Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 16 मानव संसाधन प्रबंधन Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
मानव संसाधन प्रबंधन व्यावसायिकों का कार्य नहीं है-
(अ) कर्मचारियों की भर्ती
(ब) कर्मचारियों का प्रशिक्षण
(स) कर्मचारियों के बच्चों का लालन-पालन
(द) कर्मचारियों की शिकायत निवारण
उत्तर:
(स) कर्मचारियों के बच्चों का लालन-पालन
प्रश्न 2.
कार्य विश्लेषण किया जाता है-
(अ) रोजगार का
(ब) व्यक्ति का
(स) व्यवसायी का
(द) प्रबंधक का
उत्तर:
(अ) रोजगार का
प्रश्न 3.
कार्य विश्लेषण का एक परिणाम है-
(अ) कर्मचारियों का चयन तथा भर्ती
(ब) रोजगार विवरण
(स) कर्मचारी का प्रशिक्षण
(द) कर्मचारी का विकास
उत्तर:
(ब) रोजगार विवरण
प्रश्न 4.
जिसके आधार पर कोई कंपनी कर्मचारियों की भर्ती की योजना बनाती है, वह है-
(अ) योग्य व्यक्तियों की उपलब्धता
(ब) रोजगारं विश्लेषण
(स) रोजगार विवरण
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) रोजगार विवरण
प्रश्न 5.
निम्न में कौनसा कर्मचारियों को दिए जाने वाले स्वास्थ्य हित लाभ के अन्तर्गत नहीं आता है-
(अ) चिकित्सा सेवाएँ
(ब) चिकित्सा बीमा
(स) अपंगता बीमा
(द) पेंशन
उत्तर:
(द) पेंशन
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. भूतकाल में बड़ी संस्थाओं का एक ...................... विभाग होता था जो मुख्य रूप से व्यक्तियों को काम पर रखने का कार्य करता था।
2. किसी भी संस्था का समग्र कार्य निष्पादन तथा लाभकारिता मुख्य रूप से ...................... की कार्यक्षमता तथा कार्य निष्पादन पर निर्भर होती है।
3. मानव संसाधन योजना का सम्बन्ध संस्था के वर्तमान संसाधनों तथा भावी अनुमानित मांगों तथा परिवर्तनों के संदर्भ में संस्था की वर्तमान तथा भावी ................... के निर्धारण से है।
4. रोजगार विवरण ...................... विश्लेषण का एक परिणाम है।
5. भर्ती का अर्थ है-साक्षात्कार तथा परीक्षण आयोजित करके तथा प्रलेखों और संदर्भो का सत्यापन करके, अनेक आवेदकों में से ................. आवेदक का नौकरी के लिए निर्धारण करना।
6. चयन और भर्ती के बाद मानव संसाधन प्रबंधन का अगला प्रमुख कार्य .................... तथा .................. है।
7. अच्छे मानव संसाधन प्रबंधन कौशलों से युक्त व्यक्तियों की आजकल बहुत अधिक ........................ है।
उत्तर:
(1) कार्मिक
(2) मानव संसाधन
(3) आवश्यकताओं
(4) कार्य
(5) सर्वोत्तम
(6) प्रशिक्षण, विकास
(7) माँग
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
'कार्मिक विभाग' क्या कार्य करता था?
उत्तर:
भूतकाल में बड़ी संस्थाओं में एक कार्मिक विभाग होता था जो मुख्य रूप से व्यक्तियों को काम पर रखने, कागजी काम का रख-रखाव करने तथा कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करता था।
प्रश्न 2.
मानव संसाधन विभाग की प्रमुख भूमिकाएँ क्या हैं?
उत्तर:
मानव संसाधन विभाग कर्मचारियों का चयन तथा भर्ती करने, उनकी कार्यक्षमता सुधारने, उन्हें प्रशिक्षण देने तथा उनकी सहायता करने की प्रमु भूमिका निभाता है।
प्रश्न 3.
'प्रतिभा प्रबंधन' से क्या आशय है?
उत्तर:
'प्रतिभा प्रबंधन' पद का प्रयोग मानव संसाधन व्यावसायिकों के क्रियाकलापों द्वारा कर्मचारियों को आकर्षित करने, उनका विकास करने तथा उन्हें संस्था से जोड़े रखने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 4.
किसी संस्था की लाभकारिता किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
किसी भी संस्था का समग्र कार्य निष्पादन तथा लाभकारिता मुख्य रूप से मानव संसाधन की कार्यक्षमता तथा कार्यनिष्पादन पर निर्भर होती है।
प्रश्न 5.
मानव संसाधन विकास से क्या आशय है?
उत्तर:
मानव संसाधन विकास, संस्था के कर्मचारियों के ज्ञान, कौशलों तथा कार्यक्षमताओं में वृद्धि की प्रक्रिया है।
प्रश्न 6.
मानव संसाधन योजना का संबंध किससे है?
उत्तर:
मानव संसाधन योजना का सम्बन्ध संस्था के वर्तमान संसाधनों तथा भावी अनुमानित मांगों तथा परिवर्तनों के संदर्भ में संस्था की वर्तमान तथा भावी आवश्यकताओं के निर्धारण से है।
प्रश्न 7.
कार्य (रोजगार) विश्लेषण क्या है?
उत्तर:
कार्य विश्लेषण किसी विशेष रोजगार को करने के लिए कर्त्तव्यों, उत्तरदायित्वों, आवश्यक कौशलों, परिणामों तथा कार्यपरिवेश की सूचना एकत्रित करने की प्रक्रिया है।
प्रश्न 8.
रोजगार विवरण क्या है?
उत्तर:
कार्य-विश्लेषण (रोजगार विश्लेषण) के अध्ययन से प्राप्त सूचनाओं को रोजगार विवरण में लिखा जाता है। यह कार्य विश्लेषण का एक परिणाम है।
प्रश्न 9.
रोजगार विवरण के आधार पर कोई कंपनी क्या निर्धारित करती है?
उत्तर:
इसके आधार पर कंपनी भर्ती की योजना बनाती है तथा विभिन्न स्तरों के पदों की संख्या व प्रत्येक स्तर के लिए व्यक्तियों की संख्या निर्धारित करती है।
प्रश्न 10.
भर्ती से क्या आशय है?
उत्तर:
भर्ती का अर्थ है-साक्षात्कार तथा परीक्षण आयोजित करके तथा प्रलेखों और संदों का सत्यापन करके सर्वोत्तम आवेदक को नौकरी के लिए निर्धारित करना।
प्रश्न 11.
चयन से क्या आशय है?
उत्तर:
चयन का अर्थ है-उपयुक्त तथा अनुकूल कर्मचारी को नियुक्त करना।
प्रश्न 12.
कर्मचारियों के प्रशिक्षण से क्या आशय है?
उत्तर:
प्रशिक्षण उन अभिवृत्तियों, ज्ञान तथा कौशलों का व्यवस्थित विकास है जो किसी व्यक्ति को दिए गए कार्य को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
प्रश्न 13.
कर्मचारी के विकास से क्या आशय है?
उत्तर:
विकास किसी व्यक्ति की योग्यता, समझ तथा जागरूकता में वृद्धि है।
प्रश्न 14.
किसी संस्था में प्रशिक्षण और विकास की आवश्यकता के कोई दो कारण बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 15.
मानव संसाधन व्यावसायिकों का कोई एक महत्वपूर्ण कार्य लिखिये।
उत्तर:
मानव संसाधन व्यावसायिकों का एक महत्वपूर्ण कार्य है-सही काम पर सही कर्मचारी को कायम रखना।
प्रश्न 16.
किसी संस्था में वेतन प्रणाली के विकास, कर्मचारी की गुणवत्ता, प्रतिधारण, संतुष्टि तथा प्रोत्साहन के लिए कौन उत्तरदायी है?
उत्तर:
मानव संसाधन प्रबंधन विभाग।
प्रश्न 17.
किसी संस्था में अच्छे कर्मचारियों को अपने यहाँ रोके रखने तथा दूसरों को आकर्षित करने के लिए किस ओर ध्यान दिया जाता है?
उत्तर:
संस्था में अच्छे कर्मचारियों को रोके रखने तथा दूसरों को आकर्षित करने के लिए उनके मानसिक व शारीरिक कल्याण की ओर ध्यान दिया जाता है।
प्रश्न 18.
मानव संसाधन व्यावसायिकों के लिए आवश्यक कोई दो अपेक्षाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 19.
मानव संसाधन प्रबंधन में जीविका के कोई दो विकल्प लिखिए।
उत्तर:
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
मानव संसाधन प्रबंधन का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
मानव संसाधन प्रबंधन का प्राथमिक उद्देश्य कर्मचारियों के कार्य तथा जीवन की दशाओं में सुधार करके संस्था की उत्पादकता को अधिकतम करने को सुनिश्चित करना, उन्हें अत्यावश्यक तथा महत्वपूर्ण संसाधन की भांति मानना तथा उन्हें यथासंभव प्रभावी बनने में सहायता करना है। इस प्रयास में, मानव संसाधन प्रबंधन वैयक्तिक विकास, कर्मचारी की संतुष्टि तथा नियम-विनियमों के पालन पर ध्यान केन्द्रित करता है।
प्रश्न 2.
संस्था की आवश्यकताओं तथा व्यक्तियों की क्षमताओं के उचित तालमेल को देखने के लिए प्रबंधक वर्ग को क्या करना चाहिए?
उत्तर:
संस्था की आवश्यकताओं तथा व्यक्तियों की क्षमताओं के उचित तालमेल का अनुमान लगाने के लिए प्रबंधक वर्ग को निम्न संभावनाओं पर ध्यान देना चाहिए-
(i) उन्हें यह देखना चाहिए कि कुछ व्यक्ति अर्हता प्राप्त हो सकते हैं, लेकिन हो सकता है कि जिस विशेष कार्य को करने की उनसे अपेक्षा की गई है, उसके लिए वे उचित रूप से प्रशिक्षित न हों। ऐसी स्थिति में उन्हें अतिरिक्त प्रशिक्षण तथा अधिक शिक्षा देनी चाहिए।
(ii) यह भी संभव है कि सक्षम कर्मचारी सदैव सक्षम न रहें। इसलिए संस्था के साथ काफी लम्बे समय से जुड़े और अच्छा कार्य करने वाले व्यक्तियों को भी कार्य परिवेश में नयी चुनौतियों का सामना करने के लिए क्षमता निर्माण तथा कौशलों के विकास की आवश्यकता हो सकती है।
प्रश्न 3.
जन शक्ति योजना क्यों और किस प्रकार बनाई जाती है?
उत्तर:
किसी संस्था में जनशक्ति की मांग तथा पर्ति को संतलन में लाने के लिए उचित कदम उठाने की योजना बनाई जाती है। इसके पहले चरण में वर्तमान कर्मचारियों के विवरण का व्यापक चित्र तैयार किया जाता है। इसके बाद अगले 5 या 10 वर्ष की आवश्यकताओं का निर्धारण करने के लिए कर्मचारियों के योजनाबद्ध आवागमन, सेवानिवृत्तियों, सामान्य आवर्त आदि को समय सीमाओं के अनुरूप संस्थागत योजना के अनुसार संशोधित किया जाता है।
योजना के अगले चरण में कार्य का विश्लेषण कर रोजगार विवरण तैयार किया जाता है। इसके आधार पर कंपनी . भर्ती की योजना बनाती है और पदों को विज्ञापित करने के लिए विभिन्न पदानुक्रमिक स्तरों पर पदों की संख्या, प्रत्येक पद के लिए व्यक्तियों की संख्या निर्धारित की जाती है।
विज्ञापन के प्रत्युत्तर में आवेदन प्राप्त होने के पश्चात, मानव संसाधन विभाग आवेदन पत्रों की छानबीन कर साक्षात्कार के लिए उपयुक्त आवेदकों की लघु सूची तैयार करता है।
इसके अगले चरण में कर्मचारियों का चयन तथा भर्ती की जाती है।
प्रश्न 4.
रोजगार विवरण क्या है?
उत्तर:
किसी संस्था के निर्धारित कार्यों के विश्लेषणात्मक अध्ययन से प्राप्त सूचनाओं को रोजगार विवरण में लिखा जाता है जिससे कि यह निर्धारित किया जा सके कि आवेदकों में कौनसी शारीरिक तथा मानसिक विशेषताएँ अवश्य होनी चाहिए, कौनसे गुण तथा अभिवृत्तियाँ वांछनीय हैं और कौनसी विशेषताएँ हानिप्रद हैं।
इस रोजगार विवरण के आधार पर कंपनी भर्ती की योजना बनाती है और पदों को विज्ञापित करने के लिए विभिन्न पदानुक्रम स्तरों पर पदों की संख्या, प्रत्येक पद के लिए व्यक्तियों की संख्या निर्धारित की जाती है।
प्रश्न 5.
किसी संस्था को अपने कार्यबल को लगातार परखने तथा वर्तमान सेवा में उनके कार्य निष्पादन को जांचने की आवश्यकता किन कारणों से होती है?
उत्तर:
किसी भी संस्था को अपने कार्यबल को लगातार परखने तथा वर्तमान सेवा में उनके कार्य निष्पादन को जांचने की आवश्यकता निम्नलिखित तीन कारणों से होती है-
प्रश्न 6.
विनियमों के अनुपालन में क्या-क्या शामिल है?
उत्तर:
किसी संस्था में विनियमों के अनपालन में निम्नलिखित शामिल हैं-
(क) सरकार (केन्द्र तथा राज्य सरकारों) तथा नगरपालिका के कानूनों तथा विनियमों का अनुपालन।
(ख) प्रबंधक वर्ग तथा यूनियनों के बीच पारस्परिक क्रिया।
(ग) कर्मचारी का व्यवहार तथा अनुशासन/अनुशासनहीनता की स्थिति में कर्मचारी के.व्यवहार को परिवूतत करने के प्रयत्न किए जाते हैं, अच्छे व्यवहार के लिए प्रोत्साहन दिये जाते हैं।
प्रश्न 7.
मानव संसाधन प्रबंधन के कर्मचारियों की सुरक्षा तथा स्वास्थ्य संबंधी उत्तरदायित्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव संसाधन प्रबंधन विभाग का एक मुख्य उत्तरदायित्व अपने सभी कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित है, जिसमें कार्यस्थलों पर खतरों से बचाव भी शामिल है। व्यावसायिक सुरक्षा तथा स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, दुर्घटना/चोट/मृत्यु की स्थिति में कर्मचारी के लिए मुआवजे से संबंधित विनियम बनाए गए हैं।
प्रश्न 8.
मानव संसाधन प्रबंधन वर्ग के कर्मचारियों के वेतन आदि तथा हित लाभों सम्बन्धी कार्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव संसाधन प्रबंधन का कर्मचारियों के वेतन आदि तथा हित लाभों की व्यवस्था करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसमें कर्मचारियों का वेतन तथा प्रोत्साहन देना सम्मिलित है। यथा-
(1) मानव संसाधन प्रबंधन विभाग वेतन प्रणाली के विकास, कर्मचारी की गुणवत्ता, प्रतिधारण, संतुष्टि तथा प्रोत्साहन (बोनस आदि) के लिए उत्तरदायी है।
(2) कर्मचारियों को दिए गए हितलाभ, जैसे-सेवानिवृत्ति-उपरांत दी जाने वाली पेंशन, ग्रेच्युटी, भविष्य निधि, सेवानिवृत्ति निवेश योजना, कर प्रोत्साहन, स्वास्थ्य हित लाभ, जैसे-चिकित्सा सेवाएँ, चिकित्सा बीमा, अपंगता बीमा, दीर्घावकाश, छुट्टियाँ, कंपनी के शेयरों में कर्मचारियों का स्वामित्व आदि मानव संसाधन प्रबंधन विभाग क्षेत्र में आते हैं।
प्रश्न 9.
विभिन्न कंपनियाँ उत्तम कार्य निष्पादन करने वाले कर्मचारियों को संस्था में रोके रखने के लिए क्या-क्या कार्य नीतियाँ उपयोग में लाती हैं?
उत्तर:
उत्तम कार्य निष्पादन करने वाले कर्मचारियों को संस्था में बनाए रखने या रोके रखने के लिए विभिन्न कंपनियां भिन्न-भिन्न कार्य नीतियाँ उपयोग में लाती हैं। यथा-
(1) पुरस्कार या प्रतिपूर्ति पैकेज-कुछ कंपनियाँ पुरस्कार या प्रतिपूर्ति पैकेज के रूप में वित्तीय या अन्य प्रोत्साहन देती हैं, जैसे-पूरे परिवार के लिए सवेतन अवकाश या बच्चों की शिक्षा के लिए वित्तीय पैकेज, परिधान सुविधाएँ, महँगी कारों के रूप में हितलाभ, ड्राइवर के वेतन के रूप में वित्तीय प्रतिपूर्ति, पेट्रोल व्यय, चिकित्सा खर्च, आवास आदि।
(2) अच्छा संप्रेक्षण-सकारात्मक कार्य परिवेश बनाए रखने के लिए, जहां अच्छे कार्य निष्पादन के लिए कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाता है, वहाँ अच्छा संप्रेषण भी स्थापित किया जाता है।
(3) उत्सवों का आयोजन-सकारात्मक कार्य परिवेश केवल दैनिक आधार पर ही नहीं दिया जाता, बल्कि सभी धार्मिक सम्प्रदायों के व्यक्तियों के लिए भी दिया जाता है, कार्यक्रमों को एकत्र होकर एक साथ मनाया जाता है, पिकनिक, महिलाओं के लिए सामाजिक क्लब और अन्य अनेक उत्सव आयोजित किये जाते हैं।
प्रश्न 10.
किसी संस्था में मानव संसाधन प्रबंधन के महत्व (योगदान)को उल्लेखित कीजिए।
उत्तर:
किसी संस्था में मानव संसाधन प्रबंधन के महत्व (योगदान) को निम्न प्रकार उल्लेखित किया गया है-
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
मानव संसाधन विभाग के कार्यों को एक चार्ट में दिग्दर्शित कीजिए।
उत्तर:
मानव संसाधन विभाग के कार्य-मानव संसाधन विभाग के कार्यों को निम्न चार्ट में दिग्दर्शित किया गया है।
प्रश्न 2.
मानव संसाधन प्रबंधन में जीविका की तैयारी हेतु व्यक्ति को क्या करना चाहिए?
उत्तर:
मानव संसाधन प्रबंधन में जीविका की तैयारी-
संस्थाओं को मानव संसाधन प्रबंधन में प्रशिक्षित दक्ष व्यावसायिकों की आवश्यकता रहती है। इस क्षेत्र में जीविका की तैयारी के लिए निम्न शिक्षण-प्रशिक्षण की आवश्यकता है-
(1) डिग्री तथा डिप्लोमा-अनेक विश्वविद्यालयों, मानित विश्वविद्यालयों, गैर-सरकारी व सरकारी कॉलेजों तथा अन्य संस्थाओं द्वारा मानव संसाधन प्रबंधन के डिग्री तथा डिप्लोमा, दोनों ही स्तरों के पाठ्यक्रमों को चलाया जाता है।
(2) स्नातकोत्तर डिग्री तथा डिप्लोमा-मानव संसाधन प्रबंधन के स्नातकोत्तर डिग्री तथा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री प्राप्त उम्मीदवार को पात्र माना जाता है। मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पढ़ने के इच्छुक उम्मीदवारों को भारत में पत्राचार द्वारा पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों को मिलाकर अनेक विकल्प उपलब्ध हैं। आप किसी संस्था में कार्य करते हुए पत्राचार द्वारा मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का अध्ययन कर सकते हैं।
जो छात्र मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम को करेंगे वे प्रशिक्षण तथा विकास, प्रबंधन के परिप्रेक्ष्य, कर्मचारी क्षतिपूर्ति प्रबंधन, श्रमिक कल्याण तथा सामाजिक सुरक्षा, मानव संसाधन प्रबंधन तथा संगठनात्मक व्यवहार जैसे क्षेत्रों में गहन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। .
(3) रोजगार, भर्ती तथा स्थान से संबद्ध जीविकाएँ-रोजगार, भर्ती तथा स्थान से संबद्ध कुछ जीविकाएँ हैं। प्रशिक्षकों तथा अभिविन्यास विशेषज्ञों द्वारा प्रायः प्रशिक्षण तथा विकास विशेषज्ञता कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। छोटे संगठन कम व्यक्तियों की भर्ती कर सकते हैं, जिन्हें मानव संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र के अलावा भी अन्य क्षेत्रों में भी कार्य करना पड़ सकता है। बड़े संगठनों में मानव संसाधनं प्रबंधन के प्रत्येक विशेष क्षेत्र का कार्य विभिन्न व्यक्तियों को सौंपा जा सकता है।
प्रश्न 3.
मानव संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में जीविका के विकल्पों का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
मानव संसाधन प्रबंधन क्षेत्र में जीविका के विकल्प
मानव संसाधन प्रबंधन क्षेत्र में जीविका का मार्ग, मानव संसाधन की तकनीकी नौकरी से वरिष्ठ मानव संसाधन प्रबंधक के पद की ओर ले जाता है, जैसे-क्षतिपूर्ति प्रबंधक, उपाध्यक्ष श्रमिक संबंध, रोजगार निदेशक तथा अन्य। अधिकांश छात्र प्रबंधन के सामान्य क्षेत्र का अध्ययन करना पसंद करते हैं। वे या तो मानव संसाधन में पत्रकार बनने के लिए प्रशिक्षित किये जाते हैं, या संगठन विकास प्रशिक्षण तथा विकास, श्रमिक सम्बन्धों तथा क्षतिपर्ति और में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं।
इस क्षेत्र में व्यावसायिकों के लिए जीविका के कुछ विकल्प निम्नलिखित हैं-
(1) निगमित (कॉरपोरेट) मानव संसाधन प्रबंधक-निगमित क्षेत्रों में मानव संसाधन प्रबंधक की भूमिका संगठन के लिए अर्हता प्राप्त उपयुक्त स्टॉफ को खोजना, चयन करना और भर्ती करना होती है। इसका सरोकार स्टाफ के विकास, प्रोत्साहन तथा प्रशिक्षण से भी है, जिससे कि उनको अधिकतम संतुष्टि प्राप्त हो और कुल बिक्री अधिकतम हो।
प्रायः बड़े संगठन प्रबंधन में स्नातक डिग्री वालों को मानव संसाधन प्रबंधन के कनिष्ठ संवर्ग में ले लेते हैं या किसी एम.बी.ए. योग्यता वाले को प्रायः मध्य स्तर/वरिष्ठ पदस्थिति में लेने का मानदण्ड अपनाते हैं।
(2) प्रशिक्षित तथा विकास में विशेषज्ञ व्यावसायिक-कछ ऐसी कंपनियां/संगठन हैं जिनकी प्रशिक्षण तथा विकास में व्यवसाय के रूप में विशेषज्ञता है। प्रशिक्षण तथा विकास टीम का कार्य मुख्य रूप से प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित' करना है। दूसरे शब्दों में ऐसे मानव संसाधन प्रबंधकों को प्रशिक्षित करना है, जो बाद में अपने संगठन के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करते हैं और उन्हें कुछ विशेष कौशल प्रदान करते हैं। वे प्रायः 'व्यावहारात्मक कौशलों' आदि पर कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं।
(3) भर्ती परामर्शदाता-यदि किसी व्यक्ति के पास भर्ती परामर्श देने की योग्यता है तो प्रतिष्ठित रोजगार सहायक परामर्श संस्थाएं या भर्ती एजेंसियाँ भी उसकी सेवाएँ भाड़े पर ले सकती हैं। भर्ती परामर्श एक अत्यन्त लाभकारी तथा सफल क्षेत्र है। भारत में अनेक भर्ती परामर्श फर्मे हैं।
भर्ती परामर्शदाता बनने की सामान्य अर्हताएँ-मानव संसाधन में विशेषज्ञता के साथ एम.बी.ए. है।
(4) मानव संसाधन परामर्शदाता-मानव संसाधन परामर्श एक उभरता हआ क्षेत्र है, जहाँ संगठन मानव संसाधन परामर्शदाताओं की सेवाओं को, संगठन के व्यक्तियों से संबंधित समस्याओं का हल ढूँढने में काम में लेते हैं।
उन संगठनों के लिए जिन्हें पुनः संरचना की आवश्यकता होती है, मानव संसाधन परामर्शदाता यह निश्चय करने में सहायता करते हैं कि किनकी सेवाएं बनाए रखने/ समाप्त करने/आगे जारी न रखने की या किसकी पदोन्नति की आवश्यकता है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में जब स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की योजनाएँ घोषित की जाती हैं, तो उस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए मानव संसाधन परामर्शदाता की सेवाएं ली जाती हैं।
(5) जीविका परामर्श-मानव संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में उन गैर-सरकारी संस्थाओं/विद्यालयों/कॉलेजों द्वारा दी जाने वाली सशुल्क सेवाएं सम्मिलित हैं, जो अपने छात्रों को जीविका परामर्श की सुविधा प्रदान करते हैं।
अनेक वद्यालय तथा महाविद्यालय उन विद्यार्थियों के लिए, जो अपनी जीविका का क्षेत्र चुनने के मोड पर खडे हैं, व्यावहारिक परीक्षाओं का संचालन करने के लिए परामर्शदाताओं की सेवाएँ लेते हैं। वे व्यावहारिक परीक्षाओं का संचालन करते हैं, जिनसे छात्रों को अपने समग्र कौशलों का ज्ञान होने और जो क्षेत्र उनके लिए सेवा आरंभ करने के लिए आदर्श हैं, उनका पता लगाने में सहायक हों।
(6) शैक्षिक संस्थाएँ-शिक्षा तथा अनुसंधान सेवाएँ-यदि कोई व्यक्ति अकादमिक क्षेत्र में रुचि रखता है और मानव संसाधन विषय को पढ़ाने के लिए उत्सुक है, तो मानव संसाधन, प्रशिक्षण तथा विकास या संगठनात्मक व्यवहार की विशेषज्ञता सहित स्नातकोत्तर उपाधि सर्वोत्तम विकल्प है। इसके पश्चात यदि उसी क्षेत्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर ली जाए तो आप किसी भी संस्था में मानव संसाधन या संगठनात्मक व्यवहार पढ़ाने की पात्रता प्राप्त कर लेंगे।