These comprehensive RBSE Class 10 Social Science Notes Geography Chapter 4 कृषि will give a brief overview of all the concepts.
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→ कृषि - कृषि एक प्राथमिक क्रिया है जो व्यक्ति के लिए अधिकांश खाद्यान्न तथा विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चा माल उत्पन्न करती है।
→ कृषि के प्रकार-
→ शस्य प्रारूप - भारत में तीन शस्य ऋतुएँ हैं, यथा - रबी, खरीफ और जायद।
→ मुख्य फसलें - भारत में मुख्य रूप से निम्नलिखित फसलें पैदा की जाती हैं
→ खाद्यान्नों के अलावा अन्य खाद्य फसलें - खाद्यान्नों के अलावा भारत में निम्नलिखित फसलें उगाई जाती हैं -
→ अखाद्य फसलें - भारत में निम्नलिखित मुख्य अखाद्य फसलें पैदा की जाती हैं.
→ प्रौद्योगिकीय और संस्थागत सुधार - देश में 60 प्रतिशत से भी अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करने वाली कृषि में कुछ गंभीर तकनीकी एवं संस्थागत सुधार लाने की आवश्यकता है। सन् 1980 तथा 1990 के दशकों में व्यापक भूमि विकास कार्यक्रम शुरू किया गया जो कि संस्थागत और तकनीकी सुधारों पर आधारित था। किसानों के लाभ के लिए भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना भी शुरू की है।
→ कृषि का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और उत्पादन में योगदान - कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी रही है। सकल घरेलू उत्पाद में कृषि के योगदान का अनुपात 1951 से लगातार घटने के उपरान्त भी यह 2010-11 में देश की लगभग 52 प्रतिशत जनसंख्या के लिए रोजगार और आजीविका का साधन थी।
→ वैश्वीकरण का कृषि पर प्रभाव - सन् 1990 के उपरान्त वैश्वीकरण के तहत भारतीय किसानों को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण घटते आकार के जोतों पर यदि खाद्यान्नों की खेती ही होती रही तो भारतीय किसानों का भविष्य अंधकारमय है। अतः भारतीय किसानों को शस्यावर्तन करना चाहिए तथा खाद्यान्नों के स्थान पर कीमती फसलें उगानी चाहिए।