RBSE Solutions for Class 6 Our Rajasthan Chapter 5 आजादी से पूर्व सरकार का स्वरूप

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Our Rajasthan Chapter 5 आजादी से पूर्व सरकार का स्वरूप Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 6 Our Rajasthan Solutions Chapter 5 आजादी से पूर्व सरकार का स्वरूप

RBSE Class 6 Our Rajasthan आजादी से पूर्व सरकार का स्वरूप Text Book Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर कोष्ठक में लिखिए

1. सेना को वेतन देने तथा सेना संबंधी अन्य कार्यों की जिम्मेदारी होती थी
(अ) खजान्ची 
(ब) राजा 
(स) बक्षी
(द) प्रधान
उत्तर:
(स) बक्षी

2. राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री थे
(अ) मोहन लाल सुखाड़िया 
(ब) टीकाराम पालीवाल 
(स) जयनारायण व्यास 
(द) हरिदेव जोशी 
उत्तर:
(ब) टीकाराम पालीवाल 

II. स्तम्भ 'अ' का मिलान स्तम्भ'ब' से सुमेलित कीजिए

स्तम्भ 'अ'

स्तम्भ 'ब'

(1) ग्राम

मुगलकालीन प्रशासनिक व्यवस्था 

(2) मनसबदारी

वह पत्र जिसमें शासक द्वारा प्रदान की गयी जागीर का उल्लेख होता था।

(3) जागीर पट्टा

राज्य की सबसे छोटी इकाई

उत्तर:

स्तम्भ 'अ'

स्तम्भ 'ब'

(1) ग्राम

राज्य की सबसे छोटी इकाई

(2) मनसबदारी

मुगलकालीन प्रशासनिक व्यवस्था 

(3) जागीर पट्टा

वह पत्र जिसमें शासक द्वारा प्रदान की गयी जागीर का उल्लेख होता था।

RBSE Solutions for Class 6 Our Rajasthan Chapter 5 आजादी से पूर्व सरकार का स्वरूप

III. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
परगना अधिकारी के कार्य बताइये। 
उत्तर:
परगना अधिकारी का कार्य परगने में शांति व्यवस्था बनाये रखने का होता था। 

प्रश्न 2. 
राजस्थान की रियासतों में कौन-कौनसे वंश के शासक राज करते थे?
उत्तर: राजस्थान की रियासतों में सिसोदिया, राठौर, कछवाह और चौहान आदि वंश के शासक राज करते थे। 

IV. लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
जागीरदारी व्यवस्था के स्वरूप को समझाइये। 
उत्तर:
जागीरदारी व्यवस्था का स्वरूप
(1) राजस्थान में जागीरदारी व्यवस्था रक्त सम्बन्ध पर आधारित सगोत्रीय कुलीय व्यवस्था थी।  
(2) राजा महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर जागीरदारों को नियुक्त करता था। 
(3) राजा और जागीरदार के सम्बन्ध स्वामी और सेवक के  नहीं होते थे, बल्कि भाईचारे एवं सौहार्द्र पर आधारित होते थे। 

प्रश्न 2. 
ब्रिटिशकाल में प्रशासनिक व्यवस्था में होने वाले परिवर्तनों को बताइये।  
उत्तर:
ब्रिटिशकाल में प्रशासनिक व्यवस्था में अनेक परिवर्तन आये
(1) अंग्रेजी राज्य की स्थापना के साथ ही भारत प्रशासनिक दृष्टि से दो भागों में विभाजित हो गया था, पहला ब्रिटिश भारत और दूसरा रियासती भारत। 
(2) ब्रिटिश कालीन भारत केन्द्र शासित प्रदेशों एवं 11 प्रान्तों में विभक्त था। सभी प्रान्तों के अलग-अलग गवर्नर थे, जो कि भारत के गवर्नर जनरल के प्रति उत्तरदायी थे। 
(3) 1857 की क्रांति के बाद भारत का शासन इंग्लैण्ड के ताज तथा संसद के सीधे नियंत्रण में आ गया। 
(4) ब्रिटिश सरकार द्वारा विभिन्न अधिनियम पारित करके भारत का शासन संचालित किया जाने लगा। 
(5) 1935 ई. का भारत सरकार अधिनियम (1 अप्रैल, 1937 ई. में लागू) के द्वारा अजमेर-मेरवाड़ा के प्रशासन को विदेश एवं राजनीतिक विभाग के स्थान पर भारत सरकार के 'गृह विभाग' के अन्तर्गत लाया गया। इससे इस क्षेत्र के  सभी कानून अब संघीय कार्यपालिका द्वारा बनाये जाने लगे।

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निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
स्वतंत्रता से पूर्व राजस्थान की जागीरदारी व्यवस्था पर एक लेख लिखिए। 
उत्तर:
स्वतंत्रता से पूर्व राजस्थान में जागीदारी व्यवस्थास्वतन्त्रता से पूर्व मध्यकाल का राजस्थान का संपूर्ण शासन तंत्र राजा और जागीरदारी व्यवस्था पर आधारित था। राजस्थान की जागीरदारी व्यवस्था रक्त सम्बन्ध एवं कुलीय भावना पर आधारित, प्रशासनिक और सैनिक व्यवस्था थी। राजस्थान की जागीरदारी व्यवस्था में राजा की मृत्यु के बाद बड़ा पुत्र राजा बनता था। राजा अपने छोटे भाइयों को जीवनयापन के लिए भूमि आवंटित करता, भाई-बंधु को दी गई इस भूमि का स्वामी जागीरदार कहलाता था। जागीरदार का कार्य उस जागीर की सुरक्षा एवं उसका शासन संचालन था। बाद के समय में योग्यता के आधार पर भी जागीरें प्रदान की जाने लगीं। महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर जागीरदारों को नियुक्त किया जाता था। राजा और जागीरदार के सम्बन्ध भाईचारे एवं सौहार्द्र पर आधारित होते थे। मुगल काल में शासकों की जागीरदारों पर निर्भरता कम हो गई थी।

RBSE Class 6 Our Rajasthan आजादी से पूर्व सरकार का स्वरूप Important Questions and Answer

बहुचयनात्मक प्रश्न

1. राजस्थान में राजशाही शासन के दौरान प्रमुख मंत्री को क्या कहते थे?
(अ) बक्षी
(ब) दीवान 
(स) राजा
(द) परगना अधिकारी 
उत्तर:
(ब) दीवान 

2. भरत का प्रथम वायसराय कौन था? 
(अ) लाई केनिंग 
(ब) लार्ड डलहौजी 
(स) लार्ड माउन्टबेटन 
(द) लाई विलियम बेंटिक
उत्तर:
(अ) लाई केनिंग 

3. राजस्थान की प्रथम विधानसभा के लिए चुनाव कब हुए? 
(अ) 1947
(ब) 1950 
(स) 1951
(द) 1952 
उत्तर: 
(द) 1952 

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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. राजा अपने शासन कार्य में सहायता हेतु ........ की नियुक्ति करते थे। 
2. राजस्थान में जागीरदारी व्यवस्था .......... पर आधारित सगोत्रीय कुलीय व्यवस्था थी। 
3. ........ की क्रांति के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हो गया ।
4. देश की आजादी के बाद राजस्थान के ........ की प्रक्रिया शुरू हुई।
उत्तर:
1. मंत्रियों 
2. रक्त सम्बन्ध 
3. 1857 
4. एकीकरण

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
हमारा राजस्थान वर्तमान स्वरूप में कब आया? 
उत्तर:
हमारा राजस्थान आजादी के बाद वर्तमान स्वरूप में आया। 

प्रश्न 2. 
राजशाही शासन किसे कहते हैं? 
उत्तर:
जिस शासन में राजा, राज्य की संपूर्ण शक्ति का सर्वोच्च केन्द्र होता है, राजशाही शासन कहलाता है। 

प्रश्न 3. 
ग्राम पंचायतों का क्या कार्य था? 
उत्तर:
ग्राम पंचायतें ग्राम का प्रशासन करती थीं। 

प्रश्न 4. 
राजस्थान के मध्यकाल का शासन किस व्यवस्था पर आधारित था? 
उत्तर:
राजस्थान के मध्यकालं का शासन तंत्र राजा और  जागीरदारी व्यवस्था पर आधारित था। 

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प्रश्न 5. 
जागीर व्यवस्था को शुरू करने के क्या कारण थे?  
उत्तर:
रियासतों की सुरक्षा एवं शासन व्यवस्था के संचालन हेतु शासकों ने जागीर व्यवस्था प्रारम्भ की। 

प्रश्न 6. 
ब्रिटिशकाल में भारत प्रशासनिक दृष्टि से कितने  भागों में विभाजित था? नाम लिखिये। 
उत्तर:
दो भागों में-
(1) ब्रिटिश भारत 
(2) रियासती भारत। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. 
रियासतों के शासन की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।  
उत्तर:
(1) रियासतें स्वतंत्र राज्य की तरह शासन संचालन  करती थीं।
(2) रियासतों के शासक अपने मंत्रियों एवं जागीरदारों की  सहायता से शासन का संचालन करते थे। 
(3) शक्ति का सर्वोच्च केन्द्र राजा होता था। शासन का यह प्रकार राजशाही शासन कहलाता था।  
(4) रियासतों में शासन संचालन के लिए केन्द्रीय व्यवस्था  के पदाधिकारी राजा, मंत्री, बक्षी, खजांची, परगना अधिकारी होते थे।

प्रश्न 2. 
राजस्थान में जागीरदारी व्यवस्था के प्रारम्भ होने के बारे में बताइये। 
उत्तर:
राजस्थान में जागीरदारी व्यवस्था का विकसित और स्पष्ट स्वरूप राजपूतों के शासनकाल से प्रारंभ हो गया था। राजस्थान भू-भाग पर राजपूतों की विभिन्न शाखाओं ने अपने राज्य स्थापित किये, जो उनकी रियासतें कहलाई। रियासतों की सुरक्षा एवं शासन व्यवस्था के संचालन हेतु शासकों ने जागीर व्यवस्था प्रारम्भ की। 

प्रश्न 3. 
1857 की क्रांति के बाद भारत के प्रशासन में क्या परिवर्तन आये? 
उत्तर:
1857 की क्रांति के बाद भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हो गया। अब भारत के प्रशासन का सीधा नियंत्रण इंग्लैंड के ताज एवं संसद के नियंत्रण में आ गया। लार्ड केनिंग को गवर्नर जनरल के साथ-साथ भारत का प्रथम वायसराय नियुक्त किया गया। अंग्रेज सरकार द्वारा विभिन्न अधिनियम पारित करके भारत का शासन संचालन किया जाने लगा। 

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
रियासतों में केन्द्रीय शासन व्यवस्था का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
रियासतों में केन्द्रीय शासन व्यवस्था: आजादी से पहले राजस्थान में अनेक रियासतें थीं। शासन व्यवस्था लगभग समान थी। विभिन्न रियासतों में शासन संचालन के लिए केन्द्रीय व्यवस्था के मुख्यतः निम्न पदाधिकारी होते थे
(1) राजा: राजा, राज्य की संपूर्ण शक्ति का सर्वोच्च केन्द्र होता था। राजा अपने सलाहकारों एवं मंत्री परिषद् के सदस्यों के सहयोग से शासन संचालन करते थे। 
(2) मंत्री: शासन कार्य में सहायता हेतु मंत्रियों की नियुक्ति की जाती थी। प्रमुख मंत्री को दीवान कहते थे। राजा समय-समय पर इनसे मंत्रणा करके राजकार्य की जटिल समस्याओं को सुलझाते थे। 
(3) बक्षी: सेना को वेतन देने तथा सेना सम्बन्धी अन्य कार्यों की जिम्मेदारी बक्षी की होती थी।
(4) खजांची: आमदनी और खर्च के हिसाब को संतुलित रखना और बचत को सुरक्षित कर राजकोष में वृद्धि करना खजांची का कार्य था। 
(5) परगना अधिकारी: राज्य परगनों में विभाजित था, तथा परगने में शांति व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी परगना अधिकारी की होती थी। 

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प्रश्न 2. 
मध्यकालीन जागीरदारी व्यवस्था के स्वरूप में परिवर्तनों का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
मध्यकालीन जागीरदारी व्यवस्था के स्वरूप में परिवर्तन:
(1) मुगल काल में मुगलों से संधि के कारण शासकों की जागीरदारों पर निर्भरता कम हो गयी। 
(2) शासक, मुगल मनसबदार बन गए और उन्हें मुगलों का संरक्षण प्राप्त हो गया। इससे शासक, जागीरदारों के साथ स्वामी जैसा व्यवहार करने लगे।
(3) प्रारंभ में जागीरदार युद्ध एवं शांति के समय राजा को अपनी सेवाएं देते थे, लेकिन मुगल काल में सेवाओं के साथ  कर व्यवस्था निर्धारित कर दी गयी, जिसका उल्लेख जागीर  पट्टे में किया जाता था। 
(4) मुगल शासन प्रणाली की कुछ व्यवस्थाओं का प्रभाव  राजस्थान पर भी पड़ा। रियासतों ने अपने प्रशासन को परगनों और ग्रामों में विभाजित किया।

Raju
Last Updated on July 27, 2022, 4:49 p.m.
Published July 27, 2022