Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 7 प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा Important Questions and Answers.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Home Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 12. Students can also read RBSE Class 12 Home Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 12 Home Science Notes to understand and remember the concepts easily.
बहुचयनात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
8-12 माह का छोटा बच्चा अनजान व्यक्ति को देखकर उसके प्रति किस प्रकार का भाव प्रकट करता है?
(अ) भय
(ब) क्रोध
(स) लगाव
(द) प्रसन्नता
उत्तर:
(अ) भय
प्रश्न 2.
जब बच्चा चलना और दौड़ना, चीजों को उलटना-पलटना और बोलना सीख लेता है तो वह जिसके साथ सक्रिय भागीदारी करने में सक्षम हो जाता है, वह है-
(अ) माँ
(ब) दादी
(स) पिता
(द) परिवेश
उत्तर:
(द) परिवेश
प्रश्न 3.
छोटे बच्चों के लिए सीखने के सबसे अनुकूल परिवेश की निम्न में जो विशेषता नहीं होती, वह है-
(अ) सरक्षित
(ब) औपचारिक
(स) अनौपचारिक
(द) खेल सामग्रियों से यक्त
उत्तर:
(ब) औपचारिक
प्रश्न 4.
बाल-केन्द्रित उपागम और खेल-खेल में सीखने का तरीका छोटे बच्चों के लिए सबसे उपयुक्त होता है, क्योंकि-
(अ) यह पढ़ाई को रुचिकर बना देता है।
(ब) बच्चा, दूसरे बच्चों का साथ पसंद करता हैं।
(स) इसमें बच्चा बहुत तेजी से काम करना सीखता है।
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 5.
प्रारंभिक बाल्यावस्था किस आयु तक की अवस्था है-
(अ) जन्म से लेकर 1 वर्ष तक की अवस्था।
(ब) जन्म से लेकर 3 वर्ष तक की अवस्था।
(स) जन्म से लेकर आठ वर्ष तक की आयु की अवस्था।
(द) जन्म से लेकर 2 वर्ष तक की अवस्था।
उत्तर:
(स) जन्म से लेकर आठ वर्ष तक की आयु की अवस्था।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. प्रारंभिक बाल्यावस्था को सामान्यतया दो भागों में बाँटा जाता है-एक, जन्म से लेकर 3 वर्ष तक और दूसरे, 3 वर्ष से ................ वर्ष तक।
2. डे केयर सेन्टर और क्रेच सामान्यतः .............. के कार्यक्रम होते हैं।
3. भारत सरकार ने विद्यालय-पूर्व बच्चों की आवश्यकताओं को ............... द्वारा विद्यालय पूर्व शिक्षा देकर पूरा किया है।
4. .................... को बच्चों की क्षमताओं के बारे में दुनिया सम्बन्धी जानकारी की अपेक्षा अधिक जानकारी होनी चाहिए।
5. नर्सरी ............... प्रशिक्षण एक ऐसा पाठ्यक्रम है जो प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करता है।
6. विद्यालय पूर्व शिक्षक को अकसर अपनी पाठ योजनाओं, अपनी कार्यनीतियों और तकनीकों को छोटे बच्चों की जरूरतों के अनुसार ................ पड़ता है।
7. 3 वर्ष तक की अवस्था में बच्चे में प्रमुख देखभालकर्ता की अनुपस्थिति में .............. का बोध विकसित हो जाता है।
8. अधिकांश मामलों में बच्चे कुछ वर्षों तक मात्र अपने ............. में ही पलते हैं।
उत्तर:
1. आठ
2. पूरे दिन
3. आंगनबाड़ी
4. विद्यालय पूर्व शिक्षक
5. अध्यापक
6. बदलना
7. सुरक्षा
8. परिवार
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
बच्चा अपनी माँ से अत्यधिक लगाव क्यों रखता है?
उत्तर:
बच्चा अपनी माँ से अत्यधिक लगाव रखता है क्योंकि वह जन्म से ही अधिकतर रूप में उसकी देखभाल करती है।
प्रश्न 2.
8-12 माह का छोटा बच्चा अनजान व्यक्ति के प्रति भय प्रदर्शित करता है। यह भय प्रदर्शन क्या दर्शाता
उत्तर:
बच्चे का यह भय परिचित चेहरों को उसकी पहचानने की क्षमता को दर्शाता है।
प्रश्न 3.
बच्चों का प्रायः अपनी माँ या देखभाल करने वाले व्यक्ति से चिपके रहने का व्यवहार जब छूट जाता है, तो उसकी यह स्थिति क्या दर्शाती है?
उत्तर:
उसकी उपरोक्त स्थिति यह दर्शाती है कि बच्चे में प्रमुख देखभालकर्ता की अनुपस्थिति में भी सुरक्षा का बोध विकसित हो जाता है।
प्रश्न 4.
क्रेच (शिश केन्द्र) क्या है?
उत्तर:
शिशु केन्द्र या क्रेच एक संस्थागत शिशु देखभाल की व्यवस्था है। इसे प्राथमिक देखभालकर्ता के विकल्प के रूप में देखा जाता है।
प्रश्न 5.
यदि हम छोटे बच्चे को एक जगह बैठाकर बड़े बच्चों के औपचारिक विद्यालय की भाँति पढ़ने को बाध्य करेंगे तो इससे क्या हानि होगी?
उत्तर:
छोटे बच्चे को औपचारिक विद्यालय की भाँति एक स्थान पर बैठाकर पढ़ने को बाध्य करने पर उसकी जिज्ञासा खत्म हो जाएगी, वह बेचैन और असुरक्षित महसूस करेगा।
प्रश्न 6.
छोटे बच्चों को सीखने के लिए सबसे अनुकूल परिवेश कैसा होना चाहिए?
उत्तर:
छोटे बच्चों को सीखने के लिए सबसे अनुकूल परिवेश वह है जो अनौपचारिक, सुरक्षित, निरापद, प्रेमपूर्ण, विविध प्रकार के व्यक्तियों तथा खेल सामग्रियों से युक्त हो।
प्रश्न 7.
ऐसे बच्चे जिन्हें सीखने के लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होती है, उन्हें किस प्रकार का परिवेश लाभदायक समझा जाता है?
उत्तर:
ऐसे बच्चे जिन्हें सीखने के लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होती है, उन्हें विद्यालय पूर्व परिवेश बहुत लाभदायक होता है।
प्रश्न 8.
शैशवावस्था क्या है?
उत्तर:
शैशवावस्था जन्म से लेकर एक वर्ष की आयु तक की अवधि है। कुछ विशेषज्ञ शैशवावस्था को 2 वर्ष तक मानते हैं।
प्रश्न 9.
शैशवावस्था बच्चे की किस प्रकार की अवधि है?
उत्तर:
शैशवावस्था अवधि बच्चे की सामान्यतः माता-पिता अथवा प्रमुख देखभाल करने वाले किसी अन्य व्यक्ति पर अत्यधिक निर्भरता की अवधि है।
प्रश्न 10.
शैशवावस्था में बच्चे की देखभाल परिवार के अतिरिक्त दो अन्य संस्थागत वैकल्पिक व्यवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 11.
शिशु केन्द्र या दिवस देखभाल केन्द्र में शिक्षक व सहायकों में कौनसी योग्यताएँ होनी चाहिए?
उत्तर:
इन शिशु संस्थाओं में शिक्षक व सहायकों को बहुत छोटे बच्चों की देखभाल, उनकी सुरक्षा, उनके खाने पीने, शौचालय आदतों, भाषा-विकास तथा सामाजिक व भावात्मक जरूरतों को समझने व सिखाने के लिए प्रशिक्षित होना चाहिए।
प्रश्न 12.
टॉडलर कौनसे बच्चों को कहा जाता है और क्यों?
उत्तर:
दो से तीन वर्ष के बच्चों को टॉडलर भी कहा जाता है क्योंकि इस उम्र के छोटे बच्चे फुदककर चलते हैं।
प्रश्न 13.
तीन वर्ष से ऊपर के बच्चे को 'विद्यालय पूर्व बच्चा' क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
तीन वर्ष से ऊपर के बच्चे को विद्यालय-पूर्व-बच्चा इसलिए कहा गया है क्योंकि वह अब घर से बाहर के परिवेश में रहने के लिए तैयार है।
प्रश्न 14.
विद्यालय पूर्व बच्चों की शिक्षा व देखभाल के किन्हीं तीन प्रकार के संस्थागत नामों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
'नन्हे शिशु बहुत छोटी उम्र से ही सीखना शुरू कर देते हैं।' इस कथन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नन्हे शिशु बहुत छोटी उम्र से ही सीखना शुरू कर देते हैं, इसे निम्न उदाहरणों द्वारा स्पष्ट किया गया है-
प्रश्न 2.
किन शिशुओं के लिए क्रेच (शिशु केन्द्र) की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
एकल परिवारों में, जहाँ शिशु के माता-पिता दोनों नौकरी करते हैं, उन्हें अपने शिशुओं के देखभाल के लिए शिशु केन्द्र की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 3.
शिशु केन्द्र किस प्रकार का हो सकता है और इसे किस प्रकार के विकल्प के रूप में देखा जाता है?
उत्तर:
शिशु केन्द्र (क्रेच) के लिए कोई अनौपचारिक पारिवारिक देखभाल की व्यवस्था हो सकती है जिसमें आस-पड़ोस की कोई महिला अपने घर में व्यवसाय के रूप में शिशु केन्द्र चला सकती है अथवा यह कोई संस्थागत केन्द्र हो सकता है, जहाँ बच्चों की देखभाल की जाती है।
शिशु केन्द्र को प्राथमिक देखभालकर्ता के विकल्प के रूप में देखा जाता है। यद्यपि, इन्हें बच्चे के सीखने और विकास की बेहतरी के लिए आवश्यक अनुभव के रूप में नहीं देखा जा सकता है।
प्रश्न 4.
जब बच्चा 3 वर्ष का हो जाता है तो सामान्यतः उसकी गतिविधियाँ और अनुभव किस प्रकार बढ़ने लगते हैं?
उत्तर:
3 वर्ष का होने तक बच्चा चलना और दौड़ना, चीजों को उलटना-पलटना और बोलना सीख लेता है तो वह परिवेश के साथ सक्रिय साझेदारी करने में सक्षम हो जाता है। यथा-
प्रश्न 5.
3 वर्ष के बाद के बच्चों को सीखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
उत्तर:
3 वर्ष के बाद बच्चों अर्थात् विद्यालय पूर्व के बच्चों के लिए सीखने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
(i) अनुकूल परिवेश का होना-इस उम्र में बच्चों को सीखने के लिए अनुकूल परिवेश प्रदान करना आवश्यक है। अनुकूल परिवेश वह है, जो सुरक्षित, निरापद, प्रेमपूर्ण, विविध प्रकार के व्यक्तियों और खेल सामग्रियों (खिलौने अथवा प्राकृतिक चीजों) से युक्त हो।
(ii) अनौपचारिक स्वरूप-इस उम्र में बच्चे पर उसकी सीखने की क्षमता से अधिक बोझ न डाला जाये। यदि हम बच्चे को एक जगह बैठाकर बड़े बच्चों के औपचारिक विद्यालय की भाँति पढ़ने को बाध्य करते हैं तो उसकी जिज्ञासा खत्म हो जाएगी और बच्चा बेचैन और असुरक्षित महसूस करेगा। इसलिए इनकी शिक्षा का स्वरूप अनौपचारिक होना चाहिए।
प्रश्न 6.
किसी अच्छे विद्यालय पूर्व केन्द्र की शिक्षा व देखभाल के छोटे बच्चों को क्या लाभ होते हैं?
उत्तर:
किसी अच्छे विद्यालय पूर्व केन्द्र की पढ़ाई व अन्य अनुभव छोटे बच्चों के लिए अत्यधिक लाभदायक पाए गए हैं। यथा-
प्रश्न 7.
शैशवावस्था कौनसी होती है?
उत्तर:
शैशवावस्था-शैशवावस्था जन्म से लेकर एक वर्ष की आयु तक की अवधि है, कुछ विशेषज्ञ शैशवावस्था को 2 वर्ष तक मानते हैं। इस अवस्था में बच्चा अपनी प्रत्येक जरूरत के लिए वयस्कों पर निर्भर करता है। यह अवधि वयस्कों, सामान्यतः माता-पिता अथवा प्रमुख देखभाल करने वाले किसी अन्य व्यक्ति पर अत्यधिक निर्भरता की अवधि है, जो दादी-नानी अथवा अन्य कोई सहायक हो सकता है।
प्रश्न 8.
ऐसी स्थिति में, जब माँ घर के बाहर नौकरी करती है शैशवावस्था में शिशु की देखभाल की वैकल्पिक व्यवस्थाएँ, किस प्रकार की हो सकती हैं?
उत्तर:
ऐसी स्थिति में जब माँ घर के बाहर नौकरी करती हो, तो शिशु की देखभाल वैकल्पिक रूप से करने वाले व्यक्ति द्वारा की जाती है। ये वैकल्पिक व्यवस्थाएँ इस प्रकार हो सकती हैं-
प्रश्न 9.
क्रेच तथा डे केयर सेंटर में शिक्षक व सहायकों की क्या विशेषताएँ होनी चाहिए?
उत्तर:
देखभाल दिवस केन्द्र (डे केयर सेंटर) तथा शिशु केन्द्र (क्रेच) सामान्यतः पूरे दिन के कार्यक्रम होते हैं। इन कार्यक्रमों में शिक्षक और सहायकों को बहुत छोटे बच्चों की देखभाल, उनकी सुरक्षा, उनके खाने-पीने, शौचालय आदतों, भाषा विकास, सामाजिक और भावनात्मक जरूरतों को समझने और सिखाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित होना चाहिए।
प्रश्न 10.
किन्हीं दो प्रकार के नर्सरी (विद्यालय पूर्व) स्कूलों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(1) मॉन्टेसरी स्कूल-छोटे बच्चों के लिए कुछ विद्यालय पूर्व स्कूल (नर्सरी स्कूल) अकसर मॉन्टेसरी ते हैं। ये ऐसे विद्यालय हैं जो प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के उन सिद्धान्तों पर आधारित हैं, जिनकी रूपरेखा विख्यात शिक्षाविद मारिया मॉन्टेसरी द्वारा बनाई गई है।
(2) आंगनबाड़ी विद्यालय पूर्व शिक्षा-भारत सरकार ने इस आयु समूह की आवश्यकताओं को आँगनबाड़ी द्वारा विद्यालय पूर्व शिक्षा देकर पूरा किया है जो इसकी समेकित बाल विकास सेवाओं के अन्तर्गत कार्य करती हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में आँगनवाड़ियाँ हैं।
प्रश्न 11.
2005 एन.सी.एफ. के ई.सी.सी.ई. पर प्रकाशन के अनुसार ई.सी.सी.ई. के मार्गदर्शी सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
2005 एन.सी.एफ. के ई.सी.सी.ई. पर प्रकाशन के अनुसार ई.सी.सी.ई. के मार्गदर्शी सिद्धान्त निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 12.
बाल्यावस्था तथा विकासात्मक परिवर्तनों और चुनौतियों का प्रशिक्षण और जानकारी उन वयस्कों के लिए, जो प्रारंभिक बाल्यावस्था कार्यक्रमों का चयन अपनी जीविका हेतु करते हैं, अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों होती है?
उत्तर:
ये प्रारंभिक बाल्यावस्था कार्यक्रमों का चयन अपनी जीविका हेतु करने वाले व्यावसायियों के लिए निम्न कारणों से अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं-
प्रश्न 13.
विद्यालय पूर्व के बच्चों की शारीरिक देखभाल की आवश्यकता कम क्यों होती है?
उत्तर:
विद्यालय पूर्व के बच्चों की शारीरिक देखभाल, जैसे-सफाई, खान-पान, शौच आदि की निगरानी करने की कम आवश्यकता होती है, क्योंकि बच्चा बोलने, मल और मूत्र विसर्जन की गतिविधियों पर नियंत्रण करने की क्षमता तथा अपने आप स्वयं खा-पी लेने की क्षमता विकसित कर लेता है।
प्रश्न 14.
विद्यालय-पूर्व के बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए व्यावसायिकों को किन बातों पर अधिक ध्यान देना चाहिए?
उत्तर:
विद्यालय-पूर्व के बच्चों के शिक्षकों व सहायकों को बच्चों की देखभाल व शिक्षा के लिए निम्न बातों पर अधिक ध्यान देना चाहिए-
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के कार्यक्षेत्र तथा जीविका के अवसरों पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा का कार्यक्षेत्र
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा का कार्यक्षेत्र बहुत व्यापक है। यथा-
उक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र में उपलब्ध सामान्य सेवाएँ निम्नलिखित हैं-
जीविका के अवसर
इस क्षेत्र में प्रशिक्षित व्यक्ति के लिए जीविका के प्रमुख अवसर निम्नलिखित हैं-