Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 6 खाद्य गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
निम्न में से कौनसा पदार्थ खाद्य पदार्थों के भौतिक संकट से संबंधित है-
(अ) कीटनाशकों के अवशेष
(ब) पशु चिकित्सीय अवशेष
(स) विषैली धातुएँ
(द) बाल
उत्तर:
(द) बाल
प्रश्न 2.
खाद्यों में दिखाई न देने वाले सूक्ष्म जैविक संकट का उदाहरण है-
(अ) कृमि
(ब) घुन
(स) इल्ली
(द) प्रोटोजुआ
उत्तर:
(द) प्रोटोजुआ
प्रश्न 3.
वे रासायनिक अथवा हानिकारक पदार्थ जो खाद्यों में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं या जाने-अनजाने मिला दिए जाते हैं, कहलाते हैं-
(अ) भौतिक संकट
(ब) रासायनिक संकट
(स) जैविक संकट
(द) सूक्ष्म जैविक संकट
उत्तर:
(ब) रासायनिक संकट
प्रश्न 4.
'स्टैफ्लोकोकस आरियस' उदाहरण है-
(अ) खाद्य विषाक्तता जीवाणु का
(ब) खाद्य संक्रमण रोगाणु का
(स) रासायनिक हानिकारक पदार्थ का
(द) भौतिक हानिकारक पदार्थ का
उत्तर:
(अ) खाद्य विषाक्तता जीवाणु का
प्रश्न 5.
कीटनाशकों का अवशेष उदाहरण है-
(अ) खाद्य पदार्थों में अदृश्य रासायनिक संकट का
(ब) खाद्य पदार्थों के भौतिक संकट का
(स) खाद्य पदार्थों में दिखाई देने वाले जैविक संकट का
(द) खाद्यों में दिखाई न देने वाले सूक्ष्म जैविक संकट का
उत्तर:
(अ) खाद्य पदार्थों में अदृश्य रासायनिक संकट का
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
1. भोजन किसी जनसंख्या की स्वास्थ्य पोषक स्थिति और उत्पादकता का प्रमुख ................. है।
2. वे सूक्ष्मजीव जो खाद्य से संबंधित होते हैं और रोग उत्पन्न करते हैं ............ कहलाते हैं।
3. साल्मोनेला ............. का एक आदर्श उदाहरण है।
4. अन्तर्राष्ट्रीय मानवीकरण संगठन और कोडेक्स ऐलिमैण्टैरियस कमीशन .............. मानक प्रकाशित करते हैं।
5. ............... भारत के लिए राष्ट्रीय कोडेक्स सम्पर्क केन्द्र है।
6. विश्व व्यापार संगठन की स्थापना ............. में हुई थी।
7. गृह विज्ञान पाठ्यचर्या विशेषकर खाद्य विज्ञान और पोषण के विषय क्षेत्र में एकीकृत पहुँच सुरक्षा और ................ में सुधार के लिए ज्ञान देती है।
उत्तर:
1. निर्धारक
2. खाद्य-जनित रोगाणु
3. खाद्य-संक्रमण रोगाणु
4. अन्तर्राष्ट्रीय
5. कोडेक्स इण्डिया
6. 1955
7. गुणवत्ता।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
किसी जनसंख्या की स्वास्थ्य पोषक स्थिति और उत्पादकता का प्रमुख निर्धारक क्या है?
उत्तर:
भोजन।
प्रश्न 2.
वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रमुख समस्या क्या है?
उत्तर:
वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रमुख समस्या 'खाद्य जनित रोग' है।
प्रश्न 3.
खाद्य-जनित रोग से होने वाली हानियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
खाद्य-जनित रोगों से मृत्यु, पर्यटन और व्यापार को क्षति, धनार्जन में हानि, बेरोजगारी और मुकदमेबाजी में वृद्धि हो जाती है।
प्रश्न 4.
पिछले दशक में विश्व में खाद्य गुणवत्ता तथा खाद्य सुरक्षा के मामलों को अत्यधिक महत्त्व मिलने के कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
खाद्य सुरक्षा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खाद्य सुरक्षा का अर्थ यह सुनिश्चित करना है कि खाद्य पदार्थ उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुँचायेंगे।
प्रश्न 6.
भौतिक संकट से क्या आशय है?
उत्तर:
भौतिक संकट कोई भी भौतिक पदार्थ हो सकता है, जो सामान्यतः खाद्य पदार्थों में नहीं पाया जाता है, जो रोग उत्पन्न कर सकता है या आघात पहुँचा सकता है, जैसे-बीड़ी-सिगरेट, कील आदि।
प्रश्न 7.
खाद्य संक्रमण से क्या आशय है?
उत्तर:
खाद्य संक्रमण, रोगाणु-जीवों के शरीर में प्रवेश करने से उत्पन्न होता है, जो वहाँ पहुंचकर संख्या में बढ़ते हैं और रोग उत्पन्न करते हैं।
प्रश्न 8.
जीवाणु कब आविष उत्पन्न करते हैं?
उत्तर:
जीवाणु तभी आविष उत्पन्न करते हैं, जब खाद्य पदार्थ अधिक गरम या अधिक ठंडे नहीं होते।
प्रश्न 9.
एक प्रभावी खाद्य नियंत्रण प्रणाली में कौनसे कार्य अवश्य शामिल होने चाहिए?
उत्तर:
एक प्रभावी खाद्य नियंत्रण प्रणाली में ये अवश्य शामिल होने चाहिए-
प्रश्न 10.
खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता किनके माध्यम से सुनिश्चित की जाती है?
उत्तर:
खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता निम्नलिखित के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है-
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
'साल्मोनेला' पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
साल्मोनेला-साल्मोनेला खाद्य संक्रमण उत्पन्न करने वाला एक रोगाणु है। यह जीव-जंतुओं के आंत्र क्षेत्र में उपस्थित रहता है। कच्चा दूध और अंडे भी इसके स्रोत हैं।
गर्म करने पर साल्मोनेला नष्ट हो जाता है, परन्तु अपर्याप्त पाक क्रिया से कुछ जीव बचे रहते हैं। अक्सर साल्मोनेला पारसंदूषण से फैलते हैं। यह ऐसे हो सकता है कि कोई रसोइया एक तख्ते पर कच्चा माँस। मुर्गा-मुर्गी के टुकड़े काटे और बिना तख्ते को साफ किए उस पर ऐसे खाद्य पदार्थ के टुकड़े काटे जिन्हें पकाने की आवश्यकता नहीं होती, जैसे-सलाद।
साल्मोनेला बहुत तेजी से अपनी संख्या में वृद्धि करते हैं और प्रत्येक 20 मिनट में उनकी संख्या दुगुनी हो जाती है।
प्रश्न 2.
स्टैफलोकॉकस आरियस क्या है?
उत्तर:
स्टैफलोकॉकस आरियस-खाद्य पदार्थ से रोगाणुओं के नष्ट हो जाने पर भी कुछ जीवाणु रह जाते हैं जो हानिकारक आविष उत्पन्न करते हैं। ये जीव तभी आविष उत्पन्न करते हैं जब खाद्य पदार्थ अधिक गरम या ठंडे नहीं होते। 'स्टैफलोकॉकस आरियस' ऐसे ही जीवों का उदाहण है।
इस प्रकार के जीव वायु, धूल और जल में पाए जाते हैं। ये 50 प्रतिशत स्वस्थ व्यक्तियों के नासिका मार्ग, गले और त्वचा तथा बालों में पाए जाते हैं।
प्रश्न 3.
रोगाणुओं में उत्पन्न होने के महत्त्वपूर्ण कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
रोगाणुओं के उत्पन्न होने के लिए जो कारक महत्त्वपूर्ण हैं, उनमें सम्मिलित हैं-(i) मानव परपोषी (ii) जंतु परपोषी, (iii) मानव एवं स्वयं रोगाणुओं के साथ उनकी पारस्परिक क्रियायें, (iv) पर्यावरण जिसमें भोजन का उत्पादन, संसाधन, भोजन पकाना, परोसना आदि क्रियायें और भंडारण होता है। उदाहरण के लिए-(i) कुपोषण, आयु और अन्य परिस्थितियों के कारण परपोषी की संवेदनशीलता में परिवर्तन आने से सुभेद्द जनसंख्या में नए रोग लग सकते हैं। (ii) जीवों में आनुवंशिक विनिमय अथवा उत्परिवर्तन नए प्रभेद पैदा कर सकते हैं जिनमें रोग उत्पन्न करने की क्षमता होती है। (iii) खाने की आदतों में परिवर्तन, जलवायु, बड़ी मात्रा में उत्पादन, खाद्य संसाधन और खाद्य पूर्ति में वैश्विक वृद्धि के माध्यम से नए रोगाणुओं से सम्पर्क हो सकता है और इस प्रकार नयी जनसंख्या तथा नए भौगोलिक क्षेत्रों में रोगाणु पनप सकते हैं।
प्रश्न 4.
खाद्य सेवा उपलब्ध कराने वालों को खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु ध्यान रखने हेतु प्रमुख बातों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
खाद्य सेवा उपलब्ध कराने वालों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
प्रश्न 5.
देश के भीतर और देशों के बीच खाद्य-पदार्थों का व्यापार बढ़ाने के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
उत्तर:
देश के भीतर और देशों के बीच खाद्य पदार्थों का व्यापार बढ़ाने के लिए प्रभावी खाद्य मानकों और नियंत्रण प्रणालियों की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 6.
खाद्य मानकों के कितने स्तर हैं? समझाइए।
उत्तर:
खाद्य मानकों के निम्नलिखित चार स्तर हैं जिनमें भली-भाँति समन्वय होता है-
प्रश्न 7.
कोडेक्स और आई.एस.ओ. में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कोडेक्स और आई.एस.ओ. में अन्तर अग्रलिखित बॉक्स में दिए गए हैं-
कोडेक्स
आई.एस.ओ.
प्रश्न 8.
विश्व व्यापार संगठन क्या है?
उत्तर:
विश्व व्यापार संगठन-विश्व व्यापार संगठन की स्थापना वर्ष 1955 में हुई थी। विश्व व्यापार संगठन का मुख्य उद्देश्य व्यापार के समझौतों को लागू करके, व्यापार के झगड़ों को निपटाकर, देशों की व्यापार नीति के मुद्दों में सहायता करके सहजतापूर्वक, स्वतंत्रतापूर्वक, निष्कपटतापूर्वक और पूर्वानुमान के साथ व्यापार को चलाने में सहायता करना है। विश्व व्यापार संगठन समझौते में वस्तुएँ, सेवाएँ और बौद्धिक संपदा शामिल हैं।
प्रश्न 9.
एक प्रभावी खाद्य नियंत्रण प्रणाली में क्या शामिल होने आवश्यक हैं?
उत्तर:
एक प्रभावी खाद्य नियंत्रण प्रणाली में ये अवश्य शामिल होने चाहिए-
(i) खाद्य निरीक्षण-उत्पादों की मानकों के साथ समरूपता को निरीक्षण द्वारा सत्यापित किया जाता है। इससे सुनिश्चित होगा कि सभी खाद्य पदार्थों का उत्पादन, हस्तन, संसाधन, भंडारण और वितरण नियमनों और कानून के अनुपालन के साथ होता है। सरकार खाद्य निरीक्षकों की नियुक्ति करती है जो अपनी प्रयोगशालाओं के मानकों के साथ गुणवत्ता समरूपता की स्थिति का निर्धारण करते हैं।
(ii) विश्लेषणात्मक क्षमता-खाद्यों के विश्लेषण के लिए हर प्रकार से सुसज्जित और सरकारी मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त भली-भाँति प्रशिक्षित कर्मचारियों की भी आवश्यकता होती है, जिन्हें प्रयोगशाला प्रबंधन के सिद्धान्तों और भौतिक, रासायनिक तथा सूक्ष्मजैविक विश्लेषण का ज्ञान होना चाहिए क्योंकि खाद्य संदूषण, पर्यावरणीय रसायनों, जैव आविषों, रोगजनक व खाद्यजनित जीवाणुओं का पता लगाने हेतु विश्लेषण क्षमताओं की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 10.
खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता किनके माध्यम से की जाती है?
उत्तर:
खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता निम्नलिखित के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है-
प्रश्न 11.
उत्तम निर्माण पद्धतियाँ (जी.एम.पी.) क्या है?
उत्तर:
उत्तम निर्माण पद्धतियाँ-उत्तम निर्माण पद्धतियाँ गुणवत्ता आश्वासन का एक भाग हैं, जो यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि निर्माता यह सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही उपाय करें कि उनके उत्पाद सुरक्षित हैं। इससे संदूषण को कम करने या दूर करने और गलत लेबल लगाने से बचने में मदद मिलती है। इससे उपभोक्ता को उन उत्पादों, 'जो हानिकारक नहीं हैं' को खरीदने से गुमराह होने से बचाया जा सकता है। निर्माताओं द्वारा अनुपालन और निष्पादन करने में सहायता करने हेतु उत्तम निर्माण, पद्धतियाँ एक अच्छा व्यावसायिक माध्यम हैं।
प्रश्न 12.
उत्तम हस्तन पद्धतियों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उत्तम हस्तन पद्धतियाँ-उत्तम हस्तन पद्धतियाँ एक ऐसा व्यापक अभिगम हैं जो खेत से भंडार अथवा उपभोक्ता तक के जोखिमों के संभावित स्रोतों की पहचान करता है और बताता है कि संदूषण के खतरे को कम करने के लिए क्या कदम उठाने होंगे और क्या विधियाँ अपनानी होंगी। उत्तम हस्तन यह सुनिश्चित करता है कि खाद्य पदार्थों का हस्तन करने वाले सभी व्यक्तियों की स्वास्थ्य सम्बन्धी आदतें अच्छी हैं।
प्रश्न 13.
खाद्य गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र को जो व्यावसायिक अपनी जीविका का साधन बनाना चाहते हैं, उनके लिए आवश्यक योग्यताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जो व्यावसायिक खाद्य गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र को अपनी जीविका का साधक बनाना चाहते हैं, उन्हें-
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
खाद्य संकट से क्या आशय है? इसके प्रकारों को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खाद्य संकट-खाद्य संकट वह सापेक्षिक संभावना है कि जब पदार्थ को किसी प्रस्तावित तरीके और मात्रा में प्रयुक्त न किया जाए तो उसके फलस्वरूप क्षति हो सकती है। यह उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है।
खाद्य संकट के प्रकार-खाद्य संकट भौतिक, रासायनिक और जैविक हो सकता है। यथा-
(1) भौतिक संकट-कोई भी भौतिक पदार्थ हो सकता है, जो सामान्यतः खाद्य पदार्थों में नहीं पाया जाता है, जो रोग उत्पन्न कर सकता है अथवा आघात पहुँचा सकता है। इसमें सम्मिलित हैं-लकड़ी, पत्थर, कीट के अंश, बाल, इत्यादि। इन्हें निम्न चित्र में दर्शाया गया है-
चित्र-खाद्य पदार्थों के भौतिक संकट
(2) रासायनिक संकट-रासायनिक संकट वे रासायनिक अथवा हानिकारक पदार्थ होते हैं जो खाद्यों में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं अथवा खाद्यों में जाने या अनजाने मिला दिए जाते हैं। इस वर्ग में कीटनाशक, रासायनिक अवशेष, विषैली वस्तुएँ, बाईफिनाइल, परिरक्षक, खाद्य रंग और अन्य मिलावटी पदार्थ सम्मिलित हैं। इन अदृश्य रासायनिक संकट को अग्र चित्र में दर्शाया गया है-
चित्र-खाद्य पदार्थों में अदृश्य रासायनिक संकट
(3) जैविक संकट-जैविक खाद्य संकट में विभिन्न जीवधारी शामिल हैं, जिनमें सूक्ष्मजीवी भी सम्मिलित हैं जो दिखाई नहीं होते। इस प्रकार जैविक खाद्य संकट दो प्रकार के जीवों से पैदा होता है-(1) दिखाई देने वाला जैविक संकट और (2) दिखाई न देने वाला सूक्ष्म जैविक संकट। इन्हें निम्न चित्रों में दिखाया गया है-
चित्र-खाद्यों में दिखाई न देने वाले सूक्ष्मजैविक संकट
ये सूक्ष्मजीवी जो खाद्य से संबंधित होते हैं और रोग उत्पन्न करते हैं, खाद्य जनित रोगाणु कहलाते हैं। सूक्ष्मजीवी रोगाणुओं से दो प्रकार के खाद्यजनित रोग होते हैं-(अ) संक्रमण और (ब) विषाक्तता।
(अ) संक्रमण-खाद्य संक्रमण खाद्य-जनित रोगाणुओं के शरीर में प्रवेश करने से उत्पन्न होते हैं। ये वहाँ पहुँचकर बड़ी संख्या में बढ़ते हैं और रोग उत्पन्न करते हैं। इसका प्रमुख उदाहरण है-साल्मोनेला।
(ब) खाद्यजनित विषाक्तता-खाद्य पदार्थ से रोगाणुओं के नष्ट हो जाने पर भी कुछ जीवाणु रह जाते हैं जो आविष उत्पन्न करते हैं। स्टैफ्लोकॉकश आरियस ऐसे जीवों का प्रमुख उदाहरण है।
प्रश्न 2.
भारत में खाद्य मानक नियमन पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
भारत में खाद्य मानक नियमन
भारत में खाद्य मानक नियमन का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है-(1) खाद्य अपमिश्रण अधिनियम 1954 (पी.एफ.ए. 1954)-खाद्य में अपमिश्रण रोकने के लिए भारत, सरकार ने खाद्य अपमिश्रण अधिनियम, 1954 लागू किया। यह अधिनियम आवश्यकतानुसार 200 से अधिक बार संशोधित हो चुका है।
भारत में बड़े पैमाने पर बनने वाले या आयात किए गए और भारत में बेचे जाने वाले सभी उत्पादों को इस अधिनियम के अनुसार वर्णित सभी आवश्यकताएं पूरी करनी पड़ती हैं।
(2) अन्य आदेश या अधिनियम-पी.एफ.ए. के अतिरिक्त भारत में अन्य आदेश और अधिनियम भी हैं जो विशिष्ट खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं। ये हैं-
(a) फल-सब्जी उत्पाद आदेश-यह फल और सब्जी उत्पादों के लिए विनिर्देश निर्धारित करता है।
(b) माँस खाद्य उत्पादन आदेश-इस आदेश के अन्तर्गत माँस उत्पादों के संसाधन को लाइसेंस दिया जाता है।
(c) वनस्पति तेल उत्पाद आदेश-यह वनस्पति तेल, मारगरीन और चर्बी के लिए निर्देश निर्धारित करता है।
(3) स्वैच्छिक उत्पादन प्रमाणीकरण आई.एस.आई. मार्क तथा ऐगमार्क-कुछ स्वैच्छिक श्रेणीकरण और अंकन योजनाएँ हैं, जैसे-बी.आई.एस. का आई.एस.आई. मार्क और ऐगमार्क।
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) खाद्य उत्पाद सहित विभिन्न उपभोक्ता सामग्री के मानकीकरण से संबंधित है और संसाधित खाद्य पदार्थों के लिए आई.एस.आई. नामक स्वैच्छिक प्रमाणीकरण योजना चलाता है।
ऐगमार्क उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कृषि उत्पादों के लिए प्रमाणीकरण की एक स्वैच्छिक योजना है।
(4) खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम, 2006-चूँकि सरकार के बहुत से नियमन और नियम खाद्य उद्योग को बहुत पेचीदा लगने लगे और इस बात की आवश्यकता महसूस की गई कि खाद्य की गुणवत्ता के नियमन के लिए इन सभी नियमों का एकीकरण कर दिया जाये। इस दष्टिकोण से भारत सरकार ने खाद्य सरक्ष (एफ.एस.एस.ए.) 2006 पारित कर दिया।
इस अधिनियम का उद्देश्य खाद्य से संबंधित विभिन्न नियमों को समेकित करना है। इसके तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकार की स्थापना की गई है जो खाद्य के लिए विज्ञान आधारित मानक निर्धारित करता है तथा उनके निर्माण, भंडारण, वितरण, विक्रय और आयात के नियम निर्धारित करता है ताकि मानव उपयोग के लिए सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके।
इस अधिनियम में निर्माण परिसर और उसके चारों ओर स्वास्थ्यजनक परिस्थितियाँ बनाए रखने. वैज्ञानिक तरीके से मानव स्वास्थ्य के खतरों के कारकों का आकलन और प्रबंधन का भी प्रावधान है। यह खाद्य नियमों के संघटकीय मानकों, सुरक्षा मानकों में अन्तर्राष्ट्रीय बदलाव को प्रतिबिंबित करता है।
प्रश्न 3.
खाद्य मानकों, गुणवत्ता, शोध और व्यापार से संबद्ध अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान और समझौतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
खाद्य मानकों, गुणवत्ता, शोध और व्यापार से संबद्ध
अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान और समझौते
वर्तमान में खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता और बचाव को बढ़ाने, शोध और व्यापार को सुसाध्य करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान निम्नलिखित हैं-
(1) कोडेक्स ऐलिमेन्टैरियस कमीशन (सी.ए.सी.)-सी.ए.सी. एक अन्तर्सरकारी संस्था है जिसे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य मानक, सुरक्षा और खाद्य तथा कृषि व्यापार को सुसाध्य बनाने के लिए स्थापित किया गया है। 1999 में इसके 166 देश तथा एक संगठन (यूरोपीय समुदाय) सदस्य थे। भारत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से इसका सदस्य है।
सी.ए.सी. खाद्य मानकों से संबंधित विकास कार्यों के लिए एकमात्र सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य नियमावली है और यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए गए खाद्य मानकों का एक संग्रह है।
सी.ए.सी. द्वारा प्रकाशित प्रलेख 'कोडेक्स एलिमेन्टैरियस' है जिसमें उपभोक्ताओं के बचाव और खाद्य व्यापार में निष्कपट पद्धतियों को सुनिश्चित करने के लिए मानक, पद्धति की नियमावली; मार्गदर्शन और अन्य अनुशंसाएँ सम्मिलित विभिन्न देश अपने राष्ट्रीय मानकों के विकास के लिए कोडेक्स मानकों का उपयोग करते हैं।
(2) अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आई.एस.ओ.)-आई.एस.ओ. की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(3) विश्व व्यापार संगठन-विश्व व्यापार संगठन की स्थापना 1955 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य व्यापार के समझौतों को लागू करने, व्यापार के झगड़ों को निपटाकर, देशों की व्यापार नीति के मुद्दों में सहा में सहायता करके सहजतापूर्व स्वतंत्रतापूर्वक, निष्कपटतापूर्वक और पूर्वानुमान के साथ व्यापार को चलाने में सहायता करना है।
विश्व व्यापार संगठन समझौतों में वस्तुएँ, सेवाएँ और बौद्धिक संपदा शामिल है।
प्रश्न 4.
खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणालियों की प्रणालियों को समझाइये।
अथवा
खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता किन पद्धतियों के माध्यम से सुनिश्चित की जा सकती है? उनका विवेचन कीजिये
उत्तर:
वर्तमान में खाद्य संकट, खाद्य-जनित रोगाणुओं, रासायनिक आविषों और अन्य खतरों से आगे बढ़कर आहार श्रृंखला के किसी भी चरण में प्रवेश कर सकता है। अतः सम्पूर्ण आहार श्रृंखला के अन्तर्गत पर्याप्त नियंत्रण आवश्यक हो गया है।
अतः खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता को निम्नलिखित पद्धतियों (प्रणालियों) के माध्यम से सुनिश्चित किया जाता है-
(1) उत्तम निर्माण पद्धतियाँ-उत्तम निर्माण पद्धतियाँ गुणवत्ता आश्वासन का एक भाग हैं, जो यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि निर्माता या संसाधक यह सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही उपाय करे कि उनके उत्पाद सुरक्षित हैं। इससे संदूषण को कम करने या दूर करने और गलत लेबल लगाने से बचने में मदद मिलती है। इससे उपभोक्ता को उन उत्पादों, 'जो हानिकारक नहीं हैं ' खरीदने से गुमराह होने से बचाया जा सकता है।
निर्माताओं/उत्पादकों द्वारा अनुपालन और निष्पादन करने में सहायता करने हेतु उत्तम निर्माण पद्धतियाँ एक अच्छा व्यावसायिक माध्यम हैं।
(2) उत्तम हस्तन पद्धतियाँ-उत्तम हस्तन पद्धतियाँ एक ऐसा व्यापक अभिगम हैं. जो खेत से भंडार अथवा उपभोक्ता तक के जोखिमों के संभावित स्रोतों की पहचान करता है और बताता है कि संदूषण के खतरे को कम करने के लिए क्या कदम उठाने होंगे और क्या विधियाँ अपनानी होंगी।
उत्तम हस्तन यह सुनिश्चित करता है कि खाद्य पदार्थों का हस्तन करने वाले सभी व्यक्तियों की स्वास्थ्य सम्बन्धी आदतें अच्छी हैं।
(3) संकट विश्लेषण क्रांतिक (संकटपूर्ण) नियंत्रण बिंदु (एच.ए.सी.सी.पी.)-एच.ए.सी.सी.पी. खाद्य सुरक्षा का आश्वासन देने का साधन है। यह खाद्य निर्माण और भंडारण के लिए एक उपागम (पद्धति) है, जिसमें कच्ची सामग्री और एक विशेष प्रक्रम के प्रत्येक चरण पर विस्तार से ध्यान दिया जाता है, जिससे कि रोगजनक सूक्ष्मजीवों अथवा अन्य खाद्य संकटों के विकास में योगदान के लिए उसकी क्षमता का आकलन किया जा सके।
इसमें सम्मिलित हैं-संकटों की पहचान, कच्ची सामग्री एकत्र करना, निर्माण, वितरण, खाद्य उत्पादों का उपयोग, आहार श्रृंखला के प्रत्येक चरण के समय होने वाले संकटों की संभावनाओं का आकलन और संकटों के नियंत्रण के लिए उपाय बताना।
प्रश्न 5.
भारत में खाद्य उद्योग के बढ़ते कार्यक्षेत्र के संदर्भ में इसमें जीविका हेतु किस प्रकार की योग्यताओं की आवश्यकता है तथा इसमें रोजगार (जीविकाओं) के अवसरों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में खाद्य संसाधन का बढ़ता कार्यक्षेत्र-
भारत खाद्य संसाधन के क्षेत्र में उन्नति कर रहा है। भारत में खाद्य उद्योग समग्र घरेलू उत्पादन (जी.डी.पी.) में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है और आने वाले वर्षों में यह विकास का एक प्रमुख क्षेत्र होगा। इससे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहन मिला है, परन्तु इसके साथ ही इस क्षेत्र में उपयुक्त सुरक्षा स्तर प्राप्त करने का उत्तरदायित्व भी बढ़ गया है।
दूसरे, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 खाद्य कानून में प्रमुख बदलाव करते हुए आहार श्रृंखला के सभी स्तरों पर खाद्य की सुरक्षा और पौष्टिकता को सुनिश्चित करके अधिक उपभोक्ता संरक्षण देने का प्रयत्न करता है। इसके परिवर्तित हो रहे परिदृश्य ने इस क्षेत्र में कार्य अवसरों को बढ़ा दिया है और जीविका के अवसरों में वृद्धि की है।
खाद्य उद्योग में जीविका हेतु आवश्यक योग्यताएँ-जो व्यावसायिक खाद्य उद्योग को अपनी जीविका का साधन बनाना चाहते हैं, उनमें निम्नलिखित योग्यताओं का होना आवश्यक है-
(1) उन्हें खाद्य रसायन, खाद्य संसाधन और संरक्षण, खाद्य विश्लेषण और गुणवत्ता नियंत्रण में पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए।
(2) उनके लिए यह भी जरूरी है कि वे खाद्य सूक्ष्मजैविकी, खाद्य कानून और संवेदी मूल्यांकन में निपुण हों। गृह विज्ञान पाठ्यचर्या विशेषकर खाद्य-विज्ञान और पोषण के विषय क्षेत्र में एकीकृत खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता सुधार के लिए ज्ञान देती है। ये पाठ्यक्रम सुरक्षा खतरों को समझने और उनके प्रबंधन के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने के योग्य बनाते हैं।
जीविकाओं के अवसर-खाद्य उद्योग के क्षेत्र में रोजगार या जीविकाओं के प्रमुख अवसर निम्नलिखित हैं-