Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Physics Chapter 8 वैद्युतचुंबकीय तरंगें Textbook Exercise Questions and Answers.
प्रश्न 1.
चित्र में एक संधारित्र दर्शाया गया है जो 12 cm त्रिज्या की दो वृत्ताकार प्लेटों को 5.0 cm की दूरी पर रखकर बनाया गया है। संधारित्र को एक बाह्य स्रोत (जो चित्र में नहीं दिखाया गया है) द्वारा आवेशित किया जा रहा है। आवेशकारी धारा (charging current) नियत है और इसका मान 0.15 A है।
(a) धारिता एवं प्लेटों के मध्य विभवान्तर परिवर्तन की दर का परिकलन कीजिए।
(b) प्लेटों के बीच विस्थापन धारा (displacement current) ज्ञात कीजिए।
(c) क्या किरखॉफ का प्रथम नियम संधारित्र की प्रत्येक प्लेट पर लागू होता है? स्पष्ट कीजिए।
हल:
दिया है: प्लेट की त्रिज्या r = 0.12 m; बीच की दूरी d = 0.05 m; आवेशन धारा i = 0.15 A.
(a) वायु संधारित्र की धारिता-
किसी अण संधारित्र पर आवेश-
\(q=\mathrm{CV} \Rightarrow \mathrm{V}=\frac{q}{\mathrm{C}}\)
\(\therefore \quad \frac{d \mathrm{~V}}{d t}=\frac{1}{\mathrm{C}} \cdot \frac{d q}{d t}=\frac{1}{\mathrm{C}} \cdot i\)
∴ प्लेटों के मध्य विभवान्तर परिवर्तन की दर-
\(\begin{aligned} \frac{d V}{d t} &=\frac{0.15}{8 \cdot 01 \times 10^{-12}} \\ &=\mathbf{1 \cdot 8 7} \times 10^{10} \mathbf{V s}^{-1} \end{aligned}\)
(b) प्लेटों पर विस्थापन धारा-
\(\mathrm{I}_{\mathrm{D}}=\varepsilon_0 \frac{d \phi_{\mathrm{E}}}{d t}\)
जहाँ \(\phi_{\mathrm{E}}\) प्लेटों के मध्य किसी बन्द लूप से गुजरने वाला विद्युत् फ्लक्स है।
∵ प्लेटों के मध्य विद्युत् क्षेत्र-
E = \(\frac{q}{\varepsilon_0 \mathrm{~A}}\)
यदि लूप का क्षेत्रफल A है, तो
\(\phi_{\mathrm{E}}=\oint \overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{A}}=\oint \mathrm{E} \cdot d \mathrm{~A}\)
क्योंकि \(\overrightarrow{\mathrm{E}} \text { व } \overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{A}}\) की दिशाएँ समान है।
या \(\phi_{\mathrm{E}}=\mathrm{E} \oint d \mathrm{~A}=\mathrm{E} \cdot \mathrm{A}=\frac{q}{\varepsilon_0 \mathrm{~A}}\) \(\cdot \mathrm{A}=\frac{q}{\varepsilon_0}\)
या \(\phi_{\mathrm{E}}=\frac{q}{\varepsilon_0}\)
∴ \(\frac{d \phi_{\mathrm{E}}}{d t}=\frac{1}{\varepsilon_0} \frac{d q}{d t}=\frac{i}{\varepsilon_0}\)
∴ \(\mathrm{I}_{\mathrm{D}}=\varepsilon_0 \cdot \frac{i}{\varepsilon_0}=i\)
या \(\mathrm{I}_{\mathrm{D}}=\mathbf{0 . 1 5} \mathrm{A}\)
(c) हाँ, किरखॉफ का प्रथम नियम संधारित्र को प्रत्येक प्लेट पर भी लागू होता है, क्योंकि प्लेट तक आने वाली चालन धारा = प्लेट से आगे जाने वाली विस्थापन धारा।
प्रश्न 2.
एक समान्तर प्लेट संधारित्र R = 6.0 cm त्रिज्या की दो वृत्ताकार प्लेटों से बना है और इसकी धारिता C = 100 pF है। संधारित्र को 230 V,300 rad s-1 की (कोणीय) आवृत्ति (angular frequency) के किसी स्त्रोत से जोड़ा गया है।
(a) चालन धारा (conduction current) का rms मान क्या है?
(b) क्या चालन बारा विस्थापन धारा के बराबर है?
(c) प्लेटों के बीच, अक्ष से 3.0 cm की दूरी पर स्थित बिन्दु पर B का आयाम ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: Vrms = 230 V; \(\omega\) = 300 rad s-1; C = 100 pF = 100 x 10-12 F
त्रिज्या R = 0.06 m.
(a) चालन धारा का ms मान:
\(i_{r m s}=\frac{\mathrm{V}_{r m s}}{\mathrm{X}_{\mathrm{C}}}=\frac{\mathrm{V}_{r m s}}{\frac{1}{\omega \mathrm{C}}}=\mathrm{V}_{\mathrm{rms}^{-}} \omega . \mathrm{C}\)
= 230 x 300 x 100 x 10-12
= 23 x 3 x 10-7
= 69 x 10-7
= 6.9 x 10-6 A = 6.9 µA
(b) हाँ, संधारित्र के लिए सदैव ही चालन धारा विस्थापन धारा के बराबर होती है, भले ही धारा दिष्ट हो या प्रत्यावर्ती।
(c) अब प्लेटों के मध्य r = 0.03 m त्रिज्या के बन्द लूप की कल्पना करते हैं जिसका तल प्लेटों के तल के समान्तर हो। इस लूप के प्रत्येक बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र B का परिमाण समान तथा दिशा स्पर्श रेखीय होगी, जबकि विद्युत् क्षेत्र E लूप के तल के प्रत्येक बिन्दु पर समान तथा इसकी दिशा लूप के तल के लम्बवत् होगी,
∴ ऐम्पियर के परिपथीय नियम से:
\(\oint \overrightarrow{\mathrm{B}} \cdot d \vec{l}=\mu_0 \varepsilon_0 \frac{d \phi_{\mathrm{E}}}{d t}\)
क्योंकि \(\overrightarrow{\mathrm{B}} \text { व } d \vec{l}\) की दिशाएँ समान हैं।
∴ B का आयाम
= 1.626 x 10-11 T
प्रश्न 3.
10-10 m तरंगदैर्ध्य की X - किरणों, 6800 Å तरंगदैर्ध्य के प्रकाश तथा 500 m की रेडियो तरंगों के लिए किस भौतिक राशि का मान समान है?
उत्तर:
निर्वात में सभी विद्युत् - चुम्बकीय तरंगों की चाल समान (3 x 108 ms-1) होती है, अत: प्रश्न में दी गई तीनों प्रकार की तरंगों के लिए निर्वांत में इनकी चाल समान होगी।
प्रश्न 4.
एक समतल विद्युत् - चुम्बकीय तरंग निर्वात में Z - अक्ष के अनुदिश (along) चल रही है। इसके विद्युत् तथा चुम्बकीय क्षेत्रों के सदिश की दिशा के बारे में आप क्या कहेंगे? यदि तरंग की आवृत्ति 30 MHz हो तो उसकी तरंगदैर्ध्व कितनी होगी?
उत्तर:
विद्युत् - चुम्बकीय तरंग संचरण की दिशा \(\overrightarrow{\mathrm{E}} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}\) से मिलती है। इस आधार पर X - दिशा में विद्युत् क्षेत्र एवं Y - दिशा में चुम्बकीय क्षेत्र सदिश होगा।
∵ v = 30 MHz = 30 x 106 Hz
= 30 x 107 Hz
∴ λ = \(\frac{c}{v}=\frac{3 \times 10^8}{3 \times 10^7}\)
प्रश्न 5.
एक रेडियो 7.5 MHz से 12 MHz बैण्ड के किसी स्टेशन से समस्वरित हो सकता है। संगत तरंगदैर्ध्य बैण्ड क्या होगा?
हल:
दिया है: v1 = 7.5 MHz = 7.5 x 106 Hz; λ1 = ?; v2 = 250 = 12 MHz = 12 x 106 Hz; λ2 = ?
∵ c = vλ ⇒ λ = \(\frac{c}{v}\)
\(x = {-b \pm \sqrt{b^2-4ac} \over 2a}\therefore \quad \lambda_1=\frac{c}{v_1}=\frac{3 \times 10^8}{7 \cdot 5 \times 10^6}=\frac{30}{75} \times 10^2\)
= 0.4 x 102 = 40 m
और \(\lambda_2=\frac{c}{v_2}=\frac{3 \times 10^8}{12 \times 10^6}=\frac{1}{4} \times 10^2\)
= 0.25 x 102 = 25 m
अत: संगत तरंगदैर्घ्य बैण्ड 25 m - 40 m होगा।
प्रश्न 6.
एक आवेशित कण अपनी माथ्य साम्यावस्था (equilibrium) के दोनों ओर 109 Hz आवृत्ति से दोलन करता है। दोलक द्वारा जनित्र विद्युत् - चुम्बकीय तरंगों की आवृत्ति कितनी है?
उत्तर:
चूँकि त्वरित अथवा अवमंदित आवेश विद्युत् - चुम्बकीय तरंगें उत्पन्न करता है, अत: कम्पित आवेश कम्पित विद्युत् क्षेत्र उत्पन्न करता है। यह विद्युत् क्षेत्र कम्पित चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। इन्हीं दोनों का समन्वय विद्युत् - चुम्बकीय तरंग कहलाता है। इन तरंगों की आवृत्ति कम्पित आवेश की आवृत्ति के बराबर होती है।
∴ उत्पन्न विद्युत् - चुम्बकीय तरंगों की आवृत्ति
v = 109 Hz.
प्रश्न 7.
निर्वात में एक आवर्त विद्युत् चुम्बकीय तरंग के चुम्बकीय क्षेत्र वाले भाग का आयाम (amplitude) B0 = 510 nT है। तरंग के विद्युत् क्षेत्र वाले भाग का आयाम क्या होगा?
हल:
दिया है: निर्वात में B0 = 510 x 10-9 T = 5.10 x 10-7 T; c = 3 x 108 ms-1; E0 = ?
\(\because \quad \mathrm{B}_0=\frac{\mathrm{E}_0}{c} \Rightarrow \mathrm{E}_0=\mathrm{B}_0 \cdot c\)
\(\therefore \quad \mathrm{E}_0=5 \cdot 10 \times 10^{-7} \times 3 \times 10^8\)
= 15.3 x 10
= 153 Vm-1
प्रश्न 8.
कल्पना कीजिए कि एक विद्युत् - चुम्बकीय तरंग के विद्युत् क्षेत्र का आयाम E0 = 120 N C-1 है तथा इसकी आवृत्ति v = 50.0 MHz है।
(a) B0,\(\omega\), k तथा λ ज्ञात कीजिए।
(b) E तथा B के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
हल:
दिया है: E0 = 120 NC-1; v = 50 MHz = 50 x 106 Hz; C = 3 x 108 ms-1; B0 = ?; \(\omega\) =?; k = ?;λ = ?
(a) \(\because \quad \mathrm{B}_0=\frac{\mathrm{E}_0}{c}\)
\(\therefore \quad \mathrm{B}_0=\frac{120}{3 \times 10^8}=40 \times 10^{-8}\)
= 4.0 x 10-7 T
= 400 x 10-9 T = 400 nT
\(\omega\) = 2πv = 2 x 3.14 x 50 x 106
= 1.05 rad m-1
\(\lambda=\frac{c}{v}=\frac{3 \times 10^8}{50 \times 10^6}=\frac{3}{5} \times 10=6 \cdot 0 \mathrm{~m}\)
(b) यदि तरंग X - दिशा में चल रही है, तो विद्युत् क्षेत्र सदिश Y - दिशा में तथा चुम्बकीय क्षेत्र सदिश Z - दिशा में होगा क्योंकि \((\vec{E} \times \vec{B})\) की दिशा में विद्युत् - चुम्बकीय तरंग की दिशा होती है।
\(\therefore \overrightarrow{\mathrm{E}}=\mathrm{E}_0 \sin (k x-\omega t) \hat{j}\) जहाँ; x, m में और t, sec में हैं।
तथा \(\overrightarrow{\mathrm{B}}=\mathrm{B}_0 \sin (k x-\omega t) \hat{k}\)
प्रतीकों के मान रखने पर,
\(\overrightarrow{\mathrm{E}}=120 \sin \left(1.05 x-3.14 \times 10^8 t\right) \hat{j}\)
और \(\overrightarrow{\mathrm{B}}=4 \times 10^{-7} \sin \left(1.05 x-3.14 \times 10^8 t\right) \hat{k}\)
प्रश्न 9.
विद्युत् - चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के विभिन्न भागों की परिभाषिकी (terminology) पाठ्य - पुस्तक में दी गई है। सूत्र E = hv (विकिरण के एक क्वाण्टम की ऊर्जा : फोटॉन की ऊर्जा) का उपयोग कीजिए तथा विद्युत् - चुम्बकीय वर्ण क्रम के विभिन्न भागों के लिए ev के मात्रक में फोटोंन की ऊर्जा निकालिए। फोटॉन ऊर्जा के जो विभिन्न परिणाम आप पाते हैं वे विद्युत् - चुम्बकीय विकिरण के स्रोतों से किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
हल:
(1) γ - किरणें - इन किरणों की माध्य तरंगदैर्घ्य 10-12 m है, अत: इनके फोटॉनों की ऊर्जा
E = \(\frac{12 \cdot 41 \times 10^{-7}}{10^{-12}}\) = 12.41 x 105
या E = 1.24 x 106 eV
स्रोत: नाभिकीय ऊर्जा, स्तरों में न्यूक्लिऑनों के संक्रमण से उत्पन्न होती है।
(2) X - किरणें - माध्य तरंगदैर्ध्य λ = 10-9 m
∴ फोटॉन ऊर्जा-
E = \(\frac{12 \cdot 41 \times 10^{-7}}{10^{-9}}\) = 12.41 x 102 eV
= 1.24 x 103 eV
= 1.24 eV ≈ 103 eV
स्रोत: भारी नाभिकों पर तीव्रगामी इलेक्ट्रॉनों की बमबारी से उत्पन्न होती है।
(3) पराबैंगनी विकिरण - माध्य तरंगदैर्ध्य
λ = 10-8 m
∴ E = \(\frac{12 \cdot 41 \times 10^{-7}}{10^{-8}}\) = 12.41 x 101
= 1.24 x 102 eV ≈ 102 eV
स्रोत: सूर्य, गैसों में विद्युत् विसर्जन।
(4) दृश्य - प्रकाश - माध्य तरंगदैर्ध्य λ = 10-6 m
\(\therefore \quad E=\frac{12.41 \times 10^{-7}}{10^{-6}}=\mathbf{1 . 2 4} \mathbf{e V}\)
स्रोत: सूर्य, जलती मोमबत्ती, उत्तेजित परमाणु।
(5) अवरक्त किरणें - माध्य तरंगदैर्ध्य λ = 10-4 m
\(\therefore \quad \mathrm{E}=\frac{12 \cdot 41 \times 10^{-1}}{10^{-4}}=12 \cdot 4 \times 10^{-3}\)
= 1.24 x 10-2 eV
स्रोत: उत्तेजित परमाणु/अणु।
(6) सूक्ष्म तरंगें - माध्य तरंगदैर्ध्य λ = 10-2 m
\(\therefore \quad \mathrm{E}=\frac{12 \cdot 41 \times 10^{-7}}{10^{-2}}=12.4 \times 10^{-5}\)
= 1.24 x 10-4 eV
स्रोत - दोलित L - C परिपथ।
(7) रेडियो तरंगें - माध्य तरंगदैर्ध्य λ = 103 m
\(\therefore \quad \mathrm{E}=\frac{12 \cdot 41 \times 10^{-7}}{10^{-3}}=12 \cdot 4 \times 10^{-10}\)
= 1.24 x 10-9 eV
स्त्रोत: दोलित L - C परिपथ, त्वरित इलेक्ट्रॉन।
प्रश्न 10.
एक समतल विद्युत् - चुम्बकीय तरंग (plane electromagnetic wave) में विद्युत् क्षेत्र, 2.0 x 1010 Hz आवृत्ति तथा 48 Vm-1 के आयाम से ज्यावक्रीय रूप से दोलन करता है।
(a) तरंग की तरंगदैर्ध्य कितनी है?
(b) दोलनशील चुम्बकीय क्षेत्र का आयाम क्या है?
(c) यह दशाईए कि \(\overrightarrow{\mathbf{E}}\) क्षेत्र का औसत ऊर्जा घनत्व, \(\overrightarrow{\mathbf{B}}\) क्षेत्र के औसत ऊर्जा घनत्व (average energy density) के बराबर है। (c = 3 x 108 ms-1)
हल:
दिया है: विद्युत् क्षेत्र की आवृत्ति = 2.0 x 1010 Hz, E0 = 48 Vm-1
(a) ∵तरंग की आवृत्ति = विद्युत् क्षेत्र की आवृत्ति
∴ v = 2.0 x 1010 Hz
\(\because \quad \lambda=\frac{c}{v}\)
\(\therefore \quad \lambda=\frac{3 \times 10^{\circ}}{2 \times 10^{10}}=\mathbf{1 . 5} \times 10^{-2} \mathrm{~m}\)
(b) चुम्बकीय क्षेत्र का आयाम-
B0 = \(\frac{E_0}{c}=\frac{48}{3 \times 10^8}\)
= 16 X 10-8 = 1.6 x 10-7 T
(c) विद्युत् क्षेत्र का औसत ऊर्जा घनत्व-
\(u_{\mathrm{E}}=\frac{1}{2} \varepsilon_0 \cdot \mathrm{E}_{r m s}^2=\frac{1}{2} \varepsilon_0\left(\frac{\mathrm{E}_0}{\sqrt{2}}\right)^2\)
या \(u_{\mathrm{E}}=\frac{1}{4} \varepsilon_0 \mathrm{E}_0^2\) ...............(1)
चम्बकीय क्षेत्र का औसत ऊर्जा घनत्व-
समी (1) व (2) से स्पष्ट है कि
uE = uB
प्रश्न 11.
कल्पना कीजिए कि निर्यात में एक विद्युत् - चुम्बकीय तरंग का विद्युत् क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathbf{E}}\) = [ (3.1 N C-1) cos { (1.8 rad/m)y + (5.4 x 106 rad.s-1) t}] \(\hat{i}\) है।
(a) तरंग संचरण (wave propagation) की दिशा क्या है?
(b) तरंगदैर्ध्य λ कितनी है?
(c) आवृत्ति v कितनी है?
(d) तरंग के चुम्बकीय क्षेत्र सदिश का आयाम कितना है?
(e) तरंग के चुम्बकीय क्षेत्र के लिए व्यंजक लिखिए।
हल:
दिया है:
\(\overrightarrow{\mathrm{E}}=3.1 \cos \left[1.8 y+5.4 \times 10^6 t\right] \hat{i}\) ..............(1)
जहाँ E, NC-1 में दूरी m में और समय सेकण्ड में है।
विद्युत् क्षेत्र का प्रामाणिक समीकरण
\(\overrightarrow{\mathrm{E}}=\mathrm{E}_0 \cos (k y+\omega t) \hat{i}\) .............(2)
समी. (1) व (2) की तुलना करने पर-
E0 = 3.1 NC-1; k = 1.8 rad m-1; \(\omega\) = 5.4 x 106 rad s-1
(a) समी. (2) मैं पद ky से स्पष्ट है कि संचरण की दिशा ऋणात्मक Y - अक्ष के अनुदिश होगी।
(b) \(\because \quad k=\frac{2 \pi}{\lambda} \Rightarrow \lambda=\frac{2 \pi}{k}\)
\(\therefore \quad \lambda=\frac{2 \times 3.14}{1.8}=\frac{6.28}{1.8}\)
= 3.48 m ≈ 3.5 m
(c) \(\because \quad \omega=2 \pi v \Rightarrow v=\frac{\omega}{2 \pi}\)
∴ आवृत्ति v = \(\frac{5 \cdot 4 \times 10^6}{2 \times 3 \cdot 14}\) = 0.8598 x 106
= 8.598 x 105 = 8.6 x 105 Hz
= 0.86 x 106 Hz = 0.86 MHz
(d) ∵ B0 = \(\frac{\mathrm{E}_0}{c}\)
∴ B0 = \(\frac{3.1}{3 \times 10^8}\) = 1.03 x 10-8
= 1.30 x 10-8 T
= 10 x 10-9 T = 10 nT
(e) ∵ तरंग संचरण की दिशा \(\vec{E} \times \vec{B}\) से मिलती है और तरंग Y - अक्ष के अनुदिश गतिशील है, अत: विद्युत् क्षेत्र सदिश X - दिशा में और चु. क्षे. सदिश Z - दिशा में होना चाहिए।
∴चुम्बकीय क्षेत्र के लिए व्यंजक-
\(\vec{B}\) = B0 cos (ky + ωt) \(\hat{k}\)
या \(\vec{B}\) = (1.03 x 10-8)
cos[(1.8 rad m-1)y + (5.4 x 106 rad s-1).t] \(\hat{k}\)
प्रश्न 12.
100W विद्युत् बल्ब की शक्ति का लगभग 5% दृश्य विकिरण में बदल जाता है।
(a) बल्ब से 1m की दूरी पर,
(b) 10m की दूरी पर दृश्य विकिरण की औसत तीव्रता कितनी है?
यह मान लीजिए कि विकिरण समदैशिकत: (isotropically) उत्सर्जित होता है और परावर्तन की उपेक्षा कीजिए।
हल:
दृश्य क्षेत्र में उत्सर्जित (emitted) औसत शक्ति-
\(P=\frac{5}{100} \times 100=5 \mathrm{~W} \)
एक बिन्दु स्रोत से r दूरी पर तीव्रता-
\(\mathrm{I}=\frac{\mathrm{P}}{4 \pi r^2}\)
(a) r = 1 m दूरी पर,
\(\begin{aligned} I &=\frac{5}{4 \times 3.14 \times(1)^2} \\ &=\frac{5}{12.56} \\ &=0.398=0.4 \mathbf{W m}^{-2} \end{aligned}\)
(b) r = 10 m दूरी पर,
\(\begin{aligned} I &=\frac{5}{4 \times 3 \cdot 14 \times(10)^2} \\ &=\frac{0 \cdot 4}{100}=\mathbf{0 . 0 0 4} \mathbf{W m}^{-2} \end{aligned}\)
प्रश्न 13.
विद्यत - चम्बकीय वर्णक्रम के विभिन्न भागों के लिए ताप परिसरों (temperature range) को ज्ञात कीजिए। इसके लिए सूत्र λm,T = 0.29 cmK का उपयोग कीजिए। जो संख्याएँ आपको मिलती हैं वे क्या बतलाती हैं?
हल:
दिया गया सूत्र
λm,T = 0.29 cmK
सूत्र से स्पष्ट है कि λm को cm मात्रक में प्रयोग किया गया है।
∴ λm.T = 0.29 x 10-2 mK
या \(\mathrm{T}=\frac{0.29 \times 10^{-2}}{\lambda_m} \mathrm{~K}\)
(1) γ - किरणों के लिए - तरंगदैर्ध्य परास 10-13 m से 10-10 m तक
\(\therefore \quad \mathrm{T}_1=\frac{0 \cdot 29 \times 10^{-2}}{10^{-13}} \mathrm{~K}\)
= 0.29 x 1011 = 2.9 x 1010 K
\(T_2=\frac{0.29 \times 10^{-2}}{10^{-10}} \mathrm{~K}\)
= 0.29 x 108 = 2.9 x 107 K
अत: ताप परास 2.9 x 1010 K से 2.9 x 107 K तक
इसी प्रकार सभी के लिये गणना करने पर निम्नांकित ताप परास मिलेंगे-
(2) X - किरणों के लिए-
तरंगदैध्यं परास 10-10 m से 10-8 m
अतः ताप परास 2.9 x 107 से 2.9 x 105 तक
(3) पराबैंगनी किरणों के लिए-
तरंगदैर्ध्य परास 10-8 m से 4 x 10-7 m तक
अतः ताप परास 2.9 x 105 K से 7.2 x 103 K
(4) दृश्य प्रकाश के लिए-
तरंगदैर्ध्य परास 4 x 10-7 m से 7.8 x 10-7 m तक
अत: ताप परास 7.2 x 103 K से 3.7 x 103 K तक
(5) अवरक्त किरणों के लिए-
तरंगदैर्ध्य परास 7.8 x 10-7 से 10-3 m तक
अत: ताप परास 3.7 x 103 K से 2.9 K तक
(6) सूक्ष्म तरंगों के लिए-
तरंगदैर्ध्य परास 10-3 m से 1 m तक
अत: ताप परास 2.9 K से 2.9 x 10-3 K
(7) रेडियो तरंगों के लिए-
तरंगदैर्ध्य परास 1 m से 105 m तक
अतः ताप परास 2.9 x 10-3 K से 2.9 x 10-8 K.
प्रश्न 14.
विद्युत् - चुम्बकीय विकिरण से सम्बन्धित नीचे कुछ प्रसिद्ध अंक, भौतिकी में किसी अन्य प्रसंग (contexts) में दिये गये हैं। विद्युत् - चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के उस भाग का उल्लेख कीजिए जिससे इनमें से प्रत्येक सम्बन्धित है:
(a) 21 cm (अन्तरातारकीय आकाश (interstellar space) में परमाण्वीय हाइड्रोजन द्वारा उत्सर्जित तरंगदैथ्य)।
(b) 1057 MHz (लैम्ब विचलन (lamb shift) नाम से प्रसिद्ध हाइड्रोजन में पाये जाने वाले दो समीपस्थ ऊर्जा स्तरों से अपन्न विकिरण की आवृत्ति)।
(c) 2.7 K (सम्पूर्ण अन्तरिक्षको भरने वाले समदैशिक (Isotropic) विकिरण से सम्बन्धित ताप-ऐसा विचार जो विश्व में बड़े धमाके 'बिग बैंग' के उद्भव का अवशेष (relic) माना जाता है)।
(d) 5890 Å - 5896 Å (सोडियम की द्विक् रेखाएँ।
(e) 144 keV [Fe57 नाभिक के एक विशिष्ट संक्रमण की ऊर्जा जो प्रसिद्ध उच्च विभेदन (high resolution) की स्पेक्ट्रमी विधि से सम्बन्धित है (मॉस बोहर स्पेक्ट्रोस्कोपी)]।
हल:
(a) 21 cm तरंगदैर्ध्य 10-2 m क्रम की है, अतः यह लघु रेडियो अथवा हज तरंगों के संगत है।
(b) आवृत्ति v = 1057 MHz = 1057 x 106 Hz
\(\therefore \quad \lambda=\frac{c}{v}=\frac{3 \times 10^8}{1057 \times 10^6}=\frac{300}{1057}\)
= 0.28 m = 28 cm
यह भी लघु रेडियो अथवा हज तरंगों के संगत है।
(c) \(\because \quad \lambda_m \cdot \mathrm{T}=0.29 \mathrm{~cm} \mathrm{~K}=0.29 \times 10^{-2} \mathrm{mK}\)
\(\therefore \quad \lambda_m=\frac{0.29 \times 10^{-2}}{2.7}=0.107 \times 10^{-2} \mathrm{~m}\)
= 0.0107 cm = 0.00107 m
यह तरंगदैर्ध्य माइको तरंगों के क्षेत्र में पड़ती है।
(d) तरंगदैर्घ्य द्विक् (Wavelength doublet) 5890 Å - 5896 Å दृश्य प्रकाश क्षेत्र के संगत है। यह तप्त सोडियम लैम्प से उत्सर्जित होती है।
(e) \(\because \quad \mathrm{E}=\frac{h c}{\lambda} \Rightarrow \lambda=\frac{h c}{\mathrm{E}}\)
\(\therefore \quad \lambda=\frac{6 \cdot 63 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{14 \cdot 4 \times 10^3 \times 1 \cdot 6 \times 10^{-19}}\)
= 0.86 x 10-10 m = 0.86 Å
यह तरंगदैर्ध्य X - किरण क्षेत्र में पड़ती है।
प्रश्न 15.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(a) लम्बी दूरी के रेडियो प्रेषित्र (broadcasts) लघु तरंग बैण्ड का उपयोग करते हैं, क्यों?
(b) लम्बी दूरी के TV प्रेषण के लिए उपग्रहों का उपयोग आवश्यक है, क्यों?
(c) प्रकाशीय तथा रेडियो दूरदर्शी पृथ्वी पर निर्मित किये जाते हैं, किन्तु X - किरण खगोल विज्ञान (astronomy) का अध्ययन पृथ्वी का परिभ्रमण (revolution) कर रहे उपग्रहों द्वारा ही सम्भव है, क्यों?
(d) समताप मण्डल (atmosphere) के ऊपरी छोर पर छोटी-सी ओजोन की परत मानव जीवन के लिए निर्णायक है, क्यों?
(e) यदि पृथ्वी पर वायुमण्डल नहीं होता तो उसके धरातल का औसत ताप वर्तमान ताप से अधिक होता या कम?
(f) कुछ वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि पृथ्वी पर नाभिकीय विश्व युद्ध के बाद 'प्रचण्ड नाभिकीय शीतकाल' (severe nuclear winter) होगा जिसका पृथ्वी के जीवों पर विध्वंसकारी प्रभाव (devastating effect) पड़ेगा। इस भविष्यवाणी का क्या आधार है?
उत्तर:
(a) ये तरंगें पृथ्वी के आयन मण्डल से परावर्तित होकर वापस पृथ्वी की ओर लौट आती हैं और बिना ऊर्जा हास के पृथ्वी पर लम्बी दूरी तय कर लेती हैं।
(b) बहुत लम्बी दूरी के सम्प्रेषण (transmission) के लिए अति उच्च आवृत्ति की तरंगों की आवश्यकता होती है। स्वाभाविक है कि इन तरंगों की तरंगदैर्ध्य उसी अनुपात में उतनी ही कम होगी। इन तरंगों को आयन मण्डल परावर्तित नहीं कर पाता है ये आयन मण्डल को पार कर जाती हैं, अतः इन्हें वापस पृथ्वी पर लौटाने के लिए उपग्रह की आवश्यकता होती है।
(c) चूँकि पृथ्वी का वायुमण्डल X - किरणों को अवशोषित कर लेता है, अत: X - किरण खगोल विज्ञान का अध्ययन वायुमण्डल से ऊपर उपग्रहों द्वारा ही सम्भव है।
(d) सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणें ओजोन परत द्वारा अवशोषित कर ली जाती हैं। स्पष्ट है कि ओजोन परत मानव जीवन के लिए निर्णायक है।
(e) यदि पृथ्वी पर वायुमण्डल नहीं होता तो हरित ग्रह प्रभाव नहीं होता। इससे पृथ्वी का ताप वर्तमान ताप से कम होता क्योंकि दिन के समय पृथ्वी द्वारा अवशोषित ऊष्मा रात के समय परावर्तित होकर अन्तरिक्ष में पुनः चली जाती।
(f) प्रचण्ड नाभिकीय युद्ध के बाद पृथ्वी धूल एवं गैसों के विशाल बादल से घिर जायेगी जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुँचेगा, फलस्वरूप पृथ्वी बहुत अधिक ठण्डी हो जायेगी। स्पष्ट है कि इस शीतकाल का पृथ्वी के जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।