Rajasthan Board RBSE Class 12 Maths Important Questions Chapter 1 संबंध एवं फलन Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
यदि A = {1, 2, 3} पर एक सम्बन्ध र परिभाषित है, तब
R है R = {(1, 1), (2, 2). (3, 3), (1, 2), (2, 3), (1, 3)}
(A) स्वतुल्य परन्तु सममित नहीं
(B) स्वतुल्य परन्तु संक्रामक नहीं
(C) सममित तथा संक्रामक
(D) न सममित न स्वतुल्य
हल:
(A) स्वतुल्य परन्तु सममित नहीं
क्योंकि (1, 1), (2, 2), (3, 3) ∈ R ⇒ R स्वतुल्य है। परन्तु R सममित नहीं है क्योंकि (1, 2) ∈ R परन्तु (2, 1) ∉ R
प्रश्न 2.
प्राकृत संख्याओं के समुच्चय N में एक सम्बन्ध र इस प्रकार परिभाषित है कि m Rn ⇔ m, n का भाजक, ∀ m, n, ∈ N, तब R है
(A) स्वतुल्य एवं सममित
(B) सममित एवं संक्रामक
(C) तुल्यता सम्बन्ध
(D) स्वतुल्य एवं संक्रामक
हल:
(D) स्वतुल्य एवं संक्रामक
क्योंकि प्रत्येक संख्या स्वयं की भाजक होती है। यहाँ पर m, n का भाजक है। लेकिन यह n, m का भाजक नहीं हो सकता है, अतः सम्बन्ध सममित नहीं है। माना x1, x2, x3, ∈ N यदि x1, x2, का भाजक है और x2, x3, का भाजक है तो x1, x2, का भाजक होगा। सम्बन्ध संक्रामक है। अतः सम्बन्ध स्वतुल्य एवं संक्रामक होगा। सही विकल्प (D) है।
प्रश्न 3.
यदि A = {a, b, c, d} में एक सम्बन्ध = {(a, b), (b, a), (a, a)} निम्न तरह से परिभाषित है तब R है
(A) सममित तथा संक्रामक
(B) स्वतुल्य एवं संक्रामक
(C) केवल सममित
(D) केवल संक्रामक
हल:
(A) यह सम्बन्ध सममित तथा संक्रामक है।
परन्तु स्वतुल्य नहीं है क्योंकि b, C ∈ A परन्तु (b, b) ∉ R तथा (c, c) ∉ R
प्रश्न 4.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय में "x, y से छोटा है" होगा
(A) स्वतुल्य तथा संक्रामक
(B) सममित तथा संक्रामक
(C) केवल संक्रामक
(D) स्वतुल्य तथा प्रतिसममित
हल:
(C) यह सम्बन्ध केवल संक्रामक है।
यदि "x, y से छोटा अथवा बराबर है" सम्बन्ध होता तब यह सम्बन्ध स्वतुल्य और प्रतिसममित भी होता।
प्रश्न 5.
यदि f(x) = \(\frac{x}{1-x}=\frac{1}{y}\) तो f(y) का मान होगा
(A) x
(B) x -1
(C) +1
(D) \(\left(\frac{1-x}{2 x-1}\right)\)
हल:
(D) \(\left(\frac{1-x}{2 x-1}\right)\)
= \(\frac{1-x}{2 x-1}\) अतः सही विकल्प (D) है।
प्रश्न 6.
यदि f(x) = 2 |x - 2| -3 |x - 3| हो तो 2 < x < 3 के लिए f(x) बराबर है
(A) 5 - x
(B) x - 5
(C) 5x - 13
(D) 5 + x
हल:
(C) 5x - 13
f(x) = 2|x - 2| - 3|x - 3|
= 2{(x - 2)} - 3 {-(x - 3)}
= 2x - 4 + 3x - 9 = 5x - 13
सही विकल्प (C) है।
प्रश्न 7.
निम्न में से कौनसा फलन एकैकी है
(A) f : R → R, f(x) = x2
(B) f: R → R, f(x) = x + 1
(C) f : R → R, f(x) = ex + ex
(D) f : R → R, f(x) = 3x2
हल:
(B) f : R → R, f(x) = x + 1
माना x1, x2, ∈ R (प्रान्त) इस तरह से है कि
f(x1) = f(x2) =
⇒ x1 + 1 = x2 + 1
⇒ x1 = x2
अतः f(x1) = f(x2)
⇒ x1 = x2, x1, x2, ∈ R
∴ f एकैकी फलन है।
प्रश्न 8.
R से R में परिभाषित निम्न में से कौनसा फलन एकैकी है
(A) f(x) = |x|
(B) f(x) = cos x
(C) f(x) = ex
(D) f(x) = x2
हल:
(C) f(x) = ex x1, x2, ∈ R इस तरह से
f(x1) = f(x2)
⇒ ex1 = ex2
⇒ loge ex1 = loge ex2
⇒ x1 logee = x2 logee
x1 = x2 [∵ logee = 1]
अतः f(x1) = f(x2)
⇒ x1, = x2, ∀ x1, x2, E R
∴ f एकैकी फलन है।
प्रश्न 9.
निम्न में से कौन-सा फलन आच्छादक है
(A) f: Z →Z, f(x) = |x|
(B) f : N → N, f(x) = |x|
(C) f: R → R+, f(x) = |x|
(D) f : C → R, f(x) = |x|
हल- (C) f : R → R+, f(x) = x
∴ प्रत्येक धनात्मक वास्तविक संख्या का पूर्व प्रतिबिम्ब प्रान्त R. में विद्यमान है।
प्रश्न 10.
R से R में परिभाषित निम्न में से कौनसा फलन आच्छादक
(A) f(x) = x
(B) fix) = e-x
(C) fix) = x3
(D) f(x) = sin x
हल:
(C) f(x) = x3
यहाँ f : R → R तथा f(x) = x3 माना y ∈ R सहप्रान्त यदि सम्भव हो तो माना y का पूर्व । प्रतिबिम्ब प्रान्त R में x है।
तब f(x) = y
⇒ y = x3 ∴ x = (y)1/3 ∈ R ∀ y ∈ R अतःy के प्रत्येक मान का पूर्व प्रतिबिम्ब प्रान्त R में विद्यमान है।
अतः f आच्छादक फलन है।
प्रश्न 11.
यदि f : R → R, f(x) = 2x - 1 तथा g : R → R, g(x) = x2 तब (gof) (x)
(A) 2x2 – 1
(B) (2x - 1)2
(C) x2 - 2x - 1
(D) 4x2 - 2x + 1
हल:
(B) (2x - 1)2
f: R → R, f(x) = 2x - 1 तथा g : R → R, g(x) = x2
तब (gof)(x) = g[f(x)] = g(2x – 1) .
= (2x - 1)2
प्रश्न 12.
यदि f : R → R, f(x) = sin x तथा g : R → R, g (x) = x तब (fog) (x) =
(A) sin x2
(B) sin x
(C) sin x + x2
(D) sin2 x2
हल:
(A) sin x2
f(x) = sin x
g(x) = x2
तब (fog)(x) = g(x)]
= f(x2)
= sin x2
अतः सही विकल्प (A) है।
प्रश्न 13.
यदि f(x) = \(\frac{1-x}{1+x}\) (x ≠ - 1), तब f-1(x)
(A) -f(x)
(B) f(x)
(C) \(\frac{1}{f(x)}\)
(D) \(\frac{1}{-f(x)}\)
हल:
(B) यदि के अन्तर्गत x का प्रतिबिम्ब y हो तो " निम्न प्रकार परिभाषित होगा
f-1(y) = x = f(x) = y
y = \(\frac{1-x}{1+x}\)
⇒ 1 - x = y + xy
⇒ x = \(\frac{1-y}{1+y}\) ⇒ f-1(y) = \(\frac{1-y}{1+y}\)
⇒ f-1(x) = \(\frac{1-x}{1+x}\) = f(x)
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सरल रेखाओं के समुच्चय में x R y ⇔ x ⊥ y से परिभाषित सम्बन्ध क्या सममित है ? यदि है, तो क्यों? कारण भी लिखिये।
उत्तर:
हाँ, क्योंकि यदि x ⊥ y है तो y x अवश्य ही होगा, इसलिए x R y है तो y R x भी यहाँ पर है। इसलिए सम्बन्ध सममित है।
प्रश्न 2.
क्या संक्रामक सम्बन्ध में x R y, y R z ⇔ x R z सत्य कथन है?
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 3.
क्या त्रिभुजों के किसी समुच्चय में 'सर्वांगसम' सम्बन्ध स्वतुल्य है?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि प्रत्येक त्रिभुज स्वयं के सर्वांगसम होता है।
प्रश्न 4.
यदि A = {1, 2, 3} तो A में परिभाषित किये जाने वाले सभी सम्भव अरिक्त सम्बन्धों की संख्या कितनी होगी?
उत्तर:
A = {1, 2, 3}
A में अवयवों की संख्या = 3
ब A × A में अवयवों की संख्या = 3 × 3 = 32 = 9
अतः A में परिभाषित अरिक्त सम्बन्धों की अभीष्ट संख्या
= 29 - 1 = 512 - 1 = 511
प्रश्न 5.
यदि किसी समतल में स्थित सरल रेखाओं के समुच्चय A में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि x R y ⇔ x, y के समान्तर है तो R में कौन-कौन से सम्बन्ध होंगे?
उत्तर:
R स्वतुल्य होगा क्योंकि प्रत्येक रेखा स्वयं के समान्तर होती है।
R सममित होगा क्योंकि x, y के समान्तर हो तो y भी x के समान्तर होगी। R संक्रामक भी होगा क्योंकि x ∥ y, y ∥ z x ∥z ही होगा।
प्रश्न 6.
समुच्चयों के किसी समुच्चय S में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि A R B ⇔ A, B का उपसमुच्चय है तो क्या सम्बन्ध र प्रतिसममित होगा?
उत्तर:
R सम्बन्ध प्रति सममित होगा क्योंकि किन्हीं दो समुच्चयों A व B के लिए A ⊆ B तथा B ⊆ A ⇒ A = B
प्रश्न 7.
पूर्णांकों के समुच्चय I में यदि एक सम्बन्ध र इस प्रकार परिभाषित हो कि x R y ⇔ x > y तो क्या R एक संक्रामक सम्बन्ध है? यदि हाँ, तो क्यों?
उत्तर:
R एक संक्रामक सम्बन्ध है क्योंकि x, y, z ∈ I तथा x >y
तथा y > z तब x > y > z से x > अर्थात् (x, y) ∈ R,
(y, z) ∈ R = (x, z) ∈ R Vx, y, z ∈ I
प्रश्न 8.
क्या ऐसे सम्बन्ध हो सकते हैं जो सममित के साथ प्रति सममित भी हों?
उत्तर:
हाँ। प्राकृत संख्याओं के समुच्चय में “=” (बराबर) सम्बन्ध सममित भी है तथा प्रति सममित भी।
प्रश्न 9.
क्या f : z → z, f(x) = x2 एकैकी फलन है?
उत्तर:
नहीं, f : z → z f(x) = x2 एकैकी फलन नहीं है क्योंकि 3.
-3 ∈ Z ऐसे अवयव हैं कि 3 ≠ -3 लेकिन f(-3) = f(3) = 9
अर्थात् - 3 तथा 3 का एक प्रतिबिम्ब 9 है।
प्रश्न 10.
क्या f: R → R, f(x) = sin x एक बहु एकैकी फलन है?
उत्तर:
f: R → R, f(x) = sin x एक बहु एकैकी फलन है क्योंकि sin x एक आवर्ती फलन है अर्थात् एक से अधिक कोणों के लिये sin x का मान समान हो सकता है।
प्रश्न 11.
क्या f: z → Z, f(x) = x + 5 आच्छादक फलन है?
उत्तर:
हाँ, यहाँ पर , आच्छादक फलन है। क्योंकि f(Z) = f(Z) अर्थात् f का परिसर = सहप्रान्त
प्रश्न 12.
यदि A = {-1, 1, -2, 2, 3}, B = {1, 4, 6, 9} तथा f: A → B, f(x) = x2 द्वारा परिभाषित हो तो f-1(4) तथा f-1(9) का मान ज्ञात कीजिये।
हल:
माना f-1(4) = x
= f(x) = 4
= x2 = 4 ∴ x = + 2
f-1(4) = {-2, 2}
माना f-1(9) = x Df(x) = 9
⇒ x2 = 9 ∴ x = + 3
∴ f-1(9) = {3} [∵ - 3 4 A]
प्रश्न 13.
यदि f : R → R, f(x) = 2x + 1, g : R → R, f(x) = x3 हो तो (fog)-1(17) का मान ज्ञात कीजिये।
हल:
माना (fog)-1(17) = x
⇒ (fog)(x) = 17
⇒ f[g(x)] = 17
⇒ f(x) = 17 = 2x3 + 1 = 17
⇒ 2x3 = 16 = x = 8
⇒ x = (8)1/3 = 2
प्रश्न 14.
सदिशों का योग एक साहचर्य संक्रिया है, क्यों?
हल:
हम जानते हैं कि किन्हीं तीन सदिशों \(\vec{a}, \vec{b}\) व \(\vec{c}\) के लिये \(\vec{a}+(\vec{b}+\vec{c})=(\vec{a}+\vec{b})+\vec{c}\) होता है।
प्रश्न 15.
यदि A = {1, -1} हो तो बताइये कि गुणन A पर एक द्विचर संक्रिया है या नहीं?
हल:
दिये गये समुच्चय
A = {1, - 1} गुणन A पर द्विचर संक्रिया है क्योंकि
1 × 1 = 1 ∈ A
(1) × (-1) = -1 ∈ A
(-1) × (-1) = 1 ∈ A
प्रश्न 16.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R पर यदि एक द्विचर संक्रिया * निम्न प्रकार परिभाषित हो तो।
a * b = a + 3b ∀ a, b ∈ R यह संक्रिया साहचर्य है या नहीं?
(a * b) * c = (a + 3b) * c
= a + 3b + 3c
तथा a * (b * c)= a * (b + 3c)
= a + 3(b + 3c)
= a + 3b + 9c
∵ a * (b * c) ≠ (a * b) * C .
अतः स्पष्ट है कि यह संक्रिया साहचर्य नहीं है।
प्रश्न 17.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में प्रत्येक a ∈ R के लिये (-a) ∈ R योग संक्रिया के लिये क्या प्रतिलोम अवयव है?
हल:
हाँ, क्योंकि a + (-a) = (-a) + a = 0 (तत्समक) अतः R का प्रत्येक अवयव योग संक्रिया के लिये व्युत्क्रमणीय है।
प्रश्न 18.
क्या वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में 0 तथा 1 क्रमशः योग एवं गुणन संक्रियाओं के लिये तत्समक अवयव हैं?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि a ∈ R के लिये 0 + a = a + 0 तथा 1.a = a.1 = a
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
यदि एक सम्बन्ध र समुच्चय A में परिभाषित है, तो सिद्ध कीजिये R सममित होगा यदि और केवल यदि R = R-1
हल:
हमें यहाँ पर सिद्ध करना होगा कि
(i) यदि R सममित है तो R = R-1 होगा, और
(ii) यदि R = R-1 है तो R सममित होगा।
(i) माना (x, y) ∈ R, तब
(x, y) ∈ R = (y, x) ∈ R {∵ R सममित है}
(x, y) ∈ R-1 (परिभाषा से) R ⊂ R-1 ....(1)
(y, x) ∈ R-1 ⇒ (x, y) ∈ R परिभाषा से
(y, x) ∈ R. ∵ R सममित है ।
R-1 ⊂ R ....(2) समी. (1) तथा (2) से R = R-1 (ii) मान लो (x, y) ER तब (x, y) ER = (y, x) ER-1 [परिभाषा से]
= (y, x) ∈ R . [:: R-1 = R]
∴ R सममित सम्बन्ध है।
अतः R सममित सम्बन्ध है यदि और केवल यदि
R = R-1
प्रश्न 2.
यदि f : A → B एक एकैकी आच्छादक फलन हो, तो सिद्ध कीजिए कि
(f-1)-1 = f
हल:
f : A → B, एक एकैकी आच्छादक फलन है।
∴ इसका प्रतिलोम फलन f-1 : B → A विद्यमान होगा और f-1 भी एकैकी. आच्छादक होगा।
माना कि f-1 = g
तो (f-1)-1 = g-1 .......(1)
पुनः माना कि g-1(x) = y .... (2)
तो x = g(y) ⇒ x = f-1(y) ⇒ f(x) = y
⇒ f(x) = g-1(x) [समीकरण (2) से]
⇒ f = g-1 ⇒ f = (f-1)-1 [समीकरण (1) से]
प्रश्न 3.
यदि g(x) = x2 + x - 2 तथा (gof) (x) = 4x2 - 10x + 4 हो, तो f(x) की गणना कीजिए।
हल:
दिया है
g(x) = x2 + x - 2 .... (1)
(gof) (x) = g[(x)]
4x2 - 10x + 4 = g[f(x)]
4x2 - 10x + 4 = g(y)
4x2 - 10x + 4 = y2 + y - 2
⇒ y2 + y + (10x - 4x2 - 6) = 0
या y = \(\frac{-1 \pm \sqrt{1-4\left(10 x-4 x^2-6\right)}}{2.1}\)
या f(x) = \(\frac{-1 \pm \sqrt{16 x^2-40 x+25}}{2}\)
या f(x) = \(\frac{-1 \pm(4 x-5)}{2}\)
या f(x) = 2x - 3
या f(x) = 2 - 2x
प्रश्न 4.
यदि f, g, h तीन फलन R से R पर इस प्रकार परिभाषित हैं कि (x) = x2, g(x) = cos x एवं h(x) = 2x + 3, तो [ho (gof) (√2π) का मान लिखिए।
हल:
चूंकि f : R → R तथा g : R → R
∴ gof : R → R . तथा h : R → R
ho (gof) : R → R होगा।
अब {ho (go)} (2π)
= h[ (gof) (√2π)]
= h[g{5 (√2π)}]]
= h [g (2π)] [f की परिभाषा से]
= h [cos 2π] [g की परिभाषा से]
= h [1] = 2 . 1 + 3 [h की परिभाषा से]
= 2 + 3 = 5
प्रश्न 5.
यदि f:A → B एकैकी आच्छादक फलन हो तो g : B → A, f का प्रतिलोम फलन हो, तो fog = IB और gof = IA जहाँ IA और IB क्रमशः A और B के तत्समक फलन हैं।
हल:
∵ f : A → B और g : B → A
∴ fog : B → B और gof : A → A होंगे।
अब प्रत्येक a ∈ A के लिए, एक अद्वितीय b ∈ B जहाँ f(a) = b
या g(b) = a .... (1)
अतः (fog) (b) = f{g(b)}
= f(a) समीकरण (1) से
= b समीकरण (1) से
(fog) (b) = b, ∀ b ∈ B = fog = IB
इसी प्रकार (gof) (a) = g[f(a)]
= g(b) [समीकरण (1) से]
= a
∴ (gof) (a) = a ∀ a ∈ A = gof = IA
प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए कि समुच्चय 2 में परिभाषित संबंध R, aRb ⇔ a - b, 3 से विभाज्य है, एक तुल्यता संबंध है।
हल:
R स्वतुल्य है, क्योंकि समस्त a ∈ z के लिये 3, (a - a) को । विभाजित करता है। अतः (a, a) ∈ R पुनः यदि (a, b) ∈ R, तो 3, a - b को विभाजित करता है। अतएव b - a को भी 3 विभाजित करता है। अतः (b, a) ∈ R, जिससे सिद्ध होता है कि R सममित है। इसी प्रकार यदि (a, b) ∈ R तथा (b, c) ∈ R, तो a - b तथा b - c संख्या 3 से भाज्य है अब a - c = a - b + b - c सम (even) है। चूँकि समसंख्या को समसंख्या में जोड़ने पर समसंख्या प्राप्त होती है और विषम संख्या को विषम संख्या में जोड़ने पर समसंख्या प्राप्त होती है अतः (a - c) भी 3 से भाज्य है। इससे सिद्ध होता है कि R संक्रामक है। अतः दिया गया सम्बन्ध स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक है अतः समुच्चय z में R एक तुल्यता संबंध है।
प्रश्न 7.
यदि f,g : R → R फलन इस प्रकार परिभाषित है कि f(x) = x2 + 1,g (x) = 2x - 3 तो fog (x),g of (x) तथा gog (3) ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया गया है
f(x) = x2 + 1, g(x) = 2x - 3
ज्ञात करना है- fog (x), g of (x) तथा g08 (3)
fog (x) =f (g(x)) = f (2x - 3) = (2x - 3)2 + 1
= 4x2 - 12x + 9 + 1
= 4x2 - 12x + 10
gof (x) = 8 (f(x)) = g (x2 + 1) = 2 (x2 + 1) - 3
g of (x) = 2x2 + 2 - 3 = 2x2 - 1
gog (3) = g (g(3)) = g. (2 x 3 - 3) = g (3)
∴ g08 (3) = 2 × 3 - 3 = 6 - 3 = 3
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
समुच्चय I × I0 में सम्बन्ध र निम्न प्रकार से परिभाषित है
(a, b) R (c,d) ad = bc
यदि I0, अशून्य पूर्णांकों का समुच्चय हो, तो सिद्ध कीजिये कि R तुल्यता सम्बन्ध है।
हल:
समुच्चय I x I0 में सम्बन्ध R को तुल्यता सम्बन्ध सिद्ध करने के लिये हमें R को
(i) स्वतुल्य
(ii) सममित
(iii) संक्रामक सिद्ध करना होगा।
(i) स्वतुल्य-माना कि (a, b) ∈ I × I0, तब
(a, b) ∈ I × I0 ⇒ a ∈ I, b ∈ I0
⇒ ab = ba(क्रमविनिमेय नियम से)
⇒ (a, b) R (a, b)
∴ R एक स्वतुल्य सम्बन्ध है।
(ii) सममित-माना कि (a, b) R (c, d) तब
(a, b) R (c, d) ⇒ ad = bc
⇒ bc = ad
⇒ cb = da (क्रमविनिमेय नियम से)
⇒ (c, d) R (a, b)
∴ R एक सममित सम्बन्ध है।
(iii) संक्रामक-माना कि (a, b) R (c, d) तथा
(c, d) R (e, f), तब
(a, b) R (c, d) ⇒ ad. = bc
तथा (c, d) R (e, f) ⇒ cf = de
(a, b) R (c, d) तथा (c, d) R (e, f)
गुणा करने पर =
⇒ (ad) (cf) = (bc) (de)
⇒ af = bc
⇒ (a, b) R (c, f)
∴ R एक संक्रामक सम्बन्ध है।
अतः समुच्चय I × I0 में R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
प्रश्न 2.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय में एक सम्बन्ध R1 निम्न प्रकार परिभाषित है
(a, b) ∈ R1 = 1 + a.b > 0 ∀ a, b ∈ R सिद्ध कीजियें कि R1 स्वतुल्य एवं सममित है परन्तु संक्रामक नहीं है।
हल:
दिया गया है
R = वास्तविक संख्याओं का समुच्चय R में एक सम्बन्ध R1 निम्न प्रकार परिभाषित है
(a, b) ∈ R1 0 1 + ab > 0 ∀ a, b ∈ R
(i) स्वतुल्य-माना a ∈ R ⇒ 1 + a.a = 1 + a2 > 0
[∵ a2 > 0]
⇒ aR1a, ∀ a ∈ R
∴ R1 एक स्वतुल्य सम्बन्ध है।
(ii) सममित-माना कि a R1 b, तब
a R1 b ⇒ 1 + ab > 0 (∵ ab = ba,)
⇒ 1 + b a > 0 ∀ a,b ∈ R)
⇒ bR1a
R1 एक सममित सम्बन्ध है।
(iii) संक्रामक-माना कि aRb तथा bR1C, तब aRb तथा bR1c = 1 + ab > 0 तथा 1 + bc > 0.
यदि हम a = 1, b = \(\frac{1}{2}\) तथा c = - 1 लें, तो
अतः R संक्रामक सम्बन्ध नहीं है।
प्रश्न 3.
यदि f: R→R; f(x) = 3x + 2 तथाg : R→R,g(x) = 4x हो तो निम्न का सत्यापन कीजिए
(gof)-1 = f-1og-1
हल:
स्पष्टतः f तथा g एकैकी आच्छादक फलन हैं। अतः इनके प्रतिलोम f-1 तथा g-1 विद्यमान हैं।
तथा f-1 : R → R, f-1(x) = \(\frac{x-2}{3}\), ∀ x ∈ R
g-1 : R → R, g-1 (x) = \(\frac{x}{4}\) ∀ x ∈ R
पुनः दो एकैकी आच्छादक फलनों का संयुक्त फलन भी एकैकी आच्छादक होता है।
:. (gof) : R → R भी एकैकी आच्छादक है।
फलतः इसका प्रतिलोम फलन विद्यमान है।
तथा (gof)-1 : R → R अब
(gof) x = g [f(x)] = g [3x + 2]
= 4 (3x + 2) = 12x + 8
∴ (gof)-1(x) = \(\frac{x-8}{12}\) ............(1)
पुनः (f-1og-1) : R → R
समीकरण (1) तथा (2) से
(gof)-1(x) = (f-1og-1) (x), H XER
(gof)-1 = f-1og-1
प्रश्न 4.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में एक संक्रिया * निम्न प्रकार परिभाषित है :
a * b = a + b + ab, a, b ∈ R
(i) * की क्रमविनिमेयता तथा साहचर्य की जाँच कीजिये।
(ii) * का तत्समक अवयव, यदि विद्यमान हो, ज्ञात कीजिये।
(iii) * के सापेक्ष R के व्युत्क्रमणीय अवयवों को ज्ञात कीजिये।
हल:
(i) यदि a, b ∈ R तब परिभाषा से
a * b = a + b + ab = b + a + b.a
= b * a
(वास्तविक संख्याओं के योग और गुणन की क्रमविनिमेयता से)
∴ * एक क्रमविनिमेय संक्रिया है। पुनः a * (b * c) = a * (b + C + bc)
= a + (b + c + bc) + a (b + c + bc)
= a + b + c + ab + bc + ca + abc ....(1)
तथा (a * b) * c = (a + b + ab) * c
a + b + ab+ C + (a + b + ab)c
= a + b + c + ab + bc + ac + abc ....(2)
समी.(1) तथा (2) से
a * (b * c) = (a * b) * C, ∀ a, b, c ∈ R
∴ * एक साहचर्य संक्रिया है।
(ii) यदि सम्भव हो तो माना * का तत्समक अवयव e हो तब किसी a ∈ R के लिये
a * e = a तत्समक की परिभाषा से
⇒ a + e + ae = a
⇒ e (1 + a) = 0
⇒ e = 0
[∵ (1 + a) का मान शून्य होना आवश्यक नहीं है।]
∴ 0, * का तत्समक अवयव है।
(iii) माना a ∈ R यदि सम्भव हो तो माना कि a का प्रतिलोम x अवयव है। तब परिभाषा के अनुसार
a * x = 0 [∵ 0, तत्समक है]
⇒ a + x + ax = 0
⇒ a + x (1 + a) = 0
⇒ x = \(\frac{-a}{1+a}\) ∈ R.
यदि a ≠ - 1
∴ a ∈ R (a + - 1) व्युत्क्रमणीय है।
प्रश्न 5.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में एक संक्रिया * निम्न प्रकार परिभाषित है:
a * b = a + b - ab, ∀ a, b ∈ R
(i) * की क्रमविनिमेयता तथा साहचर्य की जाँच कीजिये।
(ii) * का तत्समक अवयव, यदि विद्यमान हो, ज्ञात कीजिये।
(iii) * के सापेक्ष R के व्युत्क्रमणीय अवयवों को ज्ञात कीजिये।
हल:
(i) a, b ∈ R = a * b = a + b - ab .
b + a - ba
= b * a
अतः a * b = b * a
⇒ * एक क्रमविनिमेयता संक्रिया है।
पुनः a * (b * c) = a * (b + c - bc)
a + b + c - bc - a (b + c - bc)
= a + b + C - bc - ab-ac + abc a + b + c - ab - bc - ac + abc ....(1)
तथा (a * b) * c = (a + b - ab) * c
= a + b - ab + c - (a + b - ab) c a + b + c - ab - ac - be + abc
= a + b + c - ab - bc - ac + abc ....(2)
समीकरण (1) तथा (2) से
a * (b * c) = (a * b) * c
∴ * एक साहचर्य संक्रिया है।
(ii) यदि सम्भव हो तो माना * का तत्समक अवयव e हो तब किसी a ∈ R के लिए,
a * e = a (तत्समक की परिभाषा से)
⇒ a + e - ae = a . e(1 - a) = 0
e = 0 ∈ R [∵ (1 - a) का मान सदा शून्य होना आवश्यक नहीं है।]
* का तत्समक अवयव 0 है।
(iii) माना a ∈ R के लिए यदि सम्भव हो तो माना a का प्रतिलोम अवयव x है।
⇒ a * x = 0
⇒ a + x - ax = 0
⇒ ax - x = a
⇒ x(a - 1) = a
∴ x = \(\frac{a}{a-1}\) ∈ R यदि a ≠ 1
अर्थात् a ∈ R (a ≠ 1) व्युत्क्रमणीय है।
प्रश्न 6.
धनात्मक परिमेय संख्याओं के समुच्चय Q+ पर निम्न दो संक्रियायें परिभाषित की गई हैं :
a * b = ab, ∀ a, b ∈ Q+
सिद्ध कीजिये कि दोनों संक्रियाएँ क्रमविनिमेय तथा संक्रामक हैं। उनके तत्समक अवयव ज्ञात कीजिये तथा इन संक्रियाओं के सापेक्ष के अवयव का प्रतिलोम अवयव भी ज्ञात कीजिये।
हल:
धनात्मक परिमेय संख्याओं के समुच्चय Q+ में
a * b = \(\frac{ab}{3}\), ∀ a, b ∈ Q
क्रमविनिमेय: a * b = \(\frac{a b}{3}=\frac{b a}{3}\) = b* a
∴ * क्रमविनिमेय संक्रिया है।
साहचर्य : (a * b) * c = \(\frac{ab}{3}\) * c = \(\frac{a b c}{3 \times 3}=\frac{a b c}{9}\)
(a * b) * c = a * \(\frac{b c}{3}=\frac{a b c}{3 \times 3}=\frac{a b c}{9}\)
⇒ (a * b) * c = a * (b * c)
∴ * साहचर्य संक्रिया है।।
माना * संक्रिया के लिए तत्समक अवयव e है।
⇒ a * e = a
⇒ \(\frac{ae}{3}\) = a
⇒ e = 3
पुनः माना a ∈ Q+ में यदि सम्भव हो तो माना a का प्रतिलोम अवयव x है।
∴ a * x = 3 (तत्समक अवयव)
⇒ \(\frac{a x}{3}\) = 3 ⇒ x = \(\frac{9}{a}\)
∴ a ∈ Q+ व्युत्क्रमणीय है, ∴ प्रतिलोम अवयव \(\frac{9}{a}\) है।
प्रश्न 7.
यदि पूर्णांकों के समुच्चय z में एक द्विचर संक्रिया * इस प्रकार से परिभाषित है कि a * b = a + b + 1, ∀ a, b ∈ z तो सिद्ध कीजिये कि द्विचर संक्रिया * क्रमविनिमेय व साहचर्य है।
हल:
पूर्णांकों के समुच्चय z में । a * b = a + b + 1, ∀ a, b ∈ z
क्रमविनिमेय : a * b = a + b + 1 - a * b = b + a + 1 = b * a [z में योग संक्रिया क्रमविनिमेय है।]
⇒ a * b = b * a.
∴ * संक्रिया क्रमविनिमेय है।
साहचर्य :(a * b) * c = (a + b + 1) * C
= a + b + 1 + c + 1
= a + b + C + 2 ....(1)
पुनः a * (b * c) = a * (b + C + 1)
= a + b + C + 1 + 1
= a + b + C + 2 ....(2)
समी. (1) तथा (2) से
(a * b) * c = a * (b * c)
∴* संक्रिया साहचर्य है।
प्रश्न 8.
यदि फलन f : R → R,f (x) = x2 + 2 तथा g : R→ R, g(x) = \(\frac{x}{x-1}\), x ≠ 1 द्वारा प्रदत्त है, तो fog तथा gof ज्ञात कीजिए और अतः (fog) (2) तथा (gof) (-3) ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्न 9.
धनात्मक परिमेय संख्याओं के समुच्चय Q+ में निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित * एक द्विआधारी संक्रिया है :
a*b = \(\frac{ab}{4}\)
सिद्ध कीजिए कि * क्रमविनिमेय तथा साहचर्य है। Q+ में * का प्रतिलोम अवयव यदि कोई है तो ज्ञात कीजिए।
हल:
a*b = \(\frac{a b}{4}=\frac{b a}{4}\) = b*a
अत: * क्रमविनिमेय है।
अतः * साहचर्य है।
प्रश्न 10.
निर्धारित कीजिए कि क्या सभी वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में R = {(a, b) : a, b ∈ R तथा a - b + √3 ∈ S, जहाँ सभी अपरिमेय संख्याओं का समुच्चय है, द्वारा परिभाषित सम्बन्ध र स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक है
हल:
यहाँ पर सम्बन्ध R, समुच्चय R पर इस प्रकार परिभाषित है कि
R = {(a, b) : a, b ∈ R तथा a – b + √3 S}
स्वतुल्यता-माना a ∈ R (वास्तविक संख्याओं का समुच्चय) अब, (a, a) ∈ R तब a - a + √3 = √3 ∈ S
इसलिये R स्वतुल्य है। ....(i)
सममित-माना a, b ∈ R (वास्तविक संख्याओं का समुच्चय)
माना a, b ∈ R = a - b √3 ∈ S (अपरिमेय संख्याओं का समुच्चय)
= b - a + 3 ∈ s
= (b, a) ∈ R
इसलिये R सममित सम्बन्ध है। . ....(ii)
संक्रामक-माना a, b, c ∈ R अब (a, b) ∈ R और (b, c) ∈ R
= a - b + √3 ∈ S और b - c + √3 ∈ S
= a - b + √3 + b - c + √3 ∈ S
= (a, c) ∈ R . इसलिये सम्बन्ध र संक्रामक है। ....(iii)
समीकरण (i), (ii) तथा (iii) से स्पष्ट है कि सम्बन्ध R स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक है।
प्रश्न 11.
माना कि A = R × R है तथा A में (a, b) * (c, a) = (a + c, b + d) द्वारा परिभाषित एक द्विआधारी संक्रिया है। सिद्ध कीजिये कि * क्रमविनिमेय तथा साहचर्य है। A में * का तत्समक अवयव ज्ञात कीजिये तथा अवयव (3, -5) का A में प्रतिलोम अवयव भी लिखिये।
हल:
क्रमविनिमेय
माना (a, b), (c, a) ∈ R × R
अब, (a, b) * (c, a) = (a + c, b + a)
= (c + a, d + b) (सम्बन्ध R, * के लिये क्रमविनिमेय रखता है)
= (c, a) * (a, b)
इसलिये * क्रमविनिमेय है।
साहचर्य
माना (a, b), (c, d), (e, f) ∈ R × R
अब, {(a, b) * (c, a)} * (e, f)
= (a + c, b + d) * (e, f)
= (a + c + e, b + d + )...(i)
और भी (a, b) * {(c, a) * (e, "} .
= (a, b) * {c + e, d+ f}
= (a + c + e, b + d + f...(ii)
समीकरण (i) और (ii) से हमें प्राप्त होता है ((a, b) * (c, a)) * (e, ) = (a, b) * ((c, a) * (e, 1)
इसलिये * साहचर्य है तत्समक का अस्तित्वमाना * के लिये (e, f) तत्समक अवयव R × R में है।
(a, b) * (e, f) = (a, b) = (e, f) * (a, b)
⇒ (a + e, b + f) = (a, b) = (e + a, f + b)
⇒ a + e = a तथा b + f = b
⇒ e = 0, f = 0, किन्तु (0, 0) ∈ R × R
इसलिये * के लिये (0, 0) समुच्चय A पर तत्समक अवयव
(3, -5) का प्रतिलोम अवयव
माना (x, y), (3, - 5) का प्रतिलोम अवयव है।
⇒ (3, - 5) * (x, y) = (0, 0)
⇒ (3 + x, - 5 + y) = (0, 0)
संगत अवयव बराबर करने पर
3 + x = 0; - 5 + y = 0
⇒ x = - 3 तथा y = 5
इसलिये (3, - 5) का प्रतिलोम अवयव (-3, 5) है।