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RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 9 Science  Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 9 Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 9. Students can also read RBSE Class 9 Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 9 Science Notes to understand and remember the concepts easily. The why do we fall ill important questions are curated with the aim of boosting confidence among students.

RBSE Class 9 Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

RBSE Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण InText Questions and Answers


पृष्ठ 149.

प्रश्न 1. 
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लिखिए। 
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम:
ब्रह्माण्ड में प्रत्येक कण, दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह आकर्षण बल दोनों कणों के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है और उनके मध्य की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह आकर्षण बल दोनों कणों को जोड़ने वाली रेखा की दिशा की ओर होता है। यही गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम कहलाता है।
RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 6
मान लीजिए दो वस्तुओं (कणों) का द्रव्यमान क्रमशः m1 और m2 है और उनके मध्य दूरी R है। उन दोनों वस्तुओं के मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल F न्यूटन के नियमानुसार
F α m1 m2
और
F1R2
(1) और (2) को एक साथ लिखने पर
Fm1 m2R2F=Gm1 m2R2
यहाँ G एक समानुपाती स्थिरांक है जिसको गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं। इसका मान 6.67 x 10-11 न्यूटन मी.2/किग्रा.2 होता है।

RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 

प्रश्न 2. 
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए। 
उत्तर:
सूत्र F=GMmd2 से पृथ्वी की सतह के लिए
d = R
अतः
F=GMnR2
यहाँ पर M तथा m पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी वस्तु का द्रव्यमान है और R उनके मध्य की दूरी है। यह बल पृथ्वी और वस्तु को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है। इसका मान सदैव धनात्मक आता है। 

पृष्ठ 152.

प्रश्न 1. 
मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर गुरुत्वीय बल के कारण आकर्षित करती है। अतः जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल इसी बल के कारण गिरती हैं, तो हम कहते हैं कि वस्तुएँ मुक्त पतन में हैं।

प्रश्न 2. 
गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है, तब गिरते समय वस्तु की गति की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता परन्तु पृथ्वी के आकर्षण के कारण वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है। वेग में यह परिवर्तन त्वरण उत्पन्न करता है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण होता है, इसलिए इस त्वरण को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण 'गुरुत्वीय त्वरण' कहते हैं। इसे 'g' से निर्दिष्ट करते हैं एवं इसका मात्रक मीटर/सेकण्ड2 होता है। 

पृष्ठ 153.

प्रश्न 1. 
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अन्तर है?
उत्तर:

भार

द्रव्यमान

1. भार वह बल है, जिससे वस्तु पृथ्वी के केन्द्र की ओर आकर्षित होती है।

1. द्रव्यमान वस्तु में विद्यमान पदार्थ की मात्रा है।

2. यह अचर राशि नहीं है। यह गुरुत्वीय त्वरण के परिवर्तन के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलता रहता है।

2. यह एक अचर राशि है।

3. यह एक सदिश राशि होती है।

3. द्रव्यमान एक अदिश राशि है।

4. वस्तु का भार पृथ्वी के केन्द्र पर शून्य हो सकता है अर्थात् g = 0

4. वस्तु का द्रव्यमान कभी भी शून्य नहीं हो सकता है।

5. भार को स्प्रिंग तुला से मापा जाता है।

5. द्रव्यमान को भौतिक तुला से मापा जाता है।

6. भार को किलोग्राम भार या न्यूटन में मापा जाता है।

6. इसका मात्रक किलोग्राम है।


प्रश्न 2. 
किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार 16 का है गुणा क्यों होता है?
उत्तर:
चन्द्रमा का द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान की तुलना में बहुत कम होता है। इस कारण चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान, पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण के मान से 6 गुणा कम होता है। चूंकि किसी स्थान पर किसी वस्तु का भार, उस स्थान पर गुरुत्वीय त्वरण के समानुपाती होता है। अतः चन्द्रमा पर किसी वस्तु का भार, पृथ्वी पर उसके भार का 16 गुणा होता है। 

पृष्ठ 157.

प्रश्न 1. 
एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?
उत्तर:
यदि स्कूल बैग को एक पतली और मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाया जाये तो प्रणोद के कारण यह कार्य अति कठिन होगा। चूंकि स्कूल बैग की पट्टी पतली होने से बैग का भार कंधे के एक बहुत कम क्षेत्र पर पड़ता है, जिससे बैग उठाना मुश्किल हो जाता है।

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प्रश्न 2. 
उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक द्रव का वह गुण, जिसके कारण किसी वस्तु को उसमें डुबाये जाने पर वह वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल आरोपित करता है, उत्प्लावकता कहलाता है। 

प्रश्न 3. 
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?
उत्तर:
कोई भी वस्तु पानी की सतह पर तब तैरती है जबकि उसका घनत्व पानी के घनत्व से कम हो। यदि उस वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होता है, तो उस स्थिति में वह पानी में डूब जाती है। यदि पानी के घनत्व के बराबर होता है तो वस्तु बीचों-बीच तैरती रहेगी। 

पृष्ठ 158.

प्रश्न 1. 
एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42kg से अधिक है या कम?
उत्तर:
चूँकि हम किसी वस्तु का द्रव्यमान वायु में मापते हैं, अतः वायु की उत्प्लावकता के कारण तुला का पाठ्यांक सदैव ही वस्तु के वास्तविक द्रव्यमान से कम होता है। इस कारण हमारा वास्तविक द्रव्यमान 42 किग्रा. से कुछ अधिक होगा, परन्तु यह अन्तर अत्यन्त कम होगा।

प्रश्न 2. 
आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक - दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन - सा भारी है और क्यों?
उत्तर:
लोहे की छड़ भारी है क्योंकि लोहे का घनत्व (kg/m3) रुई के घनत्व से अधिक है।
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RBSE Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. 
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर:
हम जानते हैं कि दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अर्थात् F1R2
यदि दूरी को आधा कर दिया जाए, तो
F11(R2)2 F14R2
समीकरण (2) में समीकरण (1) का भाग देने पर
F1F=4/R21/R2=41
या F1 = 4F
अतः वस्तु के बीच की दूरी को आधा करने पर उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाता है।

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प्रश्न 2. 
सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती? 
उत्तर:
स्वतंत्र रूप से गिरते समय प्रत्येक वस्तु (गुरुत्वीय त्वरण के मान को अनुभव करती है। वस्तु के प्रतिरोध के कारण एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से नीचे नहीं गिरती है। चूँकि हल्की वस्तु पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध भारी वस्तु पर लगने वाले प्रतिरोध से अधिक होता है।

प्रश्न 3. 
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 x 106 m है।)
उत्तर:
हल: दिया गया है
वस्तु का द्रव्यमान m1 = 1kg
पृथ्वी का द्रव्यमान m2 = 6 x 1024 kg
पृथ्वी की त्रिज्या R = 6.4 x 106 m
d = R
G=6.67×1011N×m2 kg2
पृथ्वी तथा वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल
F=Gm1×m2R2
मान रखने पर
=6.67×1011×(1)×(6×1024)(6.4×106)2=6.67×6×10136.4×6.4×1012=6.67×606.4×6.4
= 9.77 N
अतः F = 9.77 N 

प्रश्न 4. 
पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, बड़ा है या छोटा है या बराबर है ? बताइए क्यों?
उत्तर:
न्यूटन के क्रिया - प्रतिक्रिया नियम के अनुसार पृथ्वी का चन्द्रमा पर आकर्षण बल, चन्द्रमा के पृथ्वी पर आकर्षण बल के बराबर है।

प्रश्न 5. 
यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?
उत्तर:
न्यूटन की गति के तीसरे नियम के अनुसार, चंद्रमा और पृथ्वी दोनों एक - दूसरे को बराबर और विरोधी बल से आकर्षित करते हैं लेकिन न्यूटन की गति के दूसरे नियम के अनुसार त्वरण वस्तु के द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
a=Fm
चन्द्रमा की तुलना में पृथ्वी का द्रव्यमान बहुत अधिक है इसलिए एक - दूसरे पर समान परिमाण का आकर्षण बल होने पर भी चन्द्रमा की ओर पृथ्वी का त्वरण लगभग नगण्य के बराबर है। इस कारण से हम पृथ्वी को चन्द्रमा की ओर गति करते नहीं देखते हैं।

RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 6. 
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए? 
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए? 
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ? 
उत्तर:
(i) ∵ F α m1m2
इसलिए किसी एक वस्तु के द्रव्यमान को दोगुना करने पर वस्तुओं के बीच लगने वाला बल भी दोगुना हो
जायेगा।

(ii)  ∵ F=Gm1 m2R2

R=2RF1=Gm1 m2(2R)2 F1=14Gm1 m2R2=14 F F1=14 F F2=Gm1 m2(3R)2=19Gm1 m2R2 F2=19 F
अत: जब वस्तुओं के बीच दूरी को दोगुना किया जाता है, तो उनके बीच लगने वाला बल एक - चौथाई रह जाता है जबकि दूरी तीन गुना करने पर बल का मान घटकर. 9वाँ भाग रह जाता है।

(iii) यदि m1 = 2m1 और m2 = 2m2 कर दिया जाये तब
F1=G(2m1)(2m2)R2F1=4(Gm1m2R2)=4F
F1 = 4F
अतः यदि दोनों वस्तुओं का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाता है तो उनके बीच लगने वाला बल चार गुना हो जाता है।

प्रश्न 7. 
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्त्व हैं?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के महत्त्व - यह नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की व्याख्या करता जो प्राचीनकाल में असम्बद्ध मानी जाती थीं, जैसे
(i) यह वह बल है जिसके कारण हम पृथ्वी से बँधे रहते हैं। 
(ii) सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति की व्याख्या की जाती है। 
(iii) चन्द्रमा तथा सूर्य के कारण समुद्रों में ज्वार - भाटा आता है। 
(iv) पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति की व्याख्या की जाती है। 
(v) कृत्रिम उपग्रहों को पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने के लिए अभिकेन्द्रीय बल इसके कारण प्राप्त होता है।

प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
उत्तर:
जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तो उसमें त्वरण उत्पन्न होता है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उत्पन्न होता है। यही कारण है कि इसे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण उत्पन्न त्वरण या गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। मुक्तपाती वस्तुओं में उत्पन्न त्वरण सभी वस्तुओं के लिए समान होता है और वह गिरती हुई वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं होता है। इसे g से प्रदर्शित करते हैं। इसका मान 9.8 m/s2 होता है।

प्रश्न 9. 
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे? 
उत्तर:
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को वस्तु का भार कहेंगे।

प्रश्न 10. 
एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? (संकेत: ध्रुवों पर g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।) 
उत्तर:
नहीं, चूँकि किसी वस्तु का भार g के मान पर निर्भर करता है। ध्रुवों पर g का मान अधिक होता है और विषुवत वृत्त पर कम, जिसके कारण ध्रुवों पर किसी वस्तु का भार अधिक होगा और विषुवत वृत्त पर कम। अत: विषुवत रेखा पर g के मान में कमी के कारण सोने का भार, ध्रुव पर उसके भार से कम होगा। 

RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 11. 
एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर:
कागज की शीट और उसी प्रकार की शीट को मोड़कर बनाई गई गेंद का द्रव्यमान चाहे समान हो पर कागज की शीट पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध उसके फैले हुए आकार के कारण कागज की शीट से बनी गेंद से अधिक होगा, जिस कारण कागज की शीट गेंद की तुलना में धीमी गति से गिरती है।

प्रश्न 12. 
चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1 गुणा है। एक 10kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
उत्तर:
हल: दिया गया है
पृथ्वी पर वस्तु का भार m = 10kg
पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 मीटर/सेकण्ड2
∴ पृथ्वी पर वस्तु का भार W1 = mg
= 10 x 9.8 = 98 N
चूँकि चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण  g=16 x पृथ्वी पर गुरुत्वीय बल
चन्द्रमा पर वस्तु का भार W2  =16 x  पृथ्वी पर वस्तु का भार
या
W2 =  16 x W1
=16 x 98 न्यूटन
W2 = 16.33 न्यूटन
अत: पृथ्वी पर वस्तु का भार 98 N तथा चन्द्रमा पर इसका भार 16.3 N होगा।

प्रश्न 13. 
एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए
(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है। 
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
उत्तर:
हल: दिया गया हैगेंद का आरम्भिक वेग, u= 49 m/s ऊपर की ओर
अंतिम वेग, v = 0 m/s
गुरुत्वीय त्वरण, g= -9.8 m/s2
(पृथ्वी तल से विपरीत दिशा में जाने के कारण ऋणात्मक चिह्न)
तय की गई दूरी (ऊँचाई) h = ?
ऊपर तक जाने में समय t लेती है।
गति के तीसरे नियम से:
v2 = u2 + 2gh से
0= (49)2 + 2 (-9.8)x h
0= (49)2 - 2 x 9.8 x h
या
2 x 9.8 x h = (49)2 = 49 x 49
h=49×492×9.8=2452=122.5 m
 अब गेंद को ऊपर जाने में लगा समय
v = u + gt
0 = 49 + (-9.8) x t
⇒  9.8 t = 49
t=499.8=49098 
t = 5 सेकण्ड
∴ वस्तु द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई 122.5 मीटर है। कोई वस्तु जितना समय उच्चतम बिन्दु तक जाने में लेती है, उतना ही समय पृथ्वी तल तक वापस आने में लेती है।
अतःपृथ्वी की सतह तक लौटने में लगा समय
5s + 5s = 10s 

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प्रश्न 14. 
19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हल: दिया गया है।
मीनार की ऊँचाई h = 19.6 m
गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 m/s2
आरंभिक वेग (u) = 0 m/s
अंतिम वेग (v) = ?
गति के तीसरे समीकरण से जब वस्तु ऊपर से नीचे गिर रही है।
v2 = u2 + 2gh से
v2 = (0)2 + 2 x 9.8 x 19.6
⇒ v2=0+2×98×19610×10v2=196×19610×10v=196×19610×10=19610
v = 19.6 m/s
अत: पत्थर का पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अन्तिम वेग
v= 19.6 m/s.

प्रश्न 15. 
कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारम्भिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
उत्तर:
हल: दिया गया हैपत्थर का प्रारम्भिक वेग (ऊपर की ओर) u = 40 m/s
गुरुत्वीय त्वरण g = -10 m/s2 (पृथ्वी तल से विपरीत दिशा में जाने के कारण ऋणात्मक चिह्न) अधिकतम ऊँचाई पर पत्थर का अन्तिम वेग शून्य होगा।
∴ v = 0 m/s
हम जानते हैं कि v = u - gt
v = 40 - 10t
0 = 40 - 10t
10t = 40
t = 40/10 = 4s
अत: 4 सेकण्ड के बाद पत्थर अधिकतम ऊँचाई प्राप्त करेगा।
उपर्युक्त समीकरण (1) में t का मान 1 sec, 2 sec, 3 sec व 4 sec रखने पर वेग तालिका निम्न प्रकार प्राप्त होगी

समयं सेकण्ड में

1

2

3

4

वेगे ms-1

30

20

10

0

उपर्युक्त सारणी की सहायता से खींचा गया वेग-समय ग्राफ अग्रे प्रकार से है।
RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 2
 ग्राफ द्वारा अधिकतम तय की गई दूरी = ∆OAB का क्षेत्रफल
=12×OB×OA=12×4×40

= 80 m
(i) पत्थर द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई = 80 m होगी।
(ii) वस्तु का कुल विस्थापन = 0 चूँकि वस्तु वापस धरती पर लौट आती है। 
(iii) वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी = 80m + 80m = 160m 

RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 16. 
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 x 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 x 1011 m है।
उत्तर:
हल: दिया गया है।
पृथ्वी का द्रव्यमान, me = 6 x 1024 kg
सूर्य का द्रव्यमान, ms = 2 x 1030 kg
दोनों के बीच औसत दूरी, R या d = 1.5 x 1011 m
गुरुत्वीय स्थिरांक, G = 6.67 x 10-11 Nmkg-2
सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण के नियमानुसार,
F=Gm1m2R2F=GmemsR2
मान रखने पर
F=6.67×1011×6×1024×2×1030(1.5×1011)2=6.67×6×2×1024+30111.5×1.5×1022=6.67×12×10432.25×1022=6.67×12×1043222.25=667×12×1021225
= 3.56 x 1022 N. 

प्रश्न 17. 
कोई पत्थर 100m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे?
उत्तर:
पत्थर की ऊपर से नीचे गति के लिए-माना दोनों पत्थर बिन्दु C पर मिलते हैं। माना A से C तक की दूरी x (मीटर) है। दिया गया है
u = 0 m/s
g = 10 m/s2
h = x (मीटर)
RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 2
गति के दूसरे समीकरण से
h=ut+12gt2x=0×t+12×10×t2
x = 0 + 5t2 = 5t2 ........ (1)

पत्थर की नीचे से ऊपर की गति
u = 25 m/s
h = (100 - x) m
गति के दूसरे समीकरण से
h=ut+12gt2(100x)=25t12×10×t2(100x)=25t5t25t2=25t(100x)=25t100+x5t2=25t100+x
5t2 = 25t - 100 + x ........ (2)
समीकरण (1) से x का मान रखने पर।
5t2 = 25t – 100 + 5t2
⇒ 0 = 25t - 100
⇒ 25t = 100
t=10025=4t=4s
 t का मान समीकरण (1) में रखने पर
x = 5 x (4)2 = 5 x 16 = 80m
∴ पत्थर जहाँ मिलेंगे = 100 - 80 = 20m
अतः पत्थर, प्रारम्भिक क्षण से 4 सेकण्ड बाद, पृथ्वी तल से 20 मीटर की ऊँचाई पर मिलेंगे।
या पत्थर प्रारम्भिक क्षण से 4 सेकण्ड बाद, चोटी से 80 मीटर नीचे मिलेंगे।

प्रश्न 18. 
ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए
(i) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई। 
(ii) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई तथा 
(iii) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।
उत्तर:
हल:
गेंद को ऊपर जाने और ऊपर से नीचे आने में समान समय लगता है।
∴ गेंद को ऊपर जाने में लगा समय = 3s
(i) u = ?
g = -9.8 m/s2
t = 3s
v = 0 (अधिकतम ऊँचाई पर जाकर जहाँ से वस्तु पुनः वापस आती है)
गति के प्रथम समीकरण से
v = u + gt से
0 = u + (-9.8) x 3
0 = u - 29.4
∴ u = 29.4 m/s
अतः गेंद 29.4 मीटर/सेकण्ड के वेग से फेंकी गई थी। 

(ii) गति के दूसरे समीकरण से
v2 = u2 + 2gh से
0 = (29.4)2 + 2 (-9.8) x h
0 = 29.4 x 29.4 - 2 x 9.8 x h
2 x 9.8 x h = 29.4 x 29.4
है h=29.4×29.42×9.8=29.4×29.419.6
h = 44.1m.
अत: गेंद द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई = 44.1 मीटर उत्तर

(iii) 3 सेकण्ड बाद गेंद वापस गिरने लगेगी
u = 0
g = 9.8 m/s
t = 4 - 3 = 1
h=ut+12gt2 =0+12×9.8×(1)2

= 0 + 4.9 = 4.9m
अतः नीचे से गेंद की ऊँचाई = 44.1 – 4.9
= 39.2m
अत: 4 सेकण्ड बाद गेंद पृथ्वी तल से 39.2 मीटर ऊपर होगी। 

RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 19. 
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर:
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की ओर अर्थात् भार के विपरीत दिशा में कार्य करता है।

प्रश्न 20. 
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
उत्तर:
जब किसी प्लास्टिक के गुटके को पानी के भीतर छोड़ते हैं तो यह पानी की सतह पर आ जाता है। चूँकि प्लास्टिक का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है। इस कारण प्लास्टिक के गुटके को जल में डुबोने पर उस पर लगने वाला उत्प्लावन बल गुटके के भार से अधिक होगा। अतः गुटका पानी की सतह पर आ जाता है।

प्रश्न 21.
50g के किसी पदार्थ का आयतन 20cm3 है। यदि पानी की घनत्व 1cm-3 हो, तो पदार्थ तैरेगी या डूंबेगा?
उत्तरं:
दिया गया है
50g पदार्थ का आयतन = 20cm3
पदार्थ का द्रव्यमान = 50g
आयतन = 20cm3
जल का घनत्व = 1 ग्राम/सेमी.3
पदार्थ का घनत्व = ?
RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 4
 चूँकि पदार्थ का सापेक्षिक घनत्व 2.5 है जो कि पानी के घनत्व 1 से अधिक है, अत: पदार्थ पानी में डूब जायेगा।

प्रश्न 22. 
500g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350cm3 है। पैकेट 1g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
उत्तरं:
हल: दिया गया है:
पैकेट का द्रव्यमान = 500g
पैकेट का आयतन = 350cm3
पैकेट का घनत्व = ?
जल का घनत्व = 1 ग्राम/सेमी.3
RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 5
 अतः पैकेट का घनत्व = 1.428 g/cm3
यहाँ पर पैकेट का घनत्व 1.428 g/cmहै
लेकिन पानी का घनत्व 1 g/cm-3 है
इसलिए पैकेट डूब जाएगा।
चूँकि पैकेट पानी में डूब जाता है, अतः यह अपने आयतन (350 cm3) के बराबर पानी को विस्थापित करेगा।
अतः पैकेट द्वारा विस्थापित पानी = 350 cm3
विस्थापित पानी का द्रव्यमान = विस्थापित पानी का आयतन  X पानी का घनत्व
= 350 x 1
= 350 g.

Prasanna
Last Updated on May 2, 2022, 5:56 p.m.
Published May 2, 2022