RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 4 खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन

Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 4 खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 4 खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
निम्न में गैर-व्यावसायिक भोजन सेवाएँ प्रदान करने वाला प्रतिष्ठान है- 
(अ) धर्मशालाएँ 
(ब) निजी होटल 
(स) रेस्टोरेंट 
(द) ढाबे 
उत्तर:
(अ) धर्मशालाएँ

प्रश्न 2. 
निम्न में कौनसा व्यावसायिक भोजन सेवा प्रदान करने वाला प्रतिष्ठान है?
(अ) विद्यालयों में मध्याह्न भोजन 
(ब) अनाथालय 
(स) शीघ्र सेवा रेस्टोरेंट 
(द) जेल 
उत्तर:
(स) शीघ्र सेवा रेस्टोरेंट

प्रश्न 3. 
एक अच्छी व्यंजन सूची की विशेषता नहीं है- 
(अ) रेस्टोरेंट की समग्र शैली को प्रतिबिंबित करती है।
(ब) बिक्री को बढ़ाती है। 
(स) विज्ञापन का साधन भी बन सकती है। 
(द) केवल पाश्चात्य भोजनों से ही संबंधित होती है। 
उत्तर:
(द) केवल पाश्चात्य भोजनों से ही संबंधित होती है।

प्रश्न 4. 
किस प्रकार की भोजन सेवा प्रणाली में भोजन उसी परिसर के रसोईघर में तैयार किया जाता है, जहाँ परोसा जाना है? 
(अ) रसद विभाग भोजन सेवा प्रणाली 
(ब) तैयार भोजन सेवा प्रणाली 
(स) संयोजक भोजन सेवा प्रणाली 
(द) परम्परागत भोजन सेवा प्रणाली 
उत्तर:
(द) परम्परागत भोजन सेवा प्रणाली

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प्रश्न 5. 
वह पद्धति जिसमें भोजन एक केन्द्र पर तैयार होकर और परोसने के लिए दूरी पर स्थित कुछ क्षेत्रों में वितरित कर दिया जाता है, कहलाती है-
(अ) परम्परागत भोजन प्रणाली 
(ब) रसद विभाग भोजन सेवा प्रणाली 
(स) तैयार भोजन संबंधी सेवा प्रणाली 
(द) संयोजक भोजन सेवा प्रणाली
उत्तर:
(ब) रसद विभाग भोजन सेवा प्रणाली

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. भोजन सेवा उपलब्ध कराने वाली सेवाएँ .................. सेवाएँ कहलाती हैं। 
2. भोजन तैयार कर उसे लोगों के घरों/कार्यस्थलों पर पहँचाने वाली भोजन सेवा ...............भोजन-सेवा' कहलाती है। 
3. भोजन सेवा ................ खाद्य पदार्थों को बनाने, पहुँचाने और परोसने का व्यापार है। 
4. भोजन-सेवा प्रबंधक वह है जो भोजन सेवा इकाई/संगठन के ................ और शासन का उत्तरदायित्व होता है। 
5. ................. संप्रेषण का साधन है, जिससे भोजन-प्रबंधक/भोजन सेवा इकाई ग्राहक/उपभोक्ता को सूचित करती है कि क्या खाद्य पदार्थ पेश किए जा रहे हैं। 
6. धार्मिक स्थलों और मंदिरों में आने वाले भक्तों को ................... या .................. खिलाने की परम्परा है।
7. प्राचीन काल में तीर्थयात्रियों के भोजन का प्रबंधन ............... में होता था। 
उत्तर:
1. केटरिंग 
2. गृह-आधारित 
3. तैयार 
4. प्रबंधन 
5. भोजन-सूची 
6. प्रसाद, लंगर 
7. धर्मशालाओं। 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न- 

प्रश्न 1. 
घर पर उपलब्ध भोजन के विकल्प में घर के बाहर खाद्य-पदार्थ उपलब्ध कौन कराता है? 
उत्तर:
घर के बाहर घर पर उपलब्ध भोजन के विकल्प में खाद्य पदार्थ खान-पान व्यवस्था (केटरिंग) उद्योग द्वारा कराये जाते हैं। 

प्रश्न 2. 
भोजन सेवाओं के विकास को प्रभावित करने वाले कोई दो कारकों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  • परम्परा और संस्कृति 
  • प्रौद्योगिकीय विकास। 

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प्रश्न 3. 
सभी पाक-प्रणालियों में कौनसी एक बात समान है? 
उत्तर:
सभी पाक-प्रणालियों में एक बात समान है, वह है-खाना बनाना और ढंग से परोसना। 

प्रश्न 4. 
भोजन सेवा उपलब्ध कराने वाली सेवाएँ क्या कहलाती हैं? 
उत्तर:
भोजन सेवा उपलब्ध कराने वाली सेवाएँ खान-पान व्यवस्था (केटरिंग) सेवाएँ कहलाती हैं। 

प्रश्न 5. 
गृह-आधारित भोजन-सेवा किसे कहते हैं? 
उत्तर:
कुछ व्यक्ति या समूह भोजन तैयार कर उसे लोगों के घरों अथवा कार्यस्थलों पर भेजते हैं। इसे गृह आधारित भोजन-सेवा कहते हैं। 

प्रश्न 6. 
बने-बनाए भोजन की माँग किन परिवारों की होती है? 
उत्तर:
बने-बनाए भोजन की माँग उन परिवारों की होती है, जहाँ पति-पत्नी दोनों काम पर जाते हैं तथा वहाँ पर जहाँ लोग अकेले रहते हैं। 

प्रश्न 7. 
भोजन सेवा उद्योग क्या है? 
उत्तर:
भोजन सेवा उद्योग में उन स्थानों, संस्थानों और कंपनियों को शामिल किया गया है जो किसी भी प्रकार के भोजन को घर से बाहर बनाती हैं। 

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प्रश्न 8. 
भोजन सेवा क्या है? 
उत्तर:
भोजन सेवा तैयार खाद्य पदार्थों को बनाने, पहुँचाने और परोसने का काम या व्यापार है। 

प्रश्न 9. 
भोजन सेवा का उद्देश्य क्या है? 
उत्तर:
भोजन सेवा का उद्देश्य स्वच्छता के स्वीकृत मानकों के साथ तैयार किए गए स्वादिष्ट भोजन को तय मूल्य पर कलात्मक रूप से प्रस्तुत करके सप्लाई करना है। 

प्रश्न 10. 
किसी भोजन सेवा इकाई में आवश्यक सामग्री, उपकरणों के प्रकार और संख्या, कर्मचारियों की निपुणता और उनकी संख्या किससे निर्धारित की जाती है? 
उत्तर:
व्यंजन सूची (मेन्यु) से। 

प्रश्न 11. 
खान-पान व्यवस्था सेवाओं के प्रकारों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
खान-पान व्यवस्था सेवाओं को मोटे रूप से दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है-

  • कल्याणकारी या गैर-व्यावसायिक सेवाएँ 
  • व्यावसायिक सेवाएँ। 

प्रश्न 12. 
होटल और व्यावसायिक खान-पान व्यवस्था सेवाओं के कोई दो महत्त्व बताइए। 
उत्तर:

  • ये सेवाएँ पर्यटक, पर्यटन और अवकाश उद्योग की मदद करते हैं। 
  • ये विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक मुख्य साधन हैं।

प्रश्न 13. 
भोजन सेवा प्रणालियों के प्रकारों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
मूल रूप से चार प्रकार की भोजन सेवा प्रणालियाँ हैं। ये हैं-

  • परम्परागत 
  • रसद विभाग 
  • तैयार भोजन और 
  • संयोजन। 

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प्रश्न 14. 
व्यंजन सूची (मेन्यू) क्या है?
उत्तर:
व्यंजन सूची संप्रेषण का साधन है जिससे भोजन सेवा इकाई ग्राहक/उपभोक्ता को सूचित करती है कि क्या खाद्य पदार्थ पेश किए जा रहे हैं। 

प्रश्न 15. 
व्यंजन सूची के दो कार्य लिखिए। 
उत्तर:
व्यंजन सूची-

  • ग्राहक को सूचित करती है कि क्या उपलब्ध है तथा 
  • भोजन-प्रबंध स्टाफ को बताती है कि क्या बनाना है। 

प्रश्न 16. 
आकर्षक और अच्छी डिजाइन वाली व्यंजन-सूची के कोई दो लाभ बताइए। 
उत्तर:

  • ऐसी व्यंजन सूची बिक्री को बढ़ाती है। 
  • यह विज्ञापन का साधन भी बन सकती है। 

प्रश्न 17. 
व्यंजन सूची नियोजित करने के कोई दो लाभ बताइए। 
उत्तर:

  • ये श्रम बचाने वाली तथा 
  • समय बचाने वाली होती है। 

प्रश्न 18. 
भोजन सेवा प्रबंधन में कौन-कौनसे कार्य सम्मिलित हैं? 
उत्तर:
भोजन सेवा प्रबंधन में-

  • नियोजन 
  • आयोजन 
  • स्टाफ रखना 
  • निदेशन व नियंत्रण करना 
  • बजट बनाना तथा 
  • सम्पूर्ण प्रक्रम का समन्वय करना आदि कार्य सम्मिलित हैं। 

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लघूत्तरात्मक प्रश्न- 

प्रश्न 1. 
टेलीविजन ने भोजन सेवा के विकास में किस प्रकार योगदान दिया है? 
उत्तर:
टेलीविजन ने विभिन्न संस्कृतियों के विभिन्न भोजन प्रतिरूपों और उनकी पाक क्रिया में रुचि बढ़ाई है क्योंकि अधिकांश टी.वी. चैनल पाक कला और व्यंजनों पर कार्यक्रम दिखाते हैं। इसने भारत के विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट व्यंजनों तथा विभिन्न देशों के पाक प्रणालियों से परिचित कराकर पाक प्रणाली विज्ञान को एक रुचिकर क्षेत्र बना दिया है। 

प्रश्न 2. 
गृह-आधारित भोजन सेवा किसे कहते हैं? 
उत्तर:
गृह-आधारित भोजन सेवा-कुछ व्यक्ति या समूह भोजन तैयार करते हैं और उसे लोगों के घरों अथवा कार्यस्थलों पर भेजते हैं। इसे गृह-आधारित भोजन सेवा कहते हैं। इस प्रकार की उद्यमी भोजन-प्रबंध गतिविधियाँ हैं तैयार भोजन घर ले जाना/घर के बने भोजन को ग्राहकों के घर पहुँचाना आदि। 

प्रश्न 3. 
भोजन की चलती-फिरती दुकानों से क्या आशय है? 
उत्तर:
भोजन की चलती-फिरती दुकानों से आशय है-भोजन उपलब्ध कराने वाली अस्थायी दुकानें । ये चलती फिरती दुकानें सामुदायिक गतिविधियों, जैसे-मेले, प्रदर्शनियों, फूल/फल/सब्जी प्रदर्शनियों में आने वाले लोगों के लिए भोजन उपलब्ध कराती हैं। इसके साथ-साथ ये अल्पाहार या पेय पदार्थ भी उपलब्ध कराती हैं। 

प्रश्न 4. 
भोजन सेवा उद्योग को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
भोजन सेवा उद्योग-भोजन सेवा उद्योग को 'खान-पान उद्योग' भी कहा जा सकता है। यह उद्योग बहुत व्यापक है और इसमें उन स्थानों, संस्थानों और कंपनियों को शामिल किया गया है, जो किसी भी प्रकार के भोजन को घर से बाहर बनाती हैं। ये विभिन्न प्रकार के संस्थान हो सकते हैं, जैसे-महँगे होटलों और रेस्टोरेंटों से लेकर कम महँगे स्थान, जैसे-फास्ट फूड की दुकानें, विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, उद्योग और दफ्तर इत्यादि की कैंटीनें। कैफेटेरिया आदि। 

प्रश्न 5. 
भोजन सेवा प्रबंधन से क्या आशय है? 
उत्तर:
भोजन सेवा प्रबंधन-भोजन सेवा प्रबंधन बड़ी संख्या में लोगों को संतोषजनक और लागत-प्रभावी तरीके से बहुत कलात्मक और वैज्ञानिक ढंग से भोजन और पेय पदार्थ उपलब्ध कराने की कला है। इसमें विशिष्ट कौशलों के साथ-साथ व्यावसायिक दृष्टिकोण, ज्ञान और भोजन सेवा संचालन में प्रत्येक कदम पर निगरानी की आवश्यकता होती है। 

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प्रश्न 6. 
खाद्य सेवा प्रबंधक/भोजन प्रबंधक में कौन-कौनसी निपुणताएँ होनी चाहिए? 
उत्तर:
खाद्य सेवा प्रबंधक/भोजन प्रबंधक में निम्नलिखित निपुणताएँ होनी चाहिए-

  • व्यंजन-सूची नियोजन खाद्य चयन, बनाने और परोसने तथा आवश्यक उपकरणों का ज्ञान। 
  • संगठनात्मक और प्रबंधन कौशल तथा सफल कार्मिक निदेशन। 
  • सुनिश्चित कर सके कि सफाई और स्वच्छता सर्वोत्तम है। 
  • लागत नियंत्रण की समुचित प्रणाली का ज्ञान। 
  • इकाई के भौतिक स्वरूप के लिए स्थान का बुद्धिमता से प्रयोग करने की योग्यता। 
  • यह सुनिश्चित कर सके कि अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उचित कार्यवाही और विधियाँ प्रयोग में लाई जा रही हैं। 

प्रश्न 7. 
व्यंजन-सूची कौन-कौनसे दृष्टिकोणों को प्रदर्शित करती है? 
उत्तर:
व्यंजन-सूची तीन दृष्टिकोणों को प्रदर्शित करती है। यथा- 

  • ग्राहक के दृष्टिकोण को-ग्राहक को परोसे गए भोजन की मात्रा, विविधता और स्वादिष्टता के साथ-साथ परोसने के तरीके से उसे अपनी अदा की गई कीमत की वसूली हो जाती है।
  • कर्मचारियों के दृष्टिकोण को-कर्मचारियों को जिन्हें लिखित व्यंजन-सूची को वास्तविक खाद्य पदार्थों में ‘बदलना होता है।
  • प्रबंधन के दृष्टिकोण को-यह प्रबंधन के दृष्टिकोण को भी प्रदर्शित करती है क्योंकि उन्हें लाभ, अच्छी ख्याति और उनके प्रतिष्ठान पर दोबारा आने वाले संतुष्ट ग्राहकों के रूप में संतोष मिलता है।

प्रश्न 8. 
'प्रबंधन' से क्या आशय है? 
उत्तर:
प्रबंधन पारस्परिक क्रिया करने वाले विविध तत्त्वों द्वारा संसाधनों का प्रयोग कर लक्ष्य प्राप्त करने की प्रक्रिया है। हम प्रबंधन को पूर्व निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के सुस्पष्ट उद्देश्य के लिए निर्णय लेने और लोगों के कार्यों पर नियंत्रण पाने की प्रक्रिया के रूप में परिभाषित कर सकते हैं। इसमें मानवीय और गैर-मानवीय अथवा सामग्री संसाधनों का प्रबंधन सम्मिलित है। ये संसाधन सामान्यतः छः 'M' के रूप में जाने जाते हैं। ये हैं धन (Money), सामग्री (Material), मनुष्य (Men), मशीनें (Machines), मिनट (Minutes) तथा बाजार (Market)। 

प्रश्न 9. 
भोजन सेवा उद्योग में प्रशिक्षित लोगों की सेवा के लिए किन्हीं दो कार्यक्षेत्रों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर: 
भोजन सेवा उद्योग में सेवा के कार्यक्षेत्र 
(1) होटल-भोजन सेवा उद्योग में कुछ लोग जिन्होंने उचित प्रशिक्षण प्राप्त किया है, भव्य "7" सितारा प्रतिष्ठानों में काम कर सकते हैं, जहाँ का वातावरण राजसी होता है तथा जहाँ वे बहुत-सी राष्ट्रीयताओं के प्रसिद्ध और महत्त्वपूर्ण लोगों के सम्पर्क में आते हैं। 

(2) रेस्टोरेंट-होटलों में ठहरने की व्यवस्था होती है और रेस्टोरेंट भोजन उपलब्ध कराते हैं। रेस्टोरेंट पाक कला में प्रशिक्षित लोगों के लिए सेवा का प्रमुख स्थल है। रेस्टोरेंटों में परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों के कारण अन्तर होता है। 

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प्रश्न 10. 
भोजन सेवा उद्योग में कोई व्यक्ति किन-किन पदों पर कार्य कर सकता है? 
उत्तर:
भोजन सेवा उद्योग में कोई भी व्यक्ति विभिन्न पदों पर कार्य कर सकता है, जैसे-भोजन सेवा पर्यवेक्षक, अल्पाहार गृह-प्रबंधक, भोजन प्रबंधक, उत्पादन प्रबंधक, क्रय प्रबंधक, भोजन सेवा निदेशक और सहायक भोजन सेवा निदेशक। 

इसके अतिरिक्त वह अस्पताल, औद्योगिक कैंटीनों, यात्रा संबंधी परिवहन निकायों में भोजन प्रबंधक के रूप में कार्य कर सकता है। ऐसे व्यक्ति जो पाक कला में कुशल हैं-कार्यपालक रसोइया, सहायक रसोइया, राहत कार्य रसोइया, क्षेत्र विशेष रसोइया के रूप में कार्य कर सकते हैं। 

निबन्धात्मक प्रश्न- 

प्रश्न 1. 
भोजन सेवा प्रणालियों के प्रकारों का विवेचन कीजिए। 
उत्तर: 
भोजन सेवा प्रणालियों के प्रकार 
भोजन सेवा प्रणालियों को निम्नलिखित चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है- 
(1) परम्परागत भोजन प्रणालियाँ-परम्परागत भोजन प्रणाली के अन्तर्गत भोजन उसी परिसर के रसोईघर में तैयार किया जाता है, जहाँ परोसा जाना है। भोजन तैयार करने के बाद, भोजन को गर्म या ठंडा रखा जाता है और जितनी जल्दी संभव हो परोस दिया जाता है। भोजन पदार्थों को सीधे निकटवर्ती क्षेत्रों में, जैसे-कैफेटेरिया, रेस्टोरेंट, छात्रावासों के भोजन कक्षों में परोसने के लिए वितरित कर दिया जाता है। 

वैकल्पिक रूप से, भोजन पदार्थों को ट्रे में सजाकर परोसा जाता है। उदाहरण के लिए अस्पतालों में मरीजों को। इस प्रणाली के लाभ-

  • यह प्रणाली व्यक्तिगत पसन्द के लिए अधिक अनुकूल है। 
  • इसमें मौसम के अनुसार उपलब्ध सामग्री का उपयोग किया जा सकता है। 
  • इसमें व्यंजन-सूची बनाने में बहुत लचीलापन रहता है। 
  • इसमें भोजन को वितरण करने की लागत भी बहुत कम रहती है। 

(2) रसद विभाग सेवा प्रणाली-इस पद्धति में, भोजन एक केन्द्र पर तैयार किया जाता है, परन्तु निर्मित भोजन को परोसने हेतु दूरी पर स्थित कुछ क्षेत्रों में वितरित कर दिया जाता है क्योंकि भोजन उत्पादन केन्द्र और परोसने वाले क्षेत्र अलग सुविधाओं वाले स्थानों पर होते हैं। अतः भोजन वितरक के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि भोजन विभिन्न स्थानों पर सप्लाई हो गया है। उदाहरण के लिए कॉफी डे, बरिस्ता इत्यादि दुकानों की श्रृंखलाएँ हैं जहाँ पर मूल खाद्य पदार्थ, जैसे-आईसक्रीम, दूध, बिस्कुठ इत्यादि एक केन्द्रीय रसोई घर से सप्लाई की जाती हैं। जब कोई ग्राहक मिल्क शेक का आर्डर देता है, तो ग्राहक की इच्छानुसार उसमें सुगन्ध, मिल्क और अन्य संघटकों को मिलाकर तैयार कर दिया जाता है। 

इस प्रणाली के लाभ-

  • इस प्रणाली में सभी संघटक सामग्री अधिक मात्रा में खरीद सकते हैं। इससे सामग्री सस्ती पडती है।
  • इसमें हर इकाई के लिए खाद्य पदार्थ बनाने के लिए अलग उपकरण और व्यक्तियों की आवश्यकता नहीं होती। 
  • इसमें सभी इकाइयों के लिए उत्पादों की गुणवत्ता की एकरूपता सुनिश्चित की जा सकती है। 
  • यह प्रणाली लागत-प्रभावी भी है। 

(3) तैयार भोजन संबंधी सेवा प्रणाली-इस प्रणाली में खाद्य पदार्थों को परोसने के समय से बहुत पहले बनाकर तैयार कर लिया जाता है और जब तक वे उपयोग में नहीं आते उन्हें हिम शीतित रखा जाता है। बड़े शहरों में इस प्रकार के बहुत से खाद्य पदार्थ मिलते हैं, जैसे-हिमशीतित हुए परांठे, समोसे, कटलेट और फ्रेंच फ्रीजर्स फाइज इत्यादि। मैफ्कों और गोदरेज ऐसे उद्योगों के उदाहरण हैं, जिन्होंने ऐसे उत्पाद विकसित किए हैं और वे उनका विपणन भी कर रहे हैं। 

इस प्रकार की प्रक्रिया का महत्त्वपूर्ण पक्ष यह है कि खाद्य पदार्थ के हिमीकरण के लिए विशिष्ट उपकरणों की आवश्यकता होती है और जमी हुई अवस्था में खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिए पृथक् फ्रीजर्स की आवश्यकता होती है। 

सीमाएँ-इस प्रणाली में खाद्य पदार्थों को संभालने की प्रक्रिया में बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें संदूषित और खराब होने से बचाया जा सके। 

(4) संयोजक (असेंबली) सेवा-प्रणाली-इस प्रणाली में पूर्ण रूप से तैयार खाद्य पदार्थ विनिर्माता से खरीद लिए जाते हैं और परोसे जाने वाले स्थान पर सीजनिंग, पिघलाना/गलाना, पुनः गरम करना जैसी अंतिम प्रक्रियायें की जाती हैं।

लाभ-

  • इस सेवा प्रणाली में परोसने के स्थान पर कम से कम पाक क्रिया करने की आवश्यकता होती है, उदाहरण के लिए पानी पूरी या भेलपूरी बेचना। 
  • इसमें विनिर्माण प्रक्रिया वितरण प्रक्रिया तथा परोसने से बिल्कुल अलग रखी जाती है। 
  • लेकिन इस प्रणाली में तैयार की जाने वाली वस्तुओं की संख्या बहुत अधिक नहीं होती। 

RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 4 खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन

प्रश्न 2. 
खाद्य सेवा उद्योग में सफलता के लिए आवश्यक व्यक्तिगत कौशलों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
खाद्य सेवा उद्योग में सफलता हेतु आवश्यक व्यक्तिगत कौशल खाद्य सेवा उद्योग में सफलता के लिए आवश्यक प्रमुख व्यक्तिगत कौशल निम्नलिखित हैं-

  • इस उद्योग में संलग्न व्यक्तियों को भोजन में रुचि और राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय पाक कलाओं में प्रवृत्तियों की नियमित अद्यतन जानकारी होना आवश्यक है। 
  • उनमें भोजन की गुणवत्ता, उत्पादन, स्वच्छता और खाद्य लागत नियंत्रण पर ध्यान देने की योग्यता होनी चाहिए। 
  • उनमें निरन्तर उच्च निष्पादन स्तरों को स्थापित करने, बनाए रखने और लागू करने की योग्यता होनी चाहिए। 
  • उनकी प्रवृत्ति का मैत्रीपूर्ण तथा बहिर्गामी होना आवश्यक है। 
  • उनमें अच्छे संप्रेषण और पारस्परिक क्रिया कौशल (विविध आंतरिक और बाह्य ग्राहकों के समूह को बोलकर और लिखकर प्रभावशाली ढंग से संप्रेषित करने) की योग्यता होनी आवश्यक है। 
  • उनमें अच्छी आयोजन योग्यताएँ होनी चाहिए तथा विस्तृत विवरण के लिए दृष्टि होनी आवश्यक है। 
  • उनका व्यक्तित्व मनोहर, प्रसन्न तथा ऊर्जावान होना चाहिए। 
  • उनका अंग्रेजी तथा पसंद की अन्य भाषाओं विशेष रूप से विदेशी भाषाओं पर अच्छा नियंत्रण होना चाहिए। 
  • उनमें लम्बे समय तक क्रियाशील रहने की क्षमता होनी चाहिए। 
  • इसके साथ ही इस उद्योग में संलग्न व्यक्तियों को खाद्य पदार्थ तैयार करने और उन्हें परोसने से संबंधित नियोजन एवं भौतिक सुविधाएँ जुटाने का ज्ञान होना भी आवश्यक है। 

प्रश्न 3. 
खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा उद्योग में उपलब्ध हो सकने वाले जीविका के अवसरों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा उद्योग में जीविका के अवसर 
खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा उद्योग में जीविका के अवसर निम्नलिखित हैं- 
(1) भोजन प्रबंध उद्योग में विभिन्न प्रबंधक पदों पर कार्य अवसर-भोजन प्रबंध उद्योग में कोई भी व्यक्ति विभिन्न पदों पर कार्य कर सकता है, जैसे-भोजन सेवा पर्यवेक्षक, अल्पाहार गृह प्रबंधक, भोजन प्रबंधक, उत्पादन प्रबंधक, क्रय प्रबंधक, भोजन सेवा निदेशक और सहायक भोजन सेवा निदेशक के रूप में।

(2) सितारा होटलों और विशिष्ट भोजनालयों में रसोइया के रूप में-3 सितारा से 7 सितारा होटलों, विशिष्ट भोजनालयों में शैफारसोइया के रूप में कार्य कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति जो पाक क्रिया में रुचि रखते हैं और जिनके पास अतिरिक्त और विशिष्ट प्रशिक्षण के साथ पाक-कला कौशल भी है तो वे यहाँ कार्यपालक रसोइया (एक्जिक्यूटिव शैफ), सहायक रसोइया, राहत कार्य रसोइया, क्षेत्र विशेष रसोइया के रूप में कार्य कर सकते हैं। 

(3) सितारा प्रभारी के रूप में-विद्यालय, उद्योग और अस्पतालों में वे कैंटीन प्रभारी के रूप में सेवा कार्य कर सकते हैं। 

(4) भोजन प्रबंधक के रूप में मनोरंजन उद्यानों में, राष्ट्रीय, राज्य और क्षेत्रीय उद्यानों में, साहसिक/पारिस्थितिकी पर्यटन के लिए, थीम पार्टियों, उत्पादन शुभारंभ समारोहों, दावतों तथा सहकारी समारोहों के लिए भोजन प्रबंध के रूप में जीविका के अवसर उपलब्ध हैं।

(5) संचार माध्यमों के प्रदर्शनों में जीविका के अवसर-संचार माध्यमों, विशेष रूप से टेलीविजन ने विभिन्न संस्कृतियों की पाक क्रिया और विभिन्न खाद्य प्रतिरूपों के प्रति लोगों की रुचि बढ़ायी है। अतः प्रचार माध्यमों के विभिन्न खाद्य प्रतिरूपों के प्रदर्शन हेतु पाक कला विशेषज्ञ के सेवा के अवसर भी बढ़े हैं। 

(6) अपने स्वंतत्र पाक-उद्यम स्थापित करना-हम स्वतंत्र रेस्टोरेंट, कंपनी रेस्टोरेंट और विशेषाधिकार रेस्टोरेंट भी स्थापित कर अपनी जीविका का संचालन कर सकते हैं। 

(7)अन्य रूपों में जीविका के अवसर-उपर्युक्त के अतिरिक्त एक खान-पान व्यवस्था विशेषज्ञ या पाक विज्ञान में विशेषज्ञ के रूप में पत्र-पत्रिकाओं या संचार माध्यमों के प्रदर्शनों के लिए लेख लिख सकता है।

Prasanna
Last Updated on July 18, 2022, 4:56 p.m.
Published July 16, 2022