Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 14 लोकगीत Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 6 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 6 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Here is visheshan worksheet for class 6 to learn grammar effectively and quickly.
निबन्ध से
प्रश्न 1.
निबन्ध में लोकगीतों के किन पक्षों की चर्चा की गई है ? बिन्दुओं के रूप में उन्हें लिखो।।
उत्तर-
निबन्ध में लोकगीतों के विविध पक्षों की चर्चा की गई है, जैसे-
(1) लोकगीत गाँवों-कस्बों में त्योहार या विशेष अवसरों पर गाये जाते हैं।
(2) लोकगीत की रचना साधारण लोगों द्वारा होती है।
(3) लोकगीतों में शास्त्रीय संगीत नहीं रहता है।
(4) लोकगीतों में जीवन की ताजगी, लोकप्रियता और प्रसन्नता छिपी रहती है।
(5) अलगअलग प्रदेशों एवं क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के लोकगीत गाये जाते हैं।
प्रश्न 2.
हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौनसे
उत्तर-
हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत ये हैं-
(1) विवाह के गीत,
(2) मटकौर,
(3) ज्यौनार,
(4) जन्म के समय के गीत
(5) त्योहारों के गीत
(6) सावन के गीत,
(7) होली के गीत,
(8) विरह के गीत,
(9) सम्बन्धियों के लिए प्रेमयुक्त गाली के गीत,
(10) नदी में नहाते समय के गीत,
(11) ऋतुओं से सम्बन्धित गीत इत्यादि।
प्रश्न 3.
निबन्ध के आधार पर और अपने अनभव के आधार पर (यदि तुम्हें लोकगीत सुनने के मौके मिले हैं तो) तुम लोकगीतों की कौन-सी विशेषताएं बता सकते हो?
उत्तर-
लोकगीतों की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
(1) लोकगीत गाँवों की जनता के गीत हैं। ये साधारण वाद्य यन्त्रों की मदद से गाये जाते हैं।
(2) ये विभिन्न ऋतुओं के परिवर्तन के समय गाये जातें
(3) लोकगीत त्योहारों और विशेष अवसरों पर गाये जाते
(4) लोकगीत अशास्त्रीय होते हैं। इनके राग और बोल क्षेत्रानुसार होते हैं।
(5) लोकगीत क्षेत्रीय भाषा में गाये जाते हैं।
(6) लोकगीत लिखित न होकर कण्ठस्थ या मौखिक होते हैं।
(7) लोकगीत अत्यन्त मनभावन और उल्लास वाले होते
प्रश्न 4.
'पर सारे देश के ...... अपने-अपने विद्यापति हैं' इस वाक्य का क्या अर्थ है? पाठ पढ़कर मालूम करो और लिखो।
उत्तर-
पाठ में आये इस वाक्य का अर्थ है कि जिस प्रकार मिथिला क्षेत्र में विद्यापति के गीत अत्यन्त लोकप्रिय हैं, उसी प्रकार हर क्षेत्र और हर प्रदेश में कोई-न-कोई प्रसिद्ध लोकगीत-रचयिता पैदा हुआ है, जिसके गीतों की उस क्षेत्र विशेष में धूम रहती है। जैसे बुन्देलखण्डी लोकगीत के रचयिता राजकवि जगनिक का 'आल्हा' अत्यधिक प्रसिद्ध गीत है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
क्या लोकगीत और नृत्य सिर्फ गाँवों या कबीलों में ही गाए जाते हैं ? शहरों के कौन-से लोकगीत हो सकते हैं ? इस पर विचार करके लिखो।
उत्तर-
पहले लोकगीत सिर्फ गाँवों या कबीलों में ही गाए जाते थे। लेकिन ग्रामीण लोग धीरे-धीरे शहरों में आने लमे। शहर में जब उन्हें अपने क्षेत्र के लोग मिलने लगे, तो उन्होंने कुछ खास अवसरों पर अपने क्षेत्रीय लोकगीतों को गाना शुरू कर दिया। इस तरह अब कुछ खास त्योहारों व विशेष अवसरों पर शहर में भी लोकगीत सुनाई देते हैं।
प्रश्न 2.
'जीवन जहाँ इठला-इठलाकर लहराता है, वहाँ भला आनंद के स्रोतों की कमी हो सकती है ? उद्दाम जीवन के ही वहाँ के अनंत संख्यक गाने प्रतीक हैं।' क्या तुम इस बात से सहमत हो ? 'बिदेसिया' नामक लोकगीत से कोई कैसे आनंद प्राप्त कर सकता है और वे कौन लोग हो सकते हैं जो इसे गाते-सुनते हैं ? इसके बारे में जानकारी प्राप्त करके कक्षा में सबको बताओ।
उत्तर-
"जीवन जहाँ ...... गाने प्रतीक हैं।" हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं। बिदेसिया गीतों में अधिकतर रसिक प्रेमी-प्रेमिका की बात होती है। इनसे करुणा और विरह का रस बरसता है। इसे सुनकर लोग आनंद प्राप्त करते हैं। बिहार प्रदेश के भोजपुर जिले के लोग इन्हें गाते हुए देहात में घूमते हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
'लोक' शब्द में कुछ जोड़कर जितने शब्द तुम्हें सूझें, उनकी सूची बनाओ। इन शब्दों को ध्यान से देखो और समझो कि उनमें अर्थ की दृष्टि से क्या समानता है।
इन शब्दों से वाक्य भी बनाओ। जैसे-लोककला।
उत्तर-
लोकनृत्य-घूमर राजस्थान का प्रसिद्ध लोकनृत्य हैं।
लोकगाथा - राजस्थान के वीरों को लेकर अनेक लोकगाथाएँ प्रचलित हैं।
लोकजीवन -लोकजीवन में त्योहारों का विशेष महत्त्व हैं।
लोकलाज - सभी को लोकलाज का ध्यान रखना चाहिए।
लोकप्रिय - इन्दिरा गांधी लोकप्रिय नेता थीं।
लोककल्याण - कुछ धार्मिक कार्य लोककल्याण से किये जाते हैं।
अर्थ की दृष्टि से इन वाक्यों में 'लोक' शब्द 'जनता' से सम्बन्धित होने से समानता रखता है।
प्रश्न 2.
'बारहमासा' गीत में साल के बारह महीनों का वर्णन होता है। नीचे विभिन्न अंकों से जुड़े कुछ शब्द दिये गये हैं। इन्हें पढ़ो और अनुमान लगाओ कि इनका क्या अर्थ है और वह अर्थ क्यों है ? इस सूची में तुम अपने मन से सोचकर भी कुछ शब्द जोड़ सकते होइकतारा, सरपंच, चारपाई, सप्तर्षि, अठन्नी, तिराहा, दोपहर, छमाही, नवरात्र, चौराहा।
उत्तर-
इकतारा = एक तार वाला बाजा।
सरपंच = पंचों का मुखिया, प्रधान पंच।
चारपाई = चार पैरों वाली, खटिया।
सप्तर्षि = सात ऋषियों का समूह, सात तारे।।
अठन्नी = आठ आनों का समूह।
तिराहा =. जहाँ पर तीन रास्ते मिलते हों।
दोपहर = एक प्रहर के बाद का समय (मध्याह्न)।
छमाही = छ: माह की अवधि।
नवरात्र - नौ रातों का समूह।
चौराहा = जहाँ चार रास्ते मिलते हों।
नवरत्न = नौ रत्नों का समूह ।
लखपति = लाखों का पति अर्थात् मालिक।
शताब्दी = सौ (अब्दों) वर्षों का समय।
षडानन = षड् (छ:) आनन (मुख) हैं जिसके वह, कार्तिकेय।
दशानन = दस आनन (मुख) हैं जिसके वह, रावण।
त्रिनेत्र = तीन हैं नेत्र जिसके वह अर्थात् शिव।
प्रश्न 3.
को, में, से आदि वाक्य में संज्ञा का दूसरे शब्दों के साथ संबंध दर्शाते हैं। 'झाँसी की रानी' पाठ में तुमने का, के बारे में जाना। नीचे 'मंजरी जोशी' की पुस्तक -'भारतीय संगीत की परंपरा' में भारत के एक लोकवाद्य का वर्णन दिया गया है। इसे पढ़ो और रिक्त स्थानों में उचित शब्द लिखो
• तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने ... अंग्रेजी के एस या सी अक्षर .... तरह होती है। भारत ....... विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे ... बना यह वाद्य अलग-अलग नामों ...... जाना जाता है। धातु की नली .... घुमाकर एस ....... आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे। फूंक मारने ..... एक छोटी नली अलग..... जोड़ी जाती है। राजस्थान ...... इसे बनूं कहते हैं। उत्तर प्रदेश ....... यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात ..... रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश... नरसिंघा ..... नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।
उत्तर-
रिक्त स्थानों के लिए उचित शब्द-में, की, के, से, से, को, का, के लिए, से, में, में, में, में, के।
भारत के मानचित्र में
प्रश्न 1.
भारत के नक्शे में पाठ में चर्चित राज्यों के लोकगीत और नृत्य दिखाओ।
उत्तर-
मानचित्र स्वयं बनाओ और उसमें यह दर्शाओउत्तराखण्ड में पहाडी लोकगीत. पंजाब में माहिया व भांगडा, राजस्थान में घूमर व ढोलामारू, भोजपुर में बिदेसिया, छत्तीसगढ़ में चैता-कजरी, मध्यप्रदेश में आल्हा, गुजरात में गरबा, मैथिल (बिहार) में बारहमासा।
कुछ करने को
प्रश्न 1.
अपने इलाके के कुछ लोकगीत इकट्ठा करो। गाये जाने वाले मौकों के अनुसार उनका वर्गीकरण करो।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
जैसे-जैसे शहर फैल रहे हैं और गाँव सिकुड़ रहे हैं, लोकगीतों पर उनका क्या असर पड़ रहा है? अपने आसपास के लोगों से बातचीत करके और अपने अनुभवों के आधार पर एक अनुच्छेद लिखो।
उत्तर-
जैसे-जैसे शहर फैल रहे हैं, तो गाँवों से लोग शहरों में आकर बस रहे हैं। वे शहरी संस्कृति अपना रहे हैं। इस कारण लोकगीतों को भूलकर फिल्मी गाने याद रखते हैं। शहरों में त्योहार एवं विवाह जैसे पवित्र मौकों पर भी लोकगीत कम ही सुनाई देते हैं। अब लाउडस्पीकर पर फिल्मी गानों की धूम मची रहती है। कुछ लोग लोकगीतों को गवारों के गीत मानते हैं और शहरी नागरिक बनने के ढोंग में लोकगीतों की उपेक्षा करते हैं।
प्रश्न 1.
लोकगीत किससे भिन्न होते हैं ?
(अ) फिल्मी संगीत से
(ब) शास्त्रीय संगीत से
(स) पाश्चात्य संगीत से
(द) पारंपरिक संगीत से
उत्तर-
(ब) शास्त्रीय संगीत से
प्रश्न 2.
बाउल और भतियाली लोकगीत हैं
(अ) राजस्थान के
(ब) बिहार के
(स) बंगाल के
उत्तर-
(स) बंगाल के
प्रश्न 3.
गुजरात का प्रसिद्ध दलीय गायन है
(अ) गरबा
(ब) बारहमासा
(स) रसिया
(द) आल्हा
उत्तर-
(अ) गरबा
प्रश्न 4.
'बिदेसिया' गीतों से कौन-सा रस बरसता है?
(अ) प्रेम का रस
(ब) वियोग का रस
(स) संयोग का रस
(द) करुणा-विरह का रस
उत्तर-
(द) करुणा-विरह का रस
रिक्त स्थानों की पूर्ति-
प्रश्न 5.
उचित शब्द से रिक्त स्थानों की पूर्ति करो
(i) लोकगीत सीधे जनता के ......... हैं। (गाने/संगीत)
(ii) वास्तविक लोकगीत देश के .......... में हैं। (शहरों/गाँवों)
(iii) पूरब की बोलियों में ....... के गीत गाये जाते हैं। (विद्यापति/कालिदास)
उत्तर-
रिक्त स्थानों के लिए शब्द-
(i) संगीत
(ii) गाँवों
(iii) विद्यापति।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 6.
लोकगीत शास्त्रीय संगीत से किस प्रकार भिन्न
उत्तर-
अपनी लोच, ताजगी और लोकप्रियता में लोकगीत शास्त्रीय संगीत से भिन्न हैं।
प्रश्न 7.
वास्तविक लोकगीत कहाँ गाये जाते हैं ?
उत्तर-
वास्तविक लोकगीत गाँवों और देहातों में गाये जाते
प्रश्न 8.
भोजपुरी में अब किस लोकगीत का प्रचार हुआ
उत्तर-
भोजपुरी में अब 'बिदेसिया' लोकगीत का प्रचार हुआ है।
प्रश्न 9.
होली के अवसर पर ब्रज में क्या गाया जाता है?
उत्तर-
होली के अवसर पर ब्रज में रसिया गाया जाता
प्रश्न 10.
लोकगीतों के गायन में मुख्य रूप से किस वाद्य यन्त्र का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
लोकगीतों के गायन में मुख्य रूप से ढोलक वाद्य यन्त्र का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 11.
राजस्थान में कौन-सा लोकगीत बड़े चाव से गाया जाता है।
उत्तर-
राजस्थान में 'ढोला मारु' लोकगीत बड़े चाव से गाया जाता है।
प्रश्न 12.
जगनिक ने अपने महाकाव्य में किनकी वीरता का बखान किया था?
उत्तर-
जगनिक ने अपने महाकाव्य में आल्हा-ऊदल की वीरता का बखान किया था।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 13.
पंजाब और राजस्थान में कौन-से लोकगीत गाये जाते हैं?
उत्तर-
पंजाब में माहिया लोकगीत गाया जाता है। इसी प्रकार हीर-राँझा और सोहनी-महीवाल सम्बन्धी गीत प्रसिद्ध है। राजस्थान में ढोला-मारू का गीत बड़े चाव से गाया जाता है।
प्रश्न 14.
कौन-सा दलीय गायन सभी प्रान्तों में लोकप्रिय है?
उत्तर-
गुजरात का दलीय गायन 'गरबा' अत्यधिक लोकप्रिय है। अब यह सभी प्रान्तों में प्रचलित है तथा इसमें स्त्रियाँ या लड़कियाँ घूम-घूमकर नाचती हुई गाती हैं।
प्रश्न 15.
आदिवासियों के लोकगीतों का संगीत किन प्रदेशों में फैला हआ है?
उत्तर-
आदिवासियों की बस्तियाँ मध्यप्रदेश, दकन, छोटा नागपुर, गोंड़-खांड, ओराँव-मुंडा, संथाल आदि क्षेत्रों में फैली हुई हैं। वहाँ पर लोकगीत के साथ दलीय नाच का संगीत चलता है।
प्रश्न 16.
अब साहित्य और कला के क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुआ है?
उत्तर-
अब साहित्य और कला के क्षेत्र में यह परिवर्तन हुआ है कि अनेक लोग विविध बोलियों के लोक-साहित्य और लोकगीतों का संग्रह करके उन्हें प्रकाशित करने लगे
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 17.
लोकगीतों की प्रमुख विशेषताएँ क्या होती हैं? बताइये।
उत्तर-
लोकगीतों की प्रमुख विशेषताएँ ये हैं-
(1) लोकगीत गाँवों-कस्बों आदि के संगीत हैं।
(2) ये त्योहारों और विशेष अवसरों पर गाये जाते हैं।
(3) लोकगीतों के लिए साधना की जरूरत नहीं होती है।
(4) इनके रचने वाले अधिकतर गाँव के ही लोग होते हैं।
(5) लोकगीत दलीय रूप में गाये जाते हैं।
प्रश्न 18.
लोकगीतों की भाषा की क्या विशेषता होती
उत्तर-
लोकगीतों की भाषा गाँवों और आंचलिक क्षेत्रों की बोलियाँ होती हैं। इनकी भाषा अच्छी तरह समझी जाने वाली तथा हृदय के भावों के अनुसार होती है। इसी कारण लोकगीत बहुत आह्लादकर और आनन्ददायक होते हैं। इनकी भाषा की सरलता प्रमुख विशेषता मानी जाती है, लोकगीतों की सफलता का कारण भी यही है।
गद्यांश पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 19.
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए --
(1) लोकगीत अपनी लोच, ताजगी और लोकप्रियता में शास्त्रीय संगीत से भिन्न हैं। लोकगीत सीधे जनता के संगीत हैं। घर, गाँव और नगर की जनता के गीत हैं ये। इनके लिए साधना की जरूरत नहीं होती। त्योहारों और विशेष अवसरों पर ये गाए जाते हैं। सदा से ये गाए जाते रहे हैं और इनके रचने वाले भी अधिकतर गाँव के लोग ही हैं। स्त्रियों ने भी इनकी रचना में विशेष भाग लिया है। ये गीत बाजों की मदद के बिना ही या साधारण ढोलक, झाँझ, करताल, बाँसुरी आदि की मदद से गाए जाते हैं।
प्रश्न
(क) यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? नाम लिखिए।
(ख) लोकगीत सामान्यतः किनके गीत हैं?
(ग) लोकगीतों की रचना किन्होंने की है?
(घ) लोकगीत प्राय: कैसे गाये जाते हैं?
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-लोकगीत।
(ख) लोकगीत सामान्यतः घर, गाँव और नगर की जनता के गीत हैं।
(ग) लोकगीतों की रचना प्रायः अनपढ़ ग्रामीण स्त्रीपुरुषों ने ही की है।
(घ) लोकगीत प्रायः बाजों की मदद के बिना ही या साधारण ढोलक, झांझ, करताल आदि की मदद से गाये जाते हैं।
(2) वास्तविक लोकगीत देश के गाँवों और देहातों में हैं। इनका संबंध देहात की जनता से है। बड़ी जान होती है इनमें। चैता, कजरी, बारहमासा, सावन आदि मिर्जापुर, बनारस और उत्तरप्रदेश के पूरबी और बिहार के पश्चिमी जिलों में गाए जाते हैं। बाउल और भतियाली बंगाल के लोकगीत हैं। पंजाब में माहिया आदि इसी प्रकार के हैं। हीर-राँझा, सोहनी-महीवाल संबंधी गीत पंजाबी में और ढोला-मारू आदि के गीत राजस्थानी में बड़े चाव से गाए जाते हैं।
प्रश्न
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) किन गीतों में बड़ी जान होती है?
(ग) बंगाल के लोकगीत कौन-से हैं?
(घ) लोकगीतों का सम्बन्ध प्रमुख रूप से किन से होता
उत्तर-
(क) शीर्षक-लोकगीत।
(ख) देहाती जीवन में गाये जाने वाले लोकगीतों में बड़ी जान होती है।
(ग) बाउल और भतियाली बंगाल के लोकगीत हैं।
(घ) लोकगीतों का सम्बन्ध प्रमुख रूप से देहात की जनता से होता है।
(3) अनंत संख्या अपने देश में स्त्रियों के गीतों की है। हैं तो ये गीत भी लोकगीत ही, पर अधिकतर इन्हें औरतें ही गाती हैं। इन्हें सिरजती भी अधिकतर वही हैं। वैसे मर्द रचने वालों या गाने वालों की भी कमी नहीं है पर इन गीतों का संबंध विशेषतः स्त्रियों से है। इस दृष्टि से भारत इस दिशा में सभी देशों से भिन्न है क्योंकि संसार के अन्य देशों में स्त्रियों के अपने गीत मर्दो या जनगीतों से अलग और भिन्न नहीं हैं, मिले-जुले ही हैं।
प्रश्न
(क) हमारे देश में किनके गीतों की संख्या अनन्त
(ख) लोकगीतों का सम्बन्ध विशेषतः किनसे है?
(ग) किस दृष्टि से भारत अन्य देशों से भिन्न है?
(घ) किन गीतों को अधिकतर स्त्रियाँ ही गाती हैं?
उत्तर-
(क) हमारे देश में स्त्रियों के गीतों की संख्या अनन्त है।
(ख) लोकगीतों का सम्बन्ध विशेषत: स्वियों से ही है।
(ग) भारत इस दृष्टि से संसार के अन्य देशों से भिन्न है कि वहाँ स्त्रियों के गीत पुरुषों के गीतों से अलग होते हैं।
(घ) लोकगीतों को ही अधिकतर स्त्रियाँ ही गाती हैं।
(4) एक विशेष बात यह है कि नारियों के गाने साधारणतः अकेले नहीं गाए जाते, दल बाँधकर गाए जाते हैं। अनेक कंठ एक साथ फूटते हैं यद्यपि अधिकतर उनमें मेल नहीं होता, फिर भी त्योहारों और शुभ अवसरों पर वे बहुत ही भले लगते हैं। गाँवों और नगरों में गायिकाएँ भी होती हैं जो विवाह, जन्म आदि के अवसरों पर गाने के लिए बुला ली जाती हैं। सभी ऋतुओं में स्त्रियाँ उल्लसित होकर दल बाँधकर गाती हैं। पर होली, बरसात की कजरी आदि तो उनकी अपनी चीज है, जो सुनते ही बनती है।
प्रश्न
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) नारियों द्वारा गाये जाने वाले गीतों की क्या विशेषता होती है?
(ग) विभिन्न अवसरों पर स्त्रियाँ किस प्रकार गीत गाती
(घ) कौन-से गीत अपनी अलग पहचान रखते हैं?
उत्तर-
(क) शीर्षक-लोकगीत की विशेषताएँ।
(ख) नारियाँ एक साथ मिलकर या समूह रूप में गाती हैं, तो अनेक कंठ एक साथ बेमेल होने पर भी सुरीले लगते
(ग) विभिन्न अवसरों पर स्त्रियाँ दल बाँधकर या समूह रूप में गीत गाती हैं।
(घ) सभी ऋतुओं में, विशेषकर होली और बरसात की कजरी आदि के गीत अपनी अलग पहचान रखते हैं।
[सप्रसंग व्याख्या/भावार्थ]
कठिन-शब्दार्थ-लोकगीत = गाँव के लोगों द्वारा गाया जाने वाला गीत । हेय - छोटा, महत्त्वरहित। उपेक्षा = महत्त्व न देना, अनादर करना। परिवर्तन = बदलाव। संग्रह = एकत्र करना। ओजस्वी = ओज से भरा। निर्द्वन्द्व = बेरोक-टोक, निर्विरोध । मर्म = हृदय, रहस्य। आह्लादकर = आनंद देने वाला। करुणा = दया। ह्रास = गिरावट, कम होना। विरह = वियोग, वेदना। दलीय - दल या समूह रूप में। सिरजती = रचना करती। उल्लसित = प्रसन्न, खुश। उद्दाम = हार्दिक उत्तेजना। प्रतीक. = निशान, कल्पित चिह्न।
पाठ का सार-'लोकगीत' पाठ के लेखक भगवत शरण उपाध्याय हैं। लोकगीत शास्त्रीय संगीत से भिन्न होता है। लोकगीत गाँवों के साधारण गीत होते हैं, जो बिना बाजों के ही त्योहारों और विशेष अवसरों पर गाये जाते हैं। लोकगीत अनेक प्रकार के होते हैं । मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, पंजाब, राजस्थान आदि प्रदेशों में अनेक अवसरों से सम्बन्धित लोकगीत गाये जाते हैं। राजस्थान में ढोला-मारू, भोजपुरी में बिदेसिया आदि गीत प्रसिद्ध हैं। स्त्रियाँ प्रायः एक साथ मिलकर या दल बनाकर लोकगीत गाती हैं। लोकगीत का प्रचलन प्राचीन काल से है, गाँवों में इन्हें गाकर खुशियाँ प्रकट की जाती हैं। वस्तुतः लोकगीत गाँवों के उल्लासमय जीवन के सुन्दर प्रतीक हैं।