RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 12 विद्युत

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 12 विद्युत Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत

RBSE Class 10 Science Chapter 12 विद्युत InText Questions and Answers

पृष्ठ 222.

प्रश्न 1. 
विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
किसी विद्युत धारा के सतत तथा बन्द पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं। इसमें एक विभवान्तर स्रोत अथवा विद्युत ऊर्जा (अर्थात् सेल अथवा बैटरी) एक कुंजी तथा एक विद्युत ऊर्जा को व्यय करने वाला उपकरण अवश्य लगा होता है।

प्रश्न 2. 
विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
विद्युत धारा का SI मात्रक ऐम्पियर (A) होता है।
 सूत्र  \(I=\frac{Q}{t}\) में यदि
Q = 1C, 1 = 1s हो, तो I = 1A होगा।
अतः यदि एक कूलॉम आवेश प्रति सेकण्ड की दर से प्रवाहित होता है तो उस चालक में प्रवाहित होने वाली धारा 1A होगी।

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प्रश्न 3. 
एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए। 
उत्तर:
हम जानते हैं कि इलेक्ट्रॉनों पर आवेश = 1.6 x 10-19C कूलॉम
माना एक कूलॉम (C) की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों (e) की संख्या है = n
तो  1c = n x 1.6 x 10-19c
      \(n=\frac{1 \mathrm{C}}{1.6 \times 10^{-19} \mathrm{C}}\)
 \(=\frac{10^{19}}{1.6}=0.625 \times 10^{19}\)
n = 6.25 x 1018
अतः 1 कूलॉम आवेश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या होगी
n  = 6.25 x 1018 

पृष्ठ 224.

प्रश्न 1. 
उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर बनाये रखने में सहायता करती है।
उत्तर:
विद्युत सेल या बैटरी। 

प्रश्न 2. 
यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर 1V है?
उत्तर:
इसका अर्थ है कि किसी विद्युत धारावाही चालक के दो बिन्दुओं के बीच एक कूलॉम आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में 1 जूल कार्य करना होगा।
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प्रश्न 3. 
6V बैटरी से गुजरने वाले एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
उत्तर:
दो. बिन्दुओं के बीच विभवान्तर (V) = - RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 12 विद्युत 10
\(V=\frac{W}{Q}\)
 इस सूत्र से प्रत्येक कूलॉम आवेश को दी गई ऊर्जा होगी
W = V x Q
ऊर्जा = आवेश X विभवान्तर
ऊर्जा = 1C x 6V
= 6 जूल
अतः प्रत्येक एक कूलॉम आवेश को 6 जूल (J) ऊर्जा दी जाएगी।

पृष्ठ 232.

प्रश्न 1. 
किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है? 
उत्तर:
किसी चालक का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है।

  1. चालक की लम्बाई (1) पर।
  2. उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर।
  3.  प्रतिरोध के पदार्थ की प्रकृति तथा चालक का तापमान।

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प्रश्न 2. 
समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है? क्यों?
उत्तर:
चूँकि तार का प्रतिरो \(R \propto \frac{1}{A}\) होता है।
अतः मोटे तार पर अनुप्रस्थ क्षेत्रफल अधिक होने से, इसका प्रतिरोध कम होगा। इसलिए मोटे तार से धारा आसानी से प्रवाहित हो जाएगी।

प्रश्न 3. 
मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवान्तर को उसके पूर्व के विभवान्तर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा? 
उत्तर:
 धारा \(I=\frac{V}{R}\)
लेकिन दिया है। \(V^{\prime}=\frac{1}{2} V\)
तब धारा  \(\mathrm{I}^{\prime}=\frac{\mathrm{V}^{\prime}}{\mathrm{R}}=\frac{\frac{1}{2} \mathrm{~V}}{\mathrm{R}}=\frac{\mathrm{V}}{2 \mathrm{R}}\)
   \(I^{\prime}=\frac{1}{2} I\)
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अतः उपकरण में विभवान्तर का मान आधा कर देने पर धारा भी आधी रह जाएगी।

प्रश्न 4. 
विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्र धातु के क्यों बनाये जाते हैं?
उत्तर:
मिश्र धातुओं की प्रतिरोधकता उनकी अवयवी धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है तथा इनका उच्च ताप पर शीघ्र ही उपचयन (दहन) नहीं होता। इसीलिए विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव मिश्र धातुओं के बनाए जाते हैं।

प्रश्न 5. 
निम्नलिखित प्रश्नों के 
उत्तर:
पाठ्यपुस्तक की तालिका 12.2 में दिये गये आँकड़ों के आधार पर दीजिए
(a) आयरन (Fe) तथा मर्करी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?
(b) कौन - सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है?
उत्तर:
(a) वह धातु अच्छी चालक होगी जिसकी प्रतिरोधकता कम होती है। चूंकि लोहे की प्रतिरोधकता का मान 10 x 10- 8ओम मीटर तथा मर्करी की प्रतिरोधकता का मान 94 x 10-8 ओम मीटर होता है। अत: आयरन (Fe) मर्करी (Hg) की अपेक्षा विद्युत का अच्छा चालक है।

(b) सारणी के आधार पर सिल्वर (Ag) सर्वोत्तम चालक है क्योंकि इसकी प्रतिरोधकता का मान 1.60 x 10-8 ओम मीटर है जो कि सबसे कम है। | 


पृष्ठ 237.

प्रश्न 1. 
किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2V के तीन सेलों की बैटरी, एक 5Ω प्रतिरोधक, एक 8Ω प्रतिरोधक, एक 12Ω प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों। 
उत्तर:
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20 x 3 = 6V  

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प्रश्न 2. 
प्रश्न 1 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12Ω के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?
उत्तर:
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2V x 3 = 6V
परिपथ में 5Ω, 8Ω तथा 12Ω के प्रतिरोध श्रेणी क्रम में हैं अतः परिपथ का कुल प्रतिरोध
R = R1 + R2 + R3
R = 5Ω + 8Ω + 12Ω
= 25Ω
चूँकि बैटरी में तीन सेल श्रेणीक्रम में जुड़ी हैं अतः बैटरी का विभवान्तर
V = 2 + 2 +2
= 6V
\(\therefore\)   परिपथ में धारा I = \(\frac{V}{R}=\frac{6}{25}\) = 0.24A
अतः ऐमीटर का पाठ्यांक = 0:24A होगा।
और वोल्टमीटर का पाठ्यांक = IR = 0.24A x 12Ω
= 2.88 V उत्तर 

पृष्ठ 240.

प्रश्न 1.
जब (a) 1Ω तथा 106Ω (b) 1V, 103Ω तथा 106Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे?
उत्तर:
(a) दिया गया है।
R1 = 1Ω
R2 = 106Ω या 100.000Ω

समान्तर संयोजन के सूत्र \(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}\) से
R = 100.00Ω
\(\begin{aligned} \frac{1}{R} &=\frac{1}{1}+\frac{1}{100,000} \\ &=\frac{1000,000+1}{1000,000}=\frac{100,001}{100,000} \end{aligned}\)
 अतः तुल्य प्रतिरोध   \(\mathrm{R}=\frac{100,000}{100,001}\)
R = 0.999Ω
अतः जब प्रतिरोधों को समान्तर क्रम (पार्श्वक्रम) में संयोजित किया जाता है, तब उस समूह का तुल्य प्रतिरोध का मान परिपथ में संयोजित उस प्रतिरोधक के प्रतिरोध से भी कम होता है जिसका प्रतिरोध सबसे कम होता है।

(b) दिया है
R1= 1Ω
R2 = 103Ω  या  1000Ω
R3 = 106Ω  या  1000,000Ω
समान्तर संयोजन के सूत्र \(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}+\frac{1}{R_{3}}\) से
\(\begin{equation} \begin{aligned} \frac{1}{R} &=\frac{1}{1}+\frac{1}{1000}+\frac{1}{1000,000} \\ &=\frac{1000,000+1000+1}{1000,000} \\ &=\frac{1001001}{1000,000} \end{aligned} \end{equation}\) 
तुल्य प्रतिरोध  \(\begin{equation} R=\frac{1000,000}{1001001}=0.999 \end{equation}\)
अतः R = 0.999Ω
इस प्रकार तुल्य प्रतिरोध का मान, संयोजन में जुड़े अल्पतम प्रतिरोध से भी कम होता है।

प्रश्न 2. 
100Ω का एक विद्युत लैम्प, 50Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 500Ω का एक जल फिल्टर 220V  के विद्युत स्रोत से पार्यक्रम में संयोजित हैं। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है?
उत्तर:
विद्युत इस्तरी का तुल्य प्रतिरोध इतना ही होगा जितना 100Ω, 50Ω तथा 500Ω का पार्यक्रम में तुल्य प्रतिरोध है। यदि तुल्य प्रतिरोध का मान RP है। 
\(\begin{equation} \frac{1}{\mathrm{R}_{\mathrm{p}}}=\frac{1}{\mathrm{R}_{1}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{2}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{3}} \end{equation}\)
मान रखने पर  \(\begin{equation} \begin{aligned} &\frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{100}+\frac{1}{50}+\frac{1}{500} \\ &\frac{1}{R_{p}}=\frac{5+10+1}{500}=\frac{16}{500} \\ &R_{p}=\frac{500}{16}=31.25 \Omega \end{aligned} \end{equation}\)
अतः विद्युत इस्तरी का तुल्य प्रतिरोध = 31.25Ω होगा।
विद्युत इस्तरी द्वारा ली गई धारा  
 \(\begin{equation} \begin{aligned} I &=\frac{V}{R_{p}} \\ &=\frac{220}{500 / 16} \\ I &=\frac{220 \times 16}{500} \\ &=\frac{352}{50}=7.04 \mathrm{~A} \end{aligned} \end{equation}\)

प्रश्न 3. 
श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्यक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
उपकरणों को पार्यक्रम में जोड़ने से निम्न लाभ होते हैं।

  1. समानान्तर क्रम (पार्श्वक्रम) में संयोजित विद्युत उपकरणों में से कोई उपकरण फ्यूज हो जाता है तब अन्य उपकरणों का कार्य बाधित नहीं होता है।
  2. जब विभिन्न उपकरण समानान्तर क्रम में संयोजित किये जाते हैं तब प्रत्येक उपकरण अपनी आवश्यकता के अनुसार धारा ग्रहण करते हैं। परिणामतः वे अच्छी प्रकार से कार्य करते हैं।
  3. उपकरणों को पार्यक्रम में जोड़ने पर सभी उपकरणों को समान विभवान्तर प्राप्त हो जाता है।

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प्रश्न 4. 
2Ω, 3Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (a) 4Ω, (b) 1Ω हो?
उत्तर:
(a) यदि हम 3Ω तथा 6Ω के प्रतिरोधों को समान्तर क्रम में संयोजित कर दें और इसके साथ 2Ω के प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में संयोजित कर दें तो हमें तुल्य प्रतिरोध का मान 4Ω प्राप्त हो जायेगा, जैसा परिपथ आरेख में दिखाया गया है।
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यदि 3Ω तथा 6Ω का तुल्य प्रतिरोध RP हो तब
\(\begin{equation} \frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{3}+\frac{1}{6}=\frac{2+1}{6}=\frac{3}{6} \end{equation}\)
 RP = 2Ω
यह RP = 2Ω का प्रतिरोध 2Ω के साथ श्रेणीक्रम में जुड़ा है। अतः तुल्य प्रतिरोध R = R1 + RP
\(\mathrm{R}=\mathrm{R}_{1}+\mathrm{R}_{\mathrm{p}}\)

2 + 2 = 4Ω
अतः R = 4Ω

(b)  यदि तीनों प्रतिरोधों को समानान्तर क्रम में सम्बद्ध किया जायेगा, तब हमें 1Ω का तुल्य प्रतिरोध प्राप्त होगा।
\(\frac{1}{\mathrm{R}_{p}}=\frac{1}{\mathrm{R}_{1}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{2}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{3}}\)
\(\Rightarrow\) \(\frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{2}+\frac{1}{3}+\frac{1}{6}=\frac{3+2+1}{6}=\frac{6}{6}=1\)
अतः RP = 1Ω 

प्रश्न 5.
4Ω, 8Ω, 12Ω तथा 24Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से (a) अधिकतम (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके?
उत्तर:
(a) अधिकतम प्रतिरोध उस स्थिति में प्राप्त होता है जब दिये गये प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है। अतः महत्तम प्रतिरोध।
\(\begin{aligned} &\mathrm{R}_{\mathrm{s}}=\mathrm{R}_{1}+\mathrm{R}_{2}+\mathrm{R}_{3}+\mathrm{R}_{4} \\ &\mathrm{R}_{\mathrm{s}}=4+8+12+24=48 \Omega \end{aligned}\) 

(b)  न्यूनतम प्रतिरोध का मान तब प्राप्त किया जा सकता है जब दिये गये प्रतिरोधों को समान्तर क्रम में संयोजन किया जाता है।
\(\because\)     \(\frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}+\frac{1}{R_{3}}+\frac{1}{R_{4}}\)
या
\(\begin{aligned} &\frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{4}+\frac{1}{8}+\frac{1}{12}+\frac{1}{24}=\frac{6+3+2+1}{24} \\ &\frac{1}{R_{p}}=\frac{12}{24}=\frac{1}{2} \text { अत: } R_{p}=2 \Omega \text { } \end{aligned}\)

 पृष्ठ 242.

प्रश्न 1. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता हैं?
उत्तर:
विद्युत हीटर की कुंडली मिश्र धातु नाइक्रोम की बनी होती है। नाइक्रोम की प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है इस कारण जब विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है। जबकि विद्युत हीटर की डोरी ताँबे या ऐलुमिनियम की बनी होती है जिसकी प्रतिरोधकता तुलनात्मक रूप से अत्यन्त कम होती है इसलिए उत्तप्त नहीं होती है।

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प्रश्न 2.
एक घण्टे में 50 V विभवान्तर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानान्तरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है।
t = 1
घण्टा = 60 x 60
सेकण्ड V = 50
वोल्ट स्थानान्तरित आवेश Q = 96000 कूलॉम 
प्रवाहित विद्युत धारा
\(\begin{aligned} (I) &=\frac{Q}{t} \\ I &=\frac{96000}{3600}=26.66 \mathrm{~A} \end{aligned}\) 
विद्युत धारा I द्वारा समय 1 में उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा
H = VIt
H =  50  x  26.66  x  3600
H = 4.8 x 106 जूल

प्रश्न 3.
20Ω  प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5A विद्युत धारा लेती है। 30Ω में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है। R = 20Ω
I = 5A
t = 30S
\(\because\)  उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा H = I2Rt मान रखने पर
H = (5)2 x 20 x 30 
= 25 x 20 x 30
= 25 x 600 = 150
अत: ऊष्मा की मात्रा
H = 1.5 x 104Ω

पृष्ठ 245.
 
प्रश्न 1.
विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर:
विद्युत शक्ति के द्वारा।

प्रश्न 2.
कोई विद्युत मोटर 220 V के विद्युत स्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घण्टे में मोटर द्वारा उपयुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है
V = 220 वोल्ट,
धारा I = 5.0 A
समय 1 = 2 घण्टे .
मोटर की शक्ति (P) = V X I
 = 220 x 5 = 1100 वाट उत्तर
अतः 2 घण्टे में मोटर द्वारा व्यय ऊर्जा:
W = Pt
W = 1100 वाट x 2
घण्टे = 2200 वाट घण्टा
= 2200 वाट 60 x 60 से
= 7920000 जूल
= 7.92 x 106Ω किलो जूल उत्तर

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प्रश्न 1.
प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R' है तो R/R' अनुपात का मान क्या है।
(a) 1/25
(b) 1/5
(c) 5
उत्तर:
(d) 25 

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता?
(a) IR
(b) IR
(c) VI
(d) V?/R
उत्तर:
(b) IR

प्रश्न 3.
किसी विद्युत बल्ब का अनुमतांक 220V 100 W है। जब इसे 110V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 100W
(b) 75W
(c) 50W 
(d) 25W
उत्तर:
(d) 25W

 प्रश्न 4.
दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं, किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्यक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(a) 1 : 2
(b)  2 : 1
(c)  1 : 4
(d)  4 : 1
उत्तर:
(c) 1 : 2

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प्रश्न 5.
किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर:
वोल्टमीटर को समानान्तर क्रम में संयोजित किया जाता है।

प्रश्न 6.
किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5 mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 x 108Ω m है। 106Ω प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लंबे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दोगुने व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा?
उत्तर:
दिया गया है
प्रतिरोधकता p = 1.6 x 10-18m प्रतिरोध R = 10Ω
व्यास = (0.5) mm
\(=\frac{0.5}{2} \mathrm{~mm}\)
अथवा 2.5 x 10-4m
ताँबे के तार के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल
A = Ir
A = 3.14 x (2.5 x 10-4) 2
\(\because\)       \(\mathrm{R}=\rho \frac{l}{\mathrm{~A}}\)
\(\because\)     तार की लम्बाई  \(l=\frac{\mathrm{R} \times \mathrm{A}}{\rho}\)
मान रखने पर
\(\begin{aligned} &=\frac{10 \times 3.14 \times\left(2.5 \times 10^{-4}\right)^{2}}{1.6 \times 10^{-8}}=\frac{10 \times 3.14 \times 25}{4 \times 1.6} \\ &l=122.72 \mathrm{~m} \end{aligned}\)
दोगुने व्यास का तार लेने पर व्यास का मान (2 x 0.5 mm) = Imm या 0.001 m हो जाएगा अतः सूत्र
\(\mathrm{R}=\mathrm{P} \frac{l}{\mathrm{~A}}\)
में मान रखने पर
\(\begin{aligned} R &=1.6 \times 10^{-8} \times \frac{122.72}{3.14 \times\left(\frac{0.001}{2}\right)^{2}} \\ &=250.2 \times 10^{-2} \\ &=2.5 \Omega \end{aligned}\)
अतः व्यास दोगुना करने पर प्रतिरोध एक चौथाई (\(1 / 4 R\)) रह जाएगा।


प्रश्न 7.
किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर V के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओं I के संगत मान आगे दिए गए हैं।
I (ऐम्पियर)  तथा I के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रतिरोधक का प्रतिरोध, ग्राफ की ढाल के बराबर होगा।
अर्थात्  \(\mathrm{R}=\frac{\Delta \mathrm{V}}{\Delta \mathrm{I}}\)   \(\left(\begin{array}{l} \Delta \mathrm{V}=\mathrm{V}_{2}-\mathrm{V}_{1} \\ \Delta \mathrm{I}=\mathrm{I}_{2}-\mathrm{I}_{1} \end{array}\right)\)
 दिए गए मानों से,
\(\begin{aligned} &\mathrm{R}_{1}=\frac{3.4-1.6}{1-0.5}=\frac{1.8}{0.5}=3.6 \Omega \\ &\mathrm{R}_{2}=\frac{6.7-3.4}{2-1}=\frac{3.3}{1}=3.3 \Omega \\ &\mathrm{R}_{3}=\frac{10.2-6.7}{3-2}=\frac{3.5}{1}=3.5 \Omega \\ &\mathrm{R}_{4}=\frac{13.2-10.2}{4-3}=\frac{3}{1}=3 \Omega \\ &\mathrm{R}=\frac{\mathrm{R}_{1}+\mathrm{R}_{2}+\mathrm{R}_{3}+\mathrm{R}_{4}}{4} \end{aligned}\) 
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\(R=\frac{3.6+3.3+3.5+3.0}{4}\)
अतः प्रतिरोध  \(R=3.35 \Omega\)

प्रश्न 8.
किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12 V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार
V = 12 वोल्ट
I = 2.5 mA = 2.5x103Ω
ओम के नियम से
V = IR से 
\(\therefore\)
प्रतिरोध \(\mathrm{R}=\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\)
\(R=\frac{12}{2.5 \times 10^{-3}}=\frac{120 \times 10^{3}}{25}\)
\(\begin{aligned} \mathrm{R} &=\frac{120 \times 1000}{25}=120 \times 40 \\ &=4800 \Omega \\ \mathrm{R} &=4.8 \times 10^{3} \Omega \text { } 4.8 \mathrm{~K} \Omega \end{aligned}\)

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प्रश्न 9.
9V की किसी बैटरी को 0.2Ω 12Ω, 0.3Ω, 0.4Ω, 0.5Ω तथा 12Ω के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। 122V  के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी?
उत्तर:
दिया गया है R1= 0.2Ω, R2 = 0.3Ω,
R3 = 0.4Ω, R4 = 0.5Ω, R5 = 12Ω
श्रेणी संयोजन का कुल प्रतिरोध
R = R1 + R2 + R3+ R4+ R5
R = 0.2 + 0.3 + 0.4+ 0.5+ 12
R = 13.4Ω
ओम के नियम से
परिपथ में प्रवाहित कुल धारा
\(I=\frac{V}{R}=\frac{9}{13.4}=\frac{90}{134}\)
विद्युतधारा
(I) = 0.67A श्रेणी संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध से होकर इतनी ही धारा प्रवाहित होगी।
अतः 12Ω के प्रतिरोध में धारा = 0.67A
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प्रश्न 10.
176V प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्यक्रम में संयोजित करें कि 220 V के विद्युत स्रोत से संयोजन से 5A विद्युत धारा प्रवाहित हो?
उत्तर:
माना कि आवश्यक प्रतिरोधकों की संख्या है 'x' पार्श्वक्रम में संयोजित प्रतिरोधकों का प्रतिरोध R होगा।
\(\begin{aligned} \frac{1}{\mathrm{R}} &=x \times \frac{1}{176} \\ \mathrm{R} &=\frac{176}{x} \end{aligned}\)
ओम के नियम से 
\(\begin{aligned} R &=\frac{V}{I} \\ (V&=220 V) \\ (I&=5 A) \end{aligned}\)
मान रखने पर
\(\begin{aligned} \frac{176}{x} &=\frac{220}{5} \\ x &=\frac{176 \times 5}{220} \\ x &=4 \end{aligned}\)
अतः प्रतिरोधकों की संख्या = 4

प्रश्न 11.
यह दर्शाइए कि आप 6Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध (i) 9Ω, (ii) 4Ω हो।
उत्तर:
(i) 9Ω  प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए दो प्रतिरोधकों का पार्यक्रम में तथा एक प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम में जोड़ना चाहिए।
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पार्श्वक्रम में जुड़े प्रतिरोधकों का कुल प्रतिरोध
\(\begin{aligned} \frac{1}{R_{p}} &=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}} \\ \frac{1}{R_{p}} &=\frac{1}{6}+\frac{1}{6}=\frac{2}{6} \\ R_{p} &=3 \Omega \end{aligned}\) 
 यह 3Ω का प्रतिरोध 6Ω के पहले प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में जुड़ा है। अतः
कुल प्रतिरोध = 6Ω + 3Ω = 9Ω

(ii) 4Ω प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए पहले 6  - 6Ω के दो प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़ें। जिनका तुल्य प्रतिरोध का मान = 6 + 6 = 12Ω फिर इसे तीसरे प्रतिरोध के साथ पार्यक्रम में जोड़ना चाहिए।
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\(\begin{aligned} &\frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{6}+\frac{1}{12}=\frac{2+1}{12}=\frac{3}{12} \\ &\frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{4} \text { } R_{p}=4 \Omega \end{aligned}\)
 

प्रश्न 12.
220 V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10W है। यदि 220 V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं? 
उत्तर:
माना n बल्बों को पार्यक्रम में जोड़ा जाता है, तब परिपथ में कुल शक्ति व्यय
P = n x एक बल्ब की शक्ति
= n x 10W
P = 10 nw
दिया है।
V = 220 V
I = 5A तब
P = VI से,
10 nw = 220V x 5A
n = 220 x 5 = 110
अतः 110 बल्बों को पार्यक्रम में जोड़ा जा सकता है।

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प्रश्न 13.
किसी विद्युत भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियों A तथा B की बनी हैं जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध. 24Ω है तथा इन्हें पृथक्-पृथक् श्रेणीक्रम में अथवा पार्श्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता है। यदि यह भट्टी 220V विद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत धाराएँ क्या हैं?
उत्तर:
दिया गया है
 V = 220V
कुंडलियों का प्रतिरोध R1 = R2 = 24Ω
प्रथम स्थिति में, जब कुण्डली को पृथक - पृथक प्रयोग किया जाता है तब
कुल प्रतिरोध R = R1 = 24Ω
\(\therefore\)  ली गई धारा
\(\begin{aligned} I &=\frac{V}{R} \\ &=\frac{220}{24}=9.17 \\ I &=9.17 \mathrm{~A} \end{aligned}\)
द्वितीय स्थिति में, जब दोनों कुण्डलियों को श्रेणीक्रम में प्रयोग किया जाता है, तब कुल प्रतिरोध
R = R1 + R2 = 48Ω
ली गई धारा 
\(\begin{aligned} I &=\frac{V}{R} \\ &=\frac{220}{48}=4.58 \\ I &=4.58 \mathrm{~A} \end{aligned}\)
 तृतीय स्थिति में, जब दोनों कुण्डलियों को पार्यक्रम में संयोजित किया जाता है, तब
कुल प्रतिरोध है 
\(\begin{aligned} \frac{1}{\mathrm{R}} &=\frac{1}{\mathrm{R}_{1}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{2}} \\ &=\frac{1}{24}+\frac{1}{24}=\frac{2}{24} \\ \mathrm{R} &=\frac{24}{2}=12 \Omega \end{aligned}\)
 ली गई धारा
\(\begin{aligned} I &=\frac{V}{R} \\ &=\frac{220}{12}=18.33 \\ I &=18.33 \mathrm{~A} \end{aligned}\)


प्रश्न 14.
निम्नलिखित परिपथों में प्रत्येक में 2Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए
(i) 6v की बैटरी से संयोजित 1Ω तथा 2Ω श्रेणीक्रम संयोजन
(ii) 4V बैटरी से संयोजित 12Ω तथा 2Ω का पार्श्वक्रम संयोजन।
उत्तर:
(i) जब 1Ω व 2Ω के प्रतिरोधक को 2V की बैटरी के साथ श्रेणीक्रम संयोजन में जोड़ा जाता है, तब कुल प्रतिरोध का मान
R = R1 + R2 से
 = 1 + 2 = 3Ω परिपथ में धारा का मान ओम नियम से
\(I_{1}=\frac{V}{R}=\frac{6}{3}=2 \mathrm{~A}\)
श्रेणीक्रम में प्रत्येक प्रतिरोध में धारा समान अर्थात् 2A ही प्रवाहित होगी। अतः 2Ω के प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त
शक्ति
P = I2R
= (2)2 x 2 =8
P1 = 8w

(ii) चूँकि 12Ω एवं 2Ω के प्रतिरोधकों को पार्यक्रम में जोड़ा गया है, अतः प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के बीच एक ही विभवान्तर 4V होगा।
  \(\therefore\)  2Ω के प्रतिरोध द्वारा उपभुक्त शक्ति
\(\begin{aligned} P_{2} &=\frac{V^{2}}{R} \\ &=\frac{(4)^{2}}{2}=8 \end{aligned}\)
P2 = 8 W
अतः दोनों दशाओं में 2Ω प्रतिरोधक में समान शक्ति खर्च होगी।

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प्रश्न 15.
दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W 220V तथा दूसरे का 60 W 220 V है, विद्युत मेंस के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित है। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है तो विद्युत मेंस से कितनी धारा ली जाती है?
उत्तर:
चूँकि दोनों विद्युत लैंप पार्यक्रम में संयोजित हैं अतः प्रत्येक के मध्य विभवांतर का मान समान होगा। 100 W अनुमतांक के विद्युत लैम्प द्वारा ली जा रही धारा
P = V x I
\(\mathbf{I}=\mathrm{P} / \mathrm{V}\)
(यहाँ P= 100 W, V = 220V)
मान रखने पर
\(\mathrm{I}_{1}=\frac{100 \mathrm{~W}}{220 \mathrm{~V}}=\frac{100}{220} \mathrm{~A}\)
इसी प्रकार 60 W अनुमतांक के विद्युत लैम्प द्वारा ली जा रही धारा होगी
\(\mathrm{I}_{2}=\frac{60 \mathrm{~W}}{220 \mathrm{~V}}=\frac{60}{220} \mathrm{~A}\)
पार्श्व क्रम में प्रवाहित धारा I = I 1+ I2
अतः विद्युत मेंस द्वारा ली जा रही धारा होगी
100 + 60 = 0.727A

प्रश्न 16.
किसमें अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती है 250 W का टी.वी. सेट जो एक घंटे तक चलाया जाता है अथवा 120 W का विद्युत हीटर जो 10 मिनट के लिए चलाया जाता है?
उत्तर:
दिया गया है T.V. सेट के लिए P1 = 250W
t1 = 1
घण्टा = 60 x 60 सेकण्ड
t1 = 3600 सेकण्ड
खर्च की गई ऊर्जा H1 = P1 = t1
= 250 W x 3600s
= 900000J
= 9x 105J
विद्युत हीटर के लिए
P2 = 120 W
t2 = 10 मिनट = 600 s 
खर्च की गई
ऊर्जा H2 = P2 x 2
= 120 x 600
= 72000J
= 7.2 x 104 J
यहाँ पर स्पष्ट है H1 > H2 अतः T.V. सेट अधिक ऊर्जा का उपयोग करेगा।

प्रश्न 17.
8Ω  प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेंस 2 घंटे तक 15 A विद्युत धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है।
R = 80Ω, I = 15A
विद्युत हीटर में ऊष्मा उत्पन्न होने की दर या विद्युत हीटर की शक्ति
P = I2R
= (15)2 x 8
= 1800
P = 1800 J/S (जूल/से.)

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प्रश्न 18.

निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए।
(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंग्स्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
(b) विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रधातुओं के क्यों बनाए जाते हैं?
(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है?
(e) विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
(a) टंग्स्टन का गलनांक तथा प्रतिरोध बहुत अधिक होता है। अधिक प्रतिरोध के कारण इसमें अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा का उत्पादन होता है, जिसके कारण तंतु चमकने लगते हैं और प्रकाशित हो जाते हैं।

(b) ब्रेड - टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्र धातुओं के बनाये जाते हैं क्योंकि मिश्र धातुओं की प्रतिरोधकता तथा गलनांक शुद्ध धातुओं से अधिक होते हैं | इनका शीघ्र ऑक्सीकरण नहीं होता और ये उच्च तापमान को भी सह सकते हैं। इसी कारण इनका उपयोग किया जाता है।

(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग नहीं किया जाता है क्योंकि श्रेणीक्रम में प्रतिरोध बहुत अधिक (R1 + R2+ R3 + .....) हो जाता है। अधिक प्रतिरोध के कारण परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा की मात्रा बहुत कम हो जाती है। ऐसी अवस्था में सारे घर के बल्ब, पंखे आदि एक ही स्विच से चलेंगे। उन्हें स्वतंत्र रूप से चलाया व बंद नहीं किया जा सकेगा।

(d) तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अर्थात्   \(R \propto \frac{1}{A}\) 

(e) कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का प्रतिरोध न्यूनतम होता है, इसलिए इनका प्रयोग विद्युत संचारण के लिए प्रयुक्त तारों में किया जाता है।

Prasanna
Last Updated on Nov. 21, 2023, 9:48 a.m.
Published April 22, 2022