RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 3 नादान दोस्त

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 3 नादान दोस्त Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 6 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 6 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Here is visheshan worksheet for class 6 to learn grammar effectively and quickly.

RBSE Class 6 Hindi Solutions Vasant Chapter 3 नादान दोस्त

RBSE Class 6 Hindi नादान दोस्त Textbook Questions and Answers

कहानी से 

प्रश्न 1. 
अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे? 
उत्तर-
केशव और श्यामा के मन में अंडों के बारे में ये सवाल उठते थे कि अण्डों के आकार कैसे होंगे, उनकी संख्या कितनी होगी, रंग कैसा होगा और उनसे बच्चे कैसे निकलेंगे। वे इस विषय में अम्मा और बाबूजी को पूछना चाहते थे, परन्तु उनके पास उनके सवालों का जवाब देने का समय नहीं था। इसलिए केशव और श्यामा आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली देते थे। 

RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 3 नादान दोस्त

प्रश्न 2. 
केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दानापानी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे ? 
उत्तर-
केशव और श्यामा को अंडों से बहुत लगाव था। वे अण्डों को सुरक्षित रखना चाहते थे। इसलिए केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर रख दिया था।

प्रश्न 3.
केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी ?
उत्तर-
केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा करके नादानी की थी, क्योंकि उन्होंने चिड़िया के अंडों को धूप से बचाने तथा उनके खाने-पीने का इन्तजाम किया था। इससे अण्डे छू लेने से वे गन्दे हो गए थे और चिड़िया ने उन्हें गन्दे मानकर नीचे गिरा दिए थे।

कहानी से आगे 

प्रश्न 1. 
केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में क्याक्या अनुमान लगाए? यदि उस जगह तुम होते तो क्या अनुमान लगाते और क्या करते?
उत्तर-
केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में अनुमान .. लगाए कि 
(1) अंडे कितने, किस रंग और आकार के होंगे? 
(2) अंडों से बच्चे किस तरह निकलेंगे? 
(3) बेचारी चिड़िया दाना-पानी कहाँ से लाएगी ? 
(4) दाना-पानी न मिलने से बच्चे भूख से मर जाएंगे। यदि केशव और श्यामा की जगह हम होते तो ऐसा अनुमान लगाकर भी चुप रहते। हम अम्मा और बाबूजी से पूछकर ही अंडों की देखभाल करते तथा अंडों से बच्चे निकलने का इन्तजार करते। 

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प्रश्न 2. 
माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए? माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया ? 
उत्तर-
दोपहर के समय माँ अपने बच्चों को सुलाकर सोती थी। परन्तु केशव और श्यामा अंडों को देखने की लालसा से चुपचाप बाहर निकल आए। जब माँ ने उनसे बाहर निकलने का कारण पूछा तो अपनी पिटाई के डर से उन्होंने कोई कारण नहीं बताया और अपना कसूर मानकर चुप ही रहे। 

प्रश्न 3. 
प्रेमचन्द ने इस कहानी का नाम 'नादान दोस्त' रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे? 
उत्तर-
इसका अन्य शीर्षक यह हो सकता है-'बच्चों की नादानी' अथवा 'अण्डों की सुरक्षा'।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. 
इस पाठ में गरमी के दिनों की चर्चा है। अगर सर्दी या बरसात के दिन होते तो क्या-क्या होता ? अनुमान करो और अपने साथियों को सुनाओ। 
उत्तर-
अगर सर्दी में कार्निस पर अण्डे होते, तो उन्हें ठण्ड, ओस एवं पाले से बचाने की चिन्ता रहती। यदि बरसात के दिन होते, तो उन्हें पानी से भीगने एवं बह जाने की चिन्ता रहती। दोनों ही ऋतुओं के मौसम के अनुसार अण्डों की हिफाजत का ध्यान रखना पड़ता। 

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प्रश्न 2. 
पाठ पढ़कर मालूम करो कि दोनों चिड़ियाँ वहाँ फिर क्यों नहीं दिखाई दी? वे कहाँ गई होंगी? इस पर अपने दोस्तों से मिलकर बातचीत करो। 
उत्तर-
दोनों चिड़ियाँ वहाँ इसलिए नहीं दिखाई दीं कि अंडों के लिए वह स्थान सुरक्षित नहीं था। इसलिए वे किसी दूसरे सुरक्षित स्थान पर चली गई होंगी और वहीं घोंसला बनाकर रहने लगी होंगी। वहीं पर उन्होंने अंडे दिये होंगे। 

प्रश्न 3. 
केशव और श्यामा चिड़िया के अण्डों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नयी चीज या बात को लेकर कौतूहल महसूस हुआ है? ऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे? 
उत्तर-
छात्र अपनी उत्सुकता एवं अनुभव स्वयं लिखें। 

भाषा की बात

प्रश्न 1. 
श्यामामाँ से बोली, "मैंने आपकी बात सुन ली है।" "ऊपर दिए उदाहरण में 'मैंने' का प्रयोग श्यामा के लिए और 'आपकी' का प्रयोग माँ के लिए हो रहा है। जब सर्वनाम का प्रयोग कहने वाले, सुनने वाले या किसी तीसरे के लिए हो, तो उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते है। नीचे दिए गए वाक्यों में तीनों प्रकार के पुरुषवाचक सर्वनामों के नीचे रेखा खींचोएक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लम्बा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, "मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?"
उत्तर-
एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लम्बा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, "मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं ?" 

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प्रश्न 2. 
तगड़े बच्चे मसालेदार सब्जी बड़ा अंडा
यहाँ रेखांकित शब्द क्रमशः बच्चे, सब्जी और अंडे की विशेषता यानी गुण बता रहे हैं, इसलिए ऐसे विशेषणों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं। इसमें व्यक्ति या वस्तु के अच्छे-बुरे हर तरह के गुण आते हैं। तुम चार गुणवाचक विशेषण लिखो और उनसे वाक्य बनाओ। 
उत्तर-
गुणवाचक विशेषण वाक्य 
चतुर -- राम चतुर बालक है। 
छोटा -- छोटा बच्चा प्यारा लगता है। 
रसदार -- जामुन रसदार होते हैं। 
पीला -- वह पीला फूल है। 

प्रश्न 3. 
(क) केशव ने झंझलाकर कहा .... 
(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला .... 
(ग) केशव घबराकर उठा .... 
(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से टिकाकर कहा..... 
(ङ) श्यामा ने गिड़गिड़ाकर कहा.... 
ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखो। ये शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण का काम कर रहे हैं, क्योंकि ये बताते हैं कि कहने, बोलने और उठने की क्रिया कैसे हुई। कर' वाले शब्दों के क्रियाविशेषण होने की एक पहचान यह भी है कि ये अक्सर क्रिया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम भी इन पाँच क्रियाविशेषणों का वाक्यों में प्रयोग करो।। 
उत्तर-
झंझलाकर - माँ ने झुंझलाकर पिताजी से कहा।
बनाकर - तुम रोनी सूरत बनाकर मत कहो।
घबराकर - छात्र घबराकर खड़ा हो गया। 
टिकाकर - राम ने दीवार से पीठ टिकाकर आराम किया। 
गिड़गिड़ाकर - भूखा व्यक्ति गिड़गिड़ाकर हाथ फैलाने लगा।

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प्रश्न 4. 
नीचे प्रेमचन्द की कहानी 'सत्याग्रह' का एक अंश दिया गया है। तुम इसे पढ़ोगे तो पाओगे कि विराम चिह्नों के बिना यह अंश अधूरा-सा है। तुम आवश्यकता के अनुसार उचित जगहों पर विराम चिह्न लगाओ। • उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया 11 बज चुके थे चारों तरफ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या = भख लग आई न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं चाहें तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे देखें तो वहाँ क्या रेंग रहा है मझे भय होता है
उत्तर-
उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया। 11 बज चुके थे। चारों तरफ सन्नाटा छा गया था। पंडित जी ने बुलाया, "खोमचेवाले!" खोमचेवाला, "कहिए क्या दूँ ? भूख लग आई न। अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है। हमारा-आपका नहीं।" मोटेराम, "अबे क्या कहता है? यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं। चाहें तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे, तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि ज़रा अपनी कुप्पी मुझे दे। देखें तो, वहाँ क्या रेंग रहा है? मुझे भय होता है।" 

कुछ करने को -

प्रश्न - गरमियों या सरदियों में जब तुम्हारी लम्बी छद्रियाँ होती हैं, तो तुम्हारा दिन कैसे बीतता है ? अपनी बुआ या किसी और को एक पोस्टकार्ड या अंतरदेशीय पत्र लिखकर बताओ। 
उत्तर- 

बुआ को पत्र

183, विवेक विहार,
जयपुर।
दिनांक 20 जून, 20xx

आदरणीया बुआजी,
सादर प्रणाम!
मैं यहाँ सपरिवार कुशल हूँ और आशा है कि आप भी सकुशल होंगी। आजकल मेरी गरमियों की छुट्टियाँ चल रही हैं। मैं प्रतिदिन सुबह चार बजे उठकर नियमित योगाभ्यास करता हूँ, फिर स्नान करके टहलने जाता हूँ। आठ बजे लगभग नाश्ता करता हूँ और फिर दो घण्टे तक पढ़ाई करता हूँ। साथ ही अम्माजी के कामों में सहयोग भी करता हूँ। दोपहर में खाना खाने के बाद दो घण्टे सो जाता हूँ। सायंकाल को मित्रों के साथ खेलने जाता हूँ। रात्रि में कुछ देर टेलीविजन देखता हूँ। रात का खाना खाने के बाद सो जाता हैं। इस प्रकार मेरी दिनचर्या ठीक तरह से चल रही है। बाकी यहाँ सब ठीक है। पत्र द्वारा अपनी कुशलता का समाचार जरूर भेजना।

आपका भतीजा,
अरविन्द 

RBSE Class 6 Hindi नादान दोस्त Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. 
कार्निस तक पहुँचने के लिए केशव किस पर चढ़ा? 
(अ) दीवार पर 
(ब) स्टू ल पर 
(स) चौकी पर 
(द) कुर्सी पर 
उत्तर-
(ब) स्टू ल पर 

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प्रश्न 2. 
श्यामा का ध्यान बार-बार कहाँ चला जाता था? 
(अ) कार्निस पर 
(ब) स्टूल पर 
(स) टोकरी पर
(द) चौकी पर  
उत्तर-
(अ) कार्निस पर 

प्रश्न 3. 
कार्निस पर चिड़िया के कितने अण्डे थे? 
(अ) चार
(ब) दो 
(स) तीन
(द) पाँच 
उत्तर-
(स) तीन

प्रश्न 4. 
केशव ने तीनों अण्डे रख दिए
(अ) टोकरी में 
(ब) तिनकों में 
(स) घोंसले में 
(द) चीथड़ों की गद्दी में
उत्तर-
(द) चीथड़ों की गद्दी में

रिक्त स्थानों की पूर्ति

प्रश्न 5. 
उचित शब्द से रिक्त-स्थानों की पूर्ति करो
(i) अंडों को देखने के लिए वे ............. हो उठते थे। (अधीर/अचेत) 
(ii) श्यामा प्याली और ............ भी लायी। (रोटी/चावल) 
(iii) छूने से चिड़ियों के अण्डे ......... हो जाते हैं। (कमजोर/गन्दे) 
उत्तर-
रिक्त स्थानों के लिए शब्द-
(i) अधीर, 
(ii) चावल, 
(iii) गन्दे। 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 6. 
चिड़िया ने केशव के घर में कहाँ पर अंडे दिए थे? 
उत्तर-
चिड़िया ने केशव के घर के कार्निस पर अण्डे दिए थे। 

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प्रश्न 7. 
कार्निस पर चिड़िया ने कितने अण्डे दिए थे ? 
उत्तर-
कार्निस पर चिड़िया ने तीन अण्डे दिए थे। 

प्रश्न 8. 
चिड़िया के अण्डे कब गन्दे हो जाते हैं ?
उत्तर-
आदमी के द्वारा छूने से चिड़िया के अण्डे गन्दे हो जाते हैं। 

प्रश्न 9. 
केशव को कैसा दोस्त बताया गया है ? 
उत्तर-
केशव को नादान दोस्त बताया गया है। 

प्रश्न 10. 
श्यामा ने केशव को कहाँ चढ़ने के लिए कहा था? 
उत्तर-
श्यामा ने केशव को कार्निस पर चढ़ने के लिए कहा था। 

प्रश्न 11. 
केशव ने कार्निस पर क्या देखा? 
उत्तर-
केशव ने कार्निस पर देखा कि थोड़े से तिनके बिछे. हुए थे और उन पर तीन अण्डे पड़े हुए थे। 

प्रश्न 12. 
केशव ने क्या नादानी की थी? 
उत्तर-
केशव ने यह नादानी की थी कि उसने चिड़िया के अण्डों को हाथ से छू लिया था। 

प्रश्न 13. 
केशव को किस बात का अफसोस होता रहा? 
उत्तर-
चिड़िया के अण्डों को छूने तथा उनका विनाश का कारण होने की बात का केशव को अफसोस होता रहा। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न -

प्रश्न 14. 
केशव कार्निस तक कैसे पहुँचा? 
उत्तर-
केशव पहले तो स्टूल पर चढ़ा। जब उससे भी काम न चला तो वह नहाने की चौकी लाया और उसे स्टूल के नीचे रखा। फिर उस पर चढ़कर कार्निस तक पहुँच गया। 

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प्रश्न 15. 
केशव ने चिड़िया के अण्डों को किसके ऊपर रखा? 
उत्तर-
केशव ने श्यामा से चिथड़े या पुरानी धोती का एक टुकड़ा मँगवाया। फिर उसने उसके कई तह करके गद्दी जैसी बनायी और उसे बिछाकर उसके ऊपर चिड़िया के अण्डे रख दिए। 

प्रश्न 16. 
माँ ने अंडों के टूट जाने पर केशव से क्या कहा? 
उत्तर-
माँ ने केशव से कहा कि छूने से चिड़िया के अण्डे गन्दे हो जाते हैं। चिड़िया फिर उन अण्डों को नहीं सेती है और स्वयं उन्हें गिराकर नष्ट कर देती है। 

प्रश्न 17. 
केशव किस बात को याद कर कभी-कभी रो पड़ता था? 
उत्तर-
केशव इस बात को याद कर कभी-कभी रो पड़ता था कि उसने चिड़िया के अण्डों की हिफाजत करने के जोग में उनका सत्यानाश कर डाला। उसने बड़ी नादानी की।

निबन्धात्मक प्रश्न -

प्रश्न 18. 
'नादान दोस्त' कहानी से क्या शिक्षा मिलती है? 
उत्तर-
'नादान दोस्त' कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि नासमझी से किया गया काम ठीक नहीं रहता है। केशव और श्यामा ने चिड़िया के अण्डों की सुरक्षा के सारे उपाय किए, परन्तु इससे उनका सत्यानाश हो गया। मनुष्य को जीव-जन्तुओं के जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्हें अपना जीवन स्वतन्त्रता से जीने देना चाहिए। 

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प्रश्न 19. 
केशव और श्यामा को नादान क्यों बताया गया है ? 
उत्तर-
केशव और श्यामा को अच्छाई-बुराई का पता नहीं था। वे अबोध एवं नासमझ थे। वे चिड़िया के अण्डों को लेकर जिज्ञासा रखते थे और उनकी सुरक्षा करना चाहते थे। वे यह नहीं जानते थे कि उनके छूने से अण्डे गन्दे हो जाएँगे और चिड़िया उन्हें नीचे गिरा देगी। इस तरह की गलती करने से ही केशव और श्यामा को नादान बताया गया है। 

गद्यांश पर आधारित प्रश्न -

प्रश्न 20. 
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(1) केशव के घर कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। केशव और उसकी बहन श्यामा दोनों बड़े ध्यान से चिड़िया को वहाँ आते-जाते देखा करते। सवेरे दोनों आँखें मलते कार्निस के सामने पहुँच जाते और चिड़ा और चिड़िया दोनों को वहाँ बैठा पाते। उनको देखने में दोनों बच्चों को न मालूम क्या मज़ा मिलता, दूध और जलेबी की सुध भी न रहती थी। दोनों के दिल में तरहतरह के सवाल उठते। 

प्रश्न 
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 
(ख) केशव और श्यामा कार्निस पर क्या देखते थे? 
(ग) दोनों बच्चों को किसमें मजा आता था? 
(घ) दोनों बच्चों के दिल में क्या सवाल उठते थे? 
उत्तर-
(क) शीर्षक - नादान बच्चे। 
(ख) केशव और श्यामा कार्निस पर पड़े चिड़िया के अण्डे देखते थे। 
(ग) दोनों बच्चों को कार्निस के सामने जाकर वहाँ बैठे चिड़ा और चिड़िया को देखने में मजा आता था। 
(घ) दोनों बच्चों के दिल में अण्डों को लेकर तथा उनसे बच्चे निकलने को लेकर अनेक तरह के सवाल उठते थे।

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(2) श्यामा-बच्चों को क्या खिलाएगी बेचारी? केशव इस पेचीदा सवाल का जवाब कुछ न दे सकता था। इस तरह तीन-चार दिन गुजर गए। दोनों बच्चों की जिज्ञासा दिन-दिन बढ़ती जाती थी। अंडों को देखने के लिए वे अधीर हो उठते थे। उन्होंने अनुमान लगाया कि अब जरूर बच्चे निकल आए होंगे। बच्चों के चारे का सवाल अब उनके सामने आ खड़ा हुआ।चिड़िया बेचारी इतना दाना कहाँ पाएगी कि सारे बच्चों का पेट भरे! गरीब बच्चे भूख के मारे चूं-धूं करके मर जाएँगे। 

प्रश्न 
(क) उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? नाम लिखिए। 
(ख) केशव किस सवाल का जवाब नहीं दे सका? 
(ग) दोनों बच्चों की उलझन का मुख्य कारण क्या था? 
(घ) दोनों बच्चों को किस बात की चिन्ता थी? 
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-नादान दोस्त। 
(ख) श्यामा ने पुछा कि चिड़िया अपने बच्चों को क्या खिलायेगी? केशव इस सवाल का जवाब नहीं दे सका। 
(ग) दोनों बच्चों की उलझन का मुख्य कारण उनकी जिज्ञासा तथा नादानी ही थी। 
(घ) दोनों बच्चों को इस बात की चिन्ता थी कि चिड़िया इतना दाना कहाँ पायेगी जिससे वह अपने बच्चों का पेट भर सके।

(3) अम्माँ दोनों बच्चों को कमरे में सुलाकर खुद सो गई थीं। लेकिन बच्चों की आँखों में आज नींद कहाँ? अम्माँ जी को बहलाने के लिए दोनों दम रोके, आँखें बंद किए, मौके का इंतजार कर रहे थे। ज्यों ही मालूम हुआ कि अम्माँ जी अच्छी तरह से सो गईं, दोनों चुपके से उठे और बहुत धीरे से दरवाजे की सिटकनी खोलकर बाहर निकल आए। अण्डों की हिफाजत की तैयारियाँ होने लगीं। केशव कमरे से एक स्टूल उठा लाया, लेकिन जब उससे काम न चला तो नहाने की चौकी लाकर स्टूल के नीचे रखी और डरते-डरते स्टूल पर चढ़ा। 

प्रश्न 
(क) यह गद्यांश जिस पाठ से लिया गया है, उसके लेखक का नाम लिखिए। 
(ख) बच्चों की आँखों से नींद क्यों गायब हो रही थी? 
(ग) अम्माजी के सोने के बाद दोनों बच्चों ने क्या किया? 
(घ) केशव ने कार्निस तक पहुँचने के लिए क्या किया? 
उत्तर-
(क) पाठ के लेखक-प्रेमचन्द।
(ख) बच्चों को चिड़िया के अण्डों की देखभाल की चिन्ता के कारण नींद नहीं आ रही थी। 
(ग) अम्माँजी के सोने के बाद बच्चों ने चुपचाप दरवाजा खोला और चिड़िया के अण्डों की हिफाजत की तैयारी करने लगे। 
(घ) केशव ने कार्निस तक पहुँचने के लिए नहाने की चौकी के ऊपर स्टूल रखा और डरते-डरते उस पर चढ़ गया।

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(4) श्यामा दोनों हाथों से स्टूल पकड़े हुए थी। स्टूल चारों टाँगें बराबर न होने के कारण जिस तरफ ज्यादा दबाव ... पाता था, जरा-सा हिल जाता था। उस वक्त केशव को कितनी तकलीफ़ उठानी पड़ती थी, यह उसी का दिल जानता था। दोनों हाथों से कार्निस पकड़ लेता और श्यामा को दबी आवाज से डाँटता-अच्छी तरह पकड़, वरना उतरकर बहुत मारूँगा। मगर बेचारी श्यामा का दिल तो ऊपर कार्निस पर था। बार-बार उसका ध्यान उधर चला जाता और हाथ ढीले पड़ जाते। 

प्रश्न  
(क) केशव स्टूल पर क्यों चढ़ा था? 
(ख) केशव दोनों हाथों से कार्निस क्यों पकड़ लेता था? 
(ग) स्टूल क्यों हिल रही थी? 
(घ) श्यामा स्टूल को अच्छी तरह क्यों नहीं पकड़ रही थी? 
उत्तर-
(क) केशव चिड़िया के अण्डों की हिफाजत करने के लिए स्टूल पर चढ़ा था। 
(ख) जब स्टूल हिल जाता था, तब नीचे गिरने के भय से केशव कार्निस को पकड़ लेता था। 
(ग) स्टूल की चारों टाँगें बराबर नहीं थीं, इस कारण जिस तरफ ज्यादा दबाव पड़ता, उस तरफ से स्टूल हिल रही थी। 
(घ) श्यामा का ध्यान बार-बार चिड़ियों के अण्डे देखने के लिए ऊपर चले जाता था, इस कारण उसके हाथ ढीले पड़ जाते थे और वह स्टूल को अच्छी तरह नहीं पकड़ रही थी।

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नादान दोस्त Summary in Hindi

[सप्रसंग व्याख्या/भावार्थ]

कठिन-शब्दार्थ - कार्निस = दीवार का सबसे ऊपरी भाग का बाहर निकला हिस्सा या ऊँची ताक। सुध = चेतना, याद। तसल्ली = दिलासा। पर = पंख। पेचीदा = कठिन। जिज्ञासा = जानने की इच्छा। अधीर = उतावले, बेचैन। अंदाजा = अनुमान। प्रस्ताव = बातचीत का विषय, मुद्दा। चावं = रुचि। सूराख = छेद। हिकमत = तरीका, उपाय। हिफाजत = सुरक्षा। कसूर = गलती, अपराध । सोटी = छोटी छड़ी। तरस आना = दया आना। अफसोस = पछतावा। सत्यानाश करना = सब कुछ नष्ट करना। 

पाठ का सार - 'नादान दोस्त' कहानी के लेखक का नाम प्रेमचन्द है। केशव और श्यामा भाई-बहिन थे। उनके घर की कार्निस पर एक चिड़िया ने अण्डे दिए। केशव और श्यामा प्रतिदिन कार्निस के सामने जाकर चिड़ा और चिड़िया को देखते तथा सोचते कि कितने अंडे होंगे, उनसे बच्चे कब निकलेंगे? इसी जिज्ञासा से एक दिन उन दोनों ने चिड़िया के अंडों को हाथ से छू दिया। इससे चिड़िया ने अपने अण्डे नीचे गिरा दिए। क्योंकि चिड़िया आदमी के छूने से अण्डों को गन्दा मानती है और उन्हें नहीं सेती है। बाद में उन्हें अम्मा ने यह बात बतायी। इससे केशव को अपनी गलती पर अफसोस हुआ। इसके बाद दोनों चिड़ियाँ वहाँ फिर नहीं दिखाई पड़ी।

Bhagya
Last Updated on June 28, 2022, 12:17 p.m.
Published June 25, 2022