RBSE Class 8 Social Science Important Questions Civics Chapter 8 हाशियाकरण से निपटना

Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Important Questions Civics Chapter 8 हाशियाकरण से निपटना Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 8 Social Science Important Questions Civics Chapter 8 हाशियाकरण से निपटना

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
संविधान के किस अनुच्छेद में अस्पृश्यता का उन्मूलन किया गया है-
(अ) अनुच्छेद 14 
(ब) अनुच्छेद 15 
(स) अनुच्छेद 16 
(द) अनुच्छेद 17 
उत्तर:
(द) अनुच्छेद 17

प्रश्न 2. 
समानता के अधिकार का हनन होने पर दलित जिस प्रावधान का सहारा लेते हैं, वह है-
(अ) अनुच्छेद 14 
(ब) अनुच्छेद 15 
(स) अनुच्छेद 18 
(द) अनुच्छेद 21 
उत्तर:
(ब) अनुच्छेद 15 

प्रश्न 3. 
संविधान के किस अधिकार के तहत धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यक समुदाय अपनी संस्कृति की रक्षा कर सकते हैं-
(अ) समानता के अधिकार के तहत 
(ब) स्वतन्त्रता के अधिकार के तहत 
(स) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार के तहत 
(द) शोषण के विरुद्ध अधिकार के तहत 
उत्तर:
(स) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार के तहत 

प्रश्न 4. 
निम्न में से कौनसा कानून सिर पर मैला उठाने वालों को काम पर रखने और सूखे शौचालयों के निर्माण पर पाबन्दी लगाता है-
(अ) अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 
(ब) एम्प्लॉयमेंट ऑफ मेन्युअल स्केवेंजर्स एण्ड कंस्ट्रक्शन ऑफ ड्राई लैट्रीन्स (प्रॉहिबिशन) एक्ट, 1993 
(स) उपर्युक्त दोनों 
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं 
उत्तर:
(ब) एम्प्लॉयमेंट ऑफ मेन्युअल स्केवेंजर्स एण्ड कंस्ट्रक्शन ऑफ ड्राई लैट्रीन्स (प्रॉहिबिशन) एक्ट, 1993

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प्रश्न 5. 
'कट ऑफ' का क्या अर्थ है? 
(अ) काटना 
(ब) सलेक्शन की न्यूनतम अंक सीमा 
(स) सलेक्शन की अधिकतम अंक सीमा 
(द) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर:
(ब) सलेक्शन की न्यूनतम अंक सीमा

प्रश्न 6. 
निम्न में से हाशियाई समूह के अन्तर्गत आते हैं-
(अ) मुसलमान 
(ब) दलित 
(स) आदिवासी 
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी 

प्रश्न 7. 
अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम कब बनाया गया? 
(अ) 1989
(ब) 1992 
(स) 1999
(द) 2002 
उत्तर:
(अ) 1989

प्रश्न 8. 
हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम कब लागू हुआ?
(अ) 2 मई, 1993 
(ब) 6 दिसम्बर, 2006
(स) 6 दिसम्बर, 2013 
(द) 1 जनवरी, 2016 
उत्तर:
(स) 6 दिसम्बर, 2013

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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये-

1. हमारे संविधान में ऐसे कई सिद्धान्त सूत्रबद्ध किये गये हैं जो हमारे समाज और राज्य व्यवस्था को .................. बनाते हैं। 
2. अनुच्छेद 17 के अनुसार ............. का उन्मूलन किया जा चुका है। 
3. हमारे देश में ............... तबकों के लिए खास कानून और नीतियाँ बनाई गई हैं। 
4. संवैधानिक रूप से आदिवासियों की जमीन को किसी ................ व्यक्ति को नहीं बेचा जा सकता।
उत्तर:
1. लोकतांत्रिक 
2. अस्पृश्यता/छुआछूत 
3. हाशियाई 
4. गैर-आदिवासी 

सही या गलत बताइए-

1. हाशियाई तबकों के संघर्ष की वजह से भी सरकार को मौलिक अधिकारों की भावना के अनुरूप नए कानून बनाने पड़े हैं। 
2. भारत में, अब अस्पृश्यता एक दण्डनीय अपराध है। 
3. भारत में मुसलमान तथा पारसी समुदायों को अपनी संस्कृति की सुरक्षा का अधिकार नहीं है। 
4. आरक्षण की नीति से सामाजिक न्याय हतोत्साहित हुआ है। 
5. आदिवासी कार्यकर्ता अपनी परम्परागत जमीन पर अपने कब्जे की बहाली के लिए 1989 के अधिनियम का सहारा लेते हैं।
उत्तर:
1. सही 
2. सही 
3. गलत 
4. गलत 
5. सही। 

सही मिलान कीजिए-

(अ)

(ब)

अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वनवासी अधिनियम

1989

हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध एवं उनका पुनर्वास अधिनियम 

2006

अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम

2013

उत्तर:

(अ)

(ब)

अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वनवासी अधिनियम

2006

हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध एवं उनका पुनर्वास अधिनियम 

2013 

अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम

1989

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
दलित शब्द का क्या मतलब है? 
उत्तर:
दलित शब्द का मतलब है-जाति व्यवस्था के तहत सदियों से भेदभाव का शिकार हुआ दबा-कुचला समुदाय। 

प्रश्न 2. 
संविधान में अस्पृश्यता के खिलाफ किन्हीं दो अनुच्छेदों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  • अनुच्छेद 15 तथा 
  • अनुच्छेद 17 

प्रश्न 3. 
संविधान में दिये गए सांस्कृतिक और शैक्षणिक मूल अधिकार का उद्देश्य क्या है? 
उत्तर:
इस मूल अधिकार का उद्देश्य है कि अल्पसंख्यक समूहों की संस्कृति पर न तो बहुसंख्यक समुदाय की संस्कृति का वर्चस्व हो और न ही वह नष्ट हो। 

प्रश्न 4. 
आग्रही किसे कहा जाता है? 
उत्तर:
जो व्यक्ति या संगठन पुरजोर तरीके से अपनी बात रखता है, उसे आग्रही कहा जाता है। 

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प्रश्न 5. 
नैतिक रूप से निन्दनीय से क्या आशय है? 
उत्तर:
नैतिक रूप से निन्दनीय ऐसे घृणित और अपमानजनक कृत्यों को कहा जाता है जो सभ्यता और प्रतिष्ठा के सारे कायदे-कानूनों तथा समाज स्वीकृत मूल्यों के खिलाफ होते हैं।

प्रश्न 6. 
अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वनवासी (वन अधिकार मान्यता) अधिनियम, 2006 किसलिए पारित किया गया है? 
उत्तर:
यह कानून जमीन और संसाधनों पर वन्य समुदायों के अधिकारों को मान्यता न देने के कारण उनके साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने के लिए पारित किया गया है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
भारत में हाशियाई तबकों ने मूल अधिकारों का इस्तेमाल कितनी तरह से किया है?
उत्तर:
भारत में हाशियाई तबकों ने मूल अधिकारों को दो तरह से इस्तेमाल किया है। पहला, अपने मौलिक अधिकारों पर जोर देकर उन्होंने सरकार को अपने साथ हुए अन्याय पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। दूसरा, उन्होंने इस बात के लिए दबाव डाला है कि सरकार इन कानूनों को लागू करे। कई बार हाशियायी तबकों के संघर्ष की वजह से ही सरकार को मौलिक अधिकारों की भावना के अनुरूप नये कानून बनाने पड़े हैं। 

प्रश्न 2. 
सामाजिक न्याय को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार कैसी नीतियाँ लागू करती है? 
उत्तर:
सामाजिक न्याय को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य और केन्द्र सरकारें जनजातीय आबादी वाले या दलित आबादी वाले इलाकों में विशेष प्रकार की योजनाएँ लागू करती हैं। उदाहरण के लिए, कई स्थानों पर दलितों और आदिवासियों को सरकार की ओर से मुफ्त या रियायती दरों पर छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है ताकि वे शिक्षा सम्बन्धी सुविधाएँ हासिल कर सकें जो मुमकिन है कि उनके अपने इलाकों में उपलब्ध नहीं हों। कुछ जरूरी सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए सरकार कानूनों का भी इस्तेमाल करती है ताकि असमानता को खत्म किया जा सके। आरक्षण की व्यवस्था इसी तरह की एक महत्त्वपूर्ण नीति है। 

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प्रश्न 3. 
आरक्षण की नीति किस तरह काम करती है?
उत्तर:
देशभर की सभी राज्य सरकारों के पास अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी व अतिपिछड़ी जातियों की अपनी-अपनी सूचियाँ हैं। इसी तरह की एक सूची केन्द्र सरकार के पास भी होती है। जो विद्यार्थी शैक्षणिक संस्थान में दाखिले के लिए या जो उम्मीदवार सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन देते हैं, उन्हें जाति और जनजाति प्रमाण-पत्र के रूप में अपनी जाति या जनजाति का सबूत देना होता है। अगर कोई खास दलित जाति या जनजाति सरकारी सूची में है तो उस जाति या जनजाति का उम्मीदवार आरक्षण का लाभ उठा सकता है। 

प्रश्न 4. 
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के निर्माण की पृष्ठभूमि को संक्षेप में व्यक्त करें। 
उत्तर:
यह कानून 1989 में दलितों तथा अन्य समुदायों की माँगों के जवाब में बनाया गया था। उस समय सरकार पर इस बात के लिए भारी दबाव पड़ रहा था कि वह दलितों और आदिवासियों के साथ रोजमर्रा होने वाले दुर्व्यवहार और अपमान पर रोक लगाने के लिए ठोस कार्यवाही करे। -इस समय दक्षिण भारत के कई हिस्सों में अपने हकों का दावा करने वाले बहुत सारे आग्रही दलित संगठन सामने आए और उन्होंने अपने हकों के लिए पुरजोर आवाज उठाई। वे तथाकथित जातीय दायित्वों को निर्वाह करने को तैयार नहीं थे और समानता का अधिकार चाहते थे। उन्होंने इस बात का दबाव बनाया कि नए कानूनों में दलितों के साथ होने वाली विभिन्न प्रकार की हिंसा की भी सूची बनाई जाये और इस तरह के अपराध करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया जाये। इसी पृष्ठभूमि में इस कानून का निर्माण किया गया। 

प्रश्न 5. 
अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वनवासी (वन अधिकार मान्यता) अधिनियम, 2006 के कानून के मुख्य प्रावधानों को स्पष्ट करें। 
उत्तर:
इस कानून की प्रस्तावना में कहा गया है कि यह कानून जमीन और संसाधनों पर वन्य समुदायों के अधिकारों को मान्यता न देने के कारण उनके साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने के लिए पारित किया गया है। प्रमुख प्रावधान-

  • इस कानून में वन्य समुदायों को घर के आस-पास जमीन, खेती और चराई योग्य जमीन और गैर-लकड़ी वन उत्पादों पर उनके अधिकार को मान्यता दी गई है। 
  • इस कानून में यह भी कहा गया है कि वन एवं जैव विविधता संरक्षण भी वनवासियों के अधिकारों में आता है।

प्रश्न 6. 
विभिन्न प्रदेशों की सरकारें किस प्रकार आदिवासियों को, संवैधानिक कानूनों का उल्लंघन करके, विस्थापित कर रही हैं? 
उत्तर:
संवैधानिक रूप से आदिवासियों की जमीन को किसी गैर-आदिवासी व्यक्ति को नहीं बेचा जा सकता। लेकिन विभिन्न प्रदेशों की सरकारें आदिवासियों के इस संवैधानिक कानून का उल्लंघन कर रही हैं। ये सरकारें लकड़ी व्यापार, पेपर मिल आदि के नाम पर गैर-आदिवासी घुसपैठियों को जनजातीय जमीनों का दोहन करने और आदिवासियों को उनके परम्परागत जंगलों से विस्थापित करने की छूट देती हैं। इसके अतिरिक्त जंगलों को आरक्षित या अभयारण्य घोषित करके भी उन्हें वहाँ से बेदखल किया जा रहा है। 

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प्रश्न 7. 
विस्थापित किये गये आदिवासियों के लिए सरकार को क्या करना चाहिए? 
उत्तर:
जो आदिवासी पहले से ही विस्थापित कर दिये गये हैं और जो अब वापस नहीं लौट सकते, उन्हें भी मुआवजा मिलना चाहिए। अर्थात् सरकार को ऐसी योजनाएँ बनानी चाहिए जिनके सहारे वे नये स्थानों पर रह सकें और काम कर सकें। जब सरकार आदिवासियों से छीनी गई जमीन पर औद्योगिक या अन्य परियोजनाओं के निर्माण के लिए बेहिसाब पैसा खर्च कर सकती है तो इन विस्थापितों को पुनर्वास देने के लिए मामूली-सा खर्चा करने में क्यों हिचकिचाती है।

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
1989 के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989-यह अधिनियम 1989 में दलितों तथा अन्य समुदायों की मांगों के जवाब में बनाया गया था। इस कानून में अपराधों की एक लम्बी सूची दी गयी है। यह कानून अपराधों के विभिन्न प्रकारों तथा दोषियों के जघन्य कृत्यों का उल्लेख करते हुए दोषियों को सजा देता है। इस कानून में कई स्तर के अपराधों के बीच फर्क किया गया है। यथा-
(1) इसमें शारीरिक रूप से खौफनाक और नैतिक रूप से निन्दनीय अपमान के स्वरूपों की सूची दी गई है। इसका मकसद ऐसे लोगों को सजा दिलाना है जो (i) अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति को कोई अखाद्य अथवा गंदा पदार्थ पीने या खाने के लिए विवश करते हैं। (ii) अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति को नंगा करते हैं या उसे नंगा घुमाते हैं या उसके चेहरे अथवा देह पर रंग लगाते हैं या कोई और ऐसा कृत्य करते हैं जो मानवीय प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं है।

(2) इसमें ऐसे कृत्यों की सूची भी है जिनके जरिये दलितों और आदिवासियों को उनके साधारण संसाधनों से वंचित किया जाता है या उनसे गुलामों की तरह काम करवाया जाता है। परिणामस्वरूप इस कानून में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति के नाम पर आबण्टित की गई या उसके स्वामित्व वाली जमीन पर कब्जा करता है या खेती करता है या उसे अपने नाम स्थानान्तरित करवा लेता है तो उसे सजा दी जायेगी। 

(3) इस कानून में दलित एवं आदिवासी महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से बचने के लिए ऐसे लोगों को दण्डित किया जाये जो अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की किसी महिला को अपमानित करने के लिए उसके साथ जोर-जबर्दस्ती करते हैं। 

(4) आदिवासी कार्यकर्ता अपनी परम्परागत जमीन पर अपने कब्जे की बहाली के लिए इस कानून का सहारा लेते हैं।

admin_rbse
Last Updated on June 7, 2022, 11:38 a.m.
Published June 6, 2022