These comprehensive RBSE Class 7 Social Science Notes Geography Chapter 4 वायु will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 7 Social Science Notes Geography Chapter 4 वायु
→ वायुमण्डल-हमारी पृथ्वी चारों ओर से वायु की घनी चादर से घिरी हुई है, जिसे वायुमण्डल कहते हैं । पृथ्वी पर सभी जीव जीवित रहने के लिए वायुमण्डल पर निर्भर हैं।
→ वायुमण्डल का संघटन
- वायु अनेक गैसों का मिश्रण होती है। वायु में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बनडाइऑक्साइड, हीलियम, ओजोन, आर्गान एवं हाइड्रोजन गैसें पाई जाती हैं। जिसमें नाइट्रोजन 78%, ऑक्सीजन 21% और शेष 1% अन्य गैसों की मात्रा होती है।
- गैसों के अलावा वायु में धूल के छोटे-छोटे कण भी मौजूद होते हैं।
- पेड़-पौधों को अपने जीवन के लिए नाइट्रोजन तथा कार्बन-डाइ-ऑक्साइड की आवश्यकता होती है और मनुष्य तथा पशुओं को साँस लेने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। हरे पादप, प्रकाश संश्लेषण द्वारा ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं तथा कार्बन-डाइ-ऑक्साइड ग्रहण कर ऑक्सीजन वापस देते हैं। मनुष्य और पशु कार्बन डाइ-ऑक्साइड बाहर निकालते हैं। इससे संतुलन बना रहता है।
→ वायुमण्डल की रचना
हमारा वायुमण्डल पाँच परतों में विभाजित है। ये हैं-
- क्षोभमण्डल
- समतापमण्डल
- मध्य मण्डल
- बाह्य वायुमण्डल
- बहिर्मण्डल।
→ मौसम एवं जलवायु-
- मौसम, वायुमण्डल की प्रत्येक घंटे तथा दिन-प्रतिदिन की स्थिति होती है।
- दीर्घकाल में किसी स्थान का औसत मौसम उस स्थान की जलवायु बताता है।

→ तापमन : वायु में मौजूद ताप एवं शीतलता के परिमाण को तापमान कहते हैं। वायुमण्डल का तापमान दिन व रात में बदलता है। इसके साथ ही यह ऋतुओं के अनुसार भी बदलता है।
→ आतपन (सूर्यातप):
- सूर्य से आने वाली वह ऊर्जा जिसे पृथ्वी रोक लेती है, आतपन कहलाती है। यह तापमान के वितरण को प्रभावित करती है।
- आतपन की मात्रा भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर घटती है।
- गाँवों की अपेक्षा नगरों का तापमान अधिक होता है।
→ वायुदाब:
- पृथ्वी की सतह पर वायु के भार द्वारा लगाया गया दाब, वायुदाब कहलाता है।
- समुद्र स्तर पर वायुदाब सर्वाधिक होता है और ऊँचाई पर जाने पर यह घटता जाता है।
- वायुदाब का क्षैतिज वितरण किसी स्थान पर उपस्थित वायु के ताप द्वारा प्रभावित होता है। अधिक तापमान निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनाता है और कम तापमान उच्च दाब का क्षेत्र बनाता है।
- वायु सदैव उच्च दाब क्षेत्र से निम्न दाब क्षेत्र की ओर गमन करती है।
→ पवन :
- उच्च दाब क्षेत्र से निम्न दाब क्षेत्र की ओर वायु की गति को पवन कहते हैं। कभी यह तेज चलती है और कभी धीमी।
- पवन को मुख्यतः तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है
- स्थायी पवनें,
- मौसमी पवनें और
- स्थानीय पवनें।
→ आर्द्रता:
वायु में किसी भी समय जलवाष्प की मात्रा को आर्द्रता कहते हैं।

→ वर्षा
- जल वाष्प संघनित होकर ठंडा होकर जल की बूंदें बनाता है। बादल इन्हीं जल की बूंदों का ही एक समूह होता है। जब जल की बूंदें भारी हो जाती हैं तो ये वर्षा के रूप में नीचे आ जाती हैं।
- वर्षा के तीन प्रकार होते हैं
- संवहनी वर्षा
- पर्वतीय वर्षा और
- चक्रवाती वर्षा