Rajasthan Board RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 कृषि Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
कर्तन दहन प्रणाली की कृषि को इण्डोनेशिया में कहा जाता है-
(अ) कोनुको
(ब) रोका
(स) लदांग
(द) मसोले
उत्तर:
(स) लदांग
प्रश्न 2.
निम्न में से कौनसी रोपण फसल नहीं है-
(अ) चाय
(ब) कॉफी
(स) रबड़
(द) गेहूँ
उत्तर:
(द) गेहूँ
प्रश्न 3.
निम्न में से कौनसी 'जायद' की फसल है-
(अ) चावल
(ब) मक्का
(स) तरबूज
(द) बाजरा
उत्तर:
(स) तरबूज
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौनसी अखाद्य फसल है-
(अ) कपास
(ब) गन्ना
(स) चावल
(द) गेहूँ
उत्तर:
(अ) कपास
प्रश्न 5.
निम्न में से खरीफ की फसल है-
(अ) गेहूँ
(ब) बाजरा
(स) जौ
(द) सरसों
उत्तर:
(ब) बाजरा
प्रश्न 6.
विश्व में चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौनसा है?
(अ) भारत
(ब) चीन
(स) अमेरिका
(द) ब्राजील
उत्तर:
(ब) चीन
प्रश्न 7.
निम्न में से कौनसा मोटा अनाज नहीं है?
(अ) ज्वार
(ब) बाजरा
(स) रागी
(द) गेहूं
उत्तर:
(द) गेहूं
प्रश्न 8.
खाद्यान्न व चारा दोनों रूप में प्रयोग होने वाली फसल है-
(अ) मक्का
(ब) चावल
(स) बाजरा
(द) जौ
उत्तर:
(अ) मक्का
प्रश्न 9.
निम्न में से दलहनी फसल कौनसी है?
(अ) सोयाबीन
(ब) रागी
(स) मटर
(द) अलसी
उत्तर:
(स) मटर
प्रश्न 10.
जूट किस प्रकार की फसल है?
(अ) दलहन फसल
(ब) रोपण फसल
(स) रेशेदार
(द) बागवानी फसल
उत्तर:
(स) रेशेदार
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. भारत की दो-तिहाई जनसंख्या ........ कार्यों में संलग्न है।
2. कर्तन दहन प्रणाली को भारत के उत्तर-पूर्वी प्रदेशों में ........ कहा जाता है।
3. ......... विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक तथा उपभोक्ता देश है।
4. हमारे देश में अरेबिका किस्म की ........ पैदा की जाती है।
5. भारत को ......... के पौधे का मूल स्थान माना जाता है।
उत्तरमाला:
1. कृषि
2. झूम
3. भारत
4. कॉफी
5. कपास।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न फसल कौनसी है? इस फसल के दो प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न फसल चावल है। इसके दो प्रमुख उत्पादक राज्य हैं-
प्रश्न 2.
भारत की दो मुख्य पेय फसलों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
भारत में ज्वार और बाजरा के दो-दो प्रमुखं उत्पादक राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
भारत की प्रमुख रेशेदार फसलों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत की प्रमुख रेशेदार फसलों में कपास, जूट, सन एवं प्राकृतिक रेशम प्रमुख हैं।
प्रश्न 5.
भारत में गन्ने का सर्वाधिक उत्पादक राज्य कौनसा है?
उत्तर:
भारत में गन्ने का सर्वाधिक उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है।
प्रश्न 6.
हरियाणा एवं पंजाब राज्यों की वाणिज्यिक फसल का नाम बताइये।
उत्तर:
चावल।
प्रश्न 7.
भारत की प्रमुख रोपण फसलों के नाम बताइये।
उत्तर:
चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना तथा केला।
प्रश्न 8.
उद्योग और कृषि के बीच एक अन्तरापृष्ठ कृषि का नाम बताइये।
उत्तर:
रोपण कृषि।
प्रश्न 9.
भारत की तीन शस्य ऋतुओं के नाम बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 10.
खरीफ की दो फसलों के नाम बताइए।
उत्तर:
खरीफ की प्रमुख फसलें हैं-चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, जूट, कपास आदि। (किन्हीं दो का नाम लिखें)
प्रश्न 11.
भारत में बाजरा उत्पादक प्रमुख राज्य कौनसा है?
उत्तर:
राजस्थान।
प्रश्न 12.
भारत में पैदा की जाने वाली शुष्क प्रदेशों की फसल का नाम बताइये।
उत्तर:
रागी।
प्रश्न 13.
कौनसी फसलों को अन्य फसलों के आवर्तन में बोया जाता है?
उत्तर:
दालों की फसलों को अन्य फसलों के आवर्तन में बोया जाता है।
प्रश्न 14.
प्रारम्भिक जीवन निर्वाह कृषि किस प्रकार की जाती है?
उत्तर:
प्रारम्भिक जीवन निर्वाह कृषि भूमि के छोटे टुकड़ों पर आदिम कृषि औजारों तथा समुदाय के श्रम की सहायता से की जाती है।
प्रश्न 15.
भारत के उन राज्यों के नाम बताइये जहाँ प्रारम्भिक जीवन निर्वाह कृषि को झूम के नाम से जाना जाता है।
उत्तर:
असम, मेघालय और नागालैण्ड।
प्रश्न 16.
वाणिज्यिक कृषि के मुख्य लक्षण बताइये।
उत्तर:
अधिक पैदावार देने वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से उच्च पैदावार प्राप्त करना।
प्रश्न 17.
रोपण कृषि की विशेषता बताइये।
उत्तर:
रोपण कृषि व्यापक क्षेत्र में की जाती है जो कि अत्यधिक पूँजी और श्रमिकों की सहायता से की जाती है।
प्रश्न 18.
रबी की किन्हीं चार फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 19.
गन्ने की फसल तैयार होने में कितना समय लगता है?
उत्तर:
लगभग 1 वर्ष।
प्रश्न 20.
किन्हीं चार तिलहन फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 21.
जायद फसलें क्या होती हैं? उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर:
भारत में रबी और खरीफ फसल ऋतुओं के बीच ग्रीष्म ऋतु में बोई जानी वाली फसल को जायद कहा जाता है।
प्रश्न 22.
भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अनेक प्रकार की खाद्य और अखाद्य फसलें किस कारण उगाई जाती हैं?
उत्तर:
भारत में मिट्टी, जलवायु और कृषि पद्धति में अन्तर के कारण विभिन्न क्षेत्रों में अनेक प्रकार की खाद्य और अखाद्य फसलें उगाई जाती हैं।
प्रश्न 23.
भारत में गेहूं की फसल उत्पादित करने वाले दो प्रमुख क्षेत्रों के नाम बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 24.
भारत में कपास उत्पादक दो प्रमुख राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 25.
वर्तमान समय में जूट की किस कारण से माँग कम हो रही है?
उत्तर:
जूट की उच्च लागत और कृत्रिम रेशों तथा नाइलोन की कीमत कम होने के कारण।
प्रश्न 26.
स्वतंत्रता के पश्चात् भारत में संस्थागत सुधार लाने के लिए किसे प्राथमिकता प्रदान की गई?
उत्तर:
भारत में संस्थागत सुधार लाने के लिए जोतों की चकबन्दी, सहकारिता तथा जमींदारी को समाप्त करने को प्राथमिकता दी गई।
प्रश्न 27.
भारत में किस फसल को सुनहरा रेशा कहा जाता है?
उत्तर:
भारत में जूट की फसल को सुनहरा रेशा कहा जाता है।
प्रश्न 28.
कार्बनिक कृषि क्या है?
उत्तर:
रासायनिक पदार्थों के प्रयोग के बिना केवल जैविक खादों के प्रयोग से की गई कृषि, कार्बनिक कृषि कहलाती है।
प्रश्न 29.
भूदान से क्या अभिप्राय है? यह कार्यक्रम किसकी देन है?
उत्तर:
भूमिहीन गरीब किसानों के लिए भूमि दान में देना भूदान कहलाता है। यह कार्यक्रम विनोबा भावे की देन है।
प्रश्न 30.
रेशम किस प्रकार प्राप्त होता है?
उत्तर:
रेशम उत्पादन के लिए रेशम के कीड़ों का पालन करना रेशम उत्पादन कहलाता है।
प्रश्न 31.
जूट से कौन-कौनसी वस्तुएँ बनाई जाती हैं? बताइये।
उत्तर:
जूट का प्रयोग बोरियाँ, चटाई, रस्सी, तंतु व धागे, गलीचे और दूसरी दस्तकारी की वस्तुएँ बनाने में किया जाता है।
प्रश्न 32.
'जननिक इंजीनियरी' का क्या महत्व है?
उत्तर:
'जननिक इंजीनियरी' जीन क्रांति में सम्मिलित है। यह बीजों की नई संकर किस्मों का आविष्कार करने में शक्तिशाली पूरक के रूप में जानी जाती है।
प्रश्न 33.
किन्हीं दो बायो-डीजल फसलों के नाम बताइये।
उत्तर:
लघूत्तरात्मक प्रश्न (Type-I)
प्रश्न 1.
गेहूँ की खेती के लिए भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि तथा वाणिज्यिक कृषि की तुलना कीजिए।
उत्तर:
प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि |
वाणिज्यिक कृषि |
प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि भूमि के छोटे टुकड़ों पर आदिम कृषि औजारों जैसे लकड़ी के हल, डाओ (dao) और खुदाई करने वाली छड़ी तथा परिवार अथवा समुदाय श्रम की मदद से की जाती है। |
वाणिज्यिक कृषि आधुनिक निवेशों, जैसे-अधिक पैदावार देने वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों के प्रयोग द्वारा की जाती है। |
प्रश्न 3.
गहन जीविका कषि से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गहन जीविका कृषि श्रम-गहन खेती है। इसमें अधिक उत्पादन के लिए अधिक मात्रा में जैव-रासायनिक निवेशों और सिंचाई का प्रयोग किया जाता है। यह उन क्षेत्रों में की जाती है जहाँ भूमि पर जनसंख्या का दबाव अधिक होता है।
प्रश्न 4.
भारत में कृषि का योगदान एवं महत्त्व का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
भारत में कृषि का योगदान एवं महत्त्व-
प्रश्न 5.
रोपण कृषि की कोई तीन प्रमुख विशेषताएँ बताइये तथा मुख्य रोपण फसलों के नाम बताइये।
उत्तर:
रोपण कृषि की तीन प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 6.
भारत में रबी की शस्य ऋतु के दो प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
प्रश्न 7.
भारत में खरीफ की शस्य ऋतु की दो मुख्य विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 8.
चावल की कृषि का वर्णन निम्न बिन्दुओं के आधार पर कीजिए-
(i) जलवायु
(ii) उत्पादक क्षेत्र।
उत्तर:
(i) जलवायु- चावल को उगाने के लिए उच्च तापमान (25° सेल्सियस से ऊपर) और अधिक आर्द्रता (100 सेमी. से अधिक) की आवश्यकता होती है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में इसे सिंचाई करके उगाया जाता है।
(ii) उत्पादक क्षेत्र- चावल उत्तर और उत्तर-पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों तथा डेल्टाई प्रदेशों में उगाया जाता है। नहरों के जाल और नलकूपों की सघनता के कारण पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ कम वर्षा वाले क्षेत्रों में चावल की फ़सल उगाना संभव हो पाया है।
प्रश्न 9.
रागी की फसल का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रागी एक मोटा अनाज है। रागी शुष्क प्रदेशों की फसल है और यह लाल, काली, बलुआ, दोमट और उथली काली मिट्टी पर अच्छी तरह उगायी जाती है। रागी के प्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम, झारखंड और अरुणाचल प्रदेश हैं।
प्रश्न 10.
किन कारणों से देश के लगभग सभी स्थानों पर चावल उत्पादन में अच्छे परिणामों के साथ सफलता मिली है? चार कारकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
चावल उत्पादन में सब जगह सफलता के कारण-
प्रश्न 11.
वैश्वीकरण के तहत भारतीय किसानों को कौन-कौनसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
वैश्वीकरण के तहत भारतीय कृषि विश्व के विकसित देशों से स्पर्धा करने में असमर्थ है क्योंकि विकसित देशों में कृषि को अत्यधिक सहायिकी अर्थात् सब्सिडी दी जाती है। यही कारण है कि विश्व बाजार में ये देश अपने कृषि उत्पादों को कम मूल्य पर बेचते हैं। दूसरे, छोटे और सीमान्त किसानों की स्थिति और बिगड़ गई है।
प्रश्न 12.
भारत में किसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के क्या दुष्परिणाम हुए हैं? बताइये।
उत्तर:
किसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध करवाने के कारण जल-सघन फसलें उगाने के लिए पंजाब और महाराष्ट्र के किसानों को सिंचाई के लिए अधिकाधिक भूमिगत जल पम्पों की सहायता से निकालने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे भूमिगत जल भण्डार में जल का भण्डारण कम होता जा रहा है। परिणामस्वरूप अनेक कुएँ और नलकूप सूख गये हैं।
प्रश्न 13.
पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव के लिए किस प्रकार की कृषि का सुझाव देंगे और क्यों?
उत्तर:
पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव के लिए हम कार्बनिक कृषि का सुझाव देंगे क्योंकि यह उर्वरकों तथा कीटनाशकों जैसे कारखानों में निर्मित रसायनों के बिना की जाती है। इसलिए पर्यावरण पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
प्रश्न 14.
कर्तन दहन प्रणाली (slash and burn) कृषि के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
यह कृषि जंगलों में निवास करने वाले आदिवासी एवं पिछड़ी जातियों द्वारा की जाती है। इसमें वनों को जलाकर भूमि साफ करके, दो-तीन वर्षों तक कृषि की जाती है और जब मिट्टी की उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती है तो उस भूमि को छोड़कर यही प्रक्रिया दूसरे क्षेत्रों में अपनाई जाती है। इसे स्थानान्तरित कृषि के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न 15.
कर्तन दहन प्रणाली कृषि को विश्व के विभिन्न भागों में किन-किन नामों से जाना जाता है?
उत्तर:
'कर्तन दहन प्रणाली' (slash and burn) कृषि को मैक्सिको और मध्य अमेरिका में 'मिल्पा', वेनेजुएला में 'कोनुको', ब्राजील में 'रोका', मध्य अफ्रीका में 'मसोले', इंडोनेशिया में 'लदांग' और वियतनाम में 'रे' के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 16.
कपास के उत्पादन के लिए कोई चार आवश्यक दशाएँ बतलाइए।
उत्तर:
प्रश्न 17.
जूट के उत्पादन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ एवं जूट का उपयोग बताइए।
उत्तर:
उत्पादन परिस्थितियाँ:
उपयोग:
प्रश्न 18.
'कर्तन दहन प्रणाली' (slash and burn) कृषि को भारत के विभिन्न भागों में किन नामों से जाना जाता है?
उत्तर:
'कर्तन दहन प्रणाली' कृषि को भारत में अनेक नामों से जाना जाता है। इसे मध्य प्रदेश में 'बेबर' या 'दहिया', आंध्रप्रदेश में 'पोड़' अथवा 'पेंडा', उड़ीसा में 'पामाडाबी' या 'कोमान' या 'बरीगाँ', पश्चिम घाट में 'कुमारी', दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में 'वालरे' या 'वाल्टरे', हिमालयन क्षेत्र में 'खिल', झारखंड में 'कुरुवा' और उत्तरपूर्वी प्रदेशों में 'झूम' के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 19.
तिलहन के रूप में मूंगफली की फसल का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मूंगफली-मूंगफली एक प्रमुख तिलहन फसल है। यह खरीफ की फसल है तथा देश में मुख्य तिलहनों के कुल उत्पादन का आधा भाग इसी फसल से प्राप्त होता है। 2016-17 के अनुसार गुजरात मूंगफली का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है और इसके अतिरिक्त राजस्थान और आंध्रप्रदेश दूसरे मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
प्रश्न 20.
भारत में कॉफी की फसल की मुख्य बातें बताइए।
उत्तर:
कॉफी-भारतीय कॉफी की गुणवत्ता विश्वविख्यात है। यहाँ अरेबिका किस्म की कॉफी पैदा की जाती है जो आरम्भ में यमन से लाई गई थी। इसकी कृषि की शुरुआत बाबा बूदन पहाड़ियों से हुई और आज भी इसकी खेती नीलगिरि की पहाड़ियों के आसपास कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में की जाती है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न (Type-II)
प्रश्न 1.
देश के कुछ भागों में आज भी आत्म निर्वाह कृषि क्यों की जाती है? चार कारण दीजिए।
उत्तर:
आत्म निर्वाह कृषि आज भी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश तथा उड़ीसा के वनीय क्षेत्र व अन्य पर्वतीय क्षेत्रों, अंडमान निकोबर द्वीप समूह में की जाती है।
आत्म निर्वाह कृषि किये जाने के कारण-
प्रश्न 2.
सरकार द्वारा देश में कृषि निवेशों पर दी जाने वाली रियायत अर्थात् सब्सिडी के क्या दुष्परिणाम हुए हैं?
उत्तर:
भारत में सरकार द्वारा किसानों को कृषि निवेशों पर दी जाने वाली रियायतों के निम्नलिखित दुष्परिणाम सामने आये हैं-
प्रश्न 3.
भारत में चाय को छोड़कर उगायी जाने वाली दो रोपण (बागानी) फसलों के नाम लिखो। गन्ना विशेषतः उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है। तीन कारण दीजिए।
उत्तर:
चाय के अलावा भारत में उगाई जाने वाली दो मुख्य रोपण (बागानी) फसलें हैं-
उत्तर प्रदेश में गन्ना उगाये जाने के तीन प्रमुख कारण ये हैं-
प्रश्न 4.
भारत में दालों की कृषि का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
भारत विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक एवं उपभोक्ता देश है। अरहर, उड़द, मूंग, मसूर, मटर तथा चना भारत की प्रमुख दलहनी फसलें हैं। दालों को कम नमी की आवश्यकता होती है। इस कारण इनकी कृषि शुष्क परिस्थितियों में भी की जा सकती है। फलीदार फसलें होने के कारण अरहर के अलावा अन्य सभी दालें वायु से नाइट्रोजन लेकर भूमि के उपजाऊपन को बनाए रखती हैं। इसी कारण इन फसलों को प्रायः फसलों के आवर्तन अर्थात् फसल-चक्र में बोया जाता है। शाकाहारी भोजन में दालों में सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है।
भारत में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक दालों के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
प्रश्न 5.
भारत में मक्का की कृषि का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
मक्का-भारत में खरीफ की फसलों के अन्तर्गत मक्का की कृषि की जाती है। बिहार जैसे कुछ राज्यों में मक्का रबी की ऋतु में भी उगाई जाती है। यह खाद्यान्न व चारा दोनों रूपों में काम में आती है।
भौगोलिक परिस्थितियाँ-मक्का की फसल के लिए 21° सेल्शियस से 27° सेल्शियस तापमान की आवश्यकता होती है तथा प्राचीन जलोढ़ मिट्टी में इसकी फसल अच्छी प्रकार से पैदा की जाती है।
उत्पादन देश में आधुनिक प्रौद्योगिक निवेशों, जैसे-उच्च पैदावार देने वाले बीजों, उर्वरकों और सिंचाई के उपयोग से मक्का का उत्पादन बढ़ा है। कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, बिहार, आन्ध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश देश में मक्का के मुख्य . उत्पादक राज्य हैं।
प्रश्न 6.
रबी एवं खरीफ फसलों में प्रमुख अन्तर बताइए।
उत्तर:
रबी एवं खरीफ फसलों में अन्तर
रबी फसल |
खरीफ फसल |
1. रबी फसलों की बुआई शीत ऋतु में अक्टूबर से दिसम्बर के मध्य की जाती है। |
1. खरीफ फसलें मानसून के आगमन के साथ ही जून-जुलाई के महीनों में बोई जाती हैं। |
2. इन्हें ग्रीष्म ऋतु में अप्रैल से जून माह के मध्य काट लिया जाता है। |
2. इन फसलों को शीत ऋतु के प्रारम्भ होने से पूर्व ही सितम्बर-अक्टूबर माह में काट लिया जाता है। |
3. गेहूँ, जौ, चना, मटर व सरसों आदि प्रमुख रबी फसलें हैं। |
3. चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, दालें आदि प्रमुख खरीफ फसलें हैं। |
प्रश्न 7.
मोटे अनाज पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मोटे अनाज-भारत में उगाए जाने वाले मुख्य मोटे अनाज ज्वार, बाजरा और रागी हैं। हालांकि इन्हें मोटा अनाज कहा जाता है परन्तु इनमें पोषक तत्वों की मात्रा अत्यधिक होती है। ज्वार-क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से ज्वार देश की तीसरी महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। यह फसल वर्षा पर निर्भर होती है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश इसके अन्य मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
बाजरा-बाजरा बलुआ और उथली काली मिट्टी पर उगाया जाता है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
रागी-रागी शुष्क प्रदेशों की फसल है और यह लाल, काली, बलुआ, दोमट और उथली काली मिट्टी पर अच्छी तरह उगाई जाती है। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम, झारखंड और अरुणाचल प्रदेश रागी के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
प्रश्न 8.
भारत में तिलहन की फसल के प्रमुख बिन्दु लिखिए।
उत्तर:
तिलहन-भारत में तिलहन के प्रमुख बिन्दु निम्न प्रकार हैं-
प्रश्न 9.
भारत में बागवानी फसलों के बारे में बताइये।
उत्तर:
भारत में बागवानी फसलों का वर्णन निम्न बिन्दुओं में स्पष्ट है-
प्रश्न 10.
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत में कृषि क्षेत्र में किये गये प्रमुख सुधारों को लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 11.
भूदान तथा ग्रामदान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भूदान तथा ग्रामदान-भूदान तथा ग्रामदान आन्दोलन विनोबा भावे द्वारा चलाया गया था। विनोबा भावे एक बार जब आंध्र प्रदेश के एक गाँव पोचमपल्ली में बोल रहे थे तो कुछ भूमिहीन गरीब ग्रामीणों ने उनसे अपने आर्थिक भरण-पोषण के लिए कुछ भूमि माँगी। विनोबा भावे ने उनको आश्वासन दिया कि यदि वे सहकारी खेती करें तो वे भारत सरकार से बात करके उनके लिए जमीन मुहैया करवाएंगे।
अचानक श्री रामचन्द्र रेड्डी नामक एक महानुभाव उठ खड़े हुए और उन्होंने 80 भूमिहीन ग्रामीणों को 80 एकड़ भूमि बाँटने की पेशकश की। इसे 'भूदान' के नाम से जाना गया। बाद में विनोबा भावे ने पूरे देश में यात्राएँ की और अपना यह विचार पूरे भारत में फैलाया । कुछ जमींदारों ने, जो अनेक गाँवों के मालिक थे, भूमिहीनों को पूरा गाँव देने की पेशकश भी की। इसे 'ग्रामदान' कहा गया। कुछ जमींदारों ने भूमि सीमा कानून से बचने के लिए अपनी भूमि का एक हिस्सा दान किया था।
विनोबा भावे द्वारा शुरू किए गए इस भूदान-ग्रामदान आंदोलन को 'रक्तहीन क्रान्ति' का भी नाम दिया गया। प्रश्न 12. भारत में खाद्यान्नों के उत्पादन में आई गिरावट के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर भारत में खाद्यान्नों के उत्पादन में गिरावट के कारण-
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में कृषि के प्रमुख प्रकार बताइये। प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
भारत में कृषि के प्रमुख प्रकार-भारत में प्रमुख रूप से निम्नलिखित प्रकार की कृषि की जाती है-
प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि की प्रमुख विशेषताएँ-प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 2.
भारत में गहन जीविका कृषि तथा वाणिज्यिक कृषि की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
गहन जीविका कृषि की प्रमुख विशेषताएँ-भारत में की जाने वाली गहन जीविका कृषि की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
वाणिज्यिक कृषि की प्रमुख विशेषताएँ-भारत में की जाने वाली वाणिज्यिक कृषि की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 3.
भारत के शस्य प्रारूप पर एक भौगोलिक निबंध लिखिए।
उत्तर:
भारत का शस्य प्रारूप भारत में निम्नलिखित तीन प्रमुख शस्य ऋतुएँ हैं-
(1) रबी की शस्य ऋतु-भारत में रबी की फसलों को शीत ऋतु में अक्टूबर से दिसम्बर के मध्य बोया जाता है और ग्रीष्म ऋतु में अप्रैल से जून के मध्य काटा जाता है। शीत ऋतु में शीतोष्ण पश्चिमी विक्षोभों से होने वाली वर्षा से इस ऋतु की फसलों को बहुत लाभ मिलता है।
प्रमुख फसलें- भारत में रबी की फसलों के अन्तर्गत बोई जाने वाली प्रमुख फसलों में गेहूँ, जौ, मटर, चना और सरसों हैं।
प्रमुख क्षेत्र- भारत में रबी की फसलें देश के विस्तृत भाग में बोई जाती हैं। उत्तर और उत्तरी-पश्चिमी राज्य, यथा-पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखण्ड और उत्तरप्रदेश गेहूँ और रबी की अन्य फसलों के उत्पादन के लिए महत्त्वपूर्ण राज्य हैं।
(2) खरीफ की शस्य ऋतु- भारत में खरीफ की फसलों को देश के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून के आगमन के साथ बोया जाता है तथा सितम्बर-अक्टूबर में काट लिया जाता है।
प्रमुख फसलें व क्षेत्र- भारत में खरीफ की फसलों के अन्तर्गत चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, जूट, मूंगफली और सोयाबीन आदि फसलों को बोया जाता है। चावल की कृषि मुख्य रूप से असम, पश्चिमी बंगाल, उड़ीसा, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र में विशेष रूप से कोंकण तटीय क्षेत्रों, उत्तरप्रदेश और बिहार में की जाती है।
(3) जायद की शस्य ऋतु- भारत में रबी और खरीफ की फसल ऋतुओं के मध्य ग्रीष्म ऋतु में बोई जाने वाली फसल को जायद के नाम से जाना जाता है।
प्रमुख फसलें- भारत में जायद ऋतु में मुख्य रूप से तरबूज, खरबूजे, खीरे, सब्जियों तथा चारे की फसलों की खेती की जाती है।
प्रश्न 4.
भारत में पैदा की जाने वाली प्रमुख खाद्यान्न फसलों का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
प्रमुख खाद्यान्न फसलें भारत में पैदा की जाने वाली प्रमुख खाद्यान्न फसलें निम्नलिखित हैं-
(1) चावल-भारत में अधिकांश जनसंख्या का खाद्यान्न चावल है। भारत विश्व का दूसरा वृहद्तम चावल उत्पादक देश है। यह खरीफ की फसल है। भारत में चावल उत्तर और उत्तर-पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों और डेल्टाई प्रदेशों में उगाया जाता है । नहरों के जाल तथा नलकूपों की सघनता के कारण पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तरप्रदेश तथा राजस्थान में भी चावल पैदा किया जाता है।
(2) गेहूँ-गेहूँ भारत की दूसरी महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है जो कि देश के उत्तर और उत्तर-पश्चिमी भागों में पैदा की जाती है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान तथा मध्यप्रदेश के कुछ भाग गेहूँ पैदा करने वाले मुख्य राज्य हैं।
(3) ज्वार-क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से ज्वार देश की तीसरी महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। भारत में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश ज्वार उत्पादक मुख्य राज्य हैं।
(4) बाजरा-राजस्थान बाजरा उत्पादित करने वाला सबसे बड़ा राज्य है। उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा अन्य उत्पादक राज्य हैं।
(5.) रागी-रागी शुष्क प्रदेशों की फसल है। कर्नाटक, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम, झारखण्ड तथा अरुणाचल प्रदेश देश में रागी उत्पादक प्रमुख राज्य हैं।
(6) मक्का-यह खरीफ की फसल है। कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, आन्ध्रप्रदेश तथा मध्यप्रदेश प्रमुख मक्का उत्पादक राज्य हैं।
(7) दालें भारत विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक तथा उपभोक्ता देश है। अरहर, उड़द, मूंग, मसूर, मटर और चना भारत की मुख्य दलहनी फसलें हैं। इन फसलों को आमतौर पर अन्य फसलों के आवर्तन में बोया जाता है। भारत में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक दालों के मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
प्रश्न 5.
भारत में उत्पादित की जाने वाली प्रमुख अखाद्य फसलों का विवेचन कीजिये।
उत्तर:
प्रमुख अखाद्य फसलें भारत में उत्पादित की जाने वाली प्रमुख अखाद्य फसलें निम्नलिखित हैं-
(1) रबड़ रबड़ भूमध्यरेखीय क्षेत्र की फसल है लेकिन विशेष परिस्थितियों में उष्ण और उपोष्ण क्षेत्रों में भी उगाई जाती है। रबड़ एक महत्त्वपूर्ण कच्चा माल है जो कि उद्योगों में प्रयुक्त होता है। इसे मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह और मेघालय में गारो पहाड़ियों में उगाया जाता है। प्राकृतिक रबड़ के उत्पादन में भारत का विश्व में पांचवां स्थान है।
(2) कपास वर्ष 2016 के उत्पादन के अनुसार कपास के उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। दक्कन के पठार के शुष्कतर भागों में काली मिट्टी कपास उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा और उत्तरप्रदेश देश में कपास के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
(3) जूट-जूट को सुनहरा रेशा कहा जाता है। जूट की फसल बाढ़ के मैदानों में जल निकास वाली उपजाऊ मिट्टी में उगाई जाती है जहाँ प्रतिवर्ष बाढ़ से आई नवीन मिट्टी जमा होती रहती है। भारत में पश्चिमी बंगाल, बिहार, असम, उड़ीसा तथा मेघालय जूट उत्पादक प्रमुख राज्य हैं।
(4) रेशम रेशम के कीड़े से कोकून प्राप्त होता है जो कि मलबरी पेड़ की हरी पत्तियों पर पाला जाता है। रेशम उत्पादन के लिए रेशम के कीड़ों का पालन रेशम उत्पादन कहलाता है।
प्रश्न 6.
भारत में खाद्यान्नों के अलावा उत्पादित की जाने वाली अन्य खाद्य फसलों का विवेचन कीजिये।
उत्तर:
भारत में खाद्यान्नों के अलावा अन्य खाद्य फसलें भारत में उत्पादित की जाने वाली खाद्यान्नों के अलावा अन्य खाद्य फसलें निम्नलिखित हैं- (1) गन्ना गन्ना एक उष्ण और उपोष्ण कटिबन्धीय फसल है। गन्ने के उत्पादन की दृष्टि से भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। यह चीनी, गुड़, खांडसारी और शीरा बनाने के काम में आता है। भारत में उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा गन्ना के मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
(2) तिलहन - वर्ष 2016 में भारत विश्व में चीन के बाद दूसरा बड़ा तिलहन उत्पादक देश है। मूंगफली, सरसों, नारियल, तिल, सोयाबीन, अरण्डी, बिनौला, अलसी और सूरजमुखी भारत में पैदा की जाने वाली मुख्य तिलहन फसलें हैं । आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात तथा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान प्रमुख तिलहन उत्पादक राज्य
(3) कॉफी-भारतीय कॉफी अपनी गुणवत्ता के लिए विश्वविख्यात है। यहाँ अरेबिका किस्म की कॉफी पैदा की जाती है, जो कि शुरू में यमन से यहाँ लाई गई थी। वर्तमान समय में इसकी कृषि नीलगिरि की पहाड़ियों के आसपास कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में की जाती है।
(4) चाय-भारत में चाय की कृषि पेय पदार्थ के रूप में की जाती है। वर्तमान समय में अधिकांश चाय बागानों के मालिक भारतीय हैं। भारत में असम, पश्चिमी बंगाल में दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों की पहाड़ियाँ, तमिलनाडु, केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, मेघालय, आन्ध्रप्रदेश और त्रिपुरा आदि चाय उत्पादक राज्य हैं।
(5) बागवानी फसलें सन् 2016 के अनुसार भारत विश्व में चीन के बाद सबसे अधिक फलों और सब्जियों का उत्पादन करता है। यहाँ उष्ण और शीतोष्ण कटिबंधीय दोनों ही प्रकार के फल उत्पादित किए जाते हैं। भारतीय फलों में आम, सन्तरे, केला, लीची, अनन्नास, अंगूर, सेब, नाशपाती, खूबानी और अखरोट प्रमुख हैं। यहाँ मटर, फूलगोभी, . प्याज, बन्द गोभी, टमाटर, बैंगन और आलू प्रमुख रूप से उत्पादित किए जाते हैं।
प्रश्न 7.
भारत में कृषि का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और उत्पादन में योगदान का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
भारत में कृषि के राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और उत्पादन में योगदान का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है
(1) अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होना-भारत में कृषि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। यह देश की लगभग 52 प्रतिशत जनसंख्या के लिए रोजगार और आजीविका का साधन है। कृषि का सकल घरेलू उत्पाद में घटता अंश गंभीर चिन्ता का विषय है।
(2) कृषि का आधुनिकीकरण-कृषि के महत्व को देखते हुए भारत सरकार ने कृषि के आधुनिकीकरण के लिए भरसक प्रयास किए हैं। भारतीय कृषि में सुधार के लिए भारतीय कृषि, अनुसंधान परिषद् व कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना, पशु चिकित्सा सेवाएँ और पशु प्रजनन केन्द्र की स्थापना, बागवानी विकास, मौसम विज्ञान और मौसम के पूर्वानुमान के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को वरीयता प्रदान की गई है।
(3) कषि में घटता रोजगार एवं उत्पादन विगत वर्षों में देश में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हुई है लेकिन इससे देश में पर्याप्त मात्रा व रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। देश में वर्ष 2013-14 में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 4.2 प्रतिशत था जो कि 2014-15 में -0.2 प्रतिशत तथा 2015-16 में 1.1 प्रतिशत अनुमानित था। वर्तमान समय में भारतीय किसान को अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा से एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ स्हा है तथा देश की सरकार कृषि सेक्टर में विशेष रूप से सिंचाई, ऊर्जा, ग्रामीण सड़कों, मंडियों और यंत्रीकरण में सार्वजनिक पूँजी के निवेश को कम करती जा रही है। रासायनिक खादों पर सब्सिडी कम करने से उत्पादन लागत में वृद्धि हो रही है। इसके अलावा कृषि उत्पादों पर आयात कर घटाने से भी देश में कृषि पर हानिकारक प्रभाव पड़ा है। किसान कृषि में पूँजी निवेश कम कर रहे हैं जिसके कारण कृषि में रोजगार कम हो रहे हैं। .
प्रश्न 8.
चाय की उपज के लिए अनुकूल तापमान और वर्षा एवं अन्य दशाओं को स्पष्ट कीजिए। चाय उत्पादक प्रमुख राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर:
चाय-चाय रोपण कृषि से प्राप्त एक पेय पदार्थ है। भारत का चाय के उत्पादन में विश्व में पहला स्थान है।
तापमान तथा वर्षा-चाय की पैदावार के लिए उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है। इसकी कृषि के लिए आई और लम्बी अवधि वाली ग्रीष्म ऋतु चाहिए। चाय की झाड़ियों को उगाने के लिए वर्ष भर कोष्ण, नम और पालारहित जलवायु की आवश्यकता होती है। 200 से 250 सेमी. वर्षा इसके लिए आवश्यक होती है। वर्षा का फुहार के रूप में होना और वर्षभर होना अधिक लाभदायक होता है। इसके लिए ह्यूमस और जीवांशयुक्त गहरी मिट्टी तथा सुगम जल निकास वाले ढलवाँ क्षेत्र उपयुक्त हैं।
अन्य दशाएँ-चाय में श्रम की अत्यधिक आवश्यकता होती है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में सस्ता और कुशल श्रम आवश्यक होता है। इसकी ताजगी बनाये रखने के लिए चाय की पत्तियाँ बागान में ही संसाधित की जाती है।
प्रमुख राज्य-भारत में असम, पश्चिमी बंगाल (दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों की पहाड़ियाँ), तमिलनाडु, केरल, मेघालय और त्रिपुरा आदि प्रमुख चाय उत्पादक राज्य हैं।
प्रश्न 9.
भारतीय कृषि को सक्षम और लाभदायक बनाने हेतु क्या किया जाना चाहिए?
उत्तर:
भारतीय कृषि को सक्षम और लाभदायक बनाने हेतु निम्न बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए-