Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 1 जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन Textbook Exercise Questions and Answers.
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क्रियाकलाप सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर:
(पृष्ठ सं. 1)
प्रश्न 1.
भारत के विचार से आपको क्या अनुभूति होती है? क्या यह केवल एक क्षेत्र है? क्या यह लोगों के सम्मिश्रण को प्रकट करता है? क्या यह शासन की निश्चित संस्थाओं के नियंत्रण में रह रहे लोगों से बसा हुआ एक क्षेत्र है?
उत्तर:
भारत के विचार से हमें यह अनुभूति होती है कि इस देश में मिलने वाली भारतीय संस्कृति ने इस देश को एक बहुआयामी तथा विशिष्ट स्वरूप प्रदान किया है। भारत केवल एक क्षेत्र नहीं वरन् यह विशिष्ट संस्कृति रखने वाला एक राष्ट्र है। इस राष्ट्र के विभिन्न भागों में हिन्दू, मुस्लिम, बौद्ध, सिक्ख तथा जैन धर्मों के लोग मिलजुल कर एक साथ जीवन-यापन करते हैं। अतः यह विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के सर्वधर्म-समभाव को प्रकट करता है।
जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन (229) 26 जनवरी 1950 को भारत में लोकतन्त्रीय गणराज्य की स्थापना के साथ देश में नवीन संविधान लागू हुआ तथा भारत को राज्यों का संघ माना गया। वर्तमान में भारत में 28 राज्य तथा 9 केन्द्र शासित प्रदेश हैं जिन पर केन्द्र तथा राज्य सरकारों की शासन व्यवस्था का नियन्त्रण रहता है।
प्रश्न 2.
भारत की प्रथम जनगणना किस वर्ष सम्पन्न हुई?
उत्तर:
भारत की प्रथम जनगणना सन् 1872 में हुई लेकिन भारत की प्रथम सम्पूर्ण जनगणना सन् 1881 में हुई थी।
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प्रश्न 3.
परिशिष्ट 1(क) में दिए गए आँकड़ों को देखते हुए भारत के राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को उनके आकार और जनसंख्या की दृष्टि से व्यवस्थित कीजिए और पता लगाइए : विशाल आकार और विशाल जनसंख्या वाले राज्य और केंद्र-शासित प्रदेश, विशाल आकार किंतु लघु जनसंख्या वाले राज्य और केंद्र-शासित प्रदेश, अपेक्षाकृत लघु आकार और विशाल जनसंख्या वाले राज्य और केंद्र - शासित प्रदेश।
उत्तर:
भारत के राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों का आकार (क्षेत्रफल) के अनुसार अवरोही क्रम
राज्य (क्षेत्रफल हजार वर्ग किमी. में):
केन्द्र शासित प्रदेश (क्षेत्रफल हजार वर्ग किमी. में):
नोट - जम्मू - कश्मीर राज्य को केन्द्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने से क्षेत्रफल में परिवर्तन आया है।
भारत के राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों का जनसंख्या के आकार के अनुसार
राज्य |
जनसंख्या (दस लाख में) |
राज्य |
जनसंख्या (दस लाख में) |
1. उत्तर प्रदेश |
199.58 |
15. पंजाब |
27.70 |
2. महाराष्ट्र |
112.37 |
16. छत्तीसगढ़ |
25.54 |
3. बिहार |
103.80 |
17. हरियाणा |
25.35 |
4. पश्चिम बंगाल |
91.34 |
18. जम्मू-कश्मीर |
12.54 |
5. आन्ध्र प्रदेश |
84,56 |
19. उत्तराखण्ड |
10.11 |
6. मध्य प्रदेश |
72.58 |
20. हिमाचल प्रदेश |
6.85 |
7. तमिलनाडु |
71.13 |
21. त्रिपुरा |
3.67 |
8. राजस्थान |
68.19 |
22. मेघालय |
2.96 |
9. कर्नाटक |
61.13 |
23. मणिपुर |
2.72 |
10. गुजरात |
60.36 |
24. नागालैण्ड |
1.98 |
11. उड़ीसा |
41.94 |
25. गोआ |
1.45 |
12. केरल |
33.38 |
26. अरुणाचल प्रदेश |
1.38 |
13. झारखण्ड |
32.96 |
27. मिजोरम |
1.09 |
14. असम |
31.16 |
28. सिक्किम |
0.60 |
केन्द्र शासित प्रदेश (जनसंख्या हजार में)-दिल्ली (16753.2), पांडिचेरी (1244.4), चण्डीगढ़ (1054.6), अण्डमान व निकोबार द्वीप समूह (379.9), दादरा और नगर हवेली (342.8), दमन व दीव (242.9) तथा लक्षद्वीप (64.4)।
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प्रश्न 4.
परिशिष्ट 1 (ख) में दिए गए आँकड़ों की सहायता से भारत के राज्यों और केंद्र - शासित प्रदेशों के कायिक और कृषीय घनत्वों का परिकलन कीजिए। इनकी तुलना जनसंख्या घनत्व से कीजिए और देखिए कि ये भिन्न कैसे हैं?
उत्तर:
राअच |
कायिक घनत्व (प्रति वर्ग किमी) |
कृषीय घनत्व (प्रति वर्ग किमी) |
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किमी. 2011) |
1. पश्चिम बंगाल |
14,687 |
2,384 |
1029 |
2. बिहार (झारखण्ड सहित) |
15,129 |
3,063 |
1102 |
3. केरल |
14,228 |
1,048 |
859 |
4. उत्तर प्रदेश (उत्तराखण्ड सहित) |
10,127 |
2,168 |
828 |
5. पंजाब |
5,780 |
844 |
550 |
6. तमिलनाडु |
10,575 |
2,331 |
555 |
7. हरियाणा |
6,019 |
1,223 |
573 |
8. गोआ |
9,766 |
625 |
394 |
9. असम |
9,851 |
1,846 |
397 |
10. महाराष्ट्र |
5,376 |
1,256 |
365 |
11. त्रिपुरा |
11,549 |
2,128 |
350 |
12. आन्थ्र प्रदेश |
7,355 |
2,093 |
308 |
13. कर्नाटक |
4,898 |
1,215 |
322 |
14. गुजरात |
5,396 |
1,168 |
308 |
15. ओडिशा |
5,839 |
1,467 |
269 |
16. मध्य प्रदेश (छत्तीसगढ़ सहित) |
3,103 |
1,309 |
236 |
17. राजस्थान |
16,385 |
3,524 |
122 |
18. नागालैण्ड |
11,536 |
3,178 |
132 |
19. हिमाचल प्रदेश |
13,782 |
2,497 |
132 |
20. मणिपुर |
14,756 |
1988 |
122 |
21. मेघालय |
16,385 |
3,524 |
132 |
22. जम्मू-कश्मीर |
11,536 |
3,178 |
124 |
23. सिक्किम |
13,782 |
2,497 |
86 |
24. मिजोरम |
5,693 |
1,561 |
52 |
25. अरुणाचल प्रदेश |
13,670 |
4,356 |
17 |
उक्त तालिका में दिये गये राज्यस्तरीय कायिक घनत्व, कृषीय घनत्व तथा जनसंख्या घनत्व के आँकड़ों से स्पष्ट है कि उच्च जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों में तो कायिक घनत्व तथा कृषीय घनत्व उच्च मिलता ही है साथ ही भारत के न्यून जनसंख्या घनत्व रखने वाले राज्यों में भी कायिक घनत्व तथा कृषीय घनत्व उच्च है जो यह प्रदर्शित करता है कि भारत के अधिकांश राज्यों में निवल बोये गये क्षेत्र पर कुल जनसंख्या के साथ-साथ कृषि जनसंख्या का अत्यधिक दबाव है।
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प्रश्न 1.
परिशिष्ट क तथा क
(i) में दिए गए आंकड़ों के आधार पर वर्ष 1991 - 2001 तथा 2001 - 2011 में सभी राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर की तुलना करें।
उत्तर:
राअच |
दशकीय जनसंख्या वृद्धि (2001 - 2011) |
दशकीय जनसंख्या वृद्धि (1991 - 2001) |
1. आन्थ्र प्रदेश |
14,687 |
2,384 |
2. अरुणाचल प्रदेश |
15,129 |
3,063 |
3. असम |
14,228 |
1,048 |
4. बिहार |
10,127 |
2,168 |
5. छत्तीसगढ़ |
5,780 |
844 |
6. गोवा |
10,575 |
2,331 |
7. गुजरात |
6,019 |
1,223 |
8. हरियाणा |
9,766 |
625 |
9. हिमाचल प्रदेश |
9,851 |
1,846 |
10. जम्मू-कश्मीर |
5,376 |
1,256 |
11. झारखंड |
11,549 |
2,128 |
12. कर्नाटक |
7,355 |
2,093 |
13: केरल |
4,898 |
1,215 |
14. मध्यप्रदेश |
5,396 |
1,168 |
15. महाराष्ट्र |
5,839 |
1,467 |
16. मणिपुर |
3,103 |
1,309 |
17. मेघालय |
16,385 |
3,524 |
18. मिजोरम |
11,536 |
3,178 |
19. नागालैण्ड |
13,782 |
2,497 |
20. ओडिशा |
14,756 |
1988 |
21. पंजाब |
16,385 |
3,524 |
22. राजस्थान |
11,536 |
3,178 |
23. सिक्किम |
13,782 |
2,497 |
24. तमिलनाडु |
5,693 |
1,561 |
25. त्रिपुरा |
13,670 |
4,356 |
दोनों दशकों 1991 - 2001 व 2001 - 2011 की तुलना से स्पष्ट है कि भारत के अधिकांश राज्यों में दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर कम हुयी है। जिसमें सर्वाधिक कमी नागालैण्ड राज्य में हुयी है। जबकि छत्तीसगढ़, तमिलनाडु व पांडिचेरी में दशकीय वृद्धि दर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है।
प्रश्न 5.
एक ओर उत्तरी-पूर्वी राज्यों और दूसरी ओर कुछ केन्द्र शासित प्रदेशों (पुडुच्चेरी, लक्षद्वीप तथा अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह को छोड़कर) में अति उच्च जनसंख्या वृद्धि दरें क्यों पाई जाती हैं ?
उत्तर:
सन् 2001 - 2011 के दौरान भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों विशेष रूप से नागालैण्ड, मेघालय, मिजोरम तथा मणिपुर में जनसंख्या की दशकीय प्रतिशत वृद्धि दरें क्रमशः - 0.47, 27.82, 22.78 तथा 18.65 रहीं। इन राज्यों में उच्च जनसंख्या वृद्धि दरों में प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि के अलावा बांग्लादेश से लाखों व्यक्तियों के उक्त राज्यों में अवैध घुसपैठ का सर्वाधिक योगदान रहा। दूसरी ओर दमन और दीव (53.54%), दादरा-नगर हवेली (55.50%), दिल्ली (20.96%) तथा चण्डीगढ़ (17.10%), आदि केन्द्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या की अति उच्च वृद्धि दरों में इन प्रदेशों में वृहद स्तर पर होने वाले अन्तर्राज्यीय आप्रवास का योगदान सर्वाधिक रहा।
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प्रश्न 6.
परिशिष्ट 1 घ में दिए गए आँकड़ों का प्रयोग करते हुए भारत के राज्यों की ग्रामीण जनसंख्या के प्रतिशतों का परिकलन कीजिए और उन्हें मानचित्र कलात्मक विधि द्वारा भारत के मानचित्र पर प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
तालिका: भारत में राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों की कुल ग्रामीण
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की कुल जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत |
सम्मिलित राज्य तथा केन्द्रशासित प्रदेश |
1. 80 प्रतिशत से अधिक |
हिमाचल प्रदेश (89.6%), बिहार (88.7%), सिक्किम (75.03%), असम (85.92%), ओडिशा (83.32%), त्रिपुरा (73.82%), नागालैंड (71.03) तथा मेघालय (79.92%)। |
2. 60 से 80 प्रतिशत |
छत्तीसगढ़ (76.76%), उत्तर प्रदेश (77.72%), अरुणाचल प्रदेश (77.33%), झारखण्ड (75.95%), राजस्थान (75.11%), जम्मू-कश्मीर (72.79%), उत्तराखण्ड (69.45%),मध्य प्रदेश (72.37%), मणिपुर (69.79%), आन्ध्र प्रदेश (66.51%), पश्चिम बंगाल (68.51%), हरियाणा (65.21%), अण्डमान व निकोबार द्वीप समूह (64.33%), पंजाब (62.51%), कर्नाटक (61.43%)। |
3. 60 प्रतिशत से कम |
महाराष्ट्र (54.77%), तमिलनाडु (51.55%), लक्षद्वीप (21.92%), मिजोरम (48.49%), गोआ (37.87%), पुडुच्चेरी (31.69%), चण्डीगढ़ (2.75%), दिल्ली (3.5%), केरल (52.28%), दादरा व नगर हवेली (53.38%), दमन व दीव (24.84%) तथा गुजरात (57.42%)। |
(पृष्ठ सं. 9)
प्रश्न 7.
परिशिष्ट 1 (घ) के आंकड़ों को देखिए तथा नगरीय जनसंख्या के अत्यंत उच्च और अत्यंत निम्न अनुपात वाले राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों की पहचान कीजिए।
उत्तर:
नगरीय जनसंख्या का अति उच्च अनुपात रखने वाले भारत के प्रमुख राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश, सन् 2011
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश |
कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत |
1. हिमाचल प्रदेश |
10.04 |
2. बिहार |
11.30 |
3. असम |
14.08 |
4. ओडिशा |
16.68 |
5. मेघालय |
20.08 |
6. उत्तर प्रदेश |
22.28 |
7. अरुणाचल प्रदेश |
22.67 |
8. राजस्थान |
24.89 |
9. सिक्किम |
24.97 |
10. त्रिपुरा |
26.18 |
11. नागालैण्ड |
28.97 |
(पृष्ठ सं. 10)
प्रश्न 8.
तालिका (1 - 2) को देखिए और प्रत्येक भाषाई वर्ग का अंश दिखाते हुए भारत के भाषाई संघटन का एक वृत्तारेख तैयार कीजिए।
उत्तर:
तालिका - भारत का भाषाई संघटन
भाषा परिवार |
कुल जनसंख्या का प्रतिशत |
कोणीय अंश |
आस्ट्रिक |
1.38 |
5 ° |
द्रविड़ |
20.0 |
72 ° |
चीनी-तिब्यती |
0.85 |
3 ° |
भारतीय-यूरोपीय |
73.0 |
263 ° |
अन्य |
4.77 |
17 ° |
कुल |
100 |
360 ° |
(पृष्ठ सं. 10)
प्रश्न 9.
देश के विभिन्न भाषाई वर्गों के वितरण को दर्शाने वाला भारत का एक गुणात्मक प्रतीक मानचित्र बनाइए।
उत्तर:
भारत में मिलने वाले भाषाई वर्गों को अग्र मानचित्र की सहायता से दर्शाया गया है।
(पृष्ठ सं. 11)
प्रश्न 10.
श्रम की प्रतिभागिता दर क्या होती है ?
उत्तर:
कुल जनसंख्या में श्रमिकों (मुख्य व सीमान्त) की जनसंख्या का प्रतिशत श्रम की प्रतिभागिता दर कहलाती है।
(पृष्ठ सं. 12)
प्रश्न 11.
कुछ उन मुद्दों की पहचान करें जिनमें भारत पड़ोसी देशों से आगे है या फिर पीछे है।
उत्तर:
भारत लिंग सम्बन्धी विकास सूचकांक (GDI) की दृष्टि से विश्व के 177 देशों में 96 वाँ स्थान रखता है। दक्षिणी एशियाई देशों में लिंग सम्बन्धी विकास सूचकांक में श्रीलंका भारत से आगे (68 वाँ) स्थान रखता है जबकि शेष देश (नेपाल, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान) इस दृष्टि से भारत से पीछे हैं। महिलाओं की राजनीति में भागीदारी के संदर्भ में भारत का स्थान पाकिस्तान तथा बांग्लादेश से आगे है जबकि श्रीलंका से पीछे है। महिलाओं की औसत आयु के संदर्भ में जहाँ बांग्लादेश भारत से कुछ पीछे है वहीं श्रीलंका भारत से आगे है। युवा महिला साक्षरता दर की दृष्टि से भी भारत श्रीलंका से काफी पीछे है जबकि नेपाल तथा पाकिस्तान से आगे है। महिलाओं की अनुमानित अर्जित आय की दृष्टि से भारत जहाँ श्रीलंका तथा चीन से काफी पीछे है वहीं बांग्लादेश, पाकिस्तान तथा नेपाल से आगे है। S महिलाओं की आर्थिक क्रियाकलापों में भागीदारी की दृष्टि से भारत जहाँ श्रीलंका के लगभग समकक्ष है वहीं बांग्लादेश तथा नेपाल से पीछे है।
(पृष्ठ सं. 13)
प्रश्न 12.
एक भारत का व दूसरा अपने - अपने राज्य के लिए कृषि, घरेलू उद्योगों तथा अन्य सेक्टरों में पुरुष और स्त्रियों के अनुपात को दर्शाने वाला मिश्र दंड - आरेख तैयार कीजिए और तुलना कीजिए।
उत्तर:
मिश्र दण्ड आरेख से स्पष्ट है कि भारत के कुल श्रमिकों में कृषि तथा अन्य श्रमिकों की श्रेणी में कार्यरत श्रमिकों का प्रतिशत राजस्थान से कम है जबकि घरेलू श्रमिकों का प्रतिशत राजस्थान से अधिक है।
प्रश्न 1.
नीचे दिये चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए।
(i) सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या निम्नलिखित में से कौन-सी है?
(क)102.8 करोड़
(ख) 318.2 करोड़
(ग) 328.7 करोड़
(घ) 121 करोड़।
उत्तर:
(घ) 121 करोड़।
(ii) निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में जनसंख्या का घनत्व सर्वाधिक है?
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) केरल
(ग) उत्तर प्रदेश
(घ) पंजाब।
उत्तर:
(क) पश्चिम बंगाल
(iii) सन् 2011 की जनगणना के अनुसार निम्नलिखित में से किस राज्य में नगरीय जनसंख्या का अनुपात सर्वाधिक है?
(क) तमिलनाडु
(ख) महाराष्ट्र
(ग) केरल
(घ) गुजरात।
उत्तर:
उत्तर:
(क) तमिलनाडु
(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा एक समूह भारत में विशालतम भाषाई समूह है?
(क) चीनी-तिब्बती
(ख) भारतीय-आर्य
(ग) आस्ट्रिक
(घ) द्रविड़।
उत्तर:
(ख) भारतीय-आर्य
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
(i) भारत के अत्यन्त उष्ण एवं शुष्क तथा अत्यन्त शीत व आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व निम्न है। इस कथन के दृष्टिकोण से जनसंख्या के वितरण में जलवायु की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी भी क्षेत्र में मिलने वाली अत्यन्त उष्ण एवं शुष्क जलवायु तथा अत्यन्त शीत व आर्द्र जलवायु मानवीय निवास के लिये उपयुक्त नहीं होती इसी कारण भारत के उक्त जलवायु वाले क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व निम्न मिलता है। वस्तुतः भारत में जनसंख्या के वितरण पर जलवायु का पूर्ण नियन्त्रण देखा जाता है।
(ii) भारत के किन राज्यों में विशाल ग्रामीण जनसंख्या है ? इतनी विशाल ग्रामीण जनसंख्या के लिए उत्तरदायी एक कारण को लिखिए।
उत्तर:
हिमाचल प्रदेश, बिहार, सिक्किम, असम, ओडिशा एवं त्रिपुरा आदि विशाल ग्रामीण जनसंख्या वाले राज्य हैं। इन राज्यों में विशाल ग्रामीण जनसंख्या मिलने का मुख्य कारण यहाँ समतल उपजाऊ भागों व पहाड़ी भागों के कारण एक बड़ी जनसंख्या का कृषि एवं उससे सम्बन्धित क्रियाकलापों पर अधिक निर्भरता का होना है।
(iii) भारत के कुछ राज्यों में अन्य राज्यों की अपेक्षा श्रम सहभागिता दर ऊँची क्यों है?
उत्तर:
भारत जैसे विकासशील देश के संदर्भ में यह माना जाता है कि आर्थिक विकास के निम्न स्तरों वाले राज्यों में श्रम की सहभागिता दर ऊँची है क्योंकि इन राज्यों में निर्वाह अथवा लगभग निर्वाह की आर्थिक क्रियाओं को पूरा करने के लिए अधिक श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है।
(iv) "कृषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश संलग्न है।" स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत की जनसंख्या का व्यावसायिक संघटन यह प्रदर्शित करता है कि सन् 2011 में भारत में कार्यरत कुल श्रमिकों की संख्या का 54.6 प्रतिशत भाग कृषि सेक्टर में संलग्न था जो अन्य व्यावसायिक संवर्ग (घरेलू उद्योग तथा अन्य श्रमिक) की तुलना में अधिक था। इसका मुख्य कारण यह था कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की श्रमिक जनसंख्या का एक बड़ा भाग अपनी आजीविका के लिये कृषि कार्य पर निर्भर है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।
(i) भारत में जनसंख्या घनत्व के स्थानिक वितरण की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या के वितरण को उसके घनत्व द्वारा अधिक सुचारु ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। जनसंख्या के घनत्व को प्रति इकाई क्षेत्र में निवासित व्यक्तियों की संख्या द्वारा व्यक्त किया जाता है। भारत में जनसंख्या का घनत्व (2011) 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. था जो एशिया के सघनतम बसे देशों बांग्लादेश एवं जापान पश्चात् तृतीय स्थान पर था। इस प्रकार भूमि पर जनसंख्या का अत्यधिक दबाव देश की एक गम्भीर समस्या है। यह जान कर हमारी चिन्ता और भी अधिक बढ़ जाती है कि देश में जनसंख्या के घनत्व में निरन्तर वृद्धि हो रही है। सन् 1921 से 2011 के मध्य जनसंख्या के घनत्व में लगभग 4 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् सन् 1951 से 2001 के मध्य देश के घनत्व में विशेष रूप से वृद्धि दर्ज की गई है।
भारत में जनसंख्या घनत्व में स्थानिक भिन्नता देखने को मिलती है। भारत में जनसंख्या का घनत्व धरातल, मिट्टी की उर्वरता, वर्षा, उद्योग, खनन एवं शहरीकरण पर निर्भर करता है। राज्य स्तर पर जनसंख्या के घनत्व में बहुत अधिक भिन्नता पाई जाती है। अरुणाचल प्रदेश में जनसंख्या का घनत्व केवल 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है।
जबकि बिहार में 1102 व पश्चिम बंगाल में 1029 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. तक पाया गया है। केन्द्रशासित प्रदेशों में दिल्ली का घनत्व सबसे अधिक 11297 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है जबकि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में जनसंख्या घनत्व मात्र 46 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है। अधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्य गंगा और सतलज के उपजाऊ मैदान में स्थित हैं। बिहार के पश्चात् पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 1029 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. जनसंख्या घनत्व. पाया जाता है। उत्तर प्रदेश (829), पंजाब (550) एवं हरियाणा (573) अन्य अधिक घनत्व वाले राज्य हैं।
प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी राज्यों में केरल का घनत्व सबसे अधिक है। यहाँ पर 859 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में निवास करते हैं। अतः घनत्व की दृष्टि से केरल राज्य का स्थान पश्चिम बंगाल एवं बिहार के पश्चात् तीसरा है। प्रायद्वीपीय भारत में केरल के पश्चात तमिलनाडु (555) में उच्चतर घनत्व पाया जाता है।
पर्यावरण की विपरीत परिस्थितियों के कारण हिमालय पर्वतीय प्रदेश के राज्यों एवं असम को छोड़कर भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों में अपेक्षाकृत निम्न जन घनत्व देखने को मिलता है। राजस्थान में जनसंख्या का घनत्व 201 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है। मध्य भारत एवं प्रायद्वीपीय पठार के राज्यों में मध्यम जनसंख्या घनत्व पाया जाता है। इस वर्ग में मध्य प्रदेश (236), छत्तीसगढ़ (189), गुजरात (308), ओडिशा (269), कर्नाटक (319), आन्ध्र प्रदेश (308) एवं महाराष्ट्र (365) सम्मिलित हैं। अंडमान निकोबार द्वीप समूह को छोड़कर शेष केन्द्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या का उच्च घनत्व पाया जाता है।
(ii) भारत की जनसंख्या के व्यावसायिक संघटन का विवरण दीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या के व्यावसायिक संघटन का आशय किसी व्यक्ति के कृषि, विनिर्माण, व्यापार, सेवाओं अथवा किसी प्रकार की व्यावसायिक क्रियाओं में कार्यरत होने से होता है। सन् 2011 की जनगणना में भारत की श्रमजीवी जनसंख्या को चार प्रमुख संवर्गों में विभक्त किया गया था।
प्राथमिक सेक्टर में कृषक तथा श्रमिकों को सम्मिलित किया जाता है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार कुल श्रमिक जनसंख्या का 54.6 प्रतिशत भाग कृषक तथा कृषि मजदूरों के रूप में कार्यरत था। द्वितीयक तथा तृतीयक सेक्टर में घरेलू औद्योगिक श्रमिक तथा अन्य श्रमिकों को सम्मिलित किया जाता है। सन् 2011 में भारत की कुल श्रमजीवी जनसंख्या का केवल 3.8 प्रतिशत भाग घरेलू औद्योगिक श्रमिक के रूप में तथा 41.6 प्रतिशत अन्य श्रमिक के रूप में गैर घरेलू उद्योगों, व्यापार, वाणिज्य, विनिर्माण, मरम्मत एवं अन्य सेवाओं में कार्यरत लोगों के रूप में था। स्पष्ट है कि भारत की कुल श्रमजीवी जनसंख्या में द्वितीयक और तृतीयक सेक्टरों की तुलना में प्राथमिक सेक्टर में कार्यरत श्रमिकों का प्रतिशत उच्च मिलता है।
इस संदर्भ में यह उल्लेखनीय है कि भारत के उक्त तीनों सेक्टरों में महिला श्रमिकों की तुलना में पुरुष श्रमिकों की संख्या अधिक है। महिला श्रमिकों की संख्या प्राथमिक सेक्टर में अपेक्षाकृत अधिक है। यद्यपि पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं की द्वितीयक एवं तृतीयक सेक्टरों की सहभागिता में सुधार हुआ है। देश के विभिन्न सेक्टरों में श्रम सहभागिता दर की स्थानिक भिन्नता देखने को मिलती है।
उदाहरण के तौर पर हिमाचल प्रदेश तथा नागालैंड जैसे राज्यों में कृषकों की संख्या बहुत अधिक देखने को मिलती है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़, आन्ध्रप्रदेश, ओडिशा, झारखण्ड, बंगाल व मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कृषक मजदूरों की संख्या अधिक है। दिल्ली, चंडीगढ़ व पुडुच्चेरी जैसे अत्यधिक नगरीकृत क्षेत्रों में श्रमिकों का एक बड़ा अनुपात अन्य सेवाओं में लगा हुआ है।