RBSE Class 7 Social Science Notes Geography Chapter 6 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन

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RBSE Class 7 Social Science Notes Geography Chapter 6 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन

→ स्थल की ऊँचाई, जलवायु, तापमान, नमी, ढाल एवं मिट्टी की परत की मोटाई के कारण वनस्पति की वृद्धि, सघनता एवं प्रकार में परिवर्तन होता है।

→ वनस्पति की श्रेणियाँ-प्रायः वनस्पति को तीन मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है

  • वन
  • घास स्थल
  • कांटेदार झाड़ियाँ।

→ वनों के प्रकार

  • उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन-ये घने वन भूमध्य रेखा एवं उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। पूरे वर्ष यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है। इसलिए यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ पूरी तरह नहीं झड़तीं। रोजवुड, आबनूस, महोगनी के वृक्ष यहाँ प्रमुखतः पाए जाते हैं।
  • उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन-ये मानसूनी वन होते हैं जो भारत, उत्तरी आस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका में पाए जाते हैं। शुष्क मौसम में यहाँ वृक्ष पत्तियाँ झाड़ देते हैं। प्रमुख वृक्ष हैं - साल, सागवान, नीम, शीशम आदि।
  • शीतोष्ण सदाबहार वन-ये वन मध्य अक्षांश के तटीय प्रदेशों जैसे—दक्षिण-पूर्व अमेरिका, दक्षिण-चीन, दक्षिण-पूर्वी ब्राजील में पाए जाते हैं। इनके प्रमुख वृक्ष हैं - बांस, चीड़, यूकेलिप्टस।
  • शीतोष्ण पर्णपाती वन-ये उत्तर-पूर्व अमेरिका, चीन, न्यूजीलैंड, चिली तथा पश्चिमी यूरोप के तटीय प्रदेशों में पाये जाते हैं। ये अपनी पत्तियाँ शुष्क मौसम में झाड़ देते हैं । यहाँ के प्रमुख पेड़ हैं - बांस, ऐश, बीच आदि।।
  • भूमध्य सागरीय वनस्पति-ये वन अधिकतर यूरोप, अफ्रीका व एशिया के भूमध्यसगर के समीप वाले प्रदेशों में पाए जाते हैं । इन प्रदेशों में गर्म-शुष्क ग्रीष्म एवं वर्षा वाली मृदु शीत ऋतुएँ होती हैं। इन वनों के प्रमुख वृक्ष हैं| संतरा, अंजीर, जैतून आदि।
  • शंकधारी वन-उत्तरी गोलार्द्ध के उच्च अक्षांशों में भव्य शंकधारी वन पाए जाते हैं। इन्हें टैगा भी कहते हैं। ये वन अधिक ऊँचाइयों पर पाए जाते हैं। हिमालय में ये प्रचुर मात्रा में हैं। चीड़, देवदार आदि इन वनों के मुख्य पेड़

RBSE Class 7 Social Science Notes Geography Chapter 6 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन

→ घास स्थलों के प्रकार

  • उष्णकटिबंधीय घास स्थल-ये भू-मध्य रेखा के दोनों ओर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों तक फैले हैं। यहाँ घास काफी ऊँची लगभग 3 से 4 मीटर की ऊँचाई तक बढ़ सकती है। अफ्रीका का सवाना घास स्थल इसी प्रकार का है।
  • शीतोष्ण घास स्थल-ये मध्य अक्षांशीय क्षेत्रों और महाद्वीपों के भीतरी भागों में पाए जाते हैं। यहाँ घास छोटी एवं पौष्टिक होती है।

→ कंटीली झाड़ियाँ-ये शुष्क रेगिस्तान जैसे प्रदेशों में पायी जाती हैं।

→ टुंडा प्रकार की वनस्पति-ध्रवीय प्रदेशों में बहत ही सीमित प्राकृतिक वनस्पति मिलती है। यहाँ केवल काई, लाइकेन और छोटी झाड़ियाँ पायी जाती हैं। इन्हें टुंड्रा प्रकार की वनस्पति कहा जाता है।

Prasanna
Last Updated on June 6, 2022, 12:48 p.m.
Published June 6, 2022