Rajasthan Board RBSE Class 12 Chemistry Important Questions Chapter 1 ठोस अवस्था Important Questions and Answers.
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बहुविकल्पीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
एक विशेष ठोस अति कठोर है तथा इसका गलनांक अति उच्च है। ठोस अवस्था में यह अचालक है तथा प्रगलन पर यह विद्युत चालक हो जाता है। ठोस है।
(i) धात्विक
(ii) आण्विक
(iii) नेटवर्क
(iv) आयनिक
उत्तर:
(iv) आयनिक
प्रश्न 2.
किस प्रकार के ठोस विद्युत् चालक, आघातवर्धनीय और तन्य होते हैं?
(i)आण्विक
(ii) आयनिक
(ii) धात्विक
(iv) सहसंयोजक
उत्तर:
(iii) धात्विक
प्रश्न 3.
ठोस A एक अति कठोर ठोस तथा गलित अवस्था में विद्युतरोधी है और बहुत उच्च ताप पर पिघलता है। यह किस प्रकार का ठोस
(i) आण्विक
(ii) आयनिक
(iii) धात्विक
(iv) सहसंयोजक
उत्तर:
(iv) सहसंयोजक
प्रश्न 4.
ग्रेफाइट है।
(i) आयनिक ठोस
(ii) धात्विक ठोस
(iii) सहसंयोजी ठोस
(iv) आण्विक ठोस
उत्तर:
(ii) सहसंयोजी ठोस
प्रश्न 5.
निम्न में से कौन-सा सहसंयोजक क्रिस्टल है?
(i) रॉक साल्ट
(ii) बर्फ
(iii) क्वार्ट्ज
(iv) शुष्क बर्फ
उत्तर:
(ii) क्वार्ट्ज
प्रश्न 6.
प्लास्टिक है।
(i) आयनिक ठोस
(ii) धात्विक ठोस
(iii) सहसंयोजी ठोस
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(iv) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 7.
सोडियम क्लोराइड क्रिस्टल की संरचना है।
(i) फलक केन्द्रित घनीय
(ii) मोनोक्लीनिक
(iii) ऑर्थोरोम्बिक
(iv) चतुष्कोणीय
उत्तर:
(i) फलक केन्द्रित घनीय
प्रश्न 8.
फलक केन्द्रित घनीय जालक में एक एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या होगी।
(i) 2
(ii) 3
(iii) 4
(iv) 5
उत्तर:
(iii) 4
प्रश्न 9.
58.5g NaCl में एकक कोष्ठिकाओं की लगभग संख्या होगी।
(i) 1.5 x 1023
(ii) 6 x 1023
(iii) 3 x 1022
(iv) 0.5 x 1024
उत्तर:
(i) 1.5 x 1023
प्रश्न 10.
Zn अपनी गलित अवस्था से ठोस अवस्था में परिवर्तित होता है जिसकी संरचना hcp प्रकार की है। समीपस्थ परमाणुओं की संख्या होगी।
(i) 6
(ii) 8
(iii) 12
(iv) 4
उत्तर:
(iii) 12
प्रश्न 11.
एक ठोस AB, जिसकी संरचना NaCI प्रकार की है, में परमाणु घनीय एकक कोष्ठिका के सभी कोनों को घेरते हैं। यदि एक अक्ष के सभी फलक केन्द्रित परमाणु निष्कासित हो जाये तो ठोस की स्टॉइकियोमीदी होगी।
(i) AB2
(ii) A2B
(iii) A4B3
(iv) A3B4
उत्तर:
(iv) A3B4
प्रश्न 12.
एक एकक कोष्ठिका जिसमें परमाणुओं की संख्या है तथा जो ABCABC ..... संकुलन क्रम प्रदर्शित करती है, में चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या होगी।
(i) z
(ii) 2z
(iii) Z/2
(iv) Z/4
उत्तर:
(i) z
प्रश्न 13.
सोडियम क्लोराइड क्रिस्टल में Na' आयन की समन्वय संख्या।
(i) 6
(i) 8
(iii) 4
(iv) 1
उत्तर:
(i) 6
प्रश्न 14.
एक धातु फलक केन्द्रित धनीय जालक में क्रिस्टलित होता है। एकक कोष्ठिका की कोर की लम्बाई 408 pm है। धातु परमाणु का व्यास है।
(i) 288 pm
(ii) 408 pm
(iii) 144 pm
(iv) 204 pm
उत्तर:
(i) 288 pm
प्रश्न 15.
सरल घन में उपस्थित परमाणुओं द्वारा घेरे गये कुल आयतन का प्रभाज है।
(i) \(\frac{\pi}{4}\)
(ii) \(\frac{\pi}{6}\)
(iii) \(\frac{\pi}{3 \sqrt{2}}\)
(iv) \(\frac{\pi}{4 \sqrt{2}}\)
उत्तर: (i) \(\frac{\pi}{4}\)
प्रश्न 16.
एक ठोस यौगिक XY की NaCl संरचना है। यदि घनायन की त्रिज्या 100 pm है तो ऋणायन (Y) की त्रिज्या होगी।
(i) 0275.1 pm
(ii) 322.5 pm
(iii) 241.5 pm
(iv) 165.7 pm
उत्तर:
(ii) 241.5 pm
प्रश्न 17.
फ्रेंकेल दोष के कारण आयनिक क्रिस्टल का घनत्व।
(i) घटता है
(ii) बढ़ता है
(iii) परिवर्तित होता है
(iv) अपरिवर्तित रहता है
उत्तर:
(iv) अपरिवर्तित रहता है
प्रश्न 18.
फ्रेंकेल तथा शॉटकी दोष होते हैं।
(i) नाभिकीय दोष
(ii) क्रिस्टल दोष
(iii) परमाण दोष
(iv) अणु दोष
उत्तर:
(ii) क्रिस्टल दोष।
प्रश्न 19.
शॉटकी दोष किसके जालक की अपूर्णताएं परिभाषित करता।
(i) गैस की
(ii) प्लाज्मा की
(iii) द्रव की
(iv) ठोस की
उत्तर:
(iv) ठोस की
प्रश्न 20.
Fe3O4 का क्रिस्टल है।
(i) प्रतिचुम्बकीय
(ii) लौहचुम्बकीय
(iii) अनुचुम्बकीय
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
लौहचुम्बकीय
अति लघु उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
काय - केन्द्रित धनीर्य संरचना में संकुलन दक्षता का मान लिखिए।
उत्तर:
संकुलन क्षमता = 68%
प्रश्न 2.
नेटवर्क ठोस का कोई एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
हीरा
प्रश्न 3.
CaF2 क्रिस्टल जालक में Ca2+ एवं F- आयनों की उप-सहसंयोजन संख्या कितनी होती है?
उत्तर:
CaF2 क्रिस्टल जालक में
Ca2+ आयन की उप-सहसंयोजन संख्या = 8
F- आयन की उप-सहसंयोजन संख्या = 4
प्रश्न 4.
निम्न ताप पर हाइड्रोजन किस प्रकार का आण्विक ठोस है?
उत्तर:
अध्रुवीय या सहसंयोजक आण्विक ठोस है।
प्रश्न 5.
आद्य घनीय एक कोष्ठिका के एक परमाणु का कितना भाग वास्तव में एक विशिष्ट एकक कोष्ठिका से सम्बन्धित रहता है?
उत्तर:
आध घनीय एकक कोष्ठिका में अवयवी कण केवल घन के कोनों पर होते हैं। प्रत्येक कण का भाग ही उस एकक कोष्ठिका से सम्बन्धित रहता है।
प्रश्न 6.
क्रिस्टल में बिन्दु त्रुटि से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
क्रिस्टलीय ठोस में परमाणुओं या आयनों की अनियमित व्यवस्था के कारण उत्पन्न त्रुटियाँ अपूर्णता या बिन्दु त्रुटि कहलाती हैं।
प्रश्न 7.
एक घनीय निविड संकुलित संरचना की एकक कोष्ठिका में चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या बताइए।
उत्तर:
एकक कोष्ठिका में 8 चतुष्फलकीय रिक्तियाँ होती हैं।
प्रश्न 8.
काँच और प्लास्टिक किस प्रकार के ठोस के उदाहरण है?
उत्तर:
काँच और प्लास्टिक अक्रिस्टलीय ठोस के उदाहरण हैं।
प्रश्न 9.
प्रिनताक्ष क्रिस्टल के अक्षीय दूरियों एवं अक्षीय कोणों का मान लिखिए।
उत्तर:
त्रिनताक्ष क्रिस्टल में सभी अक्षीय दूरियाँ एवं अक्षीय कोण भिन्न - भिन्न होते हैं।
अतः a ≠ b ≠ c एवं α ≠ β ≠ γ = 90°
प्रश्न 10.
AgBr में फ्रेंकल दोष किस आयन के विस्थापन से उत्पन्न होता है?
उत्तर:
फ्रेंकल दोष धनायन (Ag+ आवन) के विस्थापन से उत्पन्न होता है।
प्रश्न 11.
एक घनीय निविड संकुलित संरचना की एकक कोष्ठिका में अष्टफलकीय रिक्तियों की संख्या बताइए।
उत्तर:
एकक कोष्ठिका में 4 अष्टफलकीय रिक्तियाँ उपस्थित होती हैं।
प्रश्न 12.
F - केन्द्र क्या होते हैं?
उत्तर:
F - केन्द्र वे स्थल होते हैं जहाँ से ऋणावन लुप्त हो जाते हैं तथा इन स्थलों को इलेक्ट्रॉन घेर लेते हैं। F - केन्द्र क्रिस्टल को रंग प्रदान करते हैं।
प्रश्न 13.
किनही दो अन्तराकाशी रिक्तियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
चतुष्फलकीय रिक्ति, अष्टफलकीय रिक्ति
प्रश्न 14.
8 एवं प्रकार के अर्द्ध-चालक बनाने हेत सिलिकन में कौन-कौन से तत्व मिलाते हैं?
उत्तर:
सिलिकन में फॉस्फोरस (P) मिलाने पर 1-प्रकार के अर्द्धचालक और सिलिकन में बोरोन (B) मिलाने पर p-प्रकार के अर्द्धचालक बनते हैं।
प्रश्न 15.
फ्रेंकल त्रुटि AgCl क्रिस्टल के घनत्व को परिवर्तित क्यों नहीं करती है?
उत्तर:
फ्रेंकल त्रुटि में धनायन (Ag+) अपने निर्धारित स्थान को छोड़कर अंतराकाश में समा जाता है, क्रिस्टल से बाहर नहीं निकलता। इसलिए ACl के घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं होता।
प्रश्न 16.
क्रिस्टल में अन्तराकाशी क्या होते हैं?
उत्तर:
जब कुछ अवयवी कण (परमाणु अथवा अणु) अन्तराकाशी स्थल पर पाए जाते हैं अर्थात् जब ये कण सामान्य रिक्त अन्तराकाशी रिक्तिकाओं को भर देते हैं, तब इन्हें अन्तराकाशी कहा जाता है।
प्रश्न 17.
ताप बढ़ने पर धातुओं की चालकता कम क्यों हो जाती है?
उत्तर:
ताप के बढ़ने से ऊष्मीय कम्पन बढ़ जाते है जिससे प्रतिरोध बढ़ जाता है, अत: चालकता कम हो जाती है।
प्रश्न 18.
Agl का क्रिस्टलीकरण Zns संरचना में होता है तो Ag+ आयनों द्वारा चतुष्पलकीय छिदों का कितना अंश भरा जायेगा?
उत्तर:
उपस्थित छिद्रों का आधा अंश।
प्रश्न 19.
NaCl के एक क्रिस्टल का रंग पीला दिखाई दे रहा है, इसका कारण लिखिये।
उत्तर:
NaCl के एक क्रिस्टल का रंग F - केन्द्र(धातु आधिक्य दोष) के कारण पीला दिखाई देता है।
प्रश्न 20.
अपमिश्रण क्या है? यह क्यों किया जाता है?
उत्तर:
किसी क्रिस्टल जालक में अशुद्धि मिलाने की क्रिया अपमिश्रण कहलाती है। अपमिश्रण उचित अशुद्धि को उपयुक्त मात्रा में मिलाकर किया जाता है। उदाहरणार्थ-प्रति 10 सिलिकॉन परमाणुओं में एक बोरॉन परमाणु मिलाने पर Si की चालकता साधारण ताप पर 103 गुना बढ़ जाती है।
प्रश्न 21.
निम्नलिखित में से कौन से धुवीय आण्विक ठोस हैंठोस सल्फर डाइऑक्साइड, ठोस अमोनिया, आयोडीन क्रिस्टल, ग्रेफाइट, कार्बन टेट्राक्लोराइड।
उत्तर:
ठोस सल्फरडाईऑक्साइड SO2(s)
ठोस अमोनिया NH3(s)
प्रश्न 22.
कुछ रासायनिक पदार्थों में अनुचुम्बकत्व गुण होता है। इसका क्या कारण है?
उत्तर:
जिन पदार्थों के अवववी कणों जैसे परमाणु, अणु अथवा आयन में कम से कम एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होता है, अनुचुम्बकीय गुण प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 23.
ग्रेफाइट की एकक कोष्ठिका षट्कोणीय होती है। इसके पैरामीटर बताइये।
उत्तर:
ग्रेफाइट की एकक कोष्ठिका षट्कोणीय होती है। इसके पैरामीटर निम्न प्रकार है।
a = b ≠ c α = β = 90° γ = 120°
प्रश्न 24.
जर्मेनियम में आर्सेनिक मिलाने पर किस प्रकार का अर्धचालक बनता है?
उत्तर:
प्रकार का अर्धचालक बनता है।
प्रश्न 25.
hcp तथा ccp संरचना वाली धातुओं के गलनांक उच्च होते हैं, क्यों?
उत्तर:
hcp तथा ccp संरचना वाली धातुओं की संकुलन क्षमता अधिक (74%) होती है। अतः इनमें धातु परमाणु एक-दूसरे के निकटतम होते हैं, जिसके कारण अन्तर परमाण्वीय बल अर्थात् धात्विक बन्ध प्रबल होते हैं फलस्वरूप इनका गलनांक उच्च होता है।
प्रश्न 26.
क्रिस्टलीय ठोस क्या हैं?
उत्तर:
वे ठोस जिनमें घटक कणों की दीर्घ परास व्यवस्था होती है, क्रिस्टलीय ठोस कहलाते हैं। उदाहरणार्थ: चाँदी, ताँबा, सोडियम क्लोराइड आदि।
प्रश्न 27.
अक्रिस्टलीय ठोस को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
एक ठोस अक्रिस्टलीय कहलाता है, जब इसके अवयवी कणों की लघु परास व्यवस्था होती है।
प्रश्न 28.
आण्विक ठोस से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जिन ठोसों के क्रिस्टल जालक सरल विविक्त अणुओं से बने होते हैं, वे आण्विक ठोस कहलाते हैं। उदाहरणार्थ: आयोडीन, सल्फर, सफेद फास्फोरस आदि।
प्रश्न 29.
आयनिक ठोस की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
जिन ठोसों के क्रिस्टल जालक घनायनों और ऋणायनों से बने होते हैं, वे आयनिक ठोस कहलाते हैं। उदाहरणार्थ: सोडियम क्लोराइड, धातु ऑक्साइड, धातु सल्फाइड आदि।
प्रश्न 30.
घात्विक ठोस को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जो ठोस घातुओं के गुण प्रकट करते हैं, घात्विक ठोस कहलाते हैं। उदाहरणार्थ: सोना, चाँदी, ताँबा आदि।
प्रश्न 31.
सह-संयोजक ठोस से क्या अभिप्राय हैं?
उत्तर:
जिन ठोसों के क्रिस्टल जालक परमाणुओं से बने होते हैं, वे सह-संयोजक ठोस कहलाते हैं। उदाहरणार्थ: हीरा, ग्रेफाइट, सिलिका आदि।
प्रश्न 32.
धनीय निविड़ संकुलन संरचना युक्त। मोल यौगिक में अष्टफलकीय रिक्तियाँ कितनी होंगी?
उत्तर:
अष्टफलकीय रिक्तियों की संख्या = संकलन में परमाणुओं की संख्या
= 1 मोल - 6.023 x 1023
प्रश्न 33.
संकुलन दक्षता (क्षमता) को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
क्रिस्टल में उपलब्ध कुल स्थान का परमाणुओं द्वारा घेरा हुआ अंश संकुलन दक्षता कहलाता है। र, प्रायः प्रतिशत में व्यक्त की जाती है।
यदि किसी क्रिस्टल संरचना की एकक कोष्ठिका में उपस्थित परमाणुओं द्वारा कोष्ठिका का घेरा हुआ, आयतन Voccu और एकक कोष्ठिका का कुल आयतन Vcell है, तो
संकुलन क्षमता = \(\frac{\mathrm{V}_{\text {ocçu }}}{\mathrm{V}_{\text {cell }}} \times 100\)
प्रश्न 34.
जब घन की सभी 12 भुजाओं के कोनों पर परमाण स्थित होते हैं तो प्रति एकक कोष्ठिका में कितने परमाणु होते हैं।
उत्तर:
चूँकि घन के केवल 8 होने हैं; अतः प्रति एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या = 8 x 1/8 = 1
प्रश्न 35.
फ्रेंकेल दोष AgCl क्रिस्टलों के घनत्व को परिवर्तित क्यों नहीं करता हैं?
उत्तर:
चूंकि फ्रेंकेल दोषयुक्त क्रिस्टल में आयनों की संख्या समान रहती है इसलिए यह दोष क्रिस्टलों के घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं करता हैं।
प्रश्न 36.
क्रिस्टलों में कौन-सा बिन्दु दोष सम्बन्धित ठोस के घनत्व को परिवर्तित नहीं करता है?
उत्तर:
फ्रेंकेल दोष।
प्रश्न 37.
फ्रेंकेल दोष उपस्थित होने पर भी क्रिस्टल के घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं होता है, क्यों?
उत्तर:
फेंकेल दोष में घनायन अपने जालक बिन्दुओं से हटकर अन्तराकाशी स्थानों में आ जाते हैं, इसलिए क्रिस्टल के घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं होता हैं।
प्रश्न 38.
अर्द्धचालकों की विद्युत चालकता पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
ताप वृद्धि से अर्द्धचालकों को विद्युत चालकता बढ़ जाती
प्रश्न 39.
गर्म करने पर चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय हो जाते हैं, क्यों?
उत्तर:
गर्म करने पर इलेक्ट्रॉन चक्रण अनियमित रूप से अभिविन्यसित (aligned) हो जाने के कारण लौहदुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय हो जाते हैं।
प्रश्न 40.
शॉटकीय तथा फ्रेंकेल दोषों का क्रिस्टल की उदासीनता पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
शॉटकी तथा फ्रेंकेल दोष उपस्थित होने पर क्रिस्टल उदासीन (neutral) बने रहते हैं।
प्रश्न 41.
CaCl2 AgCl क्रिस्टल में मिलाने पर शॉटकी दोष उत्पन्न करता है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विद्युत उदासीनता बनाए रखने के लिए 2Ag2+ आयन 1 Ca2+ द्वारा प्रतिस्थापित होंगे। अत: प्रत्येक Ca2+ आयन के प्रवेश पर जालक स्थल में एक छिद्र उत्पन्न होता है।
प्रश्न 42.
F - केन्द्र क्या है?
उत्तर:
वह स्थान जहाँ ऋणायन रिक्तिका में इलेक्ट्रॉन उपस्थित होता है.F - केन्द्र कहलाता है।
प्रश्न 43.
रिक्तिका को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
धातु परमाणुओं अथवा आयनों को जब क्रिस्टल में संकुलित किया जाता है, तब इनके मध्य उपस्थित स्थान रिक्तिका कहलाता है।
प्रश्न 44.
एक लवण का नाम लिखिए जिसे AgCl में मिलाकर घनायन रिक्तियाँ उत्पन्न की जा सकती हैं।
उत्तर:
CdCl2 अथवा SrCl2
प्रश्न 45.
क्षारीय धातु हैलाइडों के रंग के लिए उत्तरदायी नॉन-स्टॉइकियोमिटी बिन्दु दोष का नाम लिखिए।
उत्तर:
धातु आधिक्त अथवा ऋणायनिक रिक्तिकाएँ अथवा F - केन्द्र
प्रश्न 46.
क्रिस्टलीय ठोसों के घनत्व पर शोदकी तथा फ्रेंकेल दोषों का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
शॉट्की दोष की स्थिति में घनत्व घट जाता है, जबकि फ्रेंकेल दोष की स्थिति में यह समान ही रहता है।
प्रश्न 47.
धातुओं की चालकता ताप-वृद्धि से क्यों घट जाती है?
उत्तर:
ताप-वृद्धि से धातुओं में इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के पथ में करनेल (Kemel) कम्पन करना प्रारम्भ कर देते हैं जिससे प्रवाह में अवरोध उत्पन्न हो जाता है तथा उनकी चालकता घट जाती है।
प्रश्न 48.
किस प्रकार के यौगिक शॉट्की दोष दर्शाते हैं? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
यह दोष उन क्रिस्टलों में पाया जाता है जो उच्च आयनिक यौगिक होते हैं, जिनमें धनायों तथा ऋणायनों के आकारों में बहुत अधिक अन्तर नहीं पाया जाता है; जैसे - NaCl, KBr, KCl, CsCl आदि।
प्रश्न 49.
प्रति लौह-चुम्बकीय ठोस का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
MnO प्रतिलौह-चुम्बकीय ठोस है।
प्रश्न 50.
ZnO गर्म करने पर पीला क्यों दिखाई पड़ता है?
उत्तर:
ZnO गर्म करने पर ऑक्सीजन का ास करता है तथा ऋणायनों के रिक्त स्थल इलेक्ट्रॉनों द्वारा अध्यासित हो जाते हैं जो दृश्य क्षेत्र से प्रकाश अवशोषित करके पूरक रंग; जैसे-पीला रंग विकिरित करते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
(a) क्रिस्टलीय एवं अक्रिस्टलीय ठोसों में कोई दो अन्तर लिखिए।
(b) अशुद्धता दोष को दर्शाने वाला चित्र बनाइए।
उत्तर:
(a) (i) क्रिस्टलीय ठोसों को गलानांक निश्चित तथा तीक्ष्ण होते हैं लेकिन अक्रिस्टलीय ठोसों को गलनांक निश्चित नहीं होते हैं।
(ii) क्रिस्टलीय ठोस विषमदैशिक प्रकृति के होते हैं।
(b) अशुद्धता दोष को निम्न चित्र द्वारा दर्शाया जा सकता है
प्रश्न 2.
(अ) शॉटकी एवं फ्रेंकल दोष में अन्तर लिखिए।
(ब) सरल बनीय जालक में संकुलन दक्षता की गणना कीजिए।
उत्तर:
फ्रेन्कल दोष |
शॉटकी दोष |
1. छोटे धनायनों और बड़े ऋणायनों से बने यौगिकों में पाये जाते हैं। |
1. लगभग समान अकार के धनायनों और ऋणायनों से बने यौगिकों में पाये जाते हैं। |
2. निम्न समन्वयी संख्याओं वाले क्रिस्टलों में पाये जाते हैं। |
2. यह दोष उच्च समन्वयन संख्याओं के यौगिकों में पाये जाते हैं। |
3. अन्तराकाशी दोष है। |
3. रिक्तिका दोष है। |
4. पदार्थ का घनत्व परिवर्तित नहीं होता। |
4. पदार्थ का घनत्व घट जाता है। |
(ब) सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता [Packing Emciency in Simple Cubic Unit Cell (sec)]:
परमाणु की त्रिज्या = r
एकक कोष्ठिका में कोर की लम्बाई = a
चूंकि sec संरचना एक गोले से बनती है, अत:
एक गोले का आयतन = 4/3πr3
एक सरल घनीय जालक में एक परमाणु केवल घन के कोनों पर उपस्थित होते हैं। धन के किनारों पर कण एक-दूसरे के सम्पर्क में होते
इसलिए इस व्यवस्था में बन के कोर अथवा भुजा की लम्बाई 'a' तथा प्रत्येक परमाणु को त्रिज्या '' निम्न प्रकार से सम्बन्धित है,
a = 2r
घनीय एकक कोष्ठिका का आयतन
अतः, % संकुलन क्षमता
= \(\frac{\frac{4}{3} \pi r^3}{8 r^3} \times 100\)
= 52.6% या 52.4%
अर्थात् scc संरचना में गोलों या कणों द्वारा पेरा गया कुल आवतन 52.4% होता है। जबकि यहाँ पर खाली बचा स्थान अर्थात् कुल रिक्ति का आयतन 47.6% होता है।
प्रश्न 3.
विद्युत चालन के आधार पर अचालक एवं अर्धचालक को समझाइए।
उत्तर:
अचालक: वे ठोस पदार्थ जिनमें विद्युत धारा का प्रभाव बहुत कम या नहीं होता है उन्हें अचालक कहते हैं। इनमें चालकता की परास 10-20 से 10-10 ohm-1 m-1 होती है।
अर्द्ध-चालक: वे ठेस पदार्थ जिनकी चालकता, चालकों और अचालकों के मध्यवती होती है। इसकी चालकता की पास 106 से 104 ohm-1 m-1 के मध्य होती है। परमशून्य (0°K) ताप पर इसकी चालकता शून्य होती है लेकिन ताप बढ़ने पर बढ़ती है।
प्रश्न 4.
एक घन की एकक कोष्ठिका में परमाणु कोनों पर तथा B परमाणु फलक केन्द्रों पर हैं तथा प्रत्येक एकक कोष्ठिका में 2 कोनों से A परमाणु विलुप्त हैं। यौगिक का सरल सूत्र क्या होगा?
उत्तर:
कोनों पर A परमाणुओं की संख्या = 8
कोनों से विलुप्त A परमाणुओं की संख्या = 2
उपस्थित परमाणुओं की संख्या = 8 - 2 = 6
प्रति एकक कोष्ठिका में A परमाणुओं की संख्या
= \(\frac{6}{8}=\frac{3}{4} 0^{\circ} \mathrm{K}\)
प्रति एकक कोष्ठिका में B परमाणुओं की संख्या
= 6 × 1/2 = 3
यौगिक का सूत्र = A3/4 B3 = AB4
प्रश्न 5.
NaCl की एक एकक कोष्ठिका में यदि चित्र में दिये गये अक्ष से सभी आयन हटा दिये जायें तो बची एकक कोष्ठिका में कितने-कितने Na+ और Cl- आयन होंगे?
उत्तर:
NaCl संरचना में Cl- आयन घन के कोनों और फलों के केन्द्र पर होते हैं जबकि Na+ आयन किनारों के केन्द्र और धन के केन्द्र पर होते है।
दिये हुए अक्ष के आयन हटाने पर एक Na+ आयन केन्द्र से और दो Cl- आयन फलकों के केन्द्र से पृथक होंगे अत:
Na+ आयनों की संख्या = 12 x 1/4 = 3
Cl- आयनों की संख्या = 8 x 1/8 + 4 x 1/2 = 3
बची एकक कोष्ठिका में 3 सोडियम आयन (Na+) तथा 3 क्लोराइड आयन (Cl-) होंगे।
प्रश्न 6.
एक यौगिक में तत्व x एवं उपस्थित हैं। तत्व घन में कोनों पर उपस्थित है जबकि तत्व केवल दो विपरीत फलकों के मध्य में उपस्थित है। यौगिक का सूत्र बताइए।
उत्तर:
किसी भी घन में कुल 8 कोने होते हैं। परमाणु X घन के प्रत्येक कोने पर उपस्थित होते हैं। अत:
x परमाणुओं की संख्या प्रति एकक कोप्तिका में
= 8 x 1/8 = 1
Y परमाणु केवल दो विपरीत फलकों के मध्य में उपस्थित है तथा फलक पर परमाणु केवल 1/2 भाग ही सहभाजित करता है। अत: Y परमाणुओं की संख्या प्रति एकक कोष्ठिका में
= 2 x 1/2 = 1
यौगिक का सूत्र = XY
प्रश्न 7.
एक यौगिक में तत्व कोने पर, B घन के केन्द्र पर तथा C आधे कोरों पर स्थित है। यौगिक का सूत्र बताइए।
उत्तर:
एक घन में कुल 8 कोन है। अत:
A परमाणुओं की संख्या प्रति एकक कोष्ठिका में
= 8 x 1/8 = 1
B घन के केन्द्र पर है।
अत: B परमाणुओं की संख्या प्रति एकक कोष्ठिका में = 1
C आधे कोरों पर स्थित हैं चूँकि कुल कोरों की संख्या 12 होती है तथा c केवल आधे कोरों पर हैं। अत:
C परमाणुओं की संख्या प्रति एकक कोष्ठिका में
= 6 x 1/4 = 3/2
अतः यौगिक का सूत्र = ABC3/2 या A,B,C होगा।
प्रश्न 8.
कांच को अतिशीतित द्रव क्यों माना जाता है?
उत्तर:
काँच एक अक्रिस्टलीय ठोस है। द्रों के समान इसमें प्रवाह की प्रवृत्ति होती है, यद्यपि यह प्रवाह बहुत मन्द होता है। अतः इसे आभासी ठोस (pseudo solid) अथवा अतिशीतित द्रव (super-cooled liquid) कहा जाता है। इस तथ्य के प्रमाणस्वरूप पुरानी इमारतों की खिड़कियों और दरवाजों में जड़े शीशे निरअपवाद रूप से शीर्ष की अपेक्षा अधस्तल में किंचित मोटे पाए जाते हैं। यह इसलिए होता है; क्योंकि काँच प्रवाह की प्रकृति के कारण अत्यधिक मन्दता से नीचे प्रवाहित होकर अधस्तल भाग को किंचित मोटा कर देता है।
प्रश्न 9.
एक यौगिक का सूत्र क्या है जिसमें न Y तत्व ccp जालक बनाता है और x के परमाणु चतुष्कलकीय रिक्तियों का 2/3 भाग घेरते है?
उत्तर:
ccp जालक में,
अणुओं की संख्या = N
चतुष्कलकीय रिक्तियों की संख्या = 2N
तत्व 'Y' के परमाणुओं की संख्या = N
तत्व 'X' के परमाणु की संख्या = 2/3 x 2N
यौगिक X4N/3 : YN
अतः
सूत्र =X4Y3
प्रश्न 10.
यह मानते हुए कि परमाणु एक-दूसरे के सम्पर्क में हैं, सरल धनीय धातु के क्रिस्टल में संकुलन क्षमता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
माना कि एकक कोष्ठिका के सिरे की लम्बाई
= a
गोले की त्रिज्या = r
∴ गोले एक-दूसरे को सम्पर्क करते हैं।
a = 2r
एक एकक कोष्टिका में गोलों की संख्या
= 8 x 1/8 = 1
एक गोले का आयतन = 4/3 πr3
का आयतन = a x a x a = a3
सकलन क्षमता =
\(\frac{\frac{4}{3} \pi r^3}{8 r^3}\)
= \(\frac{4 \times 22}{3 \times 7 \times 8}\)
= 0.524
= 52.4%
प्रश्न 11.
फेरीचुम्बकत्व को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जब पदार्थ में डोमेनों के चुम्बकीय आघूर्णों का संरेखण समान्तर एवं प्रतिसमान्तर दिशाओं में असमान होता है, तब पदार्थ मैं फेरीचुम्बकत्व देखा जाता है। ये लोहचुम्बकत्व की तुलना में चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा दुर्बल रूप से आकर्षित होते हैं। Fe3O4 (मैग्नेटाइट) और फेराइट; जैसे - MgFe2O4, ZnFe2O4 ऐसे पदार्थों के उदाहरण हैं।
प्रश्न 12.
(अ) कॉपर ठोस एवं गलित दोनों अवस्थाओं में विद्युत का चालन दर्शाता है जबकि कॉपर क्लोराइड केवल जलीय विलयन में ही विद्युत का चालन दर्शाता है। कारण दीजिए।
(ब) वर्गाकार द्विविमीय निविड़ संकुलन का चित्र बनाइए।
उत्तर:
(अ) कॉपर धातु के संयोजी कोश में मुक्त इलेक्ट्रॉन होने के कारण ठोस एवं दोनों अवस्थाओं में विद्युत का चालन करता है तथा कॉपर क्लोराइड के जलीय विलयन में आयन मुक्त हो जाते हैं। मुक्त आयनों के द्वारा कॉपर क्लोराइड का जलीय विलयन विद्युत का चालन दर्शाता है।
प्रश्न 13.
(अ) यह मानते हुए परमाणु एक दूसरे के सम्पर्क में हैं, सरल घनीय धातु के क्रिस्टल में संकुलन क्षमता की गणना कीजिए।
(ब) आयनिक ठोसों की प्रकृति के आधार पर फ्रेंकेल दोष एवं शॉटकी दोष की तुलना कीजिए।
उत्तर:
(अ) एक सरल घनीय धातु क्रिस्टल में घन के कोनों पर उपस्थित परमाणु एक दूसरे को स्पर्श करते हैं।
अत: a = 2r
a = घन का किनारा तथा r = परमाणु की त्रिग्या है। सरल घनीय एकक कोष्ठिका में उपस्थित परमाणुओं की संख्या
= 1/8 x 8 = 1
घन का आयतन = a3 = (2r)3 = 8r3
= \(\frac{\frac{4}{3} \pi r^3 \times 1}{8 r^3}=\frac{4 \times 3.14}{3 \times 8}\)
या संकुलन क्षमता = 52.4%
(ब) फ्रेन्कल दोष और शॉटकी दोष की तुलना
फ्रेन्कल दोष |
शॉटकी दोष |
1. छोटे धनायनों और बड़े ऋणायनों से बने यौगिकों में पाये जाते हैं। |
1. लगभग समान अकार के धनायनों और ऋणायनों से बने यौगिकों में पाये जाते हैं। |
2. निम्न समन्वयन संख्याओं वाले क्रिस्टलों में पाये जाते हैं। |
2. यह दोष उच्च समन्वयन संख्याओं में यौगिकों में पाये जाते हैं। |
3. अन्तराकाशी दोष है। |
3. रिक्तिका दोष है। |
4. पदार्थ का घनत्व परिवर्तित नहीं होता। |
4. पदार्थ का घनत्व घट जाता है। |
प्रश्न 14.
(अ) षट्कोणीय क्रिस्टल तन्त्र हेतु अक्षीय कोणों के मान लिखिए।
(ब) सिलिकॉन में बोरोन अपमिश्रित करने पर किस प्रकार का अर्द्धचालक प्राप्त होता है? समझाइए। (मा, शि. बोर्ड 2015)
उत्तर:
(अ) षट्कोणीय क्रिस्टल तन्त्र हेतु अक्षीय कोण α = β = 90°, γ = 120°
(ब) सिलिकॉन में बोरोन अपमिश्रित करने पर प्रकार का अर्द्धचालक प्राप्त होता है।
si में चार संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं। B जिसके संयोजी कोश में तीन इलेक्ट्रॉन होते है, वह निकट के परमाणुओं से तीन बन्ध बना पाता है। इस प्रकार प्रत्येक B परमाणु पर एक इलेक्ट्रॉन न्यून छिद्र बन जाता है। इलेक्ट्रॉन न्यून होने के कारण यह छिद्र धन आवेशित बन जाता है। विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में निकट के Si परमाणु से इलेक्ट्रॉन आकार इस छिद्र को भरता है, परिणामस्वरूप उस स्थान पर धनात्मक छिद्र बन जाता है। इलेक्ट्रॉन इन धनात्मक छिद्रों के माध्यम से धनात्मक इलेक्ट्रोड की ओर गमन करते हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि धनात्मक छिद्र ऋणात्मक इलेक्ट्रोड की ओर गमन कर रहे हैं। इस प्रकार के अर्द्धचालक-प्रकार के अर्द्धचालक कहलाते है।
प्रश्न 15.
(अ) ठोस के समदैशिक एवं विषमदैशिक प्रकृति में कोई एक अन्तर दीजिए।
(ब) ठोस (क) की विद्युत चालकता 104 - 107 ohm-1 तथा ठोस
(ख) की विद्युत चालकता 10-2 - 10-10 ohm-1 m-1 है तो ठोस (क) एवं ठोस (ख) को पहचानिए तथा इनका नाम लिखिए।
उत्तर:
समदैशिक प्रकृति |
विषमदैशिक प्रकृति |
1. यह प्रकृति अक्रिस्टलीय ठोसों द्वारा प्रकट की जाती है। |
1. यह प्रकृति क्रिस्टलीय ठोसों द्वारा प्रकट की जाती है। |
2. इसमें विभिन्न भौतिक गुणों का मान सभी दिशाओं से मापने पर एक समान आता है क्योंकि कणों का विन्यास अनियमित होता है। उदाहरण: NaCl,क्वार्ट्ज आदि। |
2. इसमें कुछ भौतिक गुणों जैसे प्रतिरोधकता, अपवर्तनांक आदि के मान एक ही क्रिस्टल में भिन्न-भिन्न दिशाओं से मापने पर भिन्न-भिन्न आते हैं क्योंकि भिन्न-भिन्न दिशाओं में कणों की व्यवस्था भिन्न-भिन्न होती |
(ब) विद्युत चालकता के मान से स्पष्ट है कि ठोस (क) एक चालक पदार्थ है जबकि ठोस (ख) एक कुचालक पदार्थ है। उदाहरण, चालक धातुएँ एवं वैद्युत - अपघट्य। कुचालक-अधातुएँ एवं लकड़ी, रबर आदि।
प्रश्न 16.
LiCl क्रिस्टल का रंग गुलाबी होता है, क्यों?
उत्तर:
LiCl का गुलाबी रंग इनमें धातु आधिक्य दोष उत्पन्न होने के कारण होता है। इस दोष में कुछ ऋणायन (CT) क्रिस्टल जालक छोड़कर बाहर निकल जाते हैं, और इनका स्थान इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर लेते हैं। इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति वाले केन्द्र को F - केन्द्र या रंग केन्द्र कहते हैं। इनकी संख्या बढ़ने पर रंग गहरा होता जाता है। - LiCl को Li वाष्य में गर्म करने पर यह रंग स्पष्ट देखा जा सकता है।
प्रश्न 17.
प्रति लोहचुम्बकीय पदार्थ तथा लघु लौहचुम्बकीय पदार्थ में अन्तर दीजिए।
उत्तर:
प्रति लौहचुम्बकीय पदार्थ |
लघु लौहचुम्बकीय पदार्थ |
1. इन पदार्थों का चुम्बकीय आघूर्ण शून्य होता है जबकि इन पदार्थों में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते हैं। |
1. इन पदार्थों में अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण प्रबल चुम्बकत्व की अपेक्षा की जाती है परन्तु वास्तव में चुम्बकत्व कम होता है। |
2. इसमें इलेक्ट्रॉनों का समानान्तर तथा प्रति समानान्तर चुम्बकीय आघूर्ण एक-दूसरे को प्रतिसंतुलित कर देता है। |
2. इसमें चुम्बकीय आघूर्ण समानान्तर एवं प्रतिसमानान्तर इस प्रकार संयोजित रहते हैं कि पदार्थ में चुम्बकीय आघूर्ण रहें। |
उदाहरण: |
उदाहरण: |
प्रश्न 18.
NaCl और AgCl में से कौन सा फ्रेंकेल दोष दर्शाता है और क्यों?
उत्तर:
AgCl में फ्रेंकेल दोष पाया जाता है क्योंकि Ag+ आयन अपने स्थान को छोड़कर अन्तरकाशी स्थान में आ जाता है। उससे घनत्व भी परिवर्तित नहीं होता है।
प्रश्न 19.
किस प्रकार का अर्धचालक प्राप्त होता है जब:
(i) Ge को In से डोपित किया जाता है?
(ii) si को B से डोपित किया जाता है?
उत्तर:
लौह-चुम्बकीय पदार्थों से अच्छे स्थायी चुम्बक बनाए जा सकते हैं। इसका कारण यह है कि ठोस अवस्था में लौह चुम्बकीय पदार्थों के धातु आवन छोटे खण्डों में एक साथ समाहित हो जाते हैं, इन्हें डोमेन (Domains) कहा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक डोमेन एक छोटे चुम्बक की तरह व्यवहार करता है। लौह-चुम्बकीय पदार्थ के अचुम्बकीय टुकड़े में डोमेन अनियमित रूप से अभिविन्यासित होते हैं और उनका चुम्बकीय आघूर्ण निरस्त हो जाता है। पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर सभी डोमेन चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में अभिविन्यासित हो जाते हैं और प्रबल चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न होता है। चुम्बकीय क्षेत्र को हटा लेने पर भी डोमेनों का क्रम बना रहता है और लौह चुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बक बन जाते हैं।
प्रश्न 20.
किस प्रकार के पदार्थों से अच्छे स्थायी चुम्बक बनाए जा सकते हैं, लौह चुम्बकीय अथवा फेरीचुम्बकीय? अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
उत्तर:
लौह-चुम्बकीय पदार्थों से अच्छे स्थायी चुम्बक बनाए जा सकते हैं। इसका कारण यह है कि ठोस अवस्था में लौह चुम्बकीय पदार्थों के धातु आवन छोटे खण्डों में एक साथ समाहित हो जाते हैं, इन्हें डोमेन (Domains) कहा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक डोमेन एक छोटे चुम्बक की तरह व्यवहार करता है। लौह-चुम्बकीय पदार्थ के अचुम्बकीय टुकड़े में डोमेन अनियमित रूप से अभिविन्यासित होते हैं और उनका चुम्बकीय आघूर्ण निरस्त हो जाता है। पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर सभी डोमेन चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में अभिविन्यासित हो जाते हैं और प्रबल चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न होता है। चुम्बकीय क्षेत्र को हटा लेने पर भी डोमेनों का क्रम बना रहता है और लौह चुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बक बन जाते हैं।
प्रश्न 21.
AgBr क्रिस्टल में पायी जाने वाली त्रुटियों के नाम दीजिए। इन त्रुटियों की व्याख्या कारण सहित कीजिए।
उत्तर:
AgBr क्रिस्टल में शॉट्की तथा फ्रेन्केल त्रुटियाँ पायी जाती शॉट्की त्रुटियाँ ऐसी त्रुटियाँ तब उत्पन्न होती है जब किसी क्रिस्टल में एक धनायन तथा एक ऋणायन अनुपस्थित हो तथा उनकी जगह पर रिक्त स्थान टूट जाये। इस प्रकार की त्रुटियाँ सामान्यत: उच्च समन्वय संख्या वाले आयनिक यौगिकों में पायी जाती हैं जिनमें धनायन व ऋणायन लगभग समान आकार के होते हैं। उदाहरणार्थ: NaCl, KBr आदि। इस प्रकार की त्रुटियों ताप बढ़ने के साथ बढ़ती है तथा इन त्रुटियों के कारण क्रिस्टल का घनत्व घटता है।
फ्रेंकल त्रुटियाँ:
इस प्रकार की त्रुटियाँ तब उत्पन्न होती है जब कोई आयन अपना निश्चित स्थान छोड़कर अपने क्रिस्टल जालक में ही किसी अन्य स्थान पर चला जाये। इन प्रकार की त्रुटियाँ सामान्यत: निम्न समन्वय संख्या वाले आयनिक यौगिों में पायी जाती है जिनमें धनायन व ऋणायन के आकार में अधिक अंतर हो। उदाहरणार्थ: ZnS, AgCl, AgBr, Agl आदि।
प्रश्न 22.
यौगिक Ma Xb में x फलक केन्द्रित घनीय (fcc) व्यवस्था में है। इसकी एकक कोष्ठिका को चित्र में दिखाया गया है। इसका मूलानुपाती सूत्र क्या है?
उत्तर:
चूँकि चित्र में M परमाणु 4 किनारों के मध्य बिन्दु और एक केन्द्र पर उपस्थित है, अत:
M परमाणुओं की संख्या = 1/4 x 4 +1 = 2
चूंकि X परमाणु पन के कोनों पर तथा फलकों के केन्द्र पर उपस्थित है अतः
X परमाणुओं की संख्या = \(\frac{1}{8} \times 8+\frac{1}{2} \times 6=4\)
अत: सूत्र = M2 X4 या MX2
प्रश्न 23.
NaCl की एक एकक कोष्ठिका में यदि चित्र में दिये गये अक्ष से सभी आयन हटा दिये जायें तो बची एकक कोष्ठिका में कितने-कितने Na+ और Cl- आयन होंगे?
उत्तर:
NaCl संरचना में Cl- आयन घन के कोनों और फलकों के केन्द्र पर होते हैं जबकि Na+ आयन किनारों के केन्द्र और धन के केन्द्र पर होते है।
दिये हुए अक्ष के आयन हटाने पर एक Na+ आयन केन्द्र से और दो C आयन फलों के केन्द्र से पृथक होंगे अतः
Na+ आयनों की संख्या = 12 x 1/4 = 3
Cl- आयनों की संख्या = \(8 \times \frac{1}{8}+4 \times \frac{1}{2}=3\)
बची एकक कोष्ठिका में 3 सोडियम आयन (Na+) तथा 3 क्लोराइड आयन (Cl-) होंगे।
प्रश्न 24.
ठोसों की विषमदैशिक तथा समदैशिक प्रकृति को समझाइए।
उत्तर:
विषमदैशिक येस वे होते हैं जिनके भौतिक गुण जैसे विद्युत प्रतिरोधकता तथा अपवर्तनांक, भिन्न-भिन्न दिशाओं में मापने पर भिन्न-भिन्न मान दर्शाते हैं। यह अलग-अलग दिशाओं में कों की भिन्न-भिन्न व्यवस्था के कारण होता है। क्रिस्टलीय ठोस विषमदैशिक होते हैं। अपवाद-घनीय क्रिस्टल।
समदैशिक ठोस वे होते हैं जिनके भौतिक गुणों का मान सभी दिशाओं में समान होता है। अक्रिस्टलीय ठोस समदैशिक होते हैं, क्योंकि इनमें कणों की दीर्घ परासी व्यवस्था नहीं होती तथा सभी दिशाओं में अनियमित विन्यास होता है।
प्रश्न 25.
निम्नलिखित जालकों में से प्रत्येक की एकक कोष्ठिका में कितने जालक बिन्दु होते हैं।
(i) फलक-केन्द्रित घनीय,
(ii) फलक-केन्द्रित चतुष्कोणीय,
(iii) अन्तःकेन्द्रित जालक?
उत्तर:
(i) फलक केन्द्रित घनीय (Face centred cubic): फलक केन्द्रित घनीय एकक कोष्ठिका में कुल जालक बिन्दु (lattice points) 14 होते हैं एवं अवयवी कणों या परमाणुओं की संख्या 4 होती है।
8 (कोने पर स्थित परमाणु) x 1/8 (परमाणु प्रति कोना) + 6 (फलक केन्द्रित परमाणु) x 1/2 (परमाणु प्रति फलक)
= 8 x 1/8 + 6 x 1/2 = 4 (परमाणु या अवयवी कण)
(ii) फलक केन्द्रित चतुष्कोणीय (Face centred tetragonal): इसमें भी कुल जालक बिन्दु (lattice points) 14 एवं अवयवी कर्णों की संख्या 4 होती है।
(iii) अन्त:केन्द्रित जालक (Body centred lattice): इसमें कुल जालक बिन्दुओं की संख्या 10 होती है एवं अवयवी कर्णों की संख्या निम्न प्रकार से है
8 (कोने) x 1/8 (परमाणु प्रति कोना) + 1 (अन्त:केन्द्र) x 1(परमाणु प्रति अन्त:केन्द्र)
= 1 + 1 = 2 (परमाणु या अवयवी कण)
प्रश्न 26.
फरीविद्युत् क्रिस्टल क्या हैं?
उत्तर:
कुछ ऐसे भी क्रिस्टलीय पदार्थ होते हैं जो द्विध्रुव-क्षेत्र की अनुपस्थिति में भी एक विशेष दिशा में व्यवस्थित हो जाते हैं। जब विद्युत् क्षेत्र लगाया जाता है ते इन द्विध्रुव के अभिविन्यास की दिशा बदल जाती है। ऐसे गुण को फेरोविद्युत् गुण तथा ऐसे क्रिस्टलों को फेरेविद्युत् क्रिस्टल कहते हैं। ऐसे क्रिस्टलीय पदार्थ के उदाहरण KH2PO2 तथा BaTiO3 हैं।
प्रश्न 27.
कॉपर ठोस एवं गलित दोनों अवस्थाओं में विद्युत चालन दर्शाता है जबकि कॉपर क्लोराइड केवल जलीय विलयन में ही विद्युत का चालन दर्शाता है। कारण दीजिए।
उत्तर:
कॉपर धातु है जिसमें इलेक्ट्रॉन मुक्त अवस्था में उपस्थित रहते हैं। अत: कॉपर ठोस एवं गलित दोनों अवस्था में विद्युत चालन दर्शाता है, जबकि कॉपर क्लोराइड एक आयनिक ठोस है इसकी ठोस अवस्था में आयन मुक्त नहीं होते, बंधे रहते हैं। अत: ठोस अवस्था में यह विद्युत का पालन नहीं करता है। जबकि जलीय विलयन में आयन मुक्त हो जाते हैं और विद्युत का चालन करते हैं।
प्रश्न 28.
एक ठोस में ऑक्साइड आयन घनीय निविड संकलित जालक में उपस्थित है, धनायन A केवल 1/6 वां भाग चतुष्फलकीय रिक्ति को अध्यासित करता है, धनायन B केवल 1/3 वाँ भाग अष्टफलकीय रिक्ति को अध्यासित करता है। यौगिक का सूत्र बताइए।
उत्तर:
घनीय निविड संकुलन में,
जालक में अणुओं की संख्या = N
अष्टफलकीय रिक्तियों की संख्या = N
चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या = 2N
अतः ऑक्साइड आयनों की संख्या = N
धनायन A की संख्या = 1/6 x 2N = N/3
धनायन B की संख्या = 1/3 x N = N/3
यौगिक AN/3 : BN/3 :ON
अतः सूत्र = ABO3
प्रश्न 29.
आयनिक ठोसों की प्रकृति के आधार पर फ्रेंकेल दोष एवं शॉट्की दोष में विभेद कीजिये।
उत्तर:
शॉट्की दोष |
फ्रेंकेल दोष |
1. इस प्रकार के दोष प्रदर्शित करने वाले यौगिकों के धनायन और ऋणायन के आकार समान होते |
1. इस प्रकार के दोष प्रदर्शित करने वाले यौगिकों के धनायन छोटे परन्तु ऋणायन बड़े होते |
2. यह आयनों की उच्च उपसह संयोजन संख्या वाले ठोसों में पाया जाता है। |
2 यह आयनों की निम्न उपसहसंयोजक संख्या वाले ठोसों में |
आंकिक उदाहरण:
प्रश्न 1.
KBr का घनत्व 2.75g Cm-3 है। एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई 654 pm है। दिखाइये कि KBr फलक केन्द्रित घनीय संरचना है।
उत्तर:
\(d=\frac{n m}{\mathrm{~N}_{\mathrm{A}}(a)^3}\)
दिया हुआ है- d = 2.75 g cm-3
a = 654 pm = 6.54 x 10-8 cm,
M = 39 + 80 = 119gmol-1
\(\begin{aligned} &n=\frac{\mathrm{d} \times \mathrm{N}_{\mathrm{A}} \times a^3}{M} \\ &=\frac{2.75 \times 6.023 \times 10^{23} \times\left(6.54 \times 10^{-8}\right)^3}{119}=3.9 4 \end{aligned}\)
चूंकि कणों की संख्या - 4 है जोकि फलक केन्द्रित घनीय संरचना में होते हैं। अत: KBr की संरचना फलक केन्द्रित घनीय है।
प्रश्न 4.
एक तत्व जिसका घनत्व 11.2g cm-3 है, फलक केन्द्रित घनीय जालक बनाता है जिसका किनारा 4 x 10-8 cm है। तवि के परमाणु द्रव्यमान की गणना कीजिए।
NA = 6.022 x 1023 दिया गया है।
उत्तर:
क्रिस्टल के घनत्व के लिए सूत्र
\(l=\frac{n m}{a^3 \times \mathrm{N}_{\mathrm{A}}}\)
दिया हुआ है:
n = 4,l = 11.2 g cm-3, a = 4 x 18-8 cm
NA = 6.022 x 1023
\(\mathrm{M}=\frac{l \cdot a^3 \cdot \mathrm{N}_{\mathrm{A}}}{n}\)
\(=\frac{11.2 \times\left(4 \times 10^{-8}\right)^3 \times 6.022 \times 10^{23}}{4}\)
\(=\frac{11.2 \times 64 \times 10^{-24} \times 6.022 \times 10^{23}}{4}\)
= 107.91g mol-1
प्रश्न 3.
फलक-केन्द्रित घनीय (f.c.c) संरचना वाले एक तत्त्व 'X' (परमाणु द्रव्यमान = 40g mol-1) के एकक कोष्ठिका कोर की लम्बाई 400 pm है। 'X' के 4g में उपस्थित एकक कोष्ठिकाओं की संख्या तथा 'x' का घनत्व परिकलित कीजिए। (NA = 6.022 x 1023 mol-1)
उत्तर:
M = 40g mol-1
Z = 2 (bcc जालक)
a = 400 pm = 400 x 10-10 cm
N = 6.022 x 1023 mol-1
∴ d = ?
तत्व 'A' के 40g में 6.022 x 1023 परमाणु हैं। 4g में परमाणुओं की संख्या
= \(\frac{6.022 \times 10^{23}}{40} \times 4\)
= 6.022 x 1022
चूँकि प्रत्येक एकक कोष्ठिका में 2 परमाणु हैं।
अतः एकक कोष्ठिकाओं की संख्या
= \(\frac{6.022 \times 10^{22}}{2}\) = 3.011 x 1022
प्रश्न 4.
कोई तत्त्व 3 x 10-8 cm कोष्ठिका कोर के साथ अन्तः केन्द्रित घन (bcc) जालक में क्रिस्टलीकृत होता है। तत्त्व का घनत्व 6.89 g cm-3 है। तत्त्व का मोलर द्रव्यमान परिकलित कीजिए। (NA = 6.022 x 1023 mol-1)
उत्तर:
bcc जालक के लिए
Z = 2, a = 3 x 10 cm
d = 6.89g cm-3
NA = 6.022 x 1023 mol-1
= 6.89 x 27 x 10-24 x 3.011 x 1023
= 560.13 x 10- 24+23
= 560.13 x 10-1
= 56.013g
प्रश्न 5.
एक तत्व 400 pm कोशिका के किनारे के साथ f.cc. क्रिस्टलित होता है। तत्व का घनत्व 7g cm-3 है। तत्व के 280g में कितने परमाणु वर्तमान हैं?
उत्तर:
fcc के लिए
z = 4
d = 7 g cm-3
a = 400 pm = 400 x 10-10cm
= 7 x 16 x 6.022 x 10-1
= 67.44g
∴ 67.44g में परमाणु = 6.022 x 1023
∴ 280 g परमाणु = \(\frac{6.022 \times 10^{23}}{67.44} \times 280\)
= 25.022 x 1023
प्रश्न 6.
कोई तत्त्व फलक केन्द्रित घनीय (fcc) संरचना वाले जालक में क्रिस्टलीकृत होता है जिसके कोर की लम्बाई 300 pm है। तत्त्व का घनत्व 10.8gemहै। ज्ञात कीजिए कि 108g तत्त्व में कितने परमाणु हैं।
उत्तर:
fcc के लिए
z = 4
d = 7 g cm-3
a = 400 pm = 400 x 10-10cm
= 7 x 16 x 6.022 x 10-1
= 67.44g
∴ 67.44g में परमाणु = 6.022 x 1023
∴ 280 g परमाणु = \(\frac{6.022 \times 10^{23}}{67.44} \times 280\)
= 25.022 x 1023
प्रश्न 7.
एक पदार्थ फलक केन्द्रित घनीय क्रिस्टल बनाता है। यदि एकक कोष्ठिका की कोर लम्बाई 630 pm है तथा पदार्थ का घनत्व 1.984 g cm है तो पदार्थ के मोलर द्रव्यमान की गणना कीजिए।
उत्तर:
a = 630 pm = 630 x 10-10 cm
NA = 6.022 x 1023 mol-1
Z = 4, d = 1.984 g cm-3
पदार्थ का मोलर द्रव्यमान = 74.67 g/mol
प्रश्न 8.
फरलक केन्द्रित घनीय क्रिटल की एकक कोष्ठिका में कितने परमाणुओं का योगदान होता है?
उत्तर:
फलक केन्द्रित घनीय क्रिस्टल के एकक कोप्तिका में कोने के एक परमाणु का 1/8 भाग और फलक के 1/2 केन्द्र के एक परमाणु का भाग योगदान करते हैं।
अतः कोने के परमाणुओं का योगदान
= 1/8 x 8 = 3
फलक के केन्द्र के परमाणुओं का योगदान
= 1/2 x 6 = 3
प्रति एकक कोष्ठिका कुल परमाणुओं की संख्या
= 1 + 3 = 4
प्रश्न 9.
उस क्रिस्टल जालक का प्रकार ज्ञात कीजिए जिससे आयतन सम्बद्ध है। यदि इसकी कोष्ठिका के कोर की लम्बाई 268 pm है तथा घनत्व 7.86 g/cm है। [Fe का मोलर दव्यमान = 56g/mol,
NA = 6.022 x 1023 mol-1]
उत्तर:
a = 268 pm = 268 x 10-10 cm
d = 7.85 g /cm3
M = 56 g /mol
NA = 6.022 x 1023 mol-1
Z = ?
अर्थात् यह bcc प्रकार को एकक कोष्ठिका है।
प्रश्न 10.
एक तत्व की संरचना फलक केन्द्रित धन (fcc) है। इसकी एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई 200 pm है। इसका घनत्व ज्ञात कीजिए यदि इस तत्व के 2008 में 24 x 1023 परमाणु हों।
उत्तर:
धनत्य = \(d=\frac{\mathrm{Z} \times \mathrm{M}}{a^3 \times \mathrm{N}}\)
चूँकि संरचना फलक केन्द्रित घनीय (fcc) है; अतः
Z = 4
M = 200g,
a = 200 pm = 200 x 10-10 cm
N = 24 x 1023 d = ?
प्रश्न 11.
घनत्व 2.8g cm-3 का एक तत्व फलक केन्द्रित घनाकार (fcc) प्रकार की एकक कोष्ठिका बनाता है। जिसके किनारे की लम्बाई 4 x 10-8 cm है। इस तत्व का मोलर द्रव्यमान परिकलित कीजिये। (NA = 6.022 x 1023 mol-1)
उत्तर:
= 26.97 g/mol
प्रश्न 12.
एक धात्विक तत्व अन्त:केन्द्रित घनीय (bcc) जालक के रूप में पाया जाता है। एकक कोष्ठिका की प्रत्येक कोर की लम्बाई 288 pm है। धातु का घनत्व 7.2 g cm है। धातु के 100 में कितने परमाणु तथा एकक कोष्ठिकाएं होंगी?
उत्तर:
bce जालक के लिए,
Z = 2,a = 288 pm
= 288 x 10-10 cm
d = 7.2 g cm-3 , M = 100 g
NA = ?
एकक कोष्ठिकाओं की संख्या
= 5.814 x 1023
प्रश्न 13.
क्रोमियम धातु का घनत्व 7.2g/cm' है। यदि एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई 289 pm है तो बताइए एकक कोष्ठिका का प्रकार (bcc, hcc or fcc) क्या है। [ कोमियम का मोलर द्रव्यमान = 52u, NA = 6.022 x 1023 mol-1]
उत्तर:
d = 7.2g/cm3,
a = 289 pm = 289 x 10-10 cm,
M = 52g/mol,
NA = 6.022 x 1023 mol-1
Z = ?
∴ Z = 2.01
Z = 2 अर्थात् यह अन्त:केन्द्रित (bcc) प्रकार की एकक कोष्टिका
प्रश्न 14.
क्रोमियम धातु का घनत्व 7.0 g/cm है। यदि एकक कोष्ठिका की कोर की लम्बाई 290 pm हो तो एकक कोष्ठिका का प्रकार ज्ञात कीजिए। (क्रोमियम का परमाणु द्रव्यमान = 52u,NA = 6.022 x 1023 mol-1)
उत्तर:
d = 7.0 g/cm3,
a = 290pm = 290 x 10-10 cm
Z = ?
M = 52u
NA = 6.022 x 1023 mol-1
(अर्थात् एकक कोष्ठिका अन्त:केन्द्रित (bcc) प्रकार की है।)
प्रश्न 15.
ऐलुमीनियम का क्रिस्टलन फलक केन्द्रित घनाकार (fcc) संरचना में होता है। इस धातु की परमाण्वीय त्रिज्या 125 pm है। धातु की एकक कोष्ठिका की कोर की लम्बाई क्या होगी?
उत्तर:
फलक केन्द्रित घनीय (fcc) संरचना के लिए एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई
a = \(2 \sqrt{2} r\)
यहाँ r परमाणु त्रिज्या है।
a = \(2 \sqrt{2}\) x 125 pm
= 2 x 1.414 x 125 pm
= 353.5pm
प्रश्न 16.
कॉपर फलक केन्द्रित घनीय एकक कोष्ठिकाओं में क्रिस्टलीय होता है। यदि कॉपर परमाणु की त्रिज्या 127.8 pm है, तो। कॉपर धातु का घनत्व परिकलित कीजिए।
(Cu का परमाणु द्रव्यमान = 63.55u और आवोगादो संख्या NA = 6.022 x 1023 mol-1)
उत्तर:
fcc एकक कोष्ठिका के लिए,
एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई,
a = \(2 \sqrt{2} r\)
यहाँ
r = परमाणु की त्रिज्या
a = \(2 \sqrt{2} r\) x 127.8pm
= 2 x 1.414 x 127.8pm
= 361.42 pm
fcc एकक कोष्ठिका के लिए
Z = 4, M = 63.55u, NA = 6.022 x 1023 mol-1
a = 361.42 pm = 361.42 x 10-10 cm
= 8.94 g cm-3
प्रश्न 17.
आयरन का एकक कोष्ठिका काय केन्द्रित घनीय होती हैऔर इस कोष्ठिका का सिरा 286.65 pm है। आयरन का घनत्व 7.87 g cm-3 है। इस सूचना का उपयोग करके आवोगादो संख्या का परिकलन कीजिए। (Fe का परमाणु द्रव्यमान = 56.u)
उत्तर:
a = 286.65
pm = 286.65 x 10-10 cm
d = 7.87 g cm-3
M = 56.0 u या 56.0 g mol-1
काय केन्द्रित घनीय (bcc) एकक कोष्ठिका के लिये z = 2
NA = ?
NA = 6.05 x 1023 g / mol
प्रश्न 18.
सोडियम क्लोराइड की फलक केन्द्रित धन संरचना है। इसका घनत्व 2.165 g/cm है। यदि Na+ एवं c के बीच की समीपस्थ दूरी 281 pm है तो आयोगादो संख्या का मान ज्ञात कीजिए।
(Na = 23 g/mol, Cl = 35.5 g/mol)
उत्तर:
d = 2.165 g/cm-3,
z = 4 (fcc के लिए)
Na+ एवं Cl- के बीच की दूरी = 281 pm
a = 2 x Na+ एवं Cl- के बीच की दूरी
= 2 x 28 = 562 pm
a = 562 x 10-10 cm
NA = ?
M = 23 + 35.5 = 58.5 g/mol
∴ NA = 6.08 x 1023 mol-1
आवोगादो संख्या = 608 x 1023 mol-1
प्रश्न 19.
एक तत्व की कोष्ठिका की संरचना अन्तः केन्द्रित घन (bcc) है। कोष्ठिका के कोर की लम्बाई 300 pm है। तत्व का घनत्व 5.2 g/cm है। ज्ञात कीजिए कि 100 g तत्व में कितने परमाणु हैं?
उत्तर:
Z = 2
a = 300pm = 300 x 10-10cm
d = 5.2 g/cm
NA = 6.022 x 1023 mol-1
∴ M = 42.27 g
42.27 g तत्व में परमाणु = 6.022 x 1023
100 g तत्व में परमाणु = \(\frac{6 \cdot 022 \times 10^{23} \times 100}{42.27}\)
= 14.2 x 1023
= 1.42 x 1024 परमाणु
प्रश्न 20.
धात्विक गोल्ड for जालक में क्रिस्टलीकृत होता है तथा इसका घनत्व 19:3 g cm है। गोल्ड परमाणु की त्रिज्या की गणना कीजिए।
[गोल्ड का द्रव्यमान = 197u, NA = 6.022 x 1023]
उत्तर:
z = 4 (∵ fcc),
d = 19:3 g/cm3
या
a3 = 67.8 x 10-24 cm
∴ a = 4.077 x 10-8 cm = 407.7 pm
= 4.077 x 10-8 cm = 407.7 pm
परमाणु त्रिज्या,
\(r=\frac{a}{2 \sqrt{2}}=\frac{407.7}{2 \times 1.414}\)
= 144.2 pm
प्रश्न 21.
bcc संरचना के एक तत्व का परमाणु द्रव्यमान 500 तथा घनत्व 2.81 g/cmहै। एकक कोष्ठिका की कोर लम्बाई ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
z = 2
M = 50 g/mol
d = 2.81 g/cm3,
NA = 6.022 x 1023 mol-1
a = ?
या a3 = 5.91 x 1023
या a3 = 59.1 x 10-24
दोनों तरफ log लेने पर,
log3 = log (59.1 x 1024)
या 3 log a = log 59.1 + log10-24
या 3 log a = 1.7716 - 24
या 3 loga = 22.2284
या imm
∴loga = -7.4095
Antilog लेने पर
a = 3.8 x 10-8 cm
a = 380 x 10-10 cm
a = 380pm
एकक कोष्ठिका की कोर लम्बाई = 380 pm
प्रश्न 22.
एक तत्व bcc संरचना में पाया जाता है। इसकी कोष्ठिका कोर की लम्बाई 250 pm है। यदि इसका घनत्व 8.0 g cm-3 तो इसका मोलर द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
bcc संरचना के लिए. Z = 2,
a = 250 pm = 250 x 10-10 cm
d = 8.0 g cm-3, NA = 6.022 x 1023 mol-1
M = ?
तत्व का मोलर द्रव्यमान = 37.64 g mol-1
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न:
प्रश्न 1.
एक यौगिक धनायन तथा ऋणायन A से निर्मित है। ऋणायन घटकोण संसकलित (ncp) जालक बनाते हैं तथा धनायन अष्टफलकीय रिक्तियाँ के 75% तक भरते हैं। यौगिक सूत्र हैं।
(a) C4A3
(b) C2 A3
(c) C3A2
(d) C3A4
उत्तर:
(d) C3A4
प्रश्न 2.
आयरन की कमरे के ताप पर bcc संरचना होती है 900c के ऊपर यह fcc संरचना में परिवर्तित हो जाती है। आयरन के कमरे के ताप पर घनत्व का 900C ताप पर घनत्व से अनुपात होगा।
उत्तर:
(a) \(\frac{3 \sqrt{3}}{4 \sqrt{2}}\)
प्रश्न 3.
निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है?
(a) FeO0.98 में नॉन स्टॉइकियोमीटी धातु न्यूनता दोष है।
(b) क्रिस्टलों में शॉटकी दोष से घनत्व घटता है।
(c) NaCl(s) विधुत रोधी, सिलिकन, अर्धचालक, सिल्वर चालक, क्वार्टज दाब विधुत क्रिस्टल है।
(d) फेंकेल दोष उन आयनिक पदार्थों द्वारा दिखाया जाता है जिसमें धनायन एवं अणायन के आकार लगभग समान होते है।
उत्तर:
(d) फेंकेल दोष उन आयनिक पदार्थों द्वारा दिखाया जाता है जिसमें धनायन एवं अणायन के आकार लगभग समान होते है।
प्रश्न 4.
कैल्शियम फ्लुओराइड में, जिसकी फ्लुओराइट संरचना है। कैल्शियम आयन (Ca2+) एंव फ्लु ओराइड आयन (F-) के लिए उपसहयोंजन संख्याएँ हैं
(a) 8 और 4
(b) 4 और 8
(c) 4 और 2
(d) 6 और 6
उत्तर:
(a) 8 और 4
प्रश्न 5.
क्रिस्टलीय ठोसों में दोषों के सम्बन्ध में सही कथन है
(a) क्रिस्टलीय ठोसों के घनत्व पर शॉटकी दोषों का कोई प्रभाव नहीं होता है।
(b) फ्रेंकेल दोष क्रिस्टलीय ठोसों के घनत्व को कम कर देते हैं।
(c) फ्रेंकेल दोष एक स्थान भ्रंश दोष है।
(d) क्षार धातुओं के हैलाइडों में फ्रेंकेल दोष पाया जाता है।
उत्तर:
(c) फ्रेंकेल दोष एक स्थान भ्रंश दोष है।
प्रश्न 6.
यदि NaCl संरचना पर दाब बढ़ता है तब इसकी समन्वय संख्या
(a) बढ़ेगी
(b) घटेगी
(c) समान रहेगी
(d) b या
उत्तर:
(a) बढ़ेगी
प्रश्न 7.
एक तत्व (परमाण्विक भार 100g/mol bcc संरचना में है जिसकी इकाई सेल कोर 400 pm है तब तत्व का घनत्व है
(a) 10.376 g/cm3
(b) 5.188 g/cm3
(c) 7.289 g/cm3
(d) 2.144g/cm3
उत्तर:
(b) 5.188 g/cm3
प्रश्न 8.
यदि एक खनिज की एकक सेल में ऑक्सीजन परमाणु घनीय संकुलित व्यूह में हो m भिन्न अष्टफलकीय रिक्तिकाओं में ऐलुमीनियम आयन तथा। भिन्न चतुष्फलकीय रिक्तिकाओं में मैग्नीशियम आयन उपस्थित हो, तब m तथा क्रमशः हैं
उत्तर:
(a) \(\frac{1}{2}, \frac{1}{8}\)
प्रश्न 9.
361 यूनिट सेल की लम्बाई के साथ कॉपर fcc में क्रिस्टलित होता है, कॉपर की परमाणु त्रिज्या क्या है?
(a) 108pm
(b) 127 pm
(c) 157pm
(d) 181 pm
उत्तर:
(b) 127 pm
प्रश्न 10.
मान लें कि दो तत्व x और y मिलकर दो यौगिक xy2 और x3y2 देते हैं। जब 0.1 मोल का भार 10g तथा 0.05 मोल x3y3 का भार 9 g है तो x और y का परमाणु भार है।
(a) 30,20
(b) 40,30
(c) 60,40
(d) 20,30
उत्तर:
(b) 40,30