Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 2 प्रवास: प्रकार, कारण और परिणाम Textbook Exercise Questions and Answers.
क्रिया - कलाप सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर:
(पृष्ठ सं. 17)
प्रश्न 1.
प्रवास की स्थिति ज्ञात करने के लिए, अपने पड़ोस के पाँच घरों का सर्वेक्षण कीजिए। यदि प्रवासी है तो पाठ में दी गई दो कसौटियों के आधार पर उन्हें वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
हमारे पड़ोसी परिवारों का सर्वेक्षण करने पर यह पता चलता है कि कई लोगों द्वारा प्रवास किया गया है। इसमें पुरुष रोजगार की प्राप्ति हेतु समीपवर्ती शहरों की ओर प्रवास करते हैं जबकि स्त्रियों ने विवाहजन्य कारणों से प्रवास किया
प्रश्न 2.
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार अन्तःराज्यीय और अन्तर - राज्यीय प्रवास को दर्शाने वाले चित्रों क और ख का परीक्षण कीजिए और ज्ञात कीजिए।
(क) दोनों चित्रों में ग्रामीण से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास करने वाली स्त्रियों की संख्या अधिक क्यों है?
उत्तर:
क्योंकि ग्रामीण से ग्रामीण क्षेत्रों में विवाहजन्य स्त्री प्रवास अन्य प्रवासों की तुलना में सर्वाधिक मिलता है।
(ख) ग्रामीण से नगरीय क्षेत्रों में पुरुष प्रवास अधिक क्यों है?
उत्तर:
भारत में ग्रामीण से नगरीय क्षेत्रों को आर्थिक कारणों से विशेषकर रोजगार की तलाश में पुरुष प्रवास सर्वाधिक होता है।
(पृष्ठ सं. 18)
प्रश्न 2.
पड़ोसी देशों से आप्रवासित लोगों की संख्या (4766231) को 100 प्रतिशत मानते हुए तालिका 2.1 में दिए गए आँकड़ों को पाई आरेख द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
तालिका 2.1: भारत में सभी अवधियों में पड़ोसी देशों से पिछले निवास स्थान के अनुसार आप्रवासी
देश |
आप्रवासियों की संख्या |
आप्रवासियों का प्रतिशत |
कोण (अंशों में) |
बांग्लादेश पाकिस्तान श्रीलंका म्यांमार अफगानिस्तान भूटान नेपाल चीन पड़ोसी देशों से कुल आप्रवास |
2747062 918982 198193 59282 6476 7964 810158 18114 4766231 |
57.63 19.28 4.15 1.24 13 16 16.99 0.38 100 |
207.46 69.40 14.94 4.46 0.46 0.57 61.16 1.36 360 |
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प्रश्न 3.
मेघालय में स्त्री विवाह प्रवास कानून क्यों भिन्न है?
उत्तर:
भारत के अधिकांश राज्यों में स्त्रियों को विवाहोपरान्त अपने पति के घर जाना पड़ता है लेकिन मेघालय भारत का एकमात्र राज्य है जहाँ विवाहोपरान्त पति को अपनी पत्नी के घर आकर रहना होता है। इस राज्य में निवासित खासी, गारो व जयन्तिया जनजातियों की सामाजिक परम्पराओं में अपने स्वयं के नियम चलते हैं। इन जनजातियों में महिला प्रधान परिवार मिलते हैं तथा पारिवारिक सम्पत्ति के स्वामित्व का उत्तराधिकार माँ के बाद पुत्री को प्राप्त होता है।
प्रश्न 4.
क्या आप प्रवास के कुछ सकारात्मक और नकारात्मक परिणामों का नाम बता सकते हैं?
उत्तर:
प्रवास के सकारात्मक परिणाम:
प्रवास के नकारात्मक परिणाम:
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में पुरुष प्रवास का मुख्य कारण है?
(क) शिक्षा
(ख) व्यवसाय
(ग) काम और रोजगार
(घ) विवाह।
उत्तर:
(ग) काम और रोजगार
(ii) निम्नलिखित में से किस राज्य में सर्वाधिक संख्या में आप्रवासी आते हैं?
(क) उत्तर प्रदेश
(ख) दिल्ली
(ग) महाराष्ट्र
(घ) बिहार।
उत्तर:
(ग) महाराष्ट्र
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में महिला प्रवास का प्रमुख कारण है?
(क) शिक्षा
(ख) व्यवसाय
(ग) काम और रोजगार
(घ) विवाह।
उत्तर:
(घ) विवाह।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
(i) जीवनपर्यन्त प्रवासी और पिछले निवास के अनुसार प्रवासी में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय जनगणना के अनुसार यदि जनगणना के समय किसी व्यक्ति का जन्मस्थान गणना स्थल से भिन्न है तो उसे जीवनपर्यन्त प्रवासी कहा जाता है। जबकि किसी व्यक्ति के निवास का स्थान जनगणना के समय पिछले निवास-स्थान से भिन्न होता है तो उसे पिछले निवास के अनुसार प्रवासी कहा जाता है।
(ii) पुरुष / स्त्री चयनात्मक प्रवास के मुख्य कारण की पहचान कीजिए।
उत्तर:
पुरुष चयनात्मक प्रवास मुख्य रूप से आर्थिक कारणों जैसे काम व रोजगार की तलाश के कारण होता है, जबकि स्त्री चयनात्मक प्रवास का मुख्य कारण विवाह है जिसकी वजह से उन्हें दूसरे स्थान पर जाकर निवास करना पड़ता है।
(iii) उद्गम और गंतव्य स्थान की आयु एवं लिंग संरचना पर ग्रामीण-नगरीय प्रवास का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
ग्रामीण-नगरीय प्रवास से उद्गम स्थान पर प्रौढ़ आयु वर्ग (15 से 59 वर्ष) का प्रतिशत घट जाता है तथा लिंगानुपात बढ़ जाता है जबकि गंतव्य स्थान पर लिंगानुपात घट जाता है लेकिन प्रौढ़ आयु वर्ग का प्रतिशत बढ़ जाता है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।
(i) भारत में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास के कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
एक देश से दूसरे देश में होने वाला प्रवास अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास कहलाता है। भारत में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास के महत्त्वपूर्ण कारण निम्नवत् हैं।
(i) आर्थिक कारण-भारतीय क्षेत्र में व्याप्त बेरोजगारी, गरीबी एवं उच्चस्तरीय शिक्षा संस्थानों के अभाव के कारण भारतीयों द्वारा उत्प्रवासन किया जाता है जबकि पड़ोसी राष्ट्रों यथा (बांग्लादेश, तिब्बत, भूटान) दि के निवासी अपनी व्यापारिक गतिविधियों को सम्पन्न करने एवं रोजगार प्राप्ति हेतु भारत में आप्रवासन करते हैं।
(ii) राजनैतिक कारण-भारत में लचीली राजनैतिक व्यवस्था के चलते लाखों लोग प्रतिवर्ष पड़ोसी देशों से अवैध रूप से भारत में घुसपैठ कर रहने लग जाते हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या बांग्लादेश, भूटान तथा नेपाल देशों से आने वाले प्रवासियों की है। जबकि प्रसार सम्बन्धी सुविधाओं के कारण आस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैण्ड की ओर जाते हैं।
(iii) धार्मिक व सामाजिक कारण-भारत से लाखों व्यक्ति प्रमुख रूप से मुस्लिम समुदाय के लोग खाड़ी क्षेत्र के इस्लामिक देशों में उत्प्रवास कर जाते हैं जहाँ उन्हें धार्मिक व सामाजिक कारणों से पूर्ण सुरक्षा की अनुभूति होती है।
(iv) अन्य कारण-वर्तमान समय में तकनीकी तथा उच्च शिक्षा प्राप्त लाखों व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका, खाड़ी देशों तथा यूरोपियन देशों की ओर उत्प्रवास करते हैं। वस्तुतः विश्व की सर्वाधिक गत्यात्मक औद्योगिक अर्थव्यवस्थाएँ भारत जैसे गरीब राष्ट्रों से उच्च प्रशिक्षित व्यावसायिकों को रोजगार के उत्तम अवसर प्रदान कर रही हैं।
(ii) प्रवास के सामाजिक व जनांकिकीय परिणाम क्या - क्या हैं?
उत्तर:
प्रवास के सामाजिक व जनांकिकीय परिणाम निम्नलिखित हैं।
1. प्रवास के सामाजिक परिणाम प्रवास से नवीन तकनीक, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा आदि से जुड़े नवीन विचारों का प्रसार नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर आसानी से होता है। प्रवास से विविध संस्कृतियों के लोगों का अन्तर्मिश्रण होता है। इससे एक ओर मिश्रित संस्कृति का जन्म होता है, वहीं दूसरी ओर निम्न आर्थिक स्तर के कुछ लोग हीनता-ग्रसित होकर अपराध तथा नशीले पदार्थों का सेवन जैसे असामाजिक कार्यों में संलिप्त हो जाते हैं।
2. प्रवास के जनांकिकीय परिणाम-ग्रामीण नगरीय प्रवास नगरों में जनसंख्या की वृद्धि में योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण कारकों में से एक है। ग्रामीण क्षेत्रों से होने वाले प्रवास में युवा आयुवर्ग की प्रमुखता रहती है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लिंगानुपात बढ़ जाता है तथा नगरीय क्षेत्र में लिंगानुपात घट जाता है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की जनंसख्या में युवा आयुवर्ग का प्रतिशत घट जाता है। जबकि नगरीय क्षेत्रों में युवा वर्ग का प्रतिशत बढ़ जाता है। उत्तराखण्ड, राजस्थान, मध्यप्रदेश व पूर्वी महाराष्ट्र में होने वाले बाह्य प्रवास ने इन राज्यों की आयु व लिंग संरचना में बहुत अधिक असन्तुलन उत्पन्न कर दिया है।