RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
पाइक कौन थे? 
(अ) भू-स्वामी 
(ब) जबरन मजदूर 
(स) खानाबदोश 
(द) बंजारे 
उत्तर:
(ब) जबरन मजदूर 

प्रश्न 2. 
किस जनजाति समूह ने असम में शक्तिशाली राज्य स्थापित किया? 
(अ) खोखर 
(ब) गोंड 
(स) अहोम
(द) बंजारा 
उत्तर:
(स) अहोम

प्रश्न 3. 
अहोम भारत में कहाँ से आकर बसे? 
(अ) नेपाल
(ब) म्यांमार 
(स) चीन
(द) श्रीलंका 
उत्तर:
(ब) म्यांमार 

प्रश्न 4. 
रानी दुर्गावती ने कहाँ शासन किया? 
(अ) आमेर
(ब) दिल्ली 
(स) रणथंभौर 
(द) गढ़ कटंगा 
उत्तर:
(द) गढ़ कटंगा 

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प्रश्न 5. 
बंजारों का कारवाँ क्या कहलाता था? 
(अ) पाइक 
(ब) खेल 
(स) टांडा
(द) कुल 
उत्तर:
(स) टांडा

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. प्रत्येक जनजाति के सदस्य ................ के बंधन से जुड़े होते थे। 
2. पंजाब में ................ जनजाति 13वीं और 14वीं सदी के दौरान बहुत प्रभावशाली थी। 
3. पश्चिमी हिमालय में ................. की जनजाति रहती थी। 
4. ................. लोग सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापारी-खानाबदोश थे।
5. ............... लोग स्थानांतरीय कृषि करते थे। 
उत्तर:
1. नातेदारी 
2. खोखर 
3. गड्डी गड़रियों 
4. बंजारा 
5. गोंड। 

सत्य/असत्य कथन छाँटिये-

1. अकबरनामा के अनुसार गढ़ कटंगा के गोंड राज्य में 70000 गाँव थे।
2. गोंड राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था विकेन्द्रीकृत थी। 
3. अहोम समाज गढ़ों में विभाजित था।
4. इतिहास में सबसे प्रसिद्ध पशुचारी और शिकारी-संग्राहक -जनजाति मंगोलों की थी। 
5. कर्नाटक और महाराष्ट्र की पहाड़ियाँ भीलों के निवास स्थान थे। 
उत्तर:
1. सत्य 
2. असत्य 
3. असत्य 
4. सत्य 
5. असत्य 

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निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए-

1. टाँडा

(अ) अहोम

2. स्थानांतरीय कृषि

(ब) उत्तर-पश्चिम भारत 

3. पाइक

(स) पश्चिमी हिमालय 

4. बलोच

(द) बंजारा  

5. गड्डी गड़रिया

(य) गोंड

उत्तर:

1. टाँडा

(द) बंजारा

2. स्थानांतरीय कृषि

(य) गोंड 

3. पाइक

(अ) अहोम

4. बलोच

(ब) उत्तर-पश्चिम भारत

5. गड्डी गड़रिया

(स) पश्चिमी हिमालय

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
टांडा किसे कहते थे? 
उत्तर:
बनजारों के कारवाँ को टांडा कहते थे। 

प्रश्न 2. 
किन समाजों को जनजातियाँ कहा जाता रहा है? 
उत्तर:
भारतीय उपमहाद्वीप में जो समाज ब्राह्मणीय सामाजिक नियमों व कर्मकांडों को नहीं मानते थे और न असमान वर्गों में विभाजित थे, जनजातियाँ कहलाते थे। 

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प्रश्न 3. 
जनजातीय लोग भारत के किस क्षेत्र में पाये जाते थे?
उत्तर:
जनजातीय लोग भारत के लगभग हर क्षेत्र में पाये जाते थे। किसी भी एक जनजाति का इलाका और प्रभाव समय के साथ बदलता रहता था। 

प्रश्न 4. 
कुल किसे कहते हैं? 
उत्तर:
परिवारों या घरों के एक ऐसे समूह को कुल कहते हैं जो एक ही पूर्वज की संतान होने का दावा करते हैं। 

प्रश्न 5. 
उपमहाद्वीप के सुदूर उत्तर-पूर्वी भाग पर किन जनजातियों का प्रभुत्व था? 
उत्तर:
उपमहाद्वीप के सुदूर उत्तर-पूर्वी भाग पर नागा, अहोम जनजातियों का प्रभुत्व था। 

प्रश्न 6. 
बिहार और झारखंड के क्षेत्र में रहने वाली दो महत्त्वपूर्ण जनजातियों के नाम लिखिये। 
उत्तर:

  • मुंडा 
  • संथाल। 

प्रश्न 7. 
कर्नाटक और महाराष्ट्र की पहाड़ियाँ किन जनजातियों के निवास स्थान थे। (कोई दो नाम लिखिये) 
उत्तर:

  • कोली
  • बेराद। 

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प्रश्न 8. 
भीलों की आबादी किस क्षेत्र में फैली हुई थी? 
उत्तर:
भील-जनजाति पश्चिमी और मध्य भारत में फैली हुई थी। 

प्रश्न 9. 
गोंड लोग किस क्षेत्र में फैले हुए थे?
उत्तर:
मौजूदा छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में गोंड लोग बड़ी तादाद में फैले हुए थे। 

प्रश्न 10. 
किस क्षेत्र की प्रमुख जनजातियों ने काफी पहले इस्लाम को अपना लिया था? 
उत्तर:
पंजाब, सिंध और उत्तर-पश्चिमी सरहद की प्रभुत्ववाली जनजातियों ने काफी पहले इस्लाम को अपना लिया था। 

प्रश्न 11. 
राजा मानसिंह ने चेरों को कब पराजित किया था? 
उत्तर:
1591 ई. में। 

प्रश्न 12. 
16वीं सदी में अहोमों ने कौन-कौनसे राज्यों को अपने राज्य में मिला लिया? 
उत्तर:
16वीं सदी में अहोमों ने चुटियों (1523 ई.) और कोच-हाजो (1581 ई.) के राज्यों को अपने राज्य में मिला लिया। 

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प्रश्न 13. 
मंगोल कौन थे? 
उत्तर:
इतिहास में सबसे प्रसिद्ध पशुचारी और शिकारीसंग्राहक जनजाति मंगोलों की थी। 

प्रश्न 14. 
मंगोल कहाँ बसे हुए थे? 
उत्तर:
मंगोल मध्य एशिया के घास के मैदानों और थोड़ा उत्तर की और के वन प्रान्तों में बसे हुए थे। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
जनजातियाँ किन स्थानों पर निवास करती थीं? 
उत्तर:
इस उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में कई बड़ी जनजातियाँ फली-फूलीं। सामान्यतः ये जंगलों, पहाड़ों, रेगिस्तानों और दूसरी दुर्गम जगहों पर निवास करती थीं। 

प्रश्न 2. 
मध्यकालीन भारतीय जनजातियों के जीवनयापन के साधन क्या थे? 
उत्तर:
मध्यकालीन भारत में कई जनजातियाँ खेती से अपना जीविकोपार्जन करती थीं। कुछ दूसरी जनजातियों के लोग शिकारी, संग्राहक या पशुपालक थे। 

प्रश्न 3. 
कौनसे कारक समाजों में परिवर्तन लाये? 
उत्तर:
कभी-कभी जाति विभाजन पर आधारित अधिक शक्तिशाली समाजों के साथ जनजातियों का टकराव होता था। कई मायनों में इन जनजातियों ने अपनी स्वतंत्रता और अपनी संस्कृति को बचाया। लेकिन जाति आधारित समाज और जनजातीय समाज दोनों अपनी विविध किस्म की आवश्यकताओं के लिए परस्पर निर्भर भी रहे। टकराव और निर्भरता के इस संबंध ने दोनों तरह के समाजों को धीरे-धीरे बदलने का काम भी किया। 

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प्रश्न 4. 
जनजातीय समाजों की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
जनजातीय समाजों की प्रमुख विशेषताएँ-

  • प्रत्येक जनजाति के सदस्य नातेदारी के बंधन से जुड़े होते थे।
  • ये जनजातियाँ कृषि, शिकार, संग्रहण या पशुपालन से अपना जीविकोपार्जन करती थीं।
  • सामान्यतः ये जनजातियाँ जंगलों, पहाड़ों, रेगिस्तानों और दूसरे दुर्गम जगहों पर निवास करती थीं। 
  • कुछ जनजातियाँ खानाबदोश थीं और वे एक जगह से दूसरी जगह घूमती रहती थीं। 
  • जनजातीय समूह, संयुक्त रूप से भूमि और चरागाहों पर नियंत्रण रखते थे और स्वयं के बनाए नियमों के आधार पर परिवारों के बीच इनका बंटवारा करते थे। 

प्रश्न 5. 
'चेरों' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये। 
उत्तर:
बिहार और झारखण्ड के कई क्षेत्रों में चेर एक प्रमुख जनजाति थी। 12वीं सदी तक यहाँ चेर सरदारशाहियों का उदय हो चुका था। अकबर के सेनापति राजा मानसिंह ने 1591 ई. में इन लोगों पर हमला किया और उन्हें परास्त किया तथा उन्हें लूट कर अच्छा-खासा माल इकट्ठा किया। लेकिन वे पूरी तरह अधीन नहीं बनाए गए। औरंगजेब के समय मुगल सेनाओं ने चेर लोगों के कई किलों पर कब्जा किया और इस जनजाति को अपना अधीनस्थ बना लिया। 

प्रश्न 6. 
भारतीय उपमहाद्वीप में विभिन्न जनजातीय समूहों की क्षेत्रवार एक तालिका बनाइए।
उत्तर:
तालिका-भारतीय उपमहाद्वीप में जनजातीय समूह
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प्रश्न 7. 
खानाबदोश कौन होते हैं? 
उत्तर:
खानाबदोश घुमन्तू लोग होते हैं। उनमें से कई पशुचारी होते हैं जो अपनी रेवड़ और पशुवृंद के साथ एक चरागाहं से दूसरे चरागाह तक घूमते रहते हैं। बनजारा लोग सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापारी खानाबदोश थे। 

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प्रश्न 8. 
भ्रमणशील लोगों से क्या आशय है? 
उत्तर:
वे दस्तकार, फेरीवाले और नृत्य-गायक एवं अन्य तमाशबीन भ्रमणशील समूह कहलाते हैं जो अपना कामधंधा करते-करते एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा में रहते हैं। खानाबदोश और भ्रमणशील समूह दोनों उस जगह लौट कर आते हैं जहाँ उन्होंने पिछले साल दौरा किया था।

प्रश्न 9. 
नए राजपूत कुलों की उत्पत्ति कैसे हुई? 
उत्तर:
11वीं और 12वीं सदी तक आते-आते क्षत्रियों के बीच नए राजपूत गोत्रों की ताकत में वृद्धि हुई। वे हूण, चंदेल, चालुक्य और कुछ दूसरी वंश-परंपराओं से आते थे। इनमें से कुछ पहले जनजातियों से आते थे और बाद में कई कुल राजपूत मान लिए गए। धीरे-धीरे उन्होंने पुराने शासकों की जगह ले ली, विशेषतः कृषि वाले क्षेत्रों में। 

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
गोंड राज्य की सामाजिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
गोंड राज्य की सामाजिक व्यवस्था-गोंड लोग गोंडवाना नामक विशाल वन प्रदेश में रहते थे। वे स्थानांतरीय कृषि अर्थात् अदल-बदल कर खेती करते थे। विशाल गोंड जनजाति कई छोटे-छोटे कुलों में बंटी हुई थी। प्रत्येक कुल का अपना राजा या राय होता था। सल्तनत काल में कुछ | बड़े गोंड राज्य छोटे गोंड सरदारों पर हावी होने लगे थे। गढ़ कटंगा एक ऐसा ही गोंड राज्य था। 

गोंड राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था-गोंड राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था केन्द्रीकृत हो रही थी। राज्य, गढ़ों में विभाजित थे। हर गढ़ किसी खास गोंड कुल के नियंत्रण में था। ये पुनः चौरासी गाँवों की इकाइयों में विभाजित होते थे, जिन्हें चौरासी कहा जाता था। चौरासी का उप-विभाजन बरहोतों में होता था, जो बारह-बारह गाँवों को मिलाकर बनते थे। 

प्रश्न 2. 
गढ़ कटंगा के गोंड राज्य के इतिहास का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
गढ़ कटंगा-गढ़ कटंगा का गोंड राज्य एक बड़ा गोंड राज्य था। उसके सरदारों को अब राजपूतों के रूप में मान्यता प्राप्त करने की चाहत हुई। इसलिए यहाँ के गोंड राजा अमनदास ने संग्राम शाह की उपाधि धारण की। उसके पुत्र दलपत ने महोबा के चंदेल राजपूत राजा सालवाहन की पुत्री राजकुमारी दुर्गावती से विवाह किया। दलपत की मृत्यु कम उम्र में हो गई। इसके बाद उसकी पत्नी रानी दुर्गावती ने अपने पाँच साल के पुत्र वीर नारायण के नाम पर शासन की कमान संभाली। उसके समय में राज्य का और अधिक विस्तार हुआ। 

गढ़ कटंगा पर मुगल सेनाओं का हमला-1565 ई. में आसिफ खां के नेतृत्व में मुगल सेनाओं ने गढ़ कटंगा पर हमला किया। रानी दुर्गावती ने इसका जम कर सामना किया, लेकिन उसकी हार हुई। रानी ने समर्पण करने की बजाय मर जाना बेहतर समझा। उसका पुत्र भी तुरन्त बाद लड़ता हुआ मारा गया। 

गढ़ कटंगा पर मुगल अधिकार-जब मुगलों ने गोंडों को हराया, तो उन्होंने लूट में बेशकीमती सिक्के और हाथी बहुतायत में हथिया लिये। उन्होंने राज्य का एक भाग अपने कब्जों में ले लिया और शेष वीरनारायण के चाचा चंदर शाह को दे दिया। गढ़ कटंगा के पतन के बावजूद गोंड राज्य कुछ समय तक चलता रहा। लेकिन वे काफी कमजोर हो गए और बाद में अधिक शक्तिशाली बुंदेलों और मराठों के खिलाफ उनके संघर्ष असफल रहे। 

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प्रश्न 3. 
अहोम साम्राज्य का विवरण दीजिए। 
उत्तर:
(अ) अहोम साम्राज्य का विस्तार-
(i) अहोम लोग म्यांमार से आकर 13वीं सदी में ब्रह्मपुत्र घाटी में आ बसे। उन्होंने भूइयाँ (भूस्वामी) लोगों की पुरानी राजनीतिक व्यवस्था का दमन करके नए राज्य की स्थापना की। 
(ii) 16वीं सदी के दौरान उन्होंने चुटियों (1523 ई.) और कोच-हाजो (1581 ई.) के राज्यों को अपने राज्य में मिला लिया। 
(iii) उन्होंने कई अन्य जनजातियों को भी अधीन कर लिया। इस प्रकार अहोमों ने एक बड़ा राज्य बनाया। 

अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण-1430 ई. के दशक में ही अहोमों ने आग्नेय अस्त्रों का इस्तेमाल किया। 1660 ई. तक आतेआते वे उच्चस्तरीय बारूद और तोपों का निर्माण करने में सक्षम हो गए थे। 

दक्षिण-पश्चिम से आक्रमणों का सामना-अहोम लोगों को दक्षिण-पश्चिम से कई आक्रमणों का सामना करना पड़ा। 1662 ई. में मीर जुमला के नेतृत्व में मुगलों ने अहोम राज्य पर हमला किया। बहादुरी से सामना करने के बावजूद अहोम लोगों की पराजय हुई। लेकिन उस क्षेत्र पर मुगलों का प्रत्यक्ष नियंत्रण अधिक समय तक बना नहीं रह सका। 

प्रशासन-17वीं शताब्दी तक आते-आते अहोम प्रशासन खासा केन्द्रीकृत हो गया था। 

प्रश्न 4. 
अहोम समाज का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
अहोम समाज 
अहोम समाज का वर्णन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है-
(1) खेल-अहोम समाज कुलों में विभाजित था, जिन्हें 'खेल' कहा जाता था। एक खेल के नियंत्रण में प्रायः कई गाँव होते थे। 

(2) ग्राम-समुदाय-किसान व दस्तकार-अहोम गाँवों में किसान को अपने ग्राम समुदाय के द्वारा जमीन दी जाती थी। समुदाय की सहमति के बिना राजा तक इसे वापस नहीं ले सकता था। अहोम क्षेत्र में दस्तकारों की बहुत कम जातियाँ थीं। इसलिए अहोम क्षेत्र में दस्तकार निकटवर्ती क्षेत्रों से आए थे। 

(3) धार्मिक आस्था-शुरुआत में अहोम लोग, अपने जनजातीय देवताओं की उपासना करते थे। लेकिन 17वीं सदी के पूर्वार्द्ध में ब्राह्मणों के प्रभाव में वृद्धि हुई। मंदिरों और ब्राह्मणों को राजा के द्वारा भूमि अनुदान में दी गई। सिबसिंह (1714-44) के काल में हिन्दू धर्म वहाँ का प्रधान धर्म बन गया था। लेकिन अहोम राजाओं ने हिन्दू धर्म को अपनाने के बाद अपनी पारंपरिक आस्थाओं को पूरी तरह से नहीं छोड़ा था।

(4) परिष्कृत समाज-अहोम समाज एक अत्यन्त परिष्कृत समाज था। कवियों और विद्वानों को अनुदान में जमीन दी जाती थी। नाट्य-कर्म को प्रोत्साहन दिया जाता था। संस्कृत की महत्त्वपूर्ण कृतियों का स्थानीय भाषा में अनुवाद किया गया था। बुरंजी नामक ऐतिहासिक कृतियों को पहले अहोम भाषा में और फिर असमिया में लिखा गया था।

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Last Updated on June 9, 2022, 6:48 p.m.
Published June 9, 2022