Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 2 मेहनत की कमाई Textbook Exercise Questions and Answers.
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उच्चारण के लिए -
व्यापर, गर्दन, क्रोध, दर्द, भयंकर, निर्लज्ज, मिन्नतें, विवश
नोट - छात्र स्वयं उच्चारण करें।
सोचें और बताएँ -
प्रश्न 1.
पिता ने बेटे को बुलाकर क्या कहा?
उत्तर :
पिता ने बेटे को बुलाकर कुछ कमाकर लाने के लिए कहा।
प्रश्न 2.
बालक सरलता से एक रुपया कुएँ में क्यों फेंक देता था?
उत्तर :
बालक सरलता से एक रुपया कुएँ में इसलिए फेंक देता था क्योंकि वह उसकी कमाई का नहीं था।
प्रश्न 3.
बालक ने अंतिम दिन चवन्नी कुएँ में क्यों नहीं फेंकी?
उत्तर :
बालक ने अंतिम दिन चवन्नी कुएँ में इसलिए नहीं - फेंकी क्योंकि वह उसकी कमाई की थी। उसे कमाने के लिए उसने कठोर परिश्रम किया था।
लिखें -
प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरें -
(क्रोध, दुखने, माँ, रोने, बेटी)
(क) बेटा.............के पास जाकर.............लगा।
(ख) पिता ने पत्नी और.............को कुछ दिनों के लिए बाहर भेज दिया।
(ग) लड़के को.............आ गया।
(घ) मेरी गर्दन, कमर और पैर.............लगे हैं।
उत्तर :
(क) माँ, रोने
(ख) बेटी
(ग) क्रोध
(घ) दुखने
प्रश्न 2.
बालक अंतिम दिन मजदूरी करने पर विवश क्यों हुआ?
उत्तर :
बालक अंतिम दिन मजदूरी करने पर विवश इसलिए हुआ क्योंकि उसके पिता ने उसकी माँ और बहिन को घर से बाहर भेज दिया था। उसकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं था।
प्रश्न 3.
बालक ने चार आने किस प्रकार कमाए?
उत्तर :
बालक ने एक सेठ का सामान उसके घर पहुँचाकर चार आने कमाए।
प्रश्न 4.
"बेटा दिन भर सुस्त बैठा रहा। उसकी आँखों से आँस बहते रहे।" बेटा उदास क्यों बैठा था?
उत्तर :
बेटा उदास इसलिए बैठा था क्योंकि घर में उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं था और पिता ने उसे चेतावनी दी थी कि आज कुछ कमाकर नहीं लाया तो रात को भोजन नहीं मिलेगा।
प्रश्न 5.
“सेठ की सूझबूझ ने बालक का जीवन बदल दिया।" कैसे? समझाइए।
उत्तर :
सेठ का बेटा आलसी, लापरवाह और निर्लज्ज था। वह अपने बेटे को परिश्रमी बनाना चाहता था। अतः उसने बेटे को कमाकर लाने के लिए कहा। लड़के ने पहले तो अपनी माँ से फिर बहिन से एक रुपया माँगकर दिया, किंतु सेठ ने माँ-बेटी को बाहर भेज दिया। अतः विवश होकरवह बाजार में काम खोजने गया तब एक सेठ ने उसे संदूक उठाकर घर पहुँचाने का काम दिया और उसने परिश्रम करके चार आने कमाए। इस घटना से वह परिश्रम का महत्व जान गया। इस तरह सेठ की सूझबूझ ने बालक का जीवन बदल दिया।
प्रश्न 6.
अनुभवी पितो ने पत्नी और बेटी को बाहर क्यों भेजा होगा? बताओ।
उत्तर :
अनुभवी पिता ने अनुमान लगा लिया होगा कि बेटा, अपनी माँ और बहिन से पैसे माँगकर मुझे दे देता है। सेठ अपने बेटे को परिश्रम का महत्त्व सिखाना चाहता था। इसलिए उसने अपनी पत्नी और बेटी को बाहर भेज दिया।
प्रश्न 7.
बेटे की गर्दन, कमर और पैर क्यों दुखने लगे थे?
उत्तर :
सेठ के पुत्र ने पहले कभी परिश्रम नहीं किया था। भारी बजन को कंधे पर रखकर पैदल दूर तक चलना, इतना कठिन परिश्रम जीवन में पहली बार किया था, इसलिए उसकी गर्दन, कमर और पैर दुखने लगे थे।
भाषा की बात -
पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखिए -
दुखः - ...........
जल्दी - .........
रात्रि - ...........
जीवन - .........
उत्तर :
सुख, देरी, दिवस, मरण
नीचे दिए गए शब्दों का वाक्य में प्रयोग करें -
स्वस्थ स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करें
(क) पेड़ .........................
(ख) जल .........................
(ग) बेटी .........................
(घ) आदर .........................
उत्तर :
(क) पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं।
(ख) जल ही जीवन है।
(ग) बेटी माता-पिता को प्रिय होती है।
(घ) हमें बड़ों का आदर करना चाहिए।
यह भी करें -
यदि माँ और बहिन हमेशा उसे पैसे देती रहतीं तो क्या होता?
उत्तर :
यदि माँ और बहिन हमेशा उसे (बालक को) पैसे देती रही तो वह जीवनभर के लिए आलसी, कामचोर और निकम्मा बन जाता।
पिता ने अपना सारा व्यापार लड़के के हवाले क्यों किया होगा?
उत्तर :
पिता जान चुका था कि लड़का परिश्रम से कमाए धन का महत्त्व समझ गया है। मेहनत करके वह व्यापार को आगे बढ़ा सकता है। अतः पिता ने अपने लड़के के परिश्रम और जिम्मेदारी को देखकर अपना सारा व्यापार उसके हवाले किया होगा।
“मेहनत की कमाई" कहानी को कक्षा में नाटक के रूप में प्रदर्शित करें।।
नोट - विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से नाट्य मंचन करें।
मेहनत करना क्यों जरूरी है? आप अपने शब्दों में एक लेख तैयार कर प्रार्थना सभा में सुनाएँ।
उत्तर :
जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत करना जरूरी है। जो व्यक्ति जीवन में परिश्रम नहीं करते वे कभी सफल नहीं होते हैं। परिश्रम सफलता की कुंजी है। समाज में जिन लोगों ने परिश्रम किया है वे उच्च स्थान पर पहुँचे हैं। उन्हें उनकी मंजिल प्राप्त हुई है। यदि हम जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आलस्य त्याग कर अपनी पूरी लगन से परिश्रम करें।
बहुविकल्पीय प्रश्न -
प्रश्न 1.
सही विकल्प का चयन कीजिए -
(i) सेठ का लड़का था?
(क) गरीब
(ख) सुस्त
(ग) परिश्रमी
(घ) आलसी।
उत्तर :
(घ) आलसी।
(ii) माँ ने लड़के को रुपया कहाँ से निकाल कर दिया?
(क) डिब्बे से
(ख) बक्से से
(ग) बैंक से
(घ) गुल्लक से।
उत्तर :
(ख) बक्से से
(iii) पिता ने लड़के से रुपया कहाँ डालने के लिए कहा?
(क) नदी में
(ख) तालाब में
(ग) गुल्लक में
(घ) कुएँ में।
उत्तर :
(घ) कुएँ में।
(iv) लड़के ने किसका सामान घर पहुँचाया?
(क) एक सेठ का
(ख) अपने पिता का
(ग) डॉक्टर का
(घ) अपना।
उत्तर :
(क) एक सेठ का
(v) सेठ ने लड़के को परिश्रम के बदले कितने पैसे दिए?
(क) एक रुपया
(ख) चवन्नी (चार आने)
(ग) आठ आने
(घ) चार पैसे।
उत्तर :
(ख) चवन्नी (चार आने)
रिक्तस्थान पूर्ति -
प्रश्न 2.
दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
(कुएँ, संदूक, निर्लज्ज, मजदूरी, आँसू)
(i) लड़का लापरवाह और............था।
(ii) पिता ने कहा, "जा इसे, ............ में फेंक आ।
(iii) आँखों से ............ बहते रहे।
(iv) लड़का बाजार में............खोजने लगा।
(v) मेरा यह............उठाकर घर पहुँचा दे।
उत्तर :
(i) निर्लज्ज
(ii) कुएँ
(iii) आँसू
(iv) मजदूरी
(v) संदूक
सत्य-असत्य -
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए वाक्यों के सामने सही होने पर (✓) व तथा गलत होने पर (✗) का निशान लगाएँ -
(i) लड़का बहुत परिश्रमी था। ( )
(ii) माँ ने लड़के को एक रुपया दिया। ( )
(iii) बहिन ने अपने भाई को रुपया नहीं दिया। ( )
(iv) आलसी बेटे का बाप अमीर था। ( )
(v) लड़के की सुध लेने वाले सभी थे। ( )
उत्तर :
(i) लड़का बहुत परिश्रमी था। (✗)
(ii) माँ ने लड़के को एक रुपया दिया। (✓)
(iii) बहिन ने अपने भाई को रुपया नहीं दिया। (✗)
(iv) आलसी बेटे का बाप अमीर था। (✓)
(v) लड़के की सुध लेने वाले सभी थे। (✗)
सार्थक शब्द निर्माण -
प्रश्न 4.
सार्थक शब्दों के समूह से शब्द बनते हैं। आप निम्नांकित वर्ग पहेली में से अक्षरों का प्रयोग करते हुए सार्थक शब्द बनाइए -
उत्तर :
(i) अमीर
(ii) आलसी
(iii) बुखार
(iv) मील
(v) खाना
(vi) आना।
अति लघूत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न 5.
अमीर बाप ने आलसी बेटे से क्या कहा? -
उत्तर :
अमीर बाप ने आलसी बेटे से कुछ कमाने के लिए कहा।
प्रश्न 6.
दूसरी बार लड़के को रुपया किसने दिया?
उत्तर :
लड़के को दूसरी बार रुपया उसकी बहिन ने दिया।
प्रश्न 7.
लड़का रुपए को कुएँ में क्यों फेंक आता था?
उत्तर :
लड़का रुपए को कुएँ में इसलिए फेंक आता था क्योंकि वह उसकी मेहनत का नहीं था।
प्रश्न 8.
लड़के को क्रोध क्यों आया?
उत्तर :
लड़के को क्रोध इसलिए आया क्योंकि उसकी मेहनत की कमाई बर्बाद होने जा रही थी।
प्रश्न 9.
अंत में लड़के ने चार आने कुएँ में क्यों नहीं फेंके?
उत्तर :
अंत में लड़के ने चार आने कुएँ में इसलिए नहीं फेंके क्योंकि वे उसकी मेहनत की कमाई से मिले थे।
प्रश्न 10.
सेठ ने लड़के का जीवन किस तरह बदल दिया?
उत्तर :
सेठ ने लड़के से मजदूरी कराकर उसे परिश्रमी बना दिया और उसका जीवन बदल दिया।
लयु/दीर्य उत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न 11.
माँ ने बेटे को रुपया क्यों दिया?
उत्तर :
जब बेटे ने रो-धोकर माँ से मिन्नतें की तो माँ से उसका दु:ख नहीं देखा गया और माँ ने उसे एक रुपया दे दिया।
प्रश्न 12.
अमीर बाप ने आलसी लड़के को क्या कहकर काम करने के लिए मजबूर किया?
उत्तर :
अमीर बाप ने आलसी लड़के को यह कहकर काम करने के लिए मजबूर किया कि यदि कुछ कमाकर नहीं लाएगा तो भोजन नहीं मिलेगा।
प्रश्न 13.
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर :
'मेहनत की कमाई' एक आलसी बेटे की कहानी है। वह एक सेठ का लड़का है। परेशान पिता उसे सही रास्ते पर लाना चाहता है। इस काम में वह सफल हो भी जाता है। रोचकता से पूर्ण यह कहानी हमें बहुत-सी शिक्षाएँ देती है। सर्वप्रथम हमें आलस्य नहीं करना चाहिए, कठिन परिश्रम करना चाहिए, झूठ का व्यवहार कष्ट ही देता है, मेहनत की कमाई ही हमें सुख पहुँचाती है। साथ ही एक सीख यह भी है कि परिश्रमी होने पर ही हम आगे की जिम्मेदारियों को निभा सकेंगे। अतः हमें परिश्रम से जी नहीं चुराना चाहिए।
पाठ सार - 'मेहनत की कमाई' कहानी के लेखक सुदर्शन ने एक धनी व्यक्ति द्वारा अपने आलसी पुत्र को परिश्रम करने का पाठ पढ़ाने की घटना को बड़े रोचक ढंग से बताया है। पाठ में एक धनी व्यक्ति ने अपने आलसी, लापरवाह और कामचोर लड़के को कुछ कमाकर लाने के लिए कहा। लड़का काम करने के बजाय माँ के पास जाकर रोने लगा और माँ ने तरस खाकर उसे एक रुपया दे दिया। पिता के पूछने पर उसने एक रुपया अपनी कमाई का बताया। पिता अपने बेटे को अच्छी तरह जानता था। अपने बेटे को पाठ पढ़ाने के लिए उसने रुपया कुएँ में डालने को कहा और लड़के ने रुपया कुएँ में डाल दिया। अगली बार यही घटना दुबारा घटी।
अब की बार उसकी बहन ने तरस खाकर एक रुपया दे दिया। पिता ने रुपया कुएं में फेंकने को कहा और लड़का रुपया कुएँ में डाल आया। अंत में लड़का स्वयं परिश्रम करके एक सेठ का सामान पहुँचाकर चार आने पैसे कमाता है। इस बार पिता ने पैसे कुएँ में डालने को कहा तो लड़के ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह मेरी कमाई है, मैंने बड़ा कष्ट उठाकर ये पैसे कमाए हैं। जब अनुभवी पिता समझ गए कि बेटा मेहनती और समझदार हो गया है तो उन्होंने अपना सारा व्यापार लड़के को सौंप दिया।
कठिन शब्दार्थ :
मेहनत की कमाई महत्वपूर्ण गद्यांशों पर आधारित प्रश्नोत्तर :
(अ) एक अमीर बाप ने अपने आलसी बेटे को बुलाकर कहा, "जा, कुछ कमा ला।" लड़का लापरवाह और निर्लज्ज था। काम करने की उसकी आदत न थी। सीधे माँ के पास गया और रो-धोकर, मिन्नतें कर उसे कुछ देने को राजी कर लिया। माँ से बेटे का दुःख देखा न गया, उसने उसे एक रुपया बक्से से निकाल कर दे दिया।
1. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
2. लड़के का स्वभाव कैसा था ?
3. लड़के ने माँ को कैसे और किस बात पर राजी किया?
4. 'परिश्रमी' शब्द का विलोम गद्यांश से छाँटकर लिखिए।
उत्तर :
1. शीर्षक - आलसी लड़का।
2. लड़का आलसी स्वभाव का था। वह लापरवाह और निर्लज्ज भी था।
3. लड़के ने रो करके, मिन्नतें करके माँ को एक रुपया देने को राजी किया।
4. परिश्रमी का विलोम शब्द - आलसी।
(ब) अनुभवी पिता ने पत्नी और बेटी को बाहर भेज दिया। पिता ने बेटे से प्रात: उठने पर कहा, "जा, कुछ कमा कर ला, नहीं तो रात को भोजन नहीं मिलेगा।" बेटा दिनभर सुस्त बैठा रहा। उसकी आँखों से आँसू बहते रहे। कोई उसकी सुध लेने वाला न था। विवश होकर संध्या के समय वह उठा और बाजार में मजदूरी खोजने लगा। एक सेठ ने कहा, "मेरा यह संदूक उठा कर घर पहुँचा दे, मैं तुझे चार। आने दूंगा।"
1. अनुभवी पिता ने अपने लड़के से क्या कहा ?
2. विवश होकर बेटे ने क्या किया ?
3. सेठ ने लड़के को क्या काम बताया ?
4. 'आँखों से आँसू बहना' मुहावरे का अर्थ लिखिए।
उत्तर :
1. पिता ने अपने लड़के से कहा-"जा कुछ कमाकर ला, नहीं तो रात को भोजन नहीं मिलेगा।"
2. लड़का दिनभर सुस्त और दुःखी बैठा रहा, विवश होकर संध्या के समय उठा और बाजार में मजदूरी खोजने लगा।
3. सेठ ने लड़के को काम बताया कि, मेरा यह संदूक उठा कर घर पहुँचा दे, मैं चार आने दूंगा।
4. 'आँखों से आँसू बहना' मुहावरे का अर्थ है-बहुत दु:खी होना।
(स) अमीर बाप के बेटे ने संदूक उठाकर सेठ के घर पहुँचाया। वह थककर चूर हो गया। उसके पाँव काँप रहे थे और गर्दन तथा पीठ में भयंकर दर्द हो रहा था। रात को बाप ने पूछा, “बेटा, आज तूने क्या कुछ कमाया ?" लड़के ने चवन्नी निकाल कर दिखाई। बाप बोला, "जा, इसे कुएँ में डाल आ।" लड़के को क्रोध आ गया। वह बोला, "यह मेरी मेहनत की कमाई है। मेरी गर्दन, कमर और पैर दुखने लगे हैं, आप कहते हैं इसे कुएँ में डाल आ।" अनुभवी पिता सब कुछ समझ गया। अगले दिन उसने अपना सारा व्यापार लड़के के हवाले कर दिया।
1. सेठ का संदूक पहुँचाने के बाद घर पहुँचे लड़के की क्या दशा थी?
2. पिता की किस बात को सुनकर लड़के को क्रोध आ गया ?
3. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
4. "व्यापार' शब्द का समानार्थक शब्द लिखिए।
उत्तर :
1. वह थककर चूर हो गया था। उसके पाँव काँप रहे थे और गर्दन तथा पीठ में भयंकर दर्द हो रहा था।
2. पिता ने कहा कि जो कुछ कमाकर लाए हो उसे कुएँ में डाल दो। इस बात को सुनकर बेटा क्रोधित हो गया।
3. उपयुक्त शीर्षक-मेहनत की कमाई।।
4. व्यापार का समानार्थक शब्द है-व्यवसाय।