These comprehensive RBSE Class 7 Social Science Notes Civics Chapter 6 संचार माध्यमों को समझना will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 7 Social Science Notes Civics Chapter 6 संचार माध्यमों को समझना
→ संचार माध्यम (मीडिया)-संचार माध्यम या मीडिया शब्द का तात्पर्य उन विभिन्न तरीकों से है, जिनके द्वारा हम समाज में विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। इस प्रकार फोन पर बात करने से लेकर टी.वी. पर समाचार सुनने तक को मीडिया कहा जा सकता है।
→ जनसंचार माध्यम-टी.वी., रेडियो और अखबार संचार माध्यमों के ऐसे रूप हैं, जिनकी पहुँच लाखों लोगों तक है। इसीलिए इन्हें जन संचार माध्यम या मास मीडिया कहते हैं।
→ संचार माध्यम और तकनीक
- जनसंचार माध्यमों के लिए प्रयोग में आने वाली प्रौद्योगिकी निरन्तर बदलती रहती है।
- तकनीक और मशीनों को बदल कर अत्याधुनिक बनाने से संचार माध्यमों को अधिक लोगों तक पहुँचने में मदद मिलती है।
- इससे ध्वनि और चित्रों की गुणवत्ता में सुधार आता है।
- यह हमारे जीवन के बारे में सोचने के ढंग में परिवर्तन लाती है।
- टेलीविजन ने दुनिया को बहुत पास ला दिया है।
→ संचार माध्यम और धन
- जनसंचार द्वारा उपयोग में लायी जाने वाली विभिन्न तकनीकें अत्यन्त खर्चीली हैं।
- नवीनतम तकनीक जुटाने पर भी बहुत धन व्यय होता है।
- अत्यधिक खर्चों के कारण ही अधिकांश टी.वी. चैनल और समाचार पत्र किसी बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान के भाग होते हैं।
- जन-संचार माध्यमों का धन कमाने का एक प्रमुख तरीका विज्ञापन है।

→ संचार माध्यम और लोकतंत्र
- लोकतंत्र में जानकारी देने हेतु संचार माध्यमों की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होती है। ..
- जानकारी देने के संबंध में संचार माध्यमों को संतुलित रिपोर्ट देनी चाहिए।
- संतुलित रिपोर्ट वह होती है, जिसमें किसी भी विषय पर हर दृष्टिकोण से चर्चा हो जाती है, फिर पाठकों को स्वयं अपनी राय बनाने के लिए छोड़ दिया जाता है।
- संतुलित रिपोर्ट हेतु संचार माध्यमों का स्वतंत्र होना आवश्यक है।
- संचार माध्यमों की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाले कारण हैं
- सेंसरशिप,
- व्यापारिक प्रतिष्ठानों का उन पर नियंत्रण,
- विज्ञापनों पर निर्भरता तथा
- जन समर्थन हेतु विवरण को रुचिकर बनाना आदि।
→ मसौदा तय किया जाना
- किन घटनाओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाए, इसमें भी संचार माध्यमों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है।
- कुछ खास विषयों पर हमारा ध्यान केन्द्रित करके संचार माध्यम ही हमारा मसौदा (एजेण्डा) तय करते हैं।
- कई बार संचार माध्यम हमारे जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण विषयों पर हमारा ध्यान केन्द्रित कराने में असफल रहते हैं, जैसे-पीने के पानी की समस्या, झोंपड़पट्टियों की समस्यायें।
- संचार माध्यमों के जनसाधारण के जीवन से संबंधित छोटे-छोटे मुद्दों में रुचि नहीं लेने के कारण कई स्थानीय समूह स्वयं अपना संचार माध्यम प्रारंभ करने के लिए आगे आते हैं। जैसे-डॉक्यूमेंट्री फिल्में, खबर लहरिया नामक समाचार पत्र आदि।