RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 10 बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए सहायक सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों का प्रबंधन

Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 10 बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए सहायक सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों का प्रबंधन Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 10 बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए सहायक सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों का प्रबंधन

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
हमारे देश में गरीब हैं, विश्व के- 
(अ) आधे 
(ब) चौथाई 
(स) एक-तिहाई 
(द) 20 प्रतिशत 
उत्तर:
(स) एक-तिहाई

प्रश्न 2. 
भारत में पाँच वर्ष से कम उम्र के कितने बच्चे मध्यम अथवा गंभीर कुपोषण से पीड़ित हैं? 
(अ) आधे 
(ब) दो-तिहाई 
(स) एक-तिहाई 
(द) एक-चौथाई 
उत्तर:
(ब) दो-तिहाई 

प्रश्न 3. 
भारत में 6-14 वर्ष से बीच की आयु के कितने बच्चे विद्यालय जाते हैं? 
(अ) आधे 
(ब) आधे से अधिक 
(स) दो-तिहाई 
(द) आधे से कम 
उत्तर:
(द) आधे से कम

प्रश्न 4. 
भारत में पहला एस.ओ.एस. गाँव स्थापित किया गया था- 
(अ) 1964 में 
(ब) 1954 में
(स) 1974 में
(द) 1984 में
उत्तर:
(अ) 1964 में 

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प्रश्न 5. 
युवाओं के व्यापक संवर्ग में जो समूह विशेष रूप से संवेदनशील है, वह है-
(अ) ग्रामीण और जनजातीय युवा 
(ब) किशोर व किशोरियाँ 
(स) विशेष कठिन स्थितियों वाले युवा 
(द) उपरोक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

प्रश्न 6. 
युवा मामलों और खेलकूद मंत्रालय ने राष्ट्रीय युवा नीति अपनाई- 
(अ) 1983 में 
(ब) 1993 में
(स) 2003 में
(द) 2013 में 
उत्तर:
(स) 2003 में

प्रश्न 7. 
भारत में किस आयु के व्यक्तियों को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है? 
(अ) 65 वर्ष या अधिक 
(ब) 60 वर्ष या अधिक 
(स) 75 वर्ष या अधिक 
(द) 55 वर्ष या अधिक 
उत्तर:
(ब) 60 वर्ष या अधिक 

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. परिवार समाज की .................... इकाई होता है। 
2. आयोडीन की कमी बच्चे की ............... और ................ वृद्धि को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है। 
3. बच्चे, युवा और वृद्धजन हमारे समाज के ................ समूह हैं। 
4. बच्चे संवेदनशील होते हैं क्योंकि बाल्यावस्था सभी क्षेत्रों में ................ की अवधि होती है। 
5. कक्षा 1 में नामांकन कराने वाले सभी बच्चों में से एक-तिहाई से कुछ ही ज्यादा बच्चे ............. तक पहुँच पाते हैं। 
6. किशोर बच्चों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम, 2000 का सरोकार बच्चों के दो संवर्गों से है-एक, वे जो कानून का उल्लंघन करते हैं और दूसरे वे जिन्हें .................. और ............. की आवश्यकता है। 
7. बच्चों के लिए तीन प्रकार के घर स्थापित किये गए हैं। ये हैं-(1) प्रेक्षण गृह, (2) विशेष गृह और (3) .......................। 
8. युवा .............. वर्ष की आयु के व्यक्ति हैं। 
9. भारत में जीवन प्रत्याशा जो 1947 में लगभग 29 वर्ष थी, अब बढ़कर ................. वर्ष हो गई है। 
10. राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना ऐसे बुजुर्गों के लिए बनी है जिन्हें ............. माना जाता है। 
उत्तर:
1. मूल 
2. शारीरिक, मानसिक 
3. संवेदनशील 
4. तीव्र विकास 
5. कक्षा-8 
6. देखभाल, संरक्षण 
7. बालगृह 
8. 13-35
9. 63 
10. निराश्रित। 

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
एक परिवार किन संरचनाओं के सहयोग से अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करता है? 
उत्तर:
सामान्यतः एक परिवार विद्यालयों, अस्पतालों, मनोरंजन केन्द्रों, प्रशिक्षण केन्द्रों आदि के साथ मिलकर अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करता है। 

प्रश्न 2. 
किस कारण देश के अनेक परिवार अपने सदस्यों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ रहते हैं? 
उत्तर:
परिवार में संसाधनों विशेष रूप से वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण अनेक परिवार अपने सदस्यों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ रहते हैं। 

प्रश्न 3. 
भारत में 2004-05 में कितने प्रतिशत जनसंख्या राष्ट्रीय गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही थी? 
उत्तर:
37.2 प्रतिशत जनसंख्या। 

प्रश्न 4. 
भारत में लोगों की मूलभूत आवश्यकताएँ पूरा न होने के कोई दो दुष्परिणाम लिखिए। 
उत्तर:

  • अधिक मातृ और शिशु मृत्यु दर तथा अस्वस्थता दर 
  • कुपोषण। 

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प्रश्न 5. 
भारत में बालिकाओं और महिलाओं के प्रति भेदभाव की भावना किन सूचकों से परिलक्षित होती है? 
उत्तर:
भारत में बालिकाओं और महिलाओं के प्रति भेदभाव की भावना लड़कों की तुलना में लड़कियों के घटते अनुपात के सूचक से परिलक्षित होती है। 

प्रश्न 6. 
किन्हीं तीन संवेदनशील जन-समूहों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:

  • बच्चे 
  • युवा और 
  • वृद्धजन संवेदनशील समूह हैं। 

प्रश्न 7. 
कोई व्यक्ति संवेदनशील कब बन जाता है? 
उत्तर:
जब किसी व्यक्ति की आवश्यकताएँ दैनिक जीवन क्रम में पूरी नहीं होती हैं तो वह संवेदनशील बन जाता है। 

प्रश्न 8. 
किस प्रकार के बच्चे दूसरों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं? 
उत्तर:
वे बच्चे जिनकी भोजन, स्वास्थ्य, देखभाल और पालन-पोषण की मूलभूत आवश्यकताएँ पूरी नहीं हो पातीं, दूसरों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं। 

प्रश्न 9. 
भारत में बाल जनसंख्या के बड़े अनुपात की आवश्यकताएँ पूरी नहीं हो पाती हैं।' इसके कोई दो प्रमाण दीजिए। 
उत्तर:

  • भारत में लगभग 30 लाख बच्चे सड़कों पर बिना आश्रय के रहते हैं। 
  • यहाँ 6-14 वर्ष से बीच की आयु के आधे से भी कम बच्चे विद्यालय जाते हैं। 

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प्रश्न 10. 
किशोर न्याय का देखरेख और संरक्षण अधिनियम, 2000 के अनुसार देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले किन्हीं दो प्रकार के बच्चों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:

  • परित्यक्त, सड़क पर पलने वाले, घर छोड़कर भाग जाने वाले तथा गुमशुदा आश्रयहीन व संसाधनहीन बच्चे। 
  • दिव्यांग या बीमार बच्चे। 

प्रश्न 11. 
भारत में संवेदनशील बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में चलाए जा रहे किन्हीं दो संगठनों के नाम लिखिये। 
उत्तर:

  • भारत सरकार की समेकित बाल विकास सेवाएँ। 
  • एस.ओ.एस. बाल गाँव। 

प्रश्न 12. 
भारत में एस.ओ.एस. बालगाँव संगठन वर्तमान में कितने जरूरतमंद बच्चों की देखभाल करता है? 
उत्तर:
वर्तमान में भारत में यह संगठन लगभग 6000 जरूरतमंद/परित्यक्त बच्चों की देखभाल करता है। 

प्रश्न 13. 
बच्चों के लिए कितने प्रकार के घर स्थापित किए गए हैं? उनके नाम लिखिए। 
उत्तर:
बच्चों के लिए तीन प्रकार के घर स्थापित किये गए हैं। ये हैं-(i) प्रेक्षण गृह (ii) विशेष गृह और (iii) बाल गृह। 

प्रश्न 14. 
बच्चों के प्रेक्षण गृह क्या हैं? 
उत्तर:
प्रेक्षण गृह बच्चों के लिए स्थापित वह घर है जहाँ बच्चे अस्थायी रूप से अपने माता-पिता के पता लगाए जाने या उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि की जानकारी एकत्रित किये जाने तक रहते हैं। 

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प्रश्न 15. 
बच्चों के विशेष गृह कौनसे होते हैं? 
उत्तर:
विशेष गृह वे होते हैं जहाँ कानून का उल्लंघन करने वाले किशोरों को हिरासती देखरेख में रखा जाता है। 

प्रश्न 16. 
बाल/किशोर गृह में कौनसे बच्चों को रखा जाता है? 
उत्तर:
बाल/किशोर गृह में उन बच्चों को रखा जाता है जिनके परिवार का पता नहीं चलता अथवा जिनके अभिभावक अस्वस्थ या म है अथवा जो बच्चों को वापस नहीं ले जाना चाहते हैं। 

प्रश्न 17. 
युवा से क्या आशय है?
उत्तर:
13-35 वर्ष की आयु के व्यक्ति युवा कहलाते हैं। 

प्रश्न 18. 
नशे की लत किसे कहते हैं? 
उत्तर:
कुछ किशोर शराब या नशीली दवाओं का सेवन करने लगते हैं, जिसे नशे की लत कहते हैं। 

प्रश्न 19. 
युवाओं के व्यापक संवर्ग में दो विशेष रूप से संवेदनशील समूहों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  • ग्रामीण और जनजातीय युवा। 
  • विद्यालय छोड़ चुके युवा। 

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प्रश्न 20. 
सामाजिक रूप से उपयोगी और आर्थिक रूप से उत्पादक होने के लिए युवाओं के लिए क्या आवश्यक है? 
उत्तर:
सामाजिक रूप से उपयोगी और आर्थिक रूप से उत्पादक होने के लिए युवाओं को उचित शिक्षा व प्रशिक्षण तथा लाभदायक रोजगार और व्यक्तिगत विकास की आवश्यकता है। 

प्रश्न 21. 
भारत में युवाओं के लिए संचालित किन्हीं दो कार्यक्रमों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  • राष्ट्रीय सेवा योजना 
  • राष्ट्रीय सेवा स्वयंसेवक योजना। 

प्रश्न 22. 
भारत में किस व्यक्ति को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है? 
उत्तर:
भारत में 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्तियों को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है। 

प्रश्न 23. 
वर्तमान में भारत में जीवन-प्रत्याशा क्या है?
उत्तर:
वर्तमान में भारत में जीवन-प्रत्याशा 64 वर्ष की आयु है। 

प्रश्न 24. 
भारत में वृद्धजनों की कोई दो विशिष्टताएँ लिखिए। 
उत्तर:

  • लगभग 80 प्रतिशत वृद्धजन ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। 
  • वर्ष 2011 तक भारत में वृद्ध जनसंख्या का 51 प्रतिशत महिलाएँ थीं। 

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प्रश्न 25. 
वृद्धजनों की संवेदनशीलता के कोई दो कारक लिखिए। 
उत्तर:

  • बीमारियाँ तथा अक्षमताएँ 
  • अकेलापन। 

प्रश्न 26. 
बुजुर्ग जनसंख्या की एक सकारात्मक विशेषता लिखिए। 
उत्तर:
60 वर्ष या अधिक आयु के अधिकांश व्यक्ति आर्थिक रूप से सक्रिय हैं। 

प्रश्न 27. 
बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों सम्बन्धी कार्यक्रमों और संस्थानों में करिअर की तैयारी का पहला चरण क्या है? 
उत्तर:
इन संस्थानों/कार्यक्रमों में करिअर की तैयारी का पहला चरण इनके बारे में जानकारी व समझ विकसित करना है। 

प्रश्न 28. 
गृह विज्ञान में नियमित डिग्री पाठ्यक्रम में अध्ययन करने के साथ भी हम बच्चों, युवा व वृद्धजनों के संस्थानों में करिअर हेतु कौनसे दो पाठ्यक्रमों में सम्मिलित हो सकते हैं। 
उत्तर:

  • गैर-सरकारी संगठन प्रबंधन में सर्टिफिकेट कार्यक्रम। 
  • युवा विकास कार्य में डिप्लोमा। 

प्रश्न 29. 
बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के क्षेत्र में दो रोजगार के अवसरों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:

  • अपना निजी संस्थान स्थापित करना। 
  • किसी प्रतिष्ठित संस्थान अथवा कार्यक्रम में प्रबंधक बनना। 

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लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
हमारे देश में अनेक परिवार अपने सदस्यों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने में क्यों असमर्थ होते हैं? 
उत्तर:
हमारे देश में अनेक परिवार विभिन्न कारणों से अपने सदस्यों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने अथवा समाज की अन्य संरचनाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं तक पहुँचने और उसका उपयोग करने में असमर्थ होते हैं इसका एक प्रमुख कारण परिवार में संसाधनों की, विशेष रूप से वित्तीय संसाधनों की कमी है। 

दूसरे, अनेक बच्चे, युवा और वृद्धजन अपने परिवारों से अलग हो जाते हैं और अपने दम पर ही जीवनयापन करने के लिए छोड़ दिए जाते हैं, उनको भी अपनी आवश्यकताओं को स्वयं ही पूरा करने में कठिनाई होती है। 

प्रश्न 2. 
भारत में अनेक परिवार वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण अपने सदस्यों की मूलभूत आवश्यकताएँ पूरी नहीं कर पाते हैं? इसके क्या परिणाम सामने आए हैं? (कोई चार परिणाम लिखिए)। 
उत्तर:
परिवारों द्वारा अपने सदस्यों की मूलभूत आवश्यकताएँ पूरी न हो पाने के निम्न प्रमुख दुष्परिणाम सामने आए हैं- 

  • हमारी 70 प्रतिशत जनसंख्या के लिए उचित सफाई सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
  • वर्ष भर में होने वाले सभी प्रसवों में से काफी मात्रा में कम प्रशिक्षित दाइयों द्वारा कराए जाते हैं जो अधिक मातृ और शिशु मृत्यु दर तथा अस्वस्थता दर का कारण हैं। 
  • देश के आधे से भी कम परिवार आयोडीन युक्त नमक खाते हैं। आयोडीन की कमी बच्चों की मानसिक और शारीरिक वृद्धि को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है। 
  • पाँच वर्ष से कम उम्र के लगभग दो तिहाई बच्चे मध्यम अथवा गंभीर कुपोषण से पीड़ित हैं। 

प्रश्न 3. 
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों अथवा चुनौतीपूर्ण और कठिन चुनौतीपूर्ण या कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले सदस्यों के लिए सरकार/समाज को क्या करना चाहिए? 
उत्तर:
ऐसे परिवारों और ऐसी चुनौतीपूर्ण व कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले सदस्यों के लिए सरकार/समाज को आगे बढ़कर अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रयास करने चाहिए क्योंकि यह सरकार और समाज का दायित्व है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी नागरिक अच्छा जीवन जिएँ तथा बच्चों और युवाओं को स्वास्थ्य और प्रेरक परिवेश में समग्र विकास के अवसर मिल सकें। सरकार द्वारा कठिन परिस्थितियों में जीने वाले व्यक्तियों की आवश्यकताओं को पूरा करने का एक तरीका संस्थान स्थापित करना तथा बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए समर्पित कार्यक्रमों को शुरू करना है। 

दूसरे, वह निजी क्षेत्रों और गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों को भी सहायता प्रदान कर सकती है। 

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प्रश्न 4. 
सप्रमाण स्पष्ट कीजिए कि बाल जनसंख्या के बड़े अनुपात की आवश्यकताएँ पूरी नहीं हो पाती हैं? 
उत्तर:
बाल जनसंख्या के बड़े अनुपात की आवश्यकताएँ पूरी नहीं हो पाती हैं। अग्र तथ्य इसे प्रमाणित करते हैं- 

  • लगभग 30 लाख बच्चे सड़कों पर बिना किसी आश्रय के रहते हैं।
  • विद्यालय पूर्व आयु के तीन में से सिर्फ एक बच्चे को आरंभिक अधिगम कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिलता है।
  • भारत में 6-14 वर्ष की आयु वर्ग के आधे से भी कम बच्चे विद्यालय जाते हैं।
  • कक्षा-1 में नामांकन कराने वाले सभी बच्चों में से एक तिहाई से कुछ ही ज्यादा बच्चे कक्षा-8 तक पहुँच पाते हैं, अन्य किसी न किसी कारण से विद्यालय छोड़ देते हैं।
  • भारत में आधिकारिक आंकलनों के अनुसार 17 करोड़ बच्चे काम करते हैं। वास्तविक संख्या और भी अधिक हो सकती है।

प्रश्न 5. 
भारत में सरकार द्वारा आश्रयहीन बच्चों के लिए किस प्रकार के घर स्थापित किये गए हैं? 
उत्तर:
भारत में सरकार द्वारा आश्रयहीन बच्चों के लिए तीन प्रकार के घर स्थापित किए गए हैं। यथा- 

  • प्रेक्षण गृह-प्रेक्षण गृह वे घर हैं जहाँ बच्चे अस्थायी रूप से अपने माता-पिता का पता लगाए जाने और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी एकत्रित किए जाने तक रहते हैं।
  • विशेष गृह-'विशेष गृह' वे घर हैं जहाँ कानून का उल्लंघन करने वाले किशोरों (18 वर्ष से कम आयु के बच्चे) को हिरासती देख-रेख में रखा जाता है।
  • किशोर या बालगृह-यहाँ उन बच्चों को रखा जाता है जिनके परिवार का पता नहीं चल पाता अथवा जिनके अभिभावक अस्वस्थ/मृत होते हैं अथवा जो बच्चों को वापस नहीं ले जाना चाहते। सरकार पर इन्हें घर, बोर्ड, शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाने का दायित्व होता है।

प्रश्न 6. 
बच्चा गोद लेना (दत्तक ग्रहण) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
गोद लेना (दत्तक ग्रहण)-भारत में बच्चा गोद लेने की परंपरा काफी पुरानी है। यथा-

  • पहले परिवार में से ही बच्चों को गोद लिया जाता था। इसमें सामाजिक और धार्मिक प्रथाएँ शामिल थीं। 
  • बाद में, परिवार के बाहर के बच्चों को गोद लेने की प्रथा को संस्थगात और विधिक बना दिया गया। 
  • अब इस सम्बन्ध में भारत सरकार और राज्य सरकारें नीतियों और कार्यक्रमों द्वारा आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं, वहीं गैर-सरकारी संगठन गोद लेने की प्रक्रिया. के लिए आवश्यक वितरण प्रणाली प्रदान करते हैं। 
  • गोद लेने के नियमों को सशक्त करने और गोद लेने को सुगम बनाने के लिए भारत सरकार ने उच्चतम न्यायालय की सलाह के तहत एक केन्द्रीय संस्था, केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन संस्था का गठन किया है जो बच्चों के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए गोद लेने के लिए दिशा-निर्देश देती है। 

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प्रश्न 7. 
युवकों के संदर्भ में कुछ सरोकार क्या हैं? 
उत्तर:
युवकों की संवेदनशीलता के संदर्भ में प्रमुख सरोकार निम्नलिखित हैं-

  • शरीर में होने वाले जैविक परिवर्तन-इस अवधि में कोई व्यक्ति अपने शरीर में होने वाले जैविक परिवर्तनों के साथ सामञ्जस्य बिठाने की कोशिश करता/करती है, जिनका व्यक्ति की सेहत और पहचान के बोध पर असर होता है। 
  • वयस्क की भूमिका निभाने की तैयारी करना-यह वह अवधि है जब व्यक्ति एक वयस्क की भूमिका निभाने की तैयारी करता है, जिनमें से सबसे महत्त्वपूर्ण हैं आजीविका कमाना, विवाह करना और उसके बाद पारिवारिक जीवन प्रारंभ करना है। 
  • दबाव-निरन्तर प्रतिस्पर्धी होती दुनिया में साथियों का दबाव और बेहतर करने का दबाव अन्य कारक हैं जो अत्यधिक तनाव और परेशानी पैदा कर सकते हैं। 
  • स्वास्थ्य-स्वास्थ्य एक और पहलू है जो युवाओं के अत्यधिक सरोकार का है। युवाओं में अनेक लोगों को यौन और जनन सम्बन्धी अनेक जोखिमों का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न 8. 
युवाओं के व्यापक संवर्ग में कौनसे समूह विशेष रूप से संवेदनशील हैं? 
उत्तर:
युवाओं के व्यापक संवर्ग में निम्नलिखित समूह विशेष रूप से संवेदनशील हैं-

  • ग्रामीण और जनजातीय युवा; 
  • विद्यालय छोड़ चुके युवा; . 
  • किशोर, विशेष रूप से किशोरियाँ; 
  • दिव्यांगताओं वाले युवा तथा 
  • विशेष कठिन स्थितियों वाले युवा, जैसे-अवैध धंधों के शिकार, अनाथ और सड़क के आवारा बच्चे। 

प्रश्न 9. 
सामाजिक रूप से उपयोगी और आर्थिक रूप से उत्पादक होने के लिए युवाओं के लिए क्या आवश्यकताएँ होती हैं? 
उत्तर:
सामाजिक रूप से उपयोगी और आर्थिक रूप से उत्पादक होने के लिए युवाओं की प्रमुख आवश्यकताएँ निम्नलिखित हैं-

  • प्रथमतः इस हेतु युवाओं को उचित शिक्षा और प्रशिक्षण, लाभदायक रोजगार और व्यक्तिगत विकास व तरक्की के लिए उचित अवसरों की आवश्यकता होती है। 
  • दूसरे, इनके लिए अपेक्षित आश्रय, स्वच्छ परिवेश और अच्छी मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता होती है। 
  • तीसरे, उनके लिए सभी प्रकार के शोषणों के विरुद्ध सामाजिक सुरक्षा. संरक्षण और युवाओं से संबंधित महों से सरोकार रखने वाली निर्णायक संस्थाओं तथा सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक मामलों में उपयुक्त भागीदारी के अवसरों तक पहुँच की आवश्यकता होती है। 
  • चौथे, युवाओं के लिए खेलों, शारीरिक शिक्षा, साहसी और मनोरंजनात्मक अवसरों तक पहुँच प्राप्त करना भी आवश्यक होता है। 

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प्रश्न 10. 
भारत में वृद्धजनों की जनसंख्या की विशिष्ट विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
भारत में वृद्धजनों की जनसंख्या की विशिष्ट विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • इनमें से अधिकांश (80 प्रतिशत) ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं जिससे सेवाओं का वितरण चुनौतीपूर्ण हो जाता है। 
  • वृद्ध जनसंख्या में स्त्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। 2011 तक वृद्ध जनसंख्या का 51 प्रतिशत महिलाएँ थीं। 
  • अति वृद्ध व्यक्तियों (80 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति) की संख्या में वृद्धि हो रही है। 
  • वरिष्ठ नागरिकों की बड़ी जनसंख्या (30 प्रतिशत) गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रही है। 

प्रश्न 11. 
भारत में वृद्धजनों की सकारात्मक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
भारत में वृद्धजनों की परेशानियों के साथ-साथ उनके लिए कुछ सकारात्मक विशेषताएँ भी हैं। यथा-

  • अनेक बुजुर्ग अच्छा सार्थक जीवन जीते हैं।
  • अनेक परिवारों में बुजुर्गों का सम्मान और उनकी आज्ञा का पालन किया जाता है।
  • 60 वर्ष या अधिक आयु के अधिकांश व्यक्ति आर्थिक रूप से सक्रिय हैं। ऐसा संभवतः इसलिए है क्योंकि वे ऐसे क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जहाँ सेवानिवृत्ति की कोई विशेष उम्र निर्धारित नहीं है।

प्रश्न 12. 
बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों से संबंधित कार्यक्रमों और संस्थानों में करिअर/रोजगार की तैयारी के लिए शिक्षा की दिशा में क्या तैयारी करनी चाहिए?
उत्तर:
उक्त तीनों से संबंधित कार्यक्रमों और संस्थानों में करिअर/रोजगार हेतु शिक्षा तथा प्रशिक्षण की दिशा में निम्न तैयारी करनी चाहिए-

  • सबसे पहले उन्हें उक्त तीनों के बारे में जानकारी अर्जित करना और उनके प्रति समझ विकसित करनी चाहिए। इसके लिए उसे गृहविज्ञान अथवा सामाजिक कार्य में अथवा समाज विज्ञान की किसी अन्य शाखा में पूर्व स्नातक डिग्री प्राप्त करना चाहिए। ये डिग्री कार्यक्रम सामान्यतः जनसंख्या के इन तीनों संवेदनशील समूहों पर केन्द्रित होते हैं। 
  • पूर्व स्नातक की डिग्री के बाद वह रोजगार बाजार में प्रवेश कर सकते हैं अथवा आगे अध्ययन का विकल्प चुन सकते हैं। 
  • इसके अतिरिक्त पारम्परिक प्रणाली से अध्ययन कार्यक्रम को जारी रखने के साथ-साथ इग्नू जैसे विश्वविद्यालय से (अ) गैर सरकार संगठन प्रबंधन में सर्टिफिकेट कार्यक्रम (ब) युवा-विकास कार्य में डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में भी अध्ययन कर सकते हैं। 

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प्रश्न 13. 
बच्चों, युवा एवं वृद्धजनों के क्षेत्र में रोजगार/करिअर के अवसरों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
करिअर/रोजगार के अवसर 

  • अपने लक्षित समूह को सेवाएं प्रदान करने के लिए निजी संस्थान स्थापित करें।
  • किसी प्रतिष्ठित संस्थान अथवा कार्यक्रम में प्रबंधक बन सकते हैं। 
  • किसी स्तर/काडर में काम कर सकते हैं। 
  • मौजूद कार्यक्रमों और संस्थानों में अनुसंधानकर्ता, मूल्यांकनकर्ता/परीक्षक का काम कर सकते हैं। 

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
किशोर (बच्चों) के न्याय व देखरेख और संरक्षण अधिनियम, 2000 पर एक लेख लिखिए। 
उत्तर:
किशोर (बच्चों) के न्याय व देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2000 यह अधिनियम भारत में किशोरों के न्याय का प्राथमिक विधिक ढाँचा है। अधिनियम का सरोकार-इस अधिनियम का सरोकार बच्चों के दो संवर्गों से है। यथा (अ) वे बच्चे जो कानून का उल्लंघन करते हैं। (ब) वे जिन्हें देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता है। यथा- 

(अ) कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे-कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे (जिन्हें बाल अपराधी भी कहते हैं) वे होते हैं, जिन्हें पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया जाता है। दूसरे शब्दों में, उन्हें पुलिस द्वारा इसलिए पकड़ा जाता है, क्योंकि उन्होंने जुर्म किया होता है और वे जुर्म के आरोपी होते हैं। 

(ब) बच्चों की देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता-इस अधिनियम में बाल अपराध की रोकथाम और उनके साथ व्यवहार के लिए विशेष अधिगम का प्रावधान है और यह बच्चों के संरक्षण, उपचार/व्यवहार और पुनर्वास के लिए रूपरेखा प्रदान करता है। इनका सम्बन्ध 'कानून का उल्लंघन करने वाले किशोरों और देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों से है और यह उनकी विकास सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करके उचित देखभाल, संरक्षण और उपचार प्रदान करता है और इसमें बच्चों के सर्वोत्तम हित में मामलों का निर्णय और निबटान करने के लिए बाल मित्रवत अंधिगम को अपनाने और विभिन्न संस्थानों के द्वारा उनके पुनर्वास के लिए भी प्रावधान है।'

देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे-यह अधिनियम बाल-अधिकार समझौते के अनुरूप है और इसके अनुसार देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे निम्नलिखित हैं-

  • वे बच्चे जिनका कोई घर, निश्चित स्थान अथवा आश्रय नहीं है अथवा जिनके पास निर्वहन का कोई साधन नहीं है। 
  • ऐसे बच्चों में परित्यक्त बच्चे, सड़क पर पलने वाले बच्चे, घर छोड़कर भाग जाने वाले बच्चे और गुमशुदा बच्चे शामिल हैं। 
  • वे बच्चे जो ऐसे व्यक्ति (अभिभावक अथवा कोई और) के साथ रहते हैं जो बच्चे पर नियंत्रण रखने के लिए अनुपयुक्त होता है अथवा जहाँ बच्चे के मारे जाने, उनके साथ दुर्व्यवहार होने अथवा व्यक्ति द्वारा उसके प्रति लापरवाही बरतने की संभावना होती है। . 
  • वे बच्चे जो मानसिक अथवा शारीरिक रूप से विकलांग, बीमार अथवा किसी लंबी या ठीक न होने वाली बीमारी से पीड़ित हों और जिनके पास उनकी देखभाल या सहायता के लिए कोई न हो। 
  • वे बच्चे, जिन्हें यौन दुर्व्यवहार अथवा अनैतिक कार्यों के लिए प्रताड़ित या दंडित किया जाता है। 
  • वे बच्चे, जो नशीली दवाओं की लत या उनके अवैध व्यापार के लिए संवेदनशील होते हैं। 
  • वे बच्चे, जो सशस्त्र विद्रोह, नागरिक विद्रोह या प्राकृतिक आपदा के शिकार होते हैं।
  • वे बच्चे, जिनके साथ अनुचित लाभ के लिए दुर्व्यवहार होने की संभावना होती है। इनमें परित्यक्त, अनाथ, वेश्याओं के चंगुल से छुड़ाए गए बच्चे, कारखानों से छुड़ाए गए बाल-श्रमिक, गुम गए, भाग गए, विशेष जरूरतों वाले बच्चे और कैदियों के बच्चे शामिल हैं। 

प्रश्न 2. 
भारत में, युवाओं के लिए संचालित निम्नलिखित कार्यक्रमों को स्पष्ट कीजिए (अ) राष्ट्रीय सेवा स्वयंसेवक योजना, (ब) साहसिक कार्यों के लिए प्रोत्साहन, (स) राष्ट्रमंडल युवा कार्यक्रम, (द) राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहन। 
उत्तर:
(अ) राष्ट्रीय सेवा स्वयंसेवक योजना
(1) पात्रता एवं कार्यक्रम-राष्ट्रीय सेवा स्वयंसेवक योजना उन विद्यार्थियों को जो अपनी पहली डिग्री पूरी प्राप्त कर चुके हैं, पूर्णकालिक रूप से एक या दो वर्ष की अल्पावधि के लिए, मुख्यतः नेहरू युवक केन्द्रों के द्वारा राष्ट्रीय विकास कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर प्रदान करती है। ये प्रौढ़ क्लबों की स्थापना, कार्य शिविरों का आयोजन, युवा नेतृत्व के प्रशिक्षण कार्यक्रमों, व्यावसायिक प्रशिक्षण, ग्रामीण खेलकूद और खेलों को बढ़ावा देने आदि कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। 

(2) नेहरू युवक केन्द्रों के उद्देश्य-
(1) नेहरू युवक केन्द्रों का एक उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के गैर-विद्यार्थी युवकों को ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में योगदान देने के लिए सक्षम बनाना है। 

(2) नेहरू युवा केन्द्रों का प्रमुख उद्देश्य विभिन्न कार्यकलापों के द्वारा राष्ट्रीय रूप से मान्य उद्देश्य, जैसे आत्मनिर्भरता, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिकता, प्रजातंत्र, राष्ट्रीय एकता और वैज्ञानिक सोच को प्रचलित करना है। 

(3) इन केन्द्रों का एक अन्य उद्देश्य विद्यालय जाने वाले युवकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उन्हें साक्षर बनाने और गणितीय कौशल विकसित करने, उनकी कार्य क्षमता को बेहतर बनाने और उन्हें उनके विकास की संभावनाओं के बारे में जानकार बनाना है; जिसमें युवा क्रियात्मक रूप से सक्षम, आर्थिक रूप से उत्पादक और सामाजिक रूप से उपयोगी बन सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए नेहरू युवक केन्द्रों में औपचारिक शिक्षा, समाज सेवा शिविर, युवाओं के लिए खेलों का आयोजन, सांस्कृतिक और मनोरंजन के कार्यक्रम, व्यावसायिक प्रशिक्षण, युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर तथा युवा क्लबों को प्रोत्साहित किया जाता है।

(ब) साहसिक कार्यों के लिए प्रोत्साहन-
(1) युवा क्लबों और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा साहसिक कार्यों का आयोजन करना-अनेक युवा क्लब संगठन पर्वतारोहण, पैदल यात्रा, आँकड़ों के संग्रहण के लिए पड़ताल यात्रा, पहाडों की वनस्पतियों. जंतुओं, वनों, मरुस्थलों और सागरों के अध्ययन, नौकायन, तटीय जलयात्रा, तैरने और साईकिल चलाने आदि साहसिक कार्यों के प्रोत्साहन हेतु सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली, वित्तीय सहायता का उपयोग करके इन गतिविधियों का आयोजन करते हैं। 

(2) कार्यकलापों का उद्देश्य-उपर्युक्त उल्लेखित कार्यकलापों या गतिविधियों का उद्देश्य युवाओं में साहस, जोखिम लेने, सहयोगात्मक रूप से दल में काम करने, पढ़ने की क्षमता और चुनौतीपूर्ण स्थितियों के लिए सहनशीलता विकसित करने को प्रोत्साहन देना है। 

(3) सरकार द्वारा सहायता-सरकार भी ऐसे कार्यकलापों को सुगम बनाने के लिए संस्थानों की स्थापना, विकास तथा गतिविधियों के लिए सहायता प्रदान करती है। 

(स) राष्ट्रमंडल युवा कार्यक्रम भारत राष्ट्रमण्डल युवा कार्यक्रम में भागीदारी कर रहा है। इस कार्यक्रम के तहत भारत, जाम्बिया और गुआना में युवा कार्यों में उन्नत अध्ययन के लिए तीन क्षेत्रीय केन्द्र स्थापित किए गए हैं। एशिया पैसिफिक क्षेत्रीय केन्द्र, चंडीगढ़ (भारत) में स्थापित किया गया है। 

उद्देश्य-राष्ट्रमंडल युवा कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को अपने देशों की विकास प्रक्रियाओं में भागीदारी करने और राष्ट्रमंडल देशों में सहयोग और समझ बढ़ाने के लिए मंच प्रदान करना है। 

(द) राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहन सरकार द्वारा अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं को एक प्रदेश में रहने वाले युवाओं को दूसरे भिन्न संस्कृति वाले प्रदेशों में भेजने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 

उद्देश्य-एक प्रदेश में रहने वाले युवाओं को दूसरे ऐसे प्रदेशों, जिनमें काफी सांस्कृतिक भिन्नताएँ हैं, के दौरे पर भेजने का उद्देश्य है-उन युवाओं में देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों, विभिन्न क्षेत्रों और परिवेशों के लोगों द्वारा झेली जाने वाली कठिनाइयों, देश के अन्य भागों के सामाजिक रीतिरिवाजों आदि की समझ विकसित हो सके। 

राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए शिविरों, सेमिनारों/सम्मेलनों आदि का भी आयोजन किया जाता है। 

RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 10 बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए सहायक सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों का प्रबंधन

प्रश्न 3. 
भारत में वृद्धजनों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर: 
वृद्धजनों के लिए संचालित कुछ कार्यक्रम 
भारत में सरकारी, गैर-सरकारी संगठन, पंचायती राज संस्थान और स्थानीय निकाय वृद्धजनों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को क्रियान्वित कर रहे हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कार्यक्रम निम्नलिखित हैं- 
(1) मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु-बुजुर्गों की मूलभूत जरूरतों विशेषकर परित्यक्त बुजुर्गों के भोजन, आश्रय और स्वास्थ्य देखभाल की पूर्ति हेतु कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

(2) अन्तपीढीय संबंधों के विकास हेतु कार्यक्रम-कुछ कार्यक्रम अन्तपीढीय संबंधों. विशेष रूप से बच्चों/ युवाओं और वृद्धजनों के बीच संबंधों के विकास और उन्हें सशक्त बनाने से संबंधित हैं। 

(3) वृद्धावस्था सदन, विश्रामगृह तथा बहुसेवा केन्द्र-वृद्धजनों के लिए भोजन, देख-रेख और आश्रय प्रदान करने के लिए वृद्धावस्था सदन खोले गए हैं। वृद्धावस्था सदनों में रहने वाले ऐसे बुजुर्गों के लिए विश्राम गृह, सतत देखभाल गृह जो गंभीर रूप से बीमार हों और जिन्हें सतत नर्सिंग देखभाल और आराम की आवश्यकता हो, कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त बुजुर्गों के लिए बहुसेवा केन्द्र भी संचालित हैं जो उन्हें दिन में देखभाल शिक्षा और मनो स्वास्थ्य देखभाल और संगी-साथी प्रदान करते हैं। 

(4) मोबाइल चिकित्सा देखभाल इकाइयाँ, दैनिक देखभाल केन्द्र तथा मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम-ग्रामीण और सुदूर तथा पिछड़े इलाकों में रहने वाले वृद्धजनों के लिए मोबाइल चिकित्सा देखभाल इकाइयाँ प्रदान करने वाले कार्यक्रम, अल्जाइमर रोग/पागलपन के रोगियों के लिए दैनिक देखभाल केन्द्र (डे केयर सेंटर) चलाए जा रहे हैं जिससे अल्जाइमर के रोगियों को विशेष दैनिक देखभाल प्रदान की जा सके। इसके अतिरिक्त मानसिक स्वास्थ्य देखभाल और बुजुर्गों के लिए विशेषीकृत देखभाल जिससे वृद्धजनों को मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप कार्यक्रम प्रदान किये जा सके।

(5) राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना-राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना ऐसे बुजुर्गों के लिए बनी है जिन्हें निराश्रित माना जाता है अर्थात् जिनके पास अपना निजी अथवा परिवारजनों से वित्तीय सहायता द्वारा आजीविका का साधन नहीं होता है।

लाभार्थियों को 65 वर्ष से अधिक का होना चाहिए और उनके पास अपना आयु प्रमाण पत्र और निराश्रित होने का प्रमाण पत्र होना चाहिए। राज्य सरकारें अपने निजी संसाधनों से इस राशि को बढ़ा सकती हैं। 

(6) अन्य कार्यक्रम-

  • सक्रिय और उत्पादक/अर्थपूर्ण रूप से वृद्धावस्था गुजारने को प्रोत्साहन देने के लिए कार्यक्रम; 
  • वृद्धजनों को संस्थागत और गैर-संस्थागत देखरेख/सेवाएँ प्रदान करने के लिए कार्यक्रम; 
  • वृद्धावस्था के क्षेत्र में अनुसंधान पैरवी और जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम; 
  • बुजुर्गों के लिए सहायता और परामर्श केन्द्र; 
  • वृद्धजनों के लिए अपंगता और सुनने में सहायता के लिए सहायक उपकरण/यंत्र: 
  • बुजुर्गों के लिए फिजियोथेरेपी क्लीनिक भौतिक चिकित्सा केन्द्र। 
  • वृद्धजनों और देखभाल करने वालों के लिए, जैसे-उनकी अपनी देखभाल, निवारक स्वास्थ्य देखरेख, रोग प्रबंधन, उत्पादन और स्वास्थ्य बुजुर्गियत के लिए तैयारी, अंतर पीढ़ीय संबंध के लिए जागरूकता कार्यक्रम तथा वृद्धजनों की देखभाल करने वालों के लिए प्रशिक्षण आदि। 

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प्रश्न 4. 
बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों की आवश्यकता क्यों है? 
उत्तर:
बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों की आवश्यकता 
परिवार समाज की मूल इकाई होता है और इसका मुख्य कार्य है-अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को देखना और ध्यान रखना। परिवार के सदस्यों में माता-पिता, उनके विभिन्न आयु के बच्चे और दादा-दादी शामिल हो सकते हैं। परिवार के सभी सदस्य मिलकर एक-दूसरे की आवश्यकताएँ पूरी करने का प्रयास करते हैं लेकिन परिवार हमेशा अपने सदस्यों की इष्टतम वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक सभी विशिष्ट सेवाएँ प्रदान नहीं कर पाता है। उदाहरण के लिए, छोटे बच्चों को औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता होती है, सभी सदस्यों को स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत होती है। इसलिए प्रत्येक समुदाय अन्य ऐसी संरचनाओं, जैसे--विद्यालयों, अस्पतालों, विश्वविद्यालयों, मनोरंजन केन्द्रों, प्रशिक्षण केन्द्रों आदि का निर्माण करता है, जो विशिष्ट सेवाएँ अथवा सहायक सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिन तक परिवार के विभिन्न सदस्य अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पहुँच सकते हैं। 

सामान्यतः एक परिवार से समाज की अन्य संरचनाओं, जैसे-विद्यालयों, अस्पतालों आदि के साथ मिलकर अपने परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने की उम्मीद की जाती है, परन्तु हमारे देश में अनेक परिवार विभिन्न कारणों से अपने सदस्यों की मलभत आवश्यकताओं को पूरा करने और समाज की अन्य संरचनाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं तक पहुँचने और उनका उपयोग करने में असमर्थ होते हैं। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं- 

(1) परिवार में वित्तीय संसाधनों की कमी-भारत में अनेक परिवारों में संसाधनों, विशेषकर वित्तीय संसाधनों की कमी है। इस कमी के कारण उसके सदस्य समाज की अन्य संरचनाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं तक पहुँचने और उनका उपयोग करने में असमर्थ होते हैं, इसलिए उनकी इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों की आवश्यकता है। 

निम्नलिखित तथ्य भारत में परिवारों की वित्तीय संसाधनों की कमी को दर्शाते हैं-

  • भारत में व्यापक स्तर पर गरीबी है और देश में विश्व के एक तिहाई लोग गरीब हैं। 
  • भारत में योजना आयोग के अनुसार 2004-05 में 37.2 प्रतिशत जनसंख्या राष्ट्रीय गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रही थी। 
  • हमारी 30 प्रतिशत से भी कम जनसंख्या के लिए उचित सफाई-सुविधाएँ उपलब्ध हैं अर्थात् हमारी 70 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या को उचित सफाई-सुविधा उपलब्ध नहीं है। 
  • वर्ष भर में होने वाले सभी प्रसवों में से आधे से भी कम प्रशिक्षित दाइयों द्वारा कराए जाते हैं जो अधिक मातृ और शिशु मृत्यु दर तथा अस्वस्थता दर का कारण है। 
  • देश के आधे से भी कम परिवार आयोडीन युक्त नमक खाते हैं। आयोडीन की कमी बच्चे की मानसिक और शारीरिक वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। 
  • पाँच वर्ष से कम उम्र के लगभग दो-तिहाई बच्चे मध्यम अथवा गंभीर कुपोषण से पीड़ित हैं। कुपोषण सभी क्षेत्रों के विकास को प्रभावित करता है।

(2) परिवार से पृथक् हो जाने पर आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाई-अनेक बच्चे, युवा और वृद्धजन अपने परिवारों से अलग हो जाते हैं और अपने दम पर ही जीवन यापन करने के लिए छोड़ दिए जाते हैं। उनको अपनी आवश्यकताओं को स्वयं ही पूरा करने में कठिनाई होती है। 

ऐसे परिवारों अथवा चुनौतीपूर्ण और कठिन चुनौतीपूर्ण तथा कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले सदस्यों के लिए सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों की आवश्यकता होती है, ताकि उनकी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो सकें। ऐसे बच्चों, युवा और वृद्धों के लिए सरकार या समाज को आगे बढ़कर अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए क्योंकि यह समाज/सरकार का दायित्व है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी नागरिक अच्छा जीवन जिएँ; बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को स्वास्थ्य एवं विकास के समुचित अवसर मिलें। 

सरकार द्वारा कठिन परिस्थितियों में जीने वाले व्यक्तियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संस्थान स्थापित किए जाने चाहिए तथा तत्सम्बन्धी कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए।

Prasanna
Last Updated on July 20, 2022, 5:55 p.m.
Published July 19, 2022