RBSE Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 8 Social Science Solutions Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

RBSE Class 8 Social Science हाशियाकरण की समझ InText Questions and Answers

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प्रश्न 1. 
कम-से-कम तीन कारण बताइए कि विभिन्न समूह हाशिये पर क्यों चले जाते हैं? 
उत्तर:
विभिन्न समूहों के हाशिये पर चले जाने के तीन कारण ये हो सकते हैं-

  • अलग भाषा का बोलना, 
  • अलग रीति-रिवाज अपनाना या बहुसंख्यक समुदाय के मुकाबले किसी दूसरे धर्म को अपनाना। 
  • अपनी गरीबी के कारण, सामाजिक हैसियत में कमतर माने जाने की वजह से और शेष लोगों के मुकाबले कमतर मनुष्य के रूप में देखा जाना। इन वजहों से ये खुद को हाशिये पर महसूस करते हैं। 

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प्रश्न 2. 
दादू को उड़ीसा का अपना गाँव क्यों छोड़ना पड़ा? 
उत्तर:
नये कानून के तहत आदिवासियों का जंगल पर अधिकार खत्म कर दिया गया। जंगलों से उन्हें विस्थापित कर दिया गया तथा दादू को सरकारी अफसरों व ठेकेदारों ने इतना डरा-धमका दिया कि आखिरकार उसे अपनी जमीन बेचने और छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और जमीन से विस्थापित होने के बाद उसे अपना गाँव छोड़ना पड़ा। 

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प्रश्न 3. 
क्या आप अपने राज्य के किसी जनजातीय समुदाय का नाम बता सकते हैं?
उत्तर:
भील, मीणा, सहरिया, गरासिया आदि।

RBSE Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 7 हाशियाकरण की समझ

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प्रश्न 4. 
वह समुदाय कौनसी भाषा बोलता है? क्या वे जंगलों के आस-पास रहते हैं? क्या वे काम की तलाश में दूसरे इलाकों में जाते हैं? 
उत्तर:
वे समुदाय अपनी लोक भाषाएँ, यथा भीली, गिरसिया आदि बोलते हैं। हाँ, वे जंगलों के आस-पास भी रहते हैं। हाँ, वर्तमान में वे काम की तलाश में दूसरे इलाकों में भी जाते हैं। 

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प्रश्न 5. 
आज के भारत में कौनसी धातुएं महत्त्वपूर्ण हैं? क्यों? वे धातुएँ कहाँ से हासिल होती हैं? क्या वहाँ आदिवासियों की आबादी है? 
उत्तर:
आज के भारत में लोहे, ताँबे, सोने-चाँदी के अयस्क, कोयले, हीरे आदि धातुएँ महत्त्वपूर्ण हैं। ये धातुएँ विकास की दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व की हैं। भारत में ये धातुएँ जंगलों से मिलती हैं। हाँ, इन स्थानों पर आदिवासियों की आबादी है। 

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प्रश्न 6. 
आपकी राय में यह बात महत्त्वपूर्ण क्यों है कि आदिवासियों को भी उनके जंगलों और वनभूमि के इस्तेमाल से सम्बन्धित फैसलों में अपनी बात कहने का मौका मिलना चाहिए? 
उत्तर:
भारत एक लोकतान्त्रिक राज्य है और लोकतान्त्रिक राज्य में यह बात प्रमुख होती है कि कानून निर्माण में जनता की भागीदारी हो। इस दृष्टि से जंगलों और वनभूमि के प्रयोग से सम्बन्धित फैसलों में उनमें निवास करने वाली जनजातियों की सहभागिता का होना आवश्यक होना चाहिए। 

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प्रश्न 7. 
अल्पसंख्यकों के लिए हमें सुरक्षात्मक प्रावधानों की क्यों जरूरत है? 
उत्तर:
इसके निम्न कारण हैं-

  • अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों के सांस्कृतिक वर्चस्व की आशंका से बचाने के लिए। 
  • अल्पसंख्यकों को भेदभाव एवं नुकसान की आशंका से बचाने हेतु। 
  • अल्पसंख्यकों को उनके जीवन, सम्पत्ति तथा कुशलक्षेम के बारे में सुरक्षा प्रदान करने हेतु। 
  • समानता व न्याय की स्थापना हेतु।

RBSE Class 8 Social Science हाशियाकरण की समझ Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. 
'हाशियाकरण' शब्द से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में दो-तीन वाक्य लिखिये। 
उत्तर:
हाशियाकरण शब्द से आशय है कि वह समुदाय जो समाज की मुख्यधारा से अलग कर किनारे या हाशिये पर धकेल दिया गया हो। ऐसा समुदाय समाज के केन्द्र में नहीं होता है तथा उसे इस तरह की बेदखली का एहसास रहता है।

प्रश्न 2. 
आदिवासी लगातार हाशिये पर क्यों खिसकते जा रहे हैं? दो कारण बताइये। 
उत्तर:
(1) 200 सालों में आए आर्थिक बदलावों, वन नीतियों और राज्य व निजी उद्योगों के राजनीतिक दबाव की वजह से इन लोगों को जंगलों से विस्थापित कर बागानों; निर्माण स्थलों, उद्योगों और घरों में नौकरी करने के लिए धकेला जा रहा है। 

(2) जब आदिवासियों को उनकी जमीन से हटाया जाता है तो उनकी आय के स्रोत के अलावा वे अपनी परम्पराओं और रीति-रिवाजों को भी गँवा देते हैं जो उनके जीने और अस्तित्व के स्रोत हैं। इन कारणों से आदिवासी लगातार हाशिये पर खिसकते जा रहे है।

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प्रश्न 3. 
आप अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षाओं को क्यों महत्त्वपूर्ण मानते हैं? इसका एक कारण बताइए। 
उत्तर:
अल्पसंख्यक समुदायों को बहुसंख्यक समुदाय के सांस्कृतिक वर्चस्व की आशंका से बचाने के लिए संवैधानिक सुरक्षात्मक प्रावधानों का होना अति आवश्यक है। ये प्रावधान उन्हें भेदभाव और नुकसान की आशंका से भी बचाते हैं। 

प्रश्न 4. 
अल्पसंख्यक और हाशियाकरण वाले हिस्से को दोबारा पढ़िये। अल्पसंख्यक शब्द से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
अल्पसंख्यक शब्द आमतौर पर ऐसे समुदायों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो संख्या की दृष्टि से बाकी आबादी के मुकाबले बहुत कम हैं। जैसे-भाषायी और धार्मिक अल्पसंख्यक। लेकिन अल्पसंख्यक की अवधारणा केवल संख्या तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सत्ता और संसाधनों तक पहुँच के मुद्दे तथा इसके सामाजिक व सांस्कृतिक आयाम भी जुड़े हुए हैं। 

प्रश्न 5. 
आप एक बहस में हिस्सा ले रहे हैं जहाँ आपको इस बयान के समर्थन में तर्क देने हैं कि "मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है।" इस अध्याय में दी गई जानकारियों . के आधार पर दो तर्क पेश कीजिए। 
उत्तर:
भारत में मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है क्योंकि-
(1) दूसरे समुदायों के मुकाबले उसे सामाजिकआर्थिक विकास में उतना लाभ नहीं मिला है। मूलभूत सुविधाओं, साक्षरता और सरकारी नौकरियों की दृष्टि से मुसलमानों का प्रतिशत अन्य समुदायों की तुलना में काफी कम है। 2011 की जनगणना के अनुसार मुसलमानों में साक्षरता जहाँ केवल 57% है, वहाँ हिन्दुओं, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध और जैन धर्मावलम्बियों की साक्षरता क्रमशः 63, 74, 67, 71 और 86 प्रतिशत है, जो मुसलमानों की साक्षरता प्रतिशत से काफी अधिक है। 

(2) दूसरे, सरकारी नौकरियों में मुसलमानों का प्रतिशत काफी कम है। प्रधानमंत्री की उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट, 2006 के अनुसार भारत में मुसलमानों की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 13.5 प्रतिशत है, लेकिन सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की संख्या इससे काफी कम है, वह विभिन्न क्षेत्रों में 1.8 से 10.8 प्रतिशत के बीच है। इससे स्पष्ट होता है कि मुसलमान विकास के विभिन्न संकेतकों पर पिछड़े हुए हैं। 

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प्रश्न 6. 
कल्पना कीजिए कि आप टेलीविजन पर 26 जनवरी की परेड देख रहे हैं। आपकी एक दोस्त आपके नजदीक बैठी है। वह अचानक कहती है, "इन आदिवासियों को तो देखो, कितने रंग-बिरंगे हैं। लगता है सदा नाचते ही रहते हैं।" उसकी बात सुनकर आप भारत में आदिवासियों के जीवन से सम्बन्धित क्या बातें उसको बतायेंगे? उनमें से तीन बातें लिखो। 
उत्तर:
अपनी दोस्त की बात सुनकर हम भारत में आदिवासियों के जीवन से सम्बन्धित निम्न तीन बातें बतायेंगे-
(1) भारत में 500 से ज्यादा तरह के आदिवासी समूह हैं। आदिवासी समाज औरों से बिल्कुल अलग दिखाई देते हैं क्योंकि उनके भीतर ऊँच-नीच का फर्क बहुत कम होता है। इसी वजह से ये समुदाय जाति-वर्ण पर आधारित समुदायों या राजाओं के शासन में रहने वाले समुदायों से बिल्कुल अलग होते हैं। 

(2) आदिवासियों के बहुत सारे जनजातीय धर्म होते हैं। उनके धर्म इस्लाम, हिन्द, ईसाई आदि धर्मों से बिल्कुल अलग हैं। वे प्रायः अपने पुरखों की, गाँव और प्रकृति की उपासना करते हैं। प्रकृति से जुड़ी आत्माओं में पर्वत, नदी, पशु आदि की आत्माएँ हैं। ग्राम आत्माओं की अक्सर गाँव की सीमा के भीतर निर्धारित पवित्र लताकुंजों में पूजा की जाती है जबकि पुरखों की उपासना घर में ही की जाती है। 

(3) आदिवासियों की अपनी भाषाएँ रही हैं। उनमें से ज्यादातर संस्कृत से बिल्कुल अलग और सम्भवतः उतनी ही पुरानी हैं। 

प्रश्न 7. 
चित्रकथा पट्ट में आपने देखा कि हेलेन होप आदिवासियों की कहानी पर एक फिल्म बनाना चाहती है। क्या आप आदिवासियों के बारे में एक कहानी बना कर उसकी मदद कर सकते हैं? 
उत्तर:
आदिवासियों की कहानी के प्रमुख बिन्दु ये हो सकते हैं-
(1) आदिवासियों के परम्परागत जीवन को दर्शाएँ उनका जंगलों में रहना, जंगलों पर उनका अधिकार, जंगलों पर उनकी जानकारी, उनका समानतापरक जीवन तथा उनका अपना पृथक् धर्म तथा उस धर्म का प्रकृति से सम्बन्ध इसमें उनके स्वतन्त्र जीवन, उनका शिकार और जंगलों की चीजें बीनकर आजीविका चलाने से लेकर स्थानान्तरित कृषि के स्वरूप को दर्शाएँ और इस अवस्था में उनके निश्छल, स्वतन्त्र तथा रंग-बिरंगे जीवन को दर्शाएँ।

(2) आदिवासियों के जीवन में खलनायक की तरह प्रवेश करने वाले जनजातीय भूमि पर कब्जा करने वाले ताकतवर गुटों को दर्शाएँ, खनन और खनन परियोजनाओं के कारण उनके विस्थापित होने की स्थिति को दर्शाएँ तथा जमीन के लिए सशस्त्र बलों और उनके बीच टकराव को दर्शाएँ। इस तरह यह दिखाएँ कि किस प्रकार 19वीं सदी के मध्य के बाद से सरकारी कानूनों, सरकारी अधिकारियों तथा उद्योगपतियों व साहूकारों द्वारा उनकी जमीन उनसे छीन ली गई और वे भोजन व आजीविका के मुख्य स्रोतों से वंचित कर दिये गये। इससे उनकी परम्पराएँ और रीति-रिवाज भी खत्म होते जा रहे हैं। 

(3) अन्त में यह दर्शाएँ कि आदिवासी जीवन के आर्थिक और सामाजिक आयाम परस्पर जुड़े हुए हैं। उनके संसाधनों के लिए होने वाली छीना-झपटी और विस्थापन की प्रक्रिया कितनी दर्दनाक और हिंसक होती है और किस प्रकार यह प्रक्रिया उन्हें तीन भागों में विभाजित कर देती है-

  • कुछ आदिवासी बेघर व जमीन रहित होकर शहर में आ गए या आस-पास के उद्योगों में श्रमिक का काम करके अपना जीवन बसर करने लगे और अपने रीति-रिवाज तथा परम्पराओं से दूर हटते गये। 
  • कुछ आदिवासी उग्र होकर संघर्षरत रहे और अन्ततः वे उग्रवादी गुटों से जुड़कर संघर्ष करते हुए हिंसक वारदातें करते गये हैं। पूर्वोत्तर का आतंकवाद तथा झारखण्ड के नक्सलवाद को इसी सन्दर्भ में दिखाएँ। 
  • कुछ आदिवासी अभी भी अपनी जमीनों पर काबिज हैं तथा अपने परम्परागत रीति-रिवाजों, धर्म को बनाए हुए हैं, लेकिन शिक्षा तथा विकास के क्षेत्र में पिछड़ रहे हैं और हाशिये पर आ गए हैं। 
  • कुछ आदिवासियों ने अन्य धर्मों जैसे ईसाई व हिन्दू धर्म को अपना लिया है तथा अन्यों की तुलना में मुख्यधारा के अधिक नजदीक आ गए हैं।

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प्रश्न 8. 
क्या आप इस बात से सहमत हैं कि आर्थिक हाशियाकरण और सामाजिक हाशियाकरण आपस में जुड़े हुए हैं? क्यों? 
उत्तर:
हाँ, हम इस बात से सहमत हैं कि आर्थिक हाशियाकरण और सामाजिक हाशियाकरण परस्पर जुड़े हुए हैं। उदाहरण के लिए, मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक धर्मावलम्बी हैं, उन्हें दूसरे समुदायों के मुकाबले सामाजिक-आर्थिक विकास के उतने लाभ नहीं मिले हैं। साक्षरता, मूलभूत सुविधाओं तथा सरकारी नौकरियाँ प्राप्त करने में वे अन्य समुदायों से काफी पिछड़े रहे हैं। आदिवासियों को जब जंगलों से अलग कर दिया जाता है तो वे आर्थिक दृष्टि से हाशिये पर आ जाते हैं। लेकिन इसका असर उनकी परम्पराओं और रीति-रिवाजों पर भी पड़ता है और वे अन्य स्थानों पर सामाजिक दृष्टि से भी हाशिये पर आ जाते हैं।

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Last Updated on June 6, 2022, 7:29 p.m.
Published June 6, 2022