Rajasthan Board RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 9 जैव अणु Important Questions and Answers.
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I. रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न (Fill in the blanks type questions)
प्रश्न 1.
जीव ऊतकों में मिलने वाले सभी कार्बनिक यौगिकों को ......................... कहते हैं।
उत्तर:
जैव अणु
प्रश्न 2.
प्रोटीन में उपलब्धता के आधार पर वे ......................... प्रकार के होते हैं।
उत्तर:
21 प्रकार
प्रश्न 3.
अमीनो आलों के भौतिक व रासायनिक गुण मुख्यत: अमीनों, कार्बोक्सिल व ......................... समूह पर निर्भर है।
उत्तर:
रि - क्रियात्मक
प्रश्न 4.
......................... के आधार पर वसा या तेल कहलाते हैं।
उत्तर:
गलन बिन्दु
प्रश्न 5.
कोशिका झिल्ली में मिलने वाला फॉस्फोलिपिड ......................... होता है।
उत्तर:
लेसिथिन
प्रश्न 6.
नाइट्रोजन क्षार शर्करा से जुड़कर ......................... बनाते हैं।
उत्तर:
न्यूक्लियोसाइड
प्रश्न 7.
रासायनिक यौगिक जिनका अणुभार एक हजार डाल्टन से कम होता है, उन्हें ......................... या ......................... कहते हैं।
उत्तर:
सूक्ष्म अणु, जैव अणु
प्रश्न 8.
प्रत्येक प्रोटीन अमीनो अम्ल का ......................... है।
उत्तर:
बहुलक
प्रश्न 9.
एक पॉलीसैकेराइड में मोनोसैकेराइड ......................... द्वारा जुड़े होते हैं।
उत्तर:
ग्लाइकोसाइडिक
प्रश्न 10.
जब संदमक अपनी आणुविक संरचना में क्रियाधार से काफी समानता रखता है व एंजाइम की क्रियाशीलता को संदमित करता है तो इसे ......................... कहते हैं।
उत्तर:
प्रतिस्पर्धात्मक संदमन।
II. सत्य व असत्य प्रकार के प्रश्न (True and False type questions)
प्रश्न 1.
लाइमेजेज एंजाइम दो यौगिकों के आपस में जुड़ने को उत्प्रेरित करते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
एन्जाइम सामान्यतः तापक्रम व पीएच के लघु परिसर में कार्य नहीं करते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
क्रियाधार व संक्रमण अवस्था के बीच औसत ऊर्जा के अन्तर को सक्रियण ऊर्जा कहते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
हमारी कंकाली पेशियों में अक्सिी स्थिति में पाइरुविक अम्ल का निर्माण होता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
भौतिक या रासायनिक अभिक्रिया की दर का सीधा सम्बन्ध इकाई समय में बनने वाले उत्पाद से होता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 6.
एन्जाइम का सक्रिय स्थल वे दरार या थैली हैं, जिनमें क्रियाधार आकर व्यवस्थित होते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 7.
कंकाली पेशियों में जब ग्लूकोज लैक्टिक अम्ल में टूटता है तो ऊर्जा मुक्त नहीं होती है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 8.
जीव तन्त्र में कोई भी उपापचयी रूपान्तरण बिना उत्प्रेरक के सम्पन्न नहीं होता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 9.
सेलुलोज एक बहुलक पॉलीसैकेराइड होता है।(सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 10.
अनेक यौगिक जैसे- एल्केलाबड, फ्लेवोनोयड्स, रबर, वाष्पशील तेल, प्रतिजैविक, रंगीन वर्णक, इत्र, गोंद द्वितीयक उपापचयज है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
III. निम्न को सुमेलित कीजिए (Match the following)
स्तम्भ - I में दिये गये पदों का स्तम्भ - II में दिये गये पदों के साथ सही मिलान कीजिए
प्रश्न 1.
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. इंसुलिन |
(i) एंजाइम |
B. ग्राही |
(ii) हार्मोन |
C. ट्रिपसिन |
(iii) अंतरकोशिकीय भरण पदार्थ |
D. कोलेजन |
(iv) संवेदी ग्रहण |
उत्तर:
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. इंसुलिन |
(ii) हार्मोन |
B. ग्राही |
(iv) संवेदी ग्रहण |
C. ट्रिपसिन |
(i) एंजाइम |
D. कोलेजन |
(iii) अंतरकोशिकीय भरण पदार्थ |
प्रश्न 2.
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. शर्करा |
(i) कोलेस्टेरॉल |
B. लिपिड्स |
(ii) न्यूक्लियोटाइड्स |
C. यूरीडीन |
(iii) राइबोज |
D. एडेनीलिक अम्ल |
(iv) न्यूक्लियोटाइड |
उत्तर:
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. शर्करा |
(iii) राइबोज |
B. लिपिड्स |
(i) कोलेस्टेरॉल |
C. यूरीडीन |
(ii) न्यूक्लियोटाइड्स |
D. एडेनीलिक अम्ल |
(iv) न्यूक्लियोटाइड |
प्रश्न 3.
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. पेप्टाइड बंध |
(i) पॉलीसैकेराइड |
B. ग्लाइकोसाइडिक बंध |
(ii) पॉलीपेप्टाइड |
C. ए टी पी |
(iii) डी.एन.ए. |
D. 3.4Å |
(iv) ऊर्जा |
उत्तर:
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. पेप्टाइड बंध |
(ii) पॉलीपेप्टाइड |
B. ग्लाइकोसाइडिक बंध |
(i) पॉलीसैकेराइड |
C. ए टी पी |
(iv) ऊर्जा |
D. 3.4Å |
(iii) डी.एन.ए. |
प्रश्न 4.
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. सहएन्जाइम |
(i) साइटोक्रोम ऑक्सीडेज |
B. ऑक्सीडोरिक्टेजेज |
(ii) ऐस्ट्रेज |
C. ट्रांसफरेजज |
(iii) ग्लूटामेट पाइरुवेट ट्रांसएमीनेज |
D. हाइड्रोलेजेन |
(iv) NADP |
उत्तर:
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. सहएन्जाइम |
(iv) NADP |
B. ऑक्सीडोरिक्टेजेज |
(i) साइटोक्रोम ऑक्सीडेज |
C. ट्रांसफरेजज |
(iii) ग्लूटामेट पाइरुवेट ट्रांसएमीनेज |
D. हाइड्रोलेजेन |
(ii) ऐस्ट्रेज |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जीव ऊतकों में मिलने वाले सभी कार्बनिक यौगिकों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
जीव ऊतकों में मिलने वाले सभी कार्बनिक यौगिकों को जैव अणु कहते हैं।
प्रश्न 2.
भस्म में पाये जाने वाले कोई दो अकार्बनिक तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
अनानिवार्य अमीनो अम्ल किसे कहते हैं?
उत्तर:
अनानिवार्य अमीनो अम्ल वे होते हैं जो हमारे शरीर में बनते हैं। उदाहरण ल्यूसीन एवं लाइसिन।
प्रश्न 4.
आयोडिन अणु मंड से क्रिया करने के फलस्वरूप कौनसा रंग प्रदान करता है?
उत्तर:
आयोडिन अणु मंड से क्रिया करने के फलस्वरूप नीला रंग प्रदान करता है।
प्रश्न 5.
आर्थोपोडा के प्राणियों के बाह्य कंकाल किसके बने होते हैं?
उत्तर:
आधोपोडा के प्राणियों के बाह्य कंकाल जटिल सैकेराइड्स काइटीन से बने होते हैं।
प्रश्न 6.
प्रोटीन में किस प्रकार की कुंडलियाँ मिलती हैं?
उत्तर:
प्रोटीन में केवल दक्षिणावर्ती कुंडलियाँ मिलती हैं।
प्रश्न 7.
प्रोटीन में एमीनो अम्ल किस प्रकार के बंधों से जुड़े होते हैं?
उत्तर:
प्रोटीन में एमीनो अम्ल पेप्टाइड बंध द्वारा जुड़े होते हैं।
प्रश्न 8.
DNA के मॉडल में सीढ़ी का प्रत्येक पद दूसरे पद से कितने कोण पर घूमा होता है?
उत्तर:
DNA के मॉडल में सीढ़ी का प्रत्येक पद दूसरे पद से 360 के कोण पर घूमा होता है।
प्रश्न 9.
कार्बन डाइऑक्साइड का पानी में घुलना कौन - सी प्रक्रिया है?
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड का पानी में घुलना एक भौतिक प्रक्रिया है।
प्रश्न 10.
कुछ न्यूक्लीक अम्ल एंजाइम की तरह व्यवहार करते हैं जिन्हें क्या कहते हैं?
उत्तर:
कुछ न्यूक्लीक अम्ल एंजाइम की तरह व्यवहार करते हैं जिन्हें राइबोजाइम्स कहते हैं।
प्रश्न 11.
एंजाइम की सक्रियता को प्रभावित करने वाले किन्हीं दो कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 12.
NADP का पूरा नाम लिखिये।
उत्तर:
नीकोटिनेमाइड एडेनीन डाइन्यूक्लीओटाइड फॉस्फेट।
प्रश्न 13.
जैवमण्डल में सर्वाधिक प्रचुरता में मिलने वाला कौनसा प्रोटीन है?
उत्तर:
जैवमण्डल में सर्वाधिक प्रचुरता में मिलने वाला प्रोटीन रूबीस्को (RUBISCO) है।
प्रश्न 14.
ऊर्जा के लिए मनुष्य को कार्बोहाइड्रेट्स की आवश्यकता होती है, उसे वह' किससे प्राप्त करता है?
उत्तर:
स्टार्च से प्राप्त करता है।
प्रश्न 15.
दो अणुओं के संयुक्तीकरण को उत्प्रेरित करने वाले एंजाइम को क्या कहते हैं?
उत्तर:
लाइगेज एंजाइम।
प्रश्न 16.
मोम क्या है?
उत्तर:
मोम एस्टर है।
प्रश्न 17.
कौन - सा पॉलीसैकेराइड 'आरक्षित इंधन' का कार्य करता हैं?
उत्तर:
ग्लाइकोजन, मण्ड, डेक्सट्रॉन आदि।
प्रश्न 18.
लैसिथीन क्या है?
उत्तर:
फॉस्फोलिपिड।
प्रश्न 19.
एक एंजाइम जो कि अपनी प्रक्रिया द्वारा किसी पदार्थ के आण्विक भार को प्रभावित न करते हुए केवल उसकी बनावट में परिवर्तन करता है, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर:
आइसोमरेज।
प्रश्न 20.
पुनर्निवेश संदमन में एंजाइम की क्रियाशीलता पर किसका प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
उत्पाद का।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
संदमन ( Inhibition) किसे कहते हैं ? प्रतिस्पर्धात्मक संदमन को उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर:
संदमन (Inhibition):
किसी भी एंजाइम की क्रियाशीलता विशिष्ट रसायनों की उपस्थिति में संवेदनशील होती है जो एंजाइम से बंधते हैं। जब रसायन का एंजाइम से बंधने के उपरान्त इसकी क्रियाशीलता बंद हो जाती है तो इस प्रक्रिया को संदमन कहते हैं तथा उस रसायन को संदमक (Inhibition) कहते हैं।
प्रतिस्पर्धात्मक संदमन (Competitive inhibitor):
जब संदमक अपनी आणुविक संरचना में क्रियाधार से काफी समानता रखता है और एंजाइम की क्रियाशीलता को संदमित करता हो तो इसे प्रतिस्पर्धात्मक संदमन कहते हैं। संदमक की क्रियाधार से निकटतम संरचनात्मक समानता के फलस्वरूप यह क्रियाधार से एंजाइम के क्रियाधार बंधक स्थल से बंधते हुए प्रतिस्पर्धा करता है। परिणामस्वरूप क्रियाधार, क्रियाधार बंधक स्थल से बंध नहीं पाता, जिसके फलस्वरूप एंजाइम क्रिया मंद पड़ जाती है। उदाहरण के लिए, सक्सीनिक डिहाइड्रोजिनेज का मेलोनेट द्वारा संदमन जो संरचना में क्रियाधार सक्सीनेट से निकट की समानता रखता है। ऐसे प्रतिस्पर्धी संदमकों का अक्सर उपयोग जीवाणु जन्म रोगजनकों के नियन्त्रण हेतु किया जाता है।
प्रश्न 2.
न्यूक्लिओटाइड्स एवं न्यूक्लिओसाइड्स में कोई दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
न्यूक्लिओटाइड्स एवं न्यूक्लिओसाइड्स में अन्तर
न्यूक्लिओटाइड्स |
न्यूक्लिओसाइड्स |
1. न्यूक्लिओटाइड्स न्यूक्लिक अम्लों की इकाई होती है। |
यह न्यूक्लिओटाइड का भाग होता है। |
2. यह तीन अणुओं के मिलने से बनता है। इसमें एक अणु फॉस्फेट समूह, एक अणु शर्करा तथा एक अणु नाइट्रोजन क्षार (A or G or C or T or U) मिलते हैं। |
यह दो अणुओं के मिलने से बनता है। एक अणु शर्करा तथा एक अणु नाइट्रोजन क्षार (A or G or C or Tor U) के संयोग से बनता है। |
प्रश्न 3.
डाइसेकेराइड्स एवं पॉलीसेकेराइड्स में कोई चार अन्तर लिखिए।
उत्तर:
डाइसेकेराइड्स एवं पॉलीसेकेराइड्स में अन्तर:
डाइसेकेराइड्स (Disaccharides) |
पॉलीसेकेराइड्स (Polysaccharides) |
1. इनका निर्माण मोनोसेकेराइड शर्करा के दो अणुओं के मिलने से होता है। |
इनका निर्माण दो से अधिक मोनोसेकेराइड्स के अणुओं के मिलने से होता है। अर्थात् मोनोसेकेराइड की हजारों इकाइयाँ हो सकती हैं। |
2. इनके जलीय अपघटन पर दो मोनोसेकेराइड के अणु प्राप्त होते हैं। |
इनके जलीय अपपटन पर अनेक मोनोसेकेराइंड के अणु प्राप्त होते हैं। |
3. यह जल में घुलनशील है। |
यह जल में अघुलनशील है। |
4. इनका ऑक्सीकरण सुगमता से हो जाता है। अत: यह सजीवों की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। उदाहरण सुक्रोज, लेक्टोज। |
इनका ऑक्सीकरण सुगमता से नहीं होता। यह पौधों में संग्रहित भोज्य पदार्थ के रूप में पायी जाती है। उदाहरण स्टार्च, सेल्युलोज। |
प्रश्न 4.
डी.एन.ए. एवं आर.एन.ए. मैं अन्तर लिखिए।
उत्तर:
डी.एन.ए.एवं आर.एन.ए. में अन्तर
डी.एन.ए. |
आर.एन.ए. |
1. डी.एन.ए. मुख्यत: केन्द्रक में मिलता है। |
आर.एन.ए. मुख्यतः कोशिकाद्रव्य में मिलता है परन्तु इसकी कुछ मात्रा केन्द्रक में भी मिलती है। |
2. इसमें डी - ऑक्सीराइबोज शर्करा होती है। |
इसमें राईबोज शर्करा होती है। |
3. इसमें थायमीन नामक नाइट्रोजिनस क्षारक मिलता है। |
इसमें थायमीन के स्थान पर यूरेसिल पाया जाता है। |
4. यह द्विकुण्डल का निर्माण करता है। |
यह एक रज्जु का निर्माण करता है। |
5. यह आनुवंशिकी पदार्थ होता है जो गुणों को एक संतति से दूसरी संतति में ले जाता है। |
यह प्रोटीन संश्लेषण में काम आता है। |
प्रश्न 5.
रासायनिक अभिक्रिया क्या होती है? भौतिक या रासायनिक अभिक्रिया की दर का सीधा सम्बन्ध इकाई समय में बनने वाले उत्पादक से होता है। इसे सूत्र द्वारा प्रदर्शित कीजिये।
उत्तर:
रासायनिक यौगिकों में दो तरह के परिवर्तन होते हैं। पहला भौतिक परिवर्तन जिसमें बिना बंध के टूटे हुए यौगिक के आकार में परिवर्तन होता है। अन्य भौतिक प्रक्रिया में द्रव्य की अवस्था में परिवर्तन होता है जैसे बर्फ का पिघलकर पानी में परिवर्तित होना या पानी का वाष्प में बदलना। ये भौतिक प्रक्रियाएँ हैं।
रूपान्तरण के समय बंधों का टूटना व नये बंधों का निर्माण होना ही रासायनिक अभिक्रिया होती है। उदाहरण: बेरियम हाइड्रॉक्साइड गंधक के अम्ल से क्रिया कर बेरियम सल्फेट व पानी बनता है।
Ba(OH)2 +H2SO4 → BaSO4 +2H2O
यह एक अकार्बनिक रासायनिक अभिक्रिया है। भौतिक या रासायनिक अभिक्रिया की दर का सीधा संबंध इकाई समय में बनने वाले उत्पाद से होता है। इसे इस प्रकार से प्रदर्शित कर सकते हैं:
\(दर =\frac{\delta p}{\delta t}\)
प्रश्न 6.
निम्न प्रोटीन के कार्य लिखिये
(i) कोलेजन
(ii) ट्रिपसिन
(iii) इंसुलिन
(iv) प्रतिजीव
(v) ग्राही।
उत्तर:
प्रोटीन व इनके कार्य:
प्रोटीन |
कार्य |
1. कोलेजन |
अंतरकोशिकीय भरण पदार्थ |
2. ट्रिपसिन |
एंजाइम |
3. इंसुलिन |
हार्मोन |
4. प्रतिजीय |
संक्रमितकर्ता से लड़ना |
5. ग्राही |
संवेदी ग्रहण (सूंघना, स्वाद, हार्मोन आदि) |
प्रश्न 7.
न्यूक्लिक अम्लों के कोई चार कार्य लिखिए।
उत्तर:
न्यूक्लिक अम्लों के कार्य:
प्रश्न 8.
आवश्यक व अनावश्यक अमीनो अम्ल किसे कहते हैं? प्रत्येक के चार-चार उदाहरण दीजिये।
उत्तर:
1. आवश्यक अमीनो अम्ल (Essential amino acid):
ऐसे अमीनो अम्ल जिनका संश्लेषण शरीर द्वारा नहीं किया जा सकता है व उनको भोज्य पदार्थों से प्राप्त करना आवश्यक है, उन्हें आवश्यक या अनिवार्य अमीनो अम्ल कहते हैं।
उदाहरण:
2. अनावश्यक अमीनो अम्ल (Non - essential amino acid):
ऐसे अमीनो अम्ल जिनका संश्लेषण शरीर में हो जाता है, उन्हें अनावश्यक या अनानिवार्य अमीनो अम्ल कहते हैं। इन्हें भोज्य पदार्थों से लेना आवश्यक नहीं है।
उदाहरण:
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राइबोजाइम्स किसे कहते हैं? एंजाइम के नामकरण एवं वर्गीकरण का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राइबोजाइम्स (Ribozymes): कुछ न्यूक्लिक अम्ल एंजाइम की तरह व्यवहार करते हैं, उन्हें राइबोजाइम्स कहते हैं।
एंजाइम का नामकरण एवं वर्गीकरण (Enzyme Nomenclature and Classification):
प्रारम्भ में अध्ययन किये गये एंजाइम जैसे-पेप्सिन (Pepsin), रेनिन (Renin), ट्रिप्सिन (Trypsin) इत्यादि को छोड़कर सभी एंजाइम के नाम उनके द्वारा उत्प्रेरित होने वाले क्रियाधार के अन्त में ऐज (ase) जोड़ कर किया जाता है। उदाहरण माल्टेज (Maltase), सुक्रेज (Sucrase), लाईपेज (Lipase) इत्यादि। परन्तु अनेक एंजाइमों के नाम उनके द्वारा उत्प्रेरित होने वाली अभिक्रियाओं की प्रकृति के आधार पर भी रखे जाते हैं। जैसे ऑक्सीडे जेज (Oxidasase), डीहाइड्रोजिने जे ज (Dchydrogenasase) आदि। अन्य एंजाइमों का नामकरण उनके द्वारा उत्प्रेरित होने वाले क्रियाधार व अभिक्रिया की प्रकृति दोनों के आधार पर किया जाता है। जैसे- L - गलूटेमिक डीहाइड्रोजिनेज। इस नाम में L - ग्लूटेमिक अम्ल क्रियाकारक है तथा इसके द्वारा उत्प्रेरित होने वाली अभिक्रिया डीहाइड्रोजनीकरण है।
एंजाइम द्वारा विभिन्न अभिक्रिया के उत्प्रेरण के आधार पर सभी एंजाइमों को छ: वर्गों में वर्गीकृत किया है:
1. ऑक्सीडोरिडक्टेजेज / डीहाइड्रोजीने जेज (Oxidoreductases/Dehydrogenases):
इस वर्ग में वे सभी एंजाइम सम्मिलित किये गये हैं जो ऑक्सीकरण व अपचयन की अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं। ये एंजाइम अपने क्रियाधारों में से इलेक्ट्रॉन अथवा हाइड्रोजन हटाकर या जोड़कर उनका ऑक्सीकरण अथवा अपचयन करते हैं, जैसे साइटोक्रोम ऑक्सीडेज (Cytochrome Oxidase)।
2. ट्रांसफरेजेज (Transferases):
इस वर्ग में सम्मिलित एंजाइम अपने क्रियाधारों में हाइड्रोजन के अतिरिक्त किसी भी मूलक या समूह को एक क्रियाधार से दूसरे में स्थानान्तरण करते हैं। इनके द्वारा स्थानान्तरित होने वाले प्रमुख समूह अमीनो, फॉस्फेट, मिथाइल, कीटोन इत्यादि हैं। उदाहरण: ग्लूटामेट पाइरुवेट ट्रांसएमीनेज।
3. हाइड्रोलेजेज व हाइड्रेजेज (Hydrolases and Hydrases):
इस वर्ग में वे सभी एंजाइम सम्मिलित किये गये हैं, जो जल के अणुओं को जोड़ने अथवा निकलने वाली अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं। किसी रासायनिक अभिक्रिया में जल के अणुओं का जुड़ना हाइड्रोलेजेज एंजाइम की उपस्थिति में होता है। इस प्रकार के एंजाइम वृहत् अणुओं को जल संयोजन द्वारा छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ देते हैं। जैसे- ऐस्ट्रेज (Estrase), कार्बोहाइड्रेज (Carbohydrase), एमाइलेज (Amylase), न्यूक्लियेज (Nuclease) आदि। हाइड्रेजेज प्रकार के एंजाइम छोटे-छोटे अणुओं को जोड़कर वृहत् आण्विक यौगिकों का निर्माण करते हैं। जिसमें जल के अणु मुक्त होते हैं। जैसे- फ्यूमेरेज (Fumarase), इनोलेज (Enolase), कार्बोनिक एनहाइड्रेज (Carbonic Anhydrase) आदि।
4. लायेजेज (Lyases):
इस प्रकार के एंजाइम अपने क्रियाधारों - में से बिना जल अपघटन किये विशेष प्रकार के सहसंयोजक बंध तोड़कर समूह निष्कासन को उत्प्रेरित करते हैं। जैसे-हिस्टीडीन डीकार्बोक्सीलेज (histidine decarboxylase)।
5. आइसोमरेजेज (Isomerases):
इस प्रकार के एंजाइम क्रियाधारों में अन्तर आण्विक पुनः व्यवस्था (intermolecular rearrangement) के द्वारा उनके स्थितीय या प्रकाशीय समावयवी में परिवर्तन होने वाली अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं। जैसे- फॉस्फो हैक्सोआइसोमरेज (phosphohexoisomerase)।
6. लाइगेजेज (Ligases):
इस प्रकार के एंजाइम ATP के द्वारा प्राप्त ऊर्जा का उपयोग कर दो यौगिकों को सहसंयोजक बंधों द्वारा जोड़ने वाली अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं। जैसे- पाइरुवेट कार्बोक्सीलेज (Pyruvate Carboxylase)।
प्रश्न 2.
एंजाइम क्रिया की प्रकृति को विस्तार से समझाइये।
उत्तर:
एन्जाइम क्रिया की प्रकृति या एन्जाइम अभिक्रिया की क्रियाविधि (Mechanism of Enzyme Reaction):
समस्त एन्जाइम की कार्यप्रणाली एन्जाइम व अभिक्रिया में भाग लेने वाले क्रियाधारों की प्रकृति पर निर्भर करती है। एन्जाइम अभिक्रिया का आरम्भन व अभिक्रिया की दर एन्जाइम - क्रियाधार संकुल या सम्मिश्र (Enzyme - Substrate Complex) के बनाने व अभिक्रिया के प्रारम्भ होने के लिए आवश्यक सक्रियण ऊर्जा में कमी करके करते हैं।
एन्जाइम - क्रियाधार संकुल या जटिल का निर्माण (Formation of Enzyme - Substrate Complex): सभी प्रकार की एन्जाइम उत्प्रेरित अभिक्रियाओं में सर्वप्रथम एन्जाइम-क्रियाधारों से मिलकर एक अस्थायी यौगिक का निर्माण करते हैं, जिसे एन्जाइम-क्रियाधार जटिल या संकुल कहते हैं। बाद में यह संकुल खण्डित होकर उत्पाद बनाता है व एन्जाइम को पृथक् कर देता है।
प्रत्येक एन्जाइम की सतह पर अनेक विशेष स्थान (specific sites) होते हैं जहाँ पर क्रियाकारक जुड़ सकते हैं। उन स्थानों को सक्रिय स्थल (active sites) कहते हैं। एन्जाइम में सक्रिय सतह इतने पासपास होते हैं कि क्रियाधार यहाँ जुड़कर आसानी से क्रिया कर सकें। जब क्रियाधार एन्जाइम की सतह से जुड़ते हैं, तब एन्जाइम का आकार परिवर्तित हो जाता है व क्रियाधारों के मध्य नये बंध बनते हैं। इन बंधों के कारण बनने वाले उत्पाद एन्जाइम से पृथक हो जाते हैं। एन्जाइम मुक्त होकर दूसरे क्रियाधारों के अणुओं से जुड़ जाते हैं व नये एन्जाइमक्रियाचार संकुल का निर्माण करते हैं। इस प्रकार पुन: उत्प्रेरक चक्र प्रारम्भ हो जाता है।
प्रश्न 3.
एंजाइम द्वारा उच्च दर से रासायनिक रूपांतरण कैसे होता है? समझाइये।
उत्तर:
एन्जाइम द्वारा उच्च दर से रासायनिक रूपान्तरण कैसे होता है? (How chemical transformation takes place at higher rate by enzyme?)
समस्त प्रकार की रासायनिक क्रियाएँ एन्जाइम की उपस्थिति में उच्च दर से होती हैं। इस क्रिया में जो रसायन उत्पाद के रूप में बनता है उसे क्रियाधार (substrate) कहते हैं। एन्जाइम एक सक्रिय स्थल युक्त एक त्रिविम संरचना होती है जो प्रोटीन की बनी होती है। यह क्रियाधार को उत्पाद में बदलता है। इसे निम्न प्रकार से प्रदर्शित कर सकते
क्रियाधार उत्पाद क्रियाधार (S) एन्जाइम के सक्रिय स्थल से जुड़ जाता है। क्रियाधार सक्रिय स्थल की ओर जाकर एन्जाइम-क्रियाधार सम्मिश्र (Enzyme-substrate complex = ES) बनाते हैं। इसका निर्माण एक अल्पकालिक क्रिया है। क्रियाधार एन्जाइम के सक्रिय स्थल से जुड़ने की अवस्था में क्रियाधार की नई संरचना का निर्माण होता है जिसे संक्रमण अवस्था संरचना कहते हैं। इसके बाद शीघ्र ही प्रत्याशित बंध के टूटने या बनने के उपरान्त सक्रिय स्थल से उत्पाद अवमुक्त होता है या यों कह सकते है कि क्रियाधार की संरचना उत्पाद की संरचना में रूपान्तरित हो जाती है। रूपान्तरण की यह क्रिया संक्रमण अवस्था के द्वारा होती है। क्रियाधार व उत्पाद के बीच बनने वाली सभी अवस्थाएँ अस्थायी होती हैं। स्थायित्व का सम्बन्ध अणु की ऊर्जा अवस्था पर निर्भर करता है। इसे चित्र 9.8 में दर्शाया गया है।
चित्र में Y-अक्ष अंतर्निहित ऊर्जा अंश को व्यक्त करता है। X-अक्ष संरचनात्मक रूपान्तरण की यह, वह अवस्था जिसका निर्माण मध्यवर्ती संरचना द्वारा होता है, की प्रगति को व्यक्त करता है।
दो चीजें ध्यान देने योग्य हैं। क्रियाधार (S) व उत्पाद (P) के बीच
ऊर्जा स्तर में अन्तर। यदि उत्पाद क्रियाधार से नीचे स्तर का है तो अभिक्रिया बाह्य ऊष्मीय होती है। इस अवस्था में उत्पाद निर्माण हेतु ऊर्जा आपूर्ति (गर्म करने से) की आवश्यकता नहीं होती है। फिर भी चाहे यह बाह्य ऊष्मीय या स्वत: प्रवर्तित अभिक्रिया या अंत: ऊष्मीय या ऊर्जा आवश्यक अभिक्रिया हो क्रियाधार को उच्च ऊर्जा अवस्था या संक्रमण से गुजरना होता है। क्रियाधार व संक्रमण अवस्था के बीच औसत ऊर्जा के अन्तर को सक्रियण ऊर्जा कहते हैं। एन्जाइम ऊर्जा अवरोध को घटाकर क्रियाधार से उत्पाद के आसान रूपान्तरण में सहयोग करता है।
प्रश्न 4.
एंजाइम क्रियाविधि को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एन्जाइम क्रियाविधिको प्रभावित करने वाले कारक (Factors affecting Activities of Enzyme): जो कारक प्रोटीन की तृतीयक संरचना को परिवर्तित करते हैं, वे एंजाइम की सक्रियता को भी प्रभावित करते हैं, जैसे तापक्रम, पी.एच. (PH) क्रियाधार की सांद्रता में परिवर्तन या किसी विशिष्ट रसायन का एंजाइम से बंधन, उसकी प्रक्रिया को नियन्त्रित करते हैं। एंजाइम सक्रियता को निम्न कारक प्रभावित करते हैं:
1. तापक्रम (Temperature) व पीएच (pH):
प्राय: एंजाइम तापक्रम व पी.एच. के लघु परिसर (range) में कार्य करते हैं। प्रत्येक एंजाइम की अधिकतम क्रियाशीलता एक विशेष तापक्रम व पी.एच, पर ही होती है, जिसे क्रमशः इष्टतम तापक्रम व पी.एच, कहते हैं। इस इष्टतम मान के ऊपर या नीचे होने से क्रियाशीलता घट जाती है। निम्न तापक्रम एंजाइम को अस्थायी रूप से निष्क्रिय अवस्था में सुरक्षित रखता है, जबकि उच्च तापक्रम एंजाइम की क्रियाशीलता को समाप्त कर देता है, क्योंकि उच्च तापक्रम एंजाइम के प्रोटीन को विकृत कर देता है। एंजाइम क्रिया के लिए अनुकूलतम ताप 20°C से 35°C तक होता है। इस सीमा में 10°C तापक्रम में वृद्धि करने पर अभिक्रिया की गति 2 से 2% गुना बढ़ जाती है। 35°C से अधिक तापक्रम पर तापीय विकृतीकरण (Thermal Denaturation) हो जाता है। अधिकांश एन्जाइम 5.0 से 7.5 pH की सीमा में दक्षतापूर्वक कार्य करते हैं। PH मान के कम या अधिक होने पर क्रिया की गति मन्द हो जाती है।
2. क्रियाधार की सांद्रता (Concentration of Substrate):
क्रियाधार की सांद्रता निम्न, पर्याप्त या अधिकतम हो सकती है। निम्न सांद्रता पर एन्जाइम क्रिया की गति कम हो जाती है क्योंकि एन्जाइम अणु की सतह पर स्थित सभी सक्रिय स्थानों पर क्रियाधार के अणुओं का संयोग नहीं होता है। क्रियाधार की सांद्रता बढ़ाने पर क्रिया की गति भी बढ़ती है। एक निश्चित सांद्रता से अधिक सांद्रता पर क्रिया की गति स्थिर हो जाती है। पर्याप्त सांद्रता पर होने वाली अधिकतम गति को अधिकतम वेग कहते हैं।
क्रियाधार की सान्द्रता (S) के बढ़ने के साथ-साथ पहले तो एन्जाइम क्रिया की गति (V) बढ़ती है। अभिक्रिया सर्वोच्च गति प्राप्त करने के बाद क्रियाधार की सान्द्रता बढ़ने पर भी अग्रसर नहीं होती है। ऐसा इसलिए होता है कि एन्जाइम अणुओं की संख्या क्रियाधार के अणुओं से कम होती है (चित्र 9.9(स))।
3. एन्जाइम सांद्रता (Enzyme Concentration):
पर्याप्त क्रियाधार की सान्द्रता के रहते एन्जाइम अभिक्रिया की गति एन्जाइम सान्द्रता के अनुक्रमानुपाती होती है। एन्जाइम सान्द्रता के बढ़ाने पर अभिक्रिया की गति धीरे-धीरे बढ़ती है तथा क्रियाधारों की सान्द्रता के सीमाकारी प्रभाव के कारण किसी एक बिन्दु पर रुक कर स्थिर हो जाती है। अतः एन्जाइम सान्द्रता बढ़ाने के साथ-साथ क्रियाधारों की सान्द्रता बढ़ाने पर अभिक्रिया की गति बढ़ जाती है।
4. अन्तिम उत्पादों की सांद्रता (Concentration of end products):
अन्तिम उत्पादों के संचयन से एन्जाइम की सक्रियता कम हो जाती है।
5. एन्जाइम निरोधक एवं आविष (Enzyme Inhibitors and Toxins):
वे पदार्थ जो एन्जाइम के सक्रिय स्थलों से संयोग करके इन्हें निष्क्रिय कर देते हैं, एन्जाइम निरोधक या संदमक (inhibitors) कहलाते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं:
(अ) प्रतिस्पर्धी निरोधक (Competitive Inhibitors): ऐसे निरोधक पदार्थों की संरचना क्रियाधार अणुओं से मिलती है। अतः ये पदार्थ एन्जाइम अणुओं के सक्रिय स्थलों से जुड़ने में क्रियाधार के अणुओं से प्रतिस्पर्धा रखते हैं, जिससे एन्जाइम की क्रिया मन्द हो जाती है जैसे मैलिक अम्ल, सक्सीनिक अम्ल का प्रतिस्पर्धी निरोधक है। इस प्रकार के संदमन को क्रियाधार की मात्रा में वृद्धि करके रोका जा सकता है।
(ब) अप्रतिस्पर्धी निरोधक (Non - Competitive Inhibitors): इस प्रकार के निरोधक पदार्थ स्थायी रूप से एन्जाइम अणुओं से जुड़कर उनमें संरचनात्मक परिवर्तन ला देते हैं। यह स्थायी संयोजन एन्जाइम अणु को विकृत कर देता है। ऐसे पदार्थों को कोशिका आविष (cell poison) कहते हैं। जैसे Pb++, Hg++, Ag++ आदि आयन। सायनाइड श्वसन क्रिया में साइटोक्रोम ऑक्सीडेज को संदमित कर देता है। इस प्रकार के संदमन को एन्जाइम की मात्रा बढ़ाकर रोका जा सकता है।
प्रश्न 5.
DNA की संरचना का वर्णन कीजिये एवं इसका महत्त्व क्या है?
उत्तर:
DNA की संरचना:
पॉलीपेप्टाइड या प्रोटीन में अमीनो अम्ल पेप्टाइड बंध द्वारा जुड़े होते हैं। यह बंध एक अमीनो अम्ल के कार्बोक्सिल (-COOH) समूह व अगले अमीनो अम्ल के अमीनो (-NH) समूह के बीच अभिक्रिया के उपरान्त जल अणु के निकलने के पश्चात् बनता है (इस प्रक्रिया को निर्जलीकरण कहते हैं)। एक पॉलीसैकेराइड में मोनोसैकेराइड ग्लाइकोसाइटिक बंध द्वारा जुड़े होते हैं। यह बंध भी निर्जलीकरण द्वारा बनता है। यह बंध पास के दो मोनोसैकेराइड के दो कार्यन परमाणु के बीच बनता है।
न्यूक्लीक अम्ल में एक न्यूक्लीओटाइड के एक शर्करा का 3' - कार्बन अनुवर्ती न्यूक्लीओटाइड के शर्करा के 5' - कार्बन से फॉस्फेट समूह द्वारा जुड़ा होता है। शर्करा के फॉस्फेट व हाइड्रॉक्सिल समूह के मध्य का बंध एक एस्टर बंध होता है। एस्टर बंध दोनों तरफ मिलता है। अतः इसे फॉस्फोएस्टर बंध कहते हैं। न्यूक्लिक अम्लों में विभिन्न प्रकार की द्वितीयक संरचना मिलती है। वाटसन क्रिक का प्रसिद्ध मॉडल DNA की द्वितीयक संरचना को
प्रदर्शित करता है। इनके अनुसार मॉडल के मुख्य बिन्दु निम्न प्रकार हैं:
B - DNA के अतिरिक्त और अन्य प्रकार के DNA होते हैं जिनका नामकरण संरचनात्मक विशेषता के आधार पर अंग्रेजी की वर्णमाला के आधार पर किया गया है।
DNA का महत्व:
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न
प्रश्न 1.
नॉन - रिड्यूसिंग शर्करा होती है-
(a) ग्लूकोज
(b) गैलेक्टोज
(c) मैनॉज
(d) सुक्रोज
उत्तर:
(d) सुक्रोज
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौनसा कथन गलत है
(a) सुक्रोज एक डाइसकेराइड है
(b) सेल्यूलोज एक पॉलिसैकेराइड है
(c) यूरैसिल एक पिरिमिडीन है
(d) ग्लाइसिन एक सल्फरयुक्त अमीनो अम्ल है
उत्तर:
(d) ग्लाइसिन एक सल्फरयुक्त अमीनो अम्ल है
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किस एक जैवअणु को सही विशिष्टता दी गयी है-
(a) लेसिथिन - कोशिका झिल्ली में पाया जाने वाला एक फॉस्फोरिलित ग्लीसरॉइड
(b) पामिटिक अम्ल - एक असंतृप्त वसा अम्ल जिसमें 18 कार्बन परमाणु होते हैं।
(c) एडेनेलिक अम्ल - ऐडेनोसीन जिसके साथ एक ग्लूकोज फॉस्फेट अणु लगा होता है।
(d) ऐलेनीन ऐमीनो अम्ल - इसमें एक ऐमीनो समूह होता है तथा अणु के भीतर कहीं भी एक अम्लीय समूह होता है
उत्तर:
(a) लेसिथिन - कोशिका झिल्ली में पाया जाने वाला एक फॉस्फोरिलित ग्लीसरॉइड
प्रश्न 4.
मानव इन्सुलिन के दो पॉलीपेप्टाइड आपस में किसके द्वारा संयोजित होते हैं
(a) हाइड्रोजन बन्ध
(b) फॉस्फोडाइएस्टर बन्ध
(c) सहसंयोजी बन्ध
(d) डायसल्फाइड सेतु
उत्तर:
(d) डायसल्फाइड सेतु
प्रश्न 5.
निम्न को सुमेलित कर दिए गए विकल्पों में से सही युग्म का चयन कीजिए:
कॉलम - I (कार्बनिक यौगिक) |
कॉलम - II (उदाहरण) |
A. वसीय अम्ल |
1. ग्लूटॉमिक अम्ल |
B. फॉस्फोलिपिड |
2. ट्रिप्टोफेन |
C. एरोमेटिक अमीनो अम्ल |
3. लेसिथिन |
D. एसीडिक अमीनो अम्ल |
4. पामिटिक अम्ल |
(a) A - 1, B - 2, C - 3, D - 4
(b) A - 4, B - 3,C - 2, D - 1
(c) A - 2, B - 3,C - 4, D - 1
(d) A - 3, B - 4, C - 1, D - 2
(e) A - 4, B - 3, C - 1, D - 2
उत्तर:
(b) A - 4, B - 3,C - 2, D - 1
प्रश्न 6.
काइटिन है:
(a) पॉलीसैकेराइड
(b) नाइट्रोजनीकृत पॉलीसैकेराइड
(c) लीपोप्रोटीन
(d) प्रोटीन
उत्तर:
(b) नाइट्रोजनीकृत पॉलीसैकेराइड
प्रश्न 7.
अधिकांश प्रोटीनों के त्रिविमीय वलन को स्थिर रखने में निम्नलिखित में से किसकी बहुत कम सम्भावना है
(a) एस्टर आबंध
(b) हाइड्रोजन आबंध
(c) स्थिरवैधुत पारस्परिक अभिक्रिया
(d) जलभीरू पारस्परिक अभिक्रिया
उत्तर:
(a) एस्टर आबंध
प्रश्न 8.
शर्करा के दो अभिलाक्षणिक कार्यात्मक समूह कौनसे हैं
(a) हाइड्रॉक्सिल और मेथिल
(b) कार्बोनिल और मेथिल
(c) कार्बोनिल और फॉस्फेट
(d) कार्बोनिल और हाइड्रॉक्सिल
उत्तर:
(b) कार्बोनिल और मेथिल
प्रश्न 9.
DNA उपस्थित होता है
अथवा
किसमें स्वयं का DNA पाया जाता है
(a) केवल केन्द्रक में
(b) केवल माइटोकॉण्ड्रिया में
(c) केवल क्लोरोप्लास्ट में
(d) उपरोक्त सभी में
उत्तर:
(d) उपरोक्त सभी में
प्रश्न 10.
नीचे दिये जा रहे आरेखीय निरूपण में सजीव ऊतकों में पाये जाने वाले एक प्रकार के छोटे आण्विक भार वाले कार्बनिक यौगिकों की एक श्रेणी निरूपित की गयी है। दिखायी गयी श्रेणी को पहचानिए एवं उसके भीतर "X" लिखा गया घटक क्या है, वह भी पहचानिए-
श्रेणी |
घटक |
(a) कोलेस्टेरॉल |
ग्वानीन |
(b) ऐमीनो अम्ल |
NH2 |
(c) न्यूक्लिओटाइड |
ऐडीनीन |
(d) न्यूक्लिओसाइड |
यूरैसिल |
उत्तर:
(d) न्यूक्लिओसाइड |
यूरैसिल |
प्रश्न 11.
निम्नलिखित जैव अणुओं में से किस में फॉस्फोडाइएस्टर बंध होता है
(a) एक पॉलीसैकेराइड में मोनोसैकेराइड
(b) एक पॉलीपेप्टाइड में अमीनो अम्ल
(c) एक न्यूक्लियोटाइड में न्यूक्लिक अम्ल
(d) एक डाईग्लिसरॉइड में वसीय अम्ल
उत्तर:
(c) एक न्यूक्लियोटाइड में न्यूक्लिक अम्ल
प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से कौनसा कथन गलत है
(a) स्पर्धी संदमन में, संदमक अणु एन्जाइम द्वारा रासायनिक रूप से नहीं बदलता
(b) स्पर्धी संदमक एंजाइम - क्रियाधार (सब्सट्रेट) - सम्मिन के विच्छेदन (ब्रेक डाउन) को प्रभावित नहीं करता
(c) स्पर्धी संदमक की उपस्थिति सब्सट्रेट के लिए एंजाइम के ज्ञात मान को कम कर देता है
(d) एक स्पर्धी संदमक उत्क्रमणीय रूप से एक एन्जाइम के साथ अभिक्रिया करके एक एंजाइम - संदमक सम्मिश्र बना देता है
उत्तर:
(c) स्पर्धी संदमक की उपस्थिति सब्सट्रेट के लिए एंजाइम के ज्ञात मान को कम कर देता है
प्रश्न 13.
पेप्टाइड बंध के निर्माण के लिए उत्प्रेरक की तरह कार्य करने वाला प्रोटीन रहित एन्जाइम है
(a) स्प्लाइसियोसोम
(b) राइबोजाइम
(c) RNA पॉली I
(d) RNA पॉली III
उत्तर:
(b) राइबोजाइम
प्रश्न 14.
एन्जाइम क्रिया के सन्दर्भ में उस विकल्प को चुनिये जो गलत
(a) एक अप्रतिस्पर्धी संदमक, एन्जाइम के उस स्थल से जुड़ता है जो क्रियाधार के जुड़ने वाले स्थल से भिन्न होता है
(b) मेलोनेट, सक्सीनिक डीहाइड्रोजिनेज का एक प्रतिस्पर्धी संदमक
(c) क्रियाधार, एन्जाइम के सक्रिय स्थल से जुड़ जाता है
(d) बहुत से सक्सीनेट डालने से सक्सीनिक डीहाइड्रोजिनेज का मेलोनेट द्वारा संदमन खत्म नहीं होता
उत्तर:
(d) बहुत से सक्सीनेट डालने से सक्सीनिक डीहाइड्रोजिनेज का मेलोनेट द्वारा संदमन खत्म नहीं होता
प्रश्न 15.
एंजाइम्स से सम्बन्धित नीचे दिए जा रहे कथनों में से तीन कथन सही हैं और एक गलत। बताइए गलत कथन कौनसा है
(a) एंजाइम्स को सर्वोत्तम क्रिया कर सकने के लिए अनुकूलतम pH चाहिए
(b) उच्च तापमानों पर एंजाइम विकृत हो जाते हैं परन्तु कुछ अपवाद जीवधारियों में ये 80° - 90°C के तापमान पर भी प्रभावकारी बने रहते हैं
(c) एंजाइम अति अनुविशिष्ट होते हैं
(d) अधिकतर एंजाइम प्रोटीन्स होते हैं परन्तु कुछ अपवादसम लिपिड्स होते हैं
उत्तर:
(d) अधिकतर एंजाइम प्रोटीन्स होते हैं परन्तु कुछ अपवादसम लिपिड्स होते हैं
प्रश्न 16.
एंजाइमों के संदर्भ में कौनसा कथन उचित है
(a) एपोएंजाइम = होलोएंजाइम + सहएंजाइम
(b) होलोएंजाइम = एपोएंजाइम + सहएंजाइम
(c) सहएंजाइम = एपोएंजाइम + होलोएंजाइम
(d) होलोएंजाइम = सहएंजाइम + सह - कारक
उत्तर:
(b) होलोएंजाइम = एपोएंजाइम + सहएंजाइम
प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से कौनसा दिये ग्राफ का सही वर्णन करता है
(a) ऊर्जा A के साथ एंजाइम की अनुपस्थिति में और B के साथ एंजाइम की उपस्थिति में बाह्यऊष्मी अभिक्रिया
(b) ऊर्जा A के साथ एंजाइम की उपस्थिति में और B के साथ एंजाइम की अनुपस्थिति में आंतरऊष्मी अभिक्रिया
(c) ऊर्जा A के साथ एंजाइम की उपस्थिति में और B के साथ एंजाइम की अनुपस्थिति में बााऊष्मी अभिक्रिया
(d) ऊर्जा A के साथ एंजाइम की अनुपस्थिति में और B के साथ एंजाइम की उपस्थिति में आंतरऊष्मी अभिक्रिया
उत्तर:
(c) ऊर्जा A के साथ एंजाइम की उपस्थिति में और B के साथ एंजाइम की अनुपस्थिति में बााऊष्मी अभिक्रिया
प्रश्न 18.
नीचे दिए गए चित्र में एक एन्जाइम द्वारा क्रियाधार का उत्पाद में परिवर्तित होना दर्शाया गया है। निम्नलिखित विकल्पों (a - d) में से, किसमें अभिक्रिया के चार घटकों A, B, C तथा D को सही पहचाना गया है
विकल्प:
A |
B |
C |
D |
(a) विभव ऊर्जा |
संक्रमण अवस्था |
एन्जाइम सहित सक्रिय ऊर्जा |
एन्जाइम रहित सक्रियण ऊर्जा |
(b) संक्रमण अवस्था |
विभव ऊर्जा |
एन्जाइम रहित सक्रियण ऊर्जा |
एन्जाइम सहित सक्रिय ऊर्जा |
(c) विभव ऊर्जा |
संक्रमण अवस्था |
एन्जाइम सहित सक्रिय ऊर्जा |
एन्जाइम रहित सक्रियण ऊर्जा |
एन्जाइम सहित सक्रिय ऊर्जा |
संक्रमण अवस्था |
एन्जाइम रहित सक्रियण ऊर्जा |
विभव ऊर्जा |
उत्तर:
(b) संक्रमण अवस्था |
विभव ऊर्जा |
एन्जाइम रहित सक्रियण ऊर्जा |
एन्जाइम सहित सक्रिय ऊर्जा |
प्रश्न 19.
सामने दिखाये गये वक्र में तीन दशाओं (pH, तापमान तथा क्रियाधार सांद्रण) के सम्बन्ध के साथ एंजाइम-क्रिया दर्शायी गयी है। इसमें दो अक्ष (x तथा Y) क्या दर्शाते हैं:
(a) एंजाइमी सक्रियता तापमान
(b) एंजाइमी सक्रियता
(c) तापमान एंजाइम सक्रियता
(d) क्रियाधार सांद्रण एंजाइमी सक्रियता
उत्तर:
(c) तापमान एंजाइम सक्रियता
प्रश्न 20.
नीचे A से D में दिये जा रहे संरचनात्मक सूत्रों में से वह कौनसा एक सूत्र है जिसमें मूलभूत ऐमीनो अम्ल को सही प्रतिदर्शित किया गया है-
(a) C
(b) D
(c) A
(d) B
उत्तर:
(b) D
प्रश्न 21.
फास्फोग्लिसरॉइड सदैव बने होते हैं-
(a) फास्फेट समूह से एस्टरीकृत एक संतृप्त या असंतृप्त वसा अम्ल जिससे एक ग्लिसरॉल अणु भी संयोजित रहता है
(b) ग्लिसरॉल अणु से एस्टरीकृत एक संतृप्त वसा अम्ल जिससे फास्फेट समूह भी संयोजित रहता है
(c) ग्लिसरॉल अणु से एस्टरीकृत एक असंतृप्त वसा अम्ल जिससे फास्फेट समूह भी संयोजित रहता है।
(d) ग्लिसरॉल अणु से एस्टरीकृत एक संतृप्त या असंतृप्त वसा अम्ल जिससे फास्फेट समुह भी संयोजित रहता है
उत्तर:
(d) ग्लिसरॉल अणु से एस्टरीकृत एक संतृप्त या असंतृप्त वसा अम्ल जिससे फास्फेट समुह भी संयोजित रहता है
प्रश्न 22.
निम्नलिखित में से कौन बहुलकी नहीं है-
(a) न्यूक्लिक अम्ल
(b) प्रोटीन
(c) पॉलीसैकेराइड
(d) लिपिड
उत्तर:
(d) लिपिड