Rajasthan Board RBSE Class 12 Chemistry Important Questions Chapter 16 दैनिक जीवन में रसायन Important Questions and Answers.
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बहुविकल्पीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा पदार्थ दर्द निवारक (पीड़ाहारी) है।
(a) ऐस्पिरिन
(b) पेनिसिलिन
(c) इण्डिगो
(d) सैकरीन।
उत्तर:
(a) ऐस्पिरिन
प्रश्न 2.
इक्वैनिल एक उदाहरण है।
(a) पीड़ाहारी का
(b) प्रशांतक औषधि का
(c)प्रतिरोधी
(d) प्रतिजैविक।
उत्तर:
(b) प्रशांतक औषधि का
प्रश्न 3.
निम्न में से कौन-सा पदार्थ प्रतिजैविक नहीं है।
(a) ऐम्पिसिलीन
(b) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(c) क्लोरैम्फेनिकॉल
(d) क्लोरफेनिरामिन।
उत्तर:
(d) क्लोरफेनिरामिन।
प्रश्न 4.
निम्न में कौन-सा पदार्थ पूतिरोधी है?
(a) पैरासिटामॉल
(b) ल्यूमीनल
(c) डेटॉल
(d) प्रोमेथजिन।
उत्तर:
(c) डेटॉल
प्रश्न 5.
सल्फा औषधियाँ होती हैं।
(a) पीड़ाहारी
(b) प्रतिजैविकी
(c) प्रशांतक
(d) प्रतिहिस्टैमिन।
उत्तर:
(b) प्रतिजैविकी
प्रश्न 6.
निम्न में कौन-सा प्रतिअम्ल है?
(a) गॉसीपॉल.
(b) फीनॉल
(c) ओमेप्रेजॉल
(d) डेटॉल।
उत्तर:
(c) ओमेप्रेजॉल
प्रश्न 7.
निम्न में से किसका प्रयोग प्रशांतक के रूप में किया जाता है?
(a) नेप्रोक्सेन
(b) टेट्रासाइक्लिन
(c) क्लोरफेनेरामाइन
(d) इक्वैनिल
उत्तर:
(d) इक्वैनिल
प्रश्न 8.
डाइजीन (digene) है:
(a) पीड़ाहारी
(b) प्रतिरोधी
(c) प्रतिअम्ल
(d) प्रतिहिस्टैमिन
उत्तर:
(c) प्रतिअम्ल
प्रश्न 9.
निम्न में से कौन-सा प्रतिअम्ल है?
(a) ग्रास्त्रीवॉल
(b) फीनॉल
(c) ओमेप्राजोल
(d) डेटॉल
उत्तर:
(c) ओमेप्राजोल
प्रश्न 10.
सोडियम बेन्जोएट है।
(a) कृत्रिम मधुरक कर्मक
(b) खाद्य रंग
(c) परिरक्षक,
(d) प्रतिऑक्सीकारक।
उत्तर:
(c) परिरक्षक,
प्रश्न 11.
कृत्रिम मधुरक कर्मक का उदाहरण है।
(a) शर्कराम
(b) फ्रक्टोस
(c) शहद
(d) सैकरीन।
उत्तर:
(d) सैकरीन।
प्रश्न 12.
फोनॉल को 1% विलयन को कहते हैं।
(a) रोगाणुनाशक
(b) पतिरोधी
(c) प्रतिजैविके
(d) ज्वरनाशी।
उत्तर:
(a) रोगाणुनाशक
प्रश्न 13.
फीनॉल का 0.2% विलयन कहलाता है:
(a) रोगाणुनाशक
(b) पूतिरोधी
(c) प्रतिजैविक
(d) ज्वरनाशी।
उत्तर:
(b) पूतिरोधी
प्रश्न 14.
पैरासिटामॉल है:
(a) पूतिरोधी
(b) ज्वरनाशी
(c) प्रतिजैविक
(d) रोगाणुनाशी।
उत्तर:
(c) प्रतिजैविक
प्रश्न 15.
ऐस्पिरिन का रासायनिक नाम है।
(a) मेथिल सैलिसिलेट
(b) ऐसीटिल सैलिसिलिक अम्ल
(c) सोडियम सैलिसिलेट
(d) सैलिसिलिक अम्ल।
उत्तर:
(b) ऐसीटिल सैलिसिलिक अम्ल
प्रश्न 16.
2-ऐसीटॉक्सी बेन्जोइक अम्ल है।
(a) प्रतिहिस्टैमिन
(b) पूतिरोधी
(c) प्रतिजैविक
(d) दर्दनाशक।
उत्तर:
(d) दर्दनाशक।
प्रश्न 17.
इक्वैनिल उदाहरण है।
(a) प्रशांतक औषधि का
(b) प्रतिजैविक का
(c) ज्वरनाशी का
(d) पीड़ाहारी का।
उत्तर:
(a) प्रशांतक औषधि का
प्रश्न 18.
ऐस्पिरिन है।
(a) पूतिरोधी
(b) ज्वरनाशी
(c) नारकोटिक
(d) प्रतिमलेरिया।
उत्तर:
(b) ज्वरनाशी
प्रश्न 19.
क्लोरैम्फेनिकॉल है।
(a) प्रशांतक
(b) ब्रॉड स्पेक्ट्रम प्रतिजैविक
(c) नार्कोटिक
(d) प्रति मलेरिया।
उत्तर:
(b) ब्रॉड स्पेक्ट्रम प्रतिजैविक
प्रश्न 20.
निम्न में से कौन प्रतिजैविक नहीं है।
(a) पेनिसिलीन
(b) सल्फा औषधि
(c) क्लोरैम्फेनिकॉल
(d) बाइथायोनल।
उत्तर:
(d) बाइथायोनल।
प्रश्न 21.
पैरासिटामॉल औषध की सही संरचना है।
उत्तर:
प्रश्न 22.
निम्न यौगिक का प्रयोग होता है।
(a) प्रतिजैविक
(b) एनालजेसिक
(c) पेस्टिसाइड
(d) एण्टीसैप्टिक।
उत्तर:
(b) एनालजेसिक
प्रश्न 23.
बार्बिट्यूरिक अम्ल का प्रयोग किस रूप में होता है?
(a) ज्वरनाशी
(b) प्रतिरोधी
(c) पीड़ाहारी
(d) प्रशांतक
उत्तर:
(d) प्रशांतक
प्रश्न 24.
निम्न में से सम्भवतः किसका प्रयोग बिना व्यसन उत्पन्न किए पीड़ाहारी के रूप में किया जाता है?
(a) मॉर्फीन
(b) N-ऐसीटिल-पैरा-ऐमीनोफीनॉल
(c) डाइजीपाम
(d) मेथिल सैलिसिलेट
उत्तर:
(b) N-ऐसीटिल-पैरा-ऐमीनोफीनॉल
प्रश्न 25.
क्लोरीन मुक्त कृत्रिम मधुरक जिसकी दिखावट और स्वाद शर्करा (Sugar) के समान होता है और जो पकाने के ताप पर स्थायी होता है?
(a) एस्पार्टम
(b) सैकेरिन
(c) सुक्रोलोस
(d) ऐलीटेम
उत्तर:
(c) सुक्रोलोस
अति लघुत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
निम्नलिखित औषधि के प्रकार को पहचान कर नाम लिखिए।
(अ) वेलियम
(ब) सिमेटिडीन
उत्तर:
(अ) वेलियम-यह प्रशांतक निन्द्राकारी औषधि है।
(ब) सिमेटिडीन-यह प्रतिअम्ल औषधि है।
प्रश्न 2.
शेव करने वाले साबुन में ग्लिसरॉल क्यों मिलाते हैं?
उत्तर:
शेव करने वाले साबुन को शीघ्र सूखने से बचाने के लिए इसमें ग्लिसरॉल मिलाया जाता है।
प्रश्न 3.
ऐसी औषध का नाम बताइए जो ज्वरनाशी व दर्द निवारक है।
उत्तर:
पैरासिटामॉल।
प्रश्न 4.
स्ट्रेप्टोमाइसिन के महत्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर:
टी. बी. तथा मैनिनजाइटिस के उपचार में।
प्रश्न 5.
सल्फा औषधियों का पैतृक पदार्थ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
मलेरियारोधी औषध किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे रासायनिक पदार्थ जो मलेरिया के उपचार में प्रयुक्त होते हैं, मलेरियारोधी औषध कहलाते हैं। जैसे- क्लोरोक्विनोन।
प्रश्न 7.
खाद्य पदार्थों में रसायन क्यों मिलाए जाते हैं?
उत्तर:
खाद्य पदार्थों को परिरक्षित करने, आकर्षण बढ़ाने एवं पौष्टिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये इनमें रसायन मिलाते हैं।
प्रश्न 8.
किन्हीं दो खाद्य परिरक्षकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सोडियम बेन्जोएट तथा सार्केट
प्रश्न 9.
मधुमेह के रोगियों को सैकरीन के प्रयोग की सहाह क्यों दी जाती है?
उत्तर:
सैकरीन में शर्करा की मात्रा शून्य होती है, इसलिए मधुमेह के रोगियों को सैकरीन के प्रयोग की सलाह दी जाती है।
प्रश्न 10.
धनायनिक अपमार्जक का कोई एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
सेटिलट्राइमेथिल अमोनियम ब्रोमाइड एक धनायिक अमार्जक
प्रश्न 11.
टायफाइड के उपचार में प्रयोग होने वाली प्रतिजैविक का नाम लिखिए।
उत्तर:
क्लोरैम्फेनिकॉल।
प्रश्न 12.
ऋजु श्रृंखला तथा शाखित श्रृंखला हाइड्रोकार्बन पुच्छों में से किसके कारण प्रदूषण होता है?
उत्तर:
शाखित श्रृंखला हाइड्रोकार्बन पुच्छ वाले अपमार्जक प्रदूषण उत्पन्न करते हैं।
प्रश्न 13.
साबुन में ऐथेनॉल क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर:
साबुन को पारदर्शी बनाने के लिए इसमें ऐथेनॉल मिलाते हैं।
प्रश्न 14.
मानसिक तनाव में प्रयुक्त औषध का नाम बताइए।
उत्तर:
इक्वैनिल, सेकोनल, नेम्बुटल आदि।
प्रश्न 15.
गर्भ निरोधक क्या हैं?
उत्तर:
वे पदार्थ जो शुक्राणु द्वारा अण्डाणु के निषेचन को रोकते हैं - अर्थात् गर्भ धारण की सम्भावना को रोकते हैं, गर्भ निरोधक पदार्थ कहलाते हैं।
प्रश्न 16.
फिनैसिटिन किस प्रकार की औषध है?
उत्तर:
ज्वरनाशी।
प्रश्न 17.
प्रतिजैविक औषधि किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे पदार्थ जो सूक्ष्म जीवाणुओं से पृथक् किये जाते हैं, तथा अन्य सूक्ष्म जीवाणु जो कि मनुष्य के शरीर में संक्रमण कर रोग उत्पन्न करते हैं, की वृद्धि को रोकते हैं, प्रतिजैविक औषध कहलाते हैं।
प्रश्न 18.
सैकरीन का रासायनिक नाम क्या है?
उत्तर:
o - सल्फोबेन्जोइक ऐमाइड।
प्रश्न 19.
धनायनिक अपमार्जक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
\(-\mathrm{R}-\left(\mathrm{CH}_2\right)_n{ }^{+} \mathrm{N}\left(\mathrm{CH}_3\right)_3 \mathrm{Cl}^{-}\)
प्रश्न 20.
अजैव-निम्नीकरणीय अपमार्जकों को प्रयोग करने के क्या परिणाम होते हैं?
उत्तर:
अजैव-निम्नीकरणीय अपमार्जक सूक्ष्मजीवों द्वारा धीमी दर से निम्नीकृत होते हैं। इसलिए ये नदियों, तालाबों तथा जलमार्गों में एकत्रित हो जाते हैं तथा जल प्रदूषण का कारण बनते हैं।
प्रश्न 21.
खाद्य उत्पादकों द्वारा साधारणतः प्रयुक्त होने वाले खाद्य परिरक्षक का नाम बताइए।
उत्तर:
साधारण नमक को खाद्य परिरक्षक के रूप में प्रयुक्त करते हैं।
प्रश्न 22.
प्रतिऑक्सीकारक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
खाद्य पदार्थों को ऑक्सीकरण तथा नष्ट होने से बचाने के लिए प्रयुक्त होने वाले रसायन प्रतिऑक्सीकारक कहलाते हैं।
उदाहरण: BHA (ब्यूटिलीकृत हाइड्रॉक्सी ऐनिसोल)।
प्रश्न 23.
ऐस्पिरिन खाली पेट क्यों नहीं लेनी चाहिए?
उत्तर:
ऐस्पिरिन खाली पेट लेने पर इसके जल-अपघटन से सैलिसिलिक अम्ल बनता है जो अल्सर पैदा करता है, जो अत्यन्त हानिकारक है। अतः इसे खाली पेट नहीं लेते हैं।
प्रश्न 24.
एक ऐल्किल बेन्जीन सल्फोनेट अपमार्जक की संरचना लिखिए।
उत्तर:
सोडियम-4-(2-डोडेसिल) बेन्जीन सल्फोनेट।
प्रश्न 25.
संश्लेषित अपमार्जक तथा साबुन निर्माण में प्रयुक्त कच्चे माल के आधार पर एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
संश्लेषित अपमार्जक साबुन के समान जन्तु वसाओं से नहीं बनाये जा सकते।
प्रश्न 26.
एक औषध का नाम बताइए जो पीड़ाहारी के साथ-साथ प्रतितापक का कार्य भी करती है। इसका रासायनिक नाम दीजिए।
उत्तर:
ऐस्पिरिन (2-ऐसीटॉक्सी बेन्जोइक अम्ल)।
प्रश्न 27.
प्रशांतक किसे कहते हैं? किसी एक मन्द प्रशान्तक का नाम लिखिए।
उत्तर:
मनुष्य में तनाव, चिन्ता, गुस्सा, क्षोभ आदि को कम करने या दूर करने के लिये जो औषधियाँ काम आती है, इन्हें प्रशातंक कहते हैं। ये नींद की गोलियों के घटक है।
जैसे-मेप्रोबैमेट, इक्वैनिल, क्लोरडाइजेपॉक्साइड आदि।
प्रश्न 28.
प्रतितापक क्या होती हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे औषध जो कि उच्च ज्वर के दौरान शरीर के ताप को कम करने के लिए दी जाती हैं प्रतितापक या एण्टीपायरेटिक कहलाती हैं। उदाहरण-ऐस्पिरिन आदि।
प्रश्न 29.
शीतल पेय में उपयोग होने वाला एक परिरक्षक बताइए।
उत्तर:
सोडियम बेन्जोएट शीतल पेय में परिरक्षक के रूप में उपयोगी है।
प्रश्न 30.
बार्बिट्यूरिक अम्ल का संरचना सूत्र दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 31.
निम्नलिखित रोगों के इलाज में कौन-सा ऐल्कोलॉयड काम आता है?
1. हाइपरटेंशन,
2. मलेरिया बुखार,
3. दर्द।
उत्तर:
प्रश्न 32.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक खाद्य परिरक्षक के रूप में कार्य करता है?
ऐस्पार्टम, ऐस्पिरिन, सोडियम बेन्जोएट, पैरासिटेमॉल
उत्तर:
सोडियम बेन्जोएट
प्रश्न 33.
बाइथायोनेल को साबुन में क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर:
बाइथायोनैल एक प्रतिरोधी है। यह त्वचा पर जैव पदार्थों के जीवाणुओं द्वारा अपघटन से उत्पन्न दुर्गंध को समाप्त कर देता है इसलिए इसका प्रयोग साबुनों के किया जाता है।
प्रश्न 34.
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट की अपेक्षा क्यों मैग्रीशियम हाइड्रॉक्साइड एक अच्छा प्रति-अम्ल है।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट आमाशय को अत्यधिक क्षारीय कर देता है, जो अधिक अम्ल उत्पादन को प्रेरित करता है। इसलिए मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड एक अच्छा प्रति-अम्ल है।
प्रश्न 35.
डिटॉल के दो घटकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 36.
नर कस्तूरी मृग द्वारा उत्सर्जित कस्तूरी में कौन-सा रासायनिक पदार्थ पाया जाता है।
उत्तर:
मस्कोन।
प्रश्न 37.
सल्फा औषधों का एक मुख्य उपयोग लिखिए।
उत्तर:
ये सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकने के लिए प्रतिजैविकों के स्थान पर प्रयुक्त की जाती हैं। ये गले में पीड़ा, जुकाम तथा श्वासनली में सूजन की स्थिति में प्रयोग की जाती हैं।
प्रश्न 38.
कारण सहित समझाइए कि क्यों साबुन कठोर जल में शोधन अभिकर्मक का कार्य प्रभावी रूप से सम्पन्न नहीं करता है?
उत्तर:
कठोर जल में Ca2+ तथा Mg2+ आयन होते हैं। साबुन इन आयनों के साथ क्रिया करके अवक्षेप देते हैं, अत: साबुन अवक्षेपित होकर मार्जक विलयन से बाहर हो जाता है। इस कारण कठोर जल में साबुन प्रभावशाली शोधन अभिकर्मक नहीं होता है।
प्रश्न 39.
कठोर तथा मृदु साबुन किसे कहते हैं?
उत्तर:
संतृप्त वसीय अम्लों के सोडियम लवण कठोर साबुन (Hard Soaps) कहलाते हैं। जबकि असंतृप्त वसीय अम्लों के पोटैशियम लवण मृदु साबुन (Soft Soaps) कहलाते हैं।
प्रश्न 40.
अपमार्जक किसे कहते हैं?
उत्तर:
लम्बी श्रृंखला वाले हाइड्रोकार्बन तथा सल्फ्यूरिक अम्ल या सल्फोनिक अम्लों के व्युत्पन्न अपमार्जक (Detergents) कहलाते हैं।
उदाहरणार्थ: CH3 - (CH2)1O CH2 - O - SO2 - O- Na+
प्रश्न 41.
जैव अपघटनीय तथा जैव अनपघटनीय अपमार्जक क्या होते हैं?
उत्तर:
वे अपमार्जक जो सूक्ष्म जीवों की उपस्थिति में सरल अणुओं में अपघटित हो जाते हैं, जैव अपघटनीय (Biodegradable) अपमार्जक कहलाते हैं, जबकि वे अपमार्जक जो सूक्ष्म जीवों की उपस्थिति में सरल अणुओं में अपघटित नहीं होते हैं, जैव अनपघटनीय अपमार्जक (Non biodegradable detergetns) कहलाते हैं।
प्रश्न 42.
सैकरीन की जल में अविलेय तथा विलेय संरचना के सूत्र दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 43.
रासायनिक परिरक्षक के तीन गुण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 44.
प्रतिसूक्ष्मजैविक क्या होते है? या प्रतिजैविक क्या होते हैं? किन्हीं दो प्रतिजैविकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
वे ड्रग जिनका प्रयोग सूक्ष्मजीवों; जैसे- जीवाणु, वाइरस, कवक आदि के द्वाररा उत्पन्न रोगों के निवारण के लिए किया जाता है, प्रतिसूक्ष्मजैविक कहलाते हैं?
प्रश्न 45.
आँखों के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले प्रतिरोधी का नाम लिखिए।
उत्तर:
बोरिक अम्ल (H3BO3) का प्रयोग आँखों के लिए प्रतिरोधी के रूप में किया जाता है।
प्रश्न 46.
निम्नलिखित में से कौन-सा विसंक्रामी है? फीनॉल का 0.2% विलयन अथवा फीनॉल का 1% विलयन
उत्तर:
फीनॉल का 1% विलयन
लघुत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
प्रत्येक के लिए उपयुक्त उदाहरण सहित निम्नलिखित पदों को परिभाषित कीजिए:
(i) प्रतिजैविक (एन्टिबॉयोटिक) (i) पूतिरोधी
उत्तर:
(i) प्रतिजैविक (Antibiotics): वे रसायन जो जीवाणुओं, कवक या फफूंद द्वारा उत्पन्न होते हैं और मनुष्य व अन्य जीवों के शरीर में संक्रामक रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोक देते हैं या उन्हें नष्ट कर देते हैं, प्रतिजैविक (Antibiotics) कहलाते हैं। प्रतिजैविक (Antibiotics) वे रसायन हैं जो सूक्ष्मजीवों के उपापचयी प्रक्रमों में अवरोध उत्पन्न करके उनकी वृद्धि को रोक देते हैं, अथवा उन्हें नष्ट कर देते हैं।
प्रतिजैविक दो प्रकार के होते हैं
(क) जीवाणुनाशी (Bactericidal): ये सूक्ष्म जीवाणुओं को मारते हैं। उदाहरण: पेनिसिलीन, ऑफ्लोक्सासिन, ऐमीनोग्लाइकोसाइड आदि।
(ख) जीवाणु निरोधी (Bacteriostatic): ये सूक्ष्म जीवाणुओं की वृद्धि रोकते हैं। उदाहरण-क्लोरैम्फेनिकॉल, ऑरियोमाइसिन, टेट्रासाइक्लिन आदि।
जीवाणु दो प्रकार के होते हैं-ग्रैम-धनात्मक (Gram-positive) तथा ग्रैम-ऋणात्मक (Gram-negative) सूक्ष्म जीवाणुओं की वह परास जिस पर प्रतिजैविक प्रभावकारी होते हैं, स्पेक्ट्रम (Spectrum) कहलाती है। इस आधार पर प्रतिजैविक तीन प्रकार के होते हैं
(a) विस्तृत परास प्रतिजैविक (Broad Spectrum antibiotics)
(b) संकीर्ण परास प्रतिजैविक (Narrow spectrum antibiotics)
(c) सीमित परास प्रतिजैविक (Limited spectrum antibiotics)
(ii) पूतिरोधी (Antiseptics): वे रसायन जो हानिकारक सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकते हैं या उन्हें नष्ट करते हैं लेकिन जीवित ऊतकों (Living tissues) को हानि नहीं पहुँचाते हैं, पूतिरोधी (Antiseptics) कहलाते हैं। पूतिरोधी का उपयोग जीवित ऊतकों पर जैसे त्वचा के कटने या घाव होने पर किया जाता है। पूतिरोधी का उपयोग शरीर में जीवाणुओं द्वारा अपघटन से उत्पन्न दुर्गन्ध को कम करने के लिए किया जाता है। इन्हें दुर्गन्ध नाशकों माउथवाश, डियोडेरण्ट, टूथपेस्ट, टूथ पाउडर, चेहरे के पाउडर में मिलाया जाता है।
उदाहरण: फ्यूरासिन (Furacin) सोफ्रामाइसिन (Soframycin) आदि। इनके अतिरिक्त अन्य महत्त्वपूर्ण उदाहरण निम्नवत् हैं डेटॉल, बाइथायोनॉल, आयोडीन का टिंक्चर, आयोडोफॉर्म, बोरिक अम्ल आदि।
प्रश्न 2.
(a) साबुन कठोर जल में कार्य क्यों नहीं करते हैं?
(b) साबुनीकरण अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
(a) कठोर जल में Ca2+ तथा Mg+ आयन होते हैं इसलिए सोडियम अथवा पोटैशियम साबुन को कठोर जल में घोलने पर वह अघुलनशील कैल्सियम तथा मैग्नीशियम साबुन में परिवर्तित हो जाता है जो कि मलफेन की भाँति जल से पृथक् हो जाते हैं तथा यह अवक्षेप कपड़ों पर चिपक जाता है इसी कारण साबुन कठोर जल में कार्य नहीं करते हैं।
(b) साबुनीकरण अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण निम्नवत्
प्रश्न 3.
संश्लेषित अपमार्जक क्या होते हैं? किन्हीं दो अपर्माजकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
यह एक विशेष प्रकार का कृत्रिम आयनिक कार्बनिक पदार्थ है जिसमें साबुन की तरह मेल घोलने का गुण पाया जाता है। इसका प्रयोग कठोर एवं मृदु दोनों प्रकार के जल के साथ किया जा सकता है। यह प्रबल कार्बनिक अम्ल और प्रबल कार्बनिक क्षारक से बने हुए अति उच्च अणुभार के लवण होते हैं। जिसके धनायन या ऋणायन में 12 से 18 कार्बनिक परमाणुओं वाली हाइड्रोकार्बन श्रृंखला और जल विरोधी व जल स्नेही दोनों प्रकार उपस्थित होते हैं।
उदाहरण:
(i) CH3(CH2)10CH2OSO2O Na+
सोडियम लॉरिल सल्फेट
(ii) सोडियम p-डोडेसिलबेन्जीन सल्फोनेट
प्रश्न 4.
(a) ऐगोनिस्ट और विरोधी के बीच क्या अन्तर है?
(b) प्रत्येक का एक उदाहरण लिखिएः
(i) कृत्रिम मधुरक
(ii) प्रति-अम्ल
उत्तर:
(a) ऐगोनिस्ट वे औषधि होती हैं जो प्राकृत सदेशवाहक की नकल करके ग्राही को सक्रिय कर देती हैं। ये प्राकृत रासायनिक सदेशवाहक की कमी होने पर लाभदायक होती है। जबकि विरोधी वे औषधि है जो ग्राही की सतह पर आबन्धित होकर इसके प्राकृतिक कार्य में अवरोध उत्पन्न करती हैं। ये संदेश अवरुद्ध करने के लिए लाभकारी होती हैं।
(b)(i) कृत्रिम मधरक (Artificial Sweetening Agents): ऐसे कार्बनिक यौगिक जो स्वाद में मीठे होते हैं परन्तु उनका शर्करा मान शून्य हो, उन्हें कृत्रिम मधुरक कहते हैं। उदाहरण-सैकरीन, ऐस्पार्टेम आदि।
(ii) प्रति अम्ल (Antacids): वे रासायनिक पदार्थ जो आमाशय की . अम्लीयता को कम करने हेतु प्रयुक्त किये जाते हैं, प्रति अम्ल या . एण्टासिड कहलाते हैं। उदाहरण: कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड, रैनिटिडीन (जेनटेक)।
प्रश्न 5.
सैकरीन किस कार्य हेतु प्रयुक्त किया जाता है?
उत्तर:
ऐसे रासायनिक पदार्थ जो भोज्य पदार्थों को मीठा करने के लिए कृत्रिम रूप से बनाए जाते हैं, कृत्रिम मधुरक कहलाते हैं। सल्फो बेन्जोइक ऐमाइड जिसे सैकरीन कहते हैं कृत्रिम मधुरक का उदाहरण है। यह जल में अघुलनशील है परन्तु इनका सोडियम लवण जल में विलेय है। यह शक्कर से 600 गुना अधिक मीठी है। यह श्वेत, क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। मधुमेह रोगी, शक्कर के स्थान पर सैकरीन का प्रयोग करते हैं क्योंकि यह मनुष्य के शरीर द्वारा अवशोषित नहीं होती है। इसका सूत्र निम्न है
प्रश्न 6.
पूतिरोधी तथा असंक्रमणकारी में अन्तर लिखिए एवं एक-एक उदाहरण लिखें।
उत्तर:
पूतिरोधी |
असंक्रमणकारी (विसंक्रामी) |
1. सूक्ष्म जीवाणुओं की वृद्धि को रोकता या मार सकते हैं। |
1. सूक्ष्म जीवाणुओं को मार सकते हैं। |
2. जीवित ऊतकों को नुकसान नहीं पहुँचाते, इसलिए इन्हें त्वचा पर लगाया जा सकता है। |
2. जीवित ऊतकों के लिए विषैले होते हैं। इसलिए इन्हें त्वचा पर नहीं लगाया जा सकता है। |
3. ये घावों की पद्टी में, अल्सर और रोगित त्वचा के उपचार में प्रयोग होते हैं। |
3. ये फर्शों, मूत्रालयों और औजारों आदि को असंक्रमित करने के लिए उपयोग में आते हैं। |
4. ये दीर्घकाल तक प्रभावी रहते हैं। |
4. ये अल्पकाल तक ही प्रभावी रहते हैं। |
5. इन्हें अल्पमात्रा में प्रयोग किया जाता है। |
5. इन्हें अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता है। |
6. उदाहरण-फ्यूरासिन, सोफ्रामाइसिन। |
6. उदाहरण: फीनॉल का एक प्रतिशत विलयन। |
प्रश्न 7.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए
1. ऐस्प्रिन औषधि हृदयघात से बचाती है।
2. डायबिटीज रोगियों को प्राकृतिक मधुरकों के स्थान पर कृत्रिम मधुरक लेने की सलाह दी जाती है।
3. अपमार्जक जैव अनिम्नीकरणीय झेते हैं जबकि साबुन जैव निम्नीकरणीय होते हैं।
उत्तर:
प्रश्न 8.
साबुन तथा अपमार्जक में अन्तर समझाइए।
उत्तर:
साबुन |
अपमार्जक |
1. ये दुर्बल क्षार (स्टीयरिक अम्ल, पामिटिक अम्ल) तथा प्रबल क्षार (सोडियम हाइड्रॉक्साइड) के लवण होते हैं। |
1. ये प्रबल अम्ल ( प्रतिस्थापित सल्फोनिक अम्ल, पामिटिक अम्ल ) तथा प्रबल क्षार (सोडियम हाइड्रॉक्साइड) के लवण होते हैं। |
2. साबुन का जलीय विलयन क्षारीय होता है। |
2. इनका जलीय विलयन उदासीन होता है। |
3. इनके छ्वारा रेशमी तथा ऊनी वस्त्रों की सफाई नहीं की जा सकती है। |
3. सभी प्रकार के रेशों की सफाई की जा सकती है। |
4. कठोर जल में उपस्थित Ca2+ व Mg2+आयन साबुन द्वारा अवक्षेपित हो जाते हैं। |
4. अपमार्जक अवक्षेप नही बनाते हैं फलस्वरूप कठोर जल में भी उपयोगी हैं। |
प्रश्न 9.
मिशेल निर्माण द्वारा साबुन तथा अपमार्जक की क्रिया समझाइए।
उत्तर:
साबुन के अणु के दो भाग होते हैं। एक अध्रुवीय (non polar) भाग, जो कार्बन की एक लम्बी श्रृंखला होती है। दूसरा ध्रुवीय (polar) भाग, जो कार्बोक्सिलेट समूह होता है। साबुन के अध्रुवीय भाग को पूँछ (tail) तथा ध्रुवीय भाग को हैड (head) कहते हैं।
साबुन या अपमार्जक के अणु का अध्रुवीय भाग जल में अविलेय (hydrophobic) तथा तेलों में विलेय होता है। साबुन या अपमार्जक को जल में घोलने पर साबुन के अणु द्रव की सतह पर एक विशेष अणुक पर्त बना लेते हैं जिसमें साबुन का हैड भाग जल में डूबा रहता है जबकि टेल भाग जल के बाहर रहता है। यह रचना मिशेल (micelle) कहलाती है। मिशेल में साबुन के अणु का टेल भाग अन्दर की ओर तथा हैड भाग जल की ओर होता है। जब गन्दे कपड़ों को इसमें डुबोया जाता है तो धूल-मिट्टी के कण मिशेल में चले जाते हैं। साथ-ही-साथ तेल तथा ग्रीस आदि की चिकनाई मिशेल में जाते हैं। यह पूरी संरचना जल में विलेय होती है जिसके कारण यह जल के साथ बह जाती है तथा कपड़े साफ हो जाते हैं।
प्रश्न 10.
(अ) साबुन व संश्लेषित अपमार्जक में दो अन्तर दीजिए।
(ब) निम्नलिखित को कृत्रिम मधुरक, परिरक्षक, साबुन, अपमार्जक में वर्गीकृत करें।? सोडियम पामिटेट, सुक्रोलोस, सार्बिक अम्ल का लवण, सेटिलट्राइमेथिल अमोनियम ब्रोमाइड।
उत्तर:
(अ) साबुन:
अपमार्जक:
फलस्वरूप कठोर जल में भी उपयोगी हैं।
(ब)
प्रश्न 11.
(अ) पूतिरोधी व विसंक्रामी में दो अन्तर लिखिए।
(ब) निम्नलिखित को प्रतिहिस्टैमिन, प्रति अम्ल, प्रशांतक, प्रतिजैविक औषधि में वर्गीकृत कीजिए पेनिसिलीन, मेप्रोबमेट, टरफेनाडीन, रेनिटिडीन।
उत्तर:
(अ)
पूतिरोधी |
असंक्रमणकारी (विसंक्रामी) |
1. सूक्ष्म जीवाणुओं की वृद्धि को रोकता या मार सकते हैं। |
1. सूक्ष्म जीवाणुओं को मार सकते हैं। |
2. जीवित ऊतकों को नुकसान नहीं पहुँचाते, इसलिए इन्हें त्वचा पर लगाया जा सकता है। |
2. जीवित ऊतकों के लिए विषैले होते हैं। इसलिए इन्हें त्वचा पर नहीं लगाया जा सकता है। |
3. ये घावों की पद्टी में, अल्सर और रोगित त्वचा के उपचार में प्रयोग होते हैं। |
3. ये फर्शों, मूत्रालयों और औजारों आदि को असंक्रमित करने के लिए उपयोग में आते हैं। |
4. ये दीर्घकाल तक प्रभावी रहते हैं। |
4. ये अल्पकाल तक ही प्रभावी रहते हैं। |
5. इन्हें अल्पमात्रा में प्रयोग किया जाता है। |
5. इन्हें अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता है। |
6. उदाहरण-फ्यूरासिन, सोफ्रामाइसिन। |
6. उदाहरण: फीनॉल का एक प्रतिशत विलयन। |
(ब) प्रतिहिस्टैमिन: टरफेनाडीन, प्रतिअम्ल-रैनिटिडीन, प्रशांतक मेप्रोबमेट, प्रतिजैविक-पेनिसिलीन
प्रश्न 12.
(अ) मधुमेह के रोगियों को कृत्रिम मधुरकों की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
(ब) एक खाद्य परिरक्षक का नाम लिखिए। वह खाद्य परिरक्षण किस प्रकार करता है?
(स) ऋणायनी अपमार्जक का नाम एवं सूत्र लिखिए।
उत्तर:
(अ) सामान्यतः सुक्रोस प्राकृतिक मधुरक है जोकि कैलोरी बढ़ाता है क्योंकि कृत्रिम मधुरक ऊर्जा कम मात्रा में देते हैं तथा शरीर में कैलोरी भी नहीं बढ़ने देते हैं। अतः मधुमेह रोगी कृत्रिम मधुरक लेते हैं।
(ब) सोडियम बेन्जोएट (C6H5COONa), यह अपनी उपापचयन क्रिया के कारण परिरक्षण करता है।
(स) सोडियम लॉरिल सल्फेट
CH3(CH2)10CH2OSO3Na
प्रश्न 13.
(अ) औषध का विभिन्न मानदण्डों के अनुसार कितने प्रकार से वर्गीकृत कर सकते हैं, प्रत्येक का नाम लिखिये।
(ब) प्रतिहिस्टेमीन किस प्रकार का कार्य करती है? किसी एक , प्रतिहिस्टेमीन का उदाहरण दीजिये।
(स) किन्हीं दो निद्राजनक बार्बिट्यूरेट का नाम लिखिये।
उत्तर:
(अ) औषध का वर्गीकर चार प्रकार से किया गया है
(ब) शरीर में हिस्टैमिन वाहिका विस्तारक है। यह श्वसनिका एवं आहारनाली की चिकनी पेशियों को विस्तारित करता है एवं रुधिर वाहिकाओं की दीवारों को नरम करता है। जिससे जुकाम एवं एलर्जी रोग होते हैं। प्रतिहिस्टेमिन उस सतह से जुड़ता है जहाँ हिस्टैमिन जुड़ता है। इस प्रकार यह हिस्टैमिन के कार्य में रूकावट उत्पन्न करता है। जैसे क्लोरफिनरामिन, सेलडेन, सिट्राजीन, डाइमेटेप आदि।
(स) बार्बिट्येरट प्रशांतक के रूप में काम आते हैं यह नींद की गोलियों के घटक हैं। जैसे-वेरोनल सेकोनल, बार्बिट्यूरिक अम्ल आदि।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखो
1. प्रति हिस्टैमिनी
2. सल्फा औषधियों
उत्तर:
प्रश्न 15.
विस्तृत, संकीर्ण व सीमित प्रतिजैविक का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 16.
पीड़ाहारी औषधि किसे कहते हैं? कोई दो पीड़ाहारी के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे रसायन जो दर्द को बिना चेतना क्षीणता, मनो-संभ्रम, असमन्वयन या पक्षाघात अथवा तन्त्रिका तन्त्र में अन्य कोई बाधा उत्पन्न किए कम या समाप्त करते हैं, पीड़ाहारी औषध (Analgesic drugs) कहलाते हैं। उदाहरण: ऐस्परिन, फिनेसैटिन आदि।
प्रश्न 17.
स्वापक तथा अस्वापक पीडाहारी में अन्तर बताइए।
उत्तर:
स्वापक पीड़ाहारी |
अस्वापक पीड़ाहारी |
1. इस पीड़ाहारी को लेने वाला व्यक्ति इसका आदी अर्थात् आसक्त हो जाता है, तथा उसे इसे बार-बार लेने की इच्छा होती है। |
1. इस पीड़ाहारी को लेने वाला व्यक्ति आसक्त नहीं होता है। |
2. अधिक मात्रा में लेने पर यह दवाई विषैली हो जाती है और भावशून्यता, मूच्च्छा आदि उत्पन्न करती है। |
2. यह विषैली नहीं होती है। |
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
प्रत्येक का उचित उदाहरण देकर परिभाषित करें।
(i) पीड़ाहारी
(ii) कृत्रिम मधुरक
(ii) प्रशान्तक
उत्तर:
(i) पीड़ाहारी: वे रसायन जो जनन-उत्पादकता को कम करने के लिए उपयोग में लिए जाते हैं, उन्हें प्रतिनिषेचक औषधियाँ कहते हैं। यह तन्त्रिका सक्रिय औषधि है। इसे दो भागों में बाँटा गया है
1. अस्वापक (नॉन-एडिक्टिव) पीड़ाहारी-अस्वापक पीड़ाहारी दर्द में आराम देने में फायदा करती हैं लेकिन ये आदत डालने वाली नहीं होती है। इनके द्वारा निद्रा अथवा निश्चेतना का प्रभाव नहीं पड़ता है। ऐस्पिरिन तथा पैरासिटामॉल अस्वापक वर्ग के पीड़ाहारी हैं।
2. स्वापक (नारकोटिक ऐनेल्जेसिक) पीड़ाहारी-वे औषध जो कि निद्रा व अचेतना उत्पन्न करती हैं तथा सेवन की आदत डालती हैं, स्वापक पीड़ाहारी कहलाती हैं। मॉर्फीन और इसके कई सजात, जब
औषधीय मात्रा में दिये जाते हैं तो पीड़ा से मुक्ति देते हैं और नींद लाते हैं।
(ii) कृत्रिम मधुरक: ऐसे कार्बनिक यौगिक जो स्वाद में मीठे होते हैं परन्तु उनका कैलोरी मान शून्य हो, उन्हें कृत्रिम मधुरक कहते हैं। उदाहरण-सैकरीन, ऐस्पार्टेम आदि।
(iii) प्रशान्तक: वे रासायन जिनका उपयोग तनाव तथा छोटी या बड़ी मानसिक बीमारियों में किया जाता है प्रशान्तक कहलाते हैं। यह अच्छा होने की भावना को अभिप्रेरित करके चिन्ता, तनाव, क्षोभ अथवा उत्तेजना से मुक्ति देते हैं। ये नींद की गोलियों का आवश्यक घटक होते हैं।
उदाहरण: मेप्रोबमेट, इक्बैनिल, क्लोरडाइजेपॉक्साइड, नॉरएड्रीनेलीन आदि। - ये औषधियाँ अलग-अलग क्रियाविधियों से कार्य करती हैं, जैसे कि नॉरऐड्रीनेलिन एक तन्त्रिकीय संचारक (न्यूरोट्रान्समीटर) है जो मनोदशा परिवर्तन में भूमिका निभाती है। यदि किसी कारण से नॉरऐड्रीनेलिन का स्तर (मात्रा) कम हो तो संकेत भेजने की क्रिया धीमी पड़ जाती है तथा व्यक्ति अवसादग्रस्त हो जाता है। इप्रोनाइजिड और फिनल्जिन ऐसी
दो औषध हैं तथा क्लोरडाइजेपॉक्साइड और मेप्रोबमेट तनाव दूर करने के लिए अपेक्षाकृत मंद प्रशांतक हैं।
प्रश्न 2.
प्रत्येक का उचित उदाहरण देकर परिभाषित करें।
(a) पूतिरोधी (एन्टिसेप्टिक)
(b) जीवाणुनाशी प्रतिजैविक
(c) धनायनी अपमार्जक
उत्तर:
(a) पूतिरोधी-ये सूक्ष्मजीवों का विनाश करती हैं अथवा इनकी वृद्धि रोकती हैं इन्हें सजीव ऊतकों जैसे-घाव, चोट इत्यादि पर लगाते हैं। ये प्रति जीवाणु की तरह खायी नहीं जा सकतीं। उदाहरण: फ्यूरासिन, सोफामाइसिन आदि।
(b) जीवाणुनाशी प्रतिजैविक-वे औषध जो कम सान्द्रता में सूक्ष्मजीवों के उपापचयी प्रक्रमों में अवरोध उत्पन्न करके उनकी वृद्धि को रोकती हैं अथवा उनका विनाश करती हैं, जीवाणुनाशी प्रतिजैविक कहलाती हैं। उदाहरण: सैल्फापिरिडीन, सल्फैनिलेमाइड, पैनिसिलीन-आफ्लोसिन आदि।
(c) धनायनी अपमार्जक: धनायनी अपमार्जक ऐमीनो के ऐसीटेट, क्लोराइड या ब्रोमाइड ऋणायनों के साथ बने चतुष्क लवण होते हैं। इनमें धनायनी भाग में लम्बी हाइड्रोकार्बन श्रृंखला होती है तथा नाइट्रोजन अणु पर एक धन आवेश होता है। अतः इन्हें धनायनी अपमार्जक कहते हैं। सेटिलट्राइमेथिल अमोनियम ब्रोमाइड एक प्रचलित धनायनी अपमार्जक हैं जो केश कंडीशनरों में डाला जाता है। धनायनी अपमार्जकों में जीवाणुनाशक : गुण होते हैं तथा यह महँगे होते हैं। इसलिए इनका सीमित उपयोग है।
प्रश्न 3.
(i) ऋणायनी अपमार्जक किसे कहते हैं? उदाहरण भी लिखिए।
(ii) साबुन किसे कहते हैं, साबुनीकरण की अभिक्रिया लिखिए।
साबुन के दो प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
(i) ऋणायनी अपमार्जक-ऋणायनी अपमार्जक लम्बी श्रृंखला वाले ऐल्कोहॉलों अथवा हाइड्रोकार्बनों के सल्फोनीकृत व्युत्पन्न होते हैं। दीर्घ श्रृंखला वाली ऐल्कोहॉलों को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया कराने से ऐल्किल हाइड्रोजन सल्फेट बनते हैं जिन्हें क्षार से उदासीन करने पर ऋणायनी अपमार्जक बनते हैं, इसी प्रकार से ऐल्किल बेन्जीन सल्फोनेट, ऐल्किलबेन्जीन सल्फोनिक अम्लों को क्षार द्वारा उदासीन करने से प्राप्त होते हैं।
ऋणायनी अपमार्जकों में अणु का ऋणायनी भाग शोधन क्रिया में शामिल होता है। ऐल्किल बेन्जीन सल्फोनेटों के सोडियम लवण ऋणायनी अपमार्जकों के महत्वपूर्ण वर्ग है। यह अधिकतर घरेलू उपयोग में आते हैं। ऋणायनी अपमार्जक दंतमंजन में भी इस्तेमाल किए जाते हैं।
(ii) उच्च वसीय अम्लों जैसे-स्टीयरिक अम्ल, पामिटिक अम्ल, ओलियक अम्ल आदि के सोडियम तथा पोटैशियम लवण साबुन (Soaps) कहलाते हैं।
उदाहरण: सोडियम पामिटेट (C17H35COONa)
(iii) साबुनीकरण-साबुन को बसा या तेलों का क्षारीय जल-अपघटन करके बनाया जाता है। इस अभिक्रिया में साबुन (उच्च वसा अम्लों, जैसे-स्टिएरिक अम्ल, ओलिएक अम्ल तथा पामिटिक अम्लों के सोडियम अथवा पोटैशियम लवण) ग्लिसरीन बनते हैं। इस क्रिया को साबुनीकरण कहते हैं।
साबुन कोलॉइडी अवस्था में रहता है। सोडियम तथा पोटैशियम लवणों (साबुन) के जल में विलेय होने के कारण इनका उपयोग स्वच्छीकरण क्रिया में किया जाता है। सोडियम साबुनों की तुलना में पोटैशियम साबुन त्वचा के लिए कोमल होते हैं तथा जल में अधिक विलेय होते हैं। इसी कारण शेविंग क्रीम, शैम्पू तथा नहाने का साबुन बनाने में पोटैशियम लवणों का उपयोग किया जाता है।
साबुन निम्न प्रकार के होते हैं।
प्रश्न 4.
औषध एन्जाइम के मध्य अन्योन्य किया को समझाइए।
उत्तर:
एन्जाइम तथा औषध के मध्य अन्योन्यक्रिया में एन्जाइम अभिक्रिया का उत्प्रेरण करते हैं। एन्जाइम के निम्न दो मुख्य कार्य होते हैं-
(1) एन्जाइम का पहला कार्य क्रियाधार (substrate) को रासायनिक अभिक्रिया के लिए बनाए रखना है। एन्जाइम की सक्रिय सतह क्रियाधार अणु को उपयुक्त स्थिति में बनाए रखती है, जिससे इस पर अभिक्रियाकारक द्वारा प्रभावकारी आक्रमण हो सके। क्रियाधार एन्जाइम की सक्रिय सतह पर विभिन्न प्रकार की अन्योन्यक्रियाओं द्वारा बँधते हैं। यह बन्ध आयनिक आबन्ध, हाइड्रोजन आबन्ध, वाण्डर वाल्स अन्योन्यक्रिया या द्विध्रुव-द्विध्रुव बन्ध हो सकते हैं। इसे चित्र 16.1 में प्रदर्शित किया गया है।
(2) एन्जाइम का दूसरा कार्य है क्रियाधार पर आक्रमण करके रासायनिक अभिक्रिया करने के लिए प्रकार्यात्मक समूह उपलब्ध करवाना, जो क्रियाधार पर आक्रमण करके रासायनिक अभिक्रिया करेगा।
(B) औषध एन्जाइम अन्योन्यक्रिया (Drug Enzyme Interaction)
ऊपर दिये गये एन्जाइमों के दोनों कार्यों में से किसी में भी औषध अवरोध उत्पन्न करती है। यह एन्जाइम की सक्रिय सतह (active site) को अवरुद्ध कर सकती है और क्रियाधार के आबन्धन में रुकावट डाल सकती है।
या फिर ऐसी औषध जो एन्जाइम के उत्प्रेरक कार्य में अवरोध उत्पन्न कर सकती है। वे औषध एन्जाइम संदमक (Enzyme inhibitors) कहलाती हैं। कोई भी औषध एन्जाइम की सक्रिय सतह पर क्रियाधार के संयोजन में दो प्रकार से अवरोध उत्पन्न कर सकती है।
(i) औषध एन्जाइम की सक्रिय सतह पर संयोजन के लिए वास्तविक क्रियाधार से स्पर्धा करती है। ऐसी औषधों को स्पर्धी संदमक (Competitive inhibitors) कहते हैं। इसे चित्र 16.2 में प्रदर्शित किया गया है।
(ii) कुछ औषध एन्जाइम की सक्रिय सतह पर संयोजन नहीं करतीं। यह एन्जाइम की भिन्न सतह पर संयोजन करती हैं, जिसे ऐलोस्टीरिक सतह (Allosteric site) कहते हैं। इस प्रकार संदमक की ऐलोस्टीरिक सतह पर संयोजन से सक्रिय सतह की आकृति इस प्रकार परिवर्तित हो जाती है कि क्रियाधार इसे पहचान नहीं सकता। इसे चित्र 16.3 में प्रदर्शित किया गया है।
यदि एन्जाइम तथा संदमक के बीच बना बन्ध मजबूत सहसंयोजी आबन्ध है और आसानी से न तोड़ा जा सके, तो एन्जाइम स्थायी रूप से अवरुद्ध हो जाता है। तब शरीर एन्जाइम-संदमक संकुल को निम्नीकृत कर देता है और नया एन्जाइम बनाता है।
प्रतियोनी परीक्षा संबंधी प्रश्न:
प्रश्न 1.
निम्न में नैरो (सकीण) स्पेक्ट्रम एन्टिबायोटिक है:
(a) क्लोरोम्फेनिकल
(b) पेनिसिलीन-G
(c) एम्पीसिलीन
(d) एमाक्सीसिलिन
उत्तर:
(b) पेनिसिलीन-G
प्रश्न 2.
क्लोरोजाइलिनॉल तथा टर्पिनाल का मिश्रण इस रूप में कार्य करता है
(a) पीड़ाहारी
(b) पूतिरोधी
(c) एन्टीपायरेटिक
(d) प्रतिजैविक
उत्तर:
(b) पूतिरोधी
प्रश्न 3.
निम्न में से कौन-सी दवा एक पीड़ाहारी है:
(a) नोवलजिन
(b) पेनिसिलिन
(c) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(d) क्लोरोमाइसिटिन
उत्तर:
(a) नोवलजिन
प्रश्न 4.
बाइथायोनल को सामान्यतः साबुन में मिलाया जाता है। इसका कार्य है:
(a) शुष्कक
(b) उभय प्रतिरोधन कर्मक
(c) पूतिरोधी
(d) मृदुकारी
उत्तर:
(c) पूतिरोधी
प्रश्न 5.
क्लोरेम्फेनिकॉल है:
(a) संकीर्ण परास प्रतिजैविक
(b) वृहद् परास पीड़ानाशक
(c) वृद्ध परास प्रतिजैविक
(d) वृहद् परास प्रतिजीवाणु
उत्तर:
(c) वृद्ध परास प्रतिजैविक
प्रश्न 6.
निम्न में से प्रतिहिस्टैमिन है:
(a) ब्रोमफेनिरामाइन
(b) सैल्वरसेन
(c) जैन्टेक
(d) क्लोरम्फैनिकॉल
(e) टीनिऑल
उत्तर:
(a) ब्रोमफेनिरामाइन
प्रश्न 7.
कृत्रिम मधुरक जो केवल ठण्डी परिस्थिति में ही स्थायी है
(a) ऐस्पार्टम
(b) ऐलिटेम
(c) सैकेरीन
(d) सुक्रोलोस
उत्तर:
(a) ऐस्पार्टम
प्रश्न 8.
पूतिरोधी तथा विसंक्रामी शूक्ष्म जीवों का विनाश करते हैं या उनकी वृद्धि को रोकते हैं। निम्न में से जो कथन सही नहीं है उसे पहचानिए
(a) विसंक्रामी जीवित ऊतकों को हानि पहुँचाते हैं।
(b) फीनॉल. का 0.2% विलयन पूतिरोधी है जबकि 1% विलयन विसंक्रामी है।
(c) क्लोरीन तथा आयोडीन प्रबल विसंक्रामी की तरह प्रयुक्त होते
(d) बोरिक अम्ल तथा हाइड्रोजन परॉक्साइड का तनु विलयन प्रबल पूतिरोधी होता है।
उत्तर:
(d) बोरिक अम्ल तथा हाइड्रोजन परॉक्साइड का तनु विलयन प्रबल पूतिरोधी होता है।
प्रश्न 9.
टर्फेनाडीन का प्रयोग सामान्यतः किया जाता है:
(a) प्रशान्तक के रूप में
(b) प्रतिहिस्टैमिन के रूप में
(c) प्रतिसूक्ष्मजीवी के रूप में
(d) प्रतिजैविक के रूप में
(e) प्रतिजनन क्षमता औषध के रूप में
उत्तर:
(b) प्रतिहिस्टैमिन के रूप में
प्रश्न 10.
निम्न में से किसका प्रयोग प्रतिहिस्टेमिन के रूप में किया जाता।
(a) ओमेप्राजोल
(b) क्लोरेम्फैनिकॉल
(c) डाइफेनिल डाइड्रामीन
(d) नारऐथिनड्रोन
उत्तर:
(c) डाइफेनिल डाइड्रामीन