Rajasthan Board RBSE Class 10 Social Science Important Questions Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
नेपाल में लोकतन्त्र कायम हुआ-
(अ) 1950 के दशक में
(ब) 1970 के दशक में
(स) 1980 के दशक में
(द) 1990 के दशक में।
उत्तर:
(द) 1990 के दशक में।
प्रश्न 2.
बोलिविया में जल-युद्ध क्यों शुरू हुआ-
(अ) देश की निर्धनता के कारण
(ब) पानी की दरें चौगुनी बढ़ाये जाने के कारण
(स) पुलिस के अत्याचारों के कारण
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(ब) पानी की दरें चौगुनी बढ़ाये जाने के कारण
प्रश्न 3.
सन् 2006 के अप्रेल माह में नेपाल में चले आन्दोलन का लक्ष्य था-
(अ) लोकतन्त्र को स्थापित करना
(ब) पानी की दरें कम करना
(स) सरकार की विशेष नीति का विरोध करना
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(अ) लोकतन्त्र को स्थापित करना
प्रश्न 4.
'नेपाल में लोकतन्त्र के लिए चले संघर्ष' और 'बोलिविया के जल-युद्ध' दोनों के सन्दर्भ में निम्न में से कौनसा कथन सही है-
(अ) दोनों राजनीतिक संघर्ष के उदाहरण हैं।
(ब) दोनों में राजनीतिक संगठनों की भूमिका निर्णायक रही।
(स) दोनों में जनता बड़े पैमाने पर लामबंद हुई।
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 5.
निम्न में से जो वर्ग-विशेष के हित-समूह का उदाहरण नहीं है, वह है-
(अ) मजदूर संगठन
(ब) मानवाधिकार संगठन
(स) व्यावसायिक संघ
(द) पेशेवरों के संगठन।
उत्तर:
(ब) मानवाधिकार संगठन
प्रश्न 6.
बोलिविया के जल आन्दोलन का नेतृत्व किसने किया था?
(अ) सेवन पार्टी अलायंस ने
(ब) बामसेफ (BAMCEF) ने
(स) फेडेकोर (FEDECOR) ने
(द) नेशनल अलायंस फार पीपल्स मूवमैन्ट ने
उत्तर:
(स) फेडेकोर (FEDECOR) ने
प्रश्न 7.
निम्न में जन आन्दोलन का उदाहरण है-
(अ) शराब विरोधी आन्दोलन
(ब) पर्यावरण आन्दोलन
(स) नर्मदा बचाओ आन्दोलन
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 8.
सरदार सरोवर बाँध किस नदी पर बनाया जा रहा है?
(अ) गंगा
(ब) ब्रह्मपुत्र
(स) नर्मदा
(द) कृष्णा।
उत्तर:
(स) नर्मदा
प्रश्न 9.
भारत में सूचना का अधिकार अधिनियम कब पारित हुआ?
(अ) सन् 2000 में
(ब) सन् 2005 में
(स) सन् 2014 में
(द) सन् 2019 में।
उत्तर:
(ब) सन् 2005 में
प्रश्न 10.
दबाव समूह और आन्दोलन अपने लक्ष्यों तथा गतिविधियों को चलाने के लिए कौनसा तरीका अपनाते हैं?
(अ) सूचना अभियान चलाना
(ब) अर्जी दायर करना
(स) हड़ताल करना
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. ....... में अमूमन हितों और नजरियों का टकराव चलता रहता है।
2. सन् 2015 में ......... में एक नये संविधान को अपनाया गया।
3. .......... का निर्माण तब होता है जब समान पेशे, हित, आकांक्षा अथवा मत के लोग एक समान उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एकजुट होते हैं।
4. दबाव-समूहों के विपरीत आन्दोलनों में संगठन ......... होता है।
5. दबाव समूह और आन्दोलन .......... में सीधे भाग नहीं लेते हैं।
उत्तरमाला:
1. लोकतंत्र
2. नेपाल
3. दबाव समूह
4. ढीला-ढाला
5. दलीय राजनीति।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नेपाल में लोकतंत्र कब कायम हुआ?
उत्तर:
नेपाल में लोकतंत्र 1990 के दशक में कायम हुआ।
प्रश्न 2.
नेपाल का अंतिम राजा कौन था?
उत्तर:
नेपाल का अन्तिम राजा वीरेन्द्र था।
प्रश्न 3.
मानवाधिकार संगठन किसका प्रतिनिधित्व करता है?
उत्तर:
यह संगठन सर्व-सामान्य हितों का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रश्न 4.
बोलिविया में जल युद्ध होने का क्या कारण था?
उत्तर:
बोलिविया में पानी की दरें चौगुनी बढ़ाये जाने के कारण जल युद्ध हुआ।
प्रश्न 5.
बोलिविया जलयुद्ध का क्या परिणाम निकला?
उत्तर:
बोलिविया सरकार ने बहुराष्ट्रीय कम्पनी के साथ करार को रद्द कर दिया तथा जलापूर्ति पुनः नगरपालिका को सौंपकर पुरानी दरें कायम कर दी गईं।
प्रश्न 6.
नेपाल के किस जन आन्दोलन को लोकतंत्र का दूसरा आन्दोलन कहा जाता है?
उत्तर:
अप्रेल, 2006 में नेपाल की जनता के लोकतंत्र बचाओ आन्दोलन को लोकतंत्र का दूसरा आन्दोलन कहा जाता है।
प्रश्न 7.
लोकतन्त्र की तीसरी लहर के देश कौनसे थे?
उत्तर:
जिन देशों में लोकतन्त्र 1990 के दशक में कायम हुआ, वे देश 'लोकतन्त्र की तीसरी लहर' के अन्तर्गत आते हैं।
प्रश्न 8.
नेपाल के अप्रैल, 2006 के आन्दोलन की क्या माँगें थीं?
उत्तर:
इस आन्दोलन की मुख्य माँगें थीं-
प्रश्न 9.
नेपाल में हुए 2006 के आन्दोलन को क्या कहा गया?
उत्तर:
नेपाल में हुए 2006 के आन्दोलन को 'लोकतन्त्र के लिए दूसरा आन्दोलन' कहा गया।
प्रश्न 10.
बोलिविया की हड़ताल में कौन शामिल थे?
उत्तर:
बोलिविया की हड़ताल में श्रमिक, मानवाधिकार कार्यकर्ता तथा सामुदायिक नेता शामिल थे।
प्रश्न 11.
सेवेन पार्टी अलायंस क्या था?
उत्तर:
नेपाल के सभी सात बड़े राजनीतिक दलों ने मिलकर लोकतंत्र की स्थापना के लिए जो गठबंधन बनाया। गया, वह सेवेन पार्टी अलायंस कहा गया।
प्रश्न 12.
नेपाल और बोलिविया के जन-आन्दोलनों में प्रमुख अन्तर क्या था?
उत्तर:
बोलिविया का जन-आन्दोलन सरकार की एक विशेष नीति के खिलाफ था जबकि नेपाल का जन-संघर्ष लोकतन्त्र की स्थापना के लिए था।
प्रश्न 13.
नेपाल और बोलिविया के जन-आन्दोलनों की कोई दो समानताएँ लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 14.
नेपाल और बोलिविया के जन-संघर्ष से दो सामान्य निष्कर्ष निकालिए।
उत्तर:
प्रश्न 15.
नेपाल के लोकतन्त्र के लिए संघर्ष में कौन-कौन संगठन शामिल थे?
उत्तर:
नेपाल के लोकतन्त्र के संघर्ष के लिए सप्तदलीय गठबन्धन, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी), मजदूर तथा मूलवासी लोगों के संगठन शामिल थे।
प्रश्न 16.
सूचना के अधिकार से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सूचना का अधिकार सभी नागरिकों को प्राप्त वह अधिकार है जिसके तहत सरकारी रिकार्डों तथा प्रपत्रों में दर्ज सूचना को देखा तथा प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 17.
दबाव समूह का अर्थ बताइए।
अथवा
दबाव-समूह किसे कहते हैं?
उत्तर:
समान पेशे, हित, आकांक्षा अथवा मत के लोगों के संगठन, जैसे-मजदूर संगठन, को दबाव समूह कहते हैं।
प्रश्न 18.
भारत में कार्यरत किन्हीं दो व्यावसायिक दबाव समूहों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 19.
आन्दोलन से क्या आशय है?
उत्तर:
जब कोई जन-समूह जनता के व्यापक हित में राजनीति को प्रभावित करने के लिए सामूहिक कार्यवाही करता है, तो उसे आन्दोलन कहा जाता है।
प्रश्न 20.
किन्हीं चार आन्दोलनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
चार आन्दोलन ये हैं-
प्रश्न 21.
नर्मदा बचाओ आंदोलन क्या है?
उत्तर:
सरदार सरोवर प्रोजेक्ट के निर्माण के कारण उजड़े लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था हेतु किया गया आंदोलन ही नर्मदा बचाओ आंदोलन है।
प्रश्न 22.
दबाव-समूह और आन्दोलन में कोई दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 23.
हित-समूह कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
हित-समूहों को मोटे रूप से दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है-
प्रश्न 24.
फेडेकोर (FEDECOR) क्या है?
उत्तर:
फेडेकोर पानी के निजीकरण के विरोध का बोलिविया का एक संगठन है जिसे वहाँ के पेशेवरों, इंजीनियरों तथा पर्यावरणवादियों ने गठित किया है।
प्रश्न 25.
BAMCEF से क्या आशय है?
उत्तर:
BAMCEF से आशय है-Backward and Minorities Community Employee Federation। यह संगठन जातिगत भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाता है।
प्रश्न 26.
दबाव समूहों द्वारा अपनी मांगों को मनवाने के लिए कौनसे ढंग अपनाए जाते हैं?
उत्तर:
दबाव समूह अपनी मांगों को मनवाने के लिए जन-संचार, हड़ताल, रैली निकालना, लॉबीइंग आदि ढंग अपनाते हैं।
प्रश्न 27.
हम लोकतन्त्र में किस प्रकार अप्रत्यक्ष तौर पर विरोध कर सकते हैं?
उत्तर:
हम लोकतन्त्र में दबाव या हित-समूह का निर्माण करके तथा सरकार पर दबाव बनाकर उसे अपनी मांगें मानने के लिए मजबूर कर सकते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न (Type-I)
प्रश्न 1.
नेपाल में 2006 का लोकतन्त्र का आन्दोलन क्यों किया गया?
उत्तर:
सन् 2005 में नेपाल के नये राजा ज्ञानेन्द्र ने लोकतान्त्रिक शासन को स्वीकार नहीं किया तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री को अपदस्थ करके निर्वाचित सरकार को भंग कर दिया। फलतः 2006 में पुनः लोकतन्त्र की स्थापना के लिए नेपाल में राजनीतिक दलों द्वारा 'लोकतन्त्र का आन्दोलन' किया गया।
प्रश्न 2.
नेपाल में अप्रैल, 2006 में हुए 'लोकतन्त्र के आन्दोलन' के स्वरूप को स्पष्ट करें।
अथवा
नेपाल में लोकतंत्र बहाली के लिए चलाए गए आंदोलन पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
अप्रेल, 2006 में नेपाल में पुनः लोकतंत्र की स्थापना के लिए सप्तदलीय गठबंधन ने एक बन्द का आह्वान किया जो आगे चलकर एक जन-आंदोलन में बदल गया। इसमें आन्दोलनकारियों ने तीन माँगें रखीं-
प्रश्न 3.
बोलिविया में अचानक जन-आन्दोलन शुरू होने का क्या कारण था?
उत्तर:
बोलिविया लातिनी अमेरिका का एक गरीब देश है। सरकार द्वारा कोचबंगा शहर में जलापूर्ति के अधिकार एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी को बेच देने से पानी की कीमत में चार गुना वृद्धि हो गई और लोगों को 1000 रुपये का पानी का बिल भरने के लिए कहा। इसकी प्रतिक्रिया में बोलिविया में स्वतःस्फूर्त जन-संघर्ष शुरू हो गया।
प्रश्न 4.
बोलिविया के जल-युद्ध का समापन किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
बोलिविया के जल-युद्ध के परिणामस्वरूप बहुराष्ट्रीय कम्पनी के अधिकारियों को शहर छोड़कर भागना पड़ा। सरकार को आन्दोलनकारियों की सभी माँगें माननी पड़ी तथा सरकार ने बहुराष्ट्रीय कम्पनी के साथ किये करार को रद्द कर पुनः जलापूर्ति का अधिकार नगरपालिका को सौंपकर पुरानी दरें लागू कर दी।
प्रश्न 5.
नेपाल तथा बोलिविया के आन्दोलनों में क्या समानताएँ थीं?
उत्तर:
प्रश्न 6.
नेपाल और बोलिविया जन-आन्दोलनों में क्या अन्तर था?
उत्तर:
प्रश्न 7.
लोक कल्याणकारी समूह से क्या आशय है?
उत्तर:
कुछ संगठन उन सर्वसामान्य हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनकी रक्षा जरूरी होती है। ऐसे संगठनों को लोक कल्याणकारी समूह कहते हैं। इनका लक्ष्य अपने सदस्यों का नहीं बल्कि किन्हीं और की मदद करना होता है। जैसे-बंधुआ मजदूरी के खिलाफ लड़ने वाले समूह।
प्रश्न 8.
किसी एक खास मुद्दे पर केन्द्रित आन्दोलन की विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
किसी एक खास मुद्दे पर केन्द्रित आन्दोलन की प्रमुख विशेषताएँ ये हैं-
प्रश्न 9.
सार्वभौम प्रकृति के आन्दोलनों के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सार्वभौम प्रकृति के आन्दोलनों की प्रमुख विशेषताएँ ये हैं-
लघूत्तरात्मक प्रश्न (Type-II)
प्रश्न 1.
बामसेफ क्या है? इसके प्रमुख उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
बामसेफ का पूरा नाम 'बैकवर्ड एण्ड मॉइनारिटी कम्युनिटीज एम्प्लाइज फैडरेशन' है। यह सरकारी कर्मचारियों का एक संगठन है।
बामसेफ के उद्देश्य-
प्रश्न 2.
लोकतंत्र की दृष्टि से दबाव समूह के दो नकारात्मक और दो सकारात्मक प्रभाव बताइए।
उत्तर:
दबाव समूह के नकारात्मक प्रभाव-
दबाव समूह के सकारात्मक प्रभाव-
प्रश्न 3.
नेपाल के जन-आंदोलन में किस-किसने भाग लिया?
उत्तर:
नेपाल के जन-आंदोलन का प्रारम्भ ऐसे सात बड़े दलों के गठबंधन ने किया था जिनके कुछ न कुछ सदस्य संसद में थे। बाद में इस संघर्ष में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) भी शामिल हो गई।
नेपाल के जन-संघर्ष में उक्त राजनीतिक दलों के अलावा सभी बड़े मजदूर संगठन और उनके परिसंघों ने भी इस आंदोलन में भाग लिया। इसके अतिरिक्त अन्य अनेक संगठनों, जैसे-मूलवासी लोगों के संगठन तथा शिक्षक, वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के समूह ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
प्रश्न 4.
पानी के निजीकरण के खिलाफ चले बोलिविया के आंदोलन में किन-किन संगठनों ने भाग लिया?
उत्तर:
पानी के निजीकरण के खिलाफ बोलिविया में जो आंदोलन चला उसकी अगुवाई किसी राजनैतिक दल ने नहीं की। इस आंदोलन का नेतृत्व 'फेडेकोर' नामक संगठन ने किया जिसमें इंजीनियर और पर्यावरणवादी समेत स्थानीय कामकाजी लोग शामिल थे।
इस संगठन को सिंचाई पर निर्भर किसानों के एक संघ, कारखाना-मजदूरों के संगठन के परिसंघ, कोचबंबा विश्वविद्यालय के छात्रों तथा शहर में बढ़ती बेघर-बार बच्चों की आबादी तथा सोशलिस्ट पार्टी का समर्थन मिला। सन् 2006 में बोलिविया में सोशलिस्ट पार्टी को सत्ता हासिल हुई।
प्रश्न 5.
एक लोकतान्त्रिक व्यवस्था में विभिन्न संगठन कितनी तरह से अपनी भूमिका निभाते हैं?
उत्तर:
एक लोकतान्त्रिक व्यवस्था में किसी संघर्ष के पीछे बहुत से संगठन होते हैं। ये संगठन दो तरह से अपनी भूमिका निभाते हैं। यथा-
प्रश्न 6.
दबाव-समूह और आन्दोलन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
दबाव-समूह और आन्दोलन में अन्तर-दबाव समूह और आंदोलन में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं-
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नेपाल में 'लोकतन्त्र के लिए दूसरा आन्दोलन' के विभिन्न चरणों को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
नेपाल के सत्ता-संघर्ष का वर्णन करें।
उत्तर:
इस संघर्ष को नेपाल का लोकतन्त्र के लिए दूसरा आन्दोलन कहा जाता है।
प्रश्न 2.
नेपाल तथा बोलिविया में हुए लोकप्रिय जन-संघर्षों से हम क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
उत्तर:
नेपाल तथा बोलिविया में हुए लोकप्रिय जन-आन्दोलनों से हम निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं-
(1) जन-संघर्ष के माध्यम से लोकतन्त्र का विकास-लोकतन्त्र का जन-संघर्ष के माध्यम से विकास होता है। लोकतन्त्र की निर्णायक घड़ी प्रायः वही होती है जब सत्ताधारियों और सत्ता में हिस्सेदारी चाहने वालों के बीच संघर्ष होता है। ऐसी घड़ी तब आती है जब कोई देश लोकतन्त्र की ओर कदम बढ़ा रहा हो; उस देश में लोकतन्त्र का विस्तार हो रहा हो या वहाँ लोकतन्त्र की जड़ें मजबूत हो रही हों।।
(2) जनता की व्यापक लामबंदी से संघर्ष का समाधान-लोकतान्त्रिक संघर्ष का समाधान जनता की व्यापक लामबंदी के जरिए होता है। जब विवाद अधिक गहन हो जाते हैं तो सरकार के संगठन भी उसका हिस्सा बन जाते हैं। ऐसे में समाधान इन संस्थाओं के जरिए नहीं बल्कि उनके बाहर यानी जनता के माध्यम से होता है।
(3) संघर्ष और लामबंदियों का आधार राजनीतिक संगठन-ऐसे संघर्ष और लामबंदियों का आधार राजनीतिक संगठन होते हैं। जनता की स्वतःस्फूर्त सार्वजनिक भागीदारी संगठित राजनीति के जरिए ही कारगर हो पाती है। संगठित राजनीति के माध्यमों में राजनीतिक दल, दबाव-समूह और आन्दोलनकारी समूह शामिल हैं।
प्रश्न 3.
आन्दोलनकारी समूह क्या होते हैं? इसके प्रकारों के बारे में बताएँ।
उत्तर:
आन्दोलनकारी समूह-आन्दोलनकारी समूह वे समूह होते हैं जो प्रत्यक्ष रूप से चुनाव में भाग लेने की बजाय राजनीति को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। वे मार्च, हड़ताल तथा विरोध प्रदर्शन द्वारा सरकार का ध्यान किसी खास मुद्दे की तरफ खींचने का प्रयास करते हैं।
आन्दोलनों के प्रकार-ये आन्दोलनकारी समूह निम्न प्रकार के होते हैं-
(1) एक ही मुद्दे से सम्बन्धित आन्दोलन अधिकतर आन्दोलन किसी खास मुददे पर केन्द्रित होते हैं। ऐसे आन्दोलन एक सीमित समय-सीमा के भीतर किसी एक लक्ष्य को पाना चाहते हैं। ऐसे आन्दोलनों में नेतृत्व बड़ा स्पष्ट होता है और उनका संगठन भी होता है लेकिन ये बहुत थोड़े समय तक ही सक्रिय रह पाते हैं। नेपाल में लोकतन्त्र का आन्दोलन, नर्मदा बचाओ आन्दोलन इसके अच्छे उदाहरण हैं।
(2) एक से अधिक मुद्दे वाले आन्दोलन-कुछ आन्दोलन ज्यादा सार्वभौम प्रकृति के होते हैं। इनमें एक से अधिक मुद्दे होते हैं तथा ये लम्बे समय तक चलते हैं। ऐसे आन्दोलनों के नियन्त्रण अथवा दिशा-निर्देश के लिए कोई एक संगठन नहीं होता। पर्यावरण के आन्दोलन तथा महिला आन्दोलन ऐसे आन्दोलनों के उदाहरण हैं।