RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Geography Solutions Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

RBSE Class 12 Geography अंतर्राष्ट्रीय व्यापार InText Questions and Answers

क्रियाकलाप सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर: 

(पृष्ठ संख्या - 83)

प्रश्न 1. 
आगे दी गयी तालिका के आधार पर आप क्या सोचते हैं कि पिछले दशकों में व्यापार का परिमाण बढ़ा है? क्या इन आँकड़ों की तुलना की जा सकती है? सन् 1955 की तुलना में सन् 2010 में कितनी वृद्धि हुई।

 

1955

1965

1975

1985

1995

2005

2015

1.निर्यात यू. एस. दस लाख डालरों

 

95 ,000

 

1,95 000

 

8,77,000

 

19,65,000

51,62,000

1,03,900

1,55,83,800

2.आयात यू. एस.

दस लाख डालरों में

99, 000

1,99 000

8,65,000

18,45,000

51,63,000

1,04,500

1,56,28,204

उत्तर:
सन् 1955 के बाद से 2015 तक के सभी दशकों में विश्व व्यापार का परिमाण तेजी से बढ़ा है। सन् 1955 में विश्व में 194 खरब यू.एस. डॉलर का व्यापार किया गया जो सन् 1965 में बढ़कर 389 खरब डॉलर, सन् 1975 में बढ़कर 1789 खरब डॉलर, सन् 1985 में बढ़कर 3969 खरब डॉलर, सन् 1995 में 10454 खरब डॉलर तथा सन् 2005 में बढ़कर 21146 खरब डॉलर तथा 2015 में 31211 खरब डॉलर का हो गया। वस्तुतः सन् 1955 में हुए विश्व व्यापार मूल्य की तुलना में सन् 2015 में हुए विश्व व्यापार के मूल्य में 31017 खरब डॉलर की वृद्धि हुई। 

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(पृष्ठ संख्या - 85)

प्रश्न 2. 
वे कौन से कारण हैं जिनसे व्यापारी देशों के लिए डंपिंग गहरी चिन्ता का विषय बनती जा रही है? 
उत्तर:
मुक्त व्यापार के चलते कुछ व्यापारी देश जब सस्ते मूल्य की वस्तुओं को अपने देश में डंप कर लेते हैं तो घरेलू उत्पादकों द्वारा उत्पादित अपेक्षाकृत अधिक मूल्य वाली उन्हीं वस्तुओं की देश में माँग समाप्त हो जाती है जिसके कारण घरेलू उत्पादकों को भारी आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है। इसी कारण डंपिंग व्यापारी देशों के लिए एक गहरी चिन्ता का विषय बनती जा रही है।

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प्रश्न 1. 
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनें।
(i) संसार के अधिकांश महान पत्तन इस प्रकार वर्गीकृत किए गए हैं।
(क) नौसेना पत्तन 
(ख) विस्तृत पत्तन 
(ग) तैल पत्तन 
(घ) औद्योगिक पत्तन। 
उत्तर:
(ख) विस्तृत पत्तन 

(ii) निम्नलिखित महाद्वीपों में से किस एक से विश्व व्यापार का सर्वाधिक प्रवाह होता है? 
(क) एशिया 
(ख) यूरोप
(ग) उत्तरी अमेरिका 
(घ) अफ्रीका। 
उत्तर:
(ग) उत्तरी अमेरिका 

(iii) दक्षिण अमेरिकी राष्ट्रों में से कौन-सा एक ओपेक का सदस्य है? 
(क) ब्राजील 
(ख) वेनेजुएला 
(ग) चिली
(घ) पेरू। 
उत्तर:
(ग) उत्तरी अमेरिका 

(iv) निम्न व्यापार समूहों में से भारत किसका एक सह-सदस्य है? 
(क) साफ्टा (SAFTA)
(ख) आसियान (ASEAN) 
(ग) ओइसीडी (OECD)
(घ) ओपेक (OPEC) 
उत्तर:
(क) साफ्टा (SAFTA)

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प्रश्न 2. 
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30 शब्दों में दीजिए।
(i) विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन - से हैं?
उत्तर:

  1. विश्व व्यापार संगठन विश्वव्यापी व्यापार तन्त्र के लिए नियमों का निर्धारण करता है। 
  2. यह सदस्य देशों के मध्य व्यापार सम्बन्धी विवादों का निपटारा करता है।
  3. यह संगठन दूरसंचार तथा बैंकिंग जैसी सेवाओं तथा बौद्धिक सम्पदा अधिकार के व्यापार को भी अपने कार्यों में सम्मिलित करता है।

(ii) ऋणात्मक भुगतान सन्तुलन का होना किसी देश के लिए क्यों हानिकारक होता है?
उत्तर:
यदि आयात का मूल्य देश के निर्यात मूल्य की अपेक्षा अधिक होता है तो देश ऋणात्मक भुगतान संतुलन की स्थिति रखता है। किसी देश का ऋणात्मक भुगतान सन्तुलन उस देश में अन्तिम रूप में वित्तीय संचय की समाप्ति को अभिप्रेरित करता है।

(iii) व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को क्या लाभ प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा व्यापार की मदों में भौगोलिक सामीप्य, समरूपता तथा पूरकता प्राप्त होती है। इनके द्वारा विभिन्न देशों के मध्य व्यापार बढ़ाने तथा व्यापार पर प्रतिबन्ध हटाने में सहायता मिलती है। इसके अलावा सदस्य राष्ट्र को व्यापार शुल्क से मुक्ति मिलती है तथा मुक्त व्यापार को प्रोत्साहन प्राप्त होने से देश को अधिक व्यापारिक लाभ प्राप्त होते हैं।

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प्रश्न 3. 
नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दें।
(i) पत्तन किस प्रकार व्यापार के लिए सहायक होते हैं? पत्तनों का वर्गीकरण उनकी अवस्थिति के आधार पर कीजिए।
उत्तर:
व्यापार में पत्तनों द्वारा सहयोग: पत्तन निम्नलिखित प्रकार से व्यापार में सहायक होते हैं।

  1. पत्तनों को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की दुनिया के मुख्य प्रवेश द्वार के रूप में माना जाता है। इन्हीं पत्तनों के द्वारा जहाजी माल तथा यात्री विश्व के एक भाग से दूसरे भाग को जाते हैं।
  2. पत्तन जलयानों के लिए गोदी, माल लादने, उतारने तथा भण्डारण की सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इन सुविधाओं को प्रदान करने के उद्देश्य से पत्तन के प्राधिकारी नौगम्य का रख-रखाव, रस्सों एवं बजरों की व्यवस्था करने तथा श्रम व प्रबन्धकीय सेवाओं को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करते हैं।
  3. एक पत्तन के महत्त्व को उसके नौभार के आकार तथा निपटान किए गए जहाजों की संख्या द्वारा निर्धारित किया जाता है।
  4. एक पत्तन द्वारा निपटाया गया नौभार उसके पृष्ठ प्रदेश के विकास के स्तर का सूचक होता है। 

अवस्थिति के आधार पर पत्तनों को निम्नलिखित दो वर्गों में रखा जाता है:
(1) अंतर्देशीय पत्तन: ये पत्तन सागरीय तट से दूर अवस्थित होते हैं लेकिन सागर से इन पत्तनों का सम्बन्ध एक नदी या एक नहर द्वारा जुड़ा होता है। उदाहरण के लिए मानचेस्टर पत्तन सागर से एक नहर द्वारा तथा मेंफिस मिसीसिपी नदी द्वारा व कोलकाता पत्तन हुगली नदी द्वारा सागर से जुड़े हुए हैं।

(2) बाह्य पत्तन: ये गहरे सागरीय जल के पत्तन हैं जो वास्तविक पत्तन से दूर स्थापित होते हैं। ये पत्तन ऐसे बड़े आकार के जलयानों के आवागमन के लिए उपयुक्त होते हैं जो पैतृक पत्तन तक नहीं पहुँच पाते। उदाहरण के लिए एथेन्स तथा यूनान का इसके बाह्य पत्तन पिरेइअस से उच्चकोटि का संयोजन देखने को मिलता है।

(ii) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से देश कैसे लाभ प्राप्त करते हैं? 
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार वस्तुओं तथा सेवाओं के तुलनात्मक लाभ, परिपूरकता तथा हस्तान्तरणीयता के सिद्धान्तों पर आधारित होता है तथा सिद्धान्ततः अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार व्यापारिक भागीदार देशों के लिए समान रूप से लाभदायक होता है। 

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से देश निम्न प्रकार लाभ प्राप्त करते हैं:
(1) कुछ देशों में कुछ वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन उस देश की आवश्यकता से अधिक होता है जबकि दूसरे देशों में उन वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन कम होता है। ऐसी स्थिति में वस्तुओं और सेवाओं का आधिक्य उत्पादन रखने वाले देशों से वस्तुओं तथा सेवाओं का निर्यात दूसरे अल्प-उत्पादन वाले देशों में होने लगता है। वस्तुतः अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में भागीदार सभी देश इस प्रक्रिया में लाभ उठाते हैं।

(2) आयातित उत्पादों एवं सेवाओं के द्वारा आयात करने वाले देश की जनसंख्या के जीवनस्तर में सुधार आता है जबकि निर्यात करने वाले देश को निर्यात से भारी मात्रा में पूँजी प्राप्ति होती है। इस पूँजी से निर्यात करने वाला देश अपने आर्थिक विकास को गति प्रदान करता है।

(3) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से विभिन्न वस्तुओं तथा सेवाओं के अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यों में अधिक भिन्नताएँ नहीं मिलती हैं। वस्तुतः अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्य नियंत्रण में प्रभावी भूमिका निभाता है।

(4) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार द्वारा विदेशी सम्बन्धों में उल्लेखनीय सुधार होता है जिससे विभिन्न देशों में सामाजिक व सांस्कृतिक विकास होता है।

(5) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार द्वारा विश्व के कुछ विकासशील देशों में बाह्यस्रोतन के कार्य से एक ओर लाखों व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ है वहीं दूसरी ओर बाह्यस्रोतन करने वाले देशों को पर्याप्त पूँजी की प्राप्ति होती है।

(6) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से विभिन्न राष्ट्रों में वस्तुओं के उत्पादन या सेवाओं की उपलब्धता में श्रम विभाजन तथा विशिष्टीकरण को बल मिलता है।


(7) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार केवल आर्थिक दृष्टि से लाभदायक नहीं वरन् यह विश्व शान्ति तथा सामाजिक - सांस्कृतिक विकास में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Prasanna
Last Updated on Aug. 1, 2022, 3:47 p.m.
Published July 16, 2022