RBSE Class 7 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 7 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

प्रश्न 1. 
भू-पर्पटी पर खुला एक छिद्र जिससे पिघलते हुए पदार्थ अचानक निकलते हैं
(अ) भूकम्प 
(ब) ज्वालामुखी 
(स) अभिकेन्द्र 
(द) उद्गम केन्द्र 
उत्तर:
(ब) ज्वालामुखी 

प्रश्न 2. 
भूकम्प मापा जाता है-
(अ) रिक्टर स्केल पर 
(ब) किलोमीटर में
(स) प्लेन स्केल में
(द) मीटर में 
उत्तर:
(अ) रिक्टर स्केल पर 

प्रश्न 3. 
पवन द्वारा निक्षेपित रेत के ढेर को कहा जाता है-
(अ) डेल्टा 
(ब) अपक्षय 
(स) बालू टिब्बा 
(द) पुलिन 
उत्तर:
(स) बालू टिब्बा 

प्रश्न 4. 
जो तरंग भूकम्पीय तरंगों का प्रकार नहीं है, वह है-
(अ) पी तरंगें 
(ब) एस तरंगें 
(स) एल तरंगें 
(द) एफ तरंगें 
उत्तर:
(द) एफ तरंगें 

प्रश्न 5. 
विश्व का सबसे ऊँचा जल प्रपात है-
(अ) नियाग्रा 
(ब) विक्टोरिया 
(स) एंजेल 
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) एंजेल

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रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-

1. भू-पर्पटी के नीचे वह स्थान जहाँ भूकम्प का कंपन आरंभ होता है ................ केन्द्र कहलाता है। 
2. जब नदी किसी खड़े ढाल वाले स्थान से अत्यधिक कठोर शैल या खड़े ढाल वाली घाटी में गिरती है, तो यह .............. बनाती है।
3. सभी मुहानों के अवसादों के संग्रह से ............. का निर्माण होता है। 
4. समुद्री तरंगें किनारों पर अवसाद जमा कर समुद्री ............... का निर्माण करती हैं। 
5. समुद्री जल के ऊपर लगभग ऊर्ध्वाधर उठे हुए ऊँचे शैलीय तटों को ............. कहते हैं। 
उत्तर:
1. उद्गम 
2. जल प्रपात 
3. डेल्टा 
4. पुलिन 
5. समुद्र भृगु। 

सत्य/असत्य कथन छाँटिये-

1. जब पवन का बहाव रुकता है और रेत गिरकर छोटी पहाड़ी बनाती है, तो इसे लोएस कहते हैं।
2. हिमनद बर्फ की नदियाँ होती हैं। 
3. जब विसर्प लूप नदी से कट जाते हैं और एक अलग झील बनाते हैं, उसे चापझील कहते हैं। 
4. जिस भूकंप की तीव्रता 2.0 अथवा उससे कम होती है, वह बहुत अधिक शक्तिशाली समझा जाता है। 
5. वह स्थान जहाँ भूकम्प उत्पन्न होता है, वह भूकम्पी ऊर्जा का अधिकेन्द्र कहलाता है। 
उत्तर:
1. असत्य 
2. सत्य 
3. सत्य 
4. असत्य 
5. असत्य

निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाएँ-

1. भूकम्प की तीव्रता 

(क) भूदृश्य पर पवन, जल के द्वारा होने वाला क्षय

2. अपक्षय

(ख) विसर्प लूप के नदी से घट जाने पर बनती है। 

3. अपरदन

(ग) नदी के मुहानों के अवसादों का संग्रह 

4. चाप झील

(घ) पृथ्वी की सतह पर शैलों का टूटना 

5. डेल्टा

(च) रिक्टर स्केल

उत्तर:

1. भूकम्प की तीव्रता 

(च) रिक्टर स्केल 

2. अपक्षय

(घ) पृथ्वी की सतह पर शैलों का टूटना

3. अपरदन

(क) भूदृश्य पर पवन, जल के द्वारा होने वाला क्षय

4. चाप झील

(ख) विसर्प लूप के नदी से घट जाने पर बनती है।

5. डेल्टा

(ग) नदी के मुहानों के अवसादों का संग्रह

RBSE Class 7 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
स्थलमण्डलीय प्लेट क्या हैं? 
उत्तर:
स्थलमण्डलीय प्लेटें भू-पर्पटी पर अनेक बड़ी एवं कुछ छोटी कठोर, असमान आकार की प्लेटें होती हैं, जिन पर महासागर एवं महाद्वीप की सतहें टिकी हैं। 

प्रश्न 2. 
भूकंपीय तरंगें कितने प्रकार की होती हैं? 
उत्तर:
भूकंपीय तरंगें तीन प्रकार की होती हैं-

  • पी (अनुदैर्ध्य) तरंगें 
  • एस (अनुप्रस्थ) तरंगें, 
  • एल (पृष्ठीय) तरंगें। 

प्रश्न 3. 
भूकंप का मापन किससे किया जाता है? 
उत्तर:
भूकंप का मापन भूकंपलेखी नामक यंत्र से किया जाता है। 

प्रश्न 4. 
सर्वाधिक शक्तिशाली भूकम्प कौनसा माना जाता है?
उत्तर:
जिस भूकम्प की तीव्रता 7.0 अथवा अधिक होती है, वह सर्वाधिक शक्तिशाली समझा जाता है। 

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प्रश्न 5. 
विश्व का सबसे ऊँचा जल प्रपात कहाँ पर है? 
उत्तर:
विश्व का सबसे ऊँचा जलप्रपात दक्षिणी अमेरिका के वेनेजुएला का एंजेल जल प्रपात है। 

प्रश्न 6. 
ज्वालामुखी क्या है? 
उत्तर:
ज्वालामुखी भू-पर्पटी पर खुला एक ऐसा छिद्र है जिससे पिघले हुए पदार्थ अचानक निकलते हैं। 

प्रश्न 7. 
डेल्टा क्या है? 
उत्तर:
डेल्टा एक त्रिभुजाकार मैदान है जिसका निर्माण नदी के मुहानों के अवसादों के संग्रह से होता है। इसका निर्माण नदी समुद्र में मिलने से पहले तटीय प्रदेश में करती है। 

प्रश्न 8. 
अपक्षय क्या है? 
उत्तर:
अपक्षय पृथ्वी की सतह पर शैलों के टूटने की क्रिया को कहते हैं। 

प्रश्न 9. 
स्थानीय लोग भूकम्प का अनुमान कैसे लगाते हैं? 
उत्तर:
स्थानीय लोग सामान्यतः जानवरों के व्यवहार के अध्ययन, तालाब में मछलियों की उत्तेजना, साँपों के धरातल पर आने के आधार पर भूकम्प का अनुमान लगाते हैं। 

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प्रश्न 10. 
जल प्रपात किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब नदी किसी खड़े ढाल वाले स्थान से अत्यधिक कठोर शैल या खड़े ढाल वाली घाटी से गिरती है, तो इसे जल प्रपात कहते हैं। 

प्रश्न 11. 
पुलिन किसे कहते हैं? 
उत्तर:
समुद्री लहरों द्वारा तट पर बालू तथा बजरी के अवसाद के निक्षेपण को पुलिन कहते हैं। 

प्रश्न 12. 
समुद्र भृगु किसे कहते हैं? 
उत्तर:
समुद्री जल के ऊपर लगभग ऊर्ध्वाधर उठे हुए ऊँचे शैलीय तटों को समुद्र भृगु कहते हैं। 

प्रश्न 13. 
लोएस किसे कहते हैं? 
उत्तर:
जब बालू कण महीन व हल्के होते हैं, तो वायु उनको उठाकर अत्यधिक दूर तक ले जाती है। जब ये बालू कण विस्तृत क्षेत्र में निक्षेपित हो जाते हैं, तो इसे लोएस कहते हैं। 

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लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
भूकम्प का मापन किस प्रकार किया जाता है? 
उत्तर:
भूकम्प का मापन-

  • भूकम्प का मापन भूकम्पलेखी नामक यंत्र से किया जाता है।
  • भूकम्प की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। 
  • जिस भूकम्प की तीव्रता 2.0 अथवा उससे कम होती है, उसका प्रभाव नहीं के बराबर होता है।
  • जिस भूकम्प की तीव्रता 5.0 होती है, वह वस्तुओं के गिरने से क्षति पहुँचा सकता है। 
  • जिस भूकम्प की तीव्रता 6.0 अथवा उससे अधिक होती है वह बहुत शक्तिशाली होता है और जिसकी तीव्रता 7.0 अथवा अधिक होती है, वह सर्वाधिक शक्तिशाली समझा जाता है। 

प्रश्न 2. 
हम भूकम्प से बचाव कैसे कर सकते हैं? 
उत्तर:
भूकम्प से बचाव हम निम्न प्रकार से कर सकते हैं-

  • भूकम्प के दौरान हम किसी सुरक्षित स्थान का आश्रय लें जैसे-रसोई के काउंटर, मेज के नीचे या दीवार के अंदरूनी कोने। 
  • भूकम्प के दौरान आग लगने वाले स्थान, चिमनी के आस-पास, टूट सकने वाली खिड़कियों, दर्पण तथा तस्वीर फ्रेम आदि से दूर रहें। 
  • भूकम्प के बचाव के लिए पहले से ही तैयार रहें। 

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
भूकम्प की उत्पत्ति.का.वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
भूकम्प की उत्पत्ति-स्थलमण्डलीय प्लेटों के गति करने पर पृथ्वी की सतह पर कंपन होता है। यह कंपन पृथ्वी के चारों ओर गति करता है। इसी कंपन को भूकम्प कहते हैं।

उद्गम केन्द्र-भूपर्पटी के नीचे वह स्थान जहाँ कंपन आरंभ होता है, उद्गम केन्द्र कहलाता है। 
अधिकेन्द्र-उद्गम केन्द्र के भूसतह पर उसके निकटतम स्थान को अधिकेन्द्र कहते हैं। 

अधिकेन्द्र से कंपन बाहर की ओर तरंगों के रूप में गमन करती है। अधिकेन्द्र के निकटतम भाग में सर्वाधिक हानि होती है एवं अधिकेन्द्र से दूरी बढ़ने के साथ भूकम्प की तीव्रता धीरे-धीरे कम होती जाती है। 

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प्रश्न 2. 
नदी के कार्यों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
नदी के कार्य-नदी के कार्यों को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है-
(1) जल प्रपात-जब नदी किसी खड़े ढाल वाले स्थान से अत्यधिक कठोर शैल या खड़े ढाल वाली घाटी में गिरती है, तो यह जल प्रपात बनाती है। जैसे-नियाग्रा जल प्रपात। 

(2) विसर्प-जब नदी मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है, तो वह मोड़दार मार्ग पर बहने लगती है, नदी के इन्हीं बड़े मोड़ों को विसर्प कहते हैं।

(3)चापझील-नदी के विसों के किनारों में निरन्तर अपरदन और निक्षेपण जारी रहने से विसर्प लूप के सिरे निकट आ जाते हैं और धीरे-धीरे ये विसर्प लूप नदी से कट जाते हैं और अलग झील बनाते हैं, जिसे चापझील कहते हैं। 

(4) बाढ़कृत मैदान-कभी-कभी नदी अपने तटों से बाहर निकलने लगती है जिससे आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ के कारण नदी तटों के आस-पास के क्षेत्रों में महीन मिट्टी व अन्य पदार्थों का निक्षेपण करती है। इससे समतल उपजाऊ बाढ़कृत मैदान का निर्माण होता है। 

(5) वितरिका तथा डेल्टा-समुद्र तक पहुँचते-पहुँचते नदी का प्रवाह धीमा हो जाता है और नदी अनेक धाराओं (वितरिकाओं) में विभाजित हो जाती है और अपने साथ लाए मलबे का निक्षेपण करने लगती है। प्रत्येक वितरिका अपने मुहाने का निर्माण करती है। सभी मुहानों के अवसादों के संग्रह से डेल्टा का निर्माण होता है। 

प्रश्न 3. 
समुद्री तरंग के स्थलाकृति निर्माण सम्बन्धी कार्यों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
समुद्री तरंग के कार्य-समुद्री तरंगें अपरदन और निक्षेपण से तटीय स्थलाकृतियाँ बनाती हैं। इनका उल्लेख निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है-

  • समुद्री गुफा-समुद्री तरंगें लगातार शैलों से टकराती रहती हैं, जिससे दरार विकसित होती है। समय के साथ धीरे-धीरे ये बड़ी और चौड़ी होती जाती हैं। इनको समुद्री गुफा कहते हैं।
  • तटीय मेहराब-समुद्री गुफाओं के बड़े होते जाने पर इनमें केवल छत ही बचती है, जिससे तटीय मेहराब बनते
  • स्टैक-लगातार अपरदन तटीय मेहराब को भी तोड़ देते हैं और केवल दीवारें बचती हैं। दीवार जैसी इन आकृतियों को स्टैक कहते हैं। 
  • समुद्र भृगु तथा समुद्री पुलिन-समुद्री जल के ऊपर लगभग ऊर्ध्वाधर उठे हुए ऊँचे शैलीय तटों को समुद्र भृगु कहते हैं तथा समुद्री तरंगें किनारों पर अवसाद जमा कर समुद्री पुलिन का निर्माण करती हैं। 

प्रश्न 4. 
हिमनद के स्थलाकृति निर्माण कार्यों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
हिमनद के स्थलाकृति निर्माण के कार्य-हिमनद बर्फ की नदियाँ होती हैं जो अपने नीचे की कठोर चट्टानों से गोलाश्मी मिट्टी और पत्थरों को अपरदित कर देती हैं और गोलाश्मी मिटी एवं पत्थरों से भूदृश्य का अपरदन करती हैं। यथा- 

  • झील-हिमनद अपरदन से गहरे गर्मों का निर्माण करते हैं। पर्वतीय क्षेत्र में बर्फ पिघलने से उन गर्तों में जल भर जाता है और वे सुंदर झील बन जाते हैं। 
  • हिमनद हिमोढ़-हिमनद के द्वारा लाए गए पदार्थ, जैसे-छोटे-बड़े शैल, रेत एवं तलछट मिट्टी निक्षेपित होते हैं। ये निक्षेप हिमनद हिमोढ़ का निर्माण करते हैं। 

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प्रश्न 5. 
पवन के स्थलाकृति निर्माण कार्यों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
पवन के स्थलाकृति निर्माण कार्य-रेगिस्तान में पवन, अपरदन एवं निक्षेपण का प्रमुख कारक है। इसके द्वारा निर्मित की जाने वाली प्रमुख भू-आकृतियाँ इस प्रकार हैं-

  • छत्रक शैल-पवन शैल के ऊपरी भाग की अपेक्षा निचले भाग को आसानी से काटती है। इससे ऐसी शैल के आधार संकीर्ण एवं शीर्ष विस्तृत हो जाते हैं, जिन्हें सामान्यतया छत्रक शैल कहते हैं क्योंकि ये छत्रक (छतरी) के आकार के होते हैं। 
  • बालू टिब्बा-पवन चलने पर अपन साथ रेत के एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाती है। पवन के बहाव के रुकने पर यह रेत गिरकर एक छोटी सी पहाड़ी बना देता है। इसको बालू टिब्बां कहते हैं। 
  • लोएस-जब बालू कण महीन एवं हल्के होते हैं, तो वायु उनको उठाकर अत्यधिक दूर ले जा सकती है। जब ये बालू कण विस्तृत क्षेत्र में निक्षेपित (जमा) हो जाते हैं, तो इसे लोएस कहते हैं। चीन में विशाल लोएस निक्षेप पाए जाते हैं।
admin_rbse
Last Updated on June 13, 2022, 12:43 p.m.
Published June 10, 2022