RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 18 श्रम प्रभाविकी तथा भीतरी एवं बाहरी स्थानों की सज्जा

Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 18 श्रम प्रभाविकी तथा भीतरी एवं बाहरी स्थानों की सज्जा Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 18 श्रम प्रभाविकी तथा भीतरी एवं बाहरी स्थानों की सज्जा

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
एक आंतरिक डिजाइनर बनने के लिए आपमें निम्न में से किस प्रकार की रुचि होनी चाहिए? 
(अ) पौधों के प्रति 
(ब) गृह-सज्जा की वस्तुओं में परिवर्तन करने के प्रति 
(स) बागवानी के प्रति 
(द) पौधों/फूलों को भिन्न तरीकों से प्रस्तुत करने में। 
उत्तर:
(ब) गृह-सज्जा की वस्तुओं में परिवर्तन करने के प्रति

प्रश्न 2. 
यदि आप भू-दृश्य अभिकल्पकार बनना चाहते हैं तो आपके कौनसे प्रश्न का उत्तर 'हाँ' में होना चाहिए? 
(अ) क्या आपको पौधे पसंद हैं? 
(ब) क्या आप पौधों के साथ प्रयोग करना पसंद करते हैं? 
(स) क्या आपको बागवानी पसंद है? 
(द) उपर्युक्त सभी। 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 3. 
निम्न में कौनसा भू-दृश्य डिजाइन पाठ्यक्रम के अन्तर्गत प्रस्तुत किए जाने वाला विषय नहीं है? 
(अ) लैंडस्केप वास्तुशिल्प 
(ब) उद्यान डिजाइन 
(स) सामग्री और साज-सज्जा की जानकारी 
(द) भू-दृश्य प्रबंधन
उत्तर:
(स) सामग्री और साज-सज्जा की जानकारी

प्रश्न 4. 
आंतरिक डिजाइन पाठयक्रम में जो विषय सम्मिलित नहीं है, वह है- 
(अ) आन्तरिक डिजाइन के मौलिक सिद्धान्त 
(ब) भू-दृश्य डिजाइन और परिस्थितिकी
(स) साज-सज्जा और सामग्री की जानकारी
(द) भवन निर्माण
उत्तर:
(ब) भू-दृश्य डिजाइन और परिस्थितिकी

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प्रश्न 5. 
पंचेन्द्रिय बगीचा स्थित है-
(अ) मैसूर में 
(ब) दिल्ली में 
(स) बेंगलूर में 
(द) भोपाल में 
उत्तर:
(ब) दिल्ली में

प्रश्न 6. 
'रॉक गार्डन' स्थित है-
(अ) चण्डीगढ़ में 
(ब) मुम्बई में
(स) मैसूर में 
(द) दिल्ली में
उत्तर:
(अ) चण्डीगढ़ में

प्रश्न 7. 
भू-दृश्य डिजाइनर के रोजगार से संबंधित पद है- 
(अ) वस्त्र और पोशाक विशेषज्ञ 
(ब) रसोई और स्नानागार विशेषज्ञ
(स) नक्शा नवीस 
(द) भू-दृश्य माली 
उत्तर:
(द) भू-दृश्य माली

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. डिजाइनिंग कलात्मक प्रतिभा और सर्जनात्मकता का ................. है।
2. आंतरिक डिजाइनर ग्राहक की सुरक्षा, कार्यक्षमता और सुविधा से कोई समझौता किए बिना उपलब्ध .............. का सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं।
3. किसी स्थान को क्रियाशील, आकर्षक और संतोषजनक बनाने के लिए एक इंटीरियर डिजाइनर को अपने काम में ................. उपागम की आवश्यकता होती है।
4. आंतरिक डिजाइनर के लिए सबसे बड़ी चुनौती कुछ अलग ................ की होती है जो दिलचस्प, क्रियाशील और आकर्षक हो।
5. किसी भी परियोजना में भू-दृश्य डिजाइनर द्वारा किया गया सबसे महत्वपूर्ण योगदान छोटे या बड़े खुले स्थानों के ............. को तकनीकी समझ और रचनात्मकता के साथ बढ़ाता है।
उत्तर:
(1) मिश्रण,
(2) स्थान,
(3) अर्गोनोमिक्स,
(4) निर्मित करने,
(5) सौंदर्यबोध 

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
डिजाइनिंग क्या है?
उत्तर:
डिजाइनिंग (अभिकल्पना) कलात्मक प्रतिभा और सर्जनात्मकता का मिश्रण है।

प्रश्न 2. 
वास्तुकार से क्या आशय है?
उत्तर:
वास्तुकार वह व्यक्ति है जो भवन का डिजाइन बनाकर उसका निर्माण करता है। 

प्रश्न 3.
किसी स्थान को क्रियाशील, आकर्षक और संतोषजनक बनाने के लिए एक इंटीरियर डिजाइनर को अपने काम में किसकी आवश्यकता होती है? 
उत्तर:
सुकार्यिकी (आर्गोनोमिक्स) की। 

प्रश्न 4. 
सुकार्यिकी क्या है?
उत्तर:
सुकार्यिकी का सरोकार कार्य, कार्मिक और कार्य परिवेश के बीच स्वस्थ सम्बन्ध से है।

प्रश्न 5. 
किसी स्थान की सज्जा (डिजाइनिंग) का प्रमुख उद्देश्य क्या है? 
उत्तर:
किसी स्थान की सज्जा (डिजाइनिंग) का प्रमुख उद्देश्य कार्यशीलता प्राप्त करना और ऐसा सही परिवेश निर्मित करना है, जो कम लागत से ग्राहक द्वारा निर्धारित बजट में बनाया गया हो। 

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प्रश्न 6.
आंतरिक डिजाइनर के किन्हीं दो कार्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • ग्राहक परियोजना रूपरेखा बनाना।
  • नक्शा तथा कार्य नक्शा बनाना। 

प्रश्न 7.
आंतरिक डिजाइनिंग के सर्टिफिकेट, डिग्री व डिप्लोमा पाठ्यक्रम के कोई दो विषय बताइए।
उत्तर:

  • आंतरिक डिजाइन के मौलिक सिद्धान्त 
  • सामग्री और साज-सज्जा की जानकारी।

प्रश्न 8.
भू-दृश्य डिजाइनर का मुख्य ध्यान किन स्थानों की डिजाइन पर केन्द्रित होता है?
उत्तर:
भू-दृश्य डिजाइनर का मुख्य ध्यान प्रमुख रूप से बाहरी स्थानों के डिजाइन पर केन्द्रित होता है।

प्रश्न 9.
किसी भी परियोजना में भू-दृश्य डिजाइनर द्वारा किया गया सबसे महत्वपूर्ण योगदान क्या होता है? 
उत्तर:
भू-दृश्य डिजाइनर का सबसे महत्वपूर्ण योगदान छोटे या बड़े खुले स्थानों के सौंदर्यबोध को तकनीकी समझ और रचनात्मकता के साथ बढ़ाना है। 

प्रश्न 10.
चंडीगढ़ के 'रॉक गार्डन' के भू-दृश्य में पौधों के अतिरिक्त अन्य किन सामग्रियों का उपयोग किया गया है? 
उत्तर:
'रॉक गार्डन' के भू-दृश्य में पौधों के अतिरिक्त मूर्तियों, मिट्टी के बर्तन, धातु और बाँस का काम, चूड़ियों आदि का उपयोग किया गया है। 

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प्रश्न 11.
भू-दृश्य डिजाइनर के लिए रोजगार से संबंधित पदों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:

  • भू-दृश्य प्रबन्धक,
  • भू-दृश्य माली,
  • भू-दृश्य वैज्ञानिक,
  • भू-दृश्य सज्जाकार।

प्रश्न 12.
एक भू-दृश्य डिजाइनर-व्यवसायी को किन विशिष्ट क्षेत्रों में प्रशिक्षित होना चाहिए? 
उत्तर:
एक भू-दृश्य डिजाइनर-व्यवसायी को (i) डिजाइन, (ii) सुकार्यिकी, (iii) भवन और भवन निर्माण, (iv) संस्थापन तथा (v) ललित कलाओं के क्षेत्रों में प्रशिक्षित होना चाहिए।

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
आंतरिक डिजाइन व्यवसाय का महत्व बताइए।
उत्तर-आंतरिक डिजाइन व्यवसाय का योगदान- 

  • व्यावसायिक आंतरिक डिजाइनर वास्तुकारों, ठेकेदारों, सुपरवाइजरों और विभिन्न कारीगरों के साथ मिलकर काम करते हैं, ताकि परियोजना को सुचारु रूप से समय पर, निर्धारित बजट में पूरा किया जा सके।
  • आंतरिक डिजाइनर ग्राहक की सुरक्षा, कार्यक्षमता और सुविधा से कोई समझौता किए बिना उपलब्ध स्थान का सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं।
  • वे व्यावसायिक खरीदारी के अनगिनत घंटों को कम कर सकते हैं, क्योंकि वे ऐसे स्थानों की जानकारी रखते हैं, जहाँ ग्राहक की आवश्यकताओं और विभिन्न जलवायु उपक्षेत्रों के अनुकूल सामग्रियाँ मिल जाती हैं।

प्रश्न 2.
'ग्राहक परियोजना रूपरेखा' से क्या आशय है?
उत्तर:
ग्राहक परियोजना रूपरेखा (क्लाइन्ट प्रोजेक्ट प्रोफाइल)- 
इंटीरियर डिजाइनर किसी स्थान का डिजाइन बनाने के लिए सबसे पहले 'ग्राहक परियोजना रूपरेखा' बनाता है। इसके अन्तर्गत वह ग्राहकों से बातचीत करके, उनकी जीवन शैली, आवश्यकताओं/प्रयोजनों, रुचियों, संभावित बजट तथा निर्मित स्थान के क्षेत्रफल की जानकारी करता है। 

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प्रश्न 3.
इंटीरियर डिजाइनर को मौजूदा स्थल के भौतिक माप लेने से नक्शा बनाने में क्या सहायता मिलती है?
उत्तर:
इंटीरियर डिजाइनर को निर्मित होने वाले स्थल के भौतिक माप लेने से उसे स्थान का नक्शा बनाने (सेवार्थी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए), भीतरी दीवारों, दरवाजों और खिड़कियों के रूपान्तरण, स्थान के प्रयोजन के आधार पर फर्नीचर रखने तथा फर्श के पैटर्न के प्रकार आदि की रूपरेखा बनाने में सहायता मिलती है।

प्रश्न 4.
'इंटीरियर डिजाइनर परियोजना का अनुमानित बजट तैयार करने में सामग्रियों की लागत, श्रमिक लागत, परिवहन लागत और आंतरिक डिजाइनर द्वारा ली जाने वाली फीस को शामिल करता है।' यहाँ श्रमिक लागत से क्या आशय है? 
उत्तर:
श्रमिक लागत में विभिन्न कारीगरों, जैसे-बढ़ई, पुताई वालों, टाइल लगाने वालों, कलाकारों, तकनीकी कौशल वाले व्यक्तियों, जैसे-सिविल कामगारों और राज मिस्त्रियों, बिजली वालों आदि की सेवाएँ प्राप्त करने की लागत शामिल होती है।

प्रश्न 5.
'कार्य नक्शा' कब और क्यों बनाया जाता है?
उत्तर:
कार्य नक्शा-जब ग्राहक द्वारा बजट को स्वीकृत कर दिया जाता है तो उसके बाद इंटीरियर डिजाइनर 'कार्य नक्शा' बनाता है, जिसमें आयामों के विनिर्देशों के साथ विवरण तैयार किए जाते हैं, ताकि डिजाइनर द्वारा सोची गई और ग्राहक द्वारा पसंद की गई योजना के अनुसार कारीगर स्थान निर्मित कर सके।

प्रश्न 6.
भू-दृश्य डिजाइन को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
भू-दृश्य डिजाइन-भू-दृश्य डिजाइन बाहरी स्थानों का डिजाइन होता है। इसमें प्रकृति के साथ संस्कृति का संयोजन होता है, जिसके लिए पहले क्रमिक रूप से मौजूदा स्थितियों तथा स्थलाकृति का सामाजिक, पारिस्थितिक, भौगोलिक, भू-वैज्ञानिक जैसे अनेक परिप्रेक्ष्यों से परीक्षण और मूल्यांकन किया जाता है और फिर ग्राहक द्वारा वांछित तरीके से विशिष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए डिजाइन विकसित किया जाता है। 

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प्रश्न 7.
भू-दृश्यीकरण के लिए विचारणीय किन्हीं पांच घटकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भू-दृश्यीकरण के लिए विचारणीय पांच प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं-

  • विद्यमान पौधों को, उनकी पानी और धूप की जरूरतों के साथ-साथ वायु के अनावरण के संबंध में, सूचीबद्ध करना। 
  • सूक्ष्म जलवायु जैसे-तापमान के लघु क्षेत्रों, प्रकाश, जल स्थितियों, मृदा अम्लता अथवा मौजूदा पादपों द्वारा निर्मित प्रजाति आवासों पर विचार करना और उनको रिकार्ड करना। 
  • मृदा के नमूने लेकर उनकी अम्लता स्तर की जांच कर तंतु विन्यास, आर्द्रता ग्राह्यता और उर्वरता की जांच करना। 
  • इस बात का निर्धारण करना कि वहाँ कोई भू-क्षरण तो नहीं है तथा भू-क्षरण रोकने वाले भू-दृश्य डिजाइन विकसित करना। 
  • जल की गुणवत्ता को संरक्षित करने के तरीके खोजना तथा ज्ञान के इष्टतम उपयोग के तरीकों का समावेश करना।

प्रश्न 8.
भू-दृश्यीकरण के समय हरित संकल्पनाओं पर विचार करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
एक समझदार भू-दृश्य डिजाइनर निम्न कारणों से पर्यावरण हितैषी तरीकों का समावेशन करने और भू-दृश्य परिवेशो की दीर्घकालिकता को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है-

  • जैव अपशिष्ट कंपोस्ट खाद में बदलने से उर्वरकों पर होने वाला व्यय तथा कीटनाशक/अन्य रासायनिक अवशेष कम हो जाएँगे। 
  • वृक्षों की अधिकता होने से छाया रहती है, ताप कम हो जाता है, वायु और मृदा की गुणवत्ता बेहतर हो जाती है और इससे भू-जलस्तर को बढ़ाने तथा फलदार वृक्षों के फल देने में सहायता मिलती है।

निबन्धात्मक प्रश्न- 

प्रश्न 1.
सुकार्यिकी क्या है? इंटीरियर डिजाइनर को इसकी आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
सुकार्यिकी ( अर्गोनोमिक्स) से आशय-सुकार्यिकी (अर्गोनोमिक्स) मानव और मशीनरी तथा मनुष्यों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपकरणों और कार्य परिवेश के बीच संबंध का विज्ञान है। किसी चीज के सुकार्यिकी कहे जाने का अर्थ है कि उस वस्तु की रचना प्रयास और असुविधा को कम करके, उत्पादकता को अधिकतम बढ़ाने के लिए की गई है। 

सुकार्यिकी का सरोकार कार्य, कार्मिक और कार्य परिवेश के बीच स्वस्थ संबंध से है। दूसरे शब्दों में, मानव, मशीन और परिवेश के बीच संबंध से है।

इंटीरियर डिजाइनर को सुकार्यिकी की आवश्यकता-
किसी स्थान को क्रियाशील, आकर्षक और संतोषजनक बनाने के लिए एक इंटीरियर डिजाइनर को अपने काम में 'सुकार्यिकी उपागम' की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, फर्नीचर का डिजाइन बनाते समय मानवमितीय माप अर्थात् उनकी पहुँच को सुनिश्चित किया जा सके तथा तनाव और थकान को कम किया जा सके। भीतरी परिवेश ताप, ध्वनि, प्रकाश के संदर्भ में सामान्य और कार्य विशिष्ट, दोनों के संबंध में सुविधाजनक और सुरक्षित होना चाहिए।

कार्यालय, स्थानों की सज्जा करते समय इंटीरियर डिजाइनर के लिए विचार करने वाली पहली चीज यह होती है कि उस स्थान का उपयोग किसके लिए किया जाएगा। सुकार्यिकी का सरोकार उपयोग और कार्यक्षमता, दोनों से होता है। इससे उसे उपलब्ध स्थान का श्रेष्ठ संभव उपयोग करने के साथ ही उसको सौंदर्यबोधक और अच्छी शैली का बनाने में सहायता मिलती है।

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प्रश्न 2.
एक व्यावसायिक भू-दृश्य डिजाइनर बनने के लिए आवश्यक विभिन्न प्रकार की जानकारियों के बारे में बताइये। 
उत्तर:
एक व्यावसायिक भू-दृश्य डिजाइनर बनने के लिए आवश्यक जानकारियां-
एक भू-दृश्य डिजाइनर के रूप में, रूपरेखा और डिजाइन बनाने के लिए एक बहु-विषयक उपागम की जरूरत होती है। उसे वनस्पति विज्ञान, बागवानी कला, भू-विज्ञान, पर्यावरणीय मनोविज्ञान, पारिस्थितिकी और जैव विविधता का ज्ञान होना चाहिए। उसे शहर आयोजकों और सिविल अवसंरचना डिजाइनर से बात करनी होती है जिससे कि वह भू-दृश्य डिजाइन को विकसित कर सके। जिन विशिष्ट क्षेत्रों में भू-दृश्य डिजाइन के व्यवसायी को प्रशिक्षित होना चाहिए, वे निम्नलिखित हैं-
(1) डिजाइन-उसे सही तकनीकी नक्शों, ब्लू प्रिंट, ड्राइंग और मॉडल बनाने में काम आने वाली डिजाइन तकनीकों, साधनों तथा उपकरणों के सिद्धान्तों की जानकारी होनी आवश्यक है। 

(2) सुकार्यिकी-उसे सुकार्यिकी की जानकारी और उसके उपयोग का ज्ञान होना चाहिए। 

(3) भवन और निर्माण कार्य-उसे भवनों, इमारतों तथा अन्य संरचनाओं के निर्माण अथवा उनकी मरम्मत में काम आने वाली सामग्रियों, विधियों और उपकरणों की जानकारी होना आवश्यक है। 

(4) संस्थापन-उसे विनिर्देशों के अनुसार उपकरणों, मशीनों, वायरिंग अथवा कार्यक्रम के संस्थापन की जानकारी होना आवश्यक है। 

(5) ललित कलाएँ-उसे दृश्य कलाओं, ड्रामा और मूर्तिकला की रचना तथा निष्पादन कार्य के लिए अपेक्षित सिद्धान्तों तथा तकनीकों की जानकारी होना आवश्यक है। 

(6) व्यावहारिक कौशल-भू-दृश्य डिजाइनर को अनेक व्यावहारिक कौशल भी अर्जित करने चाहिए, जिसमें भाषा, ग्राहक और व्यक्तिगत सेवा शामिल हैं। इससे व्यवसाय और प्रबंधन सिद्धान्तों, कार्यनीति आयोजना, संसाधन आवंटन, मानव संसाधन प्रतिरूपण, नेतृत्व तकनीकों, उत्पादन विधियों, जनशक्ति और संसाधनों के समन्वय की जानकारी प्राप्त करने में सहायता मिलती है। साथ ही उत्पादों और सेवाओं को दिखाने, उन्नयन करने और बिक्री के सिद्धान्तों और विधियों की भी जानकारी मिलती है। उसे भू-दृश्य डिजाइन संबंधी कम्प्यूटर और सॉफ्टवेयर कार्यक्रमों के विकास की भी नवीनतम जानकारी रखनी चाहिए।

(7) भू-दृश्य डिजाइन पाठ्यक्रम-भू-दृश्य डिजाइन पाठ्यक्रम के अन्तर्गत प्रस्तुत किये जाने वाले कुछ विषय निम्नलिखित- 

  • लैंडस्केप वास्तुशिल्प।
  • उद्यान डिजाइन।
  • भू-दृश्य डिजाइन और पारिस्थितिकी।
  • भू-दृश्य आयोजना।
  • भू-दृश्य प्रबंधन। 

भू-दृश्य डिजाइन के क्षेत्र में व्यवसाय की तैयारी के लिए व्यवसायी को भू-दृश्य डिजाइन में पाठ्यक्रम प्रस्तुत करने वाले संस्थानों का पता लगाना चाहिए। प्रत्येक स्तर के लिए योग्यता भिन्न-भिन्न होती है। विभिन्न स्तरों के कुछ पाठ्यक्रम हैं, जैसे-बी. एससी., गृह विज्ञान, एम. एससी., संसाधन प्रबंधन और डिजाइन एप्लीकेशन। इसके अतिरिक्त भू-दृश्य डिजाइन में विशेषज्ञता के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा से लेकर डिग्री पाठ्यक्रमों तक विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जिनमें पर्यावरणीय वास्तुशिल्प में बी. आर्क और एम. आर्क भी शामिल हैं। इन पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालयों, पॉलिटेक्निक संस्थानों, विभिन्न तकनीकी बोर्डों और निजी संस्थानों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।

Prasanna
Last Updated on July 23, 2022, 9:21 a.m.
Published July 22, 2022