Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Important Questions Chapter 12 विद्युत Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
'ओम x मीटर’ निम्नलिखित में से राशि का मात्रक है:
(अ) प्रतिरोध
(ब) प्रतिरोधकता
(स) धारा
(द) विभवान्तर
उत्तर:
(ब) प्रतिरोधकता
प्रश्न 2.
एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश का मान 1.6 x 10-19 कूलॉम है। किसी तार में एक ऐम्पियर धारा प्रवाहित करने पर तार में से प्रति सेकण्ड प्रवाहित होने वाले इलेक्ट्रॉन की संख्या होगी:
(अ) 0.625 x 10-19
(ब) 1.6 x 1019
(स) 1.6 x 10-19
(द) 0.625 x 1019
उत्तर:
(द) 0.625 x 1019
प्रश्न 3.
6V विभवांतर के दो बिंदुओं के बीच 1C आवेश को ले जाने में कितना कार्य किया जाता है?
(अ) 24J
(ब) 6J
(स) 12J
(द) 3J
उत्तर:
(ब) 6J
प्रश्न 4.
विभिन्न मान के प्रतिरोध तारों को श्रेणीक्रम में जोड़कर उन्हें विद्युत स्रोत से सम्बद्ध करने पर प्रत्येक प्रतिरोध में:
(अ) धारा और विभवान्तर का मान भिन्न - भिन्न होता है।
(ब) धारा और विभवान्तर का मान समान होता है।
(स) धारा समान बहती है लेकिन प्रत्येक का विभवान्तर भिन्न - भिन्न होता है।
(द) धारा का मान भिन्न - भिन्न होता है लेकिन सभी पर विभवान्तर समान होता है।
उत्तर:
(स) धारा समान बहती है लेकिन प्रत्येक का विभवान्तर भिन्न - भिन्न होता है।
प्रश्न 5.
विद्युत परिपथ में धारा का मापन करने वाला उपकरण है:
(अ) धारा नियंत्रक
(ब) वोल्टमीटर
(स) अमीटर
(द) ओममीटर
उत्तर:
(स) अमीटर
प्रश्न 6.
किसी चालक का विशिष्ट प्रतिरोध निर्भर करता है:
(अ) चालक की लम्बाई पर
(ब) चालक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर
(स) चालक के पदार्थ पर
(द) चालक की आकृति पर
उत्तर:
(स) चालक के पदार्थ पर
प्रश्न 7.
विद्युत परिपथ में किसी स्थान पर 3 सेकण्ड में 30 कूलॉम आवेश प्रवाहित हो रहा है। उस स्थान पर विद्युत धारा का मान ऐम्पियर में होगा:
(अ) 0.1
(ब) 10
(स) 90
(द) 33
उत्तर:
(ब) 10
प्रश्न 8.
10 मीटर लम्बे तार का प्रतिरोध 15 ओम है, यदि इसकी लम्बाई 5 मीटर कर दी जाए तो तार का प्रतिरोध (ओम में) अब होगा:
(अ) 7.5
(ब) 15
(स) 25
(द) 30
उत्तर:
(अ) 7.5
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दिए गए परिपथ चित्र संयोजन में 10Ω प्रतिरोध से प्रवाहित धारा I2 ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
I2 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{2}} \)
I2 =\(\frac{12}{10}\)
I2 = 1.2A
प्रश्न 2.
वाहन में बैटरी के दो कार्य लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
किसी विद्युत बल्ब के तंतु में से 0.25 एम्पियर विद्युत धारा 20 मिनट तक प्रवाहित होती है। विद्युत परिपथ से प्रवाहित विद्युत आवेश का परिमाण ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
I = 0.25 A, t = 20 min = 1200 सेकण्ड
हम जानते हैं:
Q = It
= 0.25 x 1200
आवेश = 300 कूलॉम
प्रश्न 4.
एक 12Ω प्रतिरोध के तीन बराबर टुकड़े करके उन्हें त्रिभुजाकार आकृति में जोड़ा जाता है। त्रिभुज की किसी एक भुजा के दोनों सिरों के मध्य तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
हल:
बिन्दु A एवं B के मध्य तुल्य प्रतिरोध:
(i) R1 व R2 श्रेणीक्रम में है अतः
R = R1 + R2
R = 4 + 4 = 8Ω
R1 व R2, R3 के पार्श्व क्रम में हैं
अतः
\(\begin{aligned} &\frac{1}{R^{\prime}}=\frac{1}{R}+\frac{1}{R_{3}} \\ &\frac{1}{R^{\prime}}=\frac{1}{8}+\frac{1}{4} \\ &\frac{1}{R^{\prime}}=\frac{1+2}{8}=\frac{3}{8} \end{aligned}\)
R'= \( \frac{8}{3}\) = 2.668Ω
प्रश्न 5.
2 ओम, 3 ओम तथा 6 ओम के तीन प्रतिरोधों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध 1 ओम हो।
उत्तर:
तीनों प्रतिरोधों को पार्यक्रम (समानान्तर क्रम) में संयोजित करने पर कुल प्रतिरोध 1 ओम होगा। अतः \(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}+\frac{1}{R_{3}}\) या \(\frac{1}{R}=\frac{1}{2}+\frac{1}{3}+\frac{1}{6}\)
\(\frac{1}{R}=\frac{3+2+1}{6}=\frac{6}{6}\)
∴ R = 1 ओम
प्रश्न 6.
दिए गए विद्युत परिपथ में परिणामी प्रतिरोध कितना है?
उत्तर:
परिपथ में प्रतिरोध श्रेणी क्रम में संयोजित है। अतः श्रेणीक्रम में कुल प्रतिरोध R = R1 + R2
∴ R = 2 + 2 = 4 ओम
प्रश्न 7.
ओम का नियम लिखिए।
उत्तर:
ओम के नियम के अनुसार निश्चित ताप पर किसी चालक के सिरों के मध्य विभवान्तर उसमें प्रवाहित । होने वाली धारा के अनुक्रमानुपाती होता है। अर्थात् V∝ I
या V= IR (यहाँ R एक स्थिरांक है, जिसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं।)
प्रश्न 8.
विद्युत ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
विद्युत धारा द्वारा किसी कार्य को करने की क्षमता को विद्युत ऊर्जा कहते हैं।
प्रश्न 9.
प्रतिरोध का SI मात्रक और उसका प्रतीक बताइए।
उत्तर:
प्रतिरोध का SI मात्रक 'ओम' है, इसे ग्रीक भाषा के शब्द Ω से निरूपित करते हैं।
प्रश्न 10.
परिवर्ती प्रतिरोध किसे कहते हैं?
उत्तर:
स्रोत की वोल्टता में बिना कोई परिवर्तन किए परिपथ की विद्युत धारा को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले अवयव को परिवर्ती प्रतिरोध कहते है।
प्रश्न 11.
प्रतिरोध किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी चालक का वह गुण जिसके कारण वह अपने में प्रवाहित होने वाले आवेश के प्रवाह का विरोध करता है, प्रतिरोध कहलाता है।
प्रश्न 12.
प्रतिरोधक क्या होता है?
उत्तर:
वह चालक जो पर्याप्त प्रतिरोध लगाता है प्रतिरोधक कहलाता है।
प्रश्न 13.
हीन चालक से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सर्वसम साइज का वह अवयव जो उच्च प्रतिरोध लगाता है, हीन चालक कहलाता है।
प्रश्न 14.
विद्युत आवेश का मात्रक क्या है?
उत्तर:
कूलॉम।
प्रश्न 15.
किलोवाट घण्टा किसका मात्रक है?
उत्तर:
विद्युत धारा का।
प्रश्न 16.
विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर:
विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण किसी युक्ति/यंत्र द्वारा प्रति सेकण्ड में किए गए कार्य के आकलन द्वारा किया जाता है। अतः
प्रश्न 17.
विद्युत फ्यूज किस प्रकार से परिपथों तथा साधित्रों (उपकरणों) को सुरक्षा प्रदान करता है?
उत्तर:
विद्युत फ्यूज परिपथों तथा साधित्रों की सुरक्षा उच्च विद्युत धारा को अनावश्यक रूप से, उनमें प्रवाहित न होने देकर करता है।
प्रश्न 18.
विद्युत धारा किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी चालक की अनुप्रस्थ काट से इकाई समय में बहने वाले आवेश को विद्युत धारा कहते हैं।
प्रश्न 19.
इलेक्ट्रॉन पर आवेश का मान लिखिए।
उत्तर:
1.6 x 10-19 कूलॉम।
प्रश्न 20.
अमीटर का प्रतिरोध कितना होता है?
उत्तर:
इसका प्रतिरोध अल्प (लगभग शून्य) होता है।
प्रश्न 21.
यदि किसी परिपथ में एक कूलॉम आवेश 1 सेकण्ड तक प्रवाहित होता है तो परिपथ में प्रवाहित धारा का मान कितना होगा?
उत्तर:
∴ परिपथ में प्रवाहित धारा = 1 ऐम्पियर
प्रश्न 22.
प्रायः बल्बों में नाइट्रोजन तथा आर्गन गैस क्यों भरी जाती है?
उत्तर:
प्रायः बल्बों में रासायनिक दृष्टि से अक्रिय नाइट्रोजन तथा आर्गन गैस भरी जाती है जिससे उसके तंतु की आयु में वृद्धि हो जाती है।
प्रश्न 23.
'यूनिट' से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक किलोवाट घंटा (KWh) है जिसे सामान्य बोलचाल में यूनिट कहते हैं।
प्रश्न 24.
जूल / कूलॉम किस भौतिक राशि का मात्रक है?
उत्तर:
विद्युत विभव का।
प्रश्न 25.
अमीटर को विद्युत परिपथ में कौनसे क्रम में लगाया जाता है?
उत्तर:
अमीटर को सदैव परिपथ में श्रेणीक्रम में लगाया जाता है।
प्रश्न 26.
किसी पदार्थ की प्रतिरोधकता किस बात पर निर्भर करती है?
उत्तर:
पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करती है।
प्रश्न 27.
ओम के नियम में V - I में खींचा गया ग्राफ किस तरह का होता है?
उत्तर:
निक्रोम तार के लिए V - I ग्राफ सरल रेखीय ग्राफ दर्शाता है। जैसे - जैसे तार में प्रवाहित विद्युत धारा बढ़ती है, विभवान्तर रैखिकतः बढ़ता है।
प्रश्न 28.
धारा नियंत्रक किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी विद्युत परिपथ में परिपथ के प्रतिरोध को परिवर्तित करने के लिए प्रायः एक युक्ति का उपयोग करते हैं, जिसे धारा नियंत्रक कहते हैं।
प्रश्न 29.
पदार्थ की वैद्युत प्रतिरोधकता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी चालक की प्रतिरोधकता उस चालक के प्रतिरोध के बराबर होती है, जिसकी अनुप्रस्थ काट तथा लम्बाई इकाई है। इसका SI मात्रक Ωm है।
प्रश्न 30.
श्रेणीक्रम संयोजन किसे कहते हैं?
उत्तर:
यदि किसी विद्युत परिपथ में R1, R2, तथा R3 प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को जब एक सिरे से दूसरे सिरे को मिलाकर जोड़ा गया हो तो इस संयोजन को श्रेणीक्रम संयोजन कहते हैं।
प्रश्न 31.
पार्श्वक्रम संयोजन किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रतिरोधकों का एक ऐसा संयोजन जिसमें तीन प्रतिरोध एक साथ बिन्दुओं X तथा Y के बीच संयोजित हों तो इस संयोजन को पार्यक्रम संयोजन कहते हैं।
प्रश्न 32.
यदि किसी परिपथ में प्रतिरोध का मान घटाना हो तो हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर:
किसी परिपथ में प्रतिरोध घटाने के लिए प्रतिरोध को समानान्तर क्रम में जोड़ा जाता है।
प्रश्न 33.
किस धातु का प्रयोग प्रायः फ्यूज बनाने के लिए किया जाता है?
उत्तर:
ताँबा अथवा टिन - सीसा मिश्र धातु का।
प्रश्न 34.
किसी चालक में उत्पन्न ऊष्मा इसमें प्रवाहित धारा के...........की समानुपाती होती है।
उत्तर:
वर्ग।
प्रश्न 35.
किसी चालक में उत्पन्न ऊष्मा चालक के...........की अनुक्रमानुपाती होती है।
उत्तर:
प्रतिरोध।
प्रश्न 36.
किस संयोजन में तुल्य प्रतिरोध का मान अधिकतम होता है?
उत्तर:
श्रेणीक्रम में।
प्रश्न 37.
प्रतिरोधों के समान्तर क्रम संयोजन में सभी प्रतिरोधों में कौनसी राशि समान रहती है?
उत्तर:
इस संयोजन में सभी प्रतिरोधी तारों के सिरों पर विभवान्तर (V) समान होता है।
प्रश्न 38.
ताप बढ़ाने पर अर्धचालकों के प्रतिरोध पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
ताप बढ़ाने पर चालक का प्रतिरोध बढ़ता है, जबकि अर्धचालक का प्रतिरोध घटता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कुछ अवयव विद्युत धारा के प्रवाह के लिए सरल पथ प्रदान करते हैं जबकि अन्य इस प्रवाह का विरोध करते हैं? ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
हम यह जानते हैं कि इलेक्ट्रॉनों की किसी परिपथ में गति के कारण ही परिपथ में कोई विद्युत धारा बनती है। तथापि, चालक के भीतर इलेक्ट्रॉन गति करने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र नहीं होते। जिन परमाणुओं के बीच ये गति करते हैं उन्हीं के आकर्षण द्वारा इनकी गति नियंत्रित हो जाती है। इस प्रकार किसी चालक से होकर इलेक्ट्रॉनों की गति उसके प्रतिरोध द्वारा मंद हो जाती है। एक ही साइज के चालकों में वह चालक जिसका प्रतिरोध कम होता है, अधिक अच्छा चालक होता है। वह चालक जो पर्याप्त प्रतिरोध लगाता है, प्रतिरोधक कहलाता है।
प्रश्न 2.
कॉलम X को कॉलम Y से सुमेलित कीजिए
कॉलम x (भौतिक राशि/नियम) |
कॉलम Y (सूत्र) |
(i) विद्युत धारा |
(a) R = R1 + R2 + R3 |
(ii) विभवान्तर |
(b) ρ = RA / l |
(iii) ओम का नियम |
(c) \(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}\) |
(iv) प्रतिरोधकता |
(d) v = W/Q |
(v) श्रेणीक्रम संयोजन |
(e) I = Q/t |
(vi) समान्तर क्रम संयोजन |
(f) V= IR |
उत्तर:
कॉलम x (भौतिक राशि/नियम) |
कॉलम Y (सूत्र) |
(i) विद्युत धारा |
(e) I = Q/t |
(ii) विभवान्तर |
(d) v = W/Q |
(iii) ओम का नियम |
(f) V= IR |
(iv) प्रतिरोधकता |
(b) ρ = RA / l |
(v) श्रेणीक्रम संयोजन |
(a) R = R1 + R2 + R3 |
(vi) समान्तर क्रम संयोजन |
(c) \(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}\) |
प्रश्न 3.
600 W अनुमत का कोई विद्युत रेफ्रीजरेटर 8 घण्टे/दिन चलाया जाता है। 4.00 रुपए प्रति KWh की दर से इसे 30 दिन तक चलाने के लिए ऊर्जा का मूल्य क्या है?
उत्तर:
P = 600 W
t = 8 घण्टे/दिन
दिनों की संख्या = 30 दिन
∴ 30 दिन में रेफ्रीजरेटर द्वारा उपभुक्त कुल ऊर्जा
= 600 W x 8.00 घण्टे/दिन x 30 दिन
= 600 x 8 x 30 वाट x घण्टे
= 144000 वाट x घण्टे
= \(\frac{144000}{1000}\) KWh = 144 KWh
इस प्रकार 30 दिन तक रेफ्रीजरेटर को चलाने में उपभुक्त कुल ऊर्जा का मूल्य
= 144 KWh x 4.00 रुपए प्रति KWh
= 576.00 रुपये
प्रश्न 4.
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव के व्यावहारिक अनुप्रयोग को समझाइए।
उत्तर:
किसी चालक में ऊष्मा उत्पन्न होना विद्युत धारा का अवश्यंभावी परिणाम है। बहुत सी स्थितियों में यह अवांछनीय होता है क्योंकि वह उपयोगी विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा में रूपांतरित कर देता है। विद्युत परिपथों में अपरिहार्य तापन, परिपथ के अवयवों के ताप में वृद्धि कर सकता है जिससे उनके गुणों में परिवर्तन हो सकता है। विद्युत धारा की इस विशेषता का उपयोग विद्युत इस्तरी, विद्युत टोस्टर, विद्युत तंदूर, विद्युत केतली तथा विद्युत हीटर जैसी युक्तियों में किया जाता है। विद्युत तापन का उपयोग प्रकाश उत्पन्न करने में भी होता है जैसा कि विद्युत बल्ब में देखते हैं।
प्रश्न 5.
विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरे खींचिये और उसको समझाइए।
उत्तर:
निम्न दिये गये चित्र में एक प्रतीकात्मक विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख दिखाया गया है। परिपथ में विद्युत धारा मापने के लिए जिस यंत्र का उपयोग किया गया है, उसे ऐमीटर कहते हैं। इसको श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। इसमें एक सेल, एक विद्युत बल्ब, एक ऐमीटर और प्लग कुंजी लगी हुई है। परिपथ में विद्युत धारा, सेल के धन टर्मिनल से सेल के ऋण टर्मिनल तक बल्ब और ऐमीटर से होकर प्रवाहित होती है।
प्रश्न 6.
विद्युत विभव एवं विभवान्तर को परिभाषित करो।
उत्तर:
विद्युत विभव: “एकांक धन आवेश को अनन्त से विद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु तक बिना त्वरित किये लाने में जो कार्य होता है उस बिन्दु पर विद्युत विभव कहलाता है।”
यदि किसी धन आवेश Q को अनन्त से विद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य W हो तो उस बिन्दु पर विद्युत विभव V होगा।
V = \(\frac{W}{Q} \)
यदि W = 1 जूल और Q = 1 कूलॉम हो तो
V = \(\frac{1}{1}\) = 1 वोल्ट होगा
अर्थात् 1 कूलॉम आवेश को अनन्त से विद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु तक लाने में 1 जूल कार्य करना पड़ता है तो उस बिन्दु का विभव 1 वोल्ट होता है।
विभवान्तर: विद्युत क्षेत्र में किसी एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक एकांक धन आवेश को बिना त्वरित किये ले जाने के लिए जितना कार्य करना पड़ता है, वह उन दो बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर होता है। अतः दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर
अर्थात् V = \(\frac{\mathrm{W}}{\mathrm{Q}} \)
वैद्युत विभवान्तर का SI मात्रक वोल्ट होता है। विभवान्तर की माप एक यंत्र द्वारा की जाती है, जिसे वोल्टमीटर कहते हैं।
प्रश्न 7.
विद्युत बल्ब विद्युत धारा की किस विशेषता / गुण पर आधारित है? उचित एवं सतत् प्रकाश प्राप्त करने हेतु विद्युत बल्ब में क्या उपाय किए जाते हैं?
उत्तर:
विद्युत बल्ब, विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित युक्ति है। विद्युत बल्ब का तंतु इस प्रकार का होता है कि वह विद्युत धारा द्वारा उत्पन ऊष्मा को रोक कर अत्यन्त तप्त हो जाता है जिससे प्रकाश उत्पन्न होने लगता है । इतने उच्च ताप पर तंतु को पिघलना नहीं चाहिए इसलिए बल्ब के तंतुओं को बनाने के लिए टंगस्टन (गलनांक 3380°C) का उपयोग किया जाता है जो उच्च गलनांक की एक प्रबल धातु है। विद्युतरोधी टेक का उपयोग करके तंतु को यथासंभव ताप विलगित बनाया जाता है। प्रायः बल्बों में रासायनिक दृष्टि से अक्रिय नाइट्रोजन तथा आर्गन गैस भरी जाती है जिससे उसके तंतु की आयु में वृद्धि हो जाती है।
प्रश्न 8.
एक ओम प्रतिरोध किसे कहते हैं ?
उत्तर:
एक ओम प्रतिरोध: किसी चालक में एक ऐम्पियर धारा प्रवाहित करने पर यदि उसके सिरों पर एक वोल्ट विभवान्तर उत्पन्न होता है तो चालक का प्रतिरोध 1 ओम होगा।
प्रतिरोध की इकाई R = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\) = = ओम
यदि I = 1 ऐम्पियर, V = 1 वोल्ट तो R = 1 ओम
प्रश्न 9.
श्रेणीक्रम एवं समान्तर क्रम संयोजन में अन्तर लिखो।
उत्तर:
श्रेणीक्रम एवं समान्तर क्रम संयोजन में अन्तर:
श्रेणीक्रम |
समान्तर क्रम |
1. इस संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध में प्रवाहित धारा का मान समान होता है। |
इसमें प्रत्येक प्रतिरोध में प्रवाहित धारा का मान भिन्न होता है। |
2. इसमें प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के मध्य विभवान्तर भिन्न होता है। |
इसमें प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के मध्य विभवान्तर समान होता है। |
3. इसमें तुल्य प्रतिरोध का मान सबसे अधिक प्रतिरोध के मान से के मान से अधिक होता है। |
इसमें तुल्य प्रतिरोध का मान सबसे कम प्रतिरोध भी कम होता है। |
प्रश्न 10.
एक ही पदार्थ के दो चालकों की मोटाइयाँ समान हैं तथा जिनकी लम्बाइयाँ 1 : 2 के अनुपात में हैं तो इनके प्रतिरोधों का अनुपात क्या होगा?
उत्तर:
दोनों चालक एक ही पदार्थ के हैं। इसलिये अनुप्रस्थ काट और प्रतिरोधकता अथवा विशिष्ट प्रतिरोध का मान स्थिरांक होगा:
प्रतिरोध R1 = \(\frac{\rho l_{1}}{\mathrm{~A}}\) ...........(1)
इसी तरह से:
प्रतिरोध R2 = \(\frac{\rho l_{2}}{\mathrm{~A}}\) ...........(2)
समीकरण (1) में समी. (2) का भाग देने पर
\(\frac{\mathrm{R}_{1}}{\mathrm{R}_{2}}=\frac{l_{1}}{l_{2}}\)
लेकिन दिया गया है:
\(\frac{l_{1}}{l_{2}}=\frac{1}{2}\)
\(\therefore \frac{R_{1}}{R_{2}}=\frac{1}{2}\)
R1 : R2= 1 : 2
प्रश्न 11.
अमीटर एवं वोल्टमीटर में अन्तर लिखो।
उत्तर:
अमीटर एवं वोल्टमीटर में अन्तर:
अमीटर |
वोल्टमीटर |
1. परिपथ में प्रवाहित धारा के मान को ज्ञात करने में काम आता है। |
यह परिपथ में दो बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर ज्ञात करता है। |
2. इसका प्रतिरोध अल्प होता है। |
इसका प्रतिरोध अधिक होता है। |
3. यह परिपथ के श्रेणीक्रम में लगाया जाता है। |
यह प्रतिरोध तार के समानान्तर क्रम में लगाया जाता है। |
प्रश्न 12.
उपयुक्त परिपथ चित्र बनाइए जब
(a) 5Ω,10Ω व 15Ω के प्रतिरोधों को 12V की बैटरी के साथ श्रेणीक्रम में जोड़कर कुल विभवान्तर ज्ञात किया जाता है।
(b) 2Ω,4Ω व 6Ω के प्रतिरोधों को 6V की बैटरी के साथ पार्श्वक्रम में जोड़कर कुल विभवांतर ज्ञात किया जाता है।
उत्तर:
(a) कुल विभवान्तर जब प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं:
(b) कुल विभवान्तर जब प्रतिरोध पार्श्वक्रम में जुड़े हैं:
प्रश्न 13.
विद्युत ऊर्जा किसे कहते हैं? समझाइये।
उत्तर:
हम जानत ह विद्युत शक्ति (P) =
P =\(\frac{\mathrm{H}}{\mathrm{t}}\) [∴ H = Pt]
यदि विद्युत शक्ति (P) को वाट में तथा समय (t) सेकण्ड में मापा जाये तो विद्युत ऊर्जा का मान जूल में होगा।
जूल = वाट x सेकण्ड
अर्थात् किसी उपकरण की व्यय विद्युत ऊर्जा का मान उस उपकरण की शक्ति तथा समय के गुणनफल के बराबर होता है।
प्रश्न 14.
किलोवाट - घंटा (kWh) से क्या अभिप्राय है? 10 किलोवाट - घंटा में जूल की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
किलोवाट घंटा (kWh) विद्युत ऊर्जा खर्च करने का मात्रक है। साधारण बोलचाल की भाषा में 1 किलोवाट घण्टा को 1 यूनिट कहते हैं।
अतः 1 किलोवाट घण्टा = 1000 वाट x घण्टा
= 1000 वाट x 60 x 60 वाट सेकण्ड
= 3.6 x 106 जूल
अत: 10 किलोवाट घण्टा में जूल = 10 x 3.6 x 106
= 36 x 106 जूल होगा।
प्रश्न 15.
जब कोई विद्युत हीटर स्रोत से 4A विद्युतधारा लेता है, तब उसके टर्मिनलों के बीच विभवान्तर 60V है। उस समय विद्युत हीटर कितनी विद्युतधारा लेगा जब विभवान्तर को 120V तक बढ़ा दिया जाएगा?
उत्तर:
दिया गया है:
I = 4 ऐम्पियर
V = 60 वोल्ट
सूत्र: V = IR
∴ R = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\)
तो R =\( \frac{60}{4}\) =15 ओम
पुनः V = IR
या I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
I =\(\frac{120}{15}\) = 8 ओम
अतः 120V पर हीटर 8 ओम विद्युतधारा लेगा।
प्रश्न 16.
4Ω, 6Ω तथा 8Ω प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में 9V की बैटरी से संयोजित किया गया है:
(क) उपयुक्त का परिपथ चित्र बनाइए।
(ख) परिपथ में प्रवाहित कुल धारा की गणना कीजिए।
उत्तर:
(ख) 4Ω, 6Ω तथा 8Ω प्रतिरोधकों का श्रेणीक्रम में तुल्य प्रतिरोध
R = R1 + R2 + R3
R = 4 + 6 +8
18Ω
सूत्र:
V = IR से
I =\( \frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
I = \(\frac{9 \mathrm{~V}}{18 \Omega}\)
= 0.5 ऐम्पियर
अतः परिपथ में प्रवाहित कुल धारा I = 0.5 ऐम्पियर
प्रश्न 17.
पार्श्व परिपथ में ज्ञात कीजिए:
(क) परिपथ का कुल प्रतिरोध ।
(ख) परिपथ में प्रवाहित धारा।
उत्तर:
(क) 3Ω के तीनों प्रतिरोधकों का समानान्तर क्रम में तुल्य प्रतिरोध
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}+\frac{1}{R_{3}}\)
\(\frac{1}{R}=\frac{1}{3}+\frac{1}{3}+\frac{1}{3}=\frac{1+1+1}{3}=\frac{3}{3}\)
R = 1Ω
यह 1Ω का प्रतिरोध 4Ω के प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में जुड़ा हुआ है। अतः श्रेणीक्रम में तुल्य प्रतिरोध
R = R1 + R2
R = 4Ω+ 1Ω = 5Ω
(ख) प्रतिरोध R = 5Ω
विभवान्तर V = 6V
∵ V = IR
∴ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
=\( \frac{6 \mathrm{~V}}{5 \Omega} \)= 1.2 ऐम्पियर
प्रश्न 18.
एक विद्युत युक्ति 2kW की विद्युत शक्ति का उपयोग करती है जब उसे 220 V पर प्रचालित करते हैं। इस प्रकरण में कितने अनुमतांक के फ्यूज का उपयोग किया जाना चाहिए?
उत्तर:
यहाँ दिया हुआ है:
P = 2 kw
= 2000W
V = 220V
सूत्र P = VI से
2000W = 220 Vx I
I = \(\frac{2000 \mathrm{~W}}{220 \mathrm{~V}}\)
I = 9.09 A
अतः विद्युत परिपथ में 9.09 A की विद्युत धारा प्रवाहित होती है इसलिए इस प्रकरण में 10 A अनुमतांक का फ्यूज उपयोग किया जाना चाहिए।
प्रश्न 19.
एक मकान में 400W का रेफ्रिजरेटर 8 घण्टे प्रतिदिन तथा 120W का विद्युत हीटर 2 घण्टे प्रतिदिन चलाया जाता है। 4 रुपए प्रति यूनिट की दर से 30 दिनों के लिए कितना व्यय करना होगा?
उत्तर:
रेफ्रिजरेटर में प्रतिदिन खर्च की गई ऊर्जा
= 400W x 8h
= 3200 Wh
विद्युत हीटर में प्रतिदिन खर्च की गई ऊर्जा
= 120 W x 2h
= 240 Wh
अतः 30 दिनों में खर्च की गई कुल विद्युत ऊर्जा
= 3200 + 240 x 30
= 3440 x 30 = 1,03,200 Wh
या 103.2 kWh
103.2 यूनिट (∵1 kWh = 1 unit)
4 रुपए प्रति यूनिट की दर से कुल खर्च
= 4 x 103.2 = 412.8 रुपए
प्रश्न 20.
एक 100 वॉट के बल्ब का प्रतिदिन 10 घंटे उपयोग किया जाता है। यदि विद्युत ऊर्जा की दर 4.00 रुपए प्रति यूनिट है, तो 30 दिन में विद्युत खर्च की गणना कीजिए।
उत्तर:
बल्ब में प्रतिदिन खर्च की गई ऊर्जा:
= 100W x 10h = 1000Wh
∴ 30 दिनों में खर्च की गई कुल विद्युत ऊर्जा:
= 1,000 x 30 = 30,000 Wh
या 30 kWh
या 30 यूनिट (∵ 1 kWh = 1 यूनिट)
4 रुपए प्रति यूनिट की दर से कुल ऊर्जा खर्च
= 4 x 30 = 120 रुपए
प्रश्न 21.
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए
कॉलम x |
कॉलम Y |
(i) विद्युत धारा मापक यंत्र |
(A) जूल का तापीय प्रभाव |
(ii) विद्युत विभवान्तर मापक यंत्र |
(B) विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक |
(iii) IR |
(C) ऐमीटर |
(iv) I2 Rt |
(D) वोल्टमीटर |
(v) ओम - मीटर (Ω-m) |
(E) ओम का नियम |
(vi) यूनिट (kWh) |
(F) प्रतिरोधकता |
उत्तर:
कॉलम x |
कॉलम Y |
(i) विद्युत धारा मापक यंत्र |
(C) ऐमीटर |
(ii) विद्युत विभवान्तर मापक यंत्र |
(D) वोल्टमीटर |
(iii) IR |
(E) ओम का नियम |
(iv) I2 Rt |
(A) जूल का तापीय प्रभाव |
(v) ओम - मीटर (Ω-m) |
(F) प्रतिरोधकता |
(vi) यूनिट (kWh) |
(B) विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक |
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
(अ) कौन से कारक हैं जिन पर एक चालक का प्रतिरोध निर्भर करता है? प्रतिरोधकता को परिभाषित कीजिए तथा इसका SI मात्रक लिखिए।
(ब) दिए गए परिपथ में कुल प्रतिरोध एवं प्रवाहित कुल धारा का मान बताइए।
उत्तर:
(अ) किसी चालक का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है:
(i) चालक की लम्बाई (l) पर।
(ii) उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर।
(iii) प्रतिरोध के पदार्थ की प्रकृति तथा चालक का तापमान।
यह चालक की लम्बाई (l) के अनुक्रमानुपाती तथा उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (A) के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात्
R ∝ l
तथा
R ∝ \(\frac{1}{A}\)
∴ R ∝ \(\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
अथवा
R = ρ \(\frac{1}{A} \)
यहाँ ρ (रो) एक आनुपातिक स्थिरांक है, जिसे चालक के पदार्थ की वैद्युत प्रतिरोधकता कहते हैं।
विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता: एक मीटर लम्बे और एक वर्ग मीटर अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाले चालक तार के प्रतिरोध को उस पदार्थ की प्रतिरोधकता या विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैं। इसका मात्रक ओम x मीटर होता है। प्रतिरोधकता केवल पदार्थ की प्रकृति पर ही निर्भर रहती है।
(ब) दिए गए परिपथ में 2Ω तथा 2Ω के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में संयोजित हैं। अतः इनका तुल्य प्रतिरोध
R1 = 2 + 2 = 4Ω
R2 = 2 + 2 = 4Ω
यह 4Ω के दोनों प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। अतः इनका तुल्य प्रतिरोध होगा:
\(\begin{aligned} \frac{1}{\mathrm{R}} &=\frac{1}{\mathrm{R}_{1}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{2}} \\ &=\frac{1}{4}+\frac{1}{4}=\frac{2}{4}=\frac{1}{2} \end{aligned}\)
R = 2Ω
अतः तुल्य प्रतिरोध R 2Ω होगा। हम जानते हैं:
धारा I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
यहाँ V = 6V तथा R = 2Ω है।
अतः I = \(\frac{6}{2}\) = 3 ऐम्पियर
प्रश्न 2.
विद्युत परिपथों में उपयोग होने वाले फ्यूज की कार्य पद्धति को समझाइए।
उत्तर:
विद्युत परिपथों में उपयोग होने वाला फ्यूज परिपथों तथा साधित्रों की सुरक्षा, किसी भी अनावश्यक रूप से उच्च विद्युत धारा को उनसे प्रवाहित न होने देकर करता है। फ्यूज को युक्ति के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित करते हैं। फ्यूज किसी ऐसी धातु अथवा मिश्रातु के तार का टुकड़ा होता है जिसका उचित गलनांक हो, जैसे- ऐलुमिनियम, कॉपर, आयरन, लैड आदि।
यदि परिपथ में किसी निर्दिष्ट मान से अधिक मान की विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो फ्यूज तार के ताप में वृद्धि होती है। इससे फ्यूज तार पिघल जाता है और परिपथ टूट जाता है। फ्यूज तार प्रायः धातु के सिरे वाले पार्सेलेन अथवा इसी प्रकार के विद्युतरोधी पदार्थ के काट्रिज में रखा जाता है। घरेलू परिपथों में उपयोग होने वाली फ्यूज की अनुमत विद्युत धारा 1A,2A, 3A, 5A, 10A आदि होती है।
प्रश्न 3.
ओम के नियम का कथन कीजिए। इस नियम के सत्यापन को प्रयोग द्वारा समझाइए।
उत्तर:
ओम के नियमानुसार, “यदि किसी चालक की भौतिक अवस्थाएँ, जैसे - ताप आदि में कोई परिवर्तन न हो, तो उसके सिरों पर लगाया गया विभवान्तर, उसमें प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती होता है।" यदि किसी चालक के सिरों का विभवान्तर (V) वोल्ट लगाने से उसमें 1 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो, तो
V ∝ I
या V = RI
यहाँ R एक नियतांक है, जिसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं। यदि भौतिक अवस्थाएँ न बदलें, तो R का मान निश्चित रहता है। ओम के नियम का सत्यापन करने के लिए किसी चालक जैसे-मैंगनीज का प्रतिरोधी तार लेते हैं। इसके श्रेणीक्रम में सेलों की एक बैटरी एमीटर, धारा नियंत्रक तथा कुंजी लगाते हैं। तार के सिरों पर एक वोल्टमीटर लगाते हैं, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
कुंजी लगाते ही पूरे परिपथ में विद्युतधारा बहने लगती है। धारा I का मान एमीटर से तथा प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर (V) वोल्टमीटर से पढ़कर सारणी में लिख लिया जाता है। अब धारा नियंत्रक द्वारा परिपथ में बहने वाली धारा का मान बदल-बदलकर हर बार एमीटर तथा वोल्टमीटर के पाठ सारणी में लिख लेते हैं । अब V तथा I में ग्राफ खींचते हैं। ग्राफ सरल रेखा में प्राप्त होता है। अतः तार के सिरों के बीच विभवान्तर तथा उसमें बहने वाली धारा परस्पर अनुक्रमानुपाती होती है अर्थात् चालक ओम के नियम का पालन करता है।
प्रश्न 4.
किसी चालक का प्रतिरोध किन - किन कारकों पर निर्भर करता है ? समझाइये।
उत्तर:
किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:
1. लम्बाई पर निर्भरता: किसी चालक तार का प्रतिरोध (R) उसकी लम्बाई (L) के अनुक्रमानुपाती होता है, अर्थात् R ∝ L
यदि किसी चालक का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल समान हो और उसकी लम्बाई को बढ़ाया जाये तो उसके प्रतिरोध का मान भी बढ़ जाता है। यदि उसकी लम्बाई को कम कर दिया जाए तो उसका प्रतिरोध भी कम हो जाता है।
2. प्रतिरोध की अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर निर्भरता: किसी चालक का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यदि किसी तार का प्रतिरोध R है और अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A है तो:
R ∝ \(\frac{1}{A}\)
3. प्रतिरोध की पदार्थ की प्रकृति पर निर्भरता: यदि समान लम्बाई तथा अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल के दो चालक तार लेते हैं जिनमें से एक ताँबा तथा दूसरा लोहे का हो एवं इन दोनों को क्रम से विद्युत परिपथ में संयोजित कर धारा प्रवाहित की जाए तो हम देखते हैं कि ताँबे में अधिक धारा प्रवाहित होगी। अर्थात् तांबे का प्रतिरोध लोहे की अपेक्षा कम होता है। अतः चालक का प्रतिरोध उसके पदार्थ पर निर्भर करता है।
4. ताप का प्रभाव: कुछ धातु चालकों का प्रतिरोध, ताप के साथ बढ़ता है, जैसे-ताँबा, चाँदी आदि। कुछ धातुएँ मिश्र होती हैं जैसे मैं गनीज तथा कान्सटेन्टन, का प्रतिरोध ताप परिवर्तन के साथ बहुत कम परिवर्तित होता है। इसके विपरीत, अर्द्धचालकों का प्रतिरोध ताप बढ़ाने पर कम होता है। जैसे- सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge) आदि।
प्रश्न 5.
विद्युत परिपथों के आरेख में सामान्यतः उपयोग होने वाले अवयवों के प्रतीकों को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
प्रतिरोधों के श्रेणीक्रम संयोजन के परिपथ का चित्र देते हुए तुल्य प्रतिरोध का सूत्र स्थापित कीजिये।
उत्तर:
एक विद्युत परिपथ में तीन प्रतिरोध R1, R2 व R3 श्रेणीक्रम में संयोजित करते हैं।
प्रत्येक प्रतिरोध R1, R2, R3 के समान्तर क्रम में क्रमशः वोल्ट मीटर V1, V2, V3 संयोजित हैं। सेल E, अमीटर A तथा कुंजी K परिपथ में श्रेणीक्रम क्रम में संयोजित हैं। कुंजी K को लगाने पर परिपथ में सेल E से धारा I प्रवाहित होती है विद्युत धारा (I) प्रवाहित होने पर श्रेणीक्रम में लगे प्रतिरोधों पर V1,V2, व V3 विभवान्तर उत्पन्न होते हैं जिनका योग बिन्दु P व Q के मध्य उत्पन्न विभवान्तर V के बराबर होता है। अर्थात्
V = V1 +V2 +V3 ..... (1)
चूँकि परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा T है तब प्रत्येक प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा भी I है। श्रेणीक्रम में जुड़े इन तीनों प्रतिरोधकों को एक ऐसे तुल्य एकल प्रतिरोधक जिसका प्रतिरोध R है, के द्वारा प्रतिस्थापित करना संभव है जिसे परिपथ में जोड़ने पर इसके सिरों पर विभवान्तर V तथा परिपथ में प्रवाहित धारा I वही रहती है। समस्त परिपथ पर ओम का नियम प्रयुक्त करने पर
V = IR ..... (2)
तीनों प्रतिरोधकों पर पृथक्-पृथक् ओम का नियम प्रयुक्त करने पर
V1 = IR1 ..... (3)
V2 = IR2 ..... (4)
V3 = IR3 ..... (5)
समीकरण (1) व (2) से
IR = IR1 + IR2 + IR3
अथवा
Rs = R1 + R2 + R3
इस प्रकार जब बहुत से प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में संयोजित होते हैं तो संयोजन का कुल प्रतिरोध R1, R2, R3 के योग के बराबर होता है और इस प्रकार संयोजन का प्रतिरोध किसी भी व्यष्टिगत प्रतिरोधक के प्रतिरोध से अधिक होता है। तीन से अधिक प्रतिरोध होने पर
अथवा
R = R1 +R2 +R3 +..........+Rn
Rs = R1 +R2 + R3+ R4+ .......... +Rn
प्रश्न 7.
प्रतिरोधों के समान्तर क्रम/पार्श्वक्रम संयोजन के परिपथ का चित्र देते हुए तुल्य प्रतिरोध का सूत्र स्थापित कीजिये।
उत्तर:
तीन प्रतिरोधकों जिनके प्रतिरोध क्रमशः R1, R2 व R3 है का पार्श्व संयोजन AB बनाते हैं। इस संयोजन को एक बैटरी (E), एक प्लग कुंजी (K) तथा एक ऐमीटर (A) से श्रेणीक्रम में संयोजित करते हैं। प्रतिरोधकों के संयोजन के पार्श्वक्रम में एक वोल्टमीटर भी संयोजित करते हैं।
प्लग में कुंजी लगाने पर ऐमीटर व वोल्टमीटर का पाठ्यांक ज्ञात करते हैं। माना कि विद्युत धारा का मान I है तथा पार्श्व संयोजन के सिरों के बीच विभवांतर V है। ऐमीटर को प्रत्येक प्रतिरोधक R1, R2 व R3 के श्रेणीक्रम में संयोजित कर इनमें प्रवाहित धारा का मान ज्ञात करते हैं जो माना कि क्रमशः I1, I2 व I3 है। हम देखते हैं कि कुल धारा I का मान, संयोजन की प्रत्येक शाखा में प्रवाहित होने वाली पृथक् धाराओं के योग के बराबर है:
I = I1 + I2 + I3 ...... (1)
माना कि प्रतिरोधकों के पार्श्व संयोजन का तुल्य प्रतिरोध Rρ है। प्रतिरोधकों के पार्श्व संयोजन पर ओम का नियम लागू करने पर:
I = \(\frac{V}{R_{p}} \) ...... (2)
प्रत्येक प्रतिरोधक पर ओम का नियम लागू करने पर:
I1 =\( \frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{1}}\), I2 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{2}}\), I3 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{3}}\) ...... (3)
समीकरण (2) व (3) से
\(\frac{V}{R_{p}}=\frac{V}{R_{1}}+\frac{V}{R_{2}}+\frac{V}{R_{3}}\)
अथवा
\( \frac{1}{R_{p}}=\frac{V}{R_{1}}+\frac{V}{R_{2}}+\frac{V}{R_{3}}\) ...... (4)
अतः पार्यक्रम में जुड़े प्रतिरोधों का तुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम उन प्रतिरोधों के व्युत्क्रमों के योग के बराबर होता है।
प्रश्न 8.
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव को समझाइए और जूल के तापन नियम को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
विद्युत धारा का तापीय प्रभाव: जब हम किसी विद्युत पंखे को निरन्तर काफी समय तक चलाते हैं तो वह गर्म हो जाता है। इसके विपरीत यदि विद्युत परिपथ विशुद्ध रूप से प्रतिरोधक है अर्थात् बैटरी से केवल प्रतिरोधकों का एक समूह ही संयोजित है तो स्रोत की ऊर्जा निरन्तर पूर्णरूप से ऊष्मा के रूप में क्षयित होती रहती है। इसे विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते हैं। इस प्रभाव का उपयोग विद्युत हीटर, विद्युत इस्तरी जैसी युक्तियों में किया जाता है। माना कि प्रतिरोध R के किसी प्रतिरोधक में धारा I प्रवाहित हो रही है और इसके सिरों के बीच में विभवान्तर का मान V है। इससे समय 1 में आवेश Q प्रवाहित होता है। Q आवेश विभवान्तर V से प्रवाहित होने में किया गया कार्य VQ है। अतः स्रोत को समय t में VQ ऊर्जा की आपूर्ति करनी चाहिए। अतः स्रोत द्वारा परिपथ में निवेशित शक्ति
P = \(\frac{V Q}{t}\) = VI
अर्थात् समय 1 में स्रोत द्वारा परिपथ को प्रदान की गई ऊर्जा P x t है, जो कि VIt के बराबर है। इस प्रकार विद्युत धारा I द्वारा समय t में उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा
H = VIt
लेकिन V = IR (ओम के नियम से)
∴ H = IR x It = I2Rt
इसे जूल का तापन नियम कहते हैं। इस नियम से यह स्पष्ट होता है कि किसी प्रतिरोधक में उत्पन्न होने वाली ऊष्मा
प्रश्न 9.
विद्युत शक्ति किसे कहते हैं? इसके लिये सूत्र व्युत्पन्न कीजिये।
उत्तर:
विद्युत शक्ति: किसी विद्युत परिपथ में धारा प्रवाहित करने पर प्रति सेकण्ड किये गये कार्य या कार्य करने की दर को विद्युत शक्ति कहते हैं अर्थात् विद्युत परिपथ में धारा प्रवाहित करने पर प्रति सेकण्ड व्यय होने वाली विद्युत ऊर्जा, विद्युत शक्ति कहलाती है।
विद्युत शक्ति (P) =
P = \(\frac{\mathrm{W}}{t} \).........(1)
लेकिन
कार्य (W) = विभवान्तर (V) x आवेश (Q)
w =VQ .........(2)
लेकिन
आवेश = धारा x समय
Q = It .........(3)
समी. (3) का मान समी. (2) में रखने पर
w = Vx It
w = VIt .........(4)
समी. (1) में मान रखने पर
P =\(\frac{\mathrm{VI} t}{t}\)= VI
अथवा
P = I2R = \(\frac{V^{2}}{R} \)
यदि V वोल्ट में I ऐम्पियर व R ओम में हो तो P का मान जूल/सेकण्ड (वाट) होगा। वाट शक्ति का छोटा मात्रक है। इसके अन्य बड़े मात्रक किलोवाट, मेगावाट एवं अश्वशक्ति हैं।
1 किलोवाट = 1000 वाट = 103 वाट
1 मेगावाट = 1000000 = 106 वाट
1 अश्व शक्ति = 746 वाट
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
एक घरेलू विद्युत परिपथ में 5 ऐम्पियर का फ्यूज है। 100 W (220V) के अधिकतम बल्बों की संख्या क्या होगी, जिनका इस परिपथ में सुरक्षित उपयोग कर सकें?
हल:
P = 100 w
V = 220 V
एक बल्ब द्वारा ली गई धारा:
I = \(\frac{P}{V}=\frac{100}{220}=\frac{5}{11} A\)
परिपथ में धारा = 5A
अतः बल्बों की संख्या है \(\frac{5}{5}\) x 11 = 11
प्रश्न 2.
किसी विद्युत बल्ब के तंतु में से 0.5A विद्युत धारा 10 मिनट तक प्रवाहित होती है। विद्युत परिपथ से प्रवाहित विद्युत आवेश का परिमाण ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया गया है:
I = 0.5 ऐम्पियर
t = 10 मिनट = 10 x 60 सेकण्ड
Q = ?
आवेश (Q) = (धारा I) x (समय 1)
Q = 0.5 x 10 x 60
= 300 कूलॉम
प्रश्न 3.
40 W, 220 V के विद्युत बल्ब में प्रवाहित विद्युत धारा की गणना कीजिए।
हल:
दिया गया है:
P = 40 W
V = 220 V
सूत्र P = VI से
मान रखने पर:
I =\(\frac{40 \mathrm{~W}}{220 \mathrm{~V}} \)
I = \(\frac{40}{220}\)
I = 0.18 A
प्रश्न 4.
(a) यदि किसी विद्युत बल्ब के तन्तु का प्रतिरोध 12000 है तो यह बल्ब 220 V स्रोत से कितनी विद्युत धारा लेगा?
(b) यदि किसी विद्युत हीटर की कुण्डली का प्रतिरोध 1000 है तो यह विद्युत हीटर 220 V स्रोत से कितनी धारा लेगा?
हल:
(a) दिया गया है:
R = 1200Ω
V = 220V
विद्युत धारा I = ?
विद्युत धारा I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
अत: मान रखने पर:
I = \(\frac{220}{1200}\) = 0.18A
(b) दिया गया है:
R = 100Ω
V= 220 V
विद्युत धारा I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
I = \(\frac{220}{100}\) = 2.2 A
प्रश्न 5.
एक 100 W का विद्युत उपकरण प्रतिदिन 6 घण्टे काम में आता है। उसके द्वारा 30 दिन में कितनी ऊर्जा (यूनिट में) उपयुक्त होगी?
हल:
दिया गया है:
P = 100 W
1 यूनिट = 1 kWh उत्तर
अतः यूनिटों की संख्या =
=\( \frac{100 \times 6 \times 30}{1000} \)
= 18 यूनिट
प्रश्न 6.
किसी धातु के 1m लम्बे तार का 20°C पर वैद्युत प्रतिरोध 26Ω है। यदि तार का व्यास 0.3 mm है, तो इस ताप पर धातु की वैद्युत प्रतिरोधकता क्या है? पाठ्यपुस्तक में दी गई सारणी 12.2 का उपयोग करके तार के पदार्थ की भविष्यवाणी कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार:
l = 1 m
R = 26Ω
d = 0.3 mm = 0.3 x 10-3 m
= 3 x 10-4m
हम जानते हैं:
प्रतिरोधकता ρ =\( \frac{\mathrm{RA}}{l} = \frac{\mathrm{R} \pi\left(\frac{d}{2}\right)}{l}\)
ρ =\(\frac{\mathrm{R} \pi d^{2}}{4 l}\)
मान रखने पर:
ρ = \(\frac{26 \times 3.14 \times\left(3 \times 10^{-4}\right)^{2}}{4 \times 1} = \frac{26 \times 3.14 \times 9 \times 10^{-8}}{4}\)
= 18369 x 10-8
या
ρ = 1.84 x 10-6Ω m
इस प्रकार दिये गये तार की धातु की 20°C पर वैद्युत प्रतिरोधकता 1.84 x 10-6Ω m है जो कि मैंगनीज की वैद्युत प्रतिरोधकता का मान है।
प्रश्न 7.
दिए गए पदार्थ के किसी। लम्बाई तथा A मोटाई के तार का प्रतिरोध 4Ω है। इसी पदार्थ के किसी अन्य तार का प्रतिरोध क्या होगा जिसकी लम्बाई , तथा मोटाई 2A है?
हल:
(1) प्रथम तार के लिए:
R1 =\( \rho \frac{l}{A} \)= 4Ω
(2) द्वितीय तार के लिए:
R2 = \(\rho \frac{l / 2}{2 \mathrm{~A}}\)
\(\begin{aligned} &=\frac{1}{4} \cdot \rho \frac{l}{\mathrm{~A}} \\ &=\frac{1}{4} \mathrm{R}_{1} \\ &=\frac{1}{4} \times 4 \Omega \end{aligned}\)
= 1Ω
अतः तार का नया प्रतिरोध 1Ω होगा।
प्रश्न 8.
8Ω प्रतिरोध के दिए गए पदार्थ के तार की लम्बाई 1 तथा अनुप्रस्थ - काट का क्षेत्रफल A है। इसी पदार्थ के अन्य तार की लम्बाई 1 तथा अनुप्रस्थ - काट क्षेत्रफल में होने पर उसका प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया हुआ है:
R1 = 8 Ω तथा लम्बाई = l व क्षेत्रफल = A
R2 = ?, लम्बाई = 2l व क्षेत्रफल = \(\frac{\mathrm{A}}{2}\)
हम जानते हैं कि:
R = ρ x \(\frac{l}{\mathrm{~A}} \)यहाँ ρ विशिष्ट प्रतिरोध है।
R1 = \( \rho \times \frac{l}{A}\)
8 = \(\rho \times \frac{l}{A} \)......(1)
इसी प्रकार R2 =\( \rho \times \frac{2 l}{\mathrm{~A} / 2}\) (∵ लम्बाई 2l व क्षेत्रफल A/2 है)
R2 = \( \rho \times \frac{2 \times 2 l}{A}\)
R2 = \( 4 \times \frac{\rho l}{\mathrm{~A}}\)
R = 4 x 8 (समीकरण (1) से ρ x\(\frac{l}{\mathrm{~A}} \)= 8 का मान रखने पर)
अतः
R2 = 32Ω
प्रश्न 9.
100W एवं 60W के दो विद्युत बल्ब 200 V की विद्युत लाइन के पार्श्वक्रम में जुड़े हैं। इन्हें प्रतिदिन 5 घण्टे जलाया जाता है। तो 30 दिन का विद्युत ऊर्जा व्यय एवं विद्युत खपत की दर 6 रुपये प्रति यूनिट हो तो बिल राशि की गणना करो।
हल:
100 W एवं 60 W के दो विद्युत बल्बों द्वारा व्यय विद्युत ऊर्जा अर्थात् यूनिट की संख्या:
यनिटों की संख्या =
अतः कुल व्यय यूनिटों की संख्या
\(\begin{aligned} &=\frac{100 \mathrm{~W} \times 5 \times 30+60 \mathrm{~W} \times 5 \times 30}{1000} \\ &=\frac{15000 \mathrm{Wh}+9000 \mathrm{Wh}}{1000} \end{aligned}\)
= 24 kWh
अर्थात् = 24 यूनिट अतः 30 दिन का कुल विद्युत ऊर्जा व्यय 24 यूनिट होगा।
एक यूनिट का खर्च = 6 रु.
तो 24 यूनिट का खर्च = 24 x 6 = 144 रु.
अतः बिल की राशि 144 रु. होगी।
प्रश्न 10.
एक विद्युत लैम्प जिसका प्रतिरोध 20 है तथा एक 4Ω प्रतिरोध का चालक 6v की बैटरी से चित्र में दिखाए अनुसार संयोजित है।
(a) परिपथ का कुल प्रतिरोध,
(b) परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा तथा
(c) विद्युत लैम्प तथा चालक के सिरों के बीच विभवान्तर परिकलित कीजिए।
हल:
(a) विद्युत लैम्प का प्रतिरोध R1 = 20Ω है और इसके साथ श्रेणीक्रम में संयोजित चालक का प्रतिरोध
R2 = 4Ω
तब परिपथ का कुल प्रतिरोध
Rs = R1 + R2
= 20Ω+4 Ω = 24 Ω
(b) बैटरी के दो टर्मिनलों के बीच कुल विभवान्तर
V = 6 V
ओम के नियम से परिपथ में प्रवाहित कुल विद्युत धारा
I =\( \frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{\mathrm{s}}}=\frac{6 \mathrm{~V}}{24 \Omega}\)= 0.25A
(c) विद्युत लैम्प के सिरों के बीच विभवान्तर का मान
V1 = I R1
= 0.25x 20 = 5 V
तथा चालक के सिरों के बीच विभवान्तर का मान
V2 = I R2
= 0.25 x 4 = 1 V
प्रश्न 11.
नीचे दिये गये चित्र के परिपथ आरेख में मान लीजिए प्रतिरोधकों R1, R2 तथा R3 के मान क्रमशः 5Ω, 10Ω, 30Ω हैं तथा इन्हें 12 V की बैटरी से संयोजित किया गया है।
(a) I प्रत्येक प्रतिरोधक से प्रवाहित विद्युत धारा
(b) परिपथ में प्रवाहित कुल विद्युत धारा तथा
(c) परिपथ का कुल प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
हल:
(a) दिया गया है:
R1 = 5 Ω , R2 = 10Ω तथा R3 = 30Ω
बैटरी के सिरों पर विभवान्तर V= 12 V
ओम के नियम से
R1 से प्रवाहित विद्युत धारा I1 =\(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{1}}\)
\(\mathrm{I}_{1}=\frac{12 \mathrm{~V}}{5 \Omega}=2.4 \mathrm{~A}\)
R2 से प्रवाहित विद्युत धारा I2 =\(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{2}}\)
\(\mathrm{I}_{2}=\frac{12 \mathrm{~V}}{10 \Omega}=1.2 \mathrm{~A} \)
R3 से प्रवाहित विद्युत धारा I3 =\(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{3}}\)
\(\mathrm{I}_{3}=\frac{12 \mathrm{~V}}{30 \Omega}=0.4 \mathrm{~A}\)
(b) परिपथ से प्रवाहित कुल धारा:
I = I1+ I2 + I3
= (2.4 + 1.2 + 0.4)A
= 4A
(c) कुल प्रतिरोध
\(\frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}+\frac{1}{R_{3}}\)
\(\begin{aligned} &=\frac{1}{5}+\frac{1}{10}+\frac{1}{30} \\ \frac{1}{R_{p}} &=\frac{6+3+1}{30}=\frac{10}{30} \end{aligned}\)
Rρ = \(\frac{30}{10} \)= 3Ω
प्रश्न 12.
चित्र में R1 = 10Ω, R2 = 40Ω, R3 = 30Ω, R4 = 20Ω, R5 = 60Ω है तथा प्रतिरोधकों के इस विन्यास को 12 V से संयोजित किया जाता है।
(a) परिपथ में कुल प्रतिरोध तथा
(b) परिपथ में प्रवाहित कुल विद्युत धारा परिकलित कीजिए।
हल:
दिया गया है:
R1 = 10Ω,
R2 = 40Ω,
R3 = 30Ω,
R4 =20Ω
R5 =60Ω
(a) R1 तथा R2 का तुल्य प्रतिरोध Rp होगा। पार्श्वक्रम स्थिति के लिए
\(\begin{aligned} &\frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}} \\ &\frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{10}+\frac{1}{40}=\frac{4+1}{40}=\frac{5}{40} \\ &R_{p}=\frac{40}{5}=8 \Omega \end{aligned}\)
इसी प्रकार से R3, R4 और R5 के लिए
\(\begin{aligned} \frac{1}{R_{p}^{\prime}} &=\frac{1}{R_{3}}+\frac{1}{R_{4}}+\frac{1}{R_{5}} \\ &=\frac{1}{30}+\frac{1}{20}+\frac{1}{60}=\frac{2+3+1}{60} \\ \frac{1}{R_{p}^{\prime}} &=\frac{6}{60}=\frac{1}{10} \\ R_{p}^{\prime} &=10 \Omega \end{aligned}\)
इस प्रकार कुल प्रतिरोध
R = Rp + R'p
= 8Ω + 10Ω = 18Ω
(b) विद्युत धारा का मान परिकलित करने के लिए ओम का नियम उपयोग करने पर
I =\(\frac{V}{R}=\frac{12 \mathrm{~V}}{18 \Omega}=\frac{2}{3}\) = 0.67
∴I = 0.67 A
प्रश्न 13.
(a) किसी विद्युत इस्तरी में अधिकतम तापन दर के लिए 840 W की दर से ऊर्जा उपभुक्त होती है तथा
(b) 360 W की दर से उस समय उपभुक्त होती है जब तापन की दर निम्नतम है। यदि विद्युत स्रोत की वोल्टता 220 V है तो दोनों प्रकरणों में विद्युत धारा तथा प्रतिरोध के मान परिकलित कीजिए।
हल:
दिया गया है:
(a) जब तापन की दर अधिकतम है तब
P = 840 w
V = 220 V
विद्युत धारा I = ?
धारा I =\( \frac{\mathrm{P}}{\mathrm{V}}\)
=\( \frac{840 \mathrm{~W}}{220}\)= 3.82A
तथा विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध
R =\(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\)
R =\( \frac{220 \mathrm{~V}}{3.82 \mathrm{~A}}\) = 57.60Ω
(b) जब तापन की दर निम्नतम है
I =\(\frac{P}{V} \)से
I = \(\frac{360 \mathrm{~W}}{220 \mathrm{~V}}\)
=1.64 A
तथा विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध
R =\( \frac{V}{I}\)
220V
R = \(\frac{220 \mathrm{~V}}{1.64 \mathrm{~A}}\)=134.15Ω
प्रश्न 14.
किसी 40 प्रतिरोधक से प्रति सेकण्ड 100 J ऊष्मा उत्पन्न हो रही है। प्रतिरोधक के सिरों पर विभवान्तर ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार
उत्पन्न ऊष्मा H = 100 J
प्रतिरोध R = 4Ω समय t = 1 sec.
V = ?
हम जानते हैं कि तार में उत्पन्न ऊष्मा
H = I2 x R x t
∴ I2 = \(\frac{\mathrm{H}}{\mathrm{RT}} \)
मान रखने पर
I2 = \(\frac{100}{4 \times 1}\) = 25
∴ I = \(\sqrt{25}\) = 5 ऐम्पीयर
ओम के नियम से
V = IR
मान रखने पर
V = 5 x 4 = 20 V
प्रश्न 15.
कोई विद्युत बल्ब 220 V के जनित्र से संयोजित है। यदि बल्ब से 0.50 A विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो बल्ब की शक्ति क्या है?
हल:
प्रश्नानुसार
V = 220V
I = 0.50A
P = ?
हम जानते हैं, शक्ति P = VI से
= 220 V x 0.50 A
= 110 J/s
= 110 W
प्रश्न 16.
एक 220 V तथा 100 W के बल्ब को 110 V के स्रोत से जोड़ दिया जाए तो बल्ब द्वारा उपभुक्त शक्ति का मान ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया गया है:
V = 220V
बल्ब की शक्ति P = 100 W
बल्ब का, प्रतिरोध
R =\( \frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{P}}\) से
सूत्र
R =\( \frac{220 \times 220}{100}\)
R = 484
ओम यहाँ स्रोत की वोल्टता V1 = 110 V
अतः बल्ब द्वारा उपभुक्त शक्ति
P1 =\( \frac{\mathrm{V}_{1}^{2}}{\mathrm{R}}\)
P1 =\( \frac{110 \times 110}{484}\)
P1 = 25W
प्रश्न 17.
400W अनुमत का कोई विद्युत रेफ्रिजरेटर 8 घण्टे/दिन चलाया जाता है। 3.00 रुपये प्रति kWh की दर से इसे 30 दिन तक चलाने के लिए ऊर्जा का मूल्य क्या है? हल:
दिया गया है: P = 400 W
t = 8 घण्टे/दिन
दिनों की संख्या = 30 दिन
∴ 30 दिन में रेफ्रिजरेटर द्वारा उपभुक्त कुल ऊर्जा
= 400 W x 8.0 घण्टे/दिन x 30 दिन
= 400 x 8 x 30 वाट x घण्टे
= 96000 वाट x घण्टे
= \(\frac{96000}{1000}\) kWh
= 96 kWh
इस प्रकार 30 दिन तक रेफ्रिजरेटर को चलाने में उपभुक्त कुल ऊर्जा का मूल्य
= 96 kWh x 3.00 रुपए प्रति kWh
= 288.00 रुपए
प्रश्न 18.
20Ω, 30Ω एवं 50Ω के तीन प्रतिरोध, श्रेणीक्रम संयोजन में जुड़े हुए हैं, संयोजन को 150 वोल्ट के स्रोत से जोड़ दिया जाये तो प्रत्येक प्रतिरोध में प्रवाहित धारा व उनके सिरों पर विभवान्तर ज्ञात करो।
हल:
चूँकि प्रतिरोध तीनों श्रेणीक्रम में जुड़े हुए हैं इसलिये तीनों में धारा समान बहेगी।
R = R1+ R2 + R3
= 20 + 30 + 50 = 100Ω
इसलिये प्रत्येक प्रतिरोध में बहने वाली धारा का मान
I = \(\frac{V}{R}\)
I = \( \frac{150}{100}\) = 1.5 ऐम्पियर
20 ओम के सिरों पर विभवान्तर का मान
V1 = IR1
= 1.5 x 20 = 30 वोल्ट
30 ओम के सिरों पर विभवान्तर का मान
V2 = IR2
= 1.5 x 30 = 45 वोल्ट
50 ओम के सिरों पर विभवान्तर का मान
V3 = IR3
= 1.5 x 50 = 75 वोल्ट
प्रश्न 19.
चित्र में R1 = 2Ω , R2 = 4Ω तथा R3 = 4Ω है। तथा प्रतिरोधकों के इस विन्यास को 6V से संयोजित किया जाता है तो
(a) परिपथ में कुल प्रतिरोध
(b) परिपथ में प्रवाहित कुल विद्युत धारा
(c) R1 = 2Ω के प्रतिरोध में प्रवाहित धारा परिकलित कीजिए।
हल:
दिया गया है:
R1 = 2Ω
R2 = 4Ω
R3 = 4Ω
V = 6V
(a) R1 वं R2 श्रेणीक्रम में जुड़े हैं अतः इनका तुल्य प्रतिरोध Rs होगा:
Rs = R1 + R2
Rs = 2 + 4 = 6Ω
Rs तथा R3 पार्श्वक्रम में जुड़े हैं, अतः तुल्य प्रतिरोध Rρ होगा:
\(\begin{aligned} \frac{1}{R_{P}} &=\frac{1}{R_{S}}+\frac{1}{R_{3}} \\ \frac{1}{R_{P}} &=\frac{1}{6}+\frac{1}{4} \\ &=\frac{10}{24} \end{aligned}\)
R = \(\frac{24}{10}\) = 2.4Ω
(b) विद्युत धारा का मान ज्ञात करने के लिए ओम का नियम प्रयुक्त करने पर
I = \(\frac{V}{R}\) (यहाँ V = 6V, R = 2.462)
I = \(\frac{6}{2.4} \)
I = 2.5 A
(c) R1 = 2Ω के प्रतिरोध में प्रवाहित विद्युत धारा ओम के नियम से
I = \( \frac{V}{R} \) (यहाँ V= 6V, R = 6Ω)
I = 1 A
प्रश्न 20.
एक धनावेशित कण जिस पर आवेश का मान 10-6 कूलॉम है। इसे अनन्त से विद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु तक लाने में कार्य 6 x 10-5 जूल करना पड़ता है तो उस बिन्दु पर विद्युत विभव की गणना करो।
हल:
दिया गया है:
Q = 10-6 कूलॉम,
W= 6 x 10-5 जूल,
V= ?
विभव (V) =
=
= 6 x 10 जूल/कूलॉम
= 60 वोल्ट
प्रश्न 21. दिए गए परिपथ में
(अ) संयोजन का कुल प्रतिरोध
(ब) 12 प्रतिरोध में धारा
(स) बिन्दु B तथा C के मध्य विभवान्तर के मान की गणना कीजिए।
हल:
(अ) संयोजन का कुल प्रतिरोध:
बिन्दु B एवं ए के मध्य 6Ω के दोनों प्रतिरोध समानान्तर क्रम में जुड़े हैं। अतः इनका तुल्य प्रतिरोध
\(\frac{1}{R_{1}}=\frac{1}{6}+\frac{1}{6}\)
= \(\frac{2}{6}=\frac{1}{3}\)
R1 = 3Ω
इसी प्रकार बिन्दु D एवं E के मध्य 3Ω और 6Ω के प्रतिरोध समानान्तर क्रम में जुड़े हैं। अतः इनका तुल्य प्रतिरोध
\(\frac{1}{R_{2}}=\frac{1}{3}+\frac{1}{6}\)
= \(\frac{2+1}{6}=\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)
R2 = 2Ω
अब 1Ω, 3Ω और 2Ω के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में संयोजित होंगे। अतः इनका तुल्य प्रतिरोध
R = 1+ 3 + 2
R = 6Ω
(ब) 1Ω प्रतिरोध में धारा
धाराI = \(\frac{V}{R} \)
यहाँ V = 6V एवं R = 1Ω तो I = \( \frac{6 \mathrm{~V}}{1 \Omega}\) = 6
धारा I = 6 ऐम्पियर
(स) बिन्दु B और C के मध्य विभवान्तरपरिपथ में दो टर्मिनलों के मध्य कुल विभवान्तर
V = 6V
अब, ओम के नियम के अनुसार बिन्दु B और C के मध्य प्रवाहित विद्युत धारा
\(\mathbf{I}_{1}=\frac{V}{R_{1}}\)
यहाँ V= 6V एवं R1 = 3Ω
तब I1 = \(\frac{6 V}{3 \Omega}=2 \mathrm{~A}\)
अब बिन्दु B और C के मध्य विभवान्तर
V1 = I1 x R1
V1 = 2A x 3Ω
V1 = 6V
अतः बिन्दु B और C के मध्य विभवान्तर 6V होगा।
प्रश्न 22.
दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 60W,220 V तथा दूसरे का 40W,220V है, विद्युत 220 V आपूर्ति मेन्स के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित है। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है, तो विद्युत मेन्स से कुल कितनी धारा ली जाती है?
हल:
चूंकि दोनों विद्युत लैम्प पार्यक्रम में संयोजित हैं अतः प्रत्येक के मध्य विभवांतर का मान समान होगा। 60 W अनुमतांक के विद्युत लैम्प द्वारा ली जा रही विद्युत धारा
P = V x I
I = \( \frac{\mathrm{P}}{\mathrm{V}} \)
यहाँ P= 60W, V = 220 V
I1 = \(\frac{60 \mathrm{~W}}{220 \mathrm{~V}}=\frac{60}{220} \mathrm{~A}\)
इसी प्रकार 40W अनुमतांक के विद्युत लैम्प द्वारा ली जा रही विद्युत धारा:
I2 = \(\frac{40 \mathrm{~W}}{220 \mathrm{~V}}=\frac{40}{220} \mathrm{~A} \)
पार्श्व संयोजन से प्रवाहित कुल धारा I = I1 + I2
अतः
I = \( \frac{60}{220}+\frac{40}{220}\)
I = \(\frac{100}{220}\)
I = 0.454 A