RBSE Class 12 Physics Notes Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

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RBSE Class 12 Physics Chapter 5 Notes चुंबकत्व एवं द्रव्य

→ चुम्बक (Magnet):
वह पदार्थ जो चुम्बकीय वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है और स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाने पर सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में ठहरता है, चुम्बक कहलाता है।

→ किसी भी चुम्बक के दो ध्रुवों को अलग करना सम्भव नहीं है क्योंकि स्वतन्त्र रूप से उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव का कोई अस्तित्व नहीं है।

→ चुम्बकत्व में कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग नियम (Coulomb's In verse Square Law):
दो चुम्बकीय ध्रुवों के मध्य लगने वाला आकर्षण या प्रतिकर्षण बल,
F = \(\frac{\mu_0}{4 \pi} \frac{m_1 m_2}{r^2}\)
जहाँ m1 व m2, दोनों ध्रुवों की ध्रुव प्रबलताएँ हैं और न उनके मध्य दूरी है।

→ चुम्बकीय द्विध्रुव (Magnetic Dipole)
चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित किसी वस्तु पर यदि बल आघूर्ण लगने लगता है, तो उसे चुम्बकीय द्विध्रुव कहते हैं।

→ चुम्बकीय क्षेत्र में धारा लूप पर बलयुग्म (Torque as Current Loop):
यदि A क्षेत्रफल, n फेरों वाली कुण्डली में I धारा प्रवाहित हो रही हो और वह 8 तीव्रता के समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के साथ 0 विक्षेप की स्थिति में हो, तो उस पर बलयुग्म का आघूर्ण
τ = NIAB sin
τ = MB sin θ

RBSE Class 12 Physics Notes Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य 

→ चुम्बकीय द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy):
चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा
U = - MB cos θ

→ चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय द्विध्रुव को घुमाने में कृत कार्य (Work done in Rotating the Magnetic Dipole):
(i) θ1, fata की स्थिति से θ2, विक्षेप की स्थिति तक द्विध्रुव को घुमाने में कृत कार्य
W = MB (cos θ1 - cos θ2)

→ चुम्बकत्व में गाउस का नियम (Gauss's law in magnetism):
"किसी बन्द पृष्ठ (closed surface) से होकर जाने वाला कुल चुम्बकीय फ्लक्स (Total magnetic flux) शून्य होता है।" अर्थात्
\(\oint_{\mathrm{s}} \overrightarrow{\mathrm{B}} \overrightarrow{d \vec{s}}\) = 0.

→ पदार्थ का चुम्बकत्व (Magnetism of Substance):

  • पदार्थ का प्रत्येक परमाणु एक चुम्बकीय द्विध्रुव होता है। परमाणु का चुम्बकत्व इलेक्ट्रॉनों की कक्षीय एवं चक्रण (orbital and spin) गति के कारण होता है। परमाणु के चुम्बकन में प्रमुख भूमिका इलेक्ट्रॉनों की चक्रण गति की होती है।
  • लौह-चुम्बकीय पदार्थों का चुम्बकन दो कारणों से होता है
    (a) डोमेनों की सीमाओं के विस्थापन (displacement of bounda ries) से एवं
    (b) डोमेनों के घूर्णन (rotation of domain) से।

→ विचुम्बकन (Demagnetization):

  • यदि किसी चुम्बक के डोमेनों का संरेखण किसी प्रकार समाप्त कर दिया जाये तो चुम्बकत्व नष्ट हो जायेगा। यह कार्य चुम्बक को पीटकर एवं गर्म करके किया जा सकता है।
  • क्यूरी ताप लौहचुम्बकीय पदार्थ के लिए वह ताप है जिसके नीचे पदार्थ लौहचुम्बकीय तथा जिसके ऊपर पदार्थ अनुचुम्बकीय होता है।

→ पार्थिव चुम्बकत्व-पृथ्वी के चुम्बकत्व के निम्नलिखित तीन अवयव हैं

  • (i) दिक्पात कोण (DeclinationAngle): भौगोलिक याम्योत्तर एवं चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के न्यून कोण को उस स्थान का दिक्पात कोण कहते हैं।
  • (ii) नमन कोण (Angle of Dip)(θ): स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाई गई चुम्बक की अक्ष क्षैतिज के साथ जो कोण बनाती है, उसे नमन कोण कहते हैं।
  • (iii) पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र B का क्षैतिज घटक B, हो, तो
    BH = B cos 0 और ऊर्ध्व घटक BH = B sin θ
    BV, व BH में सम्बन्ध BV = H tan B
    BV, BH व B में सम्बन्ध B = \(\sqrt{\mathrm{B}_{\mathrm{H}}^2+\mathrm{B}_{\mathrm{V}}^2}\)

→ चुम्बकत्व में पद
(i) चुम्बकशीलता (Permeability) (μ):
यह पदार्थ के भीतर से गुजरने वाली चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या की माप है। आपेक्षिक चुम्बकशीलता
μr = \(\frac{\mathrm{B}}{\mathrm{B}_0}=\frac{\mu}{\mu_0}\)
या μ = μ0μr
जहाँ Br, निर्वात में चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता है और B पदार्थ के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता है।

(ii) चुम्बकनकारी क्षेत्र (Magnetised Area):
यह पदार्थ के नमूने को चुम्बकित करने के लिए आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र है। इसका मात्रक Am-1 है।

(ii) चुम्बकन की तीव्रता (Intensity of Magnetisation):
चुम्बकित पदार्थ के प्रति एकांक आयतन में चुम्बकीय आघूर्ण को ही चुम्बकन की तीव्रता कहते हैं। इसे M से व्यक्त करते हैं
RBSE Class 12 Physics Notes Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य 1

(iv) चुम्बकीय प्रवृत्ति (Susceptibility) (χm):
प्रति एकांक चुम्बकनकारी क्षेत्र के लिए नमूने में उत्पन्न चुम्बकन की तीव्रता को चुम्बकीय प्रवृत्ति कहते हैं अर्थात्
χm = \(\frac{1}{H}\)
इसका कोई मात्रक नहीं होता है तथा यह पूर्णतः संख्या होती है।

RBSE Class 12 Physics Notes Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

→ पदार्थों का वर्गीकरण (Classification of Substances)
चुम्बकीय गुणों के आधार पर पदार्थों को तीन भागों में बाँटा जाता है
(i) प्रतिचुम्बकीय पदार्थ (Diamagnetic Substances):
प्रबल चुम्बकत्वद्वारा प्रतिकर्षित होते हैं। इनके चुम्बकीय गुण कम तथा ऋणात्मक होते हैं, \(\vec{m}, \overrightarrow{\mathrm{M}}\) तथा χm ऋणात्मक होते हैं।
0 < μr < 1

(ii) अनुचुम्बकीय पदार्थ (Paramagnetic Sub-Stances):
ये प्रबल चुम्बक द्वारा आकर्षित होते हैं। इनके चुम्बकीय गुण क्षीण तथा धनात्मक होते हैं। 1 < μr < (1 + ε), जहाँ ε अत्यन्त छोटी धनात्मक राशि है।

(iii) लौहचुम्बकीय पदार्थ (Ferromagnetic Substances):
ये साधारण चुम्बक द्वारा भी प्रबल रूप से आकर्षित होते हैं। इनके चुम्बकीय गुण प्रबल तथा धनात्मक होते हैं।

→ क्यूरी का नियम (Curie Law):
अनुचुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति (χ) परम ताप (T) के व्युत्क्रमानुपाती होती है
अर्थात् χ ∝ \(\frac{1}{T}\) अर्थात् χ = \(\frac{C}{T}\), जहाँ C क्यूरी नियतांक है।

→ क्यूरी ताप (Curie Heat):
क्यूरी ताप लौहचुम्बकीय पदार्थ के लिए वह ताप है जिसके नीचे पदार्थ लौहचुम्बकीय एवं जिसके ऊपर पदार्थ अनुचुम्बकीय होता है।

→ चुम्बकत्व में कूलॉम का व्युत्क्रम नियम
F = \(\frac{\mu_0}{4 \pi} \frac{m_1 m_2}{r^2}\)

→ चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण
τ = MB sin θ,
जहाँ M = NIA

→ चुम्बकीय आघूर्ण
M = m × 2l

→ एक अकेले ध्रुव के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0}{4 \pi} \frac{m}{r^2}\)

→ दण्ड चुम्बक के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
(a) अक्षीय स्थिति में
B = \(\frac{\mu_0}{4 \pi} \frac{2 \mathrm{M} r}{\left(r^2-l^2\right)^2}=\frac{\mu_0}{4 \pi} \frac{2 \mathrm{M}}{r^3}\)

(b) निरक्षीय स्थिति में
B = \(\frac{\mu_0}{4 \pi} \frac{\mathrm{M}}{\left(r^2+l^2\right)^{3 / 2}}=\frac{\mu_0}{4 \pi} \frac{\mathrm{M}}{r^3}\)

(c) एक छोटे दण्ड चुम्बक के कारण किसी भी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0}{4 \pi} \frac{M \sqrt{\left(3 \cos ^2 \theta+1\right)}}{r^3}\)

→ चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय द्विध्रुव को घुमाने में किया गया कार्य
W = MB (cos θ1 - cos θ2)

→ चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा
U = - MB cos θ

RBSE Class 12 Physics Notes Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

→ पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक
BH = B cos θ
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्व घटक
BV = B sin θ
BV = BH tan θ
B = \(\sqrt{\left(\mathrm{B}_{\mathrm{H}}^2+\mathrm{B}_{\mathrm{V}}^2\right)}\)

→ चुम्बकन की तीव्रता,
I = \(\frac{m}{\mathrm{~A}}=\frac{m}{\mathrm{~V}}\)

→ चुम्बकीय पारगम्यता
μ = \(\frac{B}{H}\)

→ आपेक्षिक चुम्बकीय पारगम्यता
μ = μ0μr

→ चुम्बकन क्षेत्र की तीव्रता
H = \(\frac{\mathrm{B}_0}{\mu_0}\)

→ चुम्बकीय प्रवृत्ति
χm = \(\frac{1}{H}\)

→ चुम्बकीय पारगम्यता तथा चुम्बकीय सुग्राहिता के मध्य सम्बन्ध
μr = (1 + χm)

→ डोमेन (Domain):
यह लौहचुम्बकीय पदार्थों द्वारा निर्मित एक छोटा क्षेत्र है जो अधिक संख्या में उसके परमाणुओं का एक विशेष दिशा में विन्यास करने पर प्राप्त होता है।

→ शैथिल्य पाश (Hysteresis Loop):
यह चक्रीय चुम्बकन का परिणाम है। इसमें B हमेशा H से पीछे रहता है।

→ विद्युत चुम्बक (Electromagnet):
एक कुण्डली होती है जिसमें लोहे की कोर पर तार के अनेक लपेट होते हैं।

RBSE Class 12 Physics Notes Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

→ स्थायी चुम्बक (Permanent Magnet):
वे चुम्बक जो अपने लौहचुम्बकीय गुणों को बहुत समय तक बनाये रखते हैं।

→ चुम्बकीय सुग्राहिता या प्रवृत्ति (Magnetic Susceptibility):
यह किसी पदार्थ की आसानी से चुम्बकन की माप है।

Prasanna
Last Updated on Nov. 22, 2023, 5:24 p.m.
Published Nov. 21, 2023