RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
दिल्ली सल्तनत का प्रथम दास शासक था-
(अ) इल्तुतमिश 
(ब) कुतबउद्दीन ऐबक 
(स) रजिया सुल्तान 
(द) बलबन 
उत्तर:
(ब) कुतबउद्दीन ऐबक

प्रश्न 2. 
निम्न में से कौनसा दिल्ली सल्तनत के अन्तर्गत लगने वाला कर नहीं था? 
(अ) खराज 
(ब) मवेशियों पर कर 
(स) आयकर
(द) घरों पर कर 
उत्तर:
(स) आयकर

प्रश्न 3. 
सल्तनत काल में किलेबंद बसाव जहाँ सैनिक रहते थे, को कहा जाता था-
(अ) गर्भगृह शहर 
(ब) जागीर 
(स) इक्ता नगर 
(द) गैरिसन शहर 
उत्तर:
(द) गैरिसन शहर

प्रश्न 4. 
मोठ की मस्जिद जिसके शासन काल में बनी थी, वह था-
(अ) कुतुबुद्दीन ऐबक 
(ब) इल्तुतमिश 
(स) सिकंदर लोदी 
(द) अलाउद्दीन खिलजी। 
उत्तर:
(स) सिकंदर लोदी 

RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान

प्रश्न 5. 
रजिया सुल्तान पुत्री थी-
(अ) इल्तुतमिश की 
(ब) बलबन की 
(स) ऐबक की 
(द) जलालुद्दीन खिलजी की 
उत्तर:
(अ) इल्तुतमिश की 

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-

1. ............. दिल्ली सल्तनत की एकमात्र स्त्री शासक थी। 
2. इल्तुतमिश अपने विशेष गुलामों को सूबेदार नियुक्त करता था, जिन्हें ............. कहा जाता था। 
3. इक्ता को संभालने वाले अधिकारी ............... कहे जाते थे। 
4. अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद तुगलग के शासनकालों में दिल्ली पर .............. के धावे बढ़ गए थे। 
5. तुगलक वंश के बाद सन् ............... तक दिल्ली तथा आगरा पर सैयद और लोदी वंशों का राज्य रहा। 
उत्तर:
1. रजिया 
2. बंदगाँ 
3. मुक्ती
4. मंगोलों 
5. 1526 ई. 

सत्य/असत्य कथन छाँटिये-

1. तोमरों और चौहानों के राज्यकाल में ही दिल्ली वाणिज्य का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र बन गया। 
2. सन् 1210 ई. में सुलतान इल्तुतमिश की बेटी रजिया सिंहासन पर बैठी। 
3. इल्तुतमिश सामन्तों और जमींदारों के स्थान पर अपने विशेष गुलामों को सूबेदार नियुक्त करना अधिक पसंद करते थे। 
4. मुक्ती का फर्ज था राजस्व की रकम का लेखा रखना। 
5. अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में भू-राजस्व के निर्धारण और वसली के कार्य को राज्य ने अपने नियंत्रण में ले लिया। 
उत्तर:
1. सत्य 
2. असत्य 
3. सत्य 
4. असत्य 
5. सत्य 

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सुमेलित कीजिए-

निम्नलिखित शासकों के समक्ष सही शासन काल सुमेलित कीजिए-

शासक

शासन-काल

1. अनंग पाल

(अ) 1175-1192 ई.

2. पृथ्वीराज चौहान

(ब) 1130-1145 ई.

3. इल्तुतमिश

(स) 1296-1316 ई.

4. अलाउद्दीन खिलजी

(द) 1324-1351 ई.

5. मुहम्मद तुगलक

(य) 1210-1236 ई.

उत्तर:

शासक

शासन-काल

1. अनंग पाल

(ब) 1130-1145 ई.

2. पृथ्वीराज चौहान

(अ) 1175-1192 ई.

3. इल्तुतमिश

(य) 1210-1236 ई.

4. अलाउद्दीन खिलजी

(स) 1296-1316 ई.

5. मुहम्मद तुगलक

(द) 1324-1351 ई.

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
12वीं शताब्दी के मध्य में तोमर राजपूतों को किसने हराया?
उत्तर:
तोमर राजपूतों को अजमेर के चौहानों ने हराया था। 

प्रश्न 2. 
तवारीख के लेखक कौन थे? 
उत्तर:
तवारीख के लेखक सचिव, प्रशासक, कवि और दरबारियों जैसे सुशिक्षित व्यक्ति होते थे। 

प्रश्न 3. 
रजिया सुल्तान कौन थी?
उत्तर:
रजिया सुल्तान इल्तुतमिश की बेटी तथा दिल्ली की पहली महिला शासक थी जो 1236 ई. से 1240 ई. तक दिल्ली के सिंहासन पर बैठी। 

प्रश्न 4. 
गैरिसन शहर से क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
गैरिसन शहर से अभिप्राय उस किलेबंद शहर से है जहाँ सैनिक रहते हैं। 

प्रश्न 5. 
रानी दिदा कौन थी? 
उत्तर:
रानी दिद्दा सन् 980 से 1003 तक कश्मीर की महिला शासक थी। 

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प्रश्न 6. 
गुलामों को फारसी में क्या कहा जाता था? 
उत्तर:
गुलामों को फारसी में बंदगाँ कहा जाता था। 

प्रश्न 7. 
चौहानों के शासनकाल में दिल्ली में ढाले जाने वाले सिक्कों को क्या कहते थे? 
उत्तर:
देहलीवाल। 

प्रश्न 8. 
दिल्ली सल्तनत की स्थापना कब हुई? 
उत्तर:
दिल्ली सल्तनत की स्थापना 13वीं सदी के प्रारंभ में हुई।

प्रश्न 9. 
सूरी वंश ने दिल्ली पर कितने समय तक शासन किया?
उत्तर:
सूरी वंश ने दिल्ली पर 15 वर्षों (1540 ई. से 1555 ई.) तक शासन किया।

प्रश्न 10. 
मस्जिद किस भाषा का शब्द है? 
उत्तर:
मस्जिद अरबी भाषा का शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ है-ऐसा स्थान जहाँ मुसलमान अल्लाह की आराधना में सजदा करते हैं। 

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प्रश्न 11. 
नमाज के दौरान मुसलमान किस तरफ मुँह करके खड़े होते हैं?
उत्तर:
नमाज के दौरान मुसलमान मक्का की तरफ मुँह करके खड़े होते हैं। 

प्रश्न 12. 
भारत में मक्का किस ओर पड़ता है? 
उत्तर:
भारत में मक्का पश्चिम की ओर पड़ता है। 

प्रश्न 13. 
मक्का की ओर की दिशा को क्या कहा जाता है? 
उत्तर:
मक्का की ओर की दिशा को 'किबला' कहा जाता है। 

प्रश्न 14. 
दिल्ली सल्तनत के किन शासनकालों में दिल्ली पर मंगोलों ने धावे किए?
उत्तर:
अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद तुगलक के शासन कालों में मंगोलों ने दिल्ली पर धावे किए।

प्रश्न 15. 
दिल्ली के किस सुलतान ने मंगोल इलाके को जीतने की योजना बनाई थी?
उत्तर:
मुहम्मद तुगलक ने। 

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लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
दिल्ली सल्तनत के प्रमुख राजवंशों के नाम तथा शासनकाल बताइए। 
उत्तर:

दिल्ली सल्तनत के प्रमुख राजवंश

शासन काल

1. दास (गुलाम) वंश प्रा. तुर्की शासक

1206 ई.-1290 ई.

2. खिलजी वंश

1290 ई.-1320 ई.

3. तुगलक वंश

1320 ई.-1414 ई.

4. सैयद वंश

1414 ई.-1451 ई.

5. लोदी वंश

1451 ई.-1526 ई.

प्रश्न 2. 
दिल्ली सल्तनत के सूचना स्रोतों की एक सूची बनाइए। 
उत्तर:
दिल्ली सल्तनत के सूचना स्रोत-

  • अभिलेख, सिक्कों और स्थापत्य (भवन निर्माण कला) के माध्यम से काफी सूचना मिलती है। 
  • महत्त्वपूर्ण सूचना स्रोत हैं-(1) इतिहास, तारीख (एकवचन.), तवारीख (बहुवचन) हैं जो सुल्तानों के शासनकाल में प्रशासन की भाषा फारसी में लिखे गये थे। 

प्रश्न 3. 
तवारीख के लेखकों और उनके लेखों पर टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:

  • तवारीख के लेखक सचिव, प्रशासक, कवि और दरबारियों जैसे सुशिक्षित व्यक्ति होते थे जो घटनाओं का वर्णन भी करते थे। वे न्यायसंगत शासन के महत्त्व पर बल देते थे। 
  • वे नगरों में (विशेषकर) दिल्ली में रहते थे। 
  • वे अक्सर अपने इतिहास सुल्तानों के लिए, उनसे ढेर सारे इनाम-इकराम पाने की आशा में लिखा करते थे। 
  • ये लेखक प्रायः शासकों को जन्मसिद्ध अधिकार और लिंगभेद पर आधारित 'आदर्श समाज व्यवस्था बनाए रखने की सलाह देते थे। 

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प्रश्न 4. 
जन्मसिद्ध अधिकार से क्या आशय है? 
उत्तर:
जन्मसिद्ध अधिकार-जन्मसिद्ध अधिकार से आशय है-जन्म के आधार पर विशेषाधिकारों का दावा। उदाहरण के लिए, लोग मानते थे कि कुलीन व्यक्तियों को, कुछ खास परिवारों में जन्म लेने के कारण शासन करने का अधिकार विरासत में मिलता है।

प्रश्न 5. 
लिंगभेद से क्या आशय है? 
उत्तर:
लिंगभेद-लिंगभेद से आशय है--स्त्रियों और पुरुषों के बीच सामाजिक तथा शरीर-रचना सम्बन्धी अन्तर। प्रायः यह तर्क दिया जाता है कि ऐसे अन्तर के कारण पुरुष स्त्रियों की तुलना में श्रेष्ठ होते हैं।

प्रश्न 6. 
रजिया सुल्तान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
रजिया सुल्तान दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश की बेटी थी। वह अपने सभी भाइयों से अधिक योग्य और सक्षम थी। इस कारण वह सन् 1236 में दिल्ली के सिंहासन पर बैठी। लेकिन 'जन्मसिद्ध अधिकार' और लिंगभेद पर आधारित समाज व्यवस्था एक रानी को शासक के रूप में मान्यता नहीं दे पा रही थी। दरबारीजन भी उसके स्वतंत्र रूप से शासन करने की कोशिशों से प्रसन्न नहीं थे। परिणामस्वरूप सन् 1240 में उसे सिंहासन से हटा दिया गया। 

प्रश्न 7. 
सल्तनत काल में सल्तनत की भीतरी सीमाओं में चले अभियानों के लक्ष्य तथा उनकी कार्यवाहियों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
भीतरी सीमाओं के अभियानों का लक्ष्य-सल्तनत की भीतरी सीमाओं में जो अभियान चले उनका लक्ष्य थागैरिसन शहरों की पृष्ठभूमि में स्थित भीतरी क्षेत्रों की स्थिति को मजबूत करना।' अभियानों की कार्यवाहियाँ-

  • इन अभियानों के दौरान गंगा-यमुना के दोआब से जंगलों को साफ कर दिया गया। 
  • शिकारी-संग्राहकों तथा चरवाहों को उनके पर्यावास से खदेड़ दिया गया। वह जमीन किसानों को दे दी गई और कृषि कार्य को प्रोत्साहन दिया गया। 
  • व्यापार-मार्गों की सुरक्षा और क्षेत्रीय व्यापार की उन्नति की खातिर नए किले, गैरिसन शहर. और शहर बनाए व बसाये गये। 

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प्रश्न 8. 
प्रारंभिक वर्षों में दिल्ली सल्तनत को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? 
उत्तर:

  • दिल्ली से सुदूर बंगाल और सिंध के गैरिसन शहरों के नियंत्रण में दिल्ली सल्तनत को बगावत, युद्ध, यहाँ तक कि खराब मौसम की चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। 
  • शासन को अफगानिस्तान से आने वाले हमलावरों और उन सूबेदारों से भी सल्तनत को बराबर चुनौती मिलती रहती थी, जो जरा सी भी कमजोरी का आभास मिलते ही विद्रोह का झंडा खड़ा कर देते थे। 

प्रश्न 9. 
'सल्तनत काल में गुलामों का विशेष महत्त्व था।' स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:

  • दिल्ली के आरंभिक सुल्तान, विशेषकर इल्तुतमिश, सामन्तों और जमींदारों के स्थान पर, अपने विशेष गुलामों के सूबेदार नियुक्त करना अधिक पसंद करते थे।
  • गुलाम चूंकि पूरी तरह से अपने मालिक पर निर्भर होते थे, इसलिए सुल्तान भी विश्वास करके उन पर निर्भर हो सकते थे। 
  • खलजी और तुगलक शासक भी बंदगाँ (गुलामों) का इस्तेमाल करते रहे। 
  • गुलाम अपने मालिकों और संरक्षकों के प्रति वफादार रहते थे। 

प्रश्न 10. 
शेरशाह सूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
शेरशाह सूर-शेरशाह सूर (1540-1545) ने बिहार में अपने चाचा के एक छोटे से इलाके के प्रबंधक के रूप में काम शुरू किया था और आगे चलकर उसने मुगल सम्राट हुमायूँ (1530-1540, 1555-1556) तक को चुनौती दी और परास्त किया।

शेरशाह ने दिल्ली पर अधिकार करके स्वयं अपना राजवंश स्थापित किया। सूरवंश ने केवल पंद्रह वर्ष (1540-1555) तक शासन किया, लेकिन इसके प्रशासन ने अलाउद्दीन खलजी वाले कई तरीकों को अपनाकर उन्हें और भी चुस्त बना दिया। अकबर ने अपने प्रतिमान के रूप में शेरशाह की प्रशासन व्यवस्था को ही अपनाया था। 

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निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
मुहम्मद तुगलक की प्रमुख योजनाओं का वर्णन कीजिए। यह क्यों असफल रहीं? 
उत्तर:
मुहम्मद तुगलक की प्रमुख योजनाएँ निम्नलिखित थीं- 
(i) उसकी पहली योजना दिल्ली से राजधानी का स्थानान्तरण दौलताबाद करना था। उसने पुराने शहर देहली-ए-कुहना को निवासियों से खाली करवाकर वहाँ सैनिक छावनी बना दी गई। पुराने शहर (दिल्ली) के निवासियों को नयी राजधानी दौलताबाद भेज दिया गया। दौलताबाद ले जाने से लोग बहुत नाराज थे। अंततः पाँच वर्षों के अन्तराल में ही राजधानी को पुनः दिल्ली आना पड़ा। 

(ii) मुहम्मद तुगलक की दूसरी योजना कीमतों को नियंत्रण करने के लिए चाँदी के सिक्के की जगह सस्ती धातु के बने सिक्के-टोकन (सांकेतिक) मुद्रा के रूप में चलाए। 14वीं सदी के लोगों को इस मुद्रा पर भरोसा नहीं था। वे अपने सोने-चाँदी के सिक्के बचाकर रख लेते थे और अपने तमाम कर इस टोकन मुद्रा से चुकाते. थे। इसके अतिरिक्त बाजार में इसके जाली सिक्के भी आ गए। इससे व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ा और बाध्य होकर पुनः इस सांकेतिक मुद्रा के स्थान पर चाँदी के सिक्के देने पड़े।

(iii) तीसरी योजना अधिक धन एकत्रित करने के उद्देश्य से दोआब से भूमि कर में वृद्धि कर दी। उस समय दोआब का क्षेत्र भयंकर अकाल से ग्रस्त था। परिणामतः लोगों के असंतोष के कारण उसे वापस लेना पड़ा। 

प्रश्न 2. 
खलजी और तुगलक वंश के अन्तर्गत की गई प्रशासनिक व्यवस्था का विवेचन कीजिए। 
उत्तर:
खलजी और तुगलक वंश के अन्तर्गत की गई प्रशासनिक व्यवस्था को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है-
(1) केन्द्रीय प्रशासन-इस काल की केन्द्रीय शासन व्यवस्था में सुल्तान संप्रभु था, निरंकुश था। निरंकुश होने के बावजूद वह अपने मंत्रियों से सलाह लेता था। इस काल में राज्य के कुछ महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर काम करने के लिए सुल्तान अपने विशेष गुलामों (बंदगाँ) को नियुक्त करता था। इसके अतिरिक्त अपने आश्रित निम्न वर्ग के लोगों को भी राजनीतिक पदों पर बैठाया। 

(2) प्रान्तीय शासन-खलजी और तुगलक शासकों ने, पहले वे सुल्तानों की तरह ही, सेनानायकों ने भिन्न-भिन्न आकार के इलाकों (प्रान्तों या सूबों) के सूबेदार के रूप में नियुक्त किया। ये इलाके इक्ता कहलाते थे और इन्हें संभालने वाले अधिकारी इक्तेदार या मुक्ती कहे जाते थे। 

मक्ती के कार्य-मुक्ती के प्रमुख कार्य थे-सैनिक अभियानों का नेतृत्व करना, कानून-व्यवस्था को बनाए रखना तथा राजस्व की वसूली करना। 

मुक्ती पर नियंत्रण के तरीके- सुल्तान ने मुक्ती लोगों पर नियंत्रण के लिए निम्नलिखित तरीके अपना रखे थे-

  • मुक्ती का पद वंश परम्परा से नहीं चलता था और उनका थोड़े समय बाद ही स्थानान्तरण कर दिया जाता था। 
  • राजस्व की रकम का हिसाब लेने के लिए राज्य द्वारा लेखाधिकारी भी नियुक्त किए जाते थे। 
  • इस बात का ध्यान रखा जाता था कि मुक्ती राज्य द्वारा निर्धारित कर ही वसूलें और तय संख्या के हिसाब से सैनिक रखें। 

(3) आंतरिक क्षेत्रों का राजस्व प्रशासन-खलजी और तुगलक काल में शहरों से दूर आंतरिक इलाकों को भी अपने अधिकार में ले आये तथा भू-राजस्व के निर्धारण और वसूली के कार्य को राज्य ने अपने नियंत्रण में ले लिया। स्थानीय सामन्तों से कर लगाने का अधिकार छीन लिया गया। 

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प्रश्न 3. 
मंगोल आक्रमणों से रक्षा के लिए अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद तुगलक के प्रयासों का तुलनात्मक वर्णन कीजिए।
उत्तर:

अलाउद्दीन खिलजी

मुहम्मद तुगलक

(1) दिल्ली पर दो बार हमले हुए : 1299-1300 ई. में और 1302-1303 ई. में इनका सामना करने के लिए अलाउद्दीन खिलजी ने एक विशाल स्थायी सेना खड़ी की।

1. मुहम्मद तुगलक के प्रारंभिक वर्षों में सल्तनत पर हमला हुआ जिसमें मंगोल सेना हार गई थी।

(2) अलाउद्दीन खिलजी ने अपने सैनिकों के लिए सीरी नामक एक नया गैरिसन शहर बसाया।

2. मुहम्मद तुगलक ने नया शहर बसाने के स्थान पर दिल्ली के स्थान पर दौलताबाद को नई राजधानी बनाया।

(3) सैनिकों का पेट भरने की समस्या को गंगा-यमुना के बीच की भूमि से खेती की पैदावार का 50 प्रतिशत मात्र कर के तौर पर लेकर हल किया गया।

3. सेना को खिलाने के लिए गंगा-यमुना के इलाके से ही खाद्यान्न इकट्ठा किया गया। इसके अतिरिक्त उसने अन्य कर भी लगाए।

(4) अलाउद्दीन ने सैनिकों को इक्ता के स्थान पर नकद वेतन देना तय किया तथा दिल्ली में चीजों की कीमतों पर नियंत्रण लागू किया।

4. मुहम्मद तुगलक भी अपने सैनिकों को नकद वेतन देता था। उसने चाँदी के सिक्कों के स्थान पर सस्ती धातु की सांकेतिक मुद्रा चलाई।

(5) अलाउद्दीन के प्रशासनिक कदम काफी सफल रहे। इतिहासकारों ने कीमतों में कमी और बाजार में वस्तुओं की कुशलता से आपूर्ति के लिए प्रशंसा की है।

5. मुहम्मद तुगलक द्वारा उठाए गए कदम बेहद असफल रहे-
(i) दौलताबाद ले जाने से पुरानी दिल्ली के लोग नाराज थे। 
(ii) करों में वृद्धि और गंगा-यमुना के दोआब में अकाल से विक्षुब्ध जनता बगावत पर उतर आई। 
(iii) उसे अन्ततः टोकन मुद्रा भी वापस लेनी पड़ी।

admin_rbse
Last Updated on June 8, 2022, 5:42 p.m.
Published June 7, 2022