Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Our Rajasthan Chapter 8 आजीविका के प्रमुख क्षेत्र Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 6 Our Rajasthan are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 6 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts.
I. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर के विकल्प को कोष्ठक में लिखिए
1. रबी की फसल की प्रमुख फसल कौनसी है?
(अ) मक्का
(ब) बाजरा
(स) कपास
(द) गेहूँ
उत्तर:
(द) गेहूँ
2. मरुस्थलीय राजस्थान में सर्वाधिक बोया जाने वाला खाद्यान्न कौनसा है?
(अ) गेहूँ
(ब) बाजरा
(स) चावल
(द) मक्का
उत्तर:
(ब) बाजरा
II. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. खरीफ की फसल ........... ऋतु के प्रारम्भ में बोई जाती है।
2. बीसवीं पशुगणना के अनुसार राजस्थान में ....... व ....... पशु की संख्या में चिन्ताजनक गिरावट हुई है।
उत्तर:
1. वर्षा
2. ऊँट, गधों
III. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पशुपालन से क्या लाभ हैं?
उत्तर:
पशुपालन से रोजगार, पौष्टिक आहार, डेयरी, ऊन, परिवहन, चमड़ा, चारा आदि उद्योगों का विकास तथा पशु उत्पादों के निर्यात से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
प्रश्न 2.
किन खनिजों में राजस्थान का एकाधिकार है?
उत्तर:
सीसा, जस्ता, जिप्सम, चांदी, संगमरमर आदि खनिजों में राजस्थान का एकाधिकार है।
IV. लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पशुपालन क्षेत्र की दो प्रमुख समस्याएँ लिखो।
उत्तर:
(1) पशुपालक निर्धनता के कारण पशुओं को पौष्टिक आहार व सही इलाज नहीं दे पाते हैं।
(2) पशुपालक के पास कमजोर व घटिया नस्ल के पशु
प्रश्न 2.
राजस्थान में अवैध खनन से क्या दुष्परिणाम हो रहे हैं?
उत्तर:
राजस्थान में अवैध बजरी खनन से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या निरन्तर बढ़ रही है। अवैध खनन से, अरावली पर्वतमाला की कई पहाड़ियाँ पूरी तरह से गायब हो चुकी हैं। इसके गम्भीर पर्यावरणीय दुष्परिणाम हो रहे हैं।
बहुचयनात्मक प्रश्न
1. निम्न में से जायद की फसल कौनसी है?
(अ) तरबूज
(ब) मूंगफली
(स) तिल
(द) गन्ना
उत्तर:
(अ) तरबूज
2. राज्य में गेहूँ उत्पादन में प्रथम स्थान पर कौनसा जिला है?
(अ) जयपुर
(ब) कोटा
(स) जैसलमेर
(द) श्रीगंगानगर
उत्तर:
(द) श्रीगंगानगर
3. पशुपालन की दृष्टि से राजस्थान का देश में कौनसा स्थान
(अ) पहला
(स) तीसरा
(ब) दूसरा
(द) चौथा
उत्तर:
(ब) दूसरा
4. राजस्थान में सर्वाधिक उपलब्ध खनिज कौनसा है?
(अ) संगमरमर
(ब) तांबा
(स) रॉक फास्फेट
(द) अभ्रक
उत्तर:
(स) रॉक फास्फेट
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. राजस्थान का ............ प्रतिशत भू-भाग मरुस्थल है।
2. दक्षिणी राजस्थान में खाद्यान्न फसलों में ...... की खेती प्रमुख है।
3. ............... से पौष्टिक आहार-घी, मक्खन, दूध, छाछ, दही आदि की प्राप्ति होती है।
4. ............ को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है।
उत्तर:
1. 60
2. मक्का
3. पशुपालन
4. राजस्थान
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान की कृषि को 'मानसून का जुआ' क्यों कहते हैं?
उत्तर:
राजस्थान की अधिकांश कृषि मानसून की वर्षा पर निर्भर होने के कारण 'मानसून का जुआ' कही जाती है।
प्रश्न 2.
राजस्थान में कितने प्रकार की फसलें होती हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
तीन प्रकार की-
(1) रबी
(2) खरीफ
(3) जायद
प्रश्न 3.
राजस्थान में भारत का कितने प्रतिशत पशुधन पाया जाता है।
उत्तर:
राजस्थान में भारत का लगभग 11.27 प्रतिशत पशुधन पाया जाता है।
प्रश्न 4.
राजस्थान में कितने प्रकार के खनिजों का खनन होता है?
उत्तर:
राजस्थान में लगभग 67 प्रकार के खनिजों का खनन होता है।
प्रश्न 5.
रबी की किन्हीं दो फसलों के नाम बताइये।
उत्तर:
(1) गेहूँ
(2) सरसों।
प्रश्न 6.
खरीफ की फसल की किन्हीं दो उपजों के नाम बताइये।
उत्तर:
(1) ज्वार
(2) बाजरा।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी क्षेत्र में आजीविका कमाने के कार्य किन कारकों पर निर्भर होते हैं?
उत्तर:
किसी क्षेत्र में आजीविका कमाने के कार्य मुख्यतः निम्न कारकों पर निर्भर करते हैं
(1) प्राकृतिक संसाधन
(2) जलवायु
(3) आर्थिक स्तर
(4) सामाजिक स्तर
(5) शैक्षिक स्तर आदि
प्रश्न 2.
राजस्थान में आजीविका के प्रमुख क्षेत्र क्या हैं?
उत्तर:
राजस्थान खनिज सम्पदा में एक सम्पन्न राज्य है। साथ ही यहाँ विभिन्न प्रकार की जलवायु पाई जाती है। अतः यहाँ के लोग आजीविका हेतु प्रमुखतः कृषि, पशुपालन व खनन कार्य करते हैं। आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यटन, उद्योग व सेवा क्षेत्र में कार्य करने वालों की संख्या बढ़ी है।
प्रश्न 3.
राजस्थान में कृषि के पिछड़ेपन के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
राजस्थान में कृषि के पिछड़ेपन के प्रमुख कारण निम्न प्रकार हैं
प्रश्न 4.
पशुपालन में क्या समस्याएँ हैं? लिखिए।
उत्तर:
पशुपालन में निम्न समस्याएँ हैं
(1) पशुपालक निर्धनता के कारण पशुओं को पौष्टिक आहार व सही इलाज नहीं दे पाते हैं।
(2) पशुपालक के पास प्रायः कमजोर व घटिया नस्ल के पशु हैं।
(3) चारागाहों के लिए पर्याप्त भूमि की कमी है।
(4) प्रायः पशुपालन परम्परागत तरीकों से किया जाता है। पशुपालन में व्यावसायिक दृष्टिकोण की कमी है।
(5) बार-बार के सूखे व अकाल से पशुधन कम होता जा
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान में कितने प्रकार की फसलें होती हैं?
उत्तर:
राजस्थान में फसलें-राजस्थान में वर्ष भर में निम्न तीन प्रकार की फसलें होती हैं
(1) रबी की फसल-रबी की फसल सर्दी प्रारम्भ होने पर बोई जाती है तथा गर्मी प्रारम्भ होने पर मार्च-अप्रैल में काटी जाती है। इसमें गेहूँ, जौ, चावल, चना, सरसों आदि की फसलें प्रमुख हैं।
(2) खरीफ की फसल-खरीफ की फसल वर्षा ऋतु के प्रारम्भ में बोई जाती है व शीत ऋतु प्रारम्भ होने से पहले काट ली जाती है। इसमें मुख्य फसलें ज्वार, बाजरा, मूंग, कपास, गन्ना, मूंगफली, तिल आदि हैं।
(3) जायद की फसल-यह फसल मार्च-अप्रेल से जूनजुलाई तक ली जाती है। इसमें मुख्यतः खरबूजा, तरबूज, ककड़ी आदि उगाये जाते हैं।
प्रश्न 2.
राजस्थान में कृषि की क्या विशेषताएँ हैं? लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान में कृषि की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार
(1) राजस्थान की अधिकांश कृषि मानसून की वर्षा पर निर्भर है।
(2) यहाँ वर्ष भर में तीन प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं-
(i) रबी
(ii) खरीफ
(iii) जायद।
(3) राजस्थान में देश का सर्वाधिक बाजरा, सरसों व ग्वार का उत्पादन होता है।
(4) उत्तर प्रदेश के पश्चात् राजस्थान भारत में जौ व चना उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
(5) पश्चिमी राजस्थान में बाजरा सर्वाधिक बोया जाने वाला खाद्यान्न है।
(6) दक्षिणी राजस्थान में खाद्यान्न फसलों में मक्का की| खेती प्रमुख है।
(7) राज्य में श्रीगंगानगर जिला गेहूँ उत्पादन में प्रथम स्थान पर है।
(8) पश्चिमी राजस्थान में इंदिरा गाँधी नहर से करीब 175 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का विकास हुआ है।
(9) राज्य में सिर्फ 35 प्रतिशत फसली क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध है। कुल सिंचित क्षेत्र के 66 प्रतिशत क्षेत्र की सिंचाई कुएँ व ट्यूबवेल से होती है। नहरों द्वारा करीब 33 प्रतिशत सिंचाई होती है। तालाबों द्वारा सिंचित क्षेत्र बहुत कम है।
प्रश्न 3.
राजस्थान में पशुपालन आजीविका के प्रमुख माध्यमों में से एक माध्यम क्यों है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में पशुपालन-राजस्थान में पशुपालन आजीविका के प्रमुख माध्यमों में से एक है। राज्य के मरुस्थलीय और पर्वतीय क्षेत्र में कम वर्षा व कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहाँ पशुपालन ही जीविकोपार्जन का सहज माध्यम है। इन क्षेत्रों में कृषि के सीमित अवसर हैं, साथ ही औद्योगिक रोजगार के अवसर भी पर्याप्त नहीं हैं। ऐसी स्थिति में ग्रामीण लोगों को पशपालन से रोजगार के साथ-साथ आवश्यकता की कई वस्तुएँ प्राप्त हो जाती हैं। पशुपालन की दृष्टि से राजस्थान का देश में दूसरा स्थान है। राजस्थान में भारत का लगभग 11.27 प्रतिशत पशुधन पाया जाता है। राजस्थान में मरुस्थलीय ओर पर्वतीय क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी अधिकतर किसान खेती के साथसाथ पशुपालन करते हैं।
प्रश्न 4.
राजस्थान में कौन-कौनसे पशु पाले जाते हैं? 20वीं पशुगणना के निष्कर्ष भी बताइये।
उत्तर:
राजस्थान में पालतू पशु: पशुपालन की दृष्टि से राजस्थान में गाय-बैल, भैंस-बकरियाँ, ऊँट, भेड़, घोड़े, गधे आदि पाले जाते हैं। राजस्थान के मरुस्थलीय प्रदेश में ऊँट, बकरियाँ व भेड़ पालन बहुतायत से किया जाता है।
20वीं पशुगणना के निष्कर्ष: राजस्थान की 20वीं पशुगणना (2019) के अनुसार ऊँट व गधों की संख्या में चिंताजनक कमी हुई है। भेड़, बकरियों की संख्या में भी कमी आई | है। गाय व भैंसों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है। राजस्थान में मुर्गी पालन (पोल्ट्री फार्मिंग) का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है।
प्रश्न 5.
राजस्थान में खनन व्यवसाय का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
राजस्थान में खनन व्यवसाय-राजस्थान में लगभग 67 प्रकार के खनिजों का खनन होता है। राजस्थान में सर्वाधिक उपलब्ध खनिज रॉक फास्फेट है। सीसा, जस्ता, जिप्सम, चांदी, संगमरमर आदि के उत्पादन में राजस्थान का एकाधिकार है। चूना पत्थर, टंगस्टन, अभ्रक, तांबा, इमारती पत्थर अन्य महत्त्वपूर्ण खनिज हैं।
राजस्थान में खनिज आधारित नए उद्योगों की स्थापना के काफी अवसर हैं। क्योंकि यहां अनेक प्रकार के खनिज उपलब्ध हैं। यही कारण है कि राज्य सरकार द्वारा भी प्रदेश में खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जा रहा है।