These comprehensive RBSE Class 12 Home Science Notes Chapter 13 वस्त्र उद्योग में उत्पादन तथा गणवत्ता नियंत्रण will give a brief overview of all the concepts.
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→ भारत में वस्त्र उद्योग
बड़े पैमाने पर उत्पादन का महत्व
→ मूलभूत संकल्पनाएँ
(अ) उत्पादन के चरण-परिधान उत्पादन मुख्य रूप से चार चरणों में किया जाता है। यथा
(1) कच्चे माल को जुटाना और उसकी जाँच करना-परिधान निर्माण की प्रक्रिया कच्चे माल को जुटाने और उसकी जाँच से प्रारंभ होती है। इसमें कपड़ा और सजावट (जिपर, बटन, अस्तर, लेबल, टैग इत्यादि) शामिल हैं। कपड़े की जाँच कपड़े में दोष या कमियाँ ढूँढने के लिए की जाती है। कपड़े की कटाई से पहले उसकी 100 प्रतिशत जाँच की जानी चाहिए।
कपड़े की कमियाँ उसके दोषों के स्रोत के आधार पर वर्गीकृत की जा सकती हैं। यथा
→ कपड़े का निरीक्षण और परीक्षण
(2) कपड़े/सामग्री को आकार देना और काटना-वस्त्रों के उत्पादन में अगला चरण कपड़े की कटाई की योजना और प्रक्रिया होती है। इसमें निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं
(क) चिन्हित करने की योजना-चिन्हित करने का अर्थ है कपड़े पर पैटर्न के टुकड़ों को इस प्रकार रखना जिससे कि प्रत्येक वस्त्र के लिए कपड़े का उपयोग इष्टतम हो। चिन्हित करने की योजना प्रति वस्त्र हेतु कपड़े के औसत उपभोग को निर्धारित करती है।
(ख) फैलाना-कपड़े को समतल करके हाथ से या स्प्रेडर्स नामक मशीनों की सहायात से परतों के रूप में लम्बाई में फैला दिया जाता है। फैलने की प्रक्रिया का अन्तिम उत्पाद 'बिछाना' कहलाता है। .
(ग) चिन्हित करना (मार्किंग)-निर्धारित चिन्हित कारक के अनुसार सबसे ऊपरी सतह पर पैटर्न का खाका उतारा जाता है।
(घ) कटाई-तहों को एक साथ मशीनों से काटा जाता है, जिनका नियंत्रण हाथ से या कंप्यूटर प्रणालियों द्वारा किया जाता है। मशीनें विभिन्न प्रकार की होती हैं, जैसे-सीधा चाकू, गोल चाकू, धारीदार चाकू और डाइकटर।
(ङ) बंडल बनाना-काटे गए टुकड़ों के आगे होने वाली प्रक्रियाओं-सीना/कसीदाकारी/छपाई इत्यादि के लिए बंडल बनाए जाते हैं । बंडल बनाने के साथ ही लेबल लगाने का कार्य भी किया जाता है, जो बिछाने में तह की संख्या की पहचान करते हैं।
(3) उत्पाद को जोड़ना-इसके पश्चात् वस्त्रों के टुकड़ों को जोड़ने या सिलने वाले विभाग में भेजते हैं, जहाँ विभिन्न प्रकार की सिलाई की मशीनें होती हैं। सिलाई की मशीनें बहुउद्देश्यीय हो सकती हैं। ये हैं-लॉकस्टिच मशीन, चेनस्टिच मशीन, ओवरलॉक मशीन आदि।
जोड़ने की प्रक्रिया में एक पूर्ण वस्त्र बनाने के लिए उसके सभी टुकड़ों को जोड़ा जाता है। इस प्रकिया के लिए उत्पादन पद्धतियाँ हैं
(4) परिसज्जा और पैकेजिंग (पैकेज बनाना)-सबसे अन्त में वस्त्र परिसज्जा और पैकेज बनाने के लिए भेजे जाते हैं।
परिसज्जा की प्रक्रिया में अन्तिम निरीक्षण, धब्बे हटाना, मरम्मत, प्रेस करना और तह लगाना शामिल होते हैं।
हैंगर में पैक करना, तह लगाकर पैक करना आदि वस्त्रों को पैक करना उनके पैकेज बनाने से भिन्न होता है। पैक करना वह प्रक्रिया है जो किसी उत्पाद को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए तैयार करने के लिए की जाती है। पैक करने की सबसे सामान्य तकनीक गत्तों के डिब्बों (कार्टन) का प्रयोग होता है। वस्त्र उद्योग में गुणवत्ता का भरोसा ग्राहक की आवश्यकता ही वास्तव में तय करती है कि कोई उत्पाद गुणवत्तापूर्ण है या नहीं। उत्पाद की गुणवत्ता इस प्रकार सुनिश्चित की जाती है
→ जीविका (करिअर) के लिए तैयारी वस्त्र उत्पाद और गुणवत्ता नियंत्रण क्षेत्र में प्रवेश और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख आवश्यकताएँ होती हैं
→ कार्यक्षेत्र: इस क्षेत्र में दुकान को तल प्रबंधन, उत्पादन नियोजन, गुणवत्ता आश्वासन, औद्योगिक अभियांत्रिकी, जनशक्ति प्रशिक्षण, उद्यम संसाधन नियोजन इत्यादि में जीवन-वृत्ति के अवसर हैं।