Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 21 विकास संचार तथा पत्रकारिता Important Questions and Answers.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Home Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 12. Students can also read RBSE Class 12 Home Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 12 Home Science Notes to understand and remember the concepts easily.
बहुचयनात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
'विकास संचार' शब्द का सबसे पहले क्यूबाल ने प्रयोग किया-
(अ) 1962 में
(ब) 1972 में
(स) 1982 में
(द) 1992 में
उत्तर:
(ब) 1972 में
प्रश्न 2.
रेड रिबन एक्सप्रेस किसके बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए देशव्यापी अभियान था?
(अ) तपेदिक
(ब) सुरक्षित प्रसव
(स) एड्स
(द) धूम्रपान की रोकथाम
उत्तर:
(स) एड्स
प्रश्न 3.
रेडियो प्रसारण टेलीविजन की अपेक्षा अधिक लाभदायक है, क्योंकि-
(अ) यह अपेक्षाकृत सस्ता है
(ब) यह सर्वाधिक सुगम है
(स) यह चल माध्यम है
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4.
रेडियो की लोकप्रियता के कारण आकाशवाणी ने जो नयी.संकल्पना प्रारंभ की है, वह है-
(अ) राष्ट्रीय रेडियो स्टेशन की संकल्पना
(ब) अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो स्टेशन की संकल्पना
(स) स्थानीय रेडियो स्टेशन की संकल्पना
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) स्थानीय रेडियो स्टेशन की संकल्पना
प्रश्न 5.
छतेरा ग्राम परियोजना प्रारंभ हुई थी-
(अ) 1969 में
(ब) 1972 में
(स) 1979 में
(द) 1989 में
उत्तर:
(अ) 1969 में
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. विकास संचार का अर्थ है-संचार की क्षमता को सामाजिक विकास के लिए एक प्रमुख ................. की भांति उपयोग में लाना।
2. विकास संचार का एक उद्देश्य ..................... को सूचना देना तथा शिक्षित करना है।
3. विकास संचार ऐसे दो पक्षों के बीच दुतरफा संप्रेषण है, जिसमें एक के पास ............ हैं तथा दूसरा उससे अनभिज्ञ है।
4. रेडियो तथा टेलीविजन सर्वाधिक ................ सबसे सस्ते तथा सुविधाजनक जनसंचार माध्यम हैं।
5. ..................... जनसंचार का एक चल माध्यम है।
6. .................. स्थानीय लोगों द्वारा चलाया तथा नियंत्रित किया जाता है।
7. सितम्बर 2004 में भारत ने अपने ................ उपग्रह का प्रमोचन किया जो पहला भारतीय उपग्रह था, जिसे केवल शिक्षा के क्षेत्र की सेवा के लिए निर्मित किया गया।
उत्तर:
1. उत्प्रेरक,
2. समुदाय,
3. सूचनाएँ,
4. लोकप्रिय,
5. रेडियो,
6. स्थानीय रेडियो स्टेशन,
7. शिक्षा
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
विकास संचार तथा विकास पत्रकारिता अध्ययन के किस प्रकार के क्षेत्र हैं?
उत्तर:
ये अध्ययन के ऐसे क्षेत्र हैं जो उन्हें न्यायसंगत तथा निष्पक्ष समाज से संबंधित विषयों पर लिखने/बोलने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।
प्रश्न 2.
विकास से क्या आशय है?
उत्तर:
विकास का अर्थ है-अधिकांश व्यक्तियों के सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक जीवन में बगैर शोषण या हिंसा के स्थायी रूप से सकारात्मक परिवर्तन लाना।
प्रश्न 3.
आजकल विकास पत्रकारिता किस प्रकार के व्यक्तियों की सफलता के समाचार पर ध्यान केन्द्रित करती है?
उत्तर:
आजकल विकास पत्रकारिता ऐसे व्यक्तियों की सफलता के समाचार पर ध्यान केन्द्रित करती है जिन्होंने नयी प्रौद्योगिकियां अपनाई हैं और समाज की सहायता की है।
प्रश्न 4.
विकास संचार शब्द का सबसे पहले प्रयोग किसने और कब किया?
उत्तर:
विकास संचार (डेवलपमेंट कम्युनिकेशन) शब्द को सबसे पहले 1972 में क्यूबाल ने प्रयोग किया।
प्रश्न 5.
विकास संचार की कोई एक विशेषता लिखिए।
उत्तर:
विकास संचार सामाजिक, आर्थिक विकास तथा व्यक्तियों एवं सामान्य जन-समुदाय की सुख-शांति की ओर उन्मुख है।
प्रश्न 6.
विकास संचार की पहल करने वाले किन्हीं चार देशों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 7.
विकास संचार के साधनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
विकास संचार के प्रमुख साधन हैं-पत्रकारिता, रेडियो टेलीविजन, मुद्रण माध्यम तथा वीडियो पर अभियान।
प्रश्न 8.
विकास संचार क्षेत्र के किन्हीं चार अभियानों का नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 9.
रेड रिबन एक्सप्रेस अभियान क्या था?
उत्तर:
रेड रिबन एक्सप्रेस एच.आई.वी./एड्स के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए देशव्यापी अभियान था।
प्रश्न 10.
रेड रिबन एक्सप्रेस अभियान को किसने कार्यान्वित किया?
उत्तर:
इसे राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नेहरू युवा केन्द्र संगठन तथा यूनिसेफ और यू.एन.एड्स आदि अन्तर्राष्ट्रीय एजेन्सियों ने भारतीय रेलवे के साथ मिलकर कार्यान्वित किया।
प्रश्न 11.
रेडियो कार्यक्रम किस रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं?
उत्तर:
रेडियो कार्यक्रम समाचार, साक्षात्कार, चर्चाएं, वृत्तचित्रों, नाटक, प्रश्नोत्तरी आदि के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं।
प्रश्न 12.
आजकल टेलीविजन कितने प्रकार के चैनलों द्वारा कार्यक्रमों को प्रस्तुत करता है?
उत्तर:
आजकल टेलीविजन अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा स्थानीय स्तरों के अनेक चैनलों द्वारा अपने कार्यक्रमों को प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 13.
राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय दैनिक समाचार पत्रों में छपने वाले समाचार कहां के होते हैं?
उत्तर:
समाचार पत्रों में छपने वाले अधिकांश समाचार शहरों के लिए होते हैं।
प्रश्न 14.
किस प्रकार के समाचार पत्रों की कमी है?
उत्तर:
ऐसे समाचार पत्र-पत्रिकाएं बहुत कम हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में चलते हैं और स्थानीय मुद्दों को छापते हैं।
प्रश्न 15.
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में क्या-क्या सम्मिलित हैं?
उत्तर:
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में कम्प्यूटर का हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर, अंकीय प्रसारण तथा दूर संचार प्रौद्योगिकियां सम्मिलित हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
पत्रकारिता के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पत्रकारिता का महत्व-
1. पत्रकारिता जनता को अपना मत प्रकट करने तथा अभिव्यक्ति का अधिकार होता है क्योंकि मत तथा अभिव्यक्ति का अधिकार पत्र-पत्रिकाओं तथा मुद्रण माध्यम के बगैर नहीं हो सकता। इसलिए आजकल लोग जानकारी प्राप्त करने के लिए मुख्य रूप से प्रेस पर निर्भर करते हैं।
2. किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए पत्रकारिता एक अविभाज्य अंग है । लोकतांत्रिक समाज में पत्रकार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रश्न 2.
विकास की ओर बढ़ने में संचार किस प्रकार सहायता करता है?
अथवा
विकास संचार का महत्व बताइए।
उत्तर:
विकास की ओर बढ़ने में संचार निम्न प्रकार सहायता करता है-
प्रश्न 3.
विकास का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विकास का अर्थ-विकास का अर्थ है-अधिकांश व्यक्तियों के सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक जीवन में बगैर शोषण या हिंसा के स्थायी रूप से सकारात्मक परिवर्तन लाना। संसार के अधिकांश भागों में विकास द्वारा निरक्षरता, कुपोषण, खराब स्वास्थ्य, भूख तथा प्रदूषण आदि की समस्याओं का सामना करने के लिए गहन प्रयास करने की आवश्यकता है।
प्रश्न 4.
विकास पत्रकारिता से क्या आशय है?
उत्तर:
विकास पत्रकारिता-विकास पत्रकारिता एक सामाजिक गतिविधि है तथा पत्रकार अनेक माध्यमों द्वारा समुदाय की भावनाओं को समुदाय तक पहुँचाता है। विकास पत्रकारिता अपेक्षाकृत नयी संकल्पना है। यह उपनिवेशी युग के समाप्त होने पर अस्तित्व में आई। भारत जैसे नव-स्वाधीन देशों में पत्रकार और सूचना देने वालों को विकास क्रियाकलापों को ध्यान में रखना होता है।
आजकल विकास पत्रकारिता ऐसे व्यक्तियों की सफलता के समाचार पर ध्यान केन्द्रित करती है, जिन्होंने नयी प्रौद्योगिकियां अपनाई हैं, नई विधियों का परीक्षण किया है और समाज की सहायता की है।
प्रश्न 5.
रेडियो प्रसारण पत्रकारिता और टेलीविजन की तुलना में अधिक उपयोगी है। कैसे?
उत्तर:
रेडियो प्रसारण और पत्रकारिता-रेडियो प्रसारण पत्रकारिता की अपेक्षा अधिक उपयोगी है, क्योंकि इसका उपयोग अधिक से अधिक व्यक्तियों, विशेष रूप से निम्न साक्षरता स्तर के लोगों के लिए किया जा सकता है।
रेडियो प्रसारण और टेलीविजन-रेडियो प्रसारण का टेलीविजन की अपेक्षा भी अधिक लाभ है क्योंकि यह अपेक्षाकृत सस्ता है। यह सर्वाधिक सुगम जनसंचार माध्यम है। यह चल माध्यम है, अर्थात् यह कार्यस्थल पर कार्य के समय तथा आराम के समय भी श्रोता के पास रहता है।
प्रश्न 6.
रेडियो कार्यक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
रेडियो कार्यक्रम-रेडियो कार्यक्रम समाचार, साक्षात्कार, चर्चाएं, वृत्तचित्रों, नाटक, प्रश्नोत्तरी आदि के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं।
समाचार में अल्प समय में अनेक विभिन्न विषयों को सम्मिलित कर लिया जाता है। मानव रुचि के सामयिक मनोरंजक तथ्य तथा कहानियों को नियमित अंतराल से प्रसारित किया जाता है। साथ ही साक्षात्कार, चर्चाओं तथा वृत्त चित्रों, नाटक व प्रश्नोत्तरी के माध्यम से सामयिक विषयों को प्रसारित किया जाता है। इसके अतिरिक्त जन सेवा उद्घोषणा सामान्यतः तुकबंदी के रूप में, कार्यक्रम के बीच में 10-60 सैकण्ड का संक्षिप्त संदेश होता है।
प्रश्न 7.
जन-सेवा उद्घोषणा क्या होती है? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जन सेवा उदघोषणा-जन सेवा उदघोषणा सामान्यतः तकबंदी के रूप में रेडियो कार्यक्रम के बीच में 10 60 सैकण्ड का एक संक्षिप्त संदेश के रूप में प्रसारित की जाती है। इन संदेशों से कार्य करने के लिए सूचना या सुझाव प्राप्त होते हैं। मूलतया ये जनता की भलाई के लिए किसी विचार या संदेश का विज्ञापन होते हैं, जैसे-यातायात के नियमों का पालन कीजिए, तंबाकू को मना कीजिए आदि। सामान्यतः ये अपने आकर्षक नारों तथा प्रसारण पुनरावृत्ति के कारण बहुत प्रभावशाली होते हैं।
प्रश्न 8.
'टेलीविजन का उपयोग शिक्षा और मनोरंजन दोनों के लिए एक साथ किया जा सकता है। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
टेलीविजन-टेलीविजन सर्वाधिक लोकप्रिय, सस्ता और सुविधाजनक जनसंचार माध्यम है। आजकल टेलीविजन अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा स्थानीय स्तरों के अनेक चैनलों द्वारा विविध कार्यक्रमों को प्रस्तुत करता है। इनमें से कुछ कार्यक्रमों में व्यक्तियों को वार्ता कार्यक्रमों, वास्तविक घटना कार्यक्रम (रियलिटी-शो) तथा प्रतियोगिताओं आदि में भाग लेने का अवसर मिलता है। अन्य गहन शैक्षिक महत्व के कार्यक्रमों को भी निजी चैनलों पर देखा जा सकता है। इनसे पता चलता है कि शिक्षा तथा मनोरंजन, दोनों का उपयोग, इसके द्वारा एक साथ किया जा सकता है।
प्रश्न 9.
विकास संचार तथा पत्रकारिता की विधि के रूप में मुद्रण माध्यम पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मुद्रण माध्यम-विकास संचार के क्षेत्र में मद्रण माध्यम की भी महत्वपूर्ण भमिका है। मद्रण माध्यम के पत्रकार विभिन्न घटनाओं के समाचार एकत्र करके उन्हें विभिन्न दैनिक संपादकों को भेज सकते हैं। उनको अपने कार्यदिवस में समाचार योग्य घटनाओं आदि के कथामुख (लीड) तैयार करने के लिए व्यक्तियों से साक्षात्कार करना, पत्रकार सम्मेलन में भाग लेना या टेलीफोन से सम्पर्क करना और ई-मेल भेजना आदि कार्य करने होते हैं। विकास पत्रकारों के लिए इंटरनेट एक बहुमूल्य अनुसंधान साधन है।
प्रश्न 10.
'छतेरा ग्राम परियोजना' क्या है?
उत्तर:
छतेरा ग्राम परियोजना-छतेरा ग्राम परियोजना 1969 में प्रारंभ हुई। इस परियोजना में उत्तर-पश्चिम दिल्ली के एक छोटे गांव'छतेरा' पर ध्यान केन्द्रित किया गया। हिन्दुस्तान टाइम्स ने यहाँ के व्यक्तियों के जीवन का वर्णन करते हुए नियमित रूप से एक पाक्षिक कॉलम छापना प्रारंभ किया। उत्साही रिपोर्टरों के एक दल ने गाँव की स्थिति के बारे में संवेदनशीलता से विस्तृत कहानियाँ देना प्रारंभ किया। उन्होंने ग्राम चौपाल, व्यक्तियों की महत्वाकांक्षाओं, जीवनयापन की समस्याओं और त्यौहारों के बारे में लिखा। बिजली तथा जल की समस्याओं और वर्षा की कमी आदि को फोटोग्राफों के साथ प्रस्तुत किया गया। यह अनेक सेवाओं और लाभों की प्राप्ति की दिशा में उत्प्रेरक की भाँति सिद्ध हुआ। स्थानीय नेताओं के सहयोग से समस्या का समाधान हो गया। समाचार छपने के कारण परियोजना क्षेत्र में मशीनें, पुल, सड़कें तथा बैंक आ गए।
प्रश्न 11.
विकास के विद्यार्थी विकास के क्षेत्र में किस क्षेत्र को चुनकर प्रेस के प्रभाव को प्रदर्शित कर सकते हैं?
उत्तर:
विकास के विद्यार्थी विकास के क्षेत्र में कृषि तथा ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं के क्षेत्र को चुनकर प्रेस के प्रभाव को प्रदर्शित कर सकते हैं क्योंकि-
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
विकास संचार तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में जीविका की सफलता के लिए आवश्यक ज्ञान तथा कौशलों का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
विकास संचार तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में जीविका के लिए ज्ञान और कौशल
विकास संचार तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में जीविका की सफलता के लिए निम्नलिखित ज्ञान तथा कौशलों की आवश्यकता है-
(अ) संज्ञानात्मक कौशल-किसी समस्या को समझ पाने के लिए संज्ञानात्मक कौशल की आवश्यकता होती है। विकास संचार तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में जीविका के लिए संज्ञानात्मक कौशल का होना अति आवश्यक है।
(ब) सर्जनात्मक कौशल-सर्जनात्मक कौशल से आशय है-समस्याओं तथा संकल्पनाओं को रचनात्मक तरीके से इस प्रकार प्रस्तुत करने का कौशल जिससे वह समस्या या संकल्पना दूसरों का ध्यान आकर्षित कर सके तथा उन पर प्रभाव डाल सके। विकास संचार तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में जीविकिा की सफलता के लिए इस सर्जनात्मक कौशल का होना भी अपरिहार्य है।
(स) तकनीकी कौशल-तकनीकी कौशल से आशय है-तकनीकी यंत्रों के संचालन में कौशल का होना। संज्ञानात्मक, सर्जनात्मक और तकनीकी कौशलों के साथ कोई भी विद्यार्थी जब किसी जनसंचार माध्यम कार्यालय (मीडिया हाउस) की विज्ञापन एजेन्सी में कोई नौकरी लेता है तो वह लाभ की स्थिति में होता है।
विकास संचार तथा पत्रकारिता के व्यवसायियों के लिए आवश्यक उपयुक्त वर्णित तीनों प्रकार के कौशलों को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है-
(1) उपकरणों का ठीक प्रकार संचालित करना-विकास संचार तथा पत्रकारिता व्यवसायियों को उपकरणों को ठीक प्रकार से परिचालित करना आना चाहिए जिससे कि वे उनका प्रस्तुतीकरण इष्टतम ढंग से कर सकें।
(2) कानूनों और विनियमों की जानकारी-उन्हें सभी कानूनों और विनियमों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि उन्हें ज्ञात रहे कि वे क्या कर सकते हैं और क्या नहीं।
(3) साक्षात्कार व प्रस्तुतीकरण तकनीकों का विकास-साक्षात्कार तकनीकों के विकास के साथ-साथ प्रवाह तथा मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए प्रस्तुतीकरण तकनीकों का विकास भी आवश्यक है। उन्हें स्टेशन को चलाने में उपयोग किए जाने वाले कंप्यूटरों, उचित यंत्रोतर सामग्री का उपयोग करके मूलभूत रेडियो प्रस्तुति कौशलों तथा प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त करने के लिए सर्जनात्मक संक्षिप्त लेख लिखना सीखना आवश्यक है। विकास संचार विद्यार्थी, प्रशिक्षु की तरह प्रायः रेडियो का विज्ञापन लेख लिखकर और उसे रिकार्ड करके प्रसारित करने पर वास्तविक अनुभव प्राप्त करता है।
(4) पत्रकारिता तथा प्रस्तुति कौशलों का मिश्रण-विकास संचार तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में जीविका के लिए, पत्रकारिता तथा प्रस्तुति कौशलों का मिश्रण आवश्यक है। सामयिक विषयों तथा स्थानीय परिस्थितियों में रुचि, रेडियो में प्रत्यक्ष सीखने का अनुभव, संचारित करने की क्षमता तथा संगीत का ज्ञान भी लाभकारी है।
(5) प्रश्न करने की क्षमता तथा साहसिक यात्रा का शौक-प्रश्न करने की क्षमता किसी भी समस्या के सूक्ष्म ब्यौरे जानने में सहायता करती है। साहसिक यात्रा का शौक भी लाभकारी है क्योंकि देश के दुर्गम भागों की यात्रा अद्वितीय तथा रोचक घटना-वार्ताओं को एकत्रित करने में सहायक होती है।
(6) समूहों के साथ कार्य करने की क्षमता-विविध प्रकार के समूहों के साथ कार्य करने की क्षमता विकास संचार विद्यार्थी के लिए अनिवार्य है।
(7) जन-केन्द्रस्थ होना-उसे जन-केन्द्रस्थ होना चाहिए, जिससे कि वह उनके जीवन को प्रभावित करने वाली समस्याओं के बारे में उनके विचार समझ सके और ऐसे हल ढूंढ सके जो उनके लिए कारगर हों। इसके लिए सामाजिक कार्य के सिद्धान्तों को जानना आवश्यक है। इस सम्बन्ध में मार्गदर्शक सिद्धान्त है-'व्यक्तियों की सहायता इस तरह कीजिए कि वे स्वयं की सहायता कर सकें।'
(8) नेतृत्व का कौशल-नेतृत्व के कौशलों को प्राप्त करना और व्यवहार में लाना भी उसके सफल होने में सहायक होता है।
(9) अच्छा श्रोता होना-यदि कोई व्यक्ति विकास संचार विशेषज्ञ बनने का इच्छुक है, तो उसे अच्छा श्रोता भी होना चाहिए, ताकि वह संवेदनशीलता के साथ लिख सके।
(10) अन्योन्य क्रिया करने की क्षमता का होना-अंतरा-वैयक्तिक कौशल तथा कर्मचारियों, सहभागियों तथा परामर्शदाताओं के साथ वृत्तिक रूप से अन्योन्य क्रिया करने की क्षमता का होना आज की कार्य-संस्कृति है।
(11) भाषा तथा कंप्यूटर कौशल-भाषा तथा कंप्यूटर कौशल भी अति आवश्यक है। किसी भी एक भाषा पर अधिकार, जिसमें बोलना, लिखना, पढ़ना एवं तकनीकी रिपोर्ट तथा प्रलेख लिखने की क्षमता सम्मिलित है, महत्वपूर्ण है।
कंप्यूटर के मूलभूत कौशलों, जैसे-माइक्रोसॉफ्ट,ऑफिस एप्लीकेशन जिसमें 'वर्ड', 'एक्सेल' तथा 'पावर पॉइन्ट' आदि का ज्ञान होना सफलता के लिए वांछनीय है।
प्रश्न 2.
विकास संचार क्षेत्र में कार्य क्षेत्र तथा जीविका के अवसर पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
विकास संचार में कार्यक्षेत्र
(1) व्यापक कार्य क्षेत्र-विकास संचार में कार्यक्षेत्र को निम्न प्रकार स्पष्ट किया गया है-विकास संचार के कार्यक्षेत्र में सूचना प्रसार तथा शिक्षा, व्यवहार परिवर्तन, सामाजिक विपणन, संचार माध्यम अनुशंसा, सामाजिक परिवर्तन के लिए संचार तथा सहभागिता विकास संचार जैसी समस्याओं को संबोधित करने के लिए माध्यम तथा संचार की अनेक तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार विषय तथा उपयोग की दृष्टि से इस क्षेत्र का व्यापक कार्य क्षेत्र है।
(2) प्रशिक्षण कार्य, परामर्शी तथा क्रियात्मक परियोजनाएँ प्रारंभ करना-प्रशिक्षण कार्य, परामर्शी तथा क्रियात्मक परियोजनाएँ आरंभ करना भी, जो विकास प्रक्रिया में लगे व्यक्तियों की संचार क्षमताओं तथा संसाधनों का निर्माण करने में सहायक हों, इसके अध्ययन क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
जीविका के अवसर
विकास संचार क्षेत्र में जीविका के अवसरों को निम्न प्रकार स्पष्ट किया गया है-
(1) विकास संचार विशेषज्ञ-विकास संचार विशेषज्ञ, सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं तथा जन-संचार संगठनों आदि के सामाजिक क्षेत्र में जीविका के अनेक प्रकार के मार्गों को चुन सकता है, क्योंकि बड़ी परियोजनाएँ अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की सहायता से सरकारी विभागों द्वारा चलाई जाती हैं, इसलिए रोजगार के ये अवसर, आर्थिक तथा मनोवैज्ञानिक, दोनों ही प्रकार से संतोषकारी होते हैं।
(2) विकास पत्रकार, रेडियो जॉकी तथा एंकर-मुद्रण माध्यम में विकास पत्रकार बना जा सकता है और दूरदर्शन, रेडियो, सामुदायिक जन संचार माध्यम व परम्परागत संचार माध्यम में रेडियो जॉकी तथा एंकर वृत्ति में विकल्प खोजे जा सकते हैं।
(3) अनुसंधान छात्र-अनुसंधान संस्थाओं में स्त्री-पुरुष तथा विकास समस्याओं, पर्यावरण, उपभोग-व्यवहार, स्वास्थ्य, कृषि तथा जीवन-यापन समस्याओं का अध्ययन करने के लिए अनुसंधान-छात्र के अवसर हैं।
(4) प्रशिक्षक-जमीनी स्तर तथा क्षेत्रस्तर के कार्यकर्ताओं, नीतियाँ बनाने वाले व निगम-गृहों के अफसरों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षक बना जा सकता है।
(5) स्वतंत्र पत्रकार अथवा लेखक व संस्थाओं के लिए परामर्शदाता-विकास संचार के कार्यक्षेत्र में जीविका के अन्य अवसर के रूप में स्वतंत्र पत्रकार, लेखक या संस्थाओं के लिए परामर्शदाता के रूप में मिल सकते हैं।
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि विकास संचार के क्षेत्र में जीविका के अनेक अवसर उपलब्ध हैं।
प्रश्न 3.
रेड रिबन एक्सप्रेस (आर.आर.ई.) क्या था? इसकी कार्यप्रणाली, क्षेत्र तथा उद्देश्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रेड रिबन एक्सप्रेस रेड रिबन एक्सप्रेस एच.आई.वी./एड्स के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए एक देशव्यापी अभियान था। यह बहुमाध्यम (मल्टी मीडिया) अभियान था, जिसमें सभी सहभागी या पणधारी आपसी समन्वय से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एच.आई.वी. एड्स के बारे में खुलेपन से बातचीत करने को तैयार थे।
सहभागी-इस परियोजना को राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको), नेहरू युवा केन्द्र संगठन तथा यूनिसेफ तथा यू.एन. एड्स आदि अन्तर्राष्ट्रीय एजेन्सियों ने भारतीय रेलवे के साथ मिलकर कार्यान्वित किया।
क्षेत्र-इस परियोजना में विशेष रूप से डिजाइन की गई एक रेलगाडी एक वर्ष में 9000 किलोमीटर से अधिक चली। इसने 180 जिले/हाल्ट स्टेशन तय किए एवं 43200 गाँवों में कार्यक्रम तथा क्रियाकलाप आयोजित किए।
आवश्यक साधनों की व्यवस्था-इसमें सात डिब्बे थे जो शैक्षिक साधनों, मुख्य रूप से एच.आई.वी/एड्स, अन्योन्य क्रियात्मक टच स्क्रीन तथा 3-D मॉडल, एच.आई.वी. संक्रमण के संदर्भ में सेवाएँ, एल.सी.डी. प्रोजेक्टर तथा लोक कार्यक्रम मंच, परामर्श देने के लिए केबिन तथा डॉक्टरों के दो केबिन जिनमें परामर्श तथा चिकित्सा की व्यवस्था थी।
कलाकार समूह तथा क्रियाकलाप-रेड रिबन एक्सप्रेस की यात्रा कन्याकुमारी से प्रारंभ हुई। इसने 'परिक्रमा' शैली को अपनाया और 180 स्टेशनों पर रुककर भारत के लगभग सभी राज्यों से होकर गुजरी। प्रत्येक स्टेशन पर रुकने पर अभिनय करने वाले कलाकार विभिन्न समूहों में बंट गए। प्रत्येक समूह में निपुण वक्ता तथा अभिनय करने वाले कलाकार थे जो विभिन्न गांवों में गए और वहाँ उन्होंने सूचना शिक्षा संचार के क्रियाकलापों, जैसे-नुक्कड़ नाटक, लोकगीत, कहानियाँ तथा समूह परामर्श सत्र आयोजित किए। स्थानीय रूप से जुटाए गए युवक-समूह ने भी गाड़ी वाली टीम के कार्यक्रमों में भाग लिया।
उद्देश्य-इस परियोजना के प्रमख उद्देश्य निम्नलिखित थे-
प्रश्न 4.
विकास संचार के क्षेत्र में उपयोग में लायी जाने वाली प्रमुख विधियों का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
विकास संचार के क्षेत्र में उपयोग में ली जाने वाली विधियाँ विकास संचार के क्षेत्र में उपयोग में ली जाने वाली कछ प्रमख विधियाँ निम्नलिखित हैं-
(1) अभियान-अभियान का अर्थ है-विभिन्न संचार विधियों तथा सामग्री, जैसे-बैठकें, भ्रमण, समाचार पत्रों के लेख, पत्रक तथा पूर्व निश्चित समय के लिए किसी विषय पर प्रदर्शनियों का मिलजुला उपयोग। यह एक संकेन्द्रित तथा भलीभांति आयोजित क्रियाकलाप है।
अभियान से जनता को जानकारी होती है तथा यह विशिष्ट संदेश प्रदान करता है। यह व्यक्ति की स्मृति से जुड़ कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह उपयुक्त कार्य-व्यवहार अपनाने के लिए अनुकूल वातावरण उत्पन्न करता है।
(2) रेडियो तथा टेलीविजन-रेडियो तथा टेलीविजन सर्वाधिक लोकप्रिय, सबसे सस्ते तथा सुविधाजनक जनसंचार माध्यम हैं, जो विकास के प्रयोजन के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।
(i) रेडियो रेडियो प्रसारण का उपयोग अधिक से अधिक व्यक्तियों, विशेष रूप से निम्न साक्षरता स्तर के लोगों के लिए किया जा सकता है। दूसरे, यह सर्वाधिक सुगम जन संचार माध्यम है। तीसरे, यह चल माध्यम है अर्थात् यह कार्य पर या आराम के समय भी श्रोता के पास रहता है। रेडियो कार्यक्रमों में-समाचार, साक्षात्कार, चर्चाएँ, वृत्तचित्र, नाटक, प्रश्नोत्तरी, जन सेवा उद्घोषणा आदि को सम्मिलित किया जाता है।
(ii) टेलीविजन-आजकल टेलीविजन अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा स्थानीय स्तरों के अनेक चैनलों द्वारा विविध कार्यक्रमों को प्रस्तुत करता है। इनमें से कुछ कार्यक्रमों में व्यक्तियों को वार्ता कार्यक्रमों, वास्तविक घटना कार्यक्रम (रियलिटी शो) तथा प्रतियोगिता आदि में भाग लेने का अवसर मिलता है। अन्य गहन शैक्षिक महत्व के कार्यक्रमों को निजी चैनलों पर भी देखा जा सकता है। इनसे पता चलता है कि शिक्षा तथा मनोरंजन दोनों का उपयोग इसके द्वारा एक साथ किया जा सकता है।
(3) मुद्रण माध्यम-मुद्रण माध्यम के पत्रकार विभिन्न घटनाओं के समाचार एकत्र करके उन्हें विभिन्न दैनिकों के संपादकों को भेज सकते हैं। उनको अपने कार्यदिवस में समाचार योग्य घटनाओं आदि के कथामुख तैयार करने के लिए व्यक्तियों से साक्षात्कार करना, पत्रकार सम्मेलन में भाग लेना या टेलीफोन से सम्पर्क करना और ई-मेल भेजना आदि कार्य करने होते हैं। विकास पत्रकारों के लिए इंटरनेट एक बहुमूल्य अनुसंधान साधन है और कंप्यूटर साक्षरता के आधारभूत स्तर के बिना इसका संतोषजनक रूप से कार्य करना असंभव है।
लेकिन राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय दैनिक समाचारपत्रों में छपने वाले अधिकांश समाचार शहरों के लिए होते हैं। सामान्यतया कृषि पर रिपोर्ट, ग्रामीण क्षेत्रों की समस्यायें और विकास की दूसरी समस्यायें प्राथमिकता में नीचे रहती हैं। इस दिशा में अभी सतत प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
(4) सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी-सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग व्यक्तियों को सूचना देने या जानकारी प्रदान करने के लिए किया जाता रहा है। निर्धन तथा धनवान, दोनों ही देशों में, मोबाइल फोन के उपयोग ने बाजारों के प्रसार, सामाजिक कारोबार तथा जन सेवाओं को सक्षम तथा सुसाध्य बना दिया है। मोबाइल फोनों से क्षमता प्राप्त करके समग्र वित्तीय सेवाओं ने बैंकिंग तथा वित्तीय लेन-देनों, विपणन तथा वितरण, रोजगार तथा जन सेवाओं को सक्षम बना दिया है।
सूचना संचार प्रौद्योगिकी ने वित्तीय, सामाजिक तथा राजनैतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला दिया है।
प्रश्न 5.
टेली सेंटर क्या है? निर्धन व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए ये किस प्रकार कार्य करते हैं?
उत्तर:
टेली सेंटर-निर्धन व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सूचना-संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग का एक सीधा तरीका टेली सेंटरों का निर्माण है। पिछले दशक में भारत में इस सम्बन्ध में अनेक परियोजनाएँ प्रारंभ की गई थीं। इस विषय का विवेचन निम्न प्रकार किया गया है-
(1) तमिलनाडु राज्य में ग्रामीण भारत में टिकाऊ पद्धति परियोजना-इसमें लगभग 80 टेलीसेंटर मंडप बनाए गए जिनमें अनेक सेवाएँ, जैसे-मूलभूत कंप्यूटर शिक्षा, ई-मेल, वेब ब्राउजिंग तथा अनेक ई-नियंत्रित सेवाएँ सम्मिलित हैं, जिनमें प्रमाण पत्रों की भी व्यवस्था है।
(2) जमीनी स्तर पर जुड़ी महिलाओं का सशक्तिकरण-सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तथा स्वनियोजित महिला संघ-स्व नियोजित महिला संघ भारत में अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत कई हजार निर्धन-महिलाओं की संस्था है। इस संघ का उद्देश्य है-महिला श्रमिकों को पूर्ण रोजगार तथा आत्मनिर्भरता प्रदान करना। इसके लिए उन्हें अन्य संबंधित क्षेत्रों, जैसे-भोजन तथा सामाजिक सुरक्षा (स्वास्थ्य, शिशु देखभाल तथा आश्रय) की गतिविधियों में कार्य तथा सहारा देना आदि में कार्य करना पड़ता है।
निर्धनता के बारे में कम जानकारी मिलने के प्रभाव को समझ लेने के पश्चात, इस महिला संघ ने पनिला संघ ने मचना एवं संचार प्रौद्योगिकी को भी अपने कार्य में सम्मिलित कर लिया। इसका उद्देश्य था-जमीनी सतह से जुड़े लगातार बढ़ते हुए सदस्यों को अधिकार दिलाने के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी को हथियार बनाना।
प्रमुख कार्यक्रम-अब यह संघ ऐसे कार्यक्रम चलाता है जिससे महिलाओं की क्षमता कंप्यूटर, रेडियो, टेलीविजन, वीडियो, टेलीफोन, फैक्स मशीनों, मोबाइल फोनों तथा उपग्रह संचार में उपयोग के लिए विकसित हो सके।
समुदाय शिक्षण केन्द्रों की स्थापना-ग्रामीण क्षेत्रों में इसके द्वारा समुदाय शिक्षण केन्द्र स्थापित किए गए हैं तथा सदस्यों की क्षमता बढ़ाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के प्रशिक्षण पर बल दिया गया है, जिनमें विद्युत, यांत्रिक तथा सूचना प्रौद्यागिकी इंजीनियरिंग क्षेत्र सम्मिलित हैं।
उपयोगिता-समय और धन की बचत के साथ ही इस माध्यम से स्व-नियोजित महिला संघ के सदस्यों को विभिन्न जिलों में तीव्र तथा आसान संचार तथा समस्यायें सुलझाने में भी सहायता मिलती है।