RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

Rajasthan Board RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन Important Questions and Answers. 

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 10. Students can also read RBSE Class 10 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 10 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. The class 10 economics chapter 2 intext questions are curated with the aim of boosting confidence among students.

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. 
निम्न में से कौनसा धात्विक खनिज है-
(अ) ताँबा
(ब) अभ्रक 
(स) पोटाश
(द) संगमरमर
उत्तर:
(अ) ताँबा

प्रश्न 2. 
निम्न में से कौनसा ऊर्जा खनिज है-
(अ) चूना-पत्थर
(ब) बलुआ पत्थर 
(स) जस्ता
(द) कोयला 
उत्तर:
(द) कोयला 

प्रश्न 3. 
निम्न में से कौनसा अधात्विक खनिज है-
(अ) अभ्रक
(ब) प्लेटीनम 
(स) सोना
(द) चाँदी
उत्तर:
(अ) अभ्रक

प्रश्न 4. 
निम्न में से कौनसा अलौह खनिज है-
(अ) मैंगनीज
(ब) निकल 
(स) कोबाल्ट
(द) जस्ता
उत्तर:
(द) जस्ता

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 5. 
यूरेनियम तथा थोरियम से प्राप्त होती है-
(अ) जल विद्युत 
(ब) ताप विद्युत
(स) पवन ऊर्जा
(द) आणविक अथवा परमाणु ऊर्जा
उत्तर:
(द) आणविक अथवा परमाणु ऊर्जा

प्रश्न 6. 
दाँतों को गलने से रोकता है-
(अ) चूना पत्थर 
(ब) फ्लूराइड 
(स) इल्मेनाइट 
(द) यूटाइल 
उत्तर:
(ब) फ्लूराइड 

प्रश्न 7. 
सबसे बढ़िया लौह अयस्क कौनसा है? 
(अ) हेमेटाइट
(ब) एन्थ्रेसाइट 
(स) मैग्नेटाइट 
(द) लिमोनाइट 
उत्तर:
(स) मैग्नेटाइट

प्रश्न 8. 
वर्ष 2016-17 के अनुसार भारत का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य कौनसा है?
(अ) ओडिशा 
(ब) बिहार 
(स) झारखंड 
(द) छत्तीसगढ़ 
उत्तर:
(अ) ओडिशा

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 9. 
चूना-पत्थर का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य (2016-17) कौनसा है?
(अ) गुजरात 
(ब) राजस्थान 
(स) मध्यप्रदेश 
(द) आंध्र प्रदेश 
उत्तर:
(ब) राजस्थान 

प्रश्न 10. 
भारत में ज्वारीय ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु आदर्श क्षेत्र है-
(अ) खम्भात की खाड़ी 
(ब) कच्छ की खाड़ी 
(स) सुंदर वन क्षेत्र 
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. लौह अयस्क की ........ पेटी महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ राज्यों के अन्तर्गत पाई जाती है। 
2. ........ मुख्य रूप से इस्पात के विनिर्माण में प्रयोग किया जाता है। 
3. राजस्थान की ........ खदानें तांबे के लिए प्रसिद्ध थीं।
4. ....... एक निम्न कोटि का भूरा कोयला होता है। 
5. ....... भारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक राज्य है।
उत्तरमाला:
1. दुर्ग-बस्तर-चन्द्रपुर 
2. मैंगनीज 
3. खेतड़ी 
4. लिग्नाइट
5. असम। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
अधिकतर दन्त मंजन किससे सफेद बनाये जाते हैं? 
उत्तर:
टिटेनियम ऑक्साइड से दंत मंजन सफेद बनाये जाते हैं। 

प्रश्न 2. 
सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक लौह अयस्क का नाम बताइये। 
उत्तर:
हेमेटाइट। 

प्रश्न 3. 
निम्न कोटि के भूरे कोयले का नाम बताइए। 
उत्तर:
लिग्नाइट। 

प्रश्न 4. 
भारत में मैंगनीज के सबसे बड़े उत्पादक राज्य का नाम बताइये। 
उत्तर:
उडीसा। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 5. 
राजस्थान में अभ्रक उत्पादक क्षेत्र कहाँ पाये जाते हैं? 
उत्तर:
अजमेर के आस-पास। 

प्रश्न 6. 
सीमेण्ट उद्योग के आधारभूत कच्चे माल का नाम बताइये।
उत्तर:
चूना-पत्थर। 

प्रश्न 7. 
उस खनिज का नाम बताइए जिससे मुख्यतः एलूमीनियम प्राप्त किया जाता है। 
उत्तर:
बॉक्साइट। 

प्रश्न 8. 
संश्लेषित वस्त्र, उर्वरक तथा असंख्य रसायन उद्योगों में एक नोडीय बिन्दु का कार्य कौन करता है? 
उत्तर:
तेल शोधनशालाएँ।

प्रश्न 9. 
पशुओं का गोबर प्रयोग करने वाले संयन्त्र ग्रामीण भारत में किस नाम से जाने जाते हैं? 
उत्तर:
गोबर गैस प्लाण्ट।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 10. 
दन्त मंजन में दाँतों की सफाई में मदद करने वाले खनिजों के नाम बताइए।
उत्तर:
चूना-पत्थर, एल्यूमिनियम ऑक्साइड व विभिन्न फॉस्फेट खनिज दन्त मंजन में दाँतों की सफाई में मदद करने वाले खनिज हैं।

प्रश्न 11. 
रैट होल खनन से क्या अभिप्राय है? ..
उत्तर:
मेघालय राज्य में कोयले का खनन एक लम्बी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाता है, जिसे रैट होल खनन कहते हैं।

प्रश्न 12. 
किसी खनिज भण्डार की आर्थिक जीव्यता को प्रभावित करने वाले कारक बताइए। 
उत्तर:

  • अयस्क में खनिज की मात्रा, 
  • उत्खनन में आसानी तथा 
  • बाजार की निकटता। 

प्रश्न 13. 
खनिज शब्द की परिभाषा दीजिए। 
उत्तर:
खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व है जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है। 

प्रश्न 14. 
खनिज अयस्क शब्द की परिभाषा दीजिए। 
उत्तर:
खनिज में अन्य तत्वों या अवयवों के मिश्रण या संचयन होने की अवस्था को खनिज अयस्क कहा जाता है। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 15. 
लौह अयस्क की किन्हीं दो किस्मों के नाम बताइए। 
उत्तर:

  • हैमेटाइट 
  • मैग्नेटाइट। 

प्रश्न 16. 
मैंगनीज अयस्क के कोई चार उपयोगों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मैंगनीज अयस्क के उपयोग हैं-

  • लौह-इस्पात बनाना 
  • मिश्रित धातु बनाना 
  • ब्लीचिंग पाउडर बनाना 
  • कीटनाशक दवाएँ बनाना।

प्रश्न 17. 
तांबे के उपयोग बताइए। 
उत्तर:
ताँबे का उपयोग मुख्य रूप से बिजली के तार बनाने, इलैक्ट्रॉनिक्स और रसायन उद्योगों में किया जाता है। 

प्रश्न 18. 
चूना-पत्थर के दो प्रमुख उपयोग बताइए। 
उत्तर:

  • चूना-पत्थर सीमेण्ट उद्योग का एक आधारभूत कच्चा माल होता है। 
  • चूना-पत्थर लौह-प्रगलन की भट्टियों के लिए आवश्यक होता है। 

प्रश्न 19. 
ऊर्जा के चार परम्परागत साधनों के नाम बताइए।
उत्तर:
ऊर्जा के परम्परागत साधनों में-

  • कोयला, 
  • पेट्रोलियम, 
  • प्राकृतिक गैस तथा 
  • जल विद्युत शामिल हैं।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 20. 
ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधनों के नाम बताइए।
उत्तर:
ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधनों में सौर, पवन, ज्वारीय, भू-तापीय, बायोगैस तथा परमाणु अथवा आणविक ऊर्जा शामिल किये जाते हैं।

प्रश्न 21. 
खनिज संसाधनों के संरक्षण के दो उपाय बताइए। 
उत्तर:

  • धातुओं का पुनः चक्रण, 
  • रद्दी धातुओं का प्रयोग खनिज संसाधनों के संरक्षण के उपाय हैं।

प्रश्न 22. 
भारत के टरशियरी कोयला क्षेत्र के राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत का टरशियरी कोयला क्षेत्र उत्तरी-पूर्वी राज्यों, यथा-मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश व नागालैण्ड में पाया जाता है।

प्रश्न 23. 
भारत के दो प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र बताइये।
उत्तर:
भारत में-

  • मुम्बई हाई तथा 
  • असम में डिग्बोई, नहरकटिया और मोरन-हुगरीजन महत्त्वपूर्ण पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र हैं।

प्रश्न 24. 
भारत में विद्युत ऊर्जा उत्पादित करने वाली किन्हीं दो प्रमुख बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं के नाम बताइये।
उत्तर:

  • भाखड़ा-नांगल, 
  • दामोदर घाटी कॉरपोरेशन। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 25. 
भूतापीय ऊर्जा से क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
पृथ्वी के आन्तरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।

प्रश्न 26. 
भारत में सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थित है? 
उत्तर:
माधापुर (गुजरात)। 

प्रश्न 27. 
भारत में ऊर्जा का सर्वप्रमुख स्रोत क्या है? 
उत्तर:
कोयला। 

प्रश्न 28. 
भारत में कौनसी खाड़ी ज्वारीय ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए आदर्श दशाएँ प्रदान करती है? 
उत्तर:
कच्छ की खाड़ी। 

प्रश्न 29. 
कोयले को काला सोना क्यों कहा जाता है? 
उत्तर:
कोयला कई उद्योगों का आधार है। इसके अत्यधिक उपयोगों के कारण इसे काला सोना कहा जाता है। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 30.
भारत में भूतापीय ऊर्जा के दोहन के लिए शुरू की गई दो प्रायोगिक परियोजनाओं के नाम बताइए। 
उत्तर:

  • हिमाचल प्रदेश में मणिकरण के निकट पार्वती घाटी तथा 
  • लद्दाख में पूगा घाटी। 

प्रश्न 31. 
सतत् पोषणीय ऊर्जा के दो आधार लिखिए। 
उत्तर:

  • ऊर्जा संरक्षण की प्रोन्नति
  • नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का बढ़ता प्रयोग। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न (Type-I)

प्रश्न 1. 
किन दो प्रमुख भूगर्भिक युगों की शैलों से कोयला पाया जाता है? नाम बताइए। 
उत्तर:
निम्न दो प्रमुख भूगर्भिक युगों की शैलों से कोयला पाया जाता है-

  • गोंडवाना 
  • टरशियरी 

प्रश्न 2. 
अभ्रक विद्युत व इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में प्रयुक्त होने वाले अपरिहार्य खनिजों में से एक क्यों है?
उत्तर:
अभ्रक का विद्युत व इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में प्रयुक्त होने वाले अपरिहार्य खनिजों में से एक होने के मुख्य कारण निम्न प्रकार हैं-

  • अभ्रक की सर्वोच्च परावैद्युत शक्ति होना 
  • ऊर्जा ह्रास का निम्न गुणांक होना 
  • विसंवाहन के गुण 
  • उच्च वोल्टेज की प्रतिरोधिता। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 3. 
निम्नलिखित को समेलित कीजिए-

गैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोत

अवस्थित क्षेत्र

(i) सौर ऊर्जा

(अ) कच्छ की खाड़ी 

(ii) पवन ऊर्जा

(ब) भुज-माधापुर 

(iii) ज्वारीय ऊर्जा

(स) लद्दाख 

(iv) भू-तापीय ऊर्जा

(द) जैसलमेर 

उत्तर:

गैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोत

अवस्थित क्षेत्र

(i) सौर ऊर्जा

(ब) भुज-माधापुर 

(ii) पवन ऊर्जा

(द) जैसलमेर 

(iii) ज्वारीय ऊर्जा

(अ) कच्छ की खाड़ी 

(iv) भू-तापीय ऊर्जा

(स) लद्दाख

प्रश्न 4. 
सुमेलित कीजिए-

खनिज

स्थान 

(क) लौह अयस्क खाने

(1) अमरकंटक 

(ख) अभ्रक

(2) मयूरभंज 

(ग) बॉक्साइट

(3) नागपुर 

(घ) मैंगनीज

(4) नेल्लोर

उत्तर:

खनिज

स्थान 

(क) लौह अयस्क खाने

(2) मयूरभंज 

(ख) अभ्रक

(4) नेल्लोर

(ग) बॉक्साइट

(1) अमरकंटक

(घ) मैंगनीज

(3) नागपुर 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 5. 
भारत में परमाणु ऊर्जा का उपयोग किसलिए किया जाता है? दो परमाणु संयंत्रों के नाम बताइए। 
उत्तर:
भारत में परमाणु ऊर्जा का उपयोग विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। 
भारत के दो परमाणु संयंत्र हैं-

  • नरोरा 
  • रावतभाटा। 

प्रश्न 6. 
भारत में अभ्रक उत्पादक क्षेत्र कौन-कौनसे हैं?
उत्तर:
भारत में अभ्रक उत्पादक क्षेत्र निम्नलिखित हैं-

  • छोटा नागपुर पठार में उत्तरी पठारी किनारे। 
  • बिहार-झारखण्ड की कोडरमा-गया-हजारीबाग पेटी। 
  • राजस्थान में अजमेर क्षेत्र। 
  • आंध्रप्रदेश की नेल्लोर अभ्रक पेटी।

प्रश्न 7. 
'खनिज व दन्त मंजन से एक उज्ज्वल मुस्कान' को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
फ्लूराइड दाँतों को गलने से रोकता है। यह फ्लूओराइट नामक खनिज से प्राप्त होता है। अधिकांश दंत मंजन टिटेनियम ऑक्साइड से सफेद बनाए जाते हैं जो कि क्यूटाइल, इल्मेनाइट तथा एनाटेज नामक खनिजों से प्राप्त होते हैं। कुछ दन्त मंजन जो कि चमक प्रदान करते हैं, उनका कारण अभ्रक है।

प्रश्न 8. 
भारत में मैंगनीज के उपयोग को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मैंगनीज का उपयोग-मैंगनीज प्रमुख रूप से इस्पात के विनिर्माण में प्रयुक्त किया जाता है। एक टन इस्पात बनाने में लगभग 10 किलोग्राम मैंगनीज की आवश्यकता होती है। इसका उपयोग ब्लीचिंग पाउडर, कीटनाशक दवाएँ व पेंट बनाने में किया जाता है।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 9. 
किन दो समान गुणों के कारण तांबा और एल्युमिनियम अत्यन्त उपयोगी खनिज माना जाता है?
उत्तर:
(1) तन्य और (2) ताप सुचालक होने के कारण तांबा और एल्युमिनियम अत्यन्त उपयोगी खनिज माना जाता है। इनका उपयोग मुख्य रूप से बिजली के तार बनाने तथा इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में किया जाता है। 

प्रश्न 10. 
निम्न को सुमेलित कीजिए-

राज्य

परमाणु ऊर्जा संयंत्र

(अ) उत्तर प्रदेश

(i) कलपक्कम 

(ब) कर्नाटक

(ii) काकरापारा 

(स) गुजरात

(iii) नरोरा 

(द) तमिलनाडु

(iv) कैगा

उत्तर:

राज्य

परमाणु ऊर्जा संयंत्र

(अ) उत्तर प्रदेश

(iii) नरोरा 

(ब) कर्नाटक

(iv) कैगा 

(स) गुजरात

(ii) काकरापारा

(द) तमिलनाडु

(i) कलपक्कम 

प्रश्न 11.
खनिज संसाधनों के संरक्षण के उपाय बताइये। 
उत्तर:
खनिज संसाधनों का संरक्षण निम्नलिखित उपायों को अपनाकर किया जा सकता है-

  • निम्न कोटि के अयस्कों का उन्नत प्रौद्योगिकी द्वारा कम लागत पर प्रयोग करना। 
  • धातुओं का पुनः चक्रण किया जाना। 
  • रद्दी धातुओं का प्रयोग करना। 
  • खनिजों के अन्य प्रतिस्थापनों (विकल्पों) का उपयोग करना। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 12. 
ऊर्जा के संरक्षण के उपाय बताइये। 
उत्तर:
संरक्षण के उपाय ऊर्जा के संरक्षण के उपाय निम्नलिखित हैं-

  • यातायात के लिए निजी वाहनों की अपेक्षा सार्वजनिक वाहनों का उपयोग किया जाना चाहिए। 
  • बिजली का आवश्यकतानुसार उपयोग करना।
  • बिजली की बचत करने वाले उपकरणों का प्रयोग किया जाये। 
  • गैर-परम्परागत ऊर्जा साधनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। 

प्रश्न 13. 
सभी सजीवों को खनिजों की आवश्यकता होती है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खनिजों के बिना जीवन प्रक्रिया असम्भव है। सभी सजीव खनिजों का उपभोग करते हैं। हमारे कुल पौष्टिक उपभोग का 0.3 प्रतिशत भाग खनिज है। इतना कम हिस्सा होने पर भी ये इतने महत्त्वपूर्ण और गुणकारी हैं कि इनके बिना हम 99.7 प्रतिशत भोज्य पदार्थों का उपभोग करने में असमर्थ होंगे। अतः सभी सजीवों को खनिजों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 14. 
भूगोलविद्, भूगोलवेत्ता तथा भू-वैज्ञानिक खनिजों का अध्ययन किस रूप में करते हैं?
उत्तर:
भूगोलविद् स्थलाकृतियों की बेहतर जानकारी हेतु खनिजों का अध्ययन भू-पृष्ठ के एक अंश के रूप में करते हैं।
भूगोलवेत्ता खनिज संसाधनों के वितरण व खनिजों से सम्बन्धित आर्थिक क्रियाओं में ज्यादा रुचि रखते हैं।
भू-वैज्ञानिक खनिजों की निर्माण प्रक्रिया, इनकी आयु व खनिजों के भौतिक व रासायनिक संगठन से सम्बन्धित विषयों का अध्ययन करते हैं।

प्रश्न 15. 
रैट होल खनन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
रैट होल खनन-भारत में उत्तरी-पूर्वी भारत के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में खनिजों का स्वामित्व व्यक्तिगत एवं समुदायों को प्राप्त है। मेघालय में जोवाई व चेरापूँजी में कोयले का खनन परिवार के सदस्यों द्वारा एक लम्बी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाता है, जिसे रैट होल खनन कहते हैं।

प्रश्न 16. 
जलोढ़ जमाव के रूप में खनिज किस प्रकार पाये जाते हैं?
उत्तर:
पहाड़ियों के आधार एवं घाटी तल की बालू में जलोढ़ जमाव के रूप में कुछ मात्रा में खनिज पाये जाते हैं। खनिजों के इस प्रकार के निक्षेप प्लेसर निक्षेप के नाम से जाने जाते हैं। जलोढ़ जमाव के रूप में प्राप्त खनिजों में प्रायः ऐसे खनिज होते हैं जो जल द्वारा घर्षित नहीं होते हैं। इस रूप में प्राप्त खनिजों में सोना, चाँदी, टिन एवं प्लेटिनम आदि प्रमुख हैं।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 17. 
अभ्रक की प्रमुख विशेषताएँ बतलाइए।
उत्तर:

  • अभ्रक प्लेटों अथवा पत्रण क्रम में पाया जाता है। 
  • इसका चादरों में विपाटन आसानी से हो सकता है। 
  • अभ्रक पारदर्शी हो सकता है। 
  • अभ्रक काले, हरे, लाल, पीले एवं भूरे रंग का भी हो सकता है। 
  • इसका उपयोग विद्युत उद्योग, इलेक्ट्रोनिक्स उद्योग, रेडियो व टेलीफोन आदि में किया जाता है।

प्रश्न 18. 
चूना पत्थर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
चूना पत्थर कैल्शियम या कैल्शियम कार्बोनेट तथा मैग्नीशियम कार्बोनेट से बनी चट्टानों में पाया जाता है। चूना पत्थर सीमेंट उद्योग का एक आधारभूत कच्चा माल है। इसका उपयोग लौह प्रगलन की भट्टियों में अनिवार्य रूप से होता है। भारत में चूना पत्थर की प्राप्ति आन्ध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात व तमिलनाडु आदि राज्यों में होती है।

प्रश्न 19. 
पवन ऊर्जा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
पवन ऊर्जा-पवन की गति से प्राप्त की जाने वाली ऊर्जा 'पवन ऊर्जा' कहलाती है। भारत में पवन ऊर्जा फार्म की विशालतम पेटी तमिलनाडु में नागरकोइल से मदुरई तक अवस्थित है। इसके अतिरिक्त आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान तथा केरल में भी महत्त्वपूर्ण पवन ऊर्जा फार्म हैं। नागरकोइल तथा जैसलमेर देश में पवन ऊर्जा के प्रभावी प्रयोग के लिए जाने जाते हैं। 

प्रश्न 20. 
भारी उद्योग तथा ताप विद्युत गृह कोयला क्षेत्रों अथवा उनके निकट ही क्यों स्थापित किये जाते हैं?
उत्तर:
कोयला एक स्थूल पदार्थ है। जिसका प्रयोग करने पर भार घटता है क्योंकि यह राख में परिवर्तित हो जाता है। इसी कारण भारी उद्योग तथा ताप विद्युत गृह कोयला क्षेत्रों अथवा उनके निकट ही स्थापित किये जाते हैं। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

लघूत्तरात्मक प्रश्न (Type-II)

प्रश्न 1. 
खनिज क्या है? खनिजों में विविधता क्यों पाई जाती है? भू-वैज्ञानिक किन विशेषताओं के आधार पर खनिजों का वर्गीकरण करते हैं?
उत्तर:
खनिज-भू-वैज्ञानिकों के अनुसार एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्त्व है जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है।

खनिजों में विविधता- खनिज प्रकृति में अनेक रूपों में पाए जाते हैं। चट्टानें खनिजों के समरूप तत्त्वों के यौगिक हैं। कुछ चट्टानें जैसे चूना पत्थर-केवल एक ही खनिज से बनी है; लेकिन अधिकतर चट्टानें विभिन्न अनुपातों के अनेक खनिजों का योग हैं। अब तक 2000 से अधिक खनिजों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन अधिकतर चट्टानों में केवल कुछ ही खनिजों की बहुतायत है। एक खनिज विशेष जो निश्चित तत्त्वों का योग है, उन तत्त्वों का निर्माण उस समय के भौतिक व रासायनिक परिस्थितियों का परिणाम है। इसीलिए खनिजों में विविधता पाई जाती है।

भू-वैज्ञानिक निम्न विशेषताओं के आधार पर खनिजों का वर्गीकरण करते हैं-

  • रंग 
  • कठोरता 
  • चमक 
  • घनत्व 
  • क्रिस्टल का रूप, आदि। 

प्रश्न 2. 
बायो गैस पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
बायो गैस-कृषि अपशिष्टों, पशु एवं मानवजनित अपशिष्टों व झाड़ियों आदि के उपयोग द्वारा एक विशेष प्रकार के संयंत्र से बायो गैस का उत्पादन किया जाता है। इसमें कार्बनिक पदार्थों के विघटन से गैस उत्पन्न होती है जिसकी तापीय क्षमता मिट्टी के तेल, उपलों तथा चारकोल से अधिक होती है। बायो गैस संयंत्र नगरपालिका, सहकारिता एवं निजी स्तर पर लगाये जाते हैं।

बायो गैस के उपयोग से होने वाले लाभ-

  • बायो गैस का उपयोग घरेलू आवश्यकताओं के लिए विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।
  • पशुओं के गोबर के उपयोग का यह एक सर्वाधिक उपयुक्त तरीका है तथा यह गोबर की खाद की गुणवत्ता बढ़ाता है।
  • यह उपलों तथा लकड़ी के जलने से होने वाले वृक्षों व गोबर के नुकसान को रोकता है। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 3. 
सामान्य व वाणिज्यिक दृष्टि से खनिजों का वर्गीकरण चित्र बनाकर दर्शाइए। 
उत्तर:
RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 1

प्रश्न 4. 
खनिजों का महत्त्व बताइये। 
उत्तर:
खनिज मानव की रोजमर्रा की जिन्दगी में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनका महत्त्व इस प्रकार है-

  • मानव की उपयोगिता की छोटी-सी सुई से लेकर कारें, बसें, वायुयान, रेलगाड़ियाँ तथा विशालकाय जहाज खनिजों से ही बनाए जाते हैं।
  • कारें, बसें, रेलगाड़ियाँ, हवाई जहाज आदि धरती से प्राप्त ऊर्जा संसाधनों द्वारा ही चालित होते हैं। 
  • ऊँचे-ऊँचे भवनों के निर्माण में खनिजों का प्रयोग होता है। 
  • रेल लाइनें तथा सड़क के पत्थर आदि सभी खनिजों से बने हैं। 
  • मनुष्य के काम में आने वाले औजार तथा मशीनरी आदि सभी खनिजों से बने हैं। 
  • मनुष्य के भोजन में भी खनिज होते हैं, जिसे हम खाते हैं। 
  • हमारी जीविका, सजावट, त्यौहारों तथा धार्मिक अनुष्ठान में भी खनिजों का प्रयोग होता है।

प्रश्न 5. 
भारत में विविध प्रकार के खनिज पाए जाते हैं यद्यपि इनका वितरण असमान है। स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
भारत में विविध प्रकार के खनिज पाए जाते हैं यद्यपि इनका वितरण असमान है क्योंकि-

  • देश में मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय चट्टानों में कोयला, धात्विक खनिज, अभ्रक व अन्य अनेक अधात्विक खनिजों के अधिकांश भण्डार संचित हैं।
  • प्रायद्वीप के पश्चिमी और पूर्वी पार्यों पर गुजरात और असम की तलछटी चट्टानों में अधिकांश खनिज तेल के निक्षेप पाए जाते हैं।
  • प्रायद्वीपीय शैल क्रम के साथ राजस्थान में अनेक अलौह खनिज पाए जाते हैं। 
  • उत्तरी भारत के विस्तृत जलोढ़ मैदान आर्थिक महत्त्व के खनिजों से लगभग विहीन हैं।

खनिजों के वितरण में यह असमानता खनिजों की रचना में अंतरग्रस्त भू-गर्भिक संरचना, प्रक्रियाओं तथा समय के कारण देखने को मिलती है।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 6. 
भारत में ताँबे के उपयोग एवं उत्पादक क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
ताँबे का उपयोग-घातवर्ध्य, तन्य और ताप सुचालक होने के कारण ताँबे का उपयोग मुख्य रूप से बिजली के तार बनाने, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन उद्योगों में किया जाता है।

उत्पादक क्षेत्र-भारत में ताँबे के भण्डार व उत्पादन क्रान्तिक रूप से न्यून हैं। देश में मध्य प्रदेश राज्य की बालाघाट खानें देश का लगभग 52 प्रतिशत ताँबा उत्पादित करती हैं। झारखण्ड का सिंहभूम जिला भी ताँबे का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है। राजस्थान में खेतड़ी की खानें ताँबे के उत्पादन की दृष्टि से प्रसिद्ध थीं।

प्रश्न 7. 
सामान्यतः खनिजों को किन दो वर्गों में बाँटा गया है? प्रत्येक वर्ग के खनिजों की तीन-तीन विशेषताएँ दीजिए।
उत्तर:
सामान्यतः खनिजों को दो वर्गों में बाँटा गया है। ये हैं-

  1. धात्विक खनिज 
  2. अधात्विक खनिज। 

धात्विक खनिज की विशेषताएँ-

  • ये पीटकर बढ़ाये जा सकते हैं। 
  • इनका चक्रीय उपयोग सम्भव है। 
  • इनसे छड़ें, चादर, पिंड आदि बनाये जा सकते हैं। 

अधात्विक खनिज की विशेषताएँ-

  • इनका मुख्यतः प्रयोग ऊर्जा संसाधनों के रूप में किया जा सकता है। 
  • इनमें से अनेक का प्रयोग रसायनों, रासायनिक खाद, भोज्य सामग्री, भवन निर्माण में किया जाता है। 
  • इनसे अनेक प्रकार की वस्तुएँ बनाई जाती हैं। 

प्रश्न 8. 
खनन का खनिकों के स्वास्थ्य तथा पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव बताइये।
अथवा
खनन क्रिया के जोखिम अर्थात खतरे बताइये। 
उत्तर:
खनन का खनिकों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर निम्न प्रभाव पड़ता है-

  • खदानों में काम करने वाले श्रमिक लगातार धूल व हानिकारक धुएँ में साँस लेते हुए फेफड़ों सम्बन्धी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
  • खदानों की छतों के गिरने, सैलाब आने अर्थात् जल-प्लावित होने, कोयला की खदानों में आग लगने आदि खदान श्रमिकों के लिए स्थाई खतरे हैं।
  • खदान क्षेत्रों में खनन के कारण जल-स्रोत प्रदूषित हो जाते हैं।
  • अवशिष्ट पदार्थों तथा खनिज तरल के मलबे के खत्ता लगाने से भूमि व मिट्टी का अवक्षय होता है तथा सरिताओं तथा नदियों के प्रदूषण में वृद्धि हो जाती है। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 9. 
ज्वारीय ऊर्जा किस प्रकार उत्पादित की जाती है?
अथवा 
ज्वारीय ऊर्जा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ज्वारीय ऊर्जा-ज्वारीय ऊर्जा महासागरीय तरंगों के प्रयोग से उत्पन्न की जाती है। इसके लिए संकड़ी खाड़ी के आर-पार बाढ़-द्वार बनाकर बाँध बनाए जाते हैं। उच्च ज्वार आने के समय संकड़ी खाड़ीनुमा प्रवेश द्वार से जल अन्दर भर जाता है तथा द्वार बन्द होने पर पानी बाँध में ही रह जाता है। बाढ़ द्वार के बाहर ज्वार उतरने पर बाँध के पानी को इसी रास्ते पाइप द्वारा समुद्र की तरफ प्रवाहित किया जाता है जो कि इसे ऊर्जा उत्पादक टरबाइन की तरफ ले जाता है और वहाँ ज्वारीय ऊर्जा उत्पादित की जाती है।

भारत में खम्भात की खाड़ी, कच्छ की खाड़ी तथा पश्चिमी तट पर गुजरात में और पश्चिम बंगाल में सुंदरवन क्षेत्र में गंगा के डेल्टा में ज्वारीय तरंगों द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु आदर्श स्थिति पाई जाती है।

प्रश्न 10. 
भारत के ग्रामीण क्षेत्र में ऊर्जा प्राप्ति के परिवर्तित स्वरूप का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत के ग्रामीण क्षेत्र में ऊर्जा प्राप्त करने के लिए लकड़ी तथा उपलों का बहुत अधिक उपयोग किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार ग्रामीण अपनी आवश्यक ऊर्जा का 70 प्रतिशत से भी अधिक भाग इन्हीं दो स्रोतों से प्राप्त करते हैं। लेकिन वर्तमान समय में घटते वन क्षेत्र के कारण लकड़ी का ईंधन के रूप में प्रयोग कठिन होता जा रहा है। इसी प्रकार उपलों के उपयोग में भी कमी आ रही है। वर्तमान समय में गोबर से उपले बनाने के बजाय उससे गोबर गैस प्राप्त की जाने लगी है। गोबर का खाद के रूप में प्रयोग भी बढ़ता जा रहा है। इससे कृषि भूमि के पोषण में वृद्धि हो जायेगी।

प्रश्न 11. 
भारत में वर्तमान समय में ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधनों के उपयोग की आवश्यकता क्यों है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऊर्जा के बढ़ते हुए उपयोग ने देश को कोयला, खनिज तेल और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधनों पर बहुत अधिक निर्भर कर दिया है। इसके अलावा प्राकृतिक गैस तथा खनिज तेल की बढ़ती कीमतों तथा इनकी सम्भावित कमी ने भविष्य में ऊर्जा आपूर्ति के प्रति चिन्ताजनक स्थिति उत्पन्न कर दी है। इसका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव होता है। अतः वर्तमान समय में पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जैविक ऊर्जा तथा अवशिष्ट पदार्थ जनित ऊर्जा के उपयोग की बहुत आवश्यकता है। ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधन नवीकरण योग्य हैं तथा प्रदूषण मुक्त हैं।

प्रश्न 12. 
प्राकृतिक गैस और बायोगैस में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक गैस- प्राकृतिक गैस एक महत्त्वपूर्ण स्वच्छ ऊर्जा संसाधन है जो कि खनिज तेल के साथ अथवा अलग भी पाई जाती है। इसे धरातल के अन्दर से निकाला जाता है। प्राकृतिक गैस को ऊर्जा के एक साधन के रूप में तथा पेट्रो-रसायन उद्योग के एक औद्योगिक कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है।

बायोगैस- बायोगैस सड़ी-गली वनस्पति तथा मानव द्वारा जनित अपशिष्ट पदार्थों के द्वारा बनाई जाती है। यह एक स्वच्छ ईंधन है। इसमें मिट्टी के तेल, गोबर के कंडों तथा चारकोल की तुलना में अधिक ऊर्जा होती है। इसके निर्माण के दौरान प्राप्त अपशिष्ट का उपयोग खाद के रूप में खेतों में किया जाता है।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 13. 
परम्परागत तथा गैर-परम्परागत ऊर्जा साधनों में अन्तर बतलाइये। 
उत्तर:

ऊर्जा के परम्परागत साधन

ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधन

1. ऊर्जा के परम्परागत साधनों में लकड़ी, उपले, कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस तथा विद्युत (दोनों-जल विद्युत तथा ताप विद्युत) शामिल हैं।

1. ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधनों में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायो-गैस, भूतापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा शामिल हैं।

2. परम्परागत साधनों में, यथा-कोयला तथा खनिज तेल व प्राकृतिक गैस अनवीकरण योग्य हैं।

2. गैर-परम्परागत साधन अक्षय ऊर्जा के भण्डार हैं अर्थात् नवीकरण योग्य हैं। (परमाणु ऊर्जा को छोड़कर)

3. परम्परागत साधनों के प्रयोग में काफी खर्च करना पड़ता है।

3. गैर-परम्परागत साधन कम खर्चीले हैं।

4. इनके उपयोग से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है।

4. ये पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करते हैं।

प्रश्न 14. 
"भारत में कोयला ऊर्जा का मुख्य स्रोत होने के साथ-साथ उद्योगों के लिए कच्चा माल भी है।" प्रत्येक के लिए दो-दो तथ्य देते हुए इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
कोयला शक्ति तथा कच्चे माल दोनों के रूप में महत्त्वपूर्ण साधन है। यथा-
(अ) कोयला ऊर्जा के मुख्य स्रोत के रूप में-

  • भारत में कोयला घरेलू ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है तथा इससे रेलें चलाई जाती हैं। 
  • इसको कारखानों में शक्ति के साधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। 

(ब) कोयला उद्योगों के लिए कच्चे माल के रूप में-

  • यह लोह इस्पात तथा मशीनरी उद्योग का महत्त्वपूर्ण कच्चा माल है। लोहे में मिलाकर इससे इस्पात बनाया जाता है।
  • रासायनिक खादों तथा पेट्रोलियम के निर्माण में भी इसका उपयोग किया जाता है। कोयला अन्य पदार्थों में मिलाकर सोमेंट बनाया जाता है।

प्रश्न 15. 
कोयले के निर्माण तथा प्रकारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
कोयले का निर्माण- कोयला का निर्माण पादप पदार्थों के लाखों वर्षों तक सम्पीडन से हुआ है। इसी । कारण सम्पाडन की मात्रा, गहराई और दबने के समय के आधार पर कोयला अनेक रूपों में पाया जाता है। यथा-

  • पीट- दलदलों में क्षय होते पादपों से पीट उत्पन्न होता है। इसमें कार्बन की मात्रा कम तथा नमी की मात्रा अधिक होता है। अधिक नमी के कारण पीट कोयला की ताप क्षमता कम होती है।
  • लिग्नाइट- यह निम्न कोटि का भूरा कोयला होता है। लिग्नाइट कोयला मुलायम होने के साथ अधिक नमीयुक्त होता है। लिग्नाइट कोयले का उपयोग विद्युत उत्पादन में किया जाता है।
  • बिटुमिनस- गहराई में दबे तथा अधिक तापमान से प्रभावित कोयला को बिटुमिनस कोयला के नाम से जाना जाता है। वाणिज्यिक उपयोग में यह सबसे अधिक लोकप्रिय है। धातुशोधन में उच्च श्रेणी के बिटुमिनस कोयले का प्रयोग किया जाता है। लोहे के प्रगलन हेतु इसका विशेष महत्त्व है।
  • एन्थेसाइट- एन्थ्रेसाइट सर्वोत्तम गुण वाला कठोर कोयला है। इसमें कार्बन की मात्रा सबसे अधिक होती है। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 16. 
धात्विक और अधात्विक खनिजों में अन्तर बतलाइए। 
उत्तर:
धात्विक और अधात्विक खनिजों में अन्तर 

धात्विक खनिज

अधात्विक खनिज

1. वे खनिज जिनमें धातु अंश की प्रधानता पाई जाती है, धात्विक खनिज कहलाते हैं।

1. वे खनिज जिनमें धातु अंश नहीं पाया जाता है, अधात्विक खनिज कहलाते हैं।

2. लौह अयस्क, मैंगनीज, निकल, ताँबा, जस्ता, सीसा, टंगस्टन व कोबाल्ट आदि धात्विक खनिज हैं।

2. अभ्रक, पोटाश, नमक, सल्फर, चूना पत्थर, संगमरमर, बलुआ पत्थर आदि अधात्विक खनिज हैं। 

3. प्रयोग करने से पूर्व इनका परिष्करण करना आवश्यक होता है।

3. इनके परिष्करण की आवश्यकता प्राय: नहीं पड़ती है।

4. धात्विक खनिज ताप व विद्युत के सुचालक होते हैं।

4. अधात्विक खनिज ताप एवं विद्युत के कुचालकहोते हैं।

5. यह खनिज प्राय: आग्नेय शैलों में पाये जाते हैं।

5. यह खनिज प्रायः अवसादी शैलों में पाये जाते हैं। 

6. इन खनिजों को गलाकर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है।

6. इन खनिजों को सिर्फ एक बार ही प्रयोग में लिया जा सकता है।

7. इन्हें पीटकर बढ़ाया जा सकता है।

7. इनमें ऐसा सम्भव नहीं है।

 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
खनिज कहाँ पाये जाते हैं?
अथवा 
खनिज किन शैल समूहों से प्राप्त होते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर
खनिजों की प्राप्ति 
सामान्य रूप से खनिज अयस्कों में पाए जाते हैं। किसी भी खनिज में अन्य अवयवों या तत्त्वों के मिश्रण या संचयन के लिए अयस्क शब्द का प्रयोग किया जाता है। खनिज प्रायः निम्नलिखित शैल समूहों में पाए जाते हैं-

(1) आग्नेय तथा कायान्तरित चट्टानों में खनिजों की उपलब्धता- आग्नेय तथा कायान्तरित चट्टानों में खनिज दरारों. जोड़ों. भ्रंशों व विदरों में पाए जाते हैं। छोटे जमाव शिराओं के रूप में और वृहद् जमाव पर के रूप में पाए जाते हैं। मुख्य धात्विक खनिज, यथा जस्ता, ताँबा, जिंक और सीसा आदि इसी प्रकार शिगओं व जम्मवों के रूप में प्राप्त होते हैं।

(2) अवसादी चट्टानों में खनिजों की उपलब्धता- अवसादी चट्टानों में अनेक खनिज संस्तरों या परतों में पाए जाते हैं। इनका निर्माण क्षैतिज परतों में निक्षेपण, संचयन या जमाव का परिणाम है। कोयला. कुछ अन्य प्रकार के लौह अयस्कों, जिप्सम, पोटाश, नमक व सोडियम अवसादी चट्टानों में पाये जाते हैं। 

(3) धरातलीय चट्टानों का अपघटन- खनिजों के निर्माण की एक अन्य विधि धरातलीय चट्टानों का अपघटन है। चट्टानों में घुलनशील तत्त्वों के अपरदन के उपरान्त अयस्क वाली अवशिष्ट चट्टानें रह जाती हैं। बॉक्साइट का निर्माण इसी प्रकार होता है।

(4) पहाड़ियों के आधार तथा घाटी तल में खनिजों की उपलब्धता- पहाड़ियों के आधार तथा घाट' तल की रत में जलोढ़ जमाव के रूप में भी कुछ खनिज पाए जाते हैं। इस प्रकार के खनिजों में सोना, चाँदी. टिन व प्लेटिनम प्रमुख हैं।

(5) महासागरीय जल में खनिजों की उपलब्धता- महासागरीय जल में भी विशाल मात्रा में खनिज पाए जाते हैं। सामान्य नमक, मैग्नीशियम तथा ब्रोमाइन अधिकतर समुद्री जल से ही प्रग्रहित होते हैं। महासागरीय तली में मैंगनीज ग्रन्थिकाओं की उपस्थिति पाई जाती है।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 2. 
भारत में पाई जाने वाली लौह-अयस्क की पेटियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लौह-अयस्क एक आधारभूत खनिज है तथा औद्योगिक विकास की रीढ़ की हड्डी है। भारत में लोह अयस्क के विपुल भण्डार हैं। देश उच्च कोटि के लोहांश युक्त लौह-अयस्क में धनी है। भारत में पाई जाने वाली लौह अयस्क की प्रमुख पेटियाँ निम्नलिखित हैं-

  • उड़ीसा-झारखण्ड पेटी- उच्च कोटि का हेमेटाइट किस्म का लौह-अयस्क उड़ीसा में मयूरभंज व केन्दूझर जिलों में बादाम पहाड़ की खानों से तथा झारखण्ड के सिंहभूम जिले में गुआ तथा नोआमुण्डी खानों से निकाला जाता है।
  • दुर्ग-बस्तर-चन्द्रपुर पेटी- लौह-अयस्क की यह पेटी महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ राज्यों में पाई जाती है। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में बेलाडीला पहाड़ी श्रृंखलाओं में अत्यन्त उत्तम कोटि का हेमेटाइट लोह-अयस्क पाया जाता है जिसमें इस गुणवत्ता के लौह के 14 जमाव पाए जाते हैं।
  • बल्लारि-चित्रदुर्ग, चिकमगलूर-तुमकुरु पेटी- कर्नाटक राज्य में विस्तृत इस पेटी में लोह अयस्क की वृहद् राशि संचित है। कर्नाटक में पश्चिमी घाट में अवस्थित कुद्रेमुख निक्षेप विश्व के सबसे बड़े निक्षेपों में से एक माने जाते हैं।
  • महाराष्ट्र-गोआ पेटी- लौह-अयस्क की यह पेटी गोआ तथा महाराष्ट्र राज्य के रत्नागिरी जिले में स्थित है। यद्यपि यहाँ निकाले जाने वाला लोहा उत्तम किस्म का नहीं है, फिर भी दक्षता से इसका दोहन किया जाता है। 

प्रश्न 3. 
अलौह खनिज के नाम बताइये एवं किन्हीं दो का वर्णन कीजिए।
अथवा 
बॉक्साइट का महत्त्व बताइये तथा भारत में बॉक्साइट के वितरण का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
अलौह खनिज- प्रमुख अलौह खनिज हैं-ताँबा, जस्ता, बॉक्साइट, सीसा. सोना. चाँदि आदि। प्रश्नानुसार दो अलौह खनिजों का वर्णन निम्न प्रकार है-
(1) ताँबा-तांबा एक प्रमुख अलौह खनिज है। यह घातवर्ध्य, तन्य और ताप सुचालक होने के कारण ताँबे का उपयोग मुख्य रूप से बिजली के तार बनाने, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन उद्योगों में किया जाता है।

भारत में ताँबे के भण्डार व उत्पादन क्रान्तिक रूप से न्यून हैं। देश में मध्य प्रदेश राज्य की बालाघाट खाने देश में लगभग 52 प्रतिशत ताँबा उत्पादित करती हैं। झारखण्ड का सिंहभूम जिला भी ताँबे का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है। राजस्थान में खेतड़ी की खानें ताँबे के उत्पादन की दृष्टि से प्रसिद्ध थीं।

(2) बॉक्साइट- बॉक्साइट एल्यूमिनियम का मुख्य अयस्क है। यद्यपि अनेक अयस्कों में एल्यूमिनियम पाया जाता है। किन्तु सबसे अधिक एल्यूमिना क्ले जैसे दिखने वाले पदार्थ बॉक्साइट से ही प्राप्त किया जाता है। बॉक्साइट निक्षेपों की रचना एल्यूमिनियम सिलिकेटों से समृद्ध व्यापक भिन्नता वाली चट्टानों के विघटन से होती है।

महत्त्व- एल्यूमिनियम एक महत्त्वपूर्ण धातु है; क्योंकि यह लोहे के समान शक्ति के साथ-साथ अत्यधिक हल्का तथा विद्युत का सुचालक है। इसमें अत्यधिक घातवर्ध्यता भी पाई जाती है।

वितरण- भारत में बॉक्साइट के जमाव मुख्य रूप से अमरकंटक पठार, मैकाल पहाड़ियों तथा बिलासपुर-कटनी के पठारी प्रदेश में पाए जाते हैं। उड़ीसा भारत का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य है। 2016-17 में देश के लगभग 49 प्रतिशत बॉक्साइट का उत्पादन इसी राज्य में हुआ। यहाँ कोरापुट जिले में पंचपतमाली निक्षेप राज्य के सबसे महत्त्वपूर्ण बॉक्साइट निक्षेप हैं।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 4. 
अभ्रक के महत्त्व का वर्णन करते हुए भारत में इसके वितरण का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
अभ्रक एक इस प्रकार का खनिज है जो कि प्लेटों अथवा पत्रण क्रम में पाया जाता है। इसको आसानीपूर्वक चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है। ये परतें इतनी महीन हो सकती हैं कि इसकी एक हजार परतें कुछ सेण्टीमीटर ऊँचाई में समाहित की जा सकती हैं। अभ्रक पारदर्शी, काले, हरे, लाल, पीले अथवा भूरे रंग का हो सकता है।

महत्त्व अभ्रक अपनी सर्वोच्च परावैद्युत शक्ति, ऊर्जा ह्रास का निम्न गुणांक, विसंवाहन के गुण और उच्च वोल्टेज की प्रतिरोधिता के कारण विद्युत व इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में प्रयुक्त किये जाने वाले महत्त्वपूर्ण खनिजों में से एक है।

वितरण-भारत में अभ्रक के निक्षेप छोटा नागपुर के पठार के उत्तरी पठारी किनारों पर पाए जाते हैं। बिहारझारखण्ड की कोडरमा-गया-हजारीबाग पेटी अभ्रक के उत्पादन में अग्रणी है। राजस्थान में अभ्रक के मुख्य उत्पादन क्षेत्र अजमेर के आस-पास विस्तृत हैं। आन्ध्रप्रदेश की नेल्लोर अभ्रक पेटी देश की महत्त्वपूर्ण अभ्रक उत्पादक पेटी है। 

प्रश्न 5. 
परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिये एवं किसी एक पर लेख लिखिये।
अथवा
पेट्रोलियम का क्या उपयोग है? इसकी उत्पत्ति तथा भारत में इसके वितरण पर एक भौगोलिक निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
परम्परागत ऊर्जा स्रोत-ऊर्जा के मुख्य परम्परागत स्रोत हैं-

  • कोयला 
  • पेट्रोलियम 
  • प्राकृतिक गैस 
  • विद्युत। 

प्रश्नानुसार किसी एक साधन का वर्णन निम्न प्रकार है-
पेट्रोलियम- भारत में कोयले के उपरान्त ऊर्जा का द्वितीय प्रमुख साधन पेट्रोलियम या खनिज तेल है।

उपयोग- यह ताप एवं प्रकाश के लिए ईंधन, मशीनों को स्नेहक और अनेक विनिर्माण उद्योगों को कच्चा माल प्रदान करता है। तेल-शोधन शालाएँ-संश्लेषित वस्त्र, उर्वरक तथा असंख्य रसायन उद्योगों में एक नोडीय बिन्दु की भूमिका अदा करती हैं।

उत्पत्ति- पेट्रोलियम की उत्पत्ति समुद्री जीव-जन्तुओं तथा वनस्पतियों के अवशेषों से हुई है। समुद्र में अनेक छोटे-छोटे जैविक पौधे पानी में तैरते रहते हैं। मृत्यु होने के उपरान्त इनके जीवांश समुद्र में निर्मित अवसादी शैलों में दब जाते हैं। इन जीवांशों पर करोड़ों वर्षों तक गर्मी, दबाव तथा रासायनिक क्रियाओं का प्रभाव पड़ता है। इसके फलस्वरूप ये जीवांश पेट्रोलियम में परिवर्तित हो जाते हैं।

भारत में पेट्रोलियम का वितरण- भारत में अधिकांश पेट्रोलियम टरशियरी युग की शैल संरचनाओं के अपनति और भ्रंश ट्रैप में पाया जाता है। पेट्रोलियम सरन्ध्र और अरन्ध्र चट्टानों के बीच भ्रंश ट्रैप में भी पाया जाता है। भारत में पेट्रोलियम उत्पादक प्रमुख क्षेत्र मुम्बई हाई, गुजरातं तथा असम है। अंकलेश्वर गुजरात का सबसे महत्त्वपूर्ण तेल क्षेत्र है। असम भारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक राज्य है। डिग्बोई, नहरकटिया और मोरन-हुगरीजन असम के महत्त्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र हैं। वर्तमान में राजस्थान के बाड़मेर जिले में भी पेट्रोलियम का उत्पादन किया जा रहा है।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 6. 
ऊर्जा संसाधनों में प्राकृतिक गैस के महत्त्व का उल्लेख कीजिए। भारत में इसके वितरण की व्याख्या करते हुए प्रमुख पाइप लाइन की जानकारी दीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक गैस का महत्त्व प्राकृतिक गैस एक महत्त्वपूर्ण स्वच्छ ऊर्जा संसाधन है, जो कि खनिज तेल के साथ अथवा अलग भी पाई जाती है। इसे ऊर्जा के एक साधन के रूप में तथा पेट्रो-रसायन उद्योग के एक औद्योगिक कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। कार्बन-डाई-ऑक्साइड गैस के कम उत्सर्जन के कारण प्राकृतिक गैस को पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है। इसी कारण यह वर्तमान शताब्दी का ईंधन है।

वितरण- भारत में कृष्णा-गोदावरी नदी बेसिन में प्राकृतिक गैस के विशाल भण्डार खोजे गये हैं। पश्चिमी तट के साथ मुम्बई हाई और सन्निद्ध क्षेत्रों को खंभात की खाड़ी में पाए जाने वाले तेल क्षेत्र सम्पूरित करते हैं। अण्डमान-निकोबार द्वीप-समूह में भी महत्त्वपूर्ण क्षेत्र हैं जहाँ प्राकृतिक गैस के विशाल भण्डार ज्ञात किये गये हैं।

प्रमुख पाइप लाइन- भारत में प्राकृतिक गैस की प्रमुख पाइप लाइन हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर (HVJ) गैस पाइप लाइन है। इसकी लम्बाई 1700 किलोमीटर है। यह गैस पाइप लाइन मुम्बई हाई और बसीन को पश्चिमी व उत्तरी भारत के उर्वरक, विद्युत व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ती है। इस धमनी से भारत के गैस उत्पादन को बल मिला है। ऊर्जा व उर्वरक उद्योग प्राकृतिक गैस के प्रमुख प्रयोक्ता हैं । गाड़ियों में तरल ईंधन का सम्पीड़ित प्राकृतिक गैस से प्रतिस्थापन देश में लोकप्रिय हो रहा है। 

प्रश्न 7. 
भूतापीय ऊर्जा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा 
भूतापीय ऊर्जा से क्या आशय है? यह किस प्रकार उत्पन्न की जाती है? भारत में भूतापीय ऊर्जा के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भूतापीय ऊर्जा का अर्थ- पृथ्वी के आन्तरिक भागों से ताप का प्रयोग करके उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।

उत्पत्ति- धरातल के नीचे की तरफ बढ़ती गहराई के साथ पृथ्वी के आन्तरिक भागों के तापमान में वृद्धि हो जाती है। जहाँ भी भू-तापीय प्रवणता अधिक होती है वहाँ कम गहराई पर भी अधिक तापमान पाया जाता है। इस प्रकार के क्षेत्रों में भूमिगत जल चट्टानों से ऊष्मा प्राप्त करके गर्म हो जाता है। यह इतना गर्म हो जाता है कि यह पृथ्वी की सतह की तरफ उठने लगता है और भाप में परिवर्तित हो जाता है। इस भाप का उपयोग टरबाइन चलाने और विद्युत उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।

भारत में भूतापीय ऊर्जा का विकास- भारत में गर्म पानी के सैकड़ों चश्मे हैं जिनका प्रयोग विद्युत उत्पादन में किया जा सकता है। भूतापीय ऊर्जा के दोहन के लिए भारत में दो प्रायोगिक परियोजनाएं शुरू की गई हैं। एक हिमाचल प्रदेश में मणिकरण के निकट पार्वती घाटी में स्थित है तथा दूसरी लद्दाख में पूगा घाटी में स्थित है। 

प्रश्न 8. 
भारत में गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधनों का वर्णन कीजिए।
अथवा 
भारत में प्रमुख गैर-परम्परागत शक्ति के साधन कौन-कौन से हैं? किन्हीं चार का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधनों से अभिप्राय ऐसे ऊर्जा संसाधनों से है जो आधुनिक वैज्ञानिक युग की देन हैं। इनके अन्तर्गत सौर-ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, बायो गैस एवं परमाणु ऊर्जा को सम्मिलित किया जाता है। इनमें परमाणु ऊर्जा को छोड़कर शेष सभी नवीकरणीय हैं।

(1) परमाणु ऊर्जा- परमाणु ऊर्जा अथवा आण्विक ऊर्जा अणुओं की संरचना को बदलने से प्राप्त की जाती है। भारत के झारखंड एवं राजस्थान में मिलने वाले यूरेनियम व थोरियम का प्रयोग परमाणु ऊर्जा के उत्पादन में किया जाता है। भारत में आण्विक ऊर्जा के उत्पादन हेतु तारापुर (महाराष्ट्र), रावतभाटा (राजस्थान), कलपक्कम (तमिलनाडु), नरोरा (उत्तर प्रदेश), काकरापारा (गुजरात) एवं केगा (कर्नाटक) में अणु विद्युत गृहों की स्थापना की गई है।

(2) सौर ऊर्जा- सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त होती है। भारत में सौर ऊर्जा के विकास की असीम सम्भावनाएँ हैं। फोटोवोल्टाइक विधि से धूप को सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जाता है। भारत के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र भुज (गुजरात) के निकट माधापुर में स्थापित किया गया है, जहाँ सौर ऊर्जा से दूध के बड़े बर्तनों को कीटाणुमुक्त किया जाता है।

(3) पवन ऊर्जा- पवन की गति से उत्पन्न ऊर्जा पवन ऊर्जा कहलाती है। पवन ऊर्जा को पवनचक्कियों से प्राप्त किया जाता है। पवन की गतिज ऊर्जा को टरबाइन के माध्यम से विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है। यह पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त एवं ऊर्जा का असमाप्य स्रोत है। भारत में पवन ऊर्जा फार्म की विशालतम पेटी तमिलनाडु में नागरकोइल से मदुरई तक फैली हुई है।
इसके अतिरिक्त आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं लक्षद्वीप में भी महत्त्वपूर्ण पवन ऊर्जा फार्म स्थापित हैं।

(4) बायो गैस- भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में झाड़ियों, कृषि अपशिष्टों, पशुओं और मानवजनित अपशिष्टों के उपयोग से घरेलू उपयोग हेतु बायो गैस उत्पन्न की जाती है। यह गैस जैविक पदार्थों के अपघटन से उत्पन्न होती है। भारत में पशुओं का गोबर प्रयोग करने वाले संयंत्र गोबर गैस संयंत्र के नाम से जाने जाते हैं। ऊर्जा प्राप्ति का यह साधन पर्यावरण को संरक्षित करने वाला है।

(5) भू-तापीय ऊर्जा- पृथ्वी के आंतरिक भागों के ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं। भारत में सैकड़ों गर्म पानी के झरने हैं जिनका विद्युत उत्पादन में प्रयोग किया जा सकता है। भूतापीय ऊर्जा के दोहन के लिए भारत में दो प्रायोगिक परियोजनाएँ प्रारम्भ की गई हैं

  • पार्वती घाटी-मणिकरण (हिमाचल प्रदेश), 
  • पूगा घाटी-लद्दाख (जम्मू-कश्मीर)।

(6) ज्वारीय ऊर्जा- महासागरों में उठने वाली तंरगों का प्रयोग विद्युत उत्पादन में किया जा सकता है। भारत में कच्छ की खाड़ी, खम्भात की खाड़ी तथा पश्चिमी तट पर गुजरात तथा पश्चिम बंगाल में सुंदरवन क्षेत्र में गंगा के डेल्टा में ज्वारीय तरंगों द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करने की आदर्श दशाएँ उपस्थित हैं।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 9. 
ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता तथा उपायों का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता-

  • ऊर्जा सभी क्रियाकलापों के लिए आवश्यक है। खाना पकाने में, रोशनी व ताप के लिए, गाड़ियों के संचालन तथा उद्योगों में मशीनों के संचालन में ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  • आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा एक आधारभूत आवश्यकता है। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्रत्येक सेक्टर-कृषि, उद्योग, परिवहन, वाणिज्य व घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऊर्जा के निवेश की आवश्यकता है।
  • स्वतंत्रता-प्राप्ति के पश्चात् क्रियान्वित आर्थिक विकास की योजनाओं को चालू रखने के लिए ऊर्जा की बड़ी मात्रा की आवश्यकता है।
  • पूरे देश में ऊर्जा के सभी प्रकारों का उपभोग धीरे-धीरे बढ़ रहा है। 

ऊर्जा संरक्षण के उपाय-

  • ऊर्जा के विकास के सतत् पोषणीय मार्ग को विकसित किया जाना चाहिए। ऊर्जा संरक्षण की प्रोन्नति और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का बढ़ता प्रयोग सतत् पोषणीय ऊर्जा के दो आधार हैं।
  • ऊर्जा के सीमित संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग के लिए सावधानीपूर्ण उपागम अपनाना चाहिए। उदाहरणार्थ, एक जागरूक नागरिक के रूप में हम यातायात के लिए निजी वाहन की अपेक्षा सार्वजनिक वाहन का उपयोग करके, जब प्रयोग न हो रही हो तो बिजली बन्द करके विद्युत बचत करने वाले उपकरणों के प्रयोग से तथा गैर पारंपरिक ऊर्जा साधनों के प्रयोग से हम अपना छोटा योगदान दे सकते हैं।
  • ऊर्जा की बचत ही उसका सबसे बड़ा संरक्षण है।
admin_rbse
Last Updated on May 11, 2022, 4:07 p.m.
Published May 11, 2022