Rajasthan Board RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 14 पादप में श्वसन Important Questions and Answers.
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I. रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न (Fill in the blanks type questions)
प्रश्न 1.
श्वसन क्रिया में कार्बोहाइड्रेट के श्वसन आधार के रूप में उपयोग होने पर इसे ......................... श्वसन कहते हैं।
उत्तर:
प्लाची
प्रश्न 2.
ग्लाइकोलिसिस पथ को ......................... पथ भी कहते हैं।
उत्तर:
ई एम पी
प्रश्न 3.
पाइरुविक अम्ल ऑक्सीजन की उपस्थिति में माइटोकोण्डिया में पहुंचकर ......................... का निर्माण करता है।
उत्तर:
एसिटाइल कोएन्जाइम - ए
प्रश्न 4.
ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में पाइरुविक अम्ला ......................... में CO2 व ऐल्कोहॉल का निर्माण करता है।
उत्तर:
कोशिका द्रव्य
प्रश्न 5.
ग्लाइकोलिसिस में ग्लूकोज - 6 - फॉस्फेट समावयीकरण की क्रिया द्वारा ......................... में परिवर्तित हो जाता है।
उत्तर:
फ्रक्टोज
प्रश्न 6.
ग्लाइकोलिसिस के दौरान ......................... ATP अणुओं का निर्माण होता है।
उत्तर:
फॉस्फेट
प्रश्न 7.
किण्वन क्रिया में बनने वाले उत्पाद के आधार पर ऐल्कोहॉलीय किण्वन तथा ......................... किण्वन होता है।
उत्तर:
4
प्रश्न 8.
क्रेब्स चक्र को ......................... के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तर:
लेक्टिक अम्ल
प्रश्न 9.
केब्स चक्र में 5 कार्बन का अम्ल ......................... होता है।
उत्तर:
ट्राई कार्बोक्सिलिक अम्ल
प्रश्न 10.
ग्लूकोज के एक अणु से ग्लाइकोलिसिस और क्रेब्स चक्र में मिलकर ......................... ATP अणुओं का निर्माण होता है।
उत्तर:
α - कीटोग्लूटेरिक अम्ल।
II. सत्य व असत्य प्रकार के प्रश्न (True and False type questions)
प्रश्न 1.
क्रेब्स चक्र में 36 ATP अणुओं का निर्माण होता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
श्वसन में सबसे अधिक ऊर्जा का विमोचन प्रोटीन से होता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
इलेक्ट्रॉन परिवहन पथ का आखिरी इलेक्ट्रॉनग्राही ऑक्सीजन है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
विषाणु में श्वसन क्रिया होती है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
किण्वन में केवल 2 ATP बनते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 6.
अवायवीय श्वसन में श्वसन गुणांक अनन्त होता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 7.
ऑक्सीकरणीय फॉस्फोटीकरण की क्रिया ऑक्सीसोम में होती है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 8.
ग्लाइकोलिसिस में 10 जैव रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 9.
इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला के संकुल V के प्रमुख दो घटक F1 व F6 होते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 10.
क्रेब्स चक्र में सर्वप्रथम सिट्रिक अम्ल का निर्माण होता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
सत्य
III. निम्न को सुमेलित कीजिए (Match the following)
स्तम्भ - I में दिये गये पदों का स्तम्भ - II में दिये गये पदों के साथ सही मिलान कीजिए
प्रश्न 1.
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. कार्बोहाइड्रेट श्वसनी क्रियाधार |
(i) अनॉक्सी श्वसन |
B. ऑक्सी श्वसन |
(ii) 56 K. Cal. |
C. अनॉक्सी श्वसन |
(iii) प्लावी श्वसन |
D. अन्तराणविक श्वसन |
(iv) 686 K. Cal. |
उत्तर:
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. कार्बोहाइड्रेट श्वसनी क्रियाधार |
(iii) प्लावी श्वसन |
B. ऑक्सी श्वसन |
(iv) 686 K. Cal. |
C. अनॉक्सी श्वसन |
(i) अनॉक्सी श्वसन |
D. अन्तराणविक श्वसन |
(ii) 56 K. Cal. |
प्रश्न 2.
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. ग्लाइकोलिसिस |
(i) माइटोकॉण्ड्रिया |
B. क्रेस चक्र |
(ii) कोशिका द्रव्य |
C. किण्वन |
(iii) पाइरुविक आल |
D. पाश्चर |
(iv) किण्वन |
उत्तर:
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. ग्लाइकोलिसिस |
(iii) पाइरुविक आल |
B. क्रेस चक्र |
(i) माइटोकॉण्ड्रिया |
C. किण्वन |
(ii) कोशिका द्रव्य |
D. पाश्चर |
(iv) किण्वन |
प्रश्न 3.
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. प्राणी की मांसपेशियाँ |
(i) किण्वन |
B. यीस्ट कोशिकाएँ |
(ii) TPP |
C. थियामीन फॉस्फेट |
(iii) लेक्टिक अम्ल किण्वन |
D. ऐसीटाइल Co. A |
(iv) क्रेब्स चक्र |
उत्तर:
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. प्राणी की मांसपेशियाँ |
(iii) लेक्टिक अम्ल किण्वन |
B. यीस्ट कोशिकाएँ |
(i) किण्वन |
C. थियामीन फॉस्फेट |
(ii) TPP |
D. ऐसीटाइल Co. A |
(iv) क्रेब्स चक्र |
प्रश्न 4.
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. आइसोसिट्रिक अम्ल |
(i) ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल |
B. मैलिक अम्ल |
(ii) संकुल |
C. यूवीक्विनॉन ऑक्सीडोरिडक्टेज |
(iii) ऑक्सेलोसक्सीनिक अम्ल |
D. F1 कण |
(iv) ऑक्सीसोम |
उत्तर:
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. आइसोसिट्रिक अम्ल |
(iii) ऑक्सेलोसक्सीनिक अम्ल |
B. मैलिक अम्ल |
(i) ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल |
C. यूवीक्विनॉन ऑक्सीडोरिडक्टेज |
(ii) संकुल |
D. F1 कण |
(iv) ऑक्सीसोम |
प्रश्न 5.
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. ATP |
(i) 38 ATP |
B. ग्लूकोज पूर्ण ऑक्सीकरण |
(ii) ऍफीबोलिक पथ |
C. श्वसनी पथ |
(iii) CO2/O2 |
D. श्वसन गुणांक |
(iv) 7.28K. Cal. |
उत्तर:
स्तम्भ - I |
स्तम्भ - II |
A. ATP |
(iv) 7.28K. Cal. |
B. ग्लूकोज पूर्ण ऑक्सीकरण |
(i) 38 ATP |
C. श्वसनी पथ |
(ii) ऍफीबोलिक पथ |
D. श्वसन गुणांक |
(iii) CO2/O2 |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
यदि ताजे फलों को अधिक CO2 सान्द्रता वाले स्थान पर रखा जाये तो फल पर क्या प्रभाव पड़ेगा? कारण सहित बताओ।
उत्तर:
श्वसन की दर कम हो जाने से श्वसन पदार्थ सुरक्षित रहते हैं और फल ताजा बने रहते हैं। CO2 की अधिक सांद्रता से रंध्र बन्द हो जाते हैं जिससे गैस विनिमय की दर कम हो जाती है।
प्रश्न 2.
वायव श्वसन क्रिया को कितने चरणों में बांटा जा सकता है?
उत्तर:
दो चरणों में:
प्रश्न 3.
ऑक्सी श्वसन क्रिया में ATP का निर्माण कहलाता है।
उत्तर:
ऑक्सीडेटिव फॉस्फोराइलेशन।
प्रश्न 4.
श्वसन क्रिया में कौनसे पदार्थ क्रियाधार के रूप में प्रयुक्त होते हैं?
उत्तर:
साधारणतया कार्बोहाइड्रेट का उपयोग होता है, यदि कार्बोहाइड्रेट न हों तो फिर वसा तथा प्रोटीन भी हो सकते हैं।
प्रश्न 5.
वह कौनसी क्रिया है जिसके द्वारा पाइरुविक अम्ल से एसीटाइल Co.A बनता है?
उत्तर:
ऑक्सीडिकार्बोक्सीलेशन।
प्रश्न 6.
अनॉक्सी श्वसन की समीकरण बताइये।
उत्तर:
C6H12O6 → 2C2H5OH + 2CO2 +50 Kcal.
प्रश्न 7.
इलेक्ट्रॉन परिवहन तंत्र श्वसन में कहां सम्पन्न होता है?
उत्तर:
माइटोकोंड्रिया की भीतरी झिल्ली पर।
प्रश्न 8.
प्रोटीन का श्वसन गुणांक बताइए।
उत्तर:
यह एक से कम होता है।
प्रश्न 9.
ऑक्सी श्वसन की समीकरण लिखिए।
उत्तर:
C6H12O6 + 6O2 → 6CO2 + 6H2O + 686 Kcal.
प्रश्न 10.
अनॉक्सी श्वसन में R.Q कितना होता है?
उत्तर:
अनन्त (∞)।
प्रश्न 11.
ATP की खोज किसके द्वारा की गई?
उत्तर:
लोहमेन (Lohmann) ने ATP को खोजा था, ATP चक्र लिपमेन (Lipmann) द्वारा खोजा गया था।
प्रश्न 12.
किस साइटोक्रोम में Fe नहीं होता है?
उत्तर:
साइटोक्रोम a3
प्रश्न 13.
पेशियों में किसके जमाव के कारण थकान महसूस होती है?
उत्तर:
लैक्टिक अम्ल के जमाव के कारण।
प्रश्न 14.
श्वसन क्लीमेक्ट्रिक बढ़ाने वाले रसायन का नाम लिखिए।
उत्तर:
इथाइलीन।
प्रश्न 15.
पाश्चर प्रभाव किसे कहते हैं?
उत्तर:
O2 की उपस्थिति में अनॉक्सी श्वसन का ऑक्सी श्वसन में परिवर्तन को पाश्चर प्रभाव कहते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
शीत संग्रहालयों में फल व सब्जियाँ लम्बे समय तक ताजा क्यों रहती हैं? समझाइये।
उत्तर:
अति न्यून ताप पर श्वसन दर नहीं के बराबर होती है, इसी कारण फल व सब्जियाँ शीत संग्रहालयों में रखकर लम्बे समय तक तरोताजा रखी जा सकती है।
प्रश्न 2.
श्वसनाधार तथा ऑक्सीडेटिव फॉस्फोरिलीकरण को समझाइये।
उत्तर:
श्वसनाधार - साधारणतया खाद्य पदार्थ, जैसे कार्बोहाइडेट्स, वसा आदि श्वसनाधार या श्वसन माध्यम के रूप में उपयोग में आते हैं। कभी - कभी प्रोटीन का भी उपयोग होता है। श्वसनाधार के अनुसार ही श्वसन गुणांक अलग-अलग प्रकार का होता है। श्वसनाधार तथा इसकी मात्रा श्वसन गति को बहुत प्रभावित करती है। प्रकाश - संश्लेषण करने वाली पर्यों में श्वसन क्रिया अधिक तथा अन्य अंगों में अपेक्षाकृत कम होती है।
ऑक्सीडेटिव फॉस्फोरिलीकरण: जब ADP में एक फॉस्फेट अणु जुड़ता है तब इस जुड़ाव हेतु ऊर्जा की आवश्यकता होती है, श्वसन क्रिया में यह ऊर्जा ऑक्सीकरण से प्राप्त होती है तथा ADP से इसी ऊर्जा के आधार पर एक फॉस्फेट अणु जुड़ जाने से अब यह ATP बन जाता है, इस ATP का उपयोग कोशिका के अन्दर किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। अत: ऑक्सीकरण ऊर्जा के आधार पर ADP से ATP बनने की क्रिया को ऑक्सीडेटिव फॉस्फोरिलीकरण कहते हैं।
प्रश्न 3.
यदि चने के सूखे बीजों को पहले अन्तः शोषित किया जावे और उसके पश्चात् 20°C तापक्रम वाले कक्ष में रखा जाबे, तब उनकी श्वसन गति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
इससे श्वसन की दर बढ़ जाती है क्योंकि जल एन्जाइमों को क्रियाशील बनाता है, कोशिकाओं को स्फीत बनाये रखता है तथा O2 के प्रवेश के लिये माध्यम प्रदान करता है।
प्रश्न 4.
चावल के जलाक्रान्त खेतों में जड़ों के आस-पास ऐल्कोहॉल की उपस्थिति के संकेत मिलते हैं। इसका कारण बताइये।
उत्तर:
जड़ों की श्वसन क्रिया हेतु O2 की आवश्यकता होती है, मृदा जलाक्रान्त होने के कारण जो O2 जल में होती है उससे पहले जड़ ऑक्सी श्वसन कर लेती है, परन्तु जैसे ही O2 की कमी होती है तो फिर जड़ द्वारा अनॉक्सीश्वसन प्रारम्भ हो जाता है तथा श्वसन क्रिया से निकली CO2 आस - पास के जल से क्रिया कर पहले अम्ल तथा फिर ऐल्कोहॉल में बदल जाती है। इस कारण बाद में अवशोषण भी रुक जाता है।
प्रश्न 5.
रात्रि में वृक्ष के नीचे सोने से स्वास्थ्य खराब रहता है, क्यों?
उत्तर:
पौधों में श्वसन क्रिया दिन व रात दोनों में होती है जबकि प्रकाश - संश्लेषण केवल सूर्य प्रकाश (दिन) में होता है। प्रकाश - संश्लेषण में CO2 का उपयोग व O2 निष्कासित होती है जबकि श्वसन में O2 का उपयोग व CO2 का निष्कासन होता है। रात्रि में वृक्ष के नीचे O2 की कमी व CO2 की अधिकता रहती है क्योंकि प्रकाश - संश्लेषण नहीं होता इसलिये CO2 का उपयोग कम होता है। जो व्यक्ति वृक्ष के नीचे राधि को सोयेगा, उसे श्वसन हेतु O2 कम मिलेगी व CO2 की अधिकता रहेगी, अत: स्वास्थ्य खराब रहेगा।
प्रश्न 6.
बीज का शुष्क भार अंधेरे में उगे बीजोधर से अधिक होता है, जबकि प्रकाश में उगने वाले पत्तियों युक्त बीजोधर का शुष्क भार बीज से अधिक होता है। कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अंधेरै में प्रकाश - संश्लेषण न होने से तथा श्वसन क्रिया में भोज्य पदार्थों का उपयोग होता है। प्रकाश की उपस्थिति में भोज्य पदार्थों का निर्माण होता है व श्वसन में इनका उपयोग भी होता है। इसलिये शुष्क भार अधिक होता है।
प्रश्न 7.
श्वसन से आप क्या समझते हैं? ऑक्सी श्वसन तथा अनॉक्सी श्वसन को समझाइये।
उत्तर:
श्वसन क्रिया में O2 ग्रहण की जाती है व CO2 का निष्कासन होता है तथा कार्बनिक पदार्थों में संचित स्थितिज ऊर्जा को गतिज ऊर्जा में रुपान्तरित किया जाता है। श्वसन क्रिया की समीकरण निम्न प्रकार से है
C6H12O6 + 6O2 → 6CO2 + 6H2O+686 K. cal.
O2 की उपलब्धता के आधार पर श्वसन ऑक्सी व अनॉक्सी प्रकार का होता है -
(i) ऑक्सी श्वसन (Aerobic respiration): अधिकांश सजीवों में ऑक्सी श्वसन ही होता है। यह क्रिया O2 की उपस्थिति में होती है। इसमें कार्बनिक पदार्थों का पूर्ण ऑक्सीकरण होकर CO2 व H2O बनता है व ऊर्जा निकलती है।
C6H12O6 + 6O2 → 6CO2 + 6H2O + 686 K. cal.
(ii) अनॉक्सी श्वसन (Anaerobic respiration): वह क्रिया O2 के अभाव में होती है। यह क्रिया उच्च वर्ग के पौधों में यदाकदा परन्तु यीस्ट तथा कुछ जीवाणुओं में सामान्यतः पाई जाती है। इसमें श्वसन पदार्थों का अपूर्ण ऑक्सीकरण होकर ऐल्कोहॉल या लेक्टिक अम्ल बनता है व कम मात्रा में ऊर्जा निकलती है।
C6H12O6 → C2H5OH + 2CO2 + 50 K. cal.
प्रश्न 8.
ऑक्सीकरणीय फॉस्फेटीकरण तथा प्रकाश फॉस्फेटीकरण में अन्तर बताइए।
उत्तर:
ऑक्सीकरणीय फॉस्फेटीकरण (Oxidative phosphorylation) |
प्रकाश फॉस्फेटीकरण (Photophosphorylation) |
1. यह श्वसन की क्रिया में होता है। |
यह प्रकाश - संश्लेषण की क्रिया में होता है। |
2. यह क्रिया माइटोकोण्डिया में होती है। |
यह क्रिया क्लोरोप्लास्ट में होती है। |
3. यह क्रिया माटोकोण्डिया की अन्तः झिल्ली में उपस्थित क्रिस्टी के F1 कण में होती है। |
यह क्रिया क्लोरोप्लास्ट के थाइलेकोइड में होती है। |
4. यह माइटोकोण्डिया में पाये जाने वाले ETS से सम्बन्धित है। यह केवल एक प्रकार का होता है। |
यह क्लोरोप्लास्ट में पाये जाने वाला इलेक्ट्रॉन अभिगमन तन्त्र है जिसमें दो प्रकार के वर्णक मिलते हैं। |
5. इस क्रिया में O2 के अणुओं की आवश्यकता होती है। |
O2 की आवश्यकता नहीं होती है। |
6. इस क्रिया में पानी का प्रकाश अपघटन (photolysis of water) नहीं होता है। |
जल का प्रकाशीय अपघटन होता है। |
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पाइरुविक अम्ल के निर्माण तक ग्लाइकोलिसिस के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गनाइकोलिसिस शब्द का उद्भव ग्रीक शब्दों ग्लाइकोस (glycose = sugar) व लिसिस (lysis = splitting) को मिला कर हुआ है। इसका तात्पर्य शर्करा के विघटन से है। यह एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है जो 10 चरणों में सम्पन्न होती है। इन अभिक्रियाओं को गुस्ताव इंबेडेन (G Embden), ओटो मेयरहॉफ (OTO Meyerhoff) तथा जे. परनास (J. Pamas) ने समझाया था अतः इनके अन्तिम नाम के पहले अक्षर से इस प्रक्रिया को ई.एम.पी. पथ (EMP pathway) के नाम से भी जाना जाता है। ग्लाइकोलिसिस कोशिका द्रव्य में सम्पन्न होता है और यह सभी सजीवों में मिलता है।
पौधों में ग्लूकोज प्रकाश-संश्लेषण के अन्तिम उत्पाद सुक्रोज से प्राप्त होता है। ग्लूकोज के अणु का एक श्रेणी में क्रमबद्ध जैव रासायनिक क्रियाओं द्वारा पाइरुविक अम्ल में विघटित होकर ऊर्जा मुक्त करना ग्लाइकोलिसिस कहलाता है। ग्लाइकोलिसिस में सम्पन्न होने वाली सभी 10 जैव रासायनिक
अभिक्रियाओं को निम्न तीन पदों के अन्तर्गत समझाया जा सकता है:
1. ग्लूकोज का फॉस्फोरिलीकरण (Phosphorylation of glucose): प्रारम्भ में ग्लूकोज अणु एक ATP अणु का उपयोग कर ग्लूकोज - 6 - फॉस्फेट बनाता है। यह ग्लूकोज - 6 - फॉस्फेट समावयवीकरण की क्रिया द्वारा फ्रक्टोज - 6 - फॉस्फेट में परिवर्तित हो जाता है। फ्रक्टोज - 6 - फॉस्फेट एक और ATP अणु का उपयोग कर फ्रक्टोज - 1, 6 - डाइफॉस्फेट अणु का निर्माण करता है। इस प्रकार ग्लूकोज अणु के फॉस्फोरिलीकरण में दो ATP के अणुओं का उपयोग होता है। इसमें होने वाली अभिक्रियाएँ निम्न प्रकार है:
प्रथम फॉस्फोरिलीकरण- ग्लूकोज, हेक्सोकाइनेज एंजाइम व Mg++ आयनों की उपस्थिति में ATP से क्रिया कर ग्लूकोज - 6 - फॉस्फेट व ADP बनाता है।
समावयवीकरण इसमें आइसोमरेज एंजाइम की उपस्थिति में ग्लूकोज - 6 - फॉस्फेट, फ्रक्टोज - 6 - फॉस्फेट में परिवर्तित हो जाता है।
द्वितीय फॉस्फोरिलीकरण: फॉस्फोफ्रक्टोकाइनेज एंजाइम की उपस्थिति में फ्रक्टोज - 6 - फॉस्फेट, ATP के अणु से क्रिया कर फ्रक्टोज - 1,6 - डाइफॉस्फेट व ADP का निर्माण करता है।
इस प्रकार एक अणु ग्लूकोज से फ्रक्टोज - 1,6 - डाइफॉस्फेट का अणु बनने में 2 ATP खर्च होते हैं।
2. फॉस्फोरीकृत ग्लूकोज अणु का दो अणु फॉस्फोग्लिसरलडिहाइड में विघटन या विखण्डन (Splitting of phosphorylated glucose molecule in 2 molecules of phosphoglyceraldehyde): फ्रक्टोज - 1,6 - डाइफॉस्फेट (6 कार्बन युक्त अणु), एल्डोलेज एंजाइम की उपस्थिति में विखण्डित होकर 3 - फॉस्फोरिलसरलडिहाइड (3 - PGAL) व डाइहाइड्रोक्सी एसीटोन फॉस्फेट (3 कार्बन युक्त अणु) का निर्माण करता है। इन दोनों यौगिकों को ट्रायोज फॉस्फेट कहते हैं।
ये दोनों यौगिक ट्रायोज फॉस्फेट आइसोमरेज एंजाइम की उपस्थिति में अन्त:परिवर्तनीय हैं। इन यौगिकों में से केवल 3 - PGAL का ऑक्सीकरण होता है। अतः जैसे - जैसे 3 - PGAL का ऑक्सीकरण होता है, 2 - हाइड्रोक्सी एसीटोन फॉस्फेट, 3 - PGAL में परिवर्तित होता रहता है।
3. पाइरुविक अम्ल के दो अणुओं का निर्माण (Formation of two molecules of pyruvic acid):
3 - PGAL का फॉस्फोरिलीकरण - ग्लिसरलडिहाइड - 3 - फॉस्फेट डिहाइड्रोजिनेज एंजाइम की उपस्थिति में 3 - PGAL, H3PO4 से अभिक्रिया कर 1,3 - डाईफॉस्फोग्लिसरलडिहाइड का निर्माण करता है।
1, 3 - डाईफॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का निर्माण: डाइफॉस्फोग्लिसरलडिहाइड डिहाइड्रोजिनेज एंजाइम की उपस्थिति में 1,3 - डाईफॉस्फोग्लिसरलडिहाइड ऑक्सीकृत होकर 1,3 - डाईफॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का निर्माण करता है।
इस अभिक्रिया में NAD+ हाइड्रोजन ग्राही की तरह कार्य कर NADH + H+ का निर्माण करता है जो ETS में प्रवेश कर ATP का निर्माण करता है।
1. प्रथम ATP का निर्माण: 1,3 - डाईफॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का एक फॉस्फेट समूह फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल काइनेज एंजाइम की उपस्थिति में ADP से जुड़कर ATP का निर्माण करता है व 3 - फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल बनाता है।
2. समावयवीकरण: फॉस्फोग्लिसरोम्यूटेज एंजाइम की उपस्थिति में 3 - फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का रूपान्तरण 2 - फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल में हो जाता है।
जल अपघटन: इनोलेज एंजाइम की उपस्थिति में 2 - फॉस्फोग्लिसरिक आम्ल में से एक अणु जल का निकल कर 2 - फॉस्फोइनोल पाइरुविक अम्ल का निर्माण होता है।
द्वितीय ATP का निर्माण: पाइरुविक अम्ल काइनेज एंजाइम की उपस्थिति में 2 - फॉस्फोइनोल पाइरुविक अम्ल से फॉस्फेट समूह निकल कर पाइरुविक अम्ल व ATP का निर्माण होता है। पाइरुविक अम्ल ग्लाइकोलिसिस का अन्तिम उत्पाद है। प्रत्येक ग्लूकोज अणु से दो अणु पाइरुविक अम्ल के बनते हैं।
ग्लाइकोलिसिस की सम्पूर्ण अभिक्रिया को निम्न समीकरण द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है
C6H12O6 + 2ATP + 4ADP + 2Pi + 2NAD+ → 2C3H4O3 + 2ADP + 4ATP + 2NADH + 2H+
पाइरुविक अम्ल का भविष्य ऑक्सीजन पर निर्भर करता है। O2 की उपस्थिति में माइटोकोण्ड्रिया में प्रवेश करके CO2 तथा जल का निर्माण करता है। इसे ऑक्सीश्वसन कहते हैं। O2 की अनुपस्थिति में यह कोशिका द्रव्य में ही CO2 तथा ऐल्कोहॉल का उत्पादन करता है, इसे अनॉक्सी श्वसन कहते हैं।
प्रश्न 2.
किण्वन को परिभाषित करते हुए किण्वन क्रिया को समझाइये।
उत्तर:
किण्वन अधिकांश जीवाणुओं व कवकों में O2 की अनुपस्थिति में होने वाली क्रिया है। इसमें ग्लूकोज के अणु का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है, जिससे ऐल्कोहॉल अथवा कार्बोक्सिलिक अम्लों का निर्माण होता है व CO2 मुक्त होती है। पाश्चर ने यह सिद्ध किया था कि ऐल्कोहॉलिक किण्वन यीस्ट कोशिकाओं की उपापचयी क्रियाओं द्वारा होता है। बुकनर ने यीस्ट कोशिकाओं से जाइमेज (Zymase) एंजाइम को पृथक किया जो जीवित कोशिकाओं के बिना भी किण्वन करने में सक्षम था।
किण्वन क्रिया में बनने वाले उत्पाद के आधार पर किण्वन निम्न प्रकार के हो सकते हैं:
(i) ऐल्कोहॉलीय किण्वन (Alcoholic fermentation): यह क्रिया यीस्ट, कुछ कवक तथा कुछ उच्च वर्ग के पादपों में पायी जाती है। यह अनॉक्सी श्वसन का ही रूप है। ग्लाइकोलिसिस में बनने वाले पाइरुविक अम्ल से ऐल्कोहॉल का निर्माण दो पदों में पूरा होता है:
(ii) लेक्टिक अम्ल किण्वन (Lactic acid fermentation): कुछ जीवाणु व प्राणी की मांसपेशियों की कोशिकाओं में शारीरिक अभ्यास के दौरान जब कोशिकीय श्वसन हेतु अपर्याप्त O2 होती है तब पाइरविक अम्ल NADH + H+ द्वारा एंजाइम लैक्टिक डीहाइड्रोजिनेज की उपस्थिति में लैक्टिक अम्ल में अपचयित हो जाता है।
दूध में पाई जाने वाली लेक्टोज शर्करा का परिवर्तन लेक्टिक अम्ल में होता है। इस क्रिया में बैक्टीरियम लेक्टिक ऐसिडी (Bacterium lactic acidi) और बैक्टीरियम ऐसिडी लेक्टिसी (Bacterium acidi lactici) भाग लेते हैं।
इस प्रकार के श्वसन में शर्करा के एक अण से ATP के दो अण प्राप्त होते हैं। ग्लाइकोलिसिस में 8 ATP अणुओं की प्राप्ति होती है जिसमें से 6 ATP, NADH + H+ के ETS में जाने से प्राप्त होते हैं। किण्वन में ETS नहीं होने के कारण 6 ATP अणुओं का निर्माण नहीं होता। अत: किण्वन में ATP के कुल दो अणु ही प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 3.
श्वसन गुणांक से आप क्या समझते हैं? कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, कार्बनिक अम्ल, मांसल पदार्थों तथा अनॉक्सी श्वसन का श्वसन गुणांक क्या होता है?
उत्तर:
श्वसन क्रिया में पादप O2 का उपभोग करते हैं तथा CO2 मुक्त करते हैं। श्वसन में मुक्त होने वाली CO2 व प्रयुक्त होने वाली O2 के आयतन का अनुपात श्वसन में प्रयुक्त होने वाले क्रियाधार की प्रकृति पर निर्भर करता है। अतः श्वसन में मुक्त होने वाली CO2 व उपभोग होने वाली O2 के आयतन का अनुपात श्वसन गुणांक कहलाता है।
श्वसन में प्रयुक्त होने वाले भिन्न - भिन्न क्रियाधारों के श्वसन गुणांक भी भिन्न - भिन्न होते हैं जिन्हें निम्नानुसार समझाया गया है-
(i) कार्बोहाइड्रेट्स का श्वसन गुणांक: क्रियाधार जब कार्बोहाइड्रेट होते हैं व इनका पूर्ण ऑक्सीकरण होता है तो श्वसन गुणांक सदैव इकाई (1) होता है, क्योंकि इसमें विमुक्त होने वाली CO2 व प्रयुक्त होने वाली O2 का आयतन सदेव समान होता है।
C6H12O6 + 6O2 → 6CO2 + 6H2O + ऊर्जा
\(\mathrm{R} \cdot \mathrm{Q} .=\frac{6 \mathrm{CO}_{2}}{6 \mathrm{O}_{2}}=1.0\)
(ii) वसा का श्वसन गुणांक: तैलीय बीजों के अंकुरण के समय श्वसन की क्रिया में वसा क्रियाधार होती है। वसा के अणु में कार्बन की तुलना में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। इस कारण वसा के ऑक्सीकरण के लिए O2 की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। अतः वसा का R.Q. सदैव एक से कम होता है।
\(\mathrm{R} . \mathrm{Q}=\frac{102 \mathrm{CO}_{2}}{145 \mathrm{O}_{2}}=0.7\)
(iii) प्रोटीन्स का श्वसन गुणांक: प्रोटीन्स अणुओं में भी वसा की तरह O2 की मात्रा कार्बन की तुलना में कम होती है। अतः प्रोटीन के ऑक्सीकरण में भी अधिक O2 की आवश्यकता होती है। कार्बोहाइड्रेट व वसा की अनुपस्थिति में ही प्रोटीन्स श्वसन क्रिया में क्रियाधार के रूप में उपयोग किये जाते हैं। प्रोटीन्स का R.Q. एक से कम (0.9 के लगभग) होता है।
(iv) कार्बोक्सिलिक अम्लों का श्वसन गुणांक: मांसलोद्भिद् (succulent) पादपों जैसे नागफनी (opuntia) आदि के श्वसन में क्रियाधार कार्बोक्सिलिक अम्ल होते हैं जिनके अणुओं में कार्बन की तुलना में O2 की मात्रा अधिक होती है। इस कारण श्वसन में इनके ऑक्सीकरण के लिये कम O2 की आवश्यकता होती है अतः इनका R.Q. सदैव एक से अधिक होता है।
\(\mathrm{R} . \mathrm{Q} .=\frac{4 \mathrm{CO}_{2}}{\mathrm{O}_{2}}=4.0\)
इसी प्रकार सिट्रिक अम्ल व मैलिक अम्ल का R.Q. 1.33 होता है।
(v) अवायवीय श्वसन में श्वसन गुणांक: अवायवीय श्वसन में CO2 तो मुक्त होती है परन्तु O2 का अवशोषण नहीं होता है। अतः इस प्रकार की क्रियाओं में R.Q. अनन्त (∞) होता है।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न
प्रश्न 1.
'फेड वैच' किण्वन विधि में शर्करा को निरन्तर डालने की क्रिया निम्न में किस एक के लिए की जाती है-
(a) सीवेज विखण्डन में
(b) मीथेन बनाने में
(c) ऐन्टीबायोटिक्स प्राप्त करने में
(d) एन्जाइमों के शुद्धिकरण में
उत्तर:
(d) एन्जाइमों के शुद्धिकरण में
प्रश्न 2.
लैक्टिक अम्ल किण्वन के दौरान-
(a) O2 का उपयोग होता है, CO2 मुक्त होती है
(b) न तो O2 का उपयोग होता है, न ही CO2 मुक्त होती है
(c) O2 का उपयोग होता है, CO2 मुक्त नहीं होती है
(d) O2 का उपयोग नहीं होता है, CO2 मुक्त होती है
उत्तर:
(b) न तो O2 का उपयोग होता है, न ही CO2 मुक्त होती है
प्रश्न 3.
वायवीय श्वसन के दौरान कितने ATP अणुओं का शुद्ध लाभ (Net gain) होता है-
(a) 36 अणु
(b) 38 अणु
(c) 40 अणु
(d) 48 अणु
उत्तर:
(a) 36 अणु
प्रश्न 4.
आरेख में दिये गये तीन कक्ष वायवीय श्वसन में तीन मुख्य जैव संश्लेषण मार्गकों को निरूपित करते हैं। बाण (Arrows) सकल अभिकारक या उत्पाद को निरूपित करते हैं-
4, 8 और 12 से सख्यांकित बाण, सभी क्या हो सकते हैं-
(a) FAD+ + FADH2
(b) NADH
(c) ATP
(d) H2O
उत्तर:
(c) ATP
प्रश्न 5.
ऑक्सी - श्वसन में एक ग्राम ग्लूकोज अणु के पूर्ण ऑक्सीकरण से कर्जा का शुद्ध लाभ होता है-
(a) 2 ATP
(b) 36 ATP
(c) 38ATP
(d) 15 AIP
उत्तर:
(c) 38ATP
प्रश्न 6.
ग्लाइकोलिसिस, वेब चक्र तथा वसा अम्ल के बीटा ऑक्सीकरण में पायी जाने वाली संयोजक कड़ी कौनसी है-
अथवा
श्वसन माध्यिरा वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीनों के भंजन में कौनसा उपापचयी सामान्यतः होता है-
(a) पायरुविक अम्ल
(b) एसिटाइल CoA
(c) एसीटेल्डीहाइड
(d) साइट्रिक अम्ल
उत्तर:
(b) एसिटाइल CoA
प्रश्न 7.
बीस्ट के अनॉक्सीश्वसन चक्र में अणुओं के उचित क्रम को मिलायें
(a) A - इथेनॉल B - CO2 C - एसिटेल्डीहाइड
(b) A - CO2 B - इथेनॉल C - एसिटेल्डीहाइड
(c) A - CO2 B - एसिटेल्डीहाइड C - इथेनॉल
(d) A - एसिटेल्डीहाइड B - CO2 C - इथेनॉल
(e) A - इथेनॉल B - एसिटेल्डीहाइड C - CO2
उत्तर:
(e) A - इथेनॉल B - एसिटेल्डीहाइड C - CO2
प्रश्न 8.
दी गई अभिक्रिया निम्नलिखित में किस विधि को दर्शाती है-
C6H12O6 + 2NAD + 2ADP + 2Pi → 2CH3 - C0 - COOH + 2NADH2 + 2ATP
(a) पूर्ण ग्लायकोलायसिस
(b) पूर्ण ऑक्सी श्वसन
(c) पूर्ण अनॉक्सी श्वसन
(d) पूर्ण किण्वन
उत्तर:
(a) पूर्ण ग्लायकोलायसिस
प्रश्न 9.
कॉलम - I में कुछ एन्जाइम्स तथा कॉलम - II में उनसे सम्बन्धित अभिक्रियाएँ दी गई हैं। उन्हें उचित सुमेलित कर सही उत्तर का चयन कीजिए-
कॉलम -I |
कॉलम - II |
A. हैक्जोकाइनेज |
1. फ्रक्टोज - 6 - फॉस्फेट का फ्रक्टोज - 1 - 6 - डाईफॉस्फेट में परिवर्तन |
B. ट्रायओज फॉस्फेट |
2. ग्लूकोज का ग्लूकोज - 6 - डीहाइड्रोजिनेज फॉस्फेट में परिवर्तन |
C. फॉस्फोग्लिसरॉम्यूटेज |
3.1,3 - डाईफॉस्फोग्लिसरेल्डि हाइड का 1,3 - डाईफॉस्फो ग्लिसरिक अम्ल में परिवर्तन |
D. फॉस्फोफ्रक्टोकाइनेज |
4. 3 -फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का 2 - फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल में परिवर्तन |
(a) A - 1, B - 2, C - 3, D - 4
(b) A - 2, B - 3, C - 4, D - 1
(c) A - 2, B - 1,C - 3, D - 4
(d) A - 1, B - 5, C - 2, D - 4
उत्तर:
(b) A - 2, B - 3, C - 4, D - 1
प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से कौनसा जैव अणु वसा कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के श्वसन-माध्यित्त भंजन में सर्वनिष्ठ है-
(a) ऐसीटिल CoA
(b) ग्लूकोस - 6 - फॉस्फेट
(c) फ्रक्टोस 1,6 - बिसफॉस्फेट
(d) पाइरुविक अम्ल
उत्तर:
(a) ऐसीटिल CoA
प्रश्न 11.
इनमें से कौनसा कथन गलत है-
(a) TCA चक्र के एंजाइम सूत्रकणिका के आधात्री में स्थित होते
(b) ग्लाइकोलिसिस कोशिका विलय में सम्पन्न होती है
(c) ग्लाइकोलिसिस तब तक होता है जब तक इसे हाइड्रोजन परमाणुओं को उठाने के लिए NAD+ मिलता रहता है
(d) ऑक्सीकरणी फॉस्फोरिलीकरण सूत्रकणिका के बाहा शिल्ली में घटित होती है
उत्तर:
(d) ऑक्सीकरणी फॉस्फोरिलीकरण सूत्रकणिका के बाहा शिल्ली में घटित होती है
प्रश्न 12.
साइटोक्रोम्स पाये जाते हैं-
(a) माइटोकॉण्डिया की क्रिस्टी में
(b) माइटोकॉण्डिया के मैट्रिक्स में
(c) माइटोकॉण्डिया की बाहरी झिल्ली में
(d) माइटोकॉण्डिया की सम्पूर्ण आन्तरिक शिल्ली में
उत्तर:
(a) माइटोकॉण्डिया की क्रिस्टी में
प्रश्न 13.
ऑक्सीडेटिव फॉस्फोरिलेशन होता है-
(a) क्रियाधार के ऑक्सीकरण के दौरान इलेक्ट्रॉन के अलग किये जाने से उत्पन्न ऊर्जा द्वारा ATP का निर्माण
(b) एक क्रियाधार से ADP तक फॉस्फेट वर्ग के स्थानान्तरण द्वारा ATP का निर्माण
(c) ATP में फॉस्फेट समूह का ऑक्सीकरण
(d) फॉस्फेट समूह का ATP से जुड़ जाना
उत्तर:
(a) क्रियाधार के ऑक्सीकरण के दौरान इलेक्ट्रॉन के अलग किये जाने से उत्पन्न ऊर्जा द्वारा ATP का निर्माण
प्रश्न 14.
क्रेय चक्र के विषय में कौनसा कथन गलत है-
(a) इस चक्र में तीन बिन्दुओं पर NAD+ का NADH + H+ में न्यूनीकरण होता है
(b) इस चक्र में एक बिन्दु पर FAD+ का FADH2 में न्यूनीकरण होता है
(c) सक्सीनिल COA से सक्सीनिक अम्ल में परिवर्तन के दौरान GTP के एक अणु का संश्लेषण होता है
(d) यह चक्र एसिटिक समूह संघनन से आरम्भ होता है और सिट्रिक अम्ल उत्पन्न करता है
उत्तर:
(d) यह चक्र एसिटिक समूह संघनन से आरम्भ होता है और सिट्रिक अम्ल उत्पन्न करता है
प्रश्न 15.
निम्न में से कौनसा कथन सही नहा है-
A. एक ATP अणु से 32kJ कर्जा उत्पादित होती है
B. पेन्टोज फॉस्फेट पथ की खोज डाईकेन्स (Dickens) ने की
C. जब ट्राईपालमिटिन (Tripalmitin) का श्वसनाधार के रूप में उपयोग होता है तो R.Q. = 0.7 होता है
D. एक अणु ग्लूकोज का पूर्ण ऑक्सीकरण होने पर 1292 kJ ऊर्जा निकलती है
(a) A, B तथा D केवल
(b) C तथा D केवल
(c) A तथा D केवल
(d) A, C तथा D केवल
(e) केवल C
उत्तर:
(c) A तथा D केवल
प्रश्न 16.
निम्न में से कौनसा विकल्प दिए गए कथनों X, Y तथा Z के लिए सही है-
कथन X - पालमेटिक अम्ल युक्त वसा का R.Q. एक से कम होता है जबकि ग्लूकोज का R.Q. 1 होता है
कथन Y - पालमेटिक अम्ल युक्त वसा को श्वसन के लिए कम ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है तथा ग्लूकोज को श्वसन के लिए अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है
कथन Z - पालमेटिक अम्ल युक्त वसा की संरचना में ग्लूकोज की तुलना में कम ऑक्सीजन होती है
(a) कथन X,Y तथा Z सही हैं, कधन Y तथा Z कथन X की सही व्याख्या करते हैं
(b) कथन X तथा Y सही हैं तथा कथन Z गलत है, कथन Y कथन X की सही व्याख्या करता है
(c) कथन X तथा Z सही हैं तथा कथन Y गलत है, कथन Z, कथन X की सही व्याख्या करता है
(d) कथन X तथा 2 गलत हैं एवं कथन Y सही है
उत्तर:
(c) कथन X तथा Z सही हैं तथा कथन Y गलत है, कथन Z, कथन X की सही व्याख्या करता है
प्रश्न 17.
सूची - I के पदार्थ को सूची - II से उनकी कार्बन संख्या के आधार पर सुमेलित करें-
सूची - I |
सूची - II |
(A) ऑक्जेलोएसीटेट |
(p) 6 - C यौगिक |
(B) फॉस्फोग्लीसरेल्डीहाइड |
(q) 5 - C यौगिक |
(C) आइसोसीटेट |
(r) 4 - C यौगिक |
(D) α - कीटोग्लूट्रेट |
(s) 3 - C यौगिक |
A |
B |
C |
D |
(a) s |
t |
q |
r |
(b) r |
s |
p |
q |
(c) r |
t |
p |
q |
(d) q |
s |
p |
t |
उत्तर:
(b) r |
s |
p |
q |
प्रश्न 18.
सुप्तावस्था में जन्तुओं के ऊतकों में मेम्ब्रेन प्रोटीनयुक्त माइटोकॉण्डिया पाया जाता है जो इलेक्ट्रॉन परिवहन को तो बढ़ाता है जबकि ATP के संश्लेषण को रोकता है। इसके परिणामस्वरूप होता है-
(a) सुप्तावस्था में जन्तु श्वसन की ऊर्जा व्यर्थ करने के स्थान पर वसा का संश्लेषण कर सकते हैं
(b) ऊर्जा सुरक्षित करते हैं क्योंकि ग्लायकोलाइसिस एवं सिट्रिक एसिड चक्र बन्द हो जाते हैं
(c) पायरुवेट एनारोबिक किण्वन द्वारा लैक्टिक अम्ल में परिवर्तित हो जाता है
(d) श्वसन की ऊर्जा ऊष्मा में बदल जाती है
उत्तर:
(d) श्वसन की ऊर्जा ऊष्मा में बदल जाती है
प्रश्न 19.
एक प्रयोग में हाइडिला द्वारा ऑक्सीजन की उत्पत्ति प्रदर्शित की जा रही है। सभी परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर जल में NaHCO3 मिलाने पर क्या होगा-
(a) सोडियम बाइकार्बोनेट द्वारा CO2 अवशोषित किये जाने के कारण उत्पन्न ऑक्सीजन की मात्रा कम होगी
(b) CO2 की उपलब्धता बढ़ने से उत्पन्न ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी
(c) CO2 की उपलब्धता बढ़ने से उत्पन्न CO2 की मात्रा कम होगी
(d) सोडियम बाईकार्कनेट द्वारा CO2 अवशोषित किये जाने से उत्पन्न ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी
उत्तर:
(b) CO2 की उपलब्धता बढ़ने से उत्पन्न ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी
प्रश्न 20.
कोशिकीय श्वसन में NAD+ की भूमिका क्या है-
(a) यह एक एन्जाइम के रूप में कार्य करता है
(b) यह एक इलेक्ट्रॉन वाहक के रूप में कार्य करता है
(c) यह ATP संश्लेषण के लिए एक न्यूक्लियोटाइड स्रोत है
(d) यह अवायवीय श्वसन के लिए अन्तिम इलेक्ट्रॉन ग्राही है
उत्तर:
(b) यह एक इलेक्ट्रॉन वाहक के रूप में कार्य करता है