RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण

Rajasthan Board RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण Important Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Biology Chapter 12 Important Questions खनिज पोषण

 

I. रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न (Fill in the blanks type questions)

प्रश्न 1. 
पादपों को पोषक विलयन के घोल में उगाने की तकनीक को ............................... कहते हैं।
उत्तर:
जल संवर्धन

RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण

प्रश्न 2. 
पादप की आदर्श वृद्धि हेतु पोषक विलयन को प्रचुर ............................... रखा जाना चाहिए। 
उत्तर:
वायुवीय

प्रश्न 3. 
............................... को सामान्यतः पादप के शुष्क पदार्थ का 1 से 10 मि, ग्राम/लिटर की सान्द्रता में विद्यमान होना चाहिए। 
उत्तर:
वृहत पोषकों

प्रश्न 4. 
विभज्योतक ऊतकों एवं सक्रिय उपापचयी कोशिकाओं में ............................... की आवश्यकता होती है। 
उत्तर:
नाइट्रोजन

प्रश्न 5. 
............................... कोशिकाओं में धनायन-ऋणायन सन्तुलन का निर्धारण करने में सहायक होता है। 
उत्तर:
पोटेशियम

प्रश्न 6. 
............................... सिस्टीन व मेथियोनीन अमीनो अम्लों में पाया जाता है।
उत्तर:
गंधक

प्रश्न 7. 
............................... रेडॉक्स प्रतिक्रिया से जुड़े विशेष एंजाइमों के साथ संलग्न रहता है।
उत्तर:
तांबा

प्रश्न 8. 
किसी खनिज आयन की सान्द्रता जो ऊतकों के शुष्क भार में 10 प्रतिशत की कमी करे, उसे ............................... माना जाता है।
उत्तर:
आविष

RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण

प्रश्न 9. 
आयनों की गति को ............................... कहते हैं। 
उत्तर:
अभिवाह (Flux)

प्रश्न 10. 
डिनाइट्रीकरण प्रक्रिया स्यूडोमोनास एवं ............................... जीवाणु सम्पन्न करते हैं।
उत्तर:
थायोबेसीलस। 

II. सत्य व असत्य प्रकार के प्रश्न (True and False type questions) 

प्रश्न 1. 
नाइट्रोजन में दो नाइट्रोजन परमाणु शक्तिशाली त्रिसहसंयोजी आबन्ध से जुड़े होते हैं। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 2. 
अमोनिया सर्वप्रथम नाइट्रोसोमोनास या नाइट्रोकोकस जीवाणु द्वारा नाइट्रेट में बदल दी जाती है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 3. 
नाइट्रोजन अपचयन करने वाला नाइट्रोजिनेस एंजाइम मात्र यूकेरियोट में पाया जाता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
असत्य

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प्रश्न 4. 
जड़ों की गाँठों या ग्रन्थिकाओं का गुलाबी रंग लेग्हेमोग्लोबिन के कारण होता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 5. 
नाइट्रोजिनेस एंजाइम आण्विक ऑक्सीजन के प्रति अत्यन्त संवेदी होता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 6. 
N, K, S एवं Mo की अनुपस्थिति या इनके निम्न स्तर के कारण कोशिका का विभाजन रुक जाता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 7. 
अनिवार्य तत्वों की वह सान्द्रता जिसमें कम होने पर पादयों की वृद्धि अवरुद्ध हो जाती है, इसे क्रान्तिक सान्द्रता कहते हैं। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 8. 
जिंक कार्बोक्सीलेज को निष्क्रिय करता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 9. 
मैंगनीज प्रकाश संश्लेषण, श्वसन तथा नाइट्रोजन उपापचय के अनेक एंजाइमों को सक्रिय कर देता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 10. 
सोडियम की रन्धों के खुलने और बन्द होने में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
असत्य

III. निम्न को सुमेलित कीजिए (Match the following)

स्तम्भ - I में दिये गये पदों का स्तम्भ - II में दिये गये पदों के साथ सही मिलान कीजिए

प्रश्न 1. 

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. पोटेशियम

(i) सूक्ष्म पोषक

B. मैंगनीज

(ii) मैग्नीशियम

C. पर्णहरित

(iii) वृहत् पोषक

D. परासरणी विभव

(iv) पोटैशियम


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. पोटेशियम

(iii) वृहत् पोषक

B. मैंगनीज

(i) सूक्ष्म पोषक

C. पर्णहरित

(ii) मैग्नीशियम

D. परासरणी विभव

(iv) पोटैशियम


प्रश्न 2. 

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. पोटैशियम

(i) फॉस्फोरस

B. अनिवार्य तत्व

(ii) परासरणीय विभव

C. ए टी पी

(iii) हाइड्रोजन

D. जिंक

(iv) एल्कोहल डिहाइड्रोजिनेज


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. पोटैशियम

(ii) परासरणीय विभव

B. अनिवार्य तत्व

(iii) हाइड्रोजन

C. ए टी पी

(i) फॉस्फोरस

D. जिंक

(iv) एल्कोहल डिहाइड्रोजिनेज


प्रश्न 3. 

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. Mg, Mn, Zn, Mo की कमी

(i) नेक्रोसिस

B. Ca, Mg. Cu व K की कमी

(ii) पुष्पन में देरी

C. N. S. Mo की कमी

(iii) प्रकाश संश्लेष में जल विखण्डन

D. क्लोरीन

(iv) क्लोरोसिस


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. Mg, Mn, Zn, Mo की कमी

(iv) क्लोरोसिस

B. Ca, Mg. Cu व K की कमी

(i) नेक्रोसिस

C. N. S. Mo की कमी

(ii) पुष्पन में देरी

D. क्लोरीन

(iii) प्रकाश संश्लेष में जल विखण्डन


RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण

प्रश्न 4. 

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. नाइट्रोसोमोनास

(i) नाइट्रेट

B. नाइट्रोबेक्टर

(ii) डिनाइट्रीकरण

C. स्यूडोमोनास

(iii) नाइट्राइट

D. नाइट्रीफाइंग जीवाणु

(iv) रसायनपोषी


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. नाइट्रोसोमोनास

(iii) नाइट्राइट

B. नाइट्रोबेक्टर

(i) नाइट्रेट

C. स्यूडोमोनास

(ii) डिनाइट्रीकरण

D. नाइट्रीफाइंग जीवाणु

(iv) रसायनपोषी

 

प्रश्न 5. 

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. किया

(i) प्रन्थियाँ

B. लेग्हेमोग्लोबिन

(ii) लेग्यूम

C. राइजोबियम

(iii) एंजाइम

D. नाइट्रोजिनेस

(iv) एल्नस


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. किया

(iv) एल्नस

B. लेग्हेमोग्लोबिन

(i) प्रन्थियाँ

C. राइजोबियम

(ii) लेग्यूम

D. नाइट्रोजिनेस

(iii) एंजाइम


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
जल संवर्द्धन (Hydroponics) क्या है?
उत्तर:
पौधों को मृदा में न उगाकर पोषक विलयन (जल में घुले पोषित पदार्थ) में उगाने को जल संवर्द्धन कहते हैं।

प्रश्न 2.
पोषक विलयन का अर्थ बताइये।
उत्तर:
जल में आवश्यक पोषक तत्वों को घोलकर बनाये जाने वाले विलयन को पोषक विलयन कहते हैं तथा पौधों को इसमें उगाया जाता है।

प्रश्न 3. 
हरिमाहीनता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
लक्षण जिसमें हरितलवक पूर्ण विकसित नहीं होते हैं या नष्ट हो जाते हैं तथा पौधा पीला हो जाता है। यह रोग मुख्यतः पौधों में Fe, Mg, N की कमी से उत्पन्न होता है।

प्रश्न 4. 
सूक्ष्म पोषकों को बताइये।
उत्तर:
लौह, मैंगनीज, तांबा, मॉलिब्डेनम, जिंक, बोरोन, क्लोरीन और निकल सूक्ष्म पोषक हैं।

प्रश्न 5. 
पादपों द्वारा फॉस्फोरस मृदा से किस रूप में प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
पादपों द्वारा फॉस्फेट मृदा से फॉस्फेट आयनों (H2PO4- अथवा HPO42) के रूप में अवशोषित किया जाता है।

प्रश्न 6. 
सिस्टीन व मेथियोनीन नामक अमीनो अम्लों में कौनसा तत्व पाया जाता है?
उत्तर:
गंधक। 

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प्रश्न 7. 
क्रांतिक सांद्रता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
अनिवार्य तत्वों की वह सांद्रता जिसके कम होने पर पादपों की वृद्धि अवरुद्ध होती है, उसे क्रांतिक सांद्रता कहते हैं।

प्रश्न 8. 
किस तत्व की अनुपस्थिति या इनके निम्न स्तर के कारण कोशिका का विभाजन रुक जाता है?
उत्तर:
N, K, S एवं Mo की अनुपस्थिति पर। 

प्रश्न 9. 
अभिवाह (Flux) किसे कहते हैं? 
उत्तर:
आयनों की गति को अभिवाह कहते हैं। 

प्रश्न 10. 
डिनाइट्रीकरण दो जीवाणुओं के नाम लिखिए। 
उत्तर:
स्यूडोमोनास एवं थायोबेसीलस जीवाणु।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण को समझाइये।
उत्तर:
जीवित प्राणियों द्वारा नाइट्रोजन का अमोनिया में अपचयन जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण कहलाता है। नाइट्रोजन अपचयन करने वाला नाइट्रोजिनेस एंजाइम मात्र प्रोकेरियोट में पाया जाता है। ये सूक्ष्मजीव N2 स्थिरकारक कहलाते हैं।
RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण 1
नाइट्रोजन स्थिरकारक सूक्ष्मजीव स्वतंत्र या सहजीवी जीवनयापन करने वाले हो सकते हैं। उदाहरण ऐजोटोबैक्टर (Azotobacter) और बिजरिनिकिया (Beijernikia) जबकि रोडोस्पाइरलियम (Rhodospirilum) अऑक्सी है और बैसीलस (Bacillus) स्वतंत्रजीवा है। कुछ नील हरित शैवाल जैसे एनाबीना (Anabaena), नोस्टोक (Nostoc) भी स्वतंत्रजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकारक हैं।

प्रश्न 2. 
अमोनिया आयन पादपों के लिये किस प्रकार के होते हैं? अमोनियम आयन का पादपों में किस प्रकार अमीनो अम्ल के संश्लेषण हेतु उपयोग होता है?
उत्तर:
अमोनियम आयन पादपों के लिये विषाक्त होते हैं। अमोनियम आयन (NH4+) का पादपों में अमीनो अम्ल के संश्लेषण हेतु दो मुख्य क्रियायें हैं:

  1. अपचयित एमीनीकरण: इस प्रक्रिया में अमोनिया कीटोग्लूटेरिक अम्ल के साथ क्रिया करके ग्लूटेमिक अम्ल बनाते हैं:
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  2. पार एमीनन या विपक्ष एमीनन इसमें अमीनो अम्ल से अमीनो समूह का कीटो अम्ल के कीटो समूह में स्थानांतरण होता है। ग्लूटेमिक अम्ल मुख्य अमीनो अम्ल है जिससे अमीनो भाग (NH2) स्थानांतरित होता है और दूसरे अमीनो अम्ल का निर्माण विपक्ष एमीनन द्वारा होता है। ट्रांसएमिनेस एंजाइम इस प्रकार की सभी क्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं:

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पौधों में एस्पेरजिन व ग्लूटेमिन दो मुख्य अमाइड पाये जाते हैं जो प्रोटीन के रचनात्मक भाग हैं। ये दो अमीनो अम्ल क्रमश: एस्पारटिक अम्ल और ग्लूटेमिक अम्ल से प्रत्येक के साथ अमीनो समूह के जोड़ने से बनते हैं। इस प्रक्रिया में अम्ल का हाइड्रॉक्सिल भाग NH2 मूलक से विस्थापित हो जाता है।

प्रश्न 3. 
किसी तत्व की अनिवार्यता निर्धारण के तीन मापदण्ड लिखिए।
उत्तर:
तत्वों की अनिवार्यता निर्धारित करने के तीन मापदण्ड निम्न प्रकार हैं:

  1. तत्व को पादप की सामान्य वृद्धि व जनन हेतु नितान्त आवश्यक होना चाहिए। उस तत्व की अनुपस्थिति में पौधे अपना जीवन चक्र पूरा नहीं कर पाएं अथवा बीज भी धारण नहीं कर पाएं।
  2. तत्व की अनिवार्यता 'विशिष्ट' होनी चाहिए और इसे किसी अन्य तत्व द्वारा प्रतिस्थापन करना संभव नहीं होना चाहिए। दूसरे शब्दों में, किसी एक तत्व की कमी को किसी अन्य तत्व के द्वारा दूर नहीं किया जा सकता है।
  3. तत्व पादप के उपापचय के प्रत्यक्ष रूप में सम्मिलित हों। 

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
वृहत् एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की पादप जीवन में क्या भूमिका होती है? विस्तार से समझाइये।
उत्तर:
वृहत् एवं सूक्ष्म पोषकों की भूमिका (Role of Macro and Micro - nutrients):
अनिवार्य तत्वों की पादपों में अनेक क्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये पौधों की कोशिकाओं की विभिन्न उपापचयी प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं। उदाहरणार्थ कोशिका झिल्ली की पारगम्यता, परासरण दाब का नियन्त्रण, इलेक्ट्रॉन परिवहन तन्त्र, बफर कार्य, एंजाइम से सम्बन्धित कार्य और वृहद् अणु तथा सह एंजाइम्स के मुख्य घटक का कार्य करते हैं।

(अ) बृहत् मात्रिक पोषक तत्व (Macro - nutrients):
मृदा में प्राय: नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P) तथा पोटैशियम (K) की कमी पायी जाती है। अत: पादप इन तत्वों का उपयोग सबसे पहले व अधिक मात्रा में करते हैं।
1. नाइट्रोजन (N): इनका अवशोषण NO2, NO3 अथवा NH3 के रूप में किया जाता है । वातावरण में नाइट्रोजन की मात्रा 78 प्रतिशत तक होती है परन्तु पौधे इसका सीधे उपयोग नहीं कर सकते। यह सभी सजीव कोशिकाओं का प्रमुख घटक है तथा कोशिका में ऊर्जा उत्पादन एवं उसके स्थानान्तरण में उपयोगी है। इसकी अनिवार्यता पौधों के सभी भागों विशेषतः विभज्योतक ऊतकों एवं सक्रिय उपापचयी कोशिकाओं में होती है। पौधे नाइट्रोजन का उपयोग अनेक कार्बनिक यौगिक, न्यूक्लिक अम्ल (DNA व RNA) तथा प्रकाश - संश्लेषण की क्रिया के लिए आवश्यक वर्षक क्लोरोफिल के बनाने में भी सहायक होते हैं। नाइट्रोजन प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्लों, विटामिन और हार्मोन का एक मुख्य संघटक है।

नाइट्रोजन की कमी के कारण पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं तथा कोशिका विभाजन व प्रोटीन संश्लेषण की दर में कमी आ जाती है। अधिक मात्रा में नाइट्रोजन की उपस्थिति के कारण पौधों की कायिक वृद्धि तो होती है परन्तु पुष्पन देरी से होता है। पौधों को नाइट्रोजन खाद के रूप में तथा लेग्यूमिनस पादपों की जड़ों में पाये जाने वाले सहजीवी जीवाणुओं द्वारा प्राप्त होती है।

2. फॉस्फोरस (P): पादपों द्वारा फॉस्फोरस मृदा से फॉस्फेट आयनों (H2PO4 अथवा HPO42-) के रूप में अवशोषित किया जाता है। यह कोशिका झिल्ली, कुछ प्रोटीन, सभी न्यूक्लिक अम्लों एवं न्यूक्लियोटाइड के लिये संघटक है तथा सभी फॉस्फोराइलेशन क्रियाओं में इसका महत्त्व है। यही नहीं, यह फॉस्फोलिपिड्स, कोएन्जाइम, NADP व ATP का घटक होता है। यह एमिनो अम्ल तथा प्रोटीन - संश्लेषण में प्रयुक्त सह-एन्जाइमों के सक्रियण में सहायक है। पादपों में फॉस्फोरस अनेक उपापचयी (metabolic) क्रियाओं जो सन्तुलित/सामान्य वृद्धि के लिए आवश्यक है। जैसे- प्रकाश - संश्लेषण, ग्लाइकोलाइसिस, श्वसन, वसीय अम्ल संश्लेषण में भी भाग लेता है। यह पादपों के वर्धन प्रदेश में पाये जाने वाले विभज्योतकी क्षेत्रों में अधिक मिलता है। यह बीज अंकुरण, शीघ्र वृद्धि, पुष्पन आदि में सहायक होता है। पौधों को फॉस्फोरस, सुपर फॉस्फोरस व खाद के रूप में मिलता है। इसकी कमी से पौधों की सामान्य वृद्धि नहीं होती है। पत्तियों पर एन्थोसायनिन के धब्बे दिखाई देते हैं। पुष्पन क्रिया अवरुद्ध हो जाती है तथा अपरिपक्व पत्तियाँ पौधों से गिर जाती हैं।

3. पोटैशियम (K): पादपों द्वारा इसका अवशोषण K+ आयनों के रूप में किया जाता है। पोटैशियम की पौधों की विभज्योतक ऊतकों, कलिकाओं, पर्णो, मूलशीर्षों में अधिक मात्रा के रूप में जरूरत होती है। पोटैशियम कोशिकाओं में धनायन - ऋणायन सन्तुलन का निर्धारण करने में सहायक होता है। इसी के साथ प्रोटीन - संश्लेषण, प्रकाशसंश्लेषण, कोशिका विभाजन, रोग व सूखा प्रतिरोधक क्षमता, रन्ध्रों के खुलने व बन्द होने, एंजाइम सक्रियता और कोशिकाओं को स्फीत अवस्था में बनाये रखने में सहायक होता है। पोटैशियम पादप वृद्धि, बीज व फलों के विकास से सम्बन्धित उपापचयी क्रियाओं को नियन्त्रित करता है तथा बीजों व फलों को स्थूलता प्रदान करता है। पोटैशियम की कमी के कारण पौधों की पत्तियाँ हरिमाहीनता (chlorosis) के कारण पीली पड़ जाती हैं व पौधे बौने (stunted) रह जाते हैं। अधिकतर मृदाओं में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस व पोटैशियम की कमी रहती है। इस कारण इन्हें क्रान्तिक तत्व (Critical elements) कहते हैं। इन तीन के अतिरिक्त अग्र वृहत् मात्रा पोषक तत्वों की इतनी अधिक मात्रा में आवश्यकता नहीं होती है।

4. कैल्सियम (Ca): पादप कैल्सियम को मृदा से कैल्सियम आयनों (Ca2+) के रूप में अवशोषित करते हैं। इसकी आवश्यकता विभज्योतक तथा विभेदित होते हुए ऊतकों को अधिक होती है। कोशिका विभाजन के समय कोशिका भित्ति के संश्लेषण में भी इसका उपयोग होता है, विशेष रूप से यह मध्य पट्टिका का महत्वपूर्ण घटक है। यहाँ यह पैक्टिन से संयुग्मित होकर कैल्सियम पैक्टेट बनाता है। इसकी अनिवार्यता समसूत्री तर्कु तन्तुओं के निर्माण के दौरान भी होती है। यह नये वृद्धि स्थानों व मूल शीर्ष बनने में सहायक है। यह न्यूक्लिक अम्लों को प्रोटीन्स से जोड़ने, माइटोकॉन्ड्रिया के बनने के साथ - साथ गुणसूत्रों के संघटन, वसा के उपापचय, वृद्धि काल में कार्बोहाइड्रेट्स व अमीनो अम्ल के परिवहन में विशेष भूमिका निभाता है। यह पुरानी पत्तियों में एकत्रित हो जाता है। यह कोशिका शिल्लियों की सामान्य क्रियाओं में शामिल होता है। यह कुछ एन्जाइमों को सक्रिय करता है तथा उपापचय कार्यों के नियन्त्रण में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कैल्सियम की कमी के कारण नई पत्तियाँ विकृत हो जाती हैं तथा अत्यधिक कमी के कारण वर्धनशील शीर्ष मर जाते हैं।

5. मैग्नीशियम (Mg): पादप इसे Mg2+ आयनों के रूप में अवशोषित करते हैं। यह प्रकाश-संश्लेषण तथा श्वसन क्रिया के एन्जाइमों को सक्रियता प्रदान करता है तथा DNA व RNA के संश्लेषण में एन्जाइम सक्रियक की तरह कार्य करता है। Mg क्लोरोफिल के वलय संरचना का संघटक है और राइबोसोम के आकार को बनाए रखने में सहायक है। Mg कार्बोहाइड्रेट उपापचय के लिए भी अनिवार्य तत्व है। इसकी कमी के कारण पौधों में हरिमाहीनता (chlorosis) उत्पन्न हो जाती है।

6. गंधक या सल्फर (S): पौधे गंधक को सल्फेट (SO42+) के रूप में लेते हैं। यह प्रोटीन-संश्लेषण के लिए आवश्यक अमीनो अम्लों के संश्लेषण तथा जड़ विकास में सहायक होता है। यह सिस्टीन (Cysteine) व मेथियोनीन (Methionine) नामक अमीनो अम्लों में पाया जाता है तथा अनेक विटामिनों (थायमीन, बायोटीन, कोएन्जाइमए) एवं फेरेडॉक्सिन (Ferredoxin) का मुख्य संघटक है।

(ब) सूक्ष्म मात्रिक पोषक तत्व (Micro nutrients): इसके अन्तर्गत लोहा, मैंगनीज, जिंक, तांबा, बोरोन, मॉलिब्डेनम तथा क्लोरीन आते है।

1. लोहा (Fe): पादप लोहे को फेरिक आयन (Fe3+) के रूप में अवशोषित करते हैं। पौधों को इसकी अनिवार्यता किसी अन्य सूक्ष्म मात्रिक तत्व की अपेक्षा अधिक मात्रा में होती है। यह फेरेडॉक्सिन तथा साइटोक्रोम जैसे प्रोटीन का भाग है जो कि इलेक्ट्रॉन के स्थानान्तरण में संलग्न रहता है। इनका इलेक्ट्रॉन स्थानान्तरण के समय Fe2+ से Fe3+ के रूप में विपरीत ऑक्सीकरण होता है। यह केटेलैज एंजाइम को सक्रिय कर देता है और क्लोरोफिल के निर्माण हेतु अनिवार्य होता है। इसकी कमी के कारण पौधों में अन्तरशिरीय (interveinal) हरिमाहीनता देखी जा सकती है।

2. मैंगनीज (Mn): यह मैगनस आयन (Mn2+) के रूप में अवशोषित होता है। पादपों में यह नाइट्रोजन स्वांगीकरण (nitrogen assimilation) के एंजाइम सक्रियक के रूप में उपयोगी है तथा क्लोरोफिल उत्पादन हेतु अनिवार्य तत्व है। यह प्रकाश - संश्लेषण, श्वसन तथा नाइट्रोजन उपापचय के अनेक एंजाइमों को सक्रिय कर देता है। मैंगनीज का मुख्य कार्य प्रकाश-संश्लेषण के दौरान जल के अणुओं को विखण्डित कर ऑक्सीजन को उत्सर्जित करना है। इस तत्व की कमी के कारण पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं। मैंगनीज की कमी के कारण मटर में मार्श स्पॉट (marsh spot) तथा चुकन्दर में स्पीकल्ड यलो (speakled yellow) के लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं।

3. जिंक (Zn): इसका अवशोषण Zn2+ के रूप में होता है। जिंक पादपों में एन्जाइमों को सक्रिय करने के काम आता है, विशेषतः कार्बोक्सीलेज को सक्रिय करता है। इसकी अनिवार्यता ऑक्सिन संश्लेषण में भी होती है। जिंक की कमी के कारण सेब (apple) के पौधों में लघु पर्णी (little leaf) रोग उत्पन्न हो जाता है। इसकी कमी के कारण पौधे बौने रह जाते हैं।

4. तांबा (Cu): यह क्यूफ्रिक आयन (Cu2- ) के रूप में अवशोषिता होता है। तांबा पादपों को बहुत कम मात्रा में चाहिए। यह पादपों में ऑक्सीकरण अपचयन में भाग लेने वाले एंजाइमों का भाग हैं, जैसेसाइटोक्रोम ऑक्सिडेज (Cytochrome oxidase) व प्लास्टोसायनिन (Plastocvanin)। लौह की जैसे यह भी रेडॉक्स प्रतिक्रिया से जुड़े विशेष एंजाइमों के साथ संलग्न रहता है तथा यह भी विपरीत दिशा में Cu+ से Cu2+ में ऑक्सीकृत होता है। कॉपर की कमी के कारण पत्तियों में हरिमाहीनता के लक्षण प्रकट होते हैं। नींबू के बगीचों में नयी पत्तियों मर जाता है। इस कारण इस प्रकार के लक्षण को डाई बैक कहा जाता है।

5. बोरोन (B): यह BO33- अथवा B4O72- आयनों के रूप में अवशोषित होता है। इसकी अनिवार्यता Ca2+ को ग्रहण तथा उपयोग करने, झिल्ली की कार्यशीलता व पराग अंकुरण, कोशिका दोषीकरण, कोशिका विभेदन एवं कार्बोहाइड्रेट के स्थानान्तरण में होती है। इसकी कमी के कारण वर्धनशील शीर्ष मर जाते हैं, जड़ों का विकास व पुष्पन रुक जाता है तथा आन्तरिक ऊतक विघटित हो जाते हैं। चुकन्दर का हर्ट-रोट (heart-rot) इसका उदाहरण है। अंगूर में छोटे व बड़े फलों के गुच्छे बन जाते हैं, जिसे हेन व चिकन्स (Hen and Chickens) कहते हैं। इस तत्व की कमी के कारण लेग्यूमिनोसी कुल के पादपों की जड़ों में गुलिकाएँ (root nodules) नहीं बनती हैं।

6. मॉलिब्डेनम (Mo): पादप इसे मॉलिब्डेट आयन (MoO22+) आयनों के रूप में अवशोषित करते हैं। यह नाइट्रोजन उपापचय के अनेक एंजाइमों, जैसे कि नाइट्रोजिनेस और नाइट्रेट रिडक्टेज तथा कई अन्य एंजाइमों का पटक है। इस तत्व की कमी के कारण प्रोटीन संश्लेषण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है एवं हरिमाहीनता उत्पन्न हो जाती है।

7. क्लोरीन (Cl): यह क्लोराइड एनायन (Cl-) के रूप में अवशोषित किया जाता है। पोटैशियम (K+) एवं सोडियम (Na+) के साथ मिलकर यह कोशिकाओं में विलेय की सान्द्रता तथा एनायन केटायन सन्तुलन के निर्धारण करने में सहायता प्रदान करती है। इसका महत्त्वपूर्ण कार्य प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में जल को विघटित कर ऑक्सीजन उत्पन्न करना होता है। यह जड़ों व पत्तियों में कोशिका विभाजन में भी सहायक है।

RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण

प्रश्न 2. 
नाइट्रोजन चक्र को सचित्र समझाइये। 
उत्तर:
नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen cycle):
सजीव प्राणियों को C, H व O2 की आवश्यकता के अतिरिक्त N2 प्रमुख तत्व है। नाइट्रोजन एमीनो अम्ल, प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्लों, वृद्धि नियंत्रकों, पर्णहरितों एवं अनेक विटामिनों का संघटक है। मृदा में इसकी सीमित मात्रा होती है। नाइट्रोजन प्रा नियंत्रक पोषक तत्व है। नाइट्रोजन में दो नाइट्रोजन के परमाणु शक्तिशाली त्रिसहसंयोजी आबंध से जुड़े रहते हैं, N ≡ N नाइट्रोजन (N2) के अमोनिया में बदलने की प्रक्रिया को नाइट्रोजन स्थिरीकरण कहते हैं। वैसे प्रकृति में बिजली चमकने से और पराबैंगनी विकिरणों के द्वारा नाइट्रोजन को नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2, N2O) में बदलने के लिये ऊर्जा प्राप्त होती है। औद्योगिक दहन, जंगल में लगी आग, वाहनों का धुआँ तथा बिजली उत्पादन केन्द्र भी वातावरणीय नाइट्रोजन आक्सा के स्रोत हैं। मृत पादपों व जंतुओं में उपस्थित कार्बनिक नाइट्रोजन का अमोनिया में अपघटन अमोनीकरण कहलाता है। इसमें से कुछ अमोनिया वाष्पीकृत होकर पुनः वायुमण्डल में लौट जाती है, परन्तु अधिकांश मृदा में उपस्थित सूक्ष्मजीवों द्वारा निम्न प्रकार से नाइट्रेट में परिवर्तित कर दी जाती है
2NH3 + 3O2 → 2NO2- + 2H+ + 2H2O ........ (i) 
2NO2-+ O2 → 2NO3- ........ (ii)
RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण 4
अमोनिया सर्वप्रथम नाइट्रोसोमोनास या नाइट्रोकोकस जीवाणु द्वारा नाइट्राइट में परिवर्तित कर दी जाती है। नाइट्राइट नाइट्रोबेक्टर जीवाणु की मदद से नाइट्रेट में बदल दी जाती है। इन प्रतिक्रियाओं को नाइट्रीकरण कहते हैं। ये नाइट्रीफाइंग जीवाणु रसायनपोषी (Chemoautotrophs) होते हैं।
पौधे इस प्रकार से बने नाइट्रेट को अवशोषित कर पत्तियों को भेज देते हैं। पत्तियों में यह अपचयित होकर अमोनिया बनाता है जो कि अमीनो अम्ल का अमीनो समूह बनाता है। मृदा में उपस्थित नाइटेट भी डिनाइट्रीकरण द्वारा नाइट्रोजन में अपचयित हो जाते हैं। डिनाइट्रीकरण की प्रक्रिया को स्यूडोमोनास व थायोबेसीलस जीवाणु सम्पन्न करते हैं।

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न

प्रश्न 1. 
हरे पौधों में मैंगनीज का सर्वश्रेष्ठ परिभाषित कार्य क्या है?
(a) कैल्विन चक्र
(b) N2 - स्थिरीकरण 
(c) जल अवशोषण
(d) जल का प्रकाश अपघटन 
उत्तर:
(d) जल का प्रकाश अपघटन 

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प्रश्न 2. 
पादपों द्वारा लौह का अवशोषण निम्नलिखित में से किस रूप में होता है
(a) फेरिक
(b) फेरस 
(c) मुक्त तत्व
(d) फेरिक और फेरस दोनों 
उत्तर:
(a) फेरिक

प्रश्न 3. 
नाइट्रोजन और पोटैशियम की कमी के लक्षण सर्वप्रथम दिखते
(a) जड़ों में
(b) कलिकाओं में 
(c) जीर्णमान पत्तियों में 
(d) तरुण पत्तियों में
उत्तर:
(c) जीर्णमान पत्तियों में 

प्रश्न 4. 
पादपों में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है
(a) मैंग्नीज
(b) आयरन 
(c) कार्बन
(d) नाइट्रोजन 
उत्तर:
(c) कार्बन

प्रश्न 5. 
मूलशीर्ष की वृद्धि के लिए निम्न में से क्या आवश्यक है
(a) Mn
(b) Ca 
(c) Mg
(d) P 
उत्तर:
(a) Mn

प्रश्न 6. 
सही सुमेलित युग्म का चयन कीजिए

पोषक तत्व

कार्य

(a) जिंक

राइबोसोम संरचना को बनाए रखने में मदद करता है

(b) मैग्नीशियम

माइटोटिक स्पिण्डल के निर्माण के दौरान आवश्यक होते हैं

(c) कैल्शियम

स्टोमेटा के खुलने तथा बन्द होने में भूमिका अदा करते हैं।

(d) मैंगनीज

प्रकाश संश्लेषण के दौरान जल के टूटने से ऑक्सीजन मुक्त होने में आवश्यक होते हैं

(e) पोटैशियम

ऑक्जिन के संश्लेषण में आवश्यक होते हैं


उत्तर:

(d) मैंगनीज

प्रकाश संश्लेषण के दौरान जल के टूटने से ऑक्सीजन मुक्त होने में आवश्यक होते हैं


प्रश्न 7. 
अपनी कार्यशीलता के लिए कार्बोक्सीपेप्टाइडेज के लिए एक सहकारक का कार्य करता है
(a) जस्ता
(b) लोहा 
(c) निएसिन
(d) ताँया 
उत्तर:
(a) जस्ता

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प्रश्न 8. 
जैविकीय नाइट्रोजन स्थिरीकरण में किस तत्व का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है
(a) मॉलीब्डेनम
(b) मैंगनीज 
(c) ताँचा
(d) जिंक 
उत्तर:
(a) मॉलीब्डेनम

प्रश्न 9. 
निम्नलिखित में से कौनसा पोषक तत्व वर्ग सूक्ष्म तत्व के रूप में पौधों के बढ़ने में काम आता है-
(a) मैंगनीज, ताँबा, कैल्शियम, जिंक 
(b) सोडियम, पोटैशियम, बोरॉन, क्लोरीन 
(c) सोडियम, निकिल, क्लोरीन, ताँबा
(d) ताँबा, मॉलीब्डेनम, जिंक, निकिल 
उत्तर:
(d) ताँबा, मॉलीब्डेनम, जिंक, निकिल 

प्रश्न 10. 
पादप भस्म एक सूचक होती है
(a) पादप के कार्बनिक पदार्थ की 
(b) कर्व्य उत्पाद की 
(c) पादपों द्वारा अवशोषित खनिज लवणों की
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं 
उत्तर:
(c) पादपों द्वारा अवशोषित खनिज लवणों की

प्रश्न 11. 
अधिकांश पौधे भूमि से नाइट्रोजन किस रूप में प्राप्त या अवशोषित करते हैं
(a) स्वतंत्र N2 गैस 
(b) नाइट्रिक अम्ल 
(c) नाइट्राइट
(d) नाइट्रेट्स तथा अमोनियम लवण 
उत्तर:
(d) नाइट्रेट्स तथा अमोनियम लवण 

प्रश्न 12. 
फली की जड़ प्रन्थियों में पाया जाने वाला कौनसा एन्जाइम नाइट्रोजन को अमोनिया में अपचयित करता है-
(a) नाइट्रोजिनेज
(b) नाइट्रेट रिडक्टेज 
(c) नाइट्राइट रिडक्टज 
(d) हाइड्रोजीनेज
(e) कार्योआक्सीलेज 
उत्तर:
(a) नाइट्रोजिनेज

प्रश्न 13.
नाइट्रोजिनेज की क्रिया के लिए उसे किसकी आवश्यकता होती
(a) ऊर्जा का उच्च निवेश 
(b) प्रकाश 
(c) Mn2+
(d) परम ऑक्सीजन रैडिकल्स
उत्तर:
(a) ऊर्जा का उच्च निवेश 

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प्रश्न 14. 
लैग्युमिनस पादपों द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण के लिये निम्न में कौनसा आवश्यक वर्णक होता है-
(a) एन्थोसायनिन
(b) फायकोसायनिन 
(c) फायकोएरेथिन
(d) लैग्हीमोग्लोबिन 
उत्तर:
(d) लैग्हीमोग्लोबिन 

प्रश्न 15. 
कीटभक्षी पौधे सामान्यत: उस मृदा में वृद्धि करते हैं, जिसमें न्यूनता होती है
(a) नाइट्रोजन की
(b) जला की 
(c) कार्बनिक पदार्थ की 
(d) Ca/Mg की 
उत्तर:
(a) नाइट्रोजन की

प्रश्न 16. 
सूची को सही सुमेलित करें:

सूची - I

सूची - II

A. अमरवेल

1. मृतोपजीवी

B. आईकार्निया

2. न्यूमेटोफोर

C. मोनोटापा

3. कीटभक्षी पादप

D. राइजोफोरा

4. परजीवी

E. यूटीकुलेरिया

5. जड़ पाकेट


(a) A - 4, B - 3, C - 1, D - 5, E - 2 
(b) A - 4, B - 5, C - 1, D - 2, E - 3 
(c) A - 2, B - 3, C - 1, D - 5, E - 4 
(d) A - 3, B - 1, C - 5, D - 4, E - 2
(e) A - 2, B - 5, C - 4, D - 3, E - 1 
उत्तर:
(b) A - 4, B - 5, C - 1, D - 2, E - 3 

प्रश्न 17. 
पादप वृद्धि के लिए अधिक मात्रा में आवश्यक खनिज कौनसे
(a) कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, कॉपर 
(b) पोटैशियम, फॉस्फोरस, सिलेनियम, बोरॉन 
(c) मैग्नीशियम, सल्फर, लौह, जिंक
(d) फॉस्फोरस, पोटैशियम, सल्फर, कैल्शियम 
उत्तर:
(d) फॉस्फोरस, पोटैशियम, सल्फर, कैल्शियम 

प्रश्न 18. 
निम्नलिखित में से किस एक को सही मिलाया गया है
(a) पोषक तत्वों का परोक्ष परिवहन - ATP 
(b) ऐपोप्लास्ट - प्लाज्मोडेस्मैटा 
(c) पोटैशियम - सहज अनम्यता 
(d) धान का 'बकाने' रोग - एफ. स्कूग
उत्तर:
(c) पोटैशियम - सहज अनम्यता 

Bhagya
Last Updated on Aug. 17, 2022, 10:44 a.m.
Published Aug. 16, 2022