Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 6 राजनीतिक दल Textbook Exercise Questions and Answers.
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पृष्ठ 74
प्रश्न 1.
ठीक है, मान लिया कि हम दलों के बगैर नहीं रह सकते। पर जरा यह बताइये कि किस आधार पर जनता किसी राजनीतिक दल का समर्थन करती है?
उत्तर:
जनता किसी राजनीतिक दल का समर्थन उसके सिद्धान्तों तथा नीतियों के आधार पर करती है। जो दल जनता की उम्मीदों एवं आकांक्षाओं पर खरा उतरता है, जनता उसी का समर्थन करती है। चुनावों में दल अपनी नीतियाँ तथा कार्यक्रम मतदाताओं के सामने रखते हैं। मतदाता अपनी पसन्द की नीतियों एवं कार्यक्रमों के अनुसार दल का चुनाव करते हैं। यदि चुना गया दल अपनी मनमानी करता है तो अगले चुनाव में मताधिकार द्वारा जनता उसे करारी जवाब देती है।
पृष्ठ 83
प्रश्न 2.
दल महिलाओं को पर्याप्त टिकट क्यों नहीं देते? क्या इसका कारण आन्तरिक लोकतन्त्र की कमी है?
उत्तर:
राजनीतिक दल महिलाओं को पर्याप्त टिकट नहीं देते क्योंकि-
पृष्ठ 85
प्रश्न 3.
क्या आप इस हिस्से में (पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 83 से 85 तक) दिये गये कार्टूनों में दर्शायी गई चनौतियों की पहचान कर सकते हैं? राजनीति में धन तथा बल के दुरुपयोग को रोकने के क्या तरीके हैं?
उत्तर:
जी हाँ, पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 83 से 85 तक दिये गये कार्टूनों में दर्शायी गयी चुनौतियों की हम पहचान कर सकते हैं। इन कार्टूनों में सत्ता पर धन तथा बल के प्रभाव को दर्शाया गया है। इनसे पार्टी के अन्दर लोकतन्त्र की कमी, पार्टी में वंशवाद, दलों में पैसा तथा अपराध की घुसपैठ तथा दलों के बीच विकल्पहीनता की चुनौती उत्पन्न होती है। इन चुनौतियों को पैदा करने में धन-बल का दुरुपयोग मुख्य भूमिका निभाता है।
राजनीति में धन तथा बल के दुरुपयोग को रोकने के प्रमुख तरीके निम्न प्रकार हैं-
प्रश्न 1.
लोकतन्त्र में राजनीतिक दलों की विभिन्न भूमिकाओं की चर्चा करें।
उत्तर:
लोकतन्त्र में राजनीतिक दल के कार्य/भूमिकाएँ
लोकतन्त्र में राजनीतिक दल की विभिन्न भूमिकाओं को अग्रलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है-
प्रश्न 2.
राजनीतिक दलों के सामने क्या चुनौतियाँ हैं?
अथवा
भारत में राजनीतिक दलों के समक्ष किन्हीं चार चुनौतियों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
लोकतांत्रिक भारत में राजनीतिक दलों के समक्ष कौन-कौनसी चुनौतियाँ हैं?
उत्तर:
राजनीतिक दलों के समक्ष चुनौतियाँ
किसी भी लोकतन्त्र में राजनीतिक दल बहुत आवश्यक हैं क्योंकि वे यह बताते हैं कि लोकतन्त्र में क्या हो रहा है? लोकतांत्रिक भारत में राजनीतिक दलों को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यथा-
प्रश्न 3.
राजनीतिक दल अपना कामकाज बेहतर ढंग से करें, इसके लिए उन्हें मजबूत बनाने के कुछ सुझाव दें।
उत्तर:
राजनीतिक दलों के बेहतर कार्य करने हेतु निम्न सुझाव दिए जा सकते हैं-
प्रश्न 4.
राजनीतिक दल का क्या अर्थ होता है?
उत्तर:
राजनीतिक दल का अर्थ राजनीतिक दल को लोगों के एक ऐसे संगठित समूह के रूप में समझा जा सकता है जो चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता है तथा समाज के सामूहिक हित को ध्यान में रखकर कुछ नीतियाँ और कार्यक्रम तय करता है।
प्रश्न 5.
किसी भी राजनीतिक दल के क्या गण होते हैं?
उत्तर:
एक राजनीतिक दल की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं-
प्रश्न 6.
चुनाव लड़ने और सरकार में सत्ता संभालने के लिए एकजुट हुए लोगों के समूह को ............. कहते हैं।
उत्तर:
राजनीतिक दल।
प्रश्न 7.
पहली सूची (संगठन/दल) और दूसरी सूची (गठबन्धन/मोर्चा) के नामों का मिलान करें और नीचे दिए गए कूट नामों के आधार पर सही उत्तर ढूँढ़ें :
सूची-I |
सूची-II |
1. इंडियन नेशनल कांग्रेस |
(क) राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन |
2. भारतीय जनता पार्टी |
(ख) क्षेत्रीय दल |
3. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मासिस्ट) |
(ग) संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन |
4. तेलुगुदेशम पार्टी |
(घ) वाम मोर्चा |
उत्तर:
(ग) ग क घ ख
प्रश्न 8.
इनमें से कौन बहुजन समाज पार्टी का संस्थापक है?
(क) कांशीराम
(ख) साहू महाराज
(ग) बी. आर. अम्बेडकर
(घ) ज्योतिबा फुले।
उत्तर:
(क) कांशीराम।
प्रश्न 9.
भारतीय जनता पार्टी का मुख्य प्रेरक सिद्धान्त क्या है?
(अ) बहुजन समाज
(ब) क्रान्तिकारी लोकतन्त्र
(स) समग्र मानवतावाद
(द) आधुनिकता।
उत्तर:
(स) समग्र मानवतावाद।
प्रश्न 10.
पार्टियों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर गौर करें :
(अ) राजनीतिक दलों पर लोगों का ज्यादा भरोसा नहीं है।
(ब) दलों में अक्सर बड़े नेताओं के घोटालों की गूंज सुनाई देती है।
(स) सरकार चलाने के लिए पार्टियों का होना जरूरी नहीं।
इन कथनों में से कौन सही है?
(क) अ, ब और स
(ख) अ और ब
(ग) ब और स
(घ) अ और स।
उत्तर:
(ख) अ और ब सही हैं।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित उद्धरण को पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्नों का जवाब दें :
मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं। गरीबों के आर्थिक और सामाजिक विकास के प्रयासों के लिए उन्हें अनेक अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। उन्हें और उनके द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक को संयुक्त रूप से वर्ष 2006 का नोबेल शान्ति पुरस्कार दिया गया। फरवरी 2007 में उन्होंने एक राजनीतिक दल बनाने और संसदीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। उनका उद्देश्य सही नेतृत्व को उभारना, अच्छा शासन देना और नए बांग्लादेश का निर्माण करना है। उन्हें लगता है कि पारम्परिक दलों से अलग एक नए राजनीतिक दल से ही नई राजनीतिक संस्कृति पैदा हो सकती है। उनका दल निचले स्तर से लेकर ऊपर तक लोकतान्त्रिक होगा।
नागरिक शक्ति नामक इस नये दल के गठन से बांग्लादेश में हलचल मच गई है। उनके फैसले को काफी लोगों ने पसन्द किया तो अनेक को यह अच्छा नहीं लगा। एक सरकारी अधिकारी शाहेदुल इस्लाम ने कहा, "मुझे लगता है कि अब बांग्लादेश में अच्छे और बुरे के बीच चुनाव करना सम्भव हो गया है। अबःएक अच्छी सरकार की उम्मीद की जा सकती है। यह सरकार न केवल भ्रष्टाचार से दूर रहेगी बल्कि भ्रष्टाचार और काले धन की समाप्ति को भी अपनी प्राथमिकता बनाएगी।"
पर दशकों से मुल्क की राजनीति में रुतबा रखने वाले पुराने दलों के नेताओं में संशय है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के एक बड़े नेता का कहना है : "नोबेल पुरस्कार जीतने पर क्या बहस हो सकती है पर राजनीति एकदम अलग चीज है। एकदम चुनौती भरी और अक्सर विवादास्पद।" कुछ अन्य लोगों का स्वर और कड़ा था। वे उनके राजनीति में आने पर सवाल उठाने लगे। एक राजनीतिक प्रेक्षक ने कहा, "देश से बाहर की ताकतें उन्हें राजनीति पर थोप रही हैं।"
क्या आपको लगता है कि यूनुस ने नयी राजनीतिक पार्टी बनाकर ठीक किया?
क्या आप विभिन्न लोगों द्वारा जारी बयानों और अंदेशों से सहमत हैं? इस पार्टी को दूसरों से अलग काम करने के लिए खुद को किस तरह संगठित करना चाहिए? अगर आप इस राजनीतिक दल के संस्थापकों में एक होते तो इसके पक्ष में क्या दलील देते?
उत्तर:
(i) हाँ, मेरे विचार से मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में एक नई राजनीतिक पार्टी बनाकर ठीक किया है।
(ii) हाँ, मैं सभी प्रगतिशील लोकतान्त्रिक जनता की भलाई के लिए किए गए उन लोगों के बयानों और अंदेशों से सहमत हूँ जो किसी-न-किसी रूप में यूनुस के कार्यक्रम से सहमत हैं।
(iii) इस राजनैतिक दल को सभी लोगों के हित में काम करना चाहिए तथा ऐसी नीतियाँ बनानी चाहिए, जो सभी लोगों के हित में हों।
(iv) यदि मैं इस दल के संस्थापकों में से होता तो मैं लोगों को यह विश्वास दिलाने का प्रयत्न करता कि इस दल का उद्देश्य जनता की भलाई करना है। इस दल का स्वरूप नीचे से लेकर ऊपर तक लोकतान्त्रिक होगा।