RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 9 Science  Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 9 Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

RBSE Class 9 Science Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा InText Questions and Answers

पृष्ठ 164.

प्रश्न 1. 
किसी वस्तु पर 7N का बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा में विस्थापन 8m है (चित्र में)। मान लीजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?
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उत्तर:
हल: दिया गया है।
बल F = 7N 
विस्थापन s = 8 m
कार्य W = ? 
 ∴ कार्य  W = F x s 
 ∴ W = 7 N x 8 
 m = 56 Nm
या  W = 56 जूल 

पृष्ठ 165.

प्रश्न 1. 
हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?
उत्तर:
यदि किसी वस्तु पर बल लगाया जाये और बल की दिशा में वस्तु गति करे तो हम कहते हैं कि कार्य किया गया है। कार्य के लिए विस्थापन का होना आवश्यक है।

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प्रश्न 2. 
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
जब बल विस्थापन की दिशा में ही लगता है, तब किया गया कार्य (W) = बल x बल की दिशा में विस्थापन 
W = F x s 

प्रश्न 3. 
1J कार्य को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर 1N का बल लगाने पर, वस्तु में विस्थापन बल की दिशा में 1 मीटर हो जाता है, तो किया गया कार्य 1J (जूल) कहलाता है।

प्रश्न 4. 
बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140N बल लगाती है। जोता गया खेत 15m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?
उत्तर:
दिया गया हैबैलों द्वारा लगाया गया बल F = 140N
जोता गया खेत s = 15m 
 ∵ कार्य (W) = F x s
 ∴ W = 140 N x 15 m
2100 Nm 
w = 2100 जूल

पृष्ठ 169.

प्रश्न 1. 
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है? 
उत्तर: 
गतिज ऊर्जा: किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा उसकी चाल के साथ बढ़ती है। किसी निश्चित वेग से गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा, उस वस्तु पर इस वेग को प्राप्त करने के लिए किए गए कार्य के बराबर होती है।

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प्रश्न 2. 
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखो।
उत्तर:
यदि कोई m द्रव्यमान की एक वस्तु एक समान वेग " से गतिशील है तो वस्तु की गतिज ऊर्जा का मान होगा।
\(\mathrm{E}_{\mathrm{k}}=\frac{1}{2} m v^{2}\)

प्रश्न 3. 
5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25J है। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी? यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी?
उत्तर:
(i) दिया गया है।
वेग (v) = 5 m/s
वस्तु का द्रव्यमान = m
गतिज ऊर्जा = Ek = 25J
 ∵  गतिज ऊर्जा \(\mathrm{E}_{\mathrm{k}}=\frac{1}{2} m v^{2}\)
  ∴   \(25=\frac{1}{2} m \times 5 \times 5\)
⇒  50 = 25 m
⇒  m= 50/20
अतः वस्तु का द्रव्यमान m = 2 kg

(ii) जब वेग को दोगुना कर दिया हो तब
V1 = 2 x 5 = 10 m/s
गतिज ऊर्जा  

\(\begin{aligned} \mathrm{E}_{\mathrm{k}} &=\frac{1}{2} m v_{1}^{2} \\ &=\frac{1}{2} \times 2 \times(10)^{2} \end{aligned}\)
= 100 जूल
अतः वेग को दोगुना करने पर गतिज ऊर्जा 100 जूल हो जायेगी।

(iii) जब वेग को तीन गुना कर दिया गया हो
V2 = 3 x 5 = 15 m/s
गतिज ऊर्जा 
\(\begin{aligned} \mathrm{E}_{\mathrm{k}} &=\frac{1}{2} m v_{2}^{2} \\ &=\frac{1}{2} \times 2 \times(15)^{2} \end{aligned}\)
= 225 जूल
अत: वेग तीन गुना करने पर गतिज ऊर्जा 225 जूल हो जायेगी। 

पृष्ठ 174.

प्रश्न 1. 
शक्ति क्या है?
उत्तर:
किसी कारक/साधन के कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। माना कोई साधन। समय में W कार्य करता है, तो
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या
\(\mathrm{P}=\frac{\mathrm{W}}{t}\)
जूल/से. या वाट शक्ति का मात्रक है। शक्ति का बड़ा मात्रक किलोवाट, मेगावाट होता है। यह एक अदिश राशि है।

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प्रश्न 2. 
1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए। 
उत्तर:
किसी स्रोत द्वारा एक सेकण्ड में एक जूल ऊर्जा खर्च करने की दर को एक वाट शक्ति कहते हैं।
अतः 
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प्रश्न 3. 
एक लैंप 1000J विद्युत ऊर्जा 10s में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है? 
उत्तर:
दिया गया है
ऊर्जा (W) = 1000J
समय (t) = 10s
शक्ति (P) = ?
∵ शक्ति (P) =  \(\frac{\mathrm{W}}{t}\)
 ∴  \(P=\frac{1000 \mathrm{~J}}{10 \mathrm{~s}}\) = 100 जूल/सेकण्ड
P = 100 वाट.

प्रश्न 4. 
औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
कुल उपयोग की गई ऊर्जा को कुल लिए गए समय से भाग देकर निकाली गई शक्ति को औसत शक्ति कहते हैं। अतः
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प्रश्न 1. 
'निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।
1. सूमा एक तालाब में तैर रही है। 
2. एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है। 
3.  एक पवन - चक्की (विंड - मिल) कुएँ से पानी उठा रही है। 
4.  एक हरे पौधे में प्रकाश - संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है। 
5.  एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है। 
6.  अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं। 
7.  एक पाल - नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।
उत्तर:

  1. हाँ, इस स्थिति में कार्य संपादित हो रहा है। लेकिन यहाँ पर कार्य ऋणात्मक है, चूँकि बल पीछे की ओर आरोपित हो रहा है जबकि विस्थापन आगे की दिशा में हो रहा है।
  2. इस स्थिति में कोई भी कार्य संपादित नहीं हो रहा है, क्योंकि बल नीचे की ओर आरोपित किया जा रहा है जबकि विस्थापन आगे की दिशा में हो रहा है। जबकि कार्य के संपादन के लिए आरोपित बल की दिशा और विस्थापनं की दिशा समान होनी चाहिए।
  3. हाँ, इस स्थिति में कार्य संपादन हो रहा है, क्योंकि बल ऊपर की ओर आरोपित किया जा रहा है तथा पानी भी पवन-चक्की द्वारा ऊपर की ओर ही उठाया जा रहा है।
  4.  इस स्थिति में कोई कार्य संपादित नहीं हो रहा है, क्योंकि न तो कोई बल आरोपित किया जा रहा है और न ही वस्तु विस्थापित हो रही है।
  5. हाँ, इस स्थिति में कार्य हो रहा है क्योंकि इंजन, रेलगाड़ी पर बल लगा रहा है तथा रेलगाड़ी, आरोपित बल की दिशा में ही विस्थापित हो रही है।
  6.  इस स्थिति में कोई भी कार्य सम्पादित नहीं हो रहा है क्योंकि यहाँ पर न तो कोई बल आरोपित हो रहा है और न ही कोई विस्थापन उत्पन्न हो रहा है।
  7. हाँ, इस स्थिति में कार्य संपादित हो रहा है, क्योंकि पवन के कारण नाव उसी दिशा में विस्थापित हो रही है जिस दिशा में हवा उसे धकेल रही है। इसलिए कार्य हो रहा है।

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 प्रश्न 2. 
एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अन्तिम बिन्दु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा वस्तु पर शून्य कार्य किया जायेगा, क्योंकि गुरुत्व बल के विरुद्ध किए गए कार्य में, वस्तु का द्रव्यमान एवं गुरुत्वीय त्वरण तो स्थिर रहते हैं, परन्तु उसकी ऊँचाई शून्य हो जाती है। ऐसा पथ के आरम्भिक तथा अन्तिम बिन्दुओं के एक ही क्षैतिज तल में स्थित होने  के कारण होता है। चूँकि बल सदा विस्थापन की दिशा में समकोण पर कार्य प्रारम्भिक बिन्दु अन्तिम बिन्दु करता है, इसलिए पिण्ड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।

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प्रश्न 3. 
एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बैटरी में रासायनिक क्रिया होती है, जिससे रासायनिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है। विद्युत ऊर्जा बल्ब को जलाकर प्रकाश ऊर्जा और ऊष्मा ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाती है।

प्रश्न 4. 
20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 ms-1 से 2 ms-1 में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए। 
उत्तर:
दिया गया है
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 20 kg
प्रारंभिक वेग (u) = 5 m/s
अंतिम वेग  (v) = 2 m/s
समय (t) = 1s
कार्य = ?
 ∵ कार्य = बल x विस्थापन बल को ज्ञात करने के लिए त्वरण का मान ज्ञात होना चाहिए।
 ∴ त्वरण की परिभाषा से
\(a=\frac{v-u}{t}\)
या
\(a=\frac{2-5}{1}=-3 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^{2}\)

ऋणात्मक त्वरण का अर्थ है कि मंदन हो रहा है।
 ∵  F = ma 
 ∴ F = 20 x (-3)
= - 60N
यहाँ पर बल विपरीत दिशा में लगाया जा रहा है। गति के तीसरे समीकरण से
\(\begin{aligned} v^{2} &=u^{2}+2 a s \\ (2)^{2} &=(5)^{2}+2(-3) \times s \\ 4 &=25-6 s \\ 6 s &=25-4=21 \end{aligned}\)
 ∴  \(s=\frac{21}{6}=\frac{7}{2}\)
 ∴ विस्थापन (s) = \(\frac{7}{2} m\)
 ∵  किया गया कार्य = बल x विस्थापन
 ∴  \(\mathrm{W}=-60 \mathrm{~N} \times \frac{7}{2} m\)

= - 210 Nm या - 210 जूल
यहाँ पर बल विस्थापन की दिशा के विपरीत दिशा में लगता है इसलिए किया गया कार्य ऋणात्मक है।

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प्रश्न 5. 
10 kg द्रव्यमान का एक पिंड मेज़ पर A बिन्दु पर रखा है। इसे B बिन्दु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए। 
उत्तर:
दिया गया है
द्रव्यमान m = 10 kg
गुरुत्वीय त्वरण g = 10 m/s2 (लिया गया है)
गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किया गया कार्य
= m x g x h
इस स्थिति में, गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य शून्य होगा। चूँकि बिन्दु A तथा बिन्दु B को जोड़ने वाली रेखा एक ही क्षैतिज रेखा में है। इस कारण से h = 0 होगी और इसके साथ ही गुरुत्वाकर्षण बल का कोई भी घटक पिंड के विस्थापन की दिशा में कार्य नहीं करता है।

प्रश्न 6. 
मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है? कारण बताइए।
उत्तर:
यह ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार ही है, क्योंकि जब कोई पिण्ड मुक्त रूप से गिरता है, तब जिस अनुपात में पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा में कमी आती है, उसी अनुपात में उसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि भी होती है। इसलिए पिण्ड की कुल ऊर्जा हमेशा संरक्षित रहती है।

प्रश्न 7. 
जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन सी ऊर्जा रूपांतरण होती है?
उत्तर:
साइकिल चलाते समय स्थितिज ऊर्जा, पेशीय ऊर्जा में और शरीर की पेशीय ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाती है।

प्रश्न 8. 
जब आप अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं, तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?
उत्तर:
चूँकि हम चट्टान को हिलाने में असफल हो जाते हैं तो विस्थापन न होने के कारण हमने कोई कार्य नहीं किया, पर ऊर्जा का स्थानान्तरण होता है, जो ऊष्मा ऊर्जा में बदल जाता है, जो कि हमारे शरीर में जैव रासायनिक क्रियाओं द्वारा, पसीने और थकान के रूप में प्रकट होता है।

प्रश्न 9. 
किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 यूनिटें व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी?
उत्तर:
हल: कुल यूनिट = 250 हम जानते हैं।
1 kWh = 3.6 x 10जूल
 ∴ 250 kWh = 3.6 x 106 x 250 जूल
= 9 x 108 जूल 

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प्रश्न 10. 
40 kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिंड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। [g = 10ms-2]
उत्तर:
हल: दिया गया है।
पिंड का द्रव्यमान (m) = 40 kg 
ऊँचाई (h) = 5 m
g = 10 m/s2 
पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा (Ep) = mgh
= 40 x 10 x 5
= 2000 जूल
जब वस्तु आधी ऊँचाई पर होती है, तब
मुक्त रूप से गिरने पर आरम्भिक वेग u = 0
ऊँचाई \(h=\frac{1}{2} \times 5=2.5 \mathrm{~m}\)
गुरुत्वीय त्वरण g = 10 m/s
गति के तीसरे समीकरण से,
\(v^{2}=u^{2}+2 g h\) 
मान रखने पर \(\begin{aligned} &v^{2}=0+2 \times 10 \times 2.5 \\ &v^{2}=50 \end{aligned}\)
 ∵  पिण्ड की गतिज ऊर्जा (Ek) = \(\frac{1}{2} m v^{2}\)
 ∴ \(\begin{aligned} \mathrm{E}_{\mathrm{k}} &=\frac{1}{2} \times 40 \times 50 \\ &=20 \times 50=1000 \end{aligned}\) जूल 

प्रश्न 11. 
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल का मान शून्य होगा। चूँकि उपग्रह की गति की दिशा कक्षा के लम्बवत् होती है। इस तरह, बल और विस्थापन की दिशायें एक - दूसरे के लम्बवत होती हैं।
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अतः किया गया कार्य W = Fs x cos\(\theta\)
यहाँ पर  \(\theta\) = 90° है  ∴  cos 90° = 0
 ∴  W = 0 
अतः एकसमान वृत्तीय गति की स्थिति में किया गया कुल कार्य शून्य होता है।

प्रश्न 12. 
क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है ? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार - विमर्श कीजिए।
उत्तर:
किसी पिण्ड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन सम्भव हो सकता है। यदि पिण्ड समान वेग से पहले ही चला आ रहा हो, तो किसी बल की अनुपस्थिति में यह पूर्णवत् उसी वेग से चलता रहेगा। अतः इसका विस्थापन सम्भव है। यदि पिण्ड विरामावस्था में है तो न्यूटन के गति के नियमानुसार, यह तब तक विरामावस्था में रहती है, जब तक कि उस पर लगा बल उसकी इस अवस्था में कोई परिवर्तन न कर दे। अत: विरामावस्था में किसी बल की अनुपस्थिति में वस्तु का विस्थापन सम्भव नहीं है।

प्रश्न 13. 
कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
उसने कोई कार्य नहीं किया है। चूंकि यहाँ पर व्यक्ति ने उसकी दिशा में कोई विस्थापन नहीं किया है।

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प्रश्न 14. 
एक विद्युत - हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500 W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा? 
उत्तर:
दिया गया है।
शक्ति (P) = 1500 w
समय (1) = 10 घण्टे
W = ?
चूँकि हम जानते हैं कि किया गया कार्य ही ऊर्जा होती है।
  ∵    \(\mathrm{P}=\frac{\mathrm{W}}{t}\)
 ∴ W = P x t
क्या W = 1500 x 10 वाट x घण्टे
\(=\frac{1500 \times 10}{1000} \mathrm{kWh}\)
15 Kwh = 15 यूनिट

प्रश्न 15. 
जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है ? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है?
उत्तर:

  1. सरल लोलक के गोलक की स्थितिज ऊर्जा उस समय सबसे अधिक होती है जब उसे एक तरफ खींचा जाता है। जब इसे दोलन के लिए छोड़ा जाता है, उस स्थिति में उसकी स्थितिज ऊर्जा अधिकतम होती है और उसकी गतिज ऊर्जा शून्य होती है। किन्तु माध्य की स्थिति में गतिज ऊर्जा अधिकतम एवं स्थितिज ऊर्जा शून्य हो जाती है। परन्तु कुल ऊर्जा सदैव संरक्षित रहती है।
  2. लोलक का गोलक अन्त में रुक जाता है। ऐसा लोलक जिस बिन्दु से बंधा रहता है, उसके साथ घर्षण के कारण तथा दोलन करते हुए गोलक के हवा के साथ घर्षण के कारण होता है। इस घर्षण के कारण दोलन करते हुए गोलक की यांत्रिक ऊर्जा धीरे-धीरे ऊष्मा या ताप ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। अंततः यह ताप ऊर्जा वातावरण में खो जाती है।
  3.  नहीं, यह ऊर्जा संरक्षण के सिद्धान्त का उल्लंघन नहीं है।

प्रश्न 16. 
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए? 
उत्तर:
 द्रव्यमान = m
नियत वेग = V
पिण्ड की गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2} m v^{2}\)
यह पिण्ड गति में है।
अतः इस पिण्ड को विराम अवस्था में लाने के लिए समान मात्रा में कार्य करने की आवश्यकता होगी अर्थात् पिण्ड पर किया जाने वाला कार्य = \(\frac{1}{2} m v^{2}\) होगा।

प्रश्न 17. 
1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए। 
उत्तर:
दिया गया है। 
द्रव्यमान (m) = 1500 kg
वेग (v) = 60 km/h = \(\frac{60 \times 5}{18}\)
\(=\frac{30 \times 5}{9}=\frac{150}{9} \mathrm{~m} / \mathrm{s}\)
कार को रोकने के लिए किये गये कार्य का मान = \(\frac{1}{2} m v^{2}\)
\(\begin{aligned} &=\frac{1}{2} \times 1500 \times\left(\frac{150}{9}\right)^{2} \\ &=\frac{1}{2} \times \frac{1500 \times 150 \times 150}{9 \times 9} \end{aligned}\)
\(=\frac{500 \times 50 \times 75}{9}=\frac{500 \times 50 \times 25}{3}\)
\(=\frac{625000}{3}\) = 208333.33 जूल 

प्रश्न 18. 
निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।
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उत्तर:

  1. इस स्थिति में किए गए कार्य की मात्रा शून्य है, क्योंकि बल विस्थापन के लंबवत कार्य कर रहा है।
  2. इस स्थिति में किया गया कार्य धनात्मक है, क्योंकि वस्तु का विस्थापन आरोपित बल की दिशा में हो रहा है।
  3.  इस स्थिति में किया गया कार्य ऋणात्मक है, क्योंकि आरोपित बल की विपरीत दिशा में वस्तु का विस्थापन हो रहा है।

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प्रश्न 19. 
सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं? बताइए क्यों?
उत्तर:
हम उसके कथन से सहमत हैं, क्योंकि जब कोई वस्तु विराम अवस्था में होती है तथा उसकी गति शून्य होती है, तब उसमें त्वरण भी शून्य होता है। यदि सभी बलों का कुल योग शून्य हो तो भी वस्तु का त्वरण शून्य होता है। जब वस्तु एक समान वेग से गति में होती है, उसका त्वरण शून्य होता है, क्योंकि इस स्थिति में एक साथ कई संतुलनकारी बल कार्य कर सकते हैं।

प्रश्न 20. 
चार युक्तियाँ, जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 W है, 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके , द्वारा व्यय की गई ऊर्जा kWh में परिकलित कीजिए।
उत्तर:
हल: कुल युक्तियाँ = 4
एक युक्ति की शक्ति = 500 W
समय = 10
घंटे कुल शक्ति = कुल युक्तियाँ x 1 युक्ति की शक्ति
= 4 x 500 वाट = 2000 वाट
या \(\frac{2000}{1000} \mathrm{~kW}=2 \mathrm{~kW}\)
व्यय ऊर्जा = शक्ति x समय
= 2 kW x 10 घंटे
= 20 kWh 

प्रश्न 21. 
मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?
उत्तर:
जब कोई पिण्ड मुक्त रूप से गिरता है तब उस पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा धीरे-धीरे गतिज ऊर्जा में बदलने लगती है। लेकिन जैसे ही पिण्ड पृथ्वी तल पर पहुँचता है तो यह रुक जाता है, जिससे इसका अन्तिम वेग शून्य हो जाता है।
 ∵  पिण्ड की गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2} m v^{2}\)
यहाँ पर अन्तिम वेग का मान शून्य है।
अतः गतिज ऊर्जा
\(\begin{aligned} \mathbf{E}_{\mathbf{k}} &=\frac{1}{2} m v^{2} \\ &=\frac{1}{2} m \times 0=0 \end{aligned}\)
अतः गतिज ऊर्जा शन्य हो जायेगी। यह गतिज ऊर्जा, ऊष्मीय ऊर्जा, ध्वनि ऊर्जा आदि में रूपान्तरित हो जाती है।

Prasanna
Last Updated on May 4, 2022, 5:40 p.m.
Published May 4, 2022