Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 15 संस्थाओं में वस्त्रों की देख-भाल और रख-रखाव Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
निम्न में जो वस्त्रों की धुलाई करने का उपकरण नहीं है, वह है-
(अ) बाल्टी
(ब) रगड़ने के तख्ते तथा ब्रुश
(स) शुष्कक
(द) धुलाई-मशीन
उत्तर:
(स) शुष्कक
प्रश्न 2.
निम्न में जो वस्त्रों के सुखाने का उपकरण है, वह है-
(अ) शुष्कक
(ब) इस्तरी
(स) धुलाई मशीन
(द) डिटरजेंट
उत्तर:
(अ) शुष्कक
प्रश्न 3.
धुलाई मशीन की विधि है-
(अ) आलोडन
(ब) स्पंदन
(स) अपवातन
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4.
निम्न में जो धुलाई मशीन में जल-निष्कर्षण का तरीका नहीं है, वह है-
(अ) चक्रण
(ब) स्पंदन
(स) तली निकास
(द) तली निकास और चक्रण का संयोजन
उत्तर:
(ब) स्पंदन
प्रश्न 5.
अस्पताल के धुलाई घर में विशेष ध्यान रखा जाता है-
(अ) स्वच्छता और विसंक्रमण का
(ब) रंगों का
(स) पक्के धब्बों का
(द) वस्त्रों की सुसज्जा का
उत्तर:
(अ) स्वच्छता और विसंक्रमण का
प्रश्न 6.
अस्पताल में प्रतिदिन धुलाई के वस्त्रों में जो सम्मिलित नहीं होते, वे हैं-
(अ) बिस्तर की चादरें
(ब) कंबल
(स) रोगियों की पोशाकें
(द) डॉक्टरों की पोशाकें
उत्तर:
(ब) कंबल
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. वस्त्रों की धुलाई एक विज्ञान है क्योंकि यह वैज्ञानिक सिद्धान्तों और तकनीकों के ................ पर आधारित है।
2. वस्त्रों की धुलाई एक कला है क्योंकि सौंदर्यपरक रुचिकर परिणाम प्राप्त करने के लिए इसके अनुप्रयोग में कुछ ..................... से संबंधित निपुणता की आवश्यकता होती है।
3. घरेलू स्तर पर अधिकांश धुलाई ..................... से की जाती है।
4. हाथ से धुलाई में बाल्टियों, चिलमचियों, तसलों और रगड़ने के तख्तों और ब्रुशों जैसे ..................... का प्रयोग किया जाता है।
5. .................... धुलाई की मशीन में प्रत्येक चक्र के साथ खंगालने का पानी भरना और निकालना पड़ता
6. ..................... धुलाई मशीन में 50 प्रतिशत या अधिक काम प्रचालक को हाथ से करना पड़ता है।
उत्तर:
(1) अनुप्रयोगों,
(2) कौशलों,
(3) हाथ,
(4) उपकरणों,
(5) अर्ध-स्वचालित,
(6) हस्तचालित
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
विभिन्न वस्त्रों की देखरेख और रखरखाव किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
वस्त्रों की देखरेख उनके रेशों की मात्रा, धागे के प्रकार, वस्त्र निर्माण की तकनीकों, वस्त्रों की सुसज्जा तथा उन्हें कहाँ उपयोग में लाना है, पर निर्भर करता है।
प्रश्न 2.
वस्त्रों की देखरेख और रखरखाव की प्रमुख गतिविधियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
वस्त्रों की देखरेख तथा रखरखाव की प्रमुख गतिविधियाँ ये हैं-
प्रश्न 3.
हाथ से वस्त्रों की धुलाई में आने वाले उपकरणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
धुलाई की मशीन के कितने प्रकार के मॉडल उपलब्ध है?
उत्तर:
धुलाई की मशीन के दो प्रकार के मॉडल उपलब्ध हैं-
प्रश्न 5.
धुलाई की मशीनें कितने प्रकार की हो सकती हैं?
उत्तर:
धुलाई की मशीनें तीन प्रकार की हो सकती हैं-
प्रश्न 6.
स्वचालित मशीनों में कितने प्रचलन होते हैं?
उत्तर:
स्वचालित मशीनों में ये प्रचलन होते हैं-
प्रश्न 7.
धुलाई मशीन में जल के तापमान का नियंत्रण कैसे किया जाता है?
उत्तर:
धुलाई-मशीन में एक बटन, डायल अथवा पैनल सूचक होता है जो जल के वांछित दाब व तापमान का चयन करने में सहायक होता है।
प्रश्न 8.
यदि कपड़ों को अच्छी तरह खंगाला नहीं जाएगा. तो वस्त्र पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
धुलाई की प्रक्रिया में यदि कपड़ों को अच्छी तरह खंगाला नहीं जाएगा तो वे मटमैले दिखाई देंगे तथा उनकी बुनावट कड़ी हो सकती है।
प्रश्न 9.
धुलाई और खंगालने की प्रक्रिया के बाद वस्त्र धुलाई में क्या किया जाता है?
उत्तर:
धुलाई और खंगालने की प्रक्रिया के बाद जल को मशीन से निकाल दिया जाता है।
प्रश्न 10.
वस्त्रों को कब और किस प्रकार सुखाया जाता है?
उत्तर:
वस्त्रों को धुलाई के बाद उन्हें सामान्यतः खुले में धूप में सुखाया जाता है। इसके अलावा व्यापारिक और संस्थागत स्तरों पर वस्त्रों को शुष्ककों (ड्रापर) के द्वारा सुखाया जाता है।
प्रश्न 11.
इस्तरी करना क्या है?
उत्तर:
इस्तरी करना एक प्रक्रिया है, जिससे वस्त्रों को धोते व सुखाते समय पड़ने वाली सलवटों को समतल किया जाता है।
प्रश्न 12.
इस्तरी को गरम किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
अधिकांश मामलों में इस्तरी को गरम विद्युत से किया जाता है लेकिन भारत में अभी भी कोयले से भी इस्तरियां गरम की जाती हैं।
प्रश्न 13.
कोयले से इस्तरी किस प्रकार गरम की जाती है?
उत्तर:
कोयले की इस्तरी एक ढक्कनदार धातु के बक्से की तरह होती है, जिसमें इस्तरी को गरम करने के लिए जलते हुए कोयले के टुकड़े रखे जाते हैं।
प्रश्न 14.
घरेलू उपयोग के किन वस्त्रों को धुलाई हेतु व्यावसायिक धुलाईघरों में भेजा जाता है?
उत्तर:
घरेलू लिनेन के बने वस्त्रों तथा कुछ विशिष्ट रेशों से बने व जरी वाले वस्त्रों को व्यावसायिक धुलाईघरों में भेजा जाता है।
प्रश्न 15.
ऐसे किन्हीं तीन संस्थानों का उल्लेख कीजिए जिनके अपने धुलाई विभाग होते हैं।
उत्तर:
प्रश्न 16.
संस्थाओं के धुलाई.विभाग क्या काम करते हैं?
उत्तर:
संस्थाओं के धुलाई विभाग वस्त्रों को व्यवस्थित रूप से इकट्ठा करते हैं तथा उनकी धुलाई और समय पर धुले वस्त्रों की सुपुर्दगी करते हैं।
प्रश्न 17.
कौनसी ऐसी दो संस्थाएं होती हैं जिनके अन्दर वस्त्रों की धुलाई और रखरखाव की अपनी व्यवस्था होती है?
उत्तर:
ये संस्थाएँ होटल और अस्पताल हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
स्पष्ट कीजिए कि वस्त्रों की धुलाई एक विज्ञान और कला दोनों है?
उत्तर:
वस्त्रों की धुलाई एक विज्ञान और कला दोनों है। यह विज्ञान है क्योंकि यह वैज्ञानिक सिद्धान्तों और तकनीकों के अनुप्रयोगों पर आधारित है। यह एक कला भी है, क्योंकि सौंदर्यपरक रुचिकर परिणाम प्राप्त करने के लिए इसके अनुप्रयोग में कुछ कौशलों से संबंधित निपुणता की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
घरेलू स्तर पर धुलाई किससे तथा किन उपकरणों की सहायता से की जाती है?
उत्तर:
घरेलू स्तर पर, अधिकांश धुलाई हाथ से की जाती है जिसमें बाल्टियों, चिलमचियों, तसलों और रगड़ने के तख्तों और ब्रुशों जैसे उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। कुछ मामलों में, घरेलू धुलाई में धुलाई की मशीनों का भी प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 3.
धुले वस्त्रों को सुखाने के उपकरण तथा प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
धुले वस्त्रों को सुखाने के उपकरण-सामान्यतः वस्त्रों को खुले में/धूप में सुखाया जाता है। इसके अतिरिक्त व्यापारिक और संस्थागत स्तरों पर वस्त्रों को सुखाने के लिए शुष्ककों (ड्रापर) का प्रयोग किया जाता है।
शुष्ककों में परिचालन-शुष्ककों में दो प्रकार के परिचालन होते हैं-
(1) अपेक्षाकृत निम्न तापमान की वायु को उच्च वेग से परिचालित किया जाता है। कमरे की वायु शुष्कक में सामने के पैनल के नीचे से प्रवेश करती है. ऊष्मा के स्रोत के ऊपर से प्रवाहित होती हुई एक निकास नली से बाहर निकल जाती है। इससे कमरे का तापमान और आर्द्रता सामान्य बनी रहती है।
धीरे-धीरे परिचालित की जाती है। इसमें वायु जब शुष्कक में प्रवेश करती है और ऊष्मा के स्रोत के ऊपर से गुजरती है तो इसे शुष्कक की शीर्ष पर स्थित छिद्रों के माध्यम से एक छोटे पंखे द्वारा खींच लिया जाता है, फिर नीचे की ओर वस्त्रों के बीच से गुजरते हुए निकास नली द्वारा बाहर भेज दिया जाता है, क्योंकि शुष्ककों में वायु की गति धीमी होती है। अतः निष्कासित वायु की आर्द्रता उच्च होती है।
प्रश्न 4.
इस्तरी करने तथा प्रेस गरम करने पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
इस्तरी करना-अधिकांश घरों में इस्तरी करने के लिए एक अस्थायी या स्थायी स्थान होता है। इस्तरी करने से वस्त्रों को प्रयोग में लाते या धोते समय पड़ने वाली सिलवटों को समतल किया जाता है। इससे पोशाक की बाँहों पर, पेंट पर और चुन्नट वाली स्कर्ट में क्रीज डालने में मदद मिलती है। इस्तरी का भार 1.5 से 3.5 किग्रा तक हो सकता है। घरेलू उपयोग के लिए हल्की इस्तरियाँ पसंद की जाती हैं। भारी वस्तुओं जैसे-परदे, चादर इत्यादि के लिए भारी इस्तरियों की आवश्यकता होती है।
इस्तरी गरम करना-इस्तरी में चिकनी धात्विक सतह होती है जिसे गरम किया जाता है। अधिकांश विद्युत इस्तरियों में उनके भीतर ही तापस्थायी बना होता है जो कपड़े के लिए उपयुक्त ताप का समायोजन कर देता है।
प्रश्न 5.
परिवार में काम आने वाली पोशाकों और घरेलू वस्तुओं की धुलाई कितने स्तरों पर की जा सकती है?
उत्तर:
परिवार में काम आने वाली पोशाकों और घरेलू वस्त्रों की धुलाई अनेक स्तरों पर की जा सकती है। यथा-
(1) घरेलू स्तर पर-घरेलू स्तर पर धुलाई द्वारा वस्त्रों और दैनिक उपयोग की छोटी-छोटी वस्तुओं का ध्यान रखा जाता है।
(2) लांड्रियों द्वारा धुलाई-घरेलू लिनेन की बड़ी वस्तुएँ और कुछ विशेष वस्तुएँ व्यावसायिक धुलाईघरों (लांड्रियों) में भेज दी जाती हैं।
(3) वैयक्तिक व्यावसायिक कार्यकर्ता (धोबी) के स्तर पर धुलाई-कभी-कभी व्यवसायी व्यक्ति की सेवाएँ भाड़े पर ली जाती हैं, जो धोने और/अथवा इस्तरी और उन्हें सुसज्जा करने के लिए घर से है। इस प्रकार के व्यवसायी को प्रायः धोबी कहा जाता है। ये व्यवसायी घरों, विद्यार्थियों के छात्रावास, छोटे होटलों में अपनी सेवाएं देते हैं। वे सामान्यतः अपने घरों में काम करते हैं। धुलाई के लिए वे शहरों और नगरों में विशिष्ट निर्दिष्ट स्थानों का उपयोग करते हैं, जिन्हें धोबी घाट कहा जाता है।
प्रश्न 6.
वैयक्तिक व्यावसायिक धुलाईघरों या निर्जल धुलाई की दुकानों (लांड्रियों या ड्राइक्लिनिंग शाप्स) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वैयक्तिक धुलाई व्यवसाय के कार्यकर्ताओं की संकल्पना धुलाईघरों या निर्जल धुलाई की दुकानों में विकसित हुई। यहाँ ग्राहक धुलवाने के लिए वस्त्र लाते हैं और कुछ दिन बाद धुले हुए और इस्तरी किए हुए वस्त्रों को ले जाते हैं।
इन धुलाईघरों में वस्त्रों को लाने वाले ग्राहक कोई व्यक्ति या कोई संस्था हो सकती है।
कुछ धुलाईघर ग्राहक से सामग्री लेने और पहुँचाने की सेवाएँ भी देते हैं। ये विशेष रूप से छात्रावासों, छोटे होटलों, रेस्टोरेंटों और छोटे अस्पतालों एवं नर्सिंग होम्स जैसी संस्थाओं के लिए होते हैं।
प्रश्न 7.
व्यावसायिक धुलाईघरों में कौन-कौन से उपकरण होते हैं?
उत्तर:
व्यावसायिक धुलाईघरों में बड़े-बड़े उपकरण होते हैं और अधिक संख्या में होते हैं। यथा-
(1) धुलाई की बड़ी मशीनें-इन धुलाईघरों में धुलाई की बड़ी-बड़ी मशीनें होती हैं। इन मशीनों में एक चक्र में 100 किग्रा या अधिक भार (घरेलू धुलाई मशीनों के 5-10 किग्रा भार की तुलना में) लेने की क्षमता होती है।
(2) निर्जल धुलाई मशीनें-इन धुलाईघरों के पास निर्जल-धुलाई के लिए अलग मशीनें होती हैं।
(3) अन्य उपकरण-उक्त मशीनों के अतिरिक्त इन धुलाईघरों में-
प्रश्न 8.
व्यावसायिक धुलाईघरों में रिकार्ड रखने की पद्धति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
रिकॉर्ड रखने की पद्धति-सभी धुलाई के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में रिकॉर्ड रखने की एक पद्धति होती है। यह पद्धति निम्न प्रकार से है-
प्रश्न 9.
किन प्रकार की संस्थाओं के संचालन हेतु वस्त्रों की धुलाई व उनका उचित रख-रखाव आवश्यक होता है?
उत्तर:
अस्पतालों, जेलों और होटलों जैसी बड़ी संस्थाओं को बिछाने के साफ कपड़ों, काम करने के कपड़ों या वर्दियों की लगातार आवश्यकता रहती है और सामान्यतः इनके धुलाई विभाग होते हैं। इन संस्थाओं के संचालन के लिए वस्त्रों को व्यवस्थित रूप से इकट्ठा करना, उनकी धुलाई और समय पर सुपुर्दगी करना बहुत आवश्यक होता है।
प्रश्न 10.
अस्पतालों में धुलाई घर के कार्य करने की प्रक्रिया को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
अस्पतालों में धुलाई घर के कार्य करने की प्रक्रिया
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
धुलाई की मशीनों के मॉडल, प्रकार तथा स्वचालित मशीनों के प्रचलनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
धुलाई की मशीनें
धुलाई की मशीनों का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है-
(अ) धुलाई की मशीनों के मॉडल-धुलाई की मशीनों के दो प्रकार के मॉडल उपलब्ध हैं-
(ब) मशीनों के प्रकार-धुलाई की मशीनें तीन प्रकार की हो सकती हैं। यथा-
स्वचालित मशीनों के प्रचलन
स्वचालित मशीनों के निम्नलिखित प्रचलन होते हैं-
(1) जल भरना-स्वचालित मशीनों में सबसे पहले जल भरना होता है। यह कार्य मशीनों में अपने-आप होता है।
(2) जल स्तर नियंत्रण-स्वचालन मशीनों में जल स्तर नियंत्रण भी एक महत्वपूर्ण विशेषता है। जल का स्तर स्वचालन अथवा हस्तचालन द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
(3) जल के तापमान का नियंत्रण-स्वचालित मशीन में एक बटन, डायल अथवा पैनल सूचक होता है जो जल के वांछित दाब का चयन करने में सहायक होता है। धोने और खंगालने का तापमान समान या भिन्न हो सकता है।
(4) धुलाई-धुलाई की सभी मशीनों का सिद्धान्त है कि वे धोने वाले घोल में कपड़ों से गंदगी हटाने के लिए कपड़ों को गतिशील रखें। कपड़ों को गतिशील रखने की प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं-
इसमें प्रत्येक चक्कर के साथ कपड़े ऊपर तक ले जाए जाते हैं और फिर धुलाई वाले जल में गिरा दिए जाते हैं। इसका अर्थ है-कपड़े जल में से गुजरते हैं, बजाए इसके कि जल कपड़े से गुजरे।।
(5) खंगालना (रिसिंग)-धुलाई के चक्र में यह एक महत्वपूर्ण चरण है। यदि कपड़ों को अच्छी तरह खंगाला न जाए, तो वे मटमैले दिखाई देते हैं और उनकी बुनावट कड़ी हो सकती है।
(6) जल निष्कर्षण-धलाई और खंगालने की प्रक्रिया के बाद जल को निकाल दिया जाता है। यह तीन तरीकों से किया जा सकता है-
यह पद्धति जल का श्रेष्ठ निकास उपलब्ध कराती है क्योंकि यह तली से भारी गंदगी और जल में घुली गंदगी को निकाल देती है।
प्रश्न 2.
वस्त्रों की धुलाई, देखभाल और रखरखाव के क्षेत्र में जीविका के लिए तैयारी के लिए क्या करना आवश्यक है तथा इसके कार्य क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
वस्त्रों की धुलाई, देखभाल और रखरखाव के क्षेत्र में जीविका की तैयारी
(अ) प्राथमिक आवश्यकताएँ-यह क्षेत्र एक तकनीकी क्षेत्र है। इस क्षेत्र में जीविका हेतु निम्नलिखित प्राथमिक आवश्यकताएँ हैं-
(ब) धुलाई प्रबंधन पाठ्यक्रम-सामान्यतः धुलाई प्रबंधन पाठ्यक्रम लघु अवधि के कार्यक्रम होते हैं, जो अनुशिक्षण, रोजगार प्राप्ति सहायता, व्यापार प्रारंभ करने हेतु सहायता, उच्च विशेषज्ञता वाले धुलाई घर में वृत्ति के शिक्षण, विमान कंपनी, जलयान, रेलवे, होटलों और उच्च विशेषज्ञता वाले अस्पतालों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हैं।
(स) व्यावहारिक प्रशिक्षण-प्रत्येक अवस्था में विभिन्न प्रकार की आवश्यकताएँ हो सकती हैं। अतः एक व्यावहारिक प्रशिक्षण अथवा इंटर्नशिप की आवश्यकता पड़ सकती है।
(द) शैक्षिक योग्यताएँ-इस हेतु वस्त्र विज्ञान, वस्त्र रसायन, वस्त्र और परिधान में शैक्षिक योग्यताएँ अत्यधिक उपयोगी होती हैं। पूरे देश में गृह विज्ञान विषय वाले बहुत से संस्थान स्नातक डिग्री के लिए विशेषज्ञता के रूप में ये पाठ्यक्रम उपलब्ध कराते हैं।
कार्यक्षेत्र
(1) स्वउद्यमी यतिविधियाँ (सेवाएँ)-वस्त्रों की धुलाई, देखभाल और रखरखाव एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ वस्त्र निर्माण, पोशाक निर्माण, वस्त्र और परिधान में विशेषज्ञता प्राप्त लोग स्व-उद्यमी गतिविधियों में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते हैं। ये सेवाएं ग्राहकों को महानगरीय क्षेत्रों में बहुत मदद और सहायता दे सकती हैं, जहाँ महिलाएँ घर से बाहर काम करने जाती हैं। इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में उपचार गृह, छोटे अस्पताल, दिवस देखभाल केन्द्र इत्यादि भी हो सकते हैं, जिन्हें नियमित रूप से इन सेवाओं की आवश्यकता रहती है।
(2) संस्थानों में नौकरी के अवसर-उक्त विशेषज्ञताओं वाला कोई भी व्यक्ति रेलवे, विमान कंपनियों, पोत परिवहन कंपनियों, होटलों और अस्पतालों आदि संस्थाओं और प्रतिष्ठानों में उच्च तकनीक वाले धुलाई घरों में काम का चयन कर सकता है, अन्दर ही उनके अपने वस्त्रों और पोशाकों की देखभाल और रखरखाव की व्यवस्था रहती है।