बाजार तक पहुँचने तथा अधिक आर्थिक सहायता की मांग करनी चाहिए। 

प्रश्न 6. 
'वैश्वीकरण का प्रभाव एकसमान नहीं है।' इस कथन की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए। 
उत्तर:
वैश्वीकरण का प्रभाव देश के सभी वर्गों पर एकपमान नहीं होता है। यथा-

  • वैश्वीकरण से बड़े उद्योगों एवं उपभोक्ताओं को तो लाभ होता है। वड़े उद्योगों को अपना विस्तार करने का अवसर मिलता है जबकि उपभोक्ताओं को कम कीमत पर अधिक गुणवत्ता वाली वस्तुएँ प्राप्त होती हैं। 
  • वैश्वीकरण के फलस्वरूप कई भारतीय कम्पनियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता में सुधार हुआ है तथा वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ बन गई हैं। 
  • वैश्वीकरण से बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के आगमन से रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। 
  • वैश्वीकरण से भारतीय कम्पनियों को भी आधुनिक विदेशी तकनीकों का लाभ मिला है। 
  • वैश्वीकरण से छोटे उद्योगों कटीर उद्योगों को भारी क्षति होती है क्योंकि ये उद्योग वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं कर पाते हैं तथा वन्द हो जाते हैं अतः इसमें वो नगारा फैलती है। 
  • वैश्वीकरण के फलस्वरूप कई वार श्रमिकों के हितों का संरक्षण भी नहीं हो पाता है। 

अतः स्पष्ट है कि वैश्वीकरण का प्रभाव एकसमान नहीं होता है। 

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प्रश्न 7. 
व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में कैसे सहायता पहुँचाता है? 
उत्तर:
वैश्वीकरण का तात्पर्य विभिन्न देशों के मध्य आर्थिक गतिविधियों का बिना अवरोध संचालन से है। व्यापार एवं निवेश नीतियों के उदारीकरण से हमारा तात्पर्य आयात-निर्यात पर लगे प्रतिवन्धों को कम करने से है। यदि इन प्रतिबन्धों को कम कर दिया जाएगा तो दो देशों के बीच आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेगी. 'विदेश व्यापार में वृद्धि होगी तथा विदेशी निवेश बढ़ेगा। इस प्रकार उदारीकरण के फलस्वरूप वैश्वीकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी। अत: उदारीकरण वैश्वीकरण की प्रक्रिया में सहायक है। 

प्रश्न 8. 
विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार मदद करता है? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए। 
अथवा 
विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार सहायक होता है? समझाइए। 
उत्तर:
विदेश व्यापार के माध्यम से दो या अधिक देशों के मध्य आर्थिक गतिविधियाँ अर्थात् वस्तुओं का लेन-देन होता है जिससे दोनों देशों या अधिक देशों में पारस्परिक सम्बन्ध बनता है। विदेश व्यापार से वस्तुओं एवं सेवाओं का विश्व के विभिन्न बाजारों में आवागमन होता है। इससे विभिन्न देशों के बाजारों का एकीकरण होता है। उदाहरण के लिए भारत अफ्रीकी देशों से हीरे-जवाहरात का कच्चा माल आयात करता है तथा उसे देश में निर्मित कर विकसित राष्ट्रों, जैसे-अमरीका, यूरोप आदि को निर्यात करता है। इससे इन देशों के बाजारों का एकीकरण होता है। 

प्रश्न 9. 
वैश्वीकरण भविष्य में जारी रहेगा। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज से बीस वर्ष बाद विश्व कैसा होगा? अपने उत्तर का कारण दीजिए। 
उत्तर:
वैश्वीकरण निरन्तर बढ़ रहा है तथा विगत दो दशकों में इसमें तीव्र वृद्धि आई है। आज से बीस वर्षों पश्चात् पूरे विश्व के देशों का बाजार समान हो जाएगा तथा सभी देशों में समान वस्तुएँ एवं सेवाएँ उपलब्ध हो पायेंगी। इसके अनेक कारण हैं। यथा- 

  • सम्पूर्ण विश्व में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का विस्तार होगा जिससे विश्व के बाजार एक-दूसरे के निकट आयेंगे। 
  • बहराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा विदेशी निवेश में वद्धि होगी। 
  • श्रम की गतिशीलता बढ़ने से कुशल एवं अकुशल श्रमिक विश्व में फैल जायेंगे; विभिन्न देशों में लोगों का वृहत स्तर पर आवागमन बढ़ेगा, सांस्कृतिक मूल्यों के आदान-प्रदान में वृद्धि होगी तथा सभी देशों के लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि होगी। 

प्रश्न 10. 
मान लीजिए कि आप दो लोगों को तर्क करते हुए पाते हैं-एक कह रहा है कि वैश्वीकरण ने हमारे देश के विकास को क्षति पहुँचाई है, दूसरा कह रहा है कि वैश्वीकरण ने भारत के विकास में सहायता की है। इन लोगों को आप कैसे जवाब दोगे? 
उत्तर:
ये दोनों लोग अपने तर्कों के आधार पर सही हो सकते हैं; क्योंकि पहला व्यक्ति इस आधार पर सही हो सकता है कि वैश्वीकरण के फलस्वरूप हमारे लघु एवं कुटीर उद्योग प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं कर पाते तथा वे नष्ट हो रहे हैं, साथ ही देश में उपभोक्तावाद को बढ़ावा मिला है। 

दूसरे व्यक्ति का तर्क इस आधार पर सही हो सकता है कि देश में निवेश बढ़ता है, रोजगार में वृद्धि होती है, नई प्रौद्योगिकी आती है, उपभोक्ताओं को कम कीमत पर अधिक गुणवत्ता वाली वस्तुएँ उपलब्ध होती हैं, देश का निर्यात बढता है आदि। 

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प्रश्न 11. 
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
दो दशक पहले की तुलना .............के बीच अधिकतम ..............। 
उत्तर:
दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प हैं। यह वैश्वीकरण की प्रक्रिया से नजदीक से जुड़ा हुआ है। अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को भारत के बाजारों में बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं; क्योंकि यहाँ वे अधिक लाभ अर्जित करती हैं जबकि बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध हैं इसलिए बढ़ते विदेशी व्यापार और विदेशी निवेश के प्रभाव का अर्थ है उत्पादकों के बीच अधिकतम प्रतिस्पर्धा। 

प्रश्न 12. 
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए-

(क) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों पर खरीदती हैं।

(अ) मोटर गाड़ियाँ 

(ख) आयात पर कर और कोटा का उपयोग, व्यापार नियमन के लिए किया जाता है।

(ब) कपड़ा, जूते-चप्पल, खेल के सामान के लिए किया किया जाता है। 

(ग) विदेशों में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियाँ।

(स) कॉल सेंटर

(घ) आई.टी. ने सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में सहायता की है।

(द) टाटा मोटर्स, इंफोसिस, रैनबैक्सी 

(ङ) अनेक बहराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्पादन करने के लिए निवेश किया है।

(य) व्यापर अवरोधक

उत्तर:

(क) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों पर खरीदती हैं।

(ब) कपड़ा, जूते-चप्पल, खेल के सामान के लिए किया किया जाता है। 

(ख) आयात पर कर और कोटा का उपयोग, व्यापार नियमन के लिए किया जाता है।

(य) व्यापर अवरोधक

(ग) विदेशों में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियाँ।

(द) टाटा मोटर्स, इंफोसिस, रैनबैक्सी 

(घ) आई.टी. ने सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में सहायता की है।

(स) कॉल सेंटर

(ङ) अनेक बहराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्पादन करने के लिए निवेश किया है।

(अ) मोटर गाड़ियाँ 

RBSE Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

प्रश्न 13. 
सही विकल्प का चयन कीजिए-
(अ) वैश्वीकरण के विगत दो दशकों में द्रुत आवागमन देखा गया है- 
(क) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों का 
(ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का 
(ग) देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का 
उत्तर:
(ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का

(आ) विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग है- 
(क) नये कारखानों की स्थापना 
(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना 
(ग) स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना 
उत्तर:
(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना 

(इ) वैश्वीकरण ने जीवन-स्तर के सुधार में सहायता पहुँचाई है- 
(क) सभी लोगों के 
(ख) विकसित देशों के लोगों के 
(ग) विकासशील देशों के श्रमिकों के 
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं। 
उत्तर:
(ख) विकसित देशों के लोगों के

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Last Updated on May 17, 2022, 7:17 p.m.
Published May 17, 2022