These comprehensive RBSE Class 11 Biology Notes Chapter 12 खनिज पोषण will give a brief overview of all the concepts.
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→ पौधे अकार्बनिक पोषण वायु, जल और मृदा से प्राप्त करते हैं। पौधे अनेक प्रकार के खनिज तत्वों का अवशोषण करते हैं परन्त इन सभी तत्वों में से 21 तत्व पादपों की वृद्धि एवं परिवर्धन के लिए अनिवार्य होते हैं। अधिक मात्रा में अनिवार्य तत्व वृहत्पोषक तथा कम मात्रा में अनिवार्य तत्व सूक्ष्म मात्रिक तत्व कहलाते हैं। ये तत्व प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, न्यूक्लिक अम्लों के संघटक होते हैं तथा पौधों की विविध उपापचयी क्रियाओं में भाग लेते हैं। इनमें से किसी एक अनिवार्य तत्व की कमी से अपर्याप्तता लक्षण प्रकट हो सकते हैं। अपर्याप्तता सम्बन्धी लक्षणों में क्लोरोसिस, नेक्रोसिस, अवरुद्ध वृद्धि, अयुग्मी कोशिका विभाजन आदि मुख्य हैं। पादप इन खनिजों को सक्रिय व निष्क्रिय अवशोषण विधि द्वारा ग्रहण करते हैं। ये जाइलम ऊतकों द्वारा जल परिवहन के साथ पौधों के विभिन्न भागों में पहुँचाए जाते
→ नाइट्रोजन जीवन के लिए अति आवश्यक है। पौधे प्रत्यक्ष रूप से वातावरणीय नाइट्रोजन का उपयोग नहीं कर पाते हैं। किन्तु कुछ पौधे जैसे लेग्यूम की जड़ें वातावरणीय N2 को जैविक उपयोगी रूपों में बदल देते हैं। N,-स्थिरीकरण के लिए शक्तिशाली अपचायक व ATP ऊर्जा की अनिवार्यता होती है। N2-स्थिरीकरण राइजोबियम द्वारा होता है। एंजाइम डिनाइट्रोजिनेज जैविक N2-स्थिरीकरण में मुख्य भूमिका निभाता है । यह एंजाइम O2, के प्रति अत्यन्त संवेदी होता है। अधिकांश प्रक्रियाएँ अनॉक्सी वातावरण में होती हैं। ATP की आपूर्ति पोषक कोशिकाओं के ऑक्सी श्वसन से होती है। N,-स्थिरीकरण के द्वारा निर्मित अमोनिया अमीनो अम्ल में अमीनो समूह के रूप में समाविष्ट हो जाता है।
→ पादप भस्म में तत्वों की उपस्थिति को सर्वप्रथम लीबिग ने खोजा।
→ ट्रेसर तत्व (Tracer elements) : यह तत्वों के रेडियोएक्टिव समावयवी (isotops) हैं जिनका उपयोग पौधों के विभिन्न उपापचयी मार्ग को ज्ञात करने में किया जाता है, उदाहरण C14. N15, P12, S35 इत्यादि।
→ हाइड्रोपॉनिक्स को गेरिकी (Geriche) ने विकसित किया।
→ प्रोकैरियोट्स द्वारा गैसीय रूप में ग्रहण किया जा सकने वाला तत्व केवल नाइट्रोजन है।
→ N, P व K क्रांतिक तत्व हैं।
→ खनिज पदार्थों की कमी से उत्पन्न होने वाले लक्षणों को 'हंगर साइन' (hunger sign) कहते हैं।
→ विनोग्रेडरिक ने जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण की खोज की।